Thursday, February 4, 2021

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज को लेकर सचिन की भविष्यवाणी, जानिए किस पर जताया भरोसा February 04, 2021 at 05:37AM

मनीष कुमार, नई दिल्लीदुनिया के महान बल्लेबाजों में शुमार ने इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज को लेकर भविष्यवाणी की है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारत अपनी मेजबानी में 4 मैचों की इस टेस्ट सीरीज में विजयी होगा। महज 17 साल की उम्र में दिग्गज सचिन तेंडुलकर () ने इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा था। साल 1990 में उन्होंने मैनचेस्टर में नाबाद 119 रन की पारी खेली थी और जिससे भारत ने मैच ड्रॉ कराया। पढ़ें, 47 वर्षीय सचिन ने गुरुवार को टाइम्स ऑफ इंडिया डॉट कॉम से खास बातचीत में कहा, 'मुझे लगता है कि दोनों टीमें अपनी पिछली सीरीज जीतने के बाद आई हैं, इसलिए यह आत्मविश्वास से भरी दो टीमों के बीच मुकाबला होने जा रहा है।' उन्होंने आगे कहा, '... लेकिन अगर आप कॉम्बिनेशन को देखें, तो मेरा मानना है कि भारत का कॉम्बिनेशन इंग्लैंड के मुकाबले कहीं ज्यादा मजबूत है। यह एक करीबी भिड़ंत होगी लेकिन मेरा मानना है कि भारत इसमें विजयी होगा।' सचिन भारत-इंग्लैंड टेस्ट रेकॉर्ड में 2535 रन बनाकर अब भी टॉप स्कोरर हैं। उन्होंने अपने 51 टेस्ट शतकों में से 7 इंग्लैंड के खिलाफ जड़े हैं जिसमें 193 उनका सर्वोच्च स्कोर है। 'गॉड ऑफ क्रिकेट' से मशहूर इस पूर्व बल्लेबाज ने की भी तारीफ की जिनकी कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर हराया और सीरीज 2-1 से अपने नाम की। उन्होंने कहा, 'यह एक कमाल की जीत थी। पिछली बार जब हमने रहाणे की कप्तानी के बारे में बात की थी (मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले), उस समय किसी को नहीं पता था कि बाकी तीन मैचों में इतने खिलाड़ी चोटिल हो जाएंगे। इसके बावजूद, भारतीय टीम को जितनी चुनौतियां मिलीं, उनका डटकर सामना किया और विजेता बनी। यह सचमुच अविश्वसनीय था।' उन्होंने कहा, 'यह मेलबर्न टेस्ट मैच ही था, जहां से सब कुछ शुरू हुआ। मैं 36 रन पर ऑल आउट (एडिलेड में) होने के बाद तीन टेस्ट मैचों की बात कर रहा हूं, जब लोग यह कहने लगे थे कि क्या टीम उसके बाद भी कुछ कर पाएगी, फिर हमने सिडनी में मैच ड्रॉ कराया। ब्रिसबेन में कमाल दिखाया, जहां एक बड़े लक्ष्य का पीछा कर रहे थे।' सचिन ने कहा, 'मैंने इस जीत को महसूस किया। हमारे कई खिलाड़ी चोटिल थे, वहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों को कोई चोट नहीं आई, इसने जीत को और भी खास बना दिया। आप देखिए कि 15-16 सदस्यीय दल दौरा करता है, जिसमें से करीब 11 नाम ऐसे थे जो चोट और अन्य कारणों से चौथे टेस्ट मैच से बाहर थे। इसलिए विजेता बनना एक बेहद शानदार उपलब्धि थी।'

No comments:

Post a Comment