Sunday, August 1, 2021

अब 2024 ओलिंपिक की तैयारी:सिंधु ने कहा- देश के लिए तीसरा मेडल जीतने का लक्ष्य; टोक्यो में ब्रॉन्ज जीतना रियो से ज्यादा मुश्किल था August 01, 2021 at 07:38AM

PM मोदी के साथ आईसक्रीम खाएंगी सिंधु:टोक्यो से मेडल लेकर देश लौटन पर प्रधानमंत्री से मिलेगी ट्रीट; ओलिंपिक के लिए छोड़ा था बाहरी खाना August 01, 2021 at 07:05AM

ये खुशी के आंसू हैं: जब भारतीय हॉकी टीम की जीत की खबर सुनाते वक्त रोने लगे कमेंटेटर्स August 01, 2021 at 06:26AM

नई दिल्ली किताबों में भले ही हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल कहलाता हो, लेकिन सवा सौ करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले देश में क्रिकेट लोगों के लहू में बहता है। कुछ लोग इसकी एक वजह बड़े टूर्नामेंट में भारतीय हॉकी टीम का खराब प्रदर्शन भी कहते हैं। वैसे बुनियादी सुविधाओं का अभाव। खेल संघ का उदासीन रवैया और राजनीति भी हॉकी को पीछे धकेलने में आगे रही। अब तोक्यो ओलिंपिक में एक नई उम्मीद जागी है क्योंकि चार दशक बाद पहली बार टीम इंडिया टॉप-4 में पहुंची। इस ऐतिहासिक लम्हे का आंखों देखा हाल सुनाने वाले कमेंटेटर्स भी खुद की भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए। रोने लगे सोनी के ब्रॉडकास्टर्सदेश में ओलिंपिक खेलों का प्रसारण सोनी नेटवर्क कर रहा है। अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी भाषा में भी इसकी लाइव कमेंट्री होती है। ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच में इसका जिम्मा सुनील तनेजा संभाल रहे थे, वही सुनील जिन्हें भारतीय खेलों की आवाज कहा जाता है। उनका साथ सिद्धार्थ पांडेय निभा रहे थे। जैसे ही फाइनल सिटी बजी। दोनों कमेंटेटर्स अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए। आंखों से टपटप आंसू बह रहे थे। दोनों एक दूसरे का ढांढस बांधते रहे। फफक-फफक कर रोते हुए मैच का हाल सुनाते रहे। ये जीत ऐतिहासिक हैयुवा खिलाड़ियों से सजी भारत की पुरुष हॉकी टीम रविवार को खेले गए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ब्रिटेन को 3-1 से हराकर चार दशक बाद पहली बार टॉप-4 में एंट्री बनाई। 41 साल के अंतराल के बाद इस मुकाम में पहुंचने वाली भारतीय टीम के लिए दिलप्रीत सिंह ने सातवें, गुरजंत सिंह ने 16वें और हार्दिक सिंह ने 57वें मिनट में गोल किया। ब्रिटेन के लिए एकमात्र गोल सैमुएल वार्ड ने 45वें मिनट में किया। सेमीफाइनल में भारत का सामना विश्व चैम्पियन बेल्जियम से होगा, जिसने तीसरे क्वार्टर फाइनल मैच में स्पेन को 3-1 से हराया। 1980 के बाद पहली बार खेलेगा फाइनल?बेल्जियम को हराकर भारत 1980 के बाद पहली बार फाइनल में पहुंचना चाहेगा, जब उसने स्पेन को हराकर अपना आठवां स्वर्ण पदक जीता था। बेल्जियम के हाथों हार के बाद भारत को फिर से कांस्य पदक के लिए भिड़ना होगा। भारत अगर जीत हासिल करने में सफल रहा तो उसका सामना ऑस्ट्रेलिया या जर्मनी के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। जर्मनी ने जहां दिन के पहले मुकाबले में ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना को 3-1 से हराया वहीं ऑस्ट्रेलिया ने नीदरलैंड्स को पेनाल्टी शूटआउट के बाद 3-0 से हराया।

ब्रॉन्ज मेडल जीत इतिहास रचने के बाद बोलीं पीवी सिंधु, सातवें आसमान पर हूं... August 01, 2021 at 06:13AM

तोक्योरियो ओलिंपिक की सिल्वर मेडल विजेता और विश्व चैंपियन छठी वरीय पीवी सिंधु ने रविवार को चीन की आठवीं वरीय ही बिंग जियाओ को सीधे गेम में हराकर तोक्यो खेलों की महिला एकल स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल जीता और ओलिंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। दिग्गज पहलवान सुशील कुमार बीजिंग 2008 खेलों में ब्रॉन्ज और लंदन 2012 खेलों में सिल्वर मेडल जीतकर ओलिंपिक में दो व्यक्तिगत मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद कहा, ‘मैं काफी खुश हूं क्योंकि मैंने इतने वर्षों तक कड़ी मेहनत की है। मेरे अंदर भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा था- मुझे खुश होना चाहिए कि मैंने ब्रॉन्ज मेडल जीता या दुखी होना चाहिए कि मैंने फाइनल में खेलने का मौका गंवा दिया।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन अंत में मुझे इस मुकाबले के लिए अपनी भावनाओं से पार पाना था और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना था। मैं बेहद खुश हूं और मुझे लगता है कि मैंने काफी अच्छा किया। देश के लिए मेडल जीतना गौरवपूर्ण लम्हा है।’ सिंधु ने कहा, ‘मैं सातवें आसमान पर हूं। मैं इस लम्हें का पूरा लुत्फ उठाऊंगी। मेरे परिवार ने मेरे लिए कड़ी मेहनत की है और काफी प्रयास किए जिसके लिए मैं उनकी आभारी हूं।’ उल्लेखनीय है कि दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने मुसाहिनो फॉरेस्ट स्पोर्ट्स प्लाजा में 53 मिनट चले ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में चीन की दुनिया की नौवें नंबर की बायें हाथ की खिलाड़ी बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 से शिकस्त दी। सिंधु को सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग के खिलाफ 18-21, 12-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

पीवी सिंधु ने इंटरनैशनल करियर में कब जीता कौन-सा मेडल, देखिए पूरी लिस्ट August 01, 2021 at 06:51AM

तोक्योओलिंपिक फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहने की पीवी सिंधु की पीड़ा रविवार को ब्रॉन्ज जीतने के बाद कुछ हद तक शांत हो गई होगी। उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में चीन की बिंग जियाओ को 2-0 से हराया। रेकॉर्ड पर नजर डाली जाए तो पहलवान सुशील कुमार के बाद अब वह दो ओलिंपिक मेडल अर्जित करने वाली केवल दूसरी भारतीय और पहली महिला एथलीट बन गई हैं। आइए एक नजर उनके करियर पर डालते हैं... कब जीता कौन-सा मेडल
  • ओलिंपिक: 2016 में सिल्वर मेडल, 2020 में ब्रॉन्ज मेडल
  • विश्व चैंपियनशिप: 2019- गोल्ड मेडल, 2018- सिल्वर मेडल, 2017- सिल्वर मेडल, 2014- ब्रॉन्ज मेडल, 2013- ब्रॉन्ज मेडल
  • एशियाई खेल: 2018- सिल्वर मेडल, 2014- महिला टीम ब्रॉन्ज मेडल
  • राष्ट्रमंडल खेल: 2018- सिल्वर मेडल, 2018- मिश्रित टीम गोल्ड मेडल, 2014- ब्रॉन्ज मेडल
  • एशियाई चैंपियनशिप: 2014- ब्रॉन्ज मेडल
  • बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइल्स/बीडब्ल्यूएफ सुपर सीरीज फाइनल्स: 2018- चैंपियन, 2017 रनरअप
  • इंडिया ओपन सुपर सीरीज: 2017- चैंपियन, 2018- रनरअप
  • चीन सुपर सीरीज प्रीमियर: 2016 में चैंपियन
  • कोरिया ओपन सुपर सीरीज: 2017 में चैंपियन

सिंधु की कामयाबी पर बोले अभिनव बिंद्रा, अगली पीढ़ी को प्रेरित करेगा यह दुर्लभ कारनामा August 01, 2021 at 06:36AM

नई दिल्ली ओलंपिक खेलों में भारत के एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता, राइफल निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु को दो ओलंपिक पदक जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बनने की उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने कहा यह एक दुर्लभ उपलब्धि है और एथलीटों की पीढ़ी उनके जैसा रोल मॉडल पाने के लिए भाग्यशाली है। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक पत्र में, 2008 बीजिंग ओलंपिक में 10 मीटर एयर राइफल स्वर्ण के विजेता, बिंद्रा ने कहा, 'टोक्यो ओलंपिक 2020 में कांस्य पदक जीतने के लिए बहुत-बहुत बधाई।' बिंद्रा ने कहा, 'हमारे देश के बहुत कम एथलीट भाग्यशाली रहे हैं। जो आपने हासिल किया है उसे हासिल करें। वास्तव में, दुनिया भर में अधिकांश खेल करियर ओलंपिक पदक के बिना खत्म हो जाते हैं, यहां तक कि चमकदार छोटी गोल वस्तु को जीतने के लिए वर्षों और वर्षों लग जाते है।' अभिनव ने रविवार को चीन की ही बिंगजाओ को 21-13, 21-15 से हराकर कांस्य पदक जीतने के बाद अपने पत्र में कहा कि यह दिखाता है कि इस तरह की उपलब्धि हासिल करना कितना दुर्लभ है और किसी सपने सच करने के लिए कितना पागल होना पड़ता है। अगली पीढ़ी के एथलीट भाग्यशाली हैं कि उनको एक रोल मॉडल मिला है, जो अभ्यास और दृढ़ता के गुणों का एक अवतार है, दो गुणों की आवश्यकता विशिष्ट प्रतियोगिताओं में पनपने के लिए बहुतायत में होती है। बिंद्रा ने लिखा कि आपका पदक पूरी तरह से खेल की शक्ति को समाहित करता है और यह कैसे एकजुटता की अपनी अविनाशी भावना के माध्यम से हम सभी को प्रेरित करता रहता है। आपकी एक रोमांचक कहानी है। मैं आपको उस खुशी के लिए धन्यवाद देता हूं जो आप आपने देश के लिए लाई है और आशा करता हूं कि आप ओलंपिक के मूल्यों का प्रसार करना जारी रखेंगी और एक ओलंपिक पदक विजेता के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को उसी ऊर्जा के साथ निभाएंगी, जिस तरह से आपने टोक्यो में हम सभी को चकाचौंध कर दिया।

देखें वीडियो- हार्दिक का दनदनाता गोल, जिसने भारत के सेमीफाइनल स्थान पर लगाई मुहर August 01, 2021 at 05:59AM

तोक्यो भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने तोक्यो ओलिंपिक के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। रविवार को खेले गए क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में उसने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 हराया। भारत ने मॉस्को ओलिंपिक के बाद कभी अंतिम चार में जगह नहीं बनाई थी। वहां छह टीमों ने भाग लिया था और उसमें टॉप 4 ने मेडल के लिए मुकाबले खेले थे। भारतीय टीम मंगलवार को होने वाले सेमीफाइनल में मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन बेल्जियम के खिलाफ खेलेगा। बेल्जियम ने अपने क्वॉर्टर फाइनल मैच में स्पेन को 3-1 से हराया। दूसरा सेमीफाइनल ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच होगा। भारत के लिए दिलप्रीत सिंह (7वें), गुरजंत सिंह (16वें) और हार्दिक सिंह (57वें मिनट) ने गोल किए। ग्रेट ब्रिटेन की तरफ से एकमात्र गोल सैमुअल इयान वार्ड (45वें) ने किया। हार्दिक मिड-फील्ड से दौड़े और लगातार ग्रेट ब्रिटेन की रक्षा-पंक्ति को छकाते रहे। वह लगातार 50 मीटर तक दौड़ते रहे। इसके बाद पहले प्रयास में वह छकाने में असफल रहे। हार्दिक ने सतर्कता देखते हुए रीबाउंड पर गोल कर दिया। इस युवा खिलाड़ी ने तेज शॉट लगाया जो गोल पोस्ट में जाकर टकराया। भारतीय टीम अब सेमीफाइनल में बेल्जियम से खेलेगी जो रियो में सिल्वर मेडल जीती थी। भारत ने ओलिंपिक में आखिरी पदक 1980 मॉस्को में जीता था। तब भारतीय टीम ने गोल्ड मेडल जीता था। हालांकि तब सिर्फ छह टीमों ने इसमें भाग लिया था। राउंड रोबिन आधार पर टॉप पर रहने वाली दो टीमों के बीच गोल्ड मेडल का मुकाबला हुआ था और तीन और चार के बीच रहने वाली टीमों में ब्रॉन्ज मेडल मैच हुआ था। यानी 1972 के म्यूनिख ओलिंपिक के बाद भारत पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा है।

35 सेकंड में देखिए पीवी सिंधु की विजय गाथा, कैसे चीनी शटलर को रौंद रचा इतिहास August 01, 2021 at 05:22AM

तोक्योरियो ओलिंपिक की सिल्वर मेडल विजेता और विश्व चैंपियन छठी वरीय पीवी सिंधु ने रविवार को चीन की आठवीं वरीय ही बिंग जियाओ को सीधे गेम में हराकर तोक्यो खेलों की महिला एकल स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसके साथ ही वह ओलिंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। दिग्गज पहलवान सुशील कुमार बीजिंग 2008 खेलों में ब्रॉन्ज और लंदन 2012 खेलों में सिल्वर मेडल जीतकर ओलिंपिक में दो व्यक्तिगत मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने मुसाहिनो फॉरेस्ट स्पोर्ट्स प्लाजा में 53 मिनट चले ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में चीन की दुनिया की नौवें नंबर की बाएं हाथ की खिलाड़ी बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 से शिकस्त दी। बिंग जियाओ के खिलाफ 16 मैचों में यह सिंधु की सातवीं जीत है जबकि उन्हें नौ मुकाबले में शिकस्त झेलनी पड़ी। इस मुकाबले से पहले सिंधु ने बिंग जियाओ के खिलाफ पिछले पांच में से चार मुकाबले गंवाए थे। सिंधु को सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग के खिलाफ 18-21, 12-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। तोक्यो खेलों का यह भारत का दूसरा मेडल है। इससे पहले वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीता था। मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन भी सेमीफाइनल में जगह बनाकर भारत के लिए मेडल पक्का कर चुकी हैं। भारत ने इसके साथ ही ओलिंपिक में मेडल की हैटट्रिक पूरी की। साइना नेहवाल लंदन 2012 खेलों में ब्रॉन्ज मेडल के साथ ओलिंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनी थी जबकि इसके चार साल बाद सिंधु ने रियो में सिल्वर मेडल जीता।

भारत 49 वर्ष बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा, क्या हॉकी में लौटेंगे सुनहरे दिन? August 01, 2021 at 04:10AM

तोक्यो भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर 49 साल बाद सेमीफाइनल में जगह बनाई। भारत ने तीनों मैदानी गोल किए। भारत की ओर से दिलप्रीत सिंह (7वें मिनट), गुरजंत सिंह (16वें मिनट) और हार्दिक ने 57वें मिनट में गोल किया। भारत ने पुरुष हॉकी में आठ गोल्ड मेडल जीते हैं। भारत का आखिरी गोल्ड मेडल 1980 के मॉस्को ओलिंपिक में आया था। उस ओलिंपिक में सेमीफाइनल नहीं हुआ था क्योंकि सिर्फ छह देशों ने उसमें भाग लिया था। भारत ने आखिरी बार सेमीफाइनल में 1972 के म्यूनिख ओलिंपिक में जगह बनाई थी, जहां पाकिस्तान ने उन्हें 0-2 से हरा दिया था। भारत का सेमीफाइनल में मुकाबला वर्ल्ड चैंपियन बेल्जियम से मंगवलार को होगा। जिसने तीसरे क्वार्टर फाइनल मैच में स्पेन को 3-1 से हराया। दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की टीमें भिड़ेंगी। जर्मनी ने जहां दिन के पहले मुकाबले में ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना को 3-1 से हराया वहीं आस्टे्रलिया ने नीदरलैंड्स को पेनाल्टी शूटआउट के बाद 3-0 से हराया। मास्को में मिला था आखिरी मेडल ओलिंपिक में भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने पीला तमगा जीता था। उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और 1984 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी।

सिंधु ने देशवासियों का सीना किया गर्व से चौड़ा, राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने भी दी बधाई August 01, 2021 at 02:29AM

नई दिल्लीराष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य ने भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु को रविवार को तोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतने के लिए बधाई दी। रियो ओलिंपिक की रजत पदक विजेता और विश्व चैंपियन सिंधु ने रविवार को चीन की आठवीं वरीय ही बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 से हराकर तोक्यो खेलों की महिला एकल स्पर्धा का कांस्य पदक जीता और ओलिंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘पीवी सिंधु दो ओलिंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। उन्होंने निरंतरता, समर्पण और उत्कृष्टता के नये मापदंड बना दिए। भारत को गौरवान्वित करने के लिये उन्हें मेरी बधाई।’ मोदी ने सिंधु की फोटो के साथ ट्वीट किया, ‘पीवी सिंधू हम सभी आपके शानदार प्रदर्शन से उत्साहित हैं। तोक्यो ओलिंपिक 2020 में कांस्य पदक जीतने के लिए बधाई। वह भारत का गौरव हैं और हमारे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं।’ खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट किया, ‘स्मैशिंग जीत पीवी सिंधु, मैच में आपका दबदबा रहा और आपने इतिहास रच दिया। दो बार ओलिंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं। भारत को आप पर गर्व है, आपकी स्वदेश वापसी का इंतजार। आपने कर दिखाया।' गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘बहुत बढ़िया खेलीं पीवी सिंधु। आपने फिर से खेल के प्रति अपनी अद्वीतीय प्रतिबद्धता और समर्पण को साबित किया। आप ऐसे ही देश का नाम रोशन करती रहें। हमें आपकी शानदार उपलब्धि पर गर्व है।’

भारत ने ग्रेट ब्रिटेन को हराकर 49 साल बाद पुरुष हॉकी के सेमीफाइनल में जगह बनाई August 01, 2021 at 04:10AM

तोक्यो भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर 49 साल बाद सेमीफाइनल में जगह बनाई। भारत ने तीनों मैदानी गोल किए। भारत की ओर से दिलप्रीत सिंह (7वें मिनट), गुरजंत सिंह (16वें मिनट) और हार्दिक ने 57वें मिनट में गोल किया। भारत ने पुरुष हॉकी में आठ गोल्ड मेडल जीते हैं। भारत का आखिरी गोल्ड मेडल 1980 के मॉस्को ओलिंपिक में आया था। उस ओलिंपिक में सेमीफाइनल नहीं हुआ था क्योंकि सिर्फ छह देशों ने उसमें भाग लिया था। भारत ने आखिरी बार सेमीफाइनल में 1972 के म्यूनिख ओलिंपिक में जगह बनाई थी, जहां पाकिस्तान ने उन्हें 0-2 से हरा दिया था। भारत का सेमीफाइनल में मुकाबला वर्ल्ड चैंपियन बेल्जियम से मंगवलार को होगा। जिसने तीसरे क्वार्टर फाइनल मैच में स्पेन को 3-1 से हराया। दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की टीमें भिड़ेंगी। जर्मनी ने जहां दिन के पहले मुकाबले में ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना को 3-1 से हराया वहीं आस्टे्रलिया ने नीदरलैंड्स को पेनाल्टी शूटआउट के बाद 3-0 से हराया।

तोक्यो ओलिंपिक: भारतीय हॉकी टीम ने भी रचा इतिहास, 49 साल बाद सेमी फाइनल में पहुंची August 01, 2021 at 03:32AM

तोक्यो तोक्यो ओलिंपिक के 10वें दिन का अंत भारत ने शानदार अंदाज में किया। स्टार शटलर पीवी सिंधु ने जहां महिला एकल वर्ग का ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया तो इसके कुछ ही देर बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने क्वॉटर फाइनल मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराते हुए सेमीफाइनल में एंट्री पा ली है। 1980 के बाद यह पहला मौका है जब भारत हॉकी में टॉप-4 में पहुंचा है। भारत के लिए विनिंग गोल 7वें मिनट में दिलप्रीत सिंह, 16वें मिनट में गुरजीत सिंह और 57वें मिनट में हार्दिक सिंह ने दागा, जबकि ब्रिटेन के लिए 45वें मिनट में सैमुअल ने गोल किया। भारत का सेमीफाइनल में बेल्जियम के साथ मुकाबला होगा। ओलिंपिक में भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था जब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने पीला तमगा जीता था। उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और 1984 लॉस एंजिलिस ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी । 2008 ओलिंपिक में क्वॉलिफाइ भी नहीं कर पाई टीमबीजिंग में 2008 ओलंपिक में टीम पहली बार क्वॉलिफाइ नहीं कर सकी और 2016 रियो ओलंपिक में आखिरी स्थान पर रही। देश में हॉकी का ग्राफ लगातार नीचे चला गया। पिछले पांच साल में हालांकि भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में जबर्दस्त सुधार आया है जिससे वह विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंची। शानदार फॉर्म में टीम इंडियाऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-7 से मिली हार के अलावा भारतीय टीम ने अभी तक शानदार हॉकी खेली है। पांच में से चार मैच जीतकर टीम पूल ए में दूसरे स्थान पर रही। दूसरी ओर ब्रिटेन ने दो जीत दर्ज की और दो हार तथा एक ड्रॉ के बाद वह पूल बी में तीसरे स्थान पर रही थी। भारत ने ऑस्ट्रेलिया से मिली हार के बाद लगातार 4 मैच जीते हैं। सेमीफाइनल्स का शेड्यूल सेमीफाइनल में भारत का सामना विश्व चैम्पियन बेल्जियम से होगा, जिसने तीसरे क्वॉर्टर फाइनल मैच में स्पेन को 3-1 से हराया। दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की टीमें भिड़ेंगी। जर्मनी ने जहां दिन के पहले मुकाबले में ओलिंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना को 3-1 से हराया वहीं ऑस्ट्रेलिया ने नीदरलैंड्स को पेनाल्टी शूटआउट के बाद 3-0 से हराया।

इटली के मार्केल जैकब ने रचा इतिहास बने दुनिया के सबसे तेज धावक August 01, 2021 at 03:36AM

तोक्यो इटली के मार्केल जैबक ने ओलिंपिक में 100 मीटर में गोल्ड मेडल जीत लिया है। रविवार रात को हुई रेस में उन्होंने 9.8 सेकंड का समय लिया। मार्कल ने इस दौड़ में पहली बार इटली के लिए यह खिताब जीता। यहां तक इस कि इस रेस में कोई फेवरिट नहीं था लेकिन जैकब सरप्राइज रहे। उन्होंने अमेरिका के फ्रेज कार्ली और कनाडा के आंद्रे डीग्रीस को हराया। बीते 13 साल से जमैका के उसेन बोल्ट ही चैंपियन थे।

सिंधु ने ब्रॉन्ज जीत रचा इतिहास, ओलिंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली महिला ऐथलीट बनीं August 01, 2021 at 02:28AM

तोक्योभारतीय स्टार शटलर पीवी सिंधु ने तोक्यो ओलिंपिक-2020 के बैडमिंटन महिला एकल वर्ग का ब्रॉन्ज मेडल जीतते हुए इतिहास रच दिया। वह न केवल बैडमिंटन इतिहास में भारत के लिए दो मेडल जीतने वाली पहली शटलर बनीं, बल्कि इंडिविजुअल गेम में ऐसा करने वाली पहली महिला ऐथलीट भी बन गई हैं। ओवरऑल इंडिविजुआल गेम में पहली पहलवान सुशील कुमार के बाद भारत की दूसरी ऐथलीट हैं। इससे पहले उन्होंने रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में कमाल का प्रदर्शन करते हुए चीन की बिंग जिआओ को 52 मिनट में सीधे गेम में 2-0 से हराया। उन्होंने पहला गेम 21-13 से एकतरफा जीता तो दूसरा गेम 21-15 से अपने नाम करते हुए इतिहास रच दिया। उन्हें सेमीफाइनल में ताई जू यिंग से हार मिली थी और वह अपने मेडल को अपग्रेड करने का मौका चूक गई थीं। लेकिन उसके बाद ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। पहला गेम: सिंधु का जबरदस्त गेम, चीनी शटलर दिखी पस्तभारतीय स्टार शटलर ने पिछले मैचों की तरह यहां भी शुरुआत अच्छी की। देखते ही देखते 3-0 फिर 5-3 की बढ़त बना ली। यहां पर बिंग ने वापसी की और नेट पर सिंधु को कुछ गलतियां करने के लिए मजबूर किया। स्कोर 6-6 पर बराबरी पर आ गया। यहां से दोनों खिलाड़ी एक-एक पॉइंट के लिए जूझते दिखे। इस दौरान एक जोरदार रैली (34 सेकंड, 41 शॉट) भी देखने को मिली, जिसे सिंधु ने शानदार स्ट्रेट स्मैश से अपने नाम करते हुए 10-8 की बढ़त ले ली। ब्रेक तक सिंधु 11-8 से आगे हो गईं। ब्रेक के बाद कोर्ट पर लौटने के बाद सिंधु ने क्रॉस और स्मैश का जबरदस्त इस्तेमाल किया और बढ़त 17-11 कर ली। इसके बाद पहल गेम 21-13 से अपने नाम किया। दूसरा गेम: यूं ढही चीन की दीवारदूसरे गेम की शुरुआत भी लगभग पहले गेम की तरह रही। सिंधु ने पहले 3-1, 5-2 और फिर 8-3 की बड़ी बढ़त बना ली। इस दौरान सिंधु के स्पिन, क्रॉस और स्मैश शॉट देखने लायक थे। चीनी शटलर वापसी की पूरी कोशिश कर रही थी, लेकिन सिंधु ने ब्रेक तक 11-7 की बढ़त के साथ अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। इसके बाद उन्होंने 21-15 से जीतते हुए ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया। भारत का तीसरा मेडलइससे पहले वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल भारत की झोली में डाला था, जबकि लवलीन ने बॉक्सिंग में मेडल पक्का कर लिया है। हालांकि उनका मुकाबला अभी तक नहीं हुआ है। सिंधु के ब्रॉन्ज मेडल के साथ ही भारत के नाम तीन मेडल हो गए हैं। सिंधु का तोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल तक का सफर
  • पहला मैच (ग्रुप स्टेज): पोलिकारपोवा सेनिया (इजराइल) के खिलाफ 2-0 से जीत
  • दूसरा मैच (ग्रुप स्टेज): चेयूंग नगन यि (हॉन्गकॉन्ग) के खिलाफ 2-0 से जीत
  • तीसरा मैच (राउंड-16): मिया ब्लिचफील्ड (डेनमार्क) के खिलाफ 2-0 से जीत
  • चोथा मैच (क्वॉर्टर फाइनल): अकाने यामागुजी (जापान) के खिलाफ 2-0 से जीत
  • 5वां मैच (सेमीफाइनल): ताई जू यिंग (चीनी ताइपे) से 0-2 से हारीं
  • छठा मैच (ब्रॉन्ज मेडल): बिंग जियाओ (चीन) के खिलाफ 2-0 से जीत

सिंधु की कहानी:पीवी सिंधु टोक्यो में ब्रॉन्ज मेडल जीतीं; माता-पिता वॉलीबॉल प्लेयर, 9 साल की उम्र से गोपीचंद की एकेडमी में ट्रेनिंग शुरू की August 01, 2021 at 02:26AM

आत्महत्या से 10-15 मिनट दूर थीं रावेन सॉन्डर्स...ओलिंपिक में जीता सिल्वर मेडल August 01, 2021 at 12:58AM

नई दिल्ली खिलाड़ी अक्सर अपने लुक्स के चलते चर्चा में रहते हैं। खासतौर पर अगर फुटबॉल की बात करें तो अक्सर आपको अलग-अलग तरह की हेयर स्टाइल और टैटू वगैरह देखने को मिलेगा। में भी एक खिलाड़ी चर्चा का विषय बनी हुई हैं। अमेरिका की ये खिलाड़ी जैसे ही मैदान पर दिखीं वैसे ही सोशल मीडिया पर छा गईं। ऐसा नहीं था कि ये अपने लुक्स के कारण हीं चर्चा में थीं। मैदान पर भी उन्होंने जलवा दिखाया। सिल्वर मेडल जीताइस खिलाड़ी का नाम है। अमेरिका की रावेन सॉन्डर्स। रविवार को महिला शॉट पुट इवेंट का सिल्वर मेडल जीता। लेकिन इससे पहले ही ये अपने लुक को लेकर चर्चा का विषय बन गईं। पीले और बैगनी बाल और अलग तरह का मास्क पहने इस खिलाड़ी को हल्क (HULK) भी कहते हैं। रावेन सॉन्डर्स का ये पहला ओलंपिक मेडल है। ये तो रही उनके लुक्स और मेडल की। लेकिन इसके पीछे की कहानी उतनी ही भावुक कर देने वाली है। 5वें पायदान पर रहीं थीं सॉन्डर्सवह रियो में पांचवें स्थान पर रही थी और अपने शहर चार्ल्सटाउन के निवासियों को इतना गर्व था कि मेयर ने 17 अगस्त 2016 को रेवेन सॉन्डर्स दिवस के रूप में घोषित किया और परेड ग्राउंड में स्वागत किया था। लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया था उनकी जिंदगी में तब सॉन्डर्स को जिंदगी से आसान मौत लगने लगी थी और वो आत्महत्या के बारे में सोच रहीं थीं। सभी रास्ते बंद नजर आने लगेसॉन्डर्स ने डब्ल्यूएमसी एक्शन न्यूज से बात करते हुए बताया कि पैसे की तंगी थी और स्कूली जीवन आसान नहीं था। चोटों का ढेर लग रहा था और प्रदर्शन गड़बड़ा रहा था। वो कहती हैं, 'मैं छोटी थी, मैं काली था और मैं समलैंगिक थी। फिर वो मिसिसिप्पी चले गए। उनके इर्द गिर्द बहुत सारी बातें चलती रहती थीं जिससे वो दूर होना चाहती थीं। इसके बाद उनको सारे रास्ते बंद नजर आने लगे। सुसाइड करने वालीं थीं एथलीटउस जनवरी की सुबह वह कैंपस जाने के लिए ड्राइव करने वाली थी। उन्होंने द पोस्ट एंड कूरियर से बताया कि मुझे पता था कि मुझे कहीं होना है, लेकिन मैं बस पिछले परिसर में लुढ़क गया और ड्राइविंग और ड्राइविंग करती रही। वो दिमागी रूप से काफी ज्यादा परेशान रहीं और फिर इस दौर को लेकर उन्होंने बताया कि वो सुसाइड करने में सिर्फ 10-15 मिनट ही दूर हैं। किसी को पता भी नहीं चलने दियासॉन्डर्स चाहती थीं कि कोई उनसे बातें करे और उनको समझाए कि ये सब क्या हो रहा है। उनको उस अवसाद से बाहर लेकर आए। इसके बाद उन्होंने डॉक्टर और थेरेपिस्ट से मदद ली। इसके बाद वो इससे जूझतीं रहीं और बाहर निकलीं। बाहर निकलने के बाद वापस उन्होंने नई शुरूआत की। उनके अवसाद के बारे में न उनके कोच जान पाए न ही उनकी मां।

कोहली और रोहित सहित 4 शख्स, जिनसे ऋषभ पंत लेते हैं प्रोफेशनल करियर में सलाह August 01, 2021 at 12:38AM

नई दिल्लीभारतीय स्टार विकेटकीपर ऋषभ पंत मैच विनर के रूप में मशहूर हो चुके हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज जीतों में अहम भूमिका निभाने वाले पंत कहते हैं कि गलतियों से सीखा है, जिससे आगे बढ़ने में मदद मिली है। उन्होंने बीसीसीआई टीवी को दिए बयान में साथ ही बताया कि कौन से वे 4 शख्स हैं, जिनसे वह प्रोफेशनल करियर में सलाह लेते हैं। इस लिस्ट में कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा के अलावा रविचंद्रन अश्विन और कोच रवि शास्त्री हैं। पंत ने कहा कि वह बेहतर खिलाड़ी बनने के लिए सभी शीर्ष क्रिकेटरों से सीख लेने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं रोहित भाई से बहुत बात करता हूं जैसे कि खेल के बारे में कि पिछले मैच में हमने क्या किया और आगे के मैचों में हम क्या कर सकते हैं। मैं अपने खेल में क्या नया जोड़ सकता हूं।’ इस 23 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा, ‘मैं विराट भाई से भी तकनीकी ज्ञान लेता हूं। विशेषकर इंग्लैंड के खेलते हुए विकेट के आगे और पीछे के खेल के बारे में।’ वह बेहतर खिलाड़ी बनने के लिए हर किसी से सीख लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं रवि भाई (शास्त्री) से भी काफी बात करता हूं क्योंकि उन्होंने दुनिया भर में काफी क्रिकेट खेली है। ऐश भाई (अश्विन) जब गेंदबाजी कर रहे होते हैं तो उन्हें पता होता है कि बल्लेबाज के क्या इरादे हैं।’ पंत ने कहा, ‘इसलिए एक बल्लेबाज के तौर पर मैं गेंदबाज से बात कर सकता हूं कि वह क्या सोच रहा है। एक खिलाड़ी के तौर पर मैं हर किसी से सीख लेना चाहता हूं।’ भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को खुशी है कि उन्होंने अपने छोटे अंतरराष्ट्रीय करियर में अभी तक उतार चढ़ाव देखे हैं जिससे उन्हें एक खिलाड़ी के तौर पर निखरने में मदद मिली क्योंकि उन्होंने अपनी गलतियों से सबक लिए। हाल में कोविड-19 से उबरने वाले पंत भारत की तरफ से अपना 22वां टेस्ट मैच उसी मैदान (ट्रेंटब्रिज) पर खेलने के लिए तैयार हैं जिस पर उन्होंने 2018 में लंबा छक्का जड़कर टेस्ट मैचों में अपनी पहली छाप छोड़ी थी।

पीवी सिंधु Vs जियाओ ब्रॉन्ज मेडल मैच आज:चीनी खिलाड़ी को 6 बार हरा चुकीं सिंधु, ब्रॉन्ज जीतीं तो पहलवान सुशील कुमार के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगी August 01, 2021 at 12:24AM

तोक्यो ओलिंपिक से बहुत कुछ सीखा, 25 मीटर सहित तीनों स्पर्धाओं में निशानेबाजी जारी रखूंगी: मनु भाकर July 31, 2021 at 07:32PM

नयी दिल्ली तोक्यो ओलिंपिक में नाकाम रही भारतीय पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर ने ‘नकारात्मकता’ से दूर रहने की कोशिश करते हुए कहा कि वह 25 मीटर सहित तीनो स्पर्धाओं में निशानेबाजी करना जारी रखेगी। उन्होंने वादा किया कि वह अपने पहले ओलिंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन से मजबूत वापसी करेंगी। कोच के साथ विवाद तोक्यो से वापस आने के बाद उन्होंने शनिवार रात को पीटीआई-भाषा से कहा कि पूर्व कोच जसपाल राणा के साथ विवाद के कारण ओलिंपिक के लिए उनकी तैयारियां प्रभावित हुई थी। राणा ने उन्हें 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा से अपना नाम वापस लेने को कहा था। इस 19 साल की निशानेबाज ने यहां इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर कहा, ‘ मैं 25 मीटर स्पर्धा में निशानेबाजी जारी रखूंगी।’ युवा ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता ने कहा कि नकारात्मकता और राणा के साथ उनके विवाद के अलावा हर कीमत पर पदक जीतने की उनकी चाहत से स्थिति और खराब हो गयी। 25 मीटर कॉम्पटीशन में मेरा नाम वापस लेने को कहा गया- भाकर मनु ने कहा कि उनसे बार-बार यह कहा गया था कि 25 मीटर स्पर्धा से अपना नाम वापस ले क्योंकि इसमें उनका ‘स्तर उतना अच्छा नहीं है’ मनु ने म्यूनिख में आईएसएसएफ विश्व कप के दौरान तोक्यो ओलंपिक का यह कोटा हासिल किया था। उन्होंने कहा, ‘हां, नकारात्मकता थी क्योंकि मेरे माता-पिता को भी इस पूरे मामले में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था। नकारात्मकता के कारण ही मुझ से पूछा गया कि भोपाल में (अभ्यास और ट्रायल्स के दौरान) मेरी मां मेरे साथ क्यों हैं और मेरे पिता क्यों साथ हैं?’ मां ने भेजा था संदेश मैंने नहीं- भाकरइसके अलावा कुछ तकनीकी समस्याएं भी थीं , जिनका पूर्व कोच ने ‘समाधान नहीं किया’। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने इस साल मार्च में दिल्ली में आईएसएसएफ विश्व कप के दौरान राणा को कोई संदेश नहीं भेजा था। उन्होंने बताया कि यह संदेश उनकी मां ने भेजा था जो अपनी बेटी को लेकर ‘चिंतित’ थी। मनु के कांस्य पदक जीतने के बाद राणा को संदेश मिला, ‘अब तो मिल गई न तसल्ली’। टी-शर्ट में लिखवा दिया था संदेशराणा इसके बाद अपनी सफेद टी-शर्ट के पीछे इस संदेश को लिख कर करणी सिंह निशानेबाजी परिसर में पहुंच गए, जिसके बाद भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ा। मनु ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए एनआरएआई और उसके अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने खेलों के नजदीक आने के साथ भारत के पूर्व निशानेबाज रौनक पंडित को उनका कोच नियुक्त किया और जो भी समाधान संभव था उसका प्रयास किया। ओलिंपिक के अनुभव से बहुत कुछ सीखा- मनुउन्होंने कहा, ‘एनआरएआई ने इस समस्या के समाधान की पूरी कोशिश की और उन्होंने हमें विश्वास में भी लिया।’ मनु ने कहा कि ओलिंपिक के पहले अनुभव से उन्होंने काफी कुछ सीखा है जो आगे काम आयेगा। उन्होंने कहा, ‘ मुझे निश्चित रूप से बहुत अनुभव प्राप्त हुआ है। उम्मीद है कि इससे मुझे भविष्य में तैयारी और प्रदर्शन में सुधार करने में मदद मिलेगी। मैं युवा हूं और आगे मेरा करियर लंबा है। मैंने इस बार भी पूरी कोशिश की थी।’ उन्होंने कहा कि इस अनुभव से वह भविष्य में मुश्किल परिस्थितियों का बेहतर तरीके से सामना कर पायेंगी।

परिवार सदस्यों ने बताया:105 साल की मान कौर ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के दादा के घर नौकरी की थी,उसी दौरान कैप्टन को गोद में उठाती थी, आज उन्होंने भी भुलाया July 31, 2021 at 11:57PM

मान कौर का इलाज करने वाले आचार्य मनीष ने कहा बिमारी के समय भी वे बुर्जुर्गों के होने वाले ऑलंपिक में जाने को लेकर उत्साहित थी

किसान की ओलिंपियन बेटी कमलप्रीत की कहानी:पंजाब के गांव मुक्तसर से निकलकर शाकाहार के दम पर पाया मुकाम; बड़े संस्थानों में दाखिला नहीं मिला तो स्कूल के स्टेडियम में की प्रैक्टिस July 31, 2021 at 10:01PM

ओलिंपिक की स्पेशल ट्रैक: इस बार खास रबर का हुआ इस्तेमाल, अंदर से हैं एयर बबल्स July 31, 2021 at 08:02PM

तोक्यो जमैका की धाविका इलेन थॉम्पसन-हेरा ने महिलाओं की 100 मीटर फर्राटा दौड़ में शनिवार को फ्लोरेंस ग्रिफिथ जॉयनर की 33 साल पुराने ओलिंपिक रिकॉर्ड को तोड़ कर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। खेलों के जानकार इसका श्रेय थॉम्पसन-हेरा की मेहनत के साथ ओलिंपिक स्टेडियम की ट्रैक (दौड़ने वाली सतह) को भी दे रहे है, जिनका मानना है कि इस शानदार ट्रैक के कारण तोक्यो खेलों में अगले कुछ दिनों में एथलीट व्यक्तिगत, ओलंपिक और संभवत: विश्व-रिकॉर्ड भी कायम कर सकते हैं। इस ट्रैक को मोंदो कंपनी ने तैयार कियालाल-ईंट जैसी रंगों वाली इस ट्रैक को मोंदो कंपनी ने तैयार किया है। यह कंपनी 1948 से अस्तित्व में है और उसने अब तक 12 ओलिंपिक खेलों में ट्रैक का निर्माण किया है। कंपनी के अनुसार यह विशेष सतह, तीन-आयामी रबर के कणिकाओं (ग्रेनुएल्स) से बनी है जिसे विशेष ‘वल्केनाइजेशन प्रक्रिया’ से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा, ‘वल्केनाइजेशन प्रक्रिया में कणिकाओं और आसपास के पदार्थ के बीच मजबूत जोड़ बनाता है जिससे एक ठोस परत का निर्माण होता है।’ अंदर से हैं एयर बबल्सकंपनी ने बताया कि इसकी ऊपरी सतह में लचीलापन है और अंदर के सतह में एयर बबल्स (हवा) है , जो खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है। अमेरिका के 100 मीटर के फर्राटा धावक रोनी बाकेर ने इस सतह के बारे में कह, ‘इस पर ऐसा लगता है जैसे की मैं बादलों में चल रहा हूं। यह वास्तव काफी शानदार है। यह एक बेहतरीन ट्रैक है। मै जितने भी ट्रैक पर दौड़ा हूं, यह उसमें सर्वश्रेष्ठ है।’ कायम हो सकते हैं नए विश्व रेकॉर्डइस ट्रैक पर तोक्यो की गर्मी का भी असर हो रहा है। अमेरिका के 800 मीटर के धावक क्लेटोन मर्फी ने कहा, ‘‘ हां, यह काफी तेज है। यहां जीतने के लिए विश्व रिकॉर्ड कायम करना होगा। इस ट्रैक को अगस्त 2019 से नवंबर तक के चार महीने में तैयार किया गया था। दक्षिण अफ्रीकी स्प्रींटर अकानी सिंबिने ने कहा, ‘‘आप इसे महसूस कर सकते है। आपको पता होता है कि तेज ट्रैक कैसा होता है और हम लोगों के लिए यह ट्रैक काफी तेज है। मैं इस पर दौड़ने का इंतजार कर रहा हूं।’’ एथलीटों के जूते भी हैं कारणथॉम्पसन-हेरा ने 10.61 सेकंड का समय लिया जो ग्रिफिथ जॉयनर के 1988 सियोल ओलिंपिक (1988) में बनाये 10.62 सेकंड के रिकॉर्ड से बेहतर है। इसके अलावा नार्वे के कार्सटन वारहोल्म ने पुरुषों के 400 मीटर बाधा दौड़ में 46.70 सेकंड के समय के साथ 1992 ओलिंपिक में कायम रिकॉर्ड को तोड़ा। कई जानकार हालांकि इसका श्रेय एथलीटों के जूतों को भी दे रहे है। थॉम्पसन-हेरा से जब उनके प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा , ‘इसका श्रेय अभ्यास को जाता है। ट्रैक और जूते से कोई खास फर्क नहीं पड़ा।’

ओलिंपिक में टूटा कोरोना नियम: दो सिल्वर मेडलिस्ट समेत छह बाहर किए गए July 31, 2021 at 09:22PM

तोक्योकोरोना काल में बेहद विषम हालातों के बीच खेले जा रहे ओलिंपिक खेलों में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं हो सकती। नियमों को तोड़ने वाले खिलाड़ी, स्टाफ और अन्य को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। ऐसा ही वाकया बीते दिन हुआ। तोक्यो ओलिंपिक आयोजनकर्ताओं ने कहा कि कोविड संक्रमण से बचाव के लिए बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने वाले छह लोगों को बाहर कर दिया है, जिनमें जॉर्जिया के दो रजत पदक विजेता शामिल हैं। खेलों के मुख्य कार्यकारी तोशिरो मूतो ने कहा कि जॉर्जिया के दो जूडो खिलाड़ी बाहर घूमने चले गए जो ओलिंपिक में स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल संबंधी प्लेबुक का उल्लंघन है। वाजा एम और लाशा एस को मंगलवार को उनकी प्रतिस्पर्धा खत्म होने के बाद तोक्यो टावर के पास देखा गया। मूतो ने कहा कि जॉर्जिया दूतावास ने इसके लिए माफी मांगी है। बाकी चार में ब्रिटेन और अमेरिका के ठेकेदार शामिल हैं जो ओलिंपिक शुरू होने से पहले कथित तौर पर कोकीन के सेवन के दोषी पाए गए।