Monday, December 30, 2019

साल 2019: पेसर्स के 'पंच' ने भारतीय टीम को बनाया दमदार December 30, 2019 at 08:59PM

पार्थ भादुड़ी, नई दिल्ली भारतीय क्रिकेट टीम के लिए साल 2019 बहुत शानदार रहा। बेशक, हर चीज टीम इंडिया के पक्ष में नहीं गई- किसी के भी नहीं जाती- लेकिन 2019 कुल मिलाकर टेस्ट के मंच पर भारत के प्रभुत्व का साल रहा। टीम ने घरेलू मैदान पर रेकॉर्ड लगातार चार बार पारी के अंतर से जीत हासिल की। यह इतना सामान्य लगने लगा था कि कई बार दर्शकों को भी अजीब लगने लगता। भारत ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाला पहला एशियाई देश बना। टीम का जीत का औसत 87.5 रहा और उसने एक भी टेस्ट मैच नहीं हारा। इसके बाद अगले नंबर पर ऑस्ट्रेलिया रही जिसने 66.6 प्रतिशत मैच जीते। भारतीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन में जो निरंतरता नजर आ रही है वह किसी भी खेल टीम का एक सपना हो सकती है। इस कामयाबी ने आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप में भारत को एक मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है। टीम इंडिया इसमें टॉप पर है। गौरतलब है कि कप्तान खुद भी टेस्ट चैंपियनशिप को काफी पसंद करते हैं। पूरे दशक में सभी प्रारूपों में भारत की जीत का औसत 60.82 रहा। टीम ने 462 में से 281 मैच जीते। टीम की कामयाबी का बड़ा श्रेय तेज गेंदबाजों को जाता है। इस साल की कामयाबी बीते पांच साल से बोलिंग यूनिट को नए सिरे से तैयार करने की कोशिश का परिणाम है। इस साल में टेस्ट टीम के चरित्र के एक प्रगति देखी गई। इसकी शुरुआत दशक के मध्य में विराट कोहली द्वारा टेस्ट टीम की कमान संभालने के बाद से हुई थी। टीम इंडिया जो पहले मैच बचाने, सीमित हथियार और शायद नए विचारों की कमी से जूझती नजर आती थी, को धीरे-धीरे बोल्ड फैसले लेने और नतीजे की ओर जाने वाली टीम में बदलती चली गई। एक हैरानी की बात यह रही कि ऐसा नहीं कि पूरी टीम बदल गई हो सिवाय एक केक आने से- लेकिन उन्होंने ही बीते दशक के आखिरी दो साल में भारतीय टीम का रूप बदलने में महती भूमिका निभाई। जनवरी 2018- जब बुमराह ने अपने डेब्यू किया के बाद भारतीय पेसर्स ने 22 टेस्ट मैचों में 20.74 के औसत से 274 विकेट लिए हैं। एक पारी में सबसे ज्यादा बार पांच विकेट (14) भी टीम इंडिया की पेस बैटरी ने ही झटके हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया (11) है। जबसे बुमराह ने डेब्यू किया उनका स्ट्राइक रेट (30.4), औसत (13.19), इकॉनमी (2.59) सभी गेंदबाजों से बेहतर रहा है। उनके नाम सबसे ज्यादा टी20 इंटरनैशनल विकेट (42 मैचों में 51) और सर्वश्रेष्ठ इकॉनमी (6.71), वनडे में भी उनका बेस्ट ऐवरेज (21.88) और इकॉनमी (4.49) भी अपने डेब्यू के बाद सभी से बेहतर रही है। दशक का अंत आते-आते बुमराह ने भारतीय क्रिकेट को बदल दिया। वह अलग हैं, उनके पास वैरायटी है और समय के आगे की क्रिकेटीय सोच है। और इन सबको बैक करने के लिए उनके पास जबर्दस्त पेस है। लेकिन जैसाकि उनके करियर की शुरुआत में ही अंदेशा जताया गया था कि उनका यूनीक ऐक्शन ही उनके लिए परेशानी का सबब बन रहा है। टीम प्रबंधन को शायद बुमराह को काफी संभालकर इस्तेमाल करना होगा। एक अन्य तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी 2019 में दो प्रारूपों में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। अपने करियर में उन्होंने दूसरी बार ऐसा किया है। उन्होंने इस साल वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान के खिलाफ हैटट्रिक ली। वह वर्ल्ड कप में हैटट्रिक लेने वाले भारत के दूसरे गेंदबाज बने। कोहली की कप्तानी में शमी काफी निखरकर आए हैं। उन्होंने 37 टेस्ट मैचों में 137 विकेट लिए हैं। उनका स्ट्राइक रेट 46.2 का रहा है। यह इस दौरान सभी तेज गेंदबाजों के मुकाबले सबसे अच्छा है। विदेशों में भी उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और 25.87 के स्ट्राइक रेट से 86 विकेट लिए हैं। इस बीच अपने अनुभव का बखूबी इस्तेमाल किया है। वह टीम में अपनी भूमिका को अब बेहतर समझते हैं। ईशांत की ही तरह उमेश ने भी अपनी लैंथ और पेस पर काफी काम किया है। इन पेसर्स ने टीम इंडिया की बोलिंग अटैक के अगुआ रहे स्पिनर्स और काफी हद तक बल्लेबाजों से फोकस शिफ्ट किया है। 2019 में भारत में खेले गए पांच टेस्ट मैचों में भारतीय पेसर्स ने 59 विकेट लिए जबकि स्पिनर्स को 37 विकेट मिले। पेसर्स का औसत 15.25 का रहा और स्पिनर्स का 28.23 का। स्ट्राइक रेट का अंतर भी काफी हैरानी भरा रहा- स्पिनर्स को जहां हर 60.6 गेंद बाद विकेट मिला वहीं पेसर्स ने एक विकेट के लिए 30.3 गेंद खर्च कीं। बल्लेबाजी की बात करें तो ने हर प्रारूप में धमाल किया। मयंक अग्रवाल ने अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी साउथ अफ्रीका के खिलाफ लगाई और बांग्लादेश के खिलाफ दोहरा शतक जड़ा। उनके खेल ने टीम इंडिया को एक लॉन्ग टर्म ओपनर की उम्मीद दी है। विराट कोहली- इस दशक में सभी प्रारूपों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। वहीं टेस्ट में वह ऐलिस्टर कुक और जो रूट के बाद तीसरे नंबर पर रहे। वह तेंडुलकर के रेकॉर्ड के काफी करीब पहुंच गए हैं। आईसीसी टूर्नमेंट में हार-जीत के औसत के लिहाज से भी भारत के लिए साल काफी अच्छा रहा। हालांकि टीम तीन बार सेमीफाइनल और दो बार फाइनल में हारी। टीम को सिर्फ एक आईसीसी ट्रोफी- 2011 वर्ल्ड कप- ही इस दशक में मिली। इस साल मार्टिन गप्टिल के डायरेक्ट थ्रो ने महेंद्र सिंह धोनी की किस्मत को भी बदला। धोनी तेज भागे लेकिन क्रीज तक नहीं पहुंच पाए। और आखिर में निराश मन के साथ मैदान से बाहर गए। उसके बाद से वह क्रिकेट के मैदान पर नहीं दिखे हैं। क्या नहीं हुआ- टीम को वनडे इंटरनैशनल में कोई नंबर चार बल्लेबाज निश्चित रूप से अभी नहीं मिला। वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में जब, टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी, दुनिया के टॉप तीन बल्लेबाज प्रदर्शन नहीं कर पाए और इससे कोहली के निराशानजनक 30 मिनट की बात शुरू हुई। और लोढ़ा पैनल के बाद क्या होगा, इस पर अभी पूरी तरह तस्वीर साफ नहीं है। इन सवालों के जवाब भी अगल साल तलाशने होंगे।

अश्विन ने फैंस के सवाल पर कहा- आईपीएल में जो भी क्रीज पार करेगा, वह मांकड़िंग आउट होगा December 30, 2019 at 08:07PM

खेल डेस्क. गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन से सोमवार को ट्विटर पर एक प्रशंसक आकाश ने पूछा कि आईपीएल 2020 में किस बल्लेबाज को मांकड़िंग रन आउट करेंगे? इस पर अश्विन ने कहा कि जो भी क्रीज पार करेगा, मांकड़िंग आउट होगा। किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से खेलते हुए अश्विन ने 25 मार्च 2019 को राजस्थान रॉयल्स के जोस बटलर को ऐसे ही आउट किया था। हालांकि, इस पर उनकी आलोचना हुई थी। रन अप के बाद और बॉल फेंके जाने से पहले नॉन स्ट्राइक एंड की क्रीज छोड़ने पर बल्लेबाज को रन आउट करना मांकड़िंग कहलाता है।

7 साल पहले श्रीलंका के खिलाफ हुए एक मैच में भी उन्होंने लाहिरू थिरिमाने को इसी तरह आउट किया था, लेकिन सचिन तेंदुलकर ने अपील वापस ले ली थी।अश्विन आईपीएल 2020 में दिल्ली कैपिटल्स की ओर से खेलेंगे।

ऋद्धिमान को 2 बार ऐसे ही आउट करना चाहा
30 अप्रैल को भी अश्विन ने हैदराबाद के बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा को दो बार ‘मांकडिंग’ तरीके से आउट करने की कोशिश की थी, लेकिन नाकाम रहे। तब अंपायर एस. रवि ने अश्विन को समझाइश भी दी थी।

वीनू मांकड़ की वजह से नाम पड़ा ‘मांकड़िंग’
बात 13 दिसंबर 1947 की है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक टेस्ट मैच के दौरान भारत के वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलिया के विल ब्राउन को इसी तरह से आउट किया था। इसके बाद से वीनू के सरनेम के आधार पर यह तरीका ‘मांकडिंग’ कहलाया। क्रिकेट में यह नियम लागू तो होता है, लेकिन राय बंटी हुई है। कुछ जानकार और पूर्व खिलाड़ी इसके पक्ष में हैं तो कुछ का कहना है कि बल्लेबाज को आउट करने का यह तरीका खेल भावना के विपरीत है।



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किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान आर अश्विन ने 25 मार्च को राजस्थान रॉयल्स के जोस बटलर को मांकड़िंग आउट किया था।

2023 से 4 दिवसीय टेस्ट की तैयारी, 2 साल में 60% मैच 5 से कम दिन में खत्म; गांगुली बोले- अभी कुछ कहना जल्दबाजी December 30, 2019 at 06:26PM

खेल डेस्क. टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बनाने के लिए आईसीसी अब 5 की जगह 4 दिन के टेस्ट मैच कराने पर विचार कर रहा है। जानकारी के अनुसार इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) अगले साल इस संबंध में अन्य बोर्ड के अधिकारियों के साथ चर्चा करने जा रही है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि पिछले दो साल में 60% टेस्ट के रिजल्ट चार या कम दिन में ही आ गए। 2018 से 2019 के बीच 87 टेस्ट हुए। 52 मैच चार या कम दिन में ही खत्म हो गए। 2023 से टेस्ट चैंपियनशिप से इसे लागू किया जा सकता है। लेकिन सभी देशों के राजी होने की संभावना कम है। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हम प्रपोजल देखकर ही कोई फैसला लेंगे।

हर देश में टी20 लीग के कारण भी टेस्ट के दिन में कटौती की बात चल रही है। 2015 से 2023 के कैलेंडर को देखें तो अगर पांच की जगह चार दिन के टेस्ट होते तो 335 दिन बच जाते, जो काफी महत्वपूर्ण है। इससे टेस्ट सीरीज की संख्या भी बढ़ जाती। चार दिन के टेस्ट से विभिन्न देश के बोर्ड और ब्रॉडकास्टर के रेवेन्यू में भी काफी बढ़ोतरी होगी। पिछले दिनों भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मैचों की सीरीज 20 दिन में खेली गई। अगर टेस्ट चार दिन के होते तो पांच मैच हो जाते।

हर दिन खेल आधे घंटे बढ़ेगा, सिर्फ 58 ओवर का ही खेल कम होगा
चार दिवसीय टेस्ट के मुकाबले गुरुवार से रविवार के बीच आयोजित करने की तैयारी है। वीकेंड में फैंस बड़ी संख्या में मैच देखने आ सकेंगे। गोल्फ के अलावा कई अन्य खेलों के मेजर टूर्नामेंट इसी दिन होते हैं। नियम के अनुसार हर दिन 90 की जगह 98 ओवर का खेल होगा। हर दिन छह की जगह साढ़े छह घंटे का खेल होगा। यानी चार दिन के टेस्ट से सिर्फ 58 ओवर का खेल कम होगा और पूरा एक दिन बचेगा।

हर मैदान में फ्लड लाइट जरूरी की जाएंगी, जिससे देर तक चल सकें मैच
हर दिन आधे घंटे का खेल बढ़ने से मैच का शेड्यूल बदला जाएगा। ऐसे में मैच देर शाम तक चलेगा। ऐसे में आईसीसी मैच के लिए फ्लड लाइट का होना अनिवार्य कर सकती है। ताकि लाइट में बचे ओवर फेंके जा सके। अभी टेस्ट में रेड बॉल से फ्लड लाइट में खेलने के लिए दोनों टीमों की सहमति जरूरी होती है।

सबसे लंबा टेस्ट 12 दिन तक चला था
टेस्ट इतिहास का सबसे लंबा मैच 1939 में दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच डरबन में खेला गया था। उस समय मैच तब तक चलते थे, जब तक रिजल्ट नहीं आ आता था। 3 मार्च को शुरू हुआ टेस्ट 14 मार्च तक चला था। दो दिन रेस्ट था। बारिश के कारण एक दिन का खेल नहीं हो सका था। दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 530 जबकि दूसरी पारी में 481 रन बनाए थे। इंग्लैंड ने पहली पारी में 316 रन बनाए थे। दूसरी पारी में टीम ने 5 विकेट पर 654 रन बनाए थे। मैच एक दिन और नहीं बढ़ाया गया क्योंकि इंग्लैंड की टीम देश लौटने के लिए बोट नहीं पकड़ पाती।

ऑस्ट्रेलिया 4 दिन के पक्ष में, अगले साल से शुरुआत
क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) के सीईओ केविन रॉबर्टसन ने कहा, 'चार दिनों के टेस्ट को लेकर हमें गंभीरता से विचार करना होगा। हमें पिछले पांच से 10 साल के अंतराल में टेस्ट मैच के रिकॉर्ड को देखना होगा। उन्होंने कहा, 'हमें इस बात पर गौर करना होगा, जो भविष्य के लिए जरूरी है। हम 12 से 18 महीने में कोई फैसला करेंगे और यह 2023 से 2031 के कैलेंडर में शामिल होगा। हम आईसीसी सदस्यों के साथ बात कर रहे हैं। यह चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम इसे करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।' 2020 में ऑस्ट्रेलिया घर में अफगानिस्तान से 4 दिन का टेस्ट खेलेगा। इंटरनेशनल प्लेयर्स फेडरेशन फिका के हेड टोनी आयरिश ने कहा, 'चार दिन के टेस्ट के दो मायने हैं। यह कैलेंडर और कार्यक्रम से दबाव को कम करेगा। लेकिन जो समय बचेगा उसमें नए टूर्नामेंट को शामिल किया जाएगा। ऐसे में नए कैलेंडर को सरल होना चाहिए।'

2017 में 48 फीसदी मैच 4 दिन में खत्म हुए
2017 की बात करें तो 46 में से 22 मैच चार या कम दिन में खत्म हो गए। यानी 48 फीसदी। 2018 में 56 फीसदी जबकि 2019 में करीब 64 फीसदी टेस्ट 4 दिन में खत्म हो गए। इस कारण भी टेस्ट मैच के दिन कम किए जाने की बात चल रही है। भारतीय टीम ने घर में 2018 से अब तक 8 टेस्ट घर में खेले हैं। इनमें से सिर्फ एक टेस्ट 5वें दिन तक चला। अन्य 7 टेस्ट चार या उससे कम दिन में खत्म हो गए। द. अफ्रीका में 12 में से 11 मैच चार दिन में खत्म हुए। श्रीलंका में 7 में से 6, विंडीज में 9 में से 7 टेस्ट 4 दिन में पूरे हुए।

1980-99 के बीच सिर्फ 28% मैच 4 दिन चले
1980 से 1999 के बीच खेले गए 613 टेस्ट की बात करें तो सिर्फ 169 मैच चार या कम दिन में खत्म हुए। यानी सिर्फ 28%। वहीं, 2000 से 2019 के बीच आंकड़े देखें तो 897 मैच में से 392 मैच चार या कम दिन में खत्म हुए। 44 फीसदी। 2005 से टी20 के शुरू होने के बाद बल्लेबाजों का स्ट्राइक रेट बढ़ा है। इस कारण तेजी से रन तो बने लेकिन विकेट भी गिरे। 1980-99 के बीच टीम का औसत स्ट्राइक रेट 42 था। यानी 100 गेंद पर 42 रन बनने थे। 2000-19 के बीच स्ट्राइक रेट 51 हो गया।

रोमांच बढ़ाने 2015 से डे-नाइट टेस्ट शुरू हुए
टेस्ट को बढ़ावा देने के लिए आईसीसी ने पहले भी कई बदलाव किए हैं। 2015 में डे-नाइट टेस्ट की शुरुआत हुई। डे-नाइट टेस्ट पिंक बॉल से खेला जाता है। टीम इंडिया ने इस साल नवंबर में पहली बार डे-नाइट टेस्ट बांग्लादेश के खिलाफ खेला। ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा 7 टेस्ट खेले हैं और सभी में उसे जीत मिली है। अब तक 10 टीमों ने डे-नाइट टेस्ट खेले हैं। 7 को जीत मिली है। विंडीज, बांग्लादेश और जिम्बाब्वे ने एक भी मैच नहीं जीता है। टेस्ट की जर्सी भी बदली गई है। जर्सी पर अब नाम लिखा होता है।



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बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा- हम आईसीसी के प्रपोजल को देखकर ही कोई फैसला लेंगे। -फाइल फोटो

दुनिया की सबसे कठिन रेस में से एक, ऑस्ट्रेलिया की टीम ओवरऑल चैम्पियन बनी December 30, 2019 at 06:22PM

खेल डेस्क. ऑस्ट्रेलिया की सिडनी-होबार्ट यॉट रेस बॉक्सिंग डे पर शुरू हुई। इसे दुनिया की सबसे कठिन यॉट रेस में से एक माना जाता है। 1170 किमी की इस रेस में ऑस्ट्रेलिया की यॉट इची बेन ओवरऑल चैम्पियन बनी। इची बेन यॉट ने दूसरी बार टेटरसेल कप जीता। टीम हेंडीकेप विनर भी बनी। हेंडीकेप यानी सेलिंग कैटेगरी में टीम ने रेस जीती।

इची बेन यॉट ने रेस दो दिन 6 घंटे 18.05 मिनट में पूरी की। ऑस्ट्रेलिया की कोमांचे यॉट ने लाइन ऑनर्स कैटेगरी में तीसरी बार टाइटल जीता। इस यॉट ने एक दिन 18 घंटे 30.24 मिनट में रेस पूरी की। लाइन ऑनर्स कैटेगरी का मतलबकिसी यॉट रेस में जो यॉट सबसे पहले फिनिश लाइन क्रॉस करती है, वह जीत जाती है।

  • सिडनी-होबार्ट यॉट रेस का दायरा 1170 किमी
  • रेस दो दिन 6 घंटे 18.05 मिनट में पूरी हुई
  • कोमांचे यॉट ने एक दिन 18 घंटे 30.24 मिनट में रेस पूरी की


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इची बेन यॉट ने रेस दो दिन 6 घंटे 18.05 मिनट में पूरी की।

रोनाल्डो को रिकॉर्ड छठी बार ग्लोब सॉकर अवॉर्ड, लूसी ब्रॉन्ज सर्वश्रेष्ठ महिला फुटबॉलर December 30, 2019 at 05:36PM

खेल डेस्क. पुर्तगाल के स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो को दुबई में ग्लोब सॉकर अवॉर्ड मिला। वे रिकॉर्ड छठी बार इस अवॉर्ड में सर्वश्रेष्ठ पुरुष फुटबॉलर चुने गए। युवेंटस के रोनाल्डो ने 9 साल में छठी बार अवॉर्ड जीता। उन्हें लगातार चौथी बार यह अवॉर्ड मिला। वहीं, इंग्लैंड की लूसी ब्रॉन्ज सर्वश्रेष्ठ महिला फुटबॉलर बनीं। लिवरपूल के जुर्गेन क्लोप सर्वश्रेष्ठ मैनेजर रहे।

रोनाल्डो इस साल बेलेन डि ओर में लियोनेल मेसी और वर्जिल वान डिक के बाद तीसरे नंबर पर रहे थे। 34 साल के रोनाल्डो ने 2018-19 में युवेंटस को सीरी ए चैंपियन बनाया था। रोनाल्डो ने कहा, ‘‘मैं परिवार, गर्लफ्रेंड, बच्चों, अपने फैंस, एजेंट और दुबई को धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने हमेशा मुझे सपोर्ट किया।’’

अन्य अवॉर्ड विनर
बेस्ट क्लब: लिवरपूल, बेस्ट कोच: जुर्गेन क्लोप (लिवरपूल), बेस्ट गोलकीपर: एलिसन बेकर (लिवरपूल, ब्राजील), बेस्ट रिविलेशन प्लेयर: जोआओ फेलिक्स (एटलेटिको मैड्रिड, पुर्तगाल), बेस्ट महिला खिलाड़ी: लूसी ब्रॉन्ज (इंग्लैंड)।



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पुर्तगाल के स्ट्राइकर क्रिस्टियानो रोनाल्डो (बाएं) को दुबई में ग्लोब सॉकर अवॉर्ड मिला।

तस्वीरों में भारत की 10 सफलताएं: टीम इंडिया वर्ल्ड कप जीती, बैडमिंटन में सिंधु तो बॉक्सिंग में मैरीकॉम ने रिकॉर्ड बनाए December 30, 2019 at 04:17PM

खेल डेस्क.इस दशक की शुरुआत में भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की। भारत को रिकॉर्ड 102 पदक हासिल हुए। इससे पहले कभी भी उसने 100 पदक नहीं जीते थे। वहीं, 2011 में भारतीय टीम 28 साल बाद वनडे क्रिकेट की चैम्पियन बनी। 2013 में चैम्पियन ट्रॉफी भी जीती। उसके अगले साल कॉमनवेल्थ गेम्स में भी भारत का बेहतरीन प्रदर्शन रहा। 2015 में महिला हॉकी टीम 36 साल बाद ओलिंपिक का टिकट हासिल करने में सफल रही तो 2019 में पीवी सिंघु वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप जीत गईं। मैरीकॉम ने वर्ल्ड बॉक्सिंग में रिकॉर्ड आठवीं बार पदक अपने नाम की। पिछले 10 सालों में खेलों की दुनिया से भारत के लिए कई बेहतरीन तस्वीरें सामने आईं। ऐसी ही 10 झलकियां...

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Sports News Review In Photos 2019; MS Dhoni, PV Sindhu, MC Mary Kom, Indian Women Hockey team

भारत के 8 पुरुष मुक्केबाज क्वालिफायर्स के लिए चीन जाएंगे, विकास कृष्ण ने फाइनल में दुर्योधन को हराया December 29, 2019 at 11:12PM

खेल डेस्क. भारत के 8 पुरुष मुक्केबाज ओलिंपिक क्वालिफायर्स के लिए अगले महीने चीन जाएंगे। ट्रायल्स के दूसरे दिन सोमवार को तीन मुक्केबाजों ने चीन का टिकट कटाया। इसमें दो ओलिंपिक खेल चुके विकास कृष्ण के अलावा गौरव सोलंकी (57 किलो) और नमन तंवर (91 किलो) शामिल हैं। वहीं,अमित फंघल (52 किलो), मनीष कौशिक (63 किलो), आशीष कुमार (75 किलो), सचिन कुमार (81 किलो), सतीश कुमार (+91 किलो) का नाम भी है। टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफायर मुकाबले चीन के वुहान में 3 से 14 फरवरी तक खेले जाएंगे।

विकास ने सोमवार को 69 किलो भार वर्ग के फाइनल मेंदुर्योधन सिंह नेगी को 9-0 से हराया। एशियन गेम्स में मेडल जीत चुके विकास लंबे वक्त से 75 किलो वर्ग में लड़ रहे थे। लेकिन पीठ की चोट से उबरने के बाद उन्होंने 69 किलो वर्ग में वापसी की है। गौरव सोलंकी ने फाइनल ट्रायल्स में मोहम्मद हुसामुद्दीन को 7-2 से जबकितंवर ने नवीन कुमार को 6-3 से हराया।

रविवार को आशीष और सतीश ने फाइनल ट्रायलमुकाबले जीते थे

इससे पहले रविवार को ट्रायल्स में एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर जीतने वाले आशीष (75 किलो वर्ग) ने अंकित खटाना को 9-0 से हराया था। खटाना ने हाल ही में दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता था। वहीं, कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड जीत चुके सतीश ने नरेंदर को 6-3 से हराया। इनके अलावा सचिन कुमार ने भी 81 किलो वर्ग में ब्रिजेश यादव को हराकर ओलिंपिक क्वालिफायर्स के लिए जगह पक्की की।

मैरीकॉम ने शनिवार कोट्रायल्स में निखत को 9-1 से हराया था
शनिवार को बॉक्सर एमसी मैरीकॉम ने निखत जरीन को 51 किलोग्राम भार वर्ग के ट्रायल मुकाबले में 9-1 से हराकर ओलिंपिक क्वालफायर्स में स्थान पक्का किया था। निखत और मैरीकॉम के बीच यह तीसरा मुकाबला था। निखत इस साल के मई में इंडिया ओपन के सेमीफाइनल में मैरीकॉम से भिड़ी थीं। इससे पहले साल 2016 में साउथ एशियन गेम्स की ट्रायल में दोनों के बीच मुकाबला हुआ था। दोनों मुकाबला मैरीकॉम के पक्ष में रहा था।



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विकास ने फाइनल ट्रायल में दुर्योधन को 9-0 से हराया।

कोहली विजडन की दशक की टी20 टीम में, धोनी को नहीं मिली जगह December 29, 2019 at 09:40PM

लंदनभारतीय कप्तान और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को विजडन ने दशक की टी20 अंतरराष्ट्रीय टीम में शामिल किया है लेकिन इस टीम में जगह नहीं बना पाए। ऑस्ट्रेलिया के सीमित ओवरों के कप्तान आरोन फिंच को टीम का कप्तान बनाया गया है जिसमें दो अन्य ऑस्ट्रेलियाई शेन वॉटसन और ग्लेन मैक्सवेल, इंग्लैंड के जोस बटलर और डेविड विली, अफगानिस्तान के ऑलराउंडर और राशिद खान, न्यू जीलैंड के कोलिन मुनरो और श्रीलंका के लसिथ मलिंगा शामिल हैं। विजडन ने कोहली के बारे में लिखा है, ‘कोहली का घरेलू टी20 रेकॉर्ड उतार-चढ़ाव वाला रहा है लेकिन टी20 अंतरराष्ट्रीय में ऐसा नहीं कहा जा सकता है। कोहली का औसत 53 है जो दशक में सर्वश्रेष्ठ है और जबकि उनकी निरंतरता उनके स्ट्राइक रेट से थोड़ा समझौता करती है, तब भी वह असाधारण नहीं लेकिन अच्छी दर से स्कोर बनाने में सक्षम हैं।’ विजडन ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, ‘तेज और स्पिन गेंदबाजी के सामने दमदार और विकेटों के बीच तेज दौड़ के कारण कोहली नंबर तीन के आदर्श खिलाड़ी हैं जो शुरू में विकेट गिरने के बाद तीक्ष्ण गेंदबाजी का डटकर सामना करके पारी संवारने में सक्षम हैं लेकिन साथ ही अच्छी शुरुआत मिलने पर तेजी से रन बना सकते हैं। पहले विकेट के लिए बड़ी साझेदारी होने पर कोहली इस एकादश के बल्लेबाजी क्रम में नीचे आएंगे।’ कोहली को विजडन ने दशक के पांच खिलाड़ियों में शामिल किया था। इनमें स्टीव स्मिथ, डेल स्टेन, एबी डि विलियर्स और एलिस पैरी भी शामिल थे। कोहली को जहां विजडन की दशक की टी20 टीम में बल्लेबाजों में जगह मिली है वहीं गेंदबाजों में बुमराह अपने शानदार ‘इकॉनमी रेट’ और डेथ ओवरों की बेहतरीन गेंदबाजी के कारण अंतिम एकादश में स्थान बनाने में सफल रहे। विजडन ने लिखा है, ‘बुमराह का ओवरऑल इकोनोमी रेट 6.71 है जो विश्व के तेज गेंदबाजों में डेल स्टेन के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ है। यह आंकड़ा तब और प्रभावशाली लगता है जब आप इस पर गौर करो कि उन्होंने अधिकतर गेंदबाजी डेथ ओवरों में की जहां उनका 7.27 का इकोनोमी रेट विश्व में सातवां सर्वश्रेष्ठ और तेज गेंदबाजों में सर्वश्रेष्ठ है। बुमराह अपनी टीम के लि तीन ओवर डेथ ओवरों में करते रहे हैं।’ भारत की 2007 की टी20 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान धोनी इस ऑलस्टार टीम में जगह नहीं बना पाने वाले प्रमुख खिलाड़ी हैं। विजडन की दशक की टी20 अंतरराष्ट्रीय टीम इस प्रकार है : आरोन फिंच (कप्तान), कोलिन मुनरो, विराट कोहली, शेन वाटसन, ग्लेन मैक्सवेल, जोस बटलर, मोहम्मद नबी, डेविड विलीद, राशिद खान, जसप्रीत बुमराह, लसिथ मलिंगा।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बोले- बांग्लादेश पर भारत का दबाव, इसलिए वो टीम पाकिस्तान नहीं भेज रहा December 29, 2019 at 10:07PM

खेल डेस्क. बांग्लादेश क्रिकेट टीम ने जनवरी-फरवरी में होने वाला पाकिस्तान दौरा करीब-करीब रद्द कर दिया है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) अब किसी भी वक्त इसकी औपचारिक घोषणा कर सकता है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान ने इसे सियासी रंग देना शुरू कर दिया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने साफ तौर पर कहा- बांग्लादेश ने भारत के दबाव में यह दौरा रद्द किया है। बता दें कि करीब दो महीने पहले ही बीसीबी ने साफ कर दिया था कि वो पाकिस्तान में सिर्फ तीन टी20 खेलेंगे। टेस्ट मैच न्यूट्रल वेन्यू पर होने चाहिए।

पीसीबी की नई मुश्किल
रविवार को मीडिया से बातचीत में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा- हमारे पास जो जानकारी है उसके मुताबिक, बांग्लादेश पर भारत का बहुत दबाव था। इसलिए उन्होंने अपनी राष्ट्रीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान भेजने से इनकार किया। श्रीलंका कुछ दिनों पहले हमारे मुल्क में आकर खेली। हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं। अगर श्रीलंका को सुरक्षा संबंधी कोई दिक्कत नहीं हुई तो बांग्लादेश को क्या परेशानी है? जाहिर तौर पर भारत उन पर दबाव डाल रहा है। वैसे, कुरैशी कुछ भी कहें बांग्लादेश बोर्ड और सरकार साफ कर चुकी हैं कि उनके कई प्लेयर्स और सपोर्ट स्टाफ पाकिस्तान दौरा नहीं करना चाहते।

आसान नहीं पाकिस्तान में टेस्ट क्रिकेट खेलना
बांग्लादेश के एक टेस्ट खिलाड़ी ने नाम न छापने की शर्त पर ‘द डेली स्टार’ से कहा- टी20 मैच कुछ घंटे में खत्म हो जाता है। हमें वहां दो टेस्ट मैच खेलने हैं। इनके बीच कुछ दिनों का अंतर भी रहेगा। हम इतना वक्त पाकिस्तान में नहीं गुजार सकते। इसके पहले बीसीबी प्रेसिडेंट नजमुल हसन ने भी कहा था- हम टी20 भेजने में परेशानी महसूस कर रहे हैं। कुछ खिलाड़ियों के परिवार नहीं चाहते कि ये प्लेयर पाकिस्तान जाएं।

प्लेयर्स को खतरा
‘ढाका ट्रिब्यून’ ने कुछ दिन पहले बांग्लादेश के रक्षा मंत्रालय के एक अफसर के हवाले से बताया था कि क्यों बीसीबी को पाकिस्तान दौरे से रोका जा रहा है। इस अफसर ने कहा था, “हमारे पास कुछ खुफिया रिपोर्ट्स हैं। इनके मुताबिक, वहां हमारी टीम को खतरा हो सकता है। देश में क्रिकेट का जो क्रेज है, उसको लेकर हम किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं ले सकते। बीसीबी को भी इस रिपोर्ट की जानकारी देते हुए आदेश दिए गए हैं कि वो खिलाड़ियों पर किसी भी तरह का दबाव न डाले।”



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बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के मुताबिक, प्लेयर पाकिस्तान जाकर क्रिकेट नहीं खेलना चाहते। (फाइल)

ओह! आउट देते-देते अंपायर ने यूं बदला निर्णय December 29, 2019 at 10:02PM

मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया की टी20 लीग बिग बैश लीग में मेलबर्न रेनेगेड्स और ऐडिलेड स्ट्राइकर्स के बीच हुए मुकाबले में एक अंपायरी फैसले ने काफी सुर्खियां बटोरीं। अंपायर ने इस मैच के दौरान आउट देने के लिए उंगली उठाई और फिर अपनी नाक खुजाने लगे। ग्रेग डेविडसन ने ब्यू वेबस्टर के खिलाफ राशिद खान की अपील पर उंगली उठाना शुरू किया। स्ट्राइकर्स के खिलाड़ियों ने जश्न मनाना शुरू किया ही था कि बीच में ही अंपायर का मन बदल गया और उन्होंने नाक खुजाना शुरू कर दिया। डेविडसन ने ऑस्ट्रेलियाई चैनल चैनल7 के साथ बातचीत में कहा, 'मैंने आउट देना शुरू किया लेकिन मेरे जेहन में दूसरा विचार आया और मैंने बीच में ही अपना फैसला बदलते हुए उसे नॉट आउट करार दिया।' रीप्ले में हालांकि यह साफ हुआ कि अंपायर का नॉट आउट देने का फैसला सही था। और रेनेगेड्स के कोच माइकल क्लिंगर ने भी इस फैसले का समर्थन किया। क्या हुआ था रेनेगेड्स रनों का पीछा कर रही थी। पारी का 17वां ओवर चल रहा था। राशिद की एक गेंद वेस्टर के पैड से टकराई। अंपायर ने बल्लेबाज को आउट देने का विचार किया लेकिन बीच में ही उन्हें ध्यान आया कि गेंद पैड से टकराने से पहले बल्ले से लग चुकी है तो उन्होंने बल्लेबाज को नॉट आउट दिया। आउट देते-देते डेविडसन मजाक में अपनी नाक खुजाने लगे।

गांगुली के रास्ते पर गंभीर, बनेंगे DDCA अध्यक्ष! December 29, 2019 at 10:11PM

नई दिल्ली दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ () अगले साल 13 जनवरी को अपना नया अध्यक्ष चुनेगा। अगर सब कुछ तय रणनीति के मुताबिक रहा तो भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज से इस पद को संभालने के लिए कहा जा सकता है। रजत शर्मा के इस्तीफे के बाद से यह पद खाली पड़ा है। की कोशिश वापस रास्ते पर आने की है और उसके अधिकारियों को लगता है कि गंभीर इस काम को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकते हैं। डीडीसीए के एक अघिकारी ने कहा कि कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को दो बार आईपीएल का खिताब दिलाने वाले कप्तान से बात की गई है, क्योंकि गंभीर कप्तान थे और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अनुभव भी है, जो डीडीसीए को वापस पटरी पर लाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, 'उन्होंने बताया है कि वह क्या कर सकते हैं। उन्होंने नाइट राइडर्स का भविष्य बदला था। दिल्ली क्रिकेट में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। हमने देखा है कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने प्रशासक के तौर पर अपनी नेतृत्व क्षमता का किस तरह से निर्वहन किया है। इसी तरह हमें लगता है कि गंभीर इस समय डीडीसीए के लिए सही विकल्प हैं।' उन्होंने कहा, 'भाजपा के कुछ अधिकारियों ने हालिया दौर में उनसे स्थिति को समझने के लिए संपर्क किया था और कल (रविवार) के बाद तो लग रहा है कि एक गंभीर की तरह सख्त इंसान संघ को वापस पटरी पर लाने के लिए सही होगा। हां, उन्होंने इससे संबंधित बातों में रुचि दिखाई है। नए साल में उनसे और मुलाकातें हो सकती हैं।' डीडीसीए की रविवार को हुई वार्षिक आम बैठक में डीडीसीए के अधिकारी आपस में लड़ पड़े थे, जिसके बाद गंभीर ने ट्वीट कर भड़ास निकाली थी।

रिकी पॉन्टिंग ने दशक की टेस्ट इलेवन चुनी, विराट कोहली को कप्तान बनाया December 29, 2019 at 09:58PM

खेल डेस्क. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने भी इस दशक के लिए अपनी 'टेस्ट इलेवन' टीम चुनी है। सोमवार को एक ट्वीट करते हुए उन्होंने इस बात की जानकारी दी। पॉन्टिंग ने इस टीम का कप्तान विराट कोहली को चुना है। वे इस टीम में शामिल एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं। अपने ट्वीट में पॉन्टिंग ने लिखा, 'जब हर कोई दशक की टीम चुन रहा है, तो मैंने सोचा कि मुझे भी इसमें शामिल होना चाहिए। 2010 के दशक के लिए ये मेरी टेस्ट टीम होगी।'

अपनी इस टीम में पॉन्टिंग ने इंग्लैंड के सबसे ज्यादा चार तो ऑस्ट्रेलिया के तीन खिलाड़ियों को शामिल किया है। वहीं भारत, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के एक-एक खिलाड़ी इस टीम में जगह बनाने में सफल रहे। श्रीलंका के कुमार संगाकारा को विकेटकीपर बनाया गया। पाकिस्तान का कोई खिलाड़ी इस टीम में भी जगह नहीं बना सका।

पॉन्टिंग की बराबरी से एक शतक पीछे हैं कोहली

भारतीय कप्तान ने तीनों फॉर्मेट मिलाकर अबतक कुल 70 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाए हैं, वे पॉन्टिंग (71) की बराबरी करने से सिर्फ एक कदम पीछे हैं। इस मामले में सबसे आगे सचिन तेंदुलकर हैं, जिन्होंने अपने करियर में 100 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाए।

विज्डन और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की टीम में भी थे विराट

इससे पहले विज्डन और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी दशक के लिए टेस्ट और वनडे इलेवन टीम चुनी थी। दोनों ही टीमों में विराट को जगह दी गई थी, साथ ही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने तो अपनी टेस्ट टीम का कप्तान भी विराट को ही चुना था।

इस दशक के लिएपॉन्टिंग की टेस्ट टीम:

खिलाड़ी देश
डेविड वॉर्नर ऑस्ट्रेलिया
एलिस्टर कुक इंग्लैंड
केन विलियम्सन न्यूजीलैंड
स्टीव स्मिथ ऑस्ट्रेलिया
विराट कोहली (कप्तान) भारत
कुमार संगाकारा (विकेटकीपर) श्रीलंका
बेन स्टोक्स इंग्लैंड
डेल स्टेन दक्षिण अफ्रीका
नाथन लियोन ऑस्ट्रेलिया
स्टुअर्ट ब्रॉड इंग्लैंड
जेम्स एंडरसन इंग्लैंड







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पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पॉन्टिंग।