Saturday, July 24, 2021

Tokyo Olympic: ऐसा है रविवार का शेड्यूल, एक्शन में होंगी मेरी कॉम, सिंधु और सानिया July 24, 2021 at 08:00AM

तोक्यो वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने ओलिंपिक खेलों के दूसरे दिन सिल्वर मेडल जीतकर देशवासियों को खुश होने का एक बहाना दे दिया। कोरोना के साए में जारी ओलिंपिक के तीसरे दिन (रविवार, 25 जुलाई) अब भारतीय एथलीट भी इस अच्छी शुरुआत को बरकरार रखना चाहेंगे। रविवार को कई बड़े महारथी मैदान पर पसीना बहाते नजर आएंगे। सारे खेलों की डिटेल भारतीय समयानुसार बैडमिंटन: सुबह 7:10 बजे- महिला एकल ग्रुप मैच में पीवी सिंधु बनाम केसेनिया पोलिकारपोवा (इस्राइल) मुक्केबाजी: दोपहर 01:30 बजे - 51 किग्रा के शुरूआती राउंड 32 मुकाबले में एम सी मैरीकॉम बनाम हर्नांडिज गार्सिया (डोमिनिका गणराज्य) दोपहर 03:06 बजे : 63 किग्रा के शुरूआती राउंड 32 मुकाबले में मनीष कौशिक बनाम ल्यूक मैकोरमैक (ब्रिटेन) हॉकी: दोपहर 03:00 बजे - पुरुषों के पूल ए मैच में भारत बनाम आस्ट्रेलिया सेलिंग: सुबह 08:35 बजे:- महिला वन पर्सन डिंघी - लेजर रेडियल (पहली रेस, दूसरी रेस) नेत्रा कुमानन सुबह 11:05 बजे: पुरूषों की वन पर्सन डिंघी - लेजर (पहली रेस, दूसरी रेस) भारत के विष्णु सरवनन नौकायन: सुबह 6 बजकर 40 मिनट : लाइटवेट पुरूष डबल स्कल्स रेपेशाज (भारत) निशानेबाजी: सुबह 05:30 बजे : महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफल क्वालीफिकेशन में यशस्विनी सिंह देसवाल और मनु भाकर स्कीट पुरूष क्वालीफिकेशन: सुबह 06:30 बजे - पहला दिन (मैराज अहमद खान और अंगद वीर सिंह बाजवा) सुबह 09:30 बजे: पुरुषों के 10 मीटर एयर राइफल क्वालिफिकेशन में दीपक कुमार और दिव्यांश सिंह पंवार। टेबल टेनिस: सुबह 10:30 बजे : पुरूष एकल दूसरा दौर : जी साथियान बनाम लाम सियु हांग (हांगकांग) दोपहर 12:00 बजे: महिला एकल दूसरा दौर : मनिका बत्रा बनाम मारग्रेटा पेसोत्सका (यूक्रेन) टेनिस: सुबह 7:30 बजे से शुरू, महिला युगल के पहले दौर के मैच में सानिया मिर्जा और अंकिता रैना बनाम लिडमयला और नादिया किचनोक (यूक्रेन) तैराकी: दोपहर तीन बजकर 32 मिनट : महिलाओं की 100 मीटर बैकस्ट्रोक: पहली हीट- माना पटेल, दोपहर चार बजकर 26 मिनट: पुरूषों की 100 मीटर बैकस्ट्रोक: तीसरी हीट - श्रीहरि नटराज

क्वारंटीन नियमों पर भड़के रवि शास्त्री, बोले- वैक्सीनेशन पर भरोसा करना चाहिए July 24, 2021 at 06:18AM

डरहम भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क के आने वाले किसी भी व्यक्ति को 10 दिन के लए अलग-थलग करने के नियम पर शनिवार को निराशा जताई क्योंकि भारत के गेंदबाजी कोच भरत अरुण को टीकाकरण पूरा होने के बावजूद अलग-थलग होना पड़ा। ब्रिटेन के स्वास्थ्य नियमों के अनुसार अरुण के अलावा सीनियर विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा और स्टैंड बाई सलामी बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन को 10 दिन तक अलग-थलग रहना होगा क्योंकि वे थ्रोडाउन विशेषज्ञ सह मालिशिये दयानंद गरानी के संपर्क में आए थे। इन तीनों ने डेढ़ हफ्ते का अनिवार्य क्वारंटीन पूरा करने के बाद शनिवार को टीम के जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में वापसी की। आरटी-पीसीआर परीक्षण में नेगेटिव पाए जाने के बावजूद इन तीनों को अलग-थलग होना पड़ा। शास्त्री ने अपने करीबी मित्र और गेंदबाजी कोच अरुण के साथ सेल्फी पोस्ट करते हुए लिखा, ‘मेरा दाहिना हाथ वापस आ चुका है। नेगेटिव पाए जाने के बावजूद अलग-थलग 10 दिन बिताने के बाद और अधिक फिट और मजबूत लग रहा है। ये अलग-थलग करने के नियम काफी हताश करने वाले हैं। टीकाकरण के दौरान लगे दो टीकों पर भरोसा किया जाना चाहिए।’ साहा इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते हुए इस वायरस से संक्रमित होने के बाद मई में कोविड से उबरे थे। आईपीएल को जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में कोरोना वायरस के कई मामले आने के बाद स्थगित किया गया था।

रवि शास्त्री के 'राइट हेंड' की टीम में वापसी, कोच ने यूं किया अपने दोस्त का वेलकम July 24, 2021 at 07:14AM

लंदनभारतीय टीम के हेड कोच रवि शास्त्री ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें वह बोलिंग कोच भरत अरुण के साथ दिखाई दे रहे हैं। शास्त्री ने अपने करीबी मित्र के साथ सेल्फी पोस्ट करते हुए लिखा, ‘मेरा दाहिना हाथ वापस आ चुका है। नेगेटिव पाए जाने के बावजूद अलग-थलग 10 दिन बिताने के बाद और अधिक फिट और मजबूत लग रहा है। ये अलग-थलग करने के नियम काफी हताश करने वाले हैं। टीकाकरण के दौरान लगे दो टीकों पर भरोसा किया जाना चाहिए।’ उल्लेखनीय हे कि पिछले दिनों विकेटकीपर ऋषभ पंत और थ्रोडाउन विशेषज्ञ दयानंद जरानी कोविड-19 जांच में पॉजिटिव आए थे और ये दोनों लंदन में क्वारंटीन थे। दयानंद जरानी के करीबी संपर्क में रहने वाले अभिमन्यु ईश्वरन, ऋद्धिमान साहा और गेंदबाजी कोच भरत अरुण भी क्वारंटीन थे। बता दें कि WTC फाइनल के बाद भारतीय टीम और सपोर्टिंग स्टाफ छुट्टियों पर था। उसके बाद उसने इलेवन के खिलाफ रोहित शर्मा की कप्तानी में प्रैक्टिस मैच खेला। इस मैच में विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे जैसे सीनियर खिलाड़ी नहीं खेले थे। इस दौरान 3 प्लेयर्स चोटिल होकर सीरीज से बाहर भी हो गए। उनमें शुभमन गिल, वॉशिंगटन सुंदर और आवेश खान शामिल हैं। भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज 4 अगस्त से होगा।

अब T-20 सीरीज जीतने के बाद ही प्रयोग, आखिरी वनडे में छह खिलाड़ी बदलकर हारा था भारत July 24, 2021 at 04:23AM

कोलंबोभारतीय कप्तान शिखर शवन ने कहा कि टीम प्रबंधन रविवार से यहां श्रीलंका के खिलाफ शुरू हो रही तीन मैचों की टी-20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के दौरान नए चेहरों को आजमाएगा, लेकिन तभी जब वे सर्वश्रेष्ठ अंतिम एकादश में फिट बैठेंगे। भारत ने अंतिम एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में पांच नए खिलाड़ियों को मौका दिया था और धवन ने शनिवार को संकेत दिया कि वह रुतुराज गायकवाड़, वरूण चक्रवर्ती और देवदत्त पडिक्कल जैसे नए खिलाड़ियों के साथ प्रयोग के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सीरीज जीतना उनकी प्राथमिकता है। धवन ने पहले मैच की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कहा, ‘निश्चित तौर पर नए खिलाड़ियों के पास खेलने का मौका होगा। हमें श्रृंखला जीतनी होगी। अंतिम एक दिवसीय मुकाबले में कुछ युवाओं को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाने का अच्छा मौका था क्योंकि हम पहले की श्रृंखला जीत चुके थे।’ बेस्ट प्लेइंग इलेवन उतारेंगे बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘अब यह नई श्रृंखला है इसलिए बेशक हम अपनी सर्वश्रेष्ठ एकादश उतारेंगे। हम पहले दो मैच जीतने का प्रयास करेंगे और इसके बाद स्थिति के अनुसार अगर जरूरत पड़ी तो हम अंतिम मैच में प्रयोग कर सकते हैं। एक टीम के रूप में हमने यहां शानदार माहौल तैयार किया है। एक टीम के रूप में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेताब हैं। सिर्फ युवा खिलाड़ी ही नहीं, सीनियर खिलाड़ी भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उत्सुक हैं।’ जीतने के बाद ही होंगे प्रयोग धवन ने कहा कि टीम में बदलाव स्थिति के अनुसार होंगे। उन्होंने कहा, ‘इस (टीम में बदलाव) पर फैसला स्थिति के अनुसार किया जाएगा। जैसा कि मैंने कहा, अगर हम पहले दो मैच जीत जाते हैं तो हमारे पास किसी भी संयोजन को खिलाने का विकल्प होगा। अन्यथा हमारा मुख्य लक्ष्य श्रृंखला जीतने के लिए सर्वश्रेष्ठ एकादश के साथ उतरना होगा।’ माना खुद की जगह भी खतरे में धवन को ये भी पता है कि टी-20 विश्व कप टीम में जगह को लेकर उनके प्रदर्शन पर भी नजर होगी। उन्होंने कहा, ‘इसलिए निजी तौर पर मैं यहां अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उत्सुक हूं और विश्व कप के लिए टीम में अपनी जगह मजबूत करना चाहता हूं। फिर देखते हैं कि भविष्य में क्या होता है। बेशक किसी भी अंतरराष्ट्रीय मैच का अपना प्रभाव होता है और अब भी आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करते हो तो इसका बड़ा असर पड़ता है।’’ साव-सूर्यकुमार को लेकर कोई जानकारी नहीं धवन ने कहा कि टीम की रणनीति पृथ्वी साव और सूर्यकुमार यादव दोनों को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाएगी क्योंकि उन्हें अब तक इन दोनों खिलाड़ियों के जाने को लेकर भारतीय क्रिकेट बोर्ड से कोई औपचारिक जानकारी नहीं मिली है।

आयरलैंड बनाम साउथ अफ्रीका तीसरा टी-20, यहां देखें मैच का स्कोरकार्ड July 24, 2021 at 07:21AM

कान की बालियों में मीराबाई का गुडलक: गहनें बेचकर मां ने बनवाई थी ओलिंपिक के छल्लों वाली इयरिंग्स July 24, 2021 at 06:25AM

नई दिल्ली मीराबाई चानू के ऐतिहासिक रजत पदक और उनकी मधुर मुस्कान के अलावा शनिवार को इस भारोत्तोलक के शानदार प्रदर्शन के दौरान उनके कानों में पहनी ओलिंपिक के छल्लों के आकार की बालियों ने भी ध्यान खींचा जो उनकी मां ने पांच साल पहले अपने जेवर बेचकर उन्हें तोहफे में दी थी। मीराबाई की मां को उम्मीद थी कि इससे उनका भाग्य चमकेगा। रियो 2016 खेलों में ऐसा नहीं हुआ, लेकिन मीराबाई ने शनिवार की सुबह तोक्यो खेलों में पदक जीत लिया और तब से उनकी मां सेखोम ओंग्बी तोम्बी लीमा के खुशी के आंसू रुक ही नहीं रहे हैं। लीमा ने मणिपुर में अपने घर में कहा, ‘मैंने बालियां टीवी पर देखी थी, मैंने ये उसे 2016 में रियो ओलिंपिक से पहले दी थी। मैंने मेरे पास पड़े सोने और अपनी बचत से इन्हें बनवाया था, जिससे कि उसका भाग्य चमके और उसे सफलता मिले।’ पिता की आंखों में खुशी के आंसूमीरा की मां ने कहा, ‘इन्हें देखकर मेरे आंसू निकल गए और जब उसने पदक जीता तब भी। उसके पिता (सेखोम कृति मेइतेई) की आंखों में भी आंसू थे। खुशी के आंसू। उसने अपनी कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की।’’ मीराबाई को तोक्यो में इतिहास रचते हुए देखने के लिए उनके घर में कई रिश्तेदार और मित्र भी मौजूद भी मौजूद थे। रियो की निराशा को भुलायामीराबाई ने महिला 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक के साथ ओलंपिक में भारोत्तोलन पदक के भारत के 21 साल के इंतजार को खत्म किया और तोक्यो खेलों में भारत के पदक का खाता भी खोला। छब्बीस साल की चानू ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा+115 किग्रा) वजन उठाकर 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली कर्णम मल्लेश्वरी से बेहतर प्रदर्शन किया। इसके साथ की मीराबाई ने 2016 रियो ओलिंपिक की निराशा को भी पीछे छोड़ दिया जब वह एक भी वैध प्रयास नहीं कर पाई थी। घर में दूर-दराज से आए थे लोगमीराबाई की तीन बहनें और दो भाई और हैं। उनकी मां ने कहा, ‘उसने हमें कहा था कि वह स्वर्ण पदक या कम से कम कोई पदक जरूर जीतेगी। इसलिए सभी ऐसा होने का इंतजार कर रहे थे। दूर रहने वाले हमारे कई रिश्तेदार कल शाम ही आ गए थे। वे रात को हमारे घर में ही रुके। कई आज सुबह आए और इलाके के लोग भी जुटे। इसलिए हमने बरामदे में लगा दिया और तोक्यो में मीराबाई को खेलते हुए देखने के लिए लगभग 50 लोग मौजूद थे। कई लोग आंगन के सामने भी बैठे थे। इसलिए यह त्योहार की तरह लग रहा था।’ वीडियो कॉल पर लिया था आशीर्वादलीमा ने कहा, ‘कई पत्रकार भी आए। हमने कभी इस तरह की चीज का अनुभव नहीं किया था।’ मीराबाई ने तोक्यो के भारोत्तोलन एरेना में अपनी स्पर्धा शुरू होने से पहले वीडियो कॉल पर बात की और अपने माता-पिता का आशीर्वाद लिया। मीराबाई की रिश्ते की बहन अरोशिनी ने कहा, ‘वह बहुत कम घर आती है (ट्रेनिंग के कारण) और इसलिए एक दूसरे से बात करने के लिए हमने वाट्सऐप पर ग्रुप बना रखा है। आज सुबह उसने हम सभी से वीडियो कॉल पर बात की और अपने माता-पिता से उसने आशीर्वाद लिया। उसने कहा कि देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने के लिए मुझे आशीर्वाद दीजिए। उन्होंने आशीर्वाद दिया। यह काफी भावुक लम्हा था।’ (एजेंसियों से इनपुट के साथ)

रियो ओलिंपिक में ही फैसला कर दिया था कि तोक्यो में खुद को साबित करना है: मीराबाई चानू July 24, 2021 at 03:48AM

तोक्योओलिंपिक में रजत पदक जीतकर भारतीय भारोत्तोलन में नया इतिहास रचने वाली मीराबाई चानू ने शनिवार को कहा कि वह अब अभ्यास की परवाह किए बिना अपने परिजनों के साथ छुट्टियां बिता सकती हैं क्योंकि पिछले पांच वर्षों में वह केवल पांच दिन के लिए मणिपुर स्थित अपने घर जा पायी। चानू ने कहा, ‘पिछले पांच वर्षों में मैं केवल पांच दिन के लिए घर जा पायी थी। अब मैं इस पदक के साथ घर जाऊंगी।’ उनका परिवार नोंगपोक काकचिंग गांव में रहता है जो इंफाल से लगभग 20 किमी दूर है। इस भारोत्तोलक ने कहा, ‘अब मैं घर जाऊंगी और मां के हाथ का बना खाना खाऊंगी।’ चानू ने खुलासा किया कि रियो ओलिंपिक खेलों में असफल रहने के बाद उन्होंने अपनी ट्रेनिंग और तकनीक पूरी तरह से बदल दी थी ताकि वह तोक्यो में अच्छा प्रदर्शन कर सके। चानू ने कहा, ‘ओलिंपिक पदक जीतने का मेरा सपना आज पूरा हो गया। मैंने रियो में काफी कोशिश की थी लेकिन तब मेरा दिन नहीं था। मैंने उस दिन तय किया था कि मुझे तोक्यो में खुद को साबित करना होगा।’ मीराबाई को पांच साल पहले रियो में भी पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन वह महिलाओं के 48 किग्रा भार वर्ग में वैध वजन उठाने में असफल रही थी। उन्होंने कहा, ‘मुझे उस दिन काफी सबक मिले थे। मेरी ट्रेनिंग और तकनीक बदल गयी थी। हमने उसके बाद काफी कड़ी मेहनत की।’ चानू ने कहा, ‘रियो में मैं उस दिन काफी निराश थी। मुझ पर काफी दबाव था और मैं नर्वस हो गयी। मैं कई दिनों तक कुछ समझ नहीं पायी लेकिन इसके बाद कोच सर और महासंघ ने मुझे दिलासा दिया कि मैं क्षमतावान हूं।’ मुख्य कोच विजय शर्मा ने भी खुलासा किया कि रियो के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन पर काफी दबाव था। उन्होंने कहा, ‘रियो की असफलता के बाद मुझ पर भी काफी दबाव था। हम सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में नाकाम रहे थे। हमसे तब भी पदक की उम्मीद की जा रही थी।’ तोक्यो में स्वयं को साबित करने के लिए प्रतिबद्ध चानू और शर्मा ने इसके बाद इस मणिपुरी खिलाड़ी की ट्रेनिंग और तकनीक में काफी बदलाव किए। शर्मा ने कहा, ‘इसके बाद हमने अभ्यास के तरीकों में काफी बदलाव किए। इसके बाद हमने 2017 में विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छे परिणाम देखे। उसने पिछले छह वर्षों में अभ्यास के अलावा कुछ नहीं किया है।’

मणिपुर के CM ने मीराबाई चानू को की वीडियो कॉल, कहा- वापस आओ, बड़ा सरप्राइज तैयार है! July 24, 2021 at 05:27AM

इम्फालदेश की बेटी मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने ओलंपिक में भारत का झंडा बुलंद किया है। तोक्यो ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग स्पर्धा में चानू ने सिल्वर मेडल () जीता है। मीराबाई चानू के सिल्वर मेडल जीतने से पूरे देश के साथ-साथ उनके गृह राज्य मणिपुर में भी उत्सव जैसा माहौल है। उनकी जीत से खुश मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मीराबाई चानू को वीडियो कॉल की और उनसे काफी देर बात की। मुख्यमंत्री ने मीराबाई से कहा, 'आपने जब सिल्वर जीता तब गृह मंत्री अमित शाह की नॉर्थ ईस्ट के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक चल रही थी। मैंने बैठक के बीच में आपके सिल्वर मेडल जीतने की खबर ब्रेक की। वहां मौजूद गृह मंत्री और पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री बेहद खुश थे। गृह मंत्री अमित शाह ने माइक ऑन किया और कहा कि पूरे देश के लिए यह गौरव की बात है। इसके बाद बैठक में मौजूद सभी लोगों ने खड़े होकर आपके लिए तालियां बजाईं।' मणिपुर के CM ने कहा, 1 करोड़ रुपये देंगे और अभी से एक स्पेशल पद रिजर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'हम आपको 1 करोड़ रुपये पुरस्कार दे रहे हैं। आपके लिए अभी से एक स्पेशल पद रिजर्व किया जा रहा है। अब आपको ट्रेन या स्टेशन पर टिकट नहीं कलेक्ट करने पड़ेंगे। मैं आज शाम को ही गृहमंत्री से मिलकर आपके लिए बात करूंगा। बाकी चीजें सरप्राइज हैं।' दरअसल मीराबाई चानू रेलवे में टिकट कलेक्टर के पद पर तैनात हैं। मुख्यमंत्री के किए वादे के मुताबिक, राज्य सरकार उन्हें कोई बड़ा पद देने वाली है जिसके बाद उन्हें रेलवे में टीसी की जॉब नहीं करनी पड़ेगी। मीराबाई चानू ने CM से कहा, मैं आज बहुत खुश हूं मुख्यमंत्री से बात करते हुए मीराबाई चानू भी बेहद खुश नजर आईं। उन्होंने कहा, 'मैं आज बहुत खुश हूं। मणिपुर में सभी लोगों ने मेरे लिए प्रार्थना की और मैं सिल्वर मेडल जीत गई। लोग मेरे और मणिपुर के बारे में बातें कर रहे हैं, इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है। मैं सभी का शुक्रिया अदा करती हूं।' 202 किग्रा वजन उठाकर कर्णम मल्लेश्वरी को भी पीछे छोड़ा मणिपुर की 26 साल की भारोत्तोलक ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया। इससे उन्होंने 2016 में रियो ओलंपिक के खराब प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया जिसमें वह एक भी वैध वजन नहीं उठा सकीं थीं। करियर की इस शानदार जीत के बाद चानू ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं, मैं पिछले पांच वर्षों से इसका सपना देख रही थी। इस समय मुझे खुद पर गर्व महसूस हो रहा है। मैंने स्वर्ण पदक की कोशिश की लेकिन रजत पदक भी मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।’

तोक्यो ओलिंपिक: भारत के आगे कहां टिकते हैं पाक और बांग्लादेश, जानें पूरा इतिहास July 24, 2021 at 05:10AM

नई दिल्लीभारत की किसी इवेंट में मौजूदगी हो और उसकी पड़ोसी देशों से तुलना न हो ऐसा संभव नहीं। ओलिंपिक जैसा बड़ा मंच हो तो चर्चा जरूर होगी। इन तीनों देशों की तुलना इसलिए भी जरूरी हो जाती है, क्योंकि पाकिस्तान के एक क्रिकेटर इमरान नजीर ने क्रिकेट की प्लेइंग इलेवन से भी कम ऐथलीटों की ओलिंपिक में मौजूदगी पर न केवल सवाल उठाया, बल्कि खेलों की बदहाली के लिए जिम्मेदार हुक्मरानों को बुरा भला भी कहा है। तोक्यो में किसके कितने ऐथलीट ले रहे हिस्सातोक्यो ओलिंपिक में जहां 220 मिलियन संख्या वाले भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के सिर्फ 10 ऐथलीट हिस्सा ले रहे हैं, तो इंडियन ऐथलीट की संख्या उससे कई गुना अधिक 127 है। दूसरी ओर, बांग्लादेश की बात करें तो उसके सिर्फ 6 ऐथलीट ही ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ कर सके। भारत का तोक्यो में खुला खातामहिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम भारवर्ग में सिल्वर मेडल जीतते हुए इतिहास भी रच दिया है। यानी भारत का 32वें ओलिंपिक में खाता खुल गया है। दूसरी ओर, पाकिस्तान और बांग्लादश को अपने पहले मेडल का इंतजार है। भारत ने जीते हैं कुल 29 मेडलभारत के नाम ओलिंपिक में कुल 29 मेडल हैं। इसमें 9 गोल्ड मेडल, जबकि 8 सिल्वर और 12 ब्रॉन्ज मेडल हैं। देखा जाए तो पाकिस्तान के कुल मेडल के लगभग बराबर भारत के पास गोल्ड हैं। ओलिंपिक में पाकिस्तान के नाम हैं कुल 10 मेडलपाकिस्तान की ओर से सबसे अधिक 1956 मेलबर्न ओलिंपिक में 62 ऐथलीटों ने क्वॉलिफाइ किया था। रोचक बात यह है कि ओलिंपिक में पाकिस्तान के नाम कुल मिलाकर 10 मेडल ही हैं। इसमें 3 गोल्ड, 3 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। पाकिस्तान ने 1992 के बाद से नहीं जीता कोई मेडलरेकॉर्ड लिस्ट पर नजर डाली जाए तो पाकिस्तान ने आखिरी मेडल 1992 बार्सिलोना ओलिंपिक में जीता था। तब पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। उसके बाद से पाकिस्तान का खाता इस खेलों के महाकुभ में नहीं खुला है। बांग्लादेश को पहले मेडल का इंतजारपाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश देश बनने के बाद 1984 में उसने लॉस एंजिल्स ओलिंपिक में पहली बार हिस्सा लिया। यहां उसने एक ऐथलीट भेजा था। इसके बाद से सभी ओलिंपिक में हिस्सा लिया है, लेकिन उसे अभी भी पहले मेडल का इंतजार है। इस बार उसके 6 ऐथलीट हिस्सा ले रहे हैं।

ओलिंपिक में सुमित नागल ने रचा इतिहास:टेनिस में 25 साल में मेंस सिंगल्स का पहला मैच जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी; 2018 एशियन गोल्ड मेडलिस्ट को हराया July 24, 2021 at 05:12AM

अब होगी वेटलिफ्टिंग में क्रांति:देश को पहला वेटलिफ्टिंग मेडल दिलाने वाली कर्णम मल्लेश्वरी बोलीं- चानू की सफलता से इस खेल में आएगी लड़कियों की फौज July 24, 2021 at 04:28AM

इन दो को मिला श्रीलंका में धांसू प्रदर्शन का इनाम, 'विराट टीम' से इंग्लैंड में जुड़ेंगे July 24, 2021 at 03:34AM

नई दिल्लीयुवा ओपनर पृथ्वी साव (, 3 मैच, 105 रन) और मिडल ऑर्डर के धमाकेदार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव (, 3 मैच, 124 रन) को श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में जबरदस्त प्रदर्शन करने का इनाम मिला है। ये दोनों खिलाड़ी इंग्लैंड में मौजूद भारतीय टेस्ट टीम के साथ जुड़ेंगे। हमारी सहयोगी क्रिकेट वेबसाइट 'क्रिकबज' की रिपोर्ट के अनुसार नैशनल सिलेक्टर्स और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) उन दोनों को इंग्लैंड भेजने के लिए सहमत है। इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए गई भारतीय टीम चोट की समस्य से जूझ रही है। भारत के शुभमन गिल, वॉशिंगटन सुंदर और आवेश खान चोटिल हैं। शुभमन को पिछले महीने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले के बाद चोट लगी थी और वह हाल ही में वापस स्वदेश लौट आए। आवेश और वॉशिंगटन सुंदर को इस सप्ताह हुए अभ्यास मैच के दौरान चोट लगी थी। वे दोनों भी स्वदेश लौटेंगे। ऐसा समझा जाता है कि सूर्यकुमार और साव के नाम को चेतन शर्मा के नेतृत्व वाली चयन समिति ने मुख्य कोच रवि शास्त्री के साथ चर्चा के बाद मंजूरी दी है। तीसरे खिलाड़ी के लिए अपील की गई है, लेकिन इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है कि अन्य कोई खिलाड़ी इंग्लैंड जाएगा या नहीं। इस बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है कि कैसे और कहां से सूर्यकुमार और साव इंग्लैंड के लिए रवाना होंगे। पृथ्वी और सूर्यकुमार श्रीलंका दौरे पर हैंसाव और सूर्यकुमार यादव इस समय श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया के साथ हैं। भारतीय टीम ने गिल की जगह पहले साव की मांग की थी लेकिन बीसीसीआई ने इसे ठुकरा दिया था। 4 अगस्त से खेली जाएगी टेस्ट सीरीज ओपनर मयंक अग्रवाल और रोहित शर्मा इस समय टीम इंडिया के साथ हैं। अभिमन्यु ईश्वरन को स्टैंडबाई ओपनर के रूप में इंग्लैंड में मौजूद हैं। बीसीसीआई ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए 23 सदस्यीय टीम का चयन किया था। भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज 4 अगस्त से होगा।

अब होगी वेटलिफ्टिंग में क्रांति:देश को पहला वेटलिफ्टिंग मेडल दिलाने वाली कर्णम मल्लेश्वरी बोलीं- चानू की सफलता से इस खेल में आएगी लड़कियों की फौज July 24, 2021 at 04:10AM

Mirabai Chanu: जीत के बाद मीराबाई चानू को खाने में चाहिए ये डिश, कहा- देश की महिलाएं खेलों में आगे आएं July 24, 2021 at 02:30AM

नई दिल्ली भारत की वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने आज इतिहास रचते हुए 49 किलोग्राम कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता। इसी के साथ भारत ने पदक तालिका में अपना खाता खोल दिया है। 2016 रियो ओलिंपिक के बाद मीराबाई चानू पूरी तरह से टूट चुकीं थीं, लेकिन उन्होंने जबरदस्त वापसी की। मेडल जीतने के बाद चानू ने बताया कि उन्होंने इस मेडल के लिए कितना त्याग किया। खुद अपने घर भी यदा-कदा ही जा पाती थी। पांच साल में सिर्फ पांच बार गई घरमीराबाई की माने तो वह बीते पांच साल में पांच बार ही अपने गांव वाले घर जा पाईं हैं। चानू कहतीं हैं कि अब मेडल लेकर जाऊंगी। मां से आज दो मिनट बात हुई। आज उन्होंने खाना नहीं खाया था। मेरे लिए मछली बनाकर रखी हैं। जाकर खाऊंगी। ट्रेनिंग के समय डाइट को लेकर काफी कंट्रोल रखना पड़ता है। मैं सभी से यही कहना चाहती हूं कि लड़कियां काफी मजबूत होती हैं। अगर खेल में आना चाहती हैं तो उन्हें जरूर भेजें। उनको पूरा सपोर्ट करें। कोच से पूछा गया कि क्या अब आप पार्टी करने और मनमाफिक खाने की छूट देंगे, उन्होंने कहा कि आज पार्टी करनी हो तो करें। जो पसंद हो खाएं। बाहर का खाना नहीं खाया- चानूमीराबाई चानू ने कहा कि हमने कई महीनों से बाहर का कोई खाना नहीं खाया। उनको आइसक्री बहुत ज्यादा पसंद है लेकिन ओलिंपिक को देखते हुए उन्होंने आइसक्रीम भी नहीं खाई। उनके कोच ने कहा कि अब हम मीराबाई चानू को नहीं रोकेंगे और वह अपने पसंद का खाना खा सकती हैं। इसके साथ ही मीराबाई चानू ने देश की आधी आबादी को आगे आने का आवाहन भी किया। महिलाएं खेल में आगे आएंदेश की आधी आबादी को मैसेज देते हुए उन्होंने कहा कि देश की महिलाएं अगर उनको कोई खेलने से रोकता भी है कोई मना भी करता है फिर भी वह खेलों की तरफ आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि मेरी तरह वह भी भारत का नाम रोशन करें और भारत के लिए पदक जीतकर अपने देश के स्वाभिमान को और भी ऊंचा ले जाएं। खेल को समर्पित रहें भारतीय महिलाएं- चानूमीराबाई चानू ने कहा अगर देश की महिलाएं आगे आती हैं तो मैं भी उनका साथ दूंगी और उनको आगे बढ़ने के मेरा पूरा समर्थन भी रहेगा उन्होंने कहा कि घर में घर में भी अगर आपको कोई भी खेल खेलने के लिए मना करता है तो भी आप खेलना मत छोड़िए खेलने से आपका हर तरह के का विकास संभव हो पाता।

SLvIND: पहला टी-20 कल, श्रीलंका पर भारत का पलड़ा भारी, चक्रवर्ती का डेब्यू तय July 24, 2021 at 12:38AM

कोलंबोइंडियन प्रीमियर लीग में शानदार प्रदर्शन करने वाले कई खिलाड़ियों से सजी भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ रविवार से यहां शुरू हो रही तीन मैचों की टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट श्रृंखला में भी जीत के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी। शिखर धवन की अगुवाई वाली टीम ने वनडे श्रृंखला 2-1 से जीती, लेकिन वह आखिरी मैच में हार गई थी। इसके बावजूद भारतीय टीम का पलड़ा भारी नजर आता है। वरुण चक्रवर्ती का डेब्यू तय पहले मैच में रहस्यमयी स्पिनर वरुण चक्रवर्ती को पदार्पण का मौका मिल सकता है। कोच राहुल द्रविड़ इस श्रृंखला में चक्रवर्ती को आजमाना चाहेंगे जो ऑफ ब्रेक, कैरम बॉल और दाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए लेग ब्रेक भी कर लेते हैं। वह आईपीएल में अपनी इस काबिलियत का अच्छा नमूना पेश कर चुके हैं। वह खराब फिटनेस और चोटिल होने के कारण ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नहीं जा पाए थे और इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में भी नहीं खेले थे, लेकिन भारतीय टीम यूएई में होने वाले टी-20 विश्व कप से पहले एक स्पिनर की तलाश में हैं और ऐसे में इस 29 वर्षीय गेंदबाज को यहां आजमाया जा सकता है। पडिक्कल-गायकवाड़ की खुल सकती है किस्मत देवदत्त पडिक्कल और रुतुराज गायकवाड़ में से भी किसी को पदार्पण का मौका मिल सकता है। दोनों ने आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया था। पृथ्वी साव और सूर्यकुमार यादव दोनों इंग्लैंड रवाना होने के लिए तैयार हैं और ऐसे में टीम प्रबंधन पडिक्क्ल और गायकवाड़ दोनों को मौका दे सकता है। ईशान किशन और संजू सैमसन दोनों को अंतिम एकादश में शामिल किया जा सकता है। मनीष पांडे को मध्यक्रम से बाहर किया जा सकता है जबकि पंड्या बंधुओं हार्दिक और क्रुणाल का चयन तय है। आखिरी मैच जीतकर श्रीलंका का मनोबल ऊंचा भुवनेश्वर कुमार और दीपक चाहर एक मैच में विश्राम के बाद नई गेंद संभालने के लिए तैयार होंगे जबकि स्पिन विभाग में चक्रवर्ती और क्रुणाल के साथ युजवेंद्र चहल को रखा जा सकता है। श्रीलंका ने भारत के खिलाफ अपनी धरती पर नौ साल बाद वनडे में जीत दर्ज की और उससे उसका मनोबल बढ़ा होगा। नए कप्तान दासुन शनाका अपने खिलाड़ियों में जीत का जज्बा भरने की कोशिश कर रहे हैं। टीम में भानुका राजपक्षा, चमिका करुणारत्ने और अविष्का फर्नांडो जैसे अच्छे बल्लेबाज हैं जिससे श्रीलंका भारतीय टीम को कड़ी चुनौती दे सकता है। दोनों टीमें इस प्रकार हैं: भारत: शिखर धवन (कप्तान), पृथ्वी सॉव, देवदत्त पडिक्कल, रुतुराज गायकवाड़, सूर्यकुमार यादव, भुवनेश्वर कुमार (उप-कप्तान), मनीष पांडे, हार्दिक पंड्या, नीतीश राणा, इशान किशन (विकेटकीपर), संजू सैमसन (विकेटकीपर), युजवेंद्र चहल, राहुल चाहर, के गौतम, कुणाल पंड्या, कुलदीप यादव, वरुण चक्रवर्ती, दीपक चाहर, नवदीप सैनी, चेतन सकारिया। श्रीलंका: दासुन शनाका (कप्तान), धनंजय डिसिल्वा, अविष्का फर्नांडो, भानुका राजपक्षा, पथुम निसंका, चरित असलंका, वनिन्दु हसरंगा, आशेन बंडारा, मिनोड भानुका, लाहिरु उदारा, रमेश मेंडिस, चमिका करुणारत्ने, बिनुरा फर्नांडो, दुष्मंथा संदाकन, अकिला धनंजय, शिरन फर्नांडो, धनंजय लक्षण, ईशान जयरत्ने, प्रवीण जयविक्रमा, असिथा फर्नांडो, कसुन रजिता, लाहिरु कुमारा, इसुरु उदाना।

PHOTOS में मीराबाई चानू की जीत:गुडलक के लिए ओलिंपिक लोगो वाली खास बालियां पहनकर रिंग में उतरीं मीरा, मां ने अपने जेवर बेचकर इन्हें बनवाया था July 24, 2021 at 02:05AM

ओलिंपिक में सिर्फ 10 ऐथलीट... अपने ही देश पर भड़का पाक क्रिकेटर, बोले- शर्म आनी चाहिए July 24, 2021 at 02:29AM

नई दिल्लीतोक्यो ओलिंपिक में भारत के 127 ऐथलीट हिस्सा लेने के लिए जापान की राजधानी में हैं। महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम भारवर्ग में सिल्वर मेडल जीतते हुए इतिहास भी रच दिया है। यानी भारत का 32वें ओलिंपिक में खाता खुल गया है। दूसरी ओर, भारत के पड़ोसी देश के सिर्फ 10 ऐथलीट हिस्सा ले रहे हैं और इस बात से क्रिकेटर इमरान नजीर बेहद नाराज हैं। ओपनिंग सेरिमनी में क्रिकेट टीम से भी कम संख्या देखकर इमरान नजीर ने अपने ही पाकिस्तान पर गुस्सा उतारा है। उन्होंने ट्विटर पर 2012 और 2021 की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- यह वास्तव में दुखद है। 220 मिलियन लोगों के देश से सिर्फ 10 एथलीट। खेल में पाकिस्तान की इस हालत के लिए जिम्मेदार हर किसी को शर्म आनी चाहिए। बता दें कि रियो ओलिंपिक में 7 ऐथलीटों ने क्वॉलिफाइ किया था। उल्लेखनीय है कि 2012 लंदन ओलिंपिक में पाकिस्तान के 21 ऐथलीटों ने हिस्सा लिया था, जबकि सबसे अधिक 1956 मेलबर्न ओलिंपिक में 62 ऐथलीटों ने क्वॉलिफाइ किया था। रोचक बात यह है कि ओलिंपिक में पाकिस्तान के नाम कुल मिलाकर 10 मेडल ही हैं। इसमें 3 गोल्ड, 3 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। 1992 के बाद से नहीं जीता कोई मेडलरेकॉर्ड लिस्ट पर नजर डाली जाए तो पाकिस्तान ने आखिरी मेडल 1992 बार्सिलोना ओलिंपिक में जीता था। तब पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। उसके बाद से पाकिस्तान का खाता इस खेलों के महाकुभ में नहीं खुला है।

साल 2018 में लिखी मीराबाई चानू की इन लाइंस को पढ़िए, इसी में छिपा है तोक्यो ओलिंपिक सफलता का राज July 24, 2021 at 01:34AM

नई दिल्ली भारत की स्टार वेट लिफ्टर मीराबाई चानू ने भारत को पहला पदक दिलाया। चानू ने तोक्यो ओलिंपिक 2020 के 49 किलोग्राम कैटेगरी वेट लिफ्टिंग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। चानू का सफर बहुत ही मुश्किलों भरा रहा था। खासतौर पर 2016 रियो ओलिंपिक के बाद मीराबाई पूरी तरह से टूट चुकी थीं। हताश थीं और उनको लगर रहा था कि उनका सफर यहीं से खत्म हो जाएगा। मगर वो रुकीं नहीं और उसी का नतीजा था कि आज तोक्यो में पोडियम में तिरंगा शान से लहराया। मीराबाई का बुलंद हौसलामीराबाई चानू की सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं कुछ लाइंस यहां पर बहुत कुछ कहतीं हैं। उनकी कुछ लाइनें बयां कर रही हैं कि कैसे चानू ने खुद को यहां तक पहुंचने के लिए तैयार किया होगा। रियो की अप्रत्याशित असफलता के बाद 2018 में ये कुछ लाइंस उन्होंने पोस्ट की। सिल्वर मेडल के पीछे छिपे इस आयरन लेडी के हौसले को बयां करता है। It takes effort, includes injuries, experiences failures....but the path to Success was never easy for anyone!! मीराबाई चानू ने यही लाइंस पोस्ट की थीं। चानू उस वक्त ट्रेनिंग कर रहीं थीं। इन लाइंस का मतलब है... यह प्रयास मांगता है, इसमें चोटें शामिल हैं, असफलताओं का अनुभव होता है ....लेकिन सफलता की राह कभी भी किसी के लिए आसान नहीं होती !! 2016 में आंसू निकल गए थेपांच साल पहले खेलों के महासमर में निराशाजनक पदार्पण के बाद इसी मंच से वह रोती हुई गयी थीं। उनकी इस ऐतिहासिक जीत से भारत पदक तालिका में अभी दूसरे स्थान पर पहुंच गया, देश ने यह उपलब्धि पहले कभी हासिल नहीं की थी। मणिपुर की 26 साल की भारोत्तोलक ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया। इससे उन्होंने 2016 में रियो ओलंपिक के खराब प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया जिसमें वह एक भी वैलिड वेट नहीं उठा सकीं थीं।

टेबल टेनिस खिलाड़ी ने ओलिंपिक मैच में नैशनल कोच की मदद लेने से किया इनकार, हुआ बवाल July 24, 2021 at 12:43AM

तोक्योभारतीय टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा ने अपने निजी कोच को कोर्ट में प्रवेश की अनुमति नहीं दिये जाने के बाद शनिवार को तोक्यो ओलंपिक के पहले दौर के मैच में राष्ट्रीय कोच सौम्यदीप रॉय की सलाह लेने से इनकार कर दिया। दुनिया की 62वें नंबर की खिलाड़ी मनिका ने ब्रिटेन की 94वीं रैंकिंग की टिन टिन हो के खिलाफ 4-0 से जीत हासिल की लेकिन कोच के कॉर्नर पर कोई नहीं बैठा था जिससे सोशल मीडिया पर इसे लेकर काफी चर्चा बनी रही। मनिका के निजी कोच सन्मय परांजपे को विवादास्पद तरीके से उनके साथ तोक्यो जाने की मंजूरी दे दी गयी लेकिन उन्हें राष्ट्रीय टीम के साथ खेल गांव में ठहरने की अनुमति नहीं दी गयी। वह होटल में ठहरे हैं और उन्हें केवल अभ्यास के लिये आने की अनुमति है। छब्बीस साल की खिलाड़ी अपने कोच के एक्रिडिटेशन को ‘अपग्रेड’ कराना चाहती थीं ताकि वह उनके मैचों के दौरान कोर्ट पर उनके साथ रह सकें। टीम प्रमुख एम पी सिंह (जो भारतीय टेबल टेनिस महासंघ के सलाहकार भी हैं और तोक्यो में हैं) ने कहा कि मनिका की उनके कोच को कोर्ट पर रहने की अनुमति देने का अनुरोध आयोजकों द्वारा खारिज कर दिया गया। सिंह ने कहा, ‘जब उनके निजी कोच को कोर्ट पर पहुंचने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया तो उन्होंने हमारे राष्ट्रीय कोच से कोचिंग लेने से इनकार कर दिया। इस मामले में मुझे हस्तक्षेप करना पड़ा था लेकिन उन्होंने मुझसे भी मैच के दौरान रॉय की सलाह लेने से इनकार कर दिया।’ हालांकि जब शरत कमल और मनिका मिश्रित युगल में राउंड 16 का मैच खेल रहे थे तो रॉय कोर्ट पर दिख रहे थे। रॉय 2006 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पुरुष टीम के सदस्य थे और वह भारत के महान टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत के लंबे समय साथी भी रह चुके हैं। मनिका टिप्पणी के लिये उपलब्ध नहीं थीं। कोविड-19 काल में हो रहे खेलों में टीम के साथ सहयोगी स्टाफ की संख्या पर सामान्य से भी ज्यादा पांबदियां हैं। परांजपे को तोक्यो की यात्रा करने की अनुमति दे दी गयी लेकिन जी साथियान के कोच और ओलंपियन एस रमन को नहीं दी गयी।

मीराबाई ने कहा था-पहले मेडल फिर शादी:2016 की विफलता के बाद मीराबाई पर था खेल छोड़ने का दबाव, अब अगले ओलिंपिक में गोल्ड का इरादा July 24, 2021 at 12:58AM

मीराबाई ने मां को किया याद:सिल्वर मेडल जीतने के बाद मीरा बोलीं- मां के त्याग से सफल हुई, यह मेडल मेरे देश और वहां के लोगों के नाम July 24, 2021 at 12:49AM

मीराबाई ने सिल्वर मेडल जीत रचा इतिहास, पीएम मोदी सहित इन दिग्गजों ने यूं दी बधाई July 24, 2021 at 01:00AM

मीराबाई चानू ने ओलिंपिक की वेटलिफ्टिंग स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीत इतिहास रच दिया। तोक्यो में उन्होंने भारत का 21 वर्ष का इंतजार खत्म करते हुए पहला मेडल दिलाया। 49 किलो वर्ग में सिल्वर जीता तो उनकी विजयी मुस्कान ने उन सभी आंसुओं की भरपाई कर दी जो पांच साल पहले रियो में नाकामी के बाद उनकी आंखों से बहे थे। इस खास मौके पर सोशल मीडिया के माध्यम से देश के पीएम, खिलाड़ियों और दिग्गज सेलिब्रिटीज ने उन्हें बधाई दी है।

भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने तोक्यो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। इस ऐतिहासिक मेडल के बाद सोशल मीडिया में वह छाई हुई हैं। पीएम मोदी और महान क्रिकेटर सचिन सहित तमाम दिग्गजों ने बधाई दी है।


मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीत रचा इतिहास, पीएम मोदी सहित इन दिग्गजों ने यूं दी बधाई

मीराबाई चानू ने ओलिंपिक की वेटलिफ्टिंग स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीत इतिहास रच दिया। तोक्यो में उन्होंने भारत का 21 वर्ष का इंतजार खत्म करते हुए पहला मेडल दिलाया। 49 किलो वर्ग में सिल्वर जीता तो उनकी विजयी मुस्कान ने उन सभी आंसुओं की भरपाई कर दी जो पांच साल पहले रियो में नाकामी के बाद उनकी आंखों से बहे थे। इस खास मौके पर सोशल मीडिया के माध्यम से देश के पीएम, खिलाड़ियों और दिग्गज सेलिब्रिटीज ने उन्हें बधाई दी है।



21 सालों का सूखा 30 सेकंड में खत्म, ये तस्वीरें बयां कर रही हैं मीराबाई चानू की खुशी July 23, 2021 at 11:50PM

ओलंपिक की भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक के लिये भारत का 21 वर्ष का इंतजार खत्म करने वाली मीराबाई चानू ने 49 किलो वर्ग में रजत पदक जीता तो उनकी विजयी मुस्कान ने उन सभी आंसुओं की भरपाई कर दी जो पांच साल पहले रियो में नाकामी के बाद उनकी आंखों से बहे थे ।

भारत की वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम भार में सिल्वर मेडल हासिल किया। वो पल जब उन्होंने अपना आखिरी दांव खेला तो करोड़ों हिंदुस्तानियों की निगाहें उन पर टीकी हुईं थीं। लोगों को वो तस्वीर याद आ रही थी जब 2016 रियो ओलिंपिक में मीराबाई चानू की लिफ्ट इनवैलिड हुई।


Mirabai Chanu Winning Momment: 21 सालों का सूखा 30 सेकंड में खत्म, ये तस्वीरें बयां कर रही हैं मीराबाई चानू की खुशी

ओलंपिक की भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक के लिये भारत का 21 वर्ष का इंतजार खत्म करने वाली मीराबाई चानू ने 49 किलो वर्ग में रजत पदक जीता तो उनकी विजयी मुस्कान ने उन सभी आंसुओं की भरपाई कर दी जो पांच साल पहले रियो में नाकामी के बाद उनकी आंखों से बहे थे ।



5 साल पहले मंजर कुछ बदला सा था...
5 साल पहले मंजर कुछ बदला सा था...

पांच साल पहले खेलों के महासमर में निराशाजनक पदार्पण के बाद इसी मंच से वह रोती हुई गयी थीं। उनकी इस ऐतिहासिक जीत से भारत पदक तालिका में अभी दूसरे स्थान पर पहुंच गया, देश ने यह उपलब्धि पहले कभी हासिल नहीं की थी।



मीराबाई चानू ने किया था शानदार प्रदर्शन
मीराबाई चानू ने किया था शानदार प्रदर्शन

मणिपुर की 26 साल की भारोत्तोलक ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया। इससे उन्होंने 2016 में रियो ओलंपिक के खराब प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया जिसमें वह एक भी वैध वजन नहीं उठा सकीं थीं।



5 सालों का सपना पूरा हुआ- चानू
5 सालों का सपना पूरा हुआ- चानू

करियर की इस शानदार जीत के बाद चानू ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं, मैं पिछले पांच वर्षों से इसका सपना देख रही थी। इस समय मुझे खुद पर गर्व महसूस हो रहा है। मैंने स्वर्ण पदक की कोशिश की लेकिन रजत पदक भी मेरे लिये बहुत बड़ी उपलब्धि है।’



अमेरिका में ट्रेनिंग कर रही थीं चानू
अमेरिका में ट्रेनिंग कर रही थीं चानू

वह पिछले कुछ महीनों से अमेरिका में ट्रेनिंग कर रही थी। 2016 का अनुभव काफी खराब रहा था और उन्होंने इसके बारे में बात करते हुए कहा था कि बड़े मंच पर अपने पदार्पण के दौरान वह कितनी घबरायी हुई थी।



मां ने जो गिफ्ट में दिए थे ओलिंपिक में केवल वही याद रहा
मां ने जो गिफ्ट में दिए थे ओलिंपिक में केवल वही याद रहा

यह पूछने पर कि मणिपुरी होने के नाते इसके क्या मायने है तो उन्होंने कहा, ‘मैं इन खेलों में भारत के लिये पहला पदक जीतकर बहुत खुश हूं। मैं सिर्फ मणिपुर की नहीं हूं, मैं पूरे देश की हूं।’ शनिवार को चानू पूरे आत्मविश्वास से भरी थी और पूरे प्रदर्शन के दौरान उनके चेहरे पर मुस्कान रही। और उनके कान में ओलिंपिक रिंग के आकार के बूंदे चमक रहे थे जो उनकी मां ने उन्हें भेंट दिये थे।



चीन की होऊ जिहुई ने जीता स्वर्ण, चानू दूसरे नंबर पर
चीन की होऊ जिहुई ने जीता स्वर्ण, चानू दूसरे नंबर पर

चीन की होऊ जिहुई ने 210 किग्रा (94 किग्रा +116 किग्रा) के प्रयास से स्वर्ण पदक जीता जबकि इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने 194 किग्रा (84 किग्रा +110 किग्रा) के प्रयास से कांस्य पदक अपने नाम किया। स्नैच को चानू की कमजोरी माना जा रहा था, लेकिन उन्होंने पहले ही स्नैच प्रयास में 84 किग्रा वजन उठाया।



तोक्यो में चानू चानू...
तोक्यो में चानू चानू...

मणिपुर की इस भारोत्तोलक ने समय लेकर वजन उठाया। उन्होंने अगले प्रयास में 87 किग्रा वजन उठाया और फिर इसे बढ़ाकर 89 किग्रा कर दिया जो उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 88 किग्रा से एक किग्रा ज्यादा था जो उन्होंने पिछले साल राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में बनाया था। हालांकि वह स्नैच में अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेहतर नहीं कर सकीं और स्नैच में उन्होंने 87 किग्रा का वजन उठाया और वह जिहुई से ही इसमें पीछे रहीं।



2016 के आंसुओं के बाद 2021 की ये मुस्कान
2016 के आंसुओं के बाद 2021 की ये मुस्कान

मीराबाई ने 2017 में वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप (48 किलो) की चैंपियन बनी थीं। उन्होंने इस साल अप्रैल में में 86 किलो स्नैच और वर्ल्ड रेकॉर्ड 119 किलो वजन उठाकर खिताब जीता था। उन्होंने कुल 205 किलो वजन उठाकर ब्रॉन्ज मेडल जीता था। चानू के 2016 के रियो ओलिंपिक निराशाजनक रहा था। लेकिन उसके बाद उन्होंने अपने खेल में लगातार सुधार किया। उन्होंने 2017 में वर्ल्ड चैंपियनशिप और 2018 में कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीता था।