Wednesday, May 13, 2020

जब कोहली और डिविलियर्स के तूफान में बह गए थे लायंस May 13, 2020 at 08:35PM

नई दिल्ली इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2016 में () जबर्दस्त फॉर्म में थे। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Bangalore) की टीम के कप्तान कोहली इस सीजन में लगभग हर मैच में नए रेकॉर्ड बना रहे थे। और आज ही के दिन उन्होंने अपने बैटिंग पार्टनर एबी डिविलियर्स (AB Devilliers) के साथ मिलकर गुजरात लायंस के लिए दोगुनी मुसीबत पैदा कर दी थी। बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में बल्लेबाजी का अलग ही स्तर देखने को मिला। दोनों बल्लेबाजों ने शतक लगाए और गुजरात लायंस की टीम के पास इस धमाकेदार जोड़ी का कोई जवबा नहीं था। उनकी टीम में प्रवीण कुमार, ड्वेन ब्रावो और रविंद्र जडेजा जैसे बोलर थे लेकिन किसी के भी पास इस आक्रामक बल्लेबाजी को रोकने का उपाय नहीं था। दोनों ताबड़तोड़ बैटिंग कर रहे थे और स्टेडियम की छोटी बाउंड्री उनकी मदद कर रही थी। एबी डि विलियर्स ने सिर्फ 52 गेंद पर 129 रन बनाए। अपनी पारी में उन्होंने 12 छक्के और 10 चौके लगाए। वहीं विराट ने पांच चौकों और 8 छक्कों की मदद से 55 बॉल पर 109 रनों की पारी खेली। दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए रेकॉर्ड 229 रनों की पार्टनरशिप हुई। गुजरात लायंस ने जब टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और कोहली-एबी की जोड़ी ने इसे गलत साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बैंगलोर ने 248 का स्कोर बनाया और लायंस सिर्फ 104 पर ऑल आउट हो गई। यह विराट का आईपीएल में तीसरा शतक था। उन्होंने इस सीजन चार शतक लगाए और 81.08 के औसत से 973 रन बनाए। यहां इस बात का भी जिक्र कर दें कि कोहली और विराट दोनों ने अपने इस मैच की किट कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए फंड जमा करने के लिए नीलाम कर दी है।

पहली गेंद 'विवाद': रोहित को धवन ने दिया जवाब May 13, 2020 at 08:00PM

नई दिल्लीकिलर महामारी कोरोना वायरस के दौर में क्रिकेटर लाइव चैट के माध्यम से अपने फैन्स से जुड़ रहे हैं। ऐसे में क्रिकेटर्स एक-दूसरे के बारे में खुलासे भी कर रहे हैं। हाल ही में भारतीय लिमिटेड ओवरों की टीम के उपकप्तान ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर () के साथ लाइव चैट में कहा था कि () पहली गेंद पर स्टांस नहीं लेना चाहते हैं। अब इस मामले में शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने जवाब दिया है। शिखर धवन ने दिया जवाबशिखर धवन ने बुधवार को इरफान पठान से कहा, '2013 में मैंने टीम इंडिया में वापसी की थी। उस मैच में मैं और रोहित शर्मा ने बतौर ओपनर पहला मैच खेला था। तब रोहित शर्मा ने स्ट्राइक ली थी और उसके बाद से यही होता आ रहा है।' वहीं आखिरी गेंद पर सिंगल लेने के बारे में उन्होंने कहा कि मैं इस आरोप से सहमत नहीं हूं। बता दें कि रोहित के साथ शिखर टीम इंडिया और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए डेविड वॉर्नर के साथ ओपनिंग पार्टनर रहे हैं। पढ़ें- शिखर ने कर दिया था स्टांस लेने से इनकारऑस्ट्रेलियाई टीम के विस्फोटक ओपनर डेविड वॉर्नर से इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान रोहित ने यह बात कही थी। उन्होंने चैट के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था- वह पहली गेंद का सामना करना पसंद नहीं करते हैं। वह स्पिनरों का सामना करना पसंद करते हैं, लेकिन तेज गेंदबाजों को नहीं खेलना चाहते हैं। उन्होंने कहा था- मुझे याद है जब 2013 में मैं पहली बार लिमिटेड ओवरों में ओपनिंग करने के लिए उतरा तो साथ में शिखर भी थे। मुझे याद है कि चैंपियंस ट्रोफी में बतौर ओपनर यह दूसरी पारी थी। रोहित ने बताया था मुश्किल मैचउन्होंने उस मैच के बारे में कहा था- साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच था। मोर्ने मोर्केल और डेल स्टेन जैसे तेज गेंदबाज मैदान पर थे। मैंने कभी उन्हें नहीं खेला था तो शिखर को बोला कि आप स्ट्राइक लो, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। मुझे याद है मोर्ने मोर्कल की गेंद तो मुझे दिखी ही नहीं। वह मेरी सोच से कहीं अधिक बाउंस हुई थी। उस दिन काफी मुश्किल हुई थी, लेकिन हम घुल-मिल गए हैं अब। वह आपको कभी बोर नहीं होने देंगे।'

युवराज ने कहा- 12 गेंद पर 50 रन का रिकॉर्ड पंड्या या राहुल ही तोड़ सकते हैं, गेल-डिविलियर्स में भी क्षमता थी May 13, 2020 at 07:59PM

भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह के नाम टी-20 में 12 गेंद पर सबसे तेज अर्धशतक लगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा है कि यह रिकॉर्ड सिर्फ हार्दिक पंड्या और लोकेश राहुल में से ही कोई तोड़ सकता है। क्रिकेट वेबसाइट क्रिकबज पर चैटिंग के दौरान युवराज ने कहा कि यह रिकॉर्ड तोड़ने की क्षमता वेस्टइंडीज के क्रिस गेल और दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स में भी थी। हालांकि, डिविलियर्स संन्यास ले चुके और गेल कभी भी ले सकते हैं।

युवराज ने 2007 टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ सबसे तेज अर्धशतक जमाया था। इसी मैच में उन्होंने तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के खिलाफ 6 गेंद पर 6 छक्के भी लगाए थे। युवी ने मैच में तीन चौकों और सात छक्कों के साथ 16 गेंदों में 58 रन की शानदार पारी खेली थी। तब भारतीय टीम ने फाइनल में पाकिस्तान को हराकर खिताब जीता था।

इंटरनेशनल और आईपीएल की परिस्थितियां अलग होती हैं
हाल ही में इंग्लैंड के गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने राहुल से पूछा था कि युवी का रिकॉर्ड कौन तोड़ सकता है? इसके जवाब में राहुल ने अपना ही नाम लिया था, लेकिन अब युवी ने कहा, ‘‘राहुल में वह क्षमता है कि मेरे रिकॉर्ड को तोड़ सकें। उन्होंने आईपीएल में 14 और 15 गेंद में अर्धशतक लगाया भी है, लेकिन बता दूं कि इंटरनेशनल क्रिकेट और आईपीएल दोनों ही अलग हैं। दोनों की परिस्थितियां भी बेहद अलग हैं।’’

युवराज सिंह ने 40 टेस्ट में 1900, 304 वनडे में 8701 और 58 टी-20 में 1177 रन बनाए हैं। उनके नाम आईपीएल के 132 मैच में 2750 रन हैं।

‘पंड्या महान ऑलराउंडर बन सकता है’
युवी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि पंड्या में भी सबसे तेज फिफ्टी का रिकॉर्ड तोड़ने की क्षमता है। उनका खेल बहुत शानदार और एक अलग ही प्रकार का है। वह बहुत मेहनती और अच्छा इंसान है। उसकी गेंद को हिट करने की काबिलियत बेहतरीन है। रिकॉर्ड तोड़ने के लिए आपको सिंगल-डबल नहीं लेने होंगे। आपको हर गेंद पर बाउंड्री चाहिए रहेगी। ऐसे में पंड्या के पास यह क्षमता है। उसमें एक वर्ल्ड क्लास क्रिकेटर बनने के गुण हैं। पंड्या भविष्य में भारत के लिए महान ऑलराउंडर बन सकता है।’’

‘टीम इंडिया में खिलाड़ियों से बात करने वाला नहीं'
पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले युवराज ने एक दिन पहले ही भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री को भी आड़े हाथों लिया था। उन्होंने कहा कि टीम के मौजूदा खिलाड़ियों के पास बात करने और सलाह लेने के लिए कोई नहीं है। यह पूछने पर कि क्या यह काम शास्त्री का नहीं है, तो उन्होंने कहा कि पता नहीं रवि यह कर रहा है या नहीं। हो सकता है उनके पास दूसरे भी काम हों।

'कोचिंग स्टाफ को खिलाड़ियों की क्षमता का पता होना चाहिए'
उन्होंने कहा कि आप हर खिलाड़ी को यह नहीं सकते है कि मैदान पर जाओ और खुलकर खेलो। यह तरीका सहवाग जैसे खिलाड़ी के साथ काम कर सकता है। लेकिन पुजारा के साथ शायद काम न करे। ऐसे में कोचिंग स्टाफ को इस बारे में पता होना चाहिए।



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युवराज सिंह ने 40 टेस्ट में 1900, 304 वनडे में 8701 और 58 टी-20 में 1177 रन बनाए हैं। उनके नाम आईपीएल के 132 मैच में 2750 रन हैं। -फाइल फोटो

तादेंदा तायबू: क्रिकेटर से बना पादरी, जान से मारने की मिली थी धमकियां May 13, 2020 at 07:25PM

नई दिल्ली वह युवा था। उसके पास विकल्प था कि वह प्रशासन की बात मान लेता और आरामदेह जिंदगी गुजारता। एक ऐसी जिंदगी जिसमें पैसा, ताकत, रुतबा और ऐशो-आराम की तमाम जरूरतें पूरी हो जातीं। पर उसने अलग राह चुनी। ताकत और भ्रष्टाचार के सामने झुकने के बजाय उसने टकराने का फैसला किया। नतीजा, एक उभरता हुआ करियर, एक राष्ट्रीय क्रिकेट टीम की कप्तानी। एक नाम और दुनियाभर में पहचान- सब रुक गई। आज उसी क्रिकेटर का 37वां जन्मदिन है। जिम्बाब्वे के पहले ब्लैक कप्तान का जन्म 14 मई 1983 को हुआ। जी, इस सदी के शुरुआती साल में जिम्बाब्वे में एक युवा विकेटकीपर ने दस्तक दी। बेहद फुर्तीला। 2001 में उन्होंने अपना डेब्यू किया। और एंडी फ्लावर के साथ खेलना शुरू किया। बल्लेबाजी भी अच्छी थी और क्रिकेट की समझ भी। जल्द ही उन्हें फ्लावर का सहायक बना दिया गया। पर जिम्बाब्वे में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम का असर वहां की उभरती और मजबूत होती क्रिकेट टीम पर भी पड़ा। 16 साल की उम्र में उन्हें राष्ट्रीय टीम में चुना गया। 17 साल के थे जब उन्होंने पहला टेस्ट मैच खेला। 18 की उम्र में उन्हें टीम का उपकप्तान बनाया गया। इस बीच कई बड़े नाम देश और क्रिकेट छोड़कर चले गए। 20 साल की उम्र में तायबू को टीम की कप्तानी सौंपी गई। तायबू में प्रतिभा थी और जज्बा भी। वह दुनिया के चोटी के खिलाड़ियों में शामिल हो सकते थे लेकिन इससे पहले ही उनके करियर पर ब्रेक लग गया। उन्होंने खुद माना था कि वह टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन बन सकते थे। कप्तान बनने के बाद वह लगातार खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं देने की मांग करते रहे। ऐसा नहीं था कि पैसा नहीं था। आईसीसी से काफी पैसा आता लेकिन क्रिकेट में ऊंचे पदों पर बैठे लोगों की जेबों की गहराई से बाहर नहीं निकल पाता। तायबू ने इसके खिलाफ आवाज उठाई। उन्हें खरीदने की कोशिश की गई। जमीन-जायदाद सबका ऑफर दिया गया। जब बात नहीं बनी तो डराया-धमकाया गया। साल 2005 में तायबू सिर्फ 22 साल के थे। उनकी बीवी को किडनैप करने की कोशिश की गई थी। उनका बेटा सिर्फ चंद महीनों का था। आखिर उन्होंने जिम्बाब्वे छोड़कर जाने का फैसला किया। आध्यात्मिक सफर पर निकले तायबू पहले बांग्लादेश गए और फिर इंग्लैंड। वह इंग्लैंड के लिए खेलने की तैयारी कर रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका। फिर वह साउथ अफ्रीका पहुंचे। और 2007 में फिर जिम्बाब्वे के लिए खेले। 2012 तक वह जिम्बाब्वे के लिए खेलते रहे और आखिर 2012 में 29 साल की उम्र में क्रिकेट से संन्यास ले लिया। चार साल बाद तायबू क्रिकेट प्रशासन से भी जुड़े। तायबू ने 28 टेस्ट मैचों में 1546 और 150 ODI में उन्होंने 3393 रन बनाए। तायबू ने 17 टी20 इंटरनैशनल मैच भी खेले।

देखें, जब इरफान पठान को आया 'मिनी हार्ट अटैक' May 13, 2020 at 06:52PM

नई दिल्लीकहते हैं बच्चे को चोट लगती है तो दर्द माता-पिता को होता है। बच्चे को छींक भी आती है तो पैरेंट्स परेशान हो जाते हैं और जान न्यौछावर करते हैं। इसका जीता जागता उदहारण भारतीय क्रिकेटर () ने दिया है। उन्होंने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उनका बेटा साइकिल चला रहा है। वह बैलेंस खो बैठता है और गिर पड़ता है। पठान ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा- यह हर पैरेंट्स के लिए 'मिनी हार्ट अटैक' है। इस्टाग्राम पर वायरल हो रहे इस वीडियो को अब तक लगभग एक लाख बार देखा गया है। वीडियो में इरफान का बेटा इमरान साइकिल चलाते हुए युसूफ पठान के बेटे के पास पहुंचता है, लेकिन साइकिल रोक पाता इससे पहले ही बैलेंस खो बैठता है। वह साइकिल के साथ ही जमीन पर गिर पड़ता है। वीडियो को फैन्स के बीच खूब पसंद भी किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इरफान ने 4 फरवरी, 2016 को मॉडल सफा बेग से निकाह किया था। इस कपल को इसी वर्ष 20 दिसंबर को बेटा इमरान पैदा हुआ। इरफान अक्सर बेटे और भतीजे की तस्वीर और वीडियोज सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं।

इंग्लैंड के फुटबॉलर डेले अली से चाकू की नोक पर लूट, घर पर हुए हमले में खिलाड़ी और उनके भाई चोटिल May 13, 2020 at 06:30PM

कोरोनावायरस और लॉकडाउन के बीच इंग्लैंड और टॉटेनहम फुटबॉल क्लब के मिडफील्डर डेले अली के साथ बुधवार को लूट हो गई। दो चोरों ने उनके नॉर्थ लंदन वाले घर पर हमला करते हुए चाकू की नोक पर लूट की वारदात को अंजाम दिया। इस दौरान घर में उन्होंने तोड़फोड़ भी की। डेले और उनके दत्तक भाई को मामूली चोटें आईं।

डेले और उनके भाई की गर्लफ्रेंड के साथ-साथ अन्य दोस्त भी वारदात के समय घर में ही थे। इंग्लिश प्लेयर ने ट्वीट किया, ‘‘यह बहुत ही डरावना अनुभव था, लेकिन हम सभी अब ठीक हैं। आप सभी को मैसेज कर चिंता जताने के लिए बहुत धन्यवाद।’’

अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई
स्थानीय पुलिस के मुताबिक, ‘‘दो अपराधियों ने उनके घर में घुसकर नगदी, ज्वैलरी, कीमती घड़ी समेत कई चीजों को चुरा लिया है। उनके हमले में खिलाड़ी और उनके भाई के चेहरे पर मामूली चोट आई है। उन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ी। फिलहाल, मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी।’’



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इंग्लैंड और टॉटेनहम फुटबॉल क्लब के मिडफील्डर डेले ने ट्वीट किया- फैन्स ने मैसेज कर चिंता जताई, इसके लिए सभी बहुत धन्यवाद। -फाइल फोटो

ICC ने किया ट्रोल, शोएब अख्तर का मजेदार जवाब May 13, 2020 at 06:06PM

नई दिल्ली पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को मजेदार जवाब दिया है। बुधवार को आईसीसी ने अख्तर को उस बात के लिए ट्रोल किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि वह चौथी गेंद पर स्टीव स्मिथ को आउट कर देते। आईसीसी ने बास्केटबॉल स्टार माइकल जॉर्डन की हंसती हुई तस्वीर लगाकर अख्तर को ट्रोल किया था। अख्तर ने कहा था कि वह स्टीव स्मिथ को तीन बाउंसर्स पर चोटिल करने के बाद चौथी गेंद पर उन्हें आउट कर देते। इसके बाद अख्तर ने भी उन्हें जवाब दिया। उन्होंने अपना एक पुराना वीडियो पोस्ट किया और उस पर कैप्शन लिखा- 'डियर @icc, एक नया मीम और इमोजी ढूंढो। माफ कीजिएगा मुझे कोई मीम या इमोजी नहीं मिला हां यह कुछ पुराने वीडियो जरूर मिले।' इस वीडियो में अख्तर की अलग-अलग गेंदबाजों को बाउंसर्स और यॉकर्स को दिखाया गया है। इसमें कोई गेंद बल्लेबाज के सिर पर लगती है तो किसी पर उसका विकेट हवा में लहराता हुआ नजर आ रहा है। इससे पहले, शोएब ने सोशल मीडिया पर क्रिकइंफो के एक पोल पर जवाब दिया था। इस पोल में वेबसाइट ने बीते दौर के शानदार गेंदबाजों और बल्लेबाजों और आज के खिलाड़ियों के बीच मुकाबले के बारे में पूछा गया था। विराट कोहली बनाम शेन वॉर्न, बाबर आजम बनाम ग्लेन मैक्ग्रा, रिकी पॉन्टिंग बनाम जोफ्रा आर्चर जैसे सवाल इसमें पूछे गए थे। अख्तर ने अपने और स्टीव स्मिथ के बीच मुकाबले पर कहा था कि उन्हें ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज को आउट करने में ज्यादा तकलीफ नहीं होती। उन्होंने कहा था, 'आज भी, तीन बाउंसर्स से उन्हें चोटिल करने के बाद मैं @stevesmith49 को चौथी गेंद पर आउट कर सकता हूं।' अख्तर के जवाब पर आईसीसी ने माइकल जॉर्डन वाली टिप्पणी की थी।

भारतीय फुटबॉल की त्रिमूर्ती, जिनकी बोलती थी तूती May 13, 2020 at 05:48PM

सिद्धार्थ सक्सेना, नई दिल्लीएक वक्त था जब भारतीय फुटबॉल में तीन खिलाड़ियों (चुन्नी गोस्वामी, और ) की तूती बोलती थी, लेकिन उन्हें चीयर करने के लिए कभी कोई बड़ी दर्शकों की भीड़ नहीं रही। आज यह सर्कल वन मैन क्लब है और धुंध पड़ी उम्मीदों के खिलाफ लगतार लड़ रहा है। और पीके बनर्जी के निधन के साथ ही भारतीय फुटबॉल के सुनहरे दिनों की यादें जाती रहीं। गोस्वामी, पीके बनर्जी और तुलसीदास बलराम भारतीय फुटबॉल के स्वर्णिम दौर की शानदार फॉरवर्ड पंक्ति का हिस्सा थे जब भारत एशिया में फुटबॉल की महाशक्ति था। 40 दिनों के भीतर पीके बनर्जी के बाद चुन्नी गोस्वामी का निधन हो चुका है, जबकि तुलसीदास जीवित हैं। सुपरस्टार चुन्नी करश्माई फुटबॉलर और मोहन बागान के आइकन रहे तो पीके बनर्जी राइट विंग के बेताज बादशाह थे। जब तुलसीराम बालाराम को फोन किया गया तो अपने दो अजीज मित्रों के जाने से दुखी यह महान फुटबॉलर यूं ही बोल पड़ा- यंग मैन, एक या दो फोन कॉल्स उन दिनों के बारे में बात करने के लिए न्याय नहीं कर पाएंगे। बता दें कि इन तीनों फुटबॉलरों में विरोधी क्लब और एक ही समय के प्रतिद्वद्वी होने के बाद भी बड़ी ही घनिष्टता थी। मित्र के निधन पर वह बोल पड़े, 'वायरस (कोरोना वायरस) फैला हुआ है, बाहर क्यों चले गए? हम आपको 5-10 वर्ष और देखना चाहते थे। आप अंदर ही रहते। हम सभी आपकी मदद करते, प्यार करते।' बालाराम तीनों में सबसे ज्यादा समझे जाने वाले और सबसे अलग थे। वह पैरों के जादूगर थे और कलकत्ता की खाटी सामाताजि-सांस्कृतिक लोकाचार में अन्य दो की ही तरह अपना प्रभाव बढ़ाते रहे। उन्होंने खुद को तराशा और ईस्ट बंगाल के महान खिलाड़ियों में शामिल हुए। 1961 सीजन के दौरान की बात करते वह कहते हैं, 'मेरे उत्तरपारा मोहल्ले में जब मैं सब्जी खरीदने जाता तो वे बगैर तौले उन्हें टोकरी में डाल दिया करते थे और कहते सर ले जाइए। यही नहीं, मैं जो पैसे देता उसे वे सब्जी वाले गिनते भी नहीं थे। ओलिंपिक में सबसे अधिक मैच खेलने का भारतीय रेकॉर्ड अपने नाम रखने वाला यह दिग्गज बताता है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1956 में ओपनिंग मैच में सिलेक्ट नहीं होने के बाद 1963 तक कभी टीम से ड्रॉप नहीं हुए। उन्होंने रोम ओलिंपिक में हंगरी और पेरू के खिलाफ गोल दागे तो एशियन गेम्स-1962 में भारत के गोल्ड जीतने में अहम भूमिका निभाई। वर्ष उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। वह बताते हैं- पीके हमेशा गेंद पर पकड़ रखते थे और उसे पाने के लिए डिफेंडर के करीब जगह बना ही लेते थे, जबकि चुन्नी दांए पैर के जादूई फुटबॉलर थे एक बार गेंद मिलने के बाद वह शायद ही कोई उसे छुड़ा पाता था। बता दें कि ये तीनों वे खिलाड़ी थे, जिनके फैन्स में प्राण और शम्मी कपूर जैसे दिग्गज बॉलिवुड स्टार्स भी शामिल थे। करिश्माई करियर जन्म: 4 अक्टूबर, 1936 भारत डेब्यू: युगोस्लाविया, 1956 (मेलबर्न ओलिंपिक) मैच: 27 गोल: 8 (रोम ओलिंपिक में हंगरी और पेरू के खिलाफ एक-एक गोल भी शामिल) अचीवमेंट्स: गोल्ड मेडल- 1962 जकार्ता एशियन गेम्स , 4th प्लेस- 1956 मेलबर्न ओलिंपिक, रनर-अप: 1959 मेरदेका टीमें- ईस्ट बंगाल: 1957-1962, बीएनआर: 1963-64 गोल: ईस्ट बंगाल के लिए 104 गोल रेकॉर्ड: ईस्ट बंगाल के लिए फास्टेस्ट 100 गोल, 1961 में सीएफएल और आईएफए शिल्ड और गोल्ड बूट (23 गोल के साथ) ट्रोफी: ईस्ट बंगाल के लिए 9, बीएनआर के लिए दो, 4 संतोष ट्रोफी अवॉर्ड: अर्जुन अवॉर्ड, 1962

हरभजन ने ग्रेग चैपल के कार्यकाल को भारतीय क्रिकेट के सबसे बुरे दिन बताए, कहा- वे अपना अलग खेल चला रहे थे May 13, 2020 at 04:52PM

भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने पूर्व कोच और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ग्रेग चैपल के कार्यकाल को भारतीय क्रिकेट का सबसे बुरा समय बताया है। हाल ही में चैपल ने कहा था कि उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को हवा की बजाय जमीन पर नीचे शॉट खेलने की सलाह दी थी। हरभजन ने इसी बयान को लेकर जवाब दिया।

चैपल 2005 से 2007 तक भारतीय टीम के कोच रहे थे। उनका कार्यकाल विवादों से भरा रहा है। कई सीनियर खिलाड़ियों के साथ उनके मतभेद रहे थे, जिसमें तत्कालीन कप्तान और मौजूदा समय में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली भी शामिल थे।

चैपल हर किसी को मैदान से बाहर पहुंचा रहे थे
हरभजन ने ट्वीट किया, ‘‘कोच हर किसी को मैदान के बाहर पहुंचा रहे थे, इसलिए उन्होंने धोनी को शॉट नीचे रखकर खेलने की सलाह इसलिए दी थी। वे अपना एक अलग ही खेल खेल रहे थे।’’ चैपल ने कहा था कि उन्होंने धोनी से ताकतवर बल्लेबाज अभी तक नहीं देखा।

चैपल ने प्लेराइट फाउंडेशन के साथ फेसबुक पेज पर बात करते हुए कहा था, ‘‘मुझे याद है कि जब मैंने उनको (धोनी) पहली बार बल्लेबाजी करते देखा तो मैं हैरान रह गया था। वे काफी अलग तरह से पोजीशन में आकर गेंद को मारते थे। मैंने जितने भी बल्लेबाज देखे हैं, उनमें से वो सबसे ताकतवर हैं। उनकी बल्लेबाज तब बेहतरीन थी, जब उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 183 रन की पारी खेली।’’

‘धोनी को आखिरी बॉल तक छक्का मारने से रोका था’
उन्होंने कहा, ‘‘अगला मैच पुणे में था और मैंने धोनी से कहा था कि आप हर गेंद को सीमारेखा के पार पहुंचाने के बजाए शॉट नीचे रखकर क्यों नहीं खेलते। अगले मैच में हम तकरीबन 260 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे और अच्छी स्थिति में थे। धोनी ने कुछ दिन पहले जो बल्लेबाजी की थी, वह उससे उलट बल्लेबाजी कर रहे थे। हमें 20 रन चाहिए थे और धोनी ने 12वें खिलाड़ी आरपी सिंह के जरिए मुझसे छक्का मारने को पूछा था। मैंने कहा, तब तक नहीं जब तक लक्ष्य एक अंक में नहीं आ जाता। फिर जब हमें 6 रन की जरूरत थी तो उन्होंने छक्का मारकर मैच समाप्त कर दिया।’’



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हरभजन सिंह ने कहा, ‘‘पूर्व कोच ग्रेग चैपल हर किसी को मैदान के बाहर पहुंचा रहे थे, इसलिए उन्होंने धोनी को शॉट नीचे रखकर खेलने की सलाह इसलिए दी थी। -फाइल फोटो

ऐसा कोच जिसकी जिंदगी और मौत दोनों रहस्यमय May 13, 2020 at 04:44PM

नई दिल्ली क्रिकेट कोचिंग की दुनिया में नए प्रयोगों को आजमाने वाले बॉब वूल्मर (Bob Woolmer) का आज ही के दिन 1948 को कानपुर (Woolmer born in Kanpur) में जन्म हुआ था। वूल्मर ने कंप्यूटर और अपनी इच्छाशक्ति से क्रिकेट कोचिंग के परंपरागत तरीके (Woolmer changed cricket coaching) में कई बदलाव किए। इंग्लैंड में वारविकशर काउंटी के लिए 1994 में उनकी कोचिंग ने कई अच्छे नतीजे लाए। लेकिन वूल्मर की कोचिंग का सबसे सुनहरा दौर साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम के साथ आया। उनकी और हैंसी क्रोन्ये की टीम ने दुनिया की हर टीम को हैरान किया। हां, ऑस्ट्रेलिया के साथ टक्कर थोड़ी कड़ी होती। क्रोन्ये ईयरफोन लगाकर मैदान पर होते और बाहर से उन्हें दिशा-निर्देश मिलते। हालांकि यह ज्यादा चल नहीं पाया और आईसीसी ने इसे प्रतिबंधित कर दिया। यही वूल्मर थे जिन्होंने पाकिस्तानी टीम में अनुशासन लाने का काम किया। बल्लेबाज के तौर पर वूल्मर ने इंग्लैंड के लिए 19 टेस्ट मैच भी खेले। लेकिन उन्हें याद हमेशा उनकी कोचिंग स्टाइल के लिए ही किया जाता है। जब आए चौंकाने वाले नतीजे 13 साल पहले वेस्ट इंडीज में 50 ओवर का वर्ल्ड कप चल रहा था। 17 मार्च को इस टूर्नमेंट में भारत और बांग्लादेश व पाकिस्तान और आयरलैंड के बीच मैच खेला जा रहा था। दोनों मैचों के नतीजों ने क्रिकेट फैन्स को चौंका दिया। बांग्लादेश ने भारत को 5 विकेट से, तो आयरलैंड ने पाकिस्तान को 3 विकेट से मात दी। इसके बाद दोनों टीमों के लिए टूर्नमेंट में आगे का सफर मुश्किल हो गया और अंत में दोनों बाहर हो गईं। फिर आई बुरी खबर मैच खत्म होने के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान टीम के कोच बॉब वूल्मर की रहस्यमय हालात में मौत हो गई। कहा गया आयरलैंड जैसी कमजोर टीम से पाकिस्तान की हार से वूल्मर बेहद तनाव में थे। इसी के चलते उन्होंने खूब शराब पी और बाद में उन्हें उनके होटल के कमरे में बेहोश पाया गया। बेहोश वूल्मर को जमैका के एक हॉस्पिटल में पहुंचाया गया, यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत से क्रिकेट की दुनिया में शोक इन संदिग्ध हालात में पाकिस्तान के कोच की मौत से क्रिकेट की दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई। जमैका पुलिस मर्डर के एंगल से मामले की जांच में जुट गई। वूल्मर की मौत के तीन दिन बाद जमैका पुलिस ने कहा कि उसे शक है कि वूल्मर का मर्डर हुआ है। हालांकि बाद में पुलिस ने इस केस को यह कहकर बंद कर दिया है उसकी जांच से वह इस नतीजे पर पहुंची है कि उनकी मौत कोई मर्डर नहीं बल्कि स्वाभाविक थी।

क्वालिफाई मुकाबले टलने के बाद झूलन गोस्वामी ने कहा- महिला वनडे वर्ल्ड कप अगले साल तय समय पर हो May 13, 2020 at 04:07PM

कोरोनावायरस के कारण महिला वनडे वर्ल्ड कप के क्वालिफायर मुकाबले स्थगित कर दिए गए हैं। इस बीच भारतीय टीम की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने कहा कि देरी से अच्छा है कि वर्ल्ड कप को समय से कराया जाए। वर्ल्ड कप के मुकाबले अगले साल 6 फरवरी से 7 मार्च के बीच न्यूजीलैंड में होने हैं।

झूलन ने कहा, ‘‘शुरुआत में लॉकडाउन अच्छा नहीं लगा। हमें नहीं पता था कि क्या हो रहा था। अब मैंने ट्रेनिंग एक्सरसाइज शुरू कर दी है। पॉजिटिव रहने के लिए यह जरूरी है।’’

झूलन ने वनडे में सबसे ज्यादा विकेट लिए
महिला वनडे में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली झूलन अगले साल होने वाले वर्ल्ड कप की तैयारी में जुटी हैं। उनका कहना है कि बड़े टूर्नामेंट से पहले सही टीम कॉम्बिनेशन चुनना महत्वपूर्ण होता है। झूलन ने 10 टेस्ट में 40, 182 वनडे में 225 और 68 टी-20 में 56 विकेट लिए हैं।

श्रीलंका में होंगे क्वालिफाई मुकाबले
आईसीसी ने कोरोनावायरस के कारण महिला वनडे वर्ल्ड कप 2021 के क्वालिफाई मुकाबलों को टाल दिया है। आईसीसी ने इन अगली तारीख नहीं बताई है। 10 टीमों के बीच सभी क्वालिफाई मुकाबले 3 से 19 जुलाई के बीच श्रीलंका में होने थे।

भारतीय टीम को सीधे वर्ल्ड कप में एंट्री
भारतीय महिला टीम वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई कर चुकी है। हाल ही में आईसीसी की टेक्नीकल कमेटी ने महिला क्वालिफायर्स चैम्पियनिशप की तीन सीरीज को कैंसिल कर दी थी। वहीं, भारत-पाकिस्तान के बीच पिछले साल 3 मैच की सीरीज भी दोनों देशों के बीच तनाव के कारण नहीं हो सकी थी।

चैम्पियनशिप रद्द करने के बाद ऑस्ट्रेलिया 37 पॉइंट के साथ टॉप पर रही। इंग्लैंड (29) दूसरे, दक्षिण अफ्रीका (25) तीसरे और भारत (23) चौथे पर रही। इस आधार पर टीम इंडिया को सीधे एंट्री मिली। इसके अलावा मेजबान न्यूजीलैंड को भी जगह मिली। अन्य तीन टीम का फैसला क्वालिफायर से होना है।



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भारतीय टीम की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने 10 टेस्ट में 40, 182 वनडे में 225 और 68 टी-20 में 56 विकेट लिए हैं। वे वनडे में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज हैं। -फाइल फोटो

इंग्लैंड में फुटबॉल के लिए ‘प्रोजेक्ट री-स्टार्ट’, अब हर ट्रेनिंग सेशन के बाद पूरा मैदान होगा सैनिटाइज May 13, 2020 at 03:26PM

इंग्लैंड के फुटबॉल टूर्नामेंट इंग्लिशप्रीमियर लीग (ईपीएल) को दोबारा शुरू करने की कवायद तेज हो गई है। कोरोनावायरस की वजह से 10 मार्च से प्रीमियर लीग स्थगित है। ‘प्रोजेक्ट री-स्टार्ट’ के तहत खिलाड़ियों के लिए नया ट्रेनिंग प्रोटोकॉल बना है। यह लीग के सभी 20 क्लबों को भेज दिया गया है।
प्रोफेशनल फुटबॉल एसोसिएशन, मेडिकल स्टाफ और सरकार के बीच जल्द ही मीटिंग हो सकती है। कॉन्टैक्ट ट्रेनिंग शुरू करने के लिए भी सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी। लीग 12 जून से शुरू हो सकती है।

ट्रेनिंग के नए नियम
हर ट्रेनिंग सेशन के बाद कॉर्नर फ्लैग, बॉल, कोन्स, गोलपोस्ट और मैदान को सैनिटाइज किया जाएगा। इसके साथ ही हफ्ते में दो बार खिलाड़ियों के टेस्टिंग की बात भी कही गई है। लक्षण या बिना लक्षण का भी कोई खिलाड़ी पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे 7 दिनों तक सेल्फ आइसोलेशन में रहना पड़ेगा। हर दिन ट्रेनिंग से पहले खिलाड़ियों के शरीर का तापमान नापा जाएगा।



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इंग्लिश प्रीमियर लीग के पिछले सीजन में मैनचेस्टर सिटी ने खिताब जीता था। अब यह रुका हुआ टूर्नामेंट जुलाई में फिर से शुरू हो सकता है। -फाइल फोटो

मैंने 50 दिन से जैवलिन नहीं थामा, लेकिन परफेक्ट थ्रो के लिए तैयार: नीरज चोपड़ा May 13, 2020 at 02:41PM

भारतीय एथलेटिक्स के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा को 50 दिन से ज्यादा का समय हो गया है जैवलिन को अपने हाथ में थामे हुए। वे बेसब्री से ट्रैक पर लौटकर थ्रो करने का इंतजार कर रहे हैं।

ओलंपिक में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद माने जा रहे 22 साल के नीरज अपना परफेक्ट थ्रो देने के लिए तैयार हैं। वे इस समय एनआईएस पटियाला में हैं और फिटनेस पर काम कर रहे हैं। इससे पहले वे तुर्की में ट्रेनिंग कर रहे थे। लेकिन, 18 मार्च को उन्हें भारत लौटना पड़ा। वे तब से ही मैदान से दूर हैं।

दबाव नहीं लेते नीरज, हर टूर्नामेंट में बेस्ट देना ही उनका लक्ष्य है
वर्ल्ड जूनियर रिकॉर्ड होल्डर नीरज का कहना है, ‘मैं दबाव नहीं लेता। लोग अगर मुझसे उम्मीद करते हैं तो ये मेरे लिए गर्व की बात है। ये मुझे मोटिवेशन देता है। मैं न तो माइलस्टोन के बारे में ज्यादा सोचता हूं और न ही मेडल के बारे में। मेरा लक्ष्य हर टूर्नामेंट में बेस्ट देने का होता है।

मेरा फोकस उन चीजों पर जो मेरे नियंत्रण में : नीरज

नीरज ने कहा किएक दिन में आपको अपना पूरा गेम दिखाना होता है। मेरे सामने प्रभावित करने वाली कई चीजें होती हैं जैसे कि मेरे विरोधी कैसे परफॉर्म कर रहे हैं। इसलिए मैं उस पर ध्यान नहीं देता। मेरा फोकस सिर्फ उन चीजों पर होता है, जो मेरे नियंत्रण में होती हैं। जैसे कि मेरी ट्रेनिंग और मेरा थ्रो। मैं उसी पर ध्यान देता हूं।

लॉकडाउन के दौरान कंडीशनिंग और फिटनेस पर काम कर रहे हैं
एशियन और कॉमनवेल्थ चैंपियन नीरज ने कहा-लॉकडाउन ने ट्रेनिंग को मुश्किल बना दिया हैै। मैं इस समय अपनी कंडीशनिंग और फिटनेस पर काम कर रहा हूं। अपने रूटीन को नॉर्मल रखने की कोशिश कर रहा हूं। दिन में दो बार ट्रेनिंग करता हूं। मानसिक रूप से सबकुछ बैलेंस रखने की कोशिश कर रहा हूं। ये काफी लंबा ब्रेक है। लेकिन हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि नकारात्मक विचार हमें प्रभावित न करें।

कई बार ऐसा हो जाता है कि आप स्थिति को नियंत्रित नहीं कर सकते। एक एथलीट के तौर पर मैं अपनी ट्रेनिंग और पॉजिटिव माइंडसेट पर ही फोकस कर सकता हूं।नीरज पटियाला में फिटनेस पर काम कर रहे हैं।’



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वर्ल्ड जूनियर रिकॉर्ड होल्डर नीरज का कहना है, ‘मैं दबाव नहीं लेता। लोग अगर मुझसे उम्मीद करते हैं तो ये मुझे मोटिवेशन देता है।‘

अब आईसीसी का दरवाजा खटखटाएंगे दागी सलीम मलिक May 13, 2020 at 12:14AM

कराचीपाकिस्तान के दागी पूर्व कप्तान सलीम मलिक ने अब ‘न्याय’ पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है क्योंकि मैच फिक्सिंग के लिए उन पर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को लाहौर की एक अदालत द्वारा हटाए जाने के बावजूद देश के क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें कोचिंग की अनुमति नहीं दी है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने मलिक पर मैच फिक्सिंग के लिये 2000 में आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन लाहौर की एक अदालत ने 2008 में उन पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था। मलिक ने कहा, ‘मैंने पीसीबी को लिखा कि वे जो भी मुझसे पूछना चाहते हैं उसके लिये वे मुझे प्रश्नावली भेजें। मैंने इसके साथ ही उन्हें सूचित किया था कि मैं वापसी से संबंधित भ्रष्टाचार निरोधक संहिता कार्यक्रम की सभी शर्तों को मानने के लिये भी तैयार हूं।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है और इसलिए मैंने न्याय पाने के लिए आईसीसी के पास जाने का फैसला किया है। मुझे अदालत ने पाक साफ करार दिया है और ऐसा कोई कारण नहीं है जिससे आईसीसी या पीसीबी मुझे फिर से क्रिकेट गतिविधियों में शामिल होने से रोके।’

क्रिस गेल को मिल सकती है सज, जानें पूरा मामला May 12, 2020 at 10:05PM

किंगस्टनक्रिकेट वेस्टइंडीज (सीडब्ल्यूआई) के प्रमुख रिकी स्किरिट ने कहा कि को के खिलाफ हाल में कड़ी बयानबाजी करने के लिए सजा भुगतनी पड़ सकती है, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे इस करिश्माई बल्लेबाज के शानदार करियर का अंत नहीं होगा। चालीस वर्षीय गेल को कैरेबियाई प्रीमियर लीग (सीपीएल) की फ्रैंचाइजी सेंट लूसिया जोक्स ने 2020 सत्र के लिए अनुबंधित किया है। उन्होंने अपने पूर्व साथी सरवन को ‘कोरोना वायरस से भी बुरा’ करार दिया। उन्होंने सरवन पर आरोप लगाया कि उन्होंने उन्हें सीपीएल की टीम जमैका तल्लावाह से बाहर करने की साजिश रची। स्किरिट ने कहा कि हालांकि यह आपसी मतभेद है लेकिन उन्हें नहीं लगता कि यह विवाद जल्दी समाप्त होगा। पर करियर नहीं होगा खत्मउन्होंने ‘जमैका ग्लीनर’ से कहा, ‘मुझे विश्वास है कि इस समय क्रिस और सीपीएल के बीच किसी तरह की चर्चा चल रही है क्योंकि सीपीएल के कुछ नियम हैं जो यहां लागू होंगे, क्योंकि क्रिस एक फ्रैंचाइजी टीम से अनुबंधित हैं।’ स्किरिट ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि यह गेल के करियर के लिहाज से वैश्विक मुद्दा नहीं बनेगा, क्योंकि उनका करियर शानदार रहा है और मैं नहीं चाहता कि उसका अंत इस घटना के साथ हो।’ गेल के इस बयान से है विवादइस सलामी बल्लेबाज ने दावा किया था कि जमैका की टीम से उन्हें बाहर करने के पीछे सरवन का हाथ था क्योंकि मध्यक्रम का यह पूर्व बल्लेबाज फ्रैंचाइजी को अपने नियंत्रण में लेना चाहता है। गेल ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘सरवन तुम अभी कोरोना वायरस से भी बुरे हो। तल्लावाह के साथ जो कुछ हुआ उसमें तुमने अहम भूमिका निभायी क्योंकि तुम्हारे और मालिक के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं।’ इस नियम के अनुसार होगी सजास्किरिट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है लेकिन उम्मीद जतायी कि इससे गेल के करियर पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर मुझे यह अच्छा नहीं लगा। मेरी निजी राय है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन प्रक्रिया अपना काम करेगी। यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी क्योंकि वह वेस्टइंडीज लीग में अनुबंधित खिलाड़ी हैं।’ स्किरिट ने कहा, ‘अगर खिलाड़ी किसी क्लब, फ्रैंचाइजी या क्रिकेट वेस्टइंडीज से अनुबंधित हो तो इस तरह का व्यवहार अनुबंध को किस स्तर तक बदनामी से जोड़ता है।’

डॉक्टरों को लगा था कि मैं कभी नहीं खेल पाऊंगा: आर्चर May 12, 2020 at 11:43PM

नई दिल्ली विश्व कप विजेता इंग्लैंड के तेज गेंदबाज (Jofra Archer) ने उस समय को ‘बुरा दौर’ करार दिया जब वह किशोरावस्था में पीठ दर्द के कारण दो साल तक खेल से बाहर रहे और डॉक्टरों को लगा था कि वह शायद कभी क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे। आर्चर वेस्टइंडीज अंडर-19 टीम में जगह बनाने के बाद चोटिल हो गए थे। इसके बाद वह 2015 में इंग्लैंड में आकर बस गए थे। इस तेज गेंदबाज ने राजस्थान रॉयल्स पोडकॉस्ट में कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो वह बुरा दौर था। मैंने दो साल क्रिकेट के बिना बिताए थे।’ उन्होंने कहा, ‘मैं युवा था और खेलना चाहता था। ऐसे में आप अपने युवा होने का पूरा फायदा उठाना चाहते हो क्योंकि अगर आप 20, 21 या यहां तक कि 25 साल के हो जाते हैं और भाग्य साथ नहीं देता तो तब भी आप मौके का इंतजार कर रहे होते हो।’ आर्चर ने कहा, ‘ऐसे में लोग उन खिलाड़ियों पर दांव नहीं खेलना चाहते हैं जो थोड़ा उम्रदराज हो जाते हैं।’ पिछले साल इंग्लैंड की विश्व कप जीत में सुपर ओवर करने वाले आर्चर ने कहा कि तब वह निराश हो गए थे जब डॉक्टरों ने उनसे कहा कि हो सकता कि वह आगे क्रिकेट नहीं खेल पाएं। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगा कि जैसे मैंने अपने स्वर्णिम दिन गंवा दिए हों। डॉक्टरों ने मुझसे कहा कि अगर उन्हें सुधार नजर नहीं आता है तो हो सकता है कि मैं आगे क्लब क्रिकेट भी नहीं खेल पाऊं। मुझे वह दिन अब भी याद है। मैं निराश था।’ आर्चर ने कहा, ‘मैंने विश्राम किया और निर्णय लिया कि अगर दर्द कम होगा तो मैं फिर से कोशिश करूंगा। अगर ऐसा नहीं होता तो मैं वापस विश्वविद्यालय लौटकर जीवन की दूसरी राह पर चलने लग जाऊंगा। लेकिन सौभाग्य से मैं जैसा चाहता था वैसा ही हुआ।’

जापानी तलवारबाज रेयो मियाकी फिटनेस और पैसों के लिए फूड डिलिवरी बॉय बने, लंदन ओलिंपिक में सिल्वर जीत चुके May 12, 2020 at 11:57PM

कोरोनावायरस के कारण इंटरनेशनल ओलिंपिक संघ (आईओसी) ने टोक्यो गेम्स को एक साल के लिए टाल दिया है। दुनिया की एक तिहाई आबादी लॉकडाउन है। इस वजह से स्पोर्ट्स सेंटर और ज्यादातर देशों में प्रैक्टिस बंद हैं। ऐसे में जापानी तलवारबाज रेयो मियाकी फिटनेस और पैसों के लिए फूड डिलिवरी बॉय बन गए हैं। वे लंदन ओलिंपिक 2012 के टीम इवेंट में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं।

मियाकी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि तलवारबाजी का अभ्यास बगैर पाटर्नर के संभव नहीं है। इन दिनों जिम भी बंद है। ऐसे में फिटनेस के लिए उन्होंने फूड डिलिवरी बॉय की नौकरी कर ली। वे साइकिल से ही रेस्टोरेंट से फूड लेकर लोगों के घर तक पहुंचा जा रहे हैं। इस काम से मियाकी फिट भी रहते हैं।

नौकरी आसानी से मिल रही है
तलवारबाज ने कहा, ‘‘साइकिल चलाने से शरीर में लचीलापन भी बना रहता है। साथ ही कमाई भी हो जाती है। लॉकडाउन खुलने के बाद यदि टोक्यो ओलिंपिक होता है, तो यात्रा के लिए काफी रुपयों की जरूरत होगी, इसलिए पैसे भी जोड़ रहा हूं। इन दिनों फूड डिलिवरी बॉय की डिमांड ज्यादा है। ऐसे में नौकरी आसानी से मिल जाती है। मैं इस जॉब को पूरी तरह से एंजॉय कर रहा हूं।’’

फूड डिलिवरी से कोरोना का खतरा भी नहीं

मियाकी ने कहा, ‘‘कंपनी की फूड पॉलिसी के तहत खाना घर के दरवाजे के बाहर रखना होता है। ऐसे में कोरोना के संक्रमण का खतरा कम होता है। हालांकि फूड लेने के लिए रेस्टोरेंट जाना पड़ता है। उस दौरान ही वह रेस्टोरेंट स्टाफ के संपर्क में आते हैं।’’ मियाकी ने इन दिनों अपने स्पॉन्सर से पैसे रोकने के लिए कहा है। वे फूड कंपनी से जीवन यापन करने लायक कमाई करने में सक्षम हैं।

ओलिंपिक को लेकर सस्पेंस अब भी बरकरार
मियाकी ने कहा, ‘‘वर्तमान स्थिति में तलवारबाजी संभव नहीं है, क्योंकि यह बिना पाटर्नर के नहीं हो सकती। कोरोना के कारण टोक्यो ओलिंपिक एक साल टल गया, जो अब 2021 में होगा। वहीं तलवारबाजी के कई टूर्नामेंट रद्द हो गए हैं। यह कब होगा, किसी को भी पता नहीं है। क्वालिफाइंग को लेकर फेडरेशन के क्या नियम होंगे, मुझे कुछ नहीं पता है।’’



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रेयो मियाकी ने कहा- कंपनी की फूड पॉलिसी के तहत खाना घर के दरवाजे के बाहर रखना होता है। ऐसे में कोरोना के संक्रमण का खतरा कम होता है।

जापान में कोरोना वायरस से सूमो पहलवान की मौत May 12, 2020 at 11:25PM

तोक्योजापान के एक 28 वर्षीय सूमो पहलवान की कोरोना वायरस से संक्रमित होने और उसके बाद कई अंगों के काम नहीं करने के कारण बुधवार को मौत हो गई। तोक्यो के तकादागावा टीम से संबंध रखने वाले पहलवान सोबुशी का इस बीमारी से एक महीने तक जूझने के बाद बुधवार की सुबह निधन हो गया। यह कोविड-19 के कारण किसी पहलवान की मौत का पहला मामला है। जापान सूमो संघ ने कहा कि इस पहलवान को चार-पांच अप्रैल को बुखार था लेकिन वह फोन व्यस्त होने के कारण स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क नहीं कर पाया। यही नहीं कई अस्पतालों ने उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया था। आखिर में जब उनकी खांसी में खून आने लगा तो आठ अप्रैल को उन्हें तोक्यो अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका कोरोना वायरस के लिये शुरुआती परीक्षण ‘नेगेटिव’ रहा था लेकिन जब उन्हें एक अन्य अस्पताल ले जाया गया तो दस अप्रैल को उनका परीक्षण ‘पॉजीटिव’ आया था। इस अस्पताल में 19 अप्रैल से उन्हें गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया था। सूमो संघ के प्रमुख हक्काकु ने इसे आहत करने वाली खबर बताया। जापान में निचली श्रेणी के कई पहलवानों और प्रशिक्षुओं को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है।

चहल जोकर और बुमराह हैं रहस्यमयी: कोहली May 12, 2020 at 10:49PM

मुंबईटीम इंडिया के सोशल मीडिया हैंडल पर बुधवार को एक वीडियो पोस्ट किया गया है, जिसमें भारतीय लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल () और () बातचीत कर रहे हैं। कोहली ने जहां चहल को जोकर बताया है तो वहीं, तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह () को लेकर उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि बुमराह सोशल मीडिया पर इतने विस्तार से बात कर सकते हैं। एक चैट में बातचीत के दौरान कोहली ने हल्के फुल्के अंदाज में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘युजवेंद्र चहल मेरी नजर में लॉकडाउन के दौर में सबसे बड़े जोकर की तरह हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जसप्रीत बुमराह मेरी नजर में रहस्यों से भरा हुआ है। मुझे नहीं पता था कि वह लोगों के बीच लाइव चैट पर इतनी लंबी बातचीत भी कर सकते हैं।’ उल्लेखनीय है कि किलर महामारी कोरोना वायरस की वजह से तमाम खेलों पर ब्रेक लगा हुआ है। भारतीय क्रिकेटर घर पर रहने को मजबूर हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) भी अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित किया जा चुका है, जबकि टी-20 वर्ल्ड कप का आयोजन भी मुश्किल में दिख रहा है। ऐसे में भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली, रोहित शर्मा सहित तमाम क्रिकेटर सोशल मीडिया के माध्यम से अपने फैन्स से रूबरू हो रहे हैं। (आईएएनएस के इनपुट के साथ)

पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर ने कहा, जब सचिन खेलते थे तो दिल चाहता था कि वह आउट न हों May 12, 2020 at 09:46PM

नई दिल्ली सचिन तेंडुलकर (Sachin Tendulkar) ने पाकिस्तान के खिलाफ कई यादगार पारियां खेली हैं। फिर चाहे वह 2003 वर्ल्ड कप में बनाए गए 98 रन () हों या फिर पाकिस्तान में जाकर वनडे सेंचुरी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पाकिस्तान के खिलाफ ही डेब्यू करने वाले तेंडुलकर ने अपने खेल से पड़ोसी देश के दर्शकों को ही नहीं बल्कि खिलाड़ियों को भी अपना फैन बनाया है। इनमें से एक पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ (Rashid Latif) भी हैं। लतीफ ने कहा है कि सचिन सबसे यादगार प्रतिद्वंद्वियों में रहे। अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि जब सचिन खेल रहे होते थे तो वह उन्हें आउट होते हुए नहीं देखना चाहते थे। लतीफ ने कहा, 'जब मैं विकेटकीपिंग करता था जब कई खिलाड़ी बल्लेबाजी करने आते थे। लेकिन जब सचिन बैटिंग करने आते थे तो मेरा दिल नहीं करता था कि वह आउट हों। मुझे उनकी बल्लेबाजी देखने में मजा आता था। टीवी पर नहीं लेकिन जब मैं विकेटकीपिंग करता था तो उनकी बैटिंग का खूब लुत्फ उठाता था।' सचिन के व्यवहार की तारीफ करते हुए लतीफ ने कहा, 'जब ब्रायन लारा, रिकी पॉन्टिंग या जैक कालिस बैटिंग करने आते थे तो कीपिंग करते हुए मुझे लगता था कि ये जल्दी आउट हों लेकिन सचिन की बात अगल थी। अगर मैं उन्हें पीछे से कुछ बोलता भी था वह आगे से कोई जवाब नहीं देते थे, बस मुस्कुराते रहते थे।' लतीफ ने कहा कि अन्य बल्लेबाज प्रतिक्रिया देते थे लेकिन मोहम्मद अजहरुद्दीन और सचिन कोई जवाब नहीं देते थे। वे विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को भी अपना बना लेते थे। लतीफ ने कहा, 'इसी वजह से सब सचिन की तारीफ करते हैं। खास तौर पर विकेटकीपर। आप किसी भी विकेटकीपर मोईन खान या कामरान अकमल से पूछ लीजिए वह भी सचिन की इस बात के लिए तारीफ करेंगे। वह सैकड़ा बनाएंगे, गेंदबाजों पर आक्रामक शॉट लगाएंगे लेकिन कभी कुछ नहीं कहेंगे। आप विकेटकीपर के रूप में उन्हें उकसाने की कोशिश करते रहिए वह कोई रिऐक्शन नहीं देंगे।' लतीफ ने कहा, 'आप क्रिकेट खेलते हैं चले जाते हैं लेकिन आपका व्यवहार याद रखा जाता है। मेरी नजर में मैदान पर व्यवहार की नजर से सचिन चोटी पर हैं। और ऐसे खिलाड़ी हमेशा याद रहते हैं।'

PCB के कानूनी सलाहकार पर फिर भड़के शोएब अख्तर May 12, 2020 at 09:12PM

कराचीपाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज () ने क्रिकेट बोर्ड के कानूनी सलाहकार तफज्जुल रिजवी (Tafazzul Rizvi) द्वारा भेजे गए मानहानि नोटिस का जवाब देते हुए इसे ‘कानूनी रूप से दोषपूर्ण और गलत’ करार दिया। इस तूफानी गेंदबाज ने रिजवी से ‘सार्वजनिक तौर पर अपमानित करने, बदनाम करने और उनका उपहास उड़ाने के लिए माफी मांगने को भी कहा। अख्तर ने कहा, ‘मैंने अपने चैनल पर जो भी कुछ कहा वह पाकिस्तान क्रिकेट की भलाई के लिए कहा और बताया कि बोर्ड को किन चीजों में सुधार करने की जरूरत है। रिजवी के बारे में मैंने उनके साथ निजी बातचीत के आधार पर अपनी राय रखी थी।’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘पीसीबी और रिजवी को लेकर मेरी टिप्पणी पीसीबी की कमियों और उसमें सुधार की उम्मीद को लेकर सार्वजनिक हित में दी गयी राय थी।’ अख्तर ने अपने यूट्यूब चैनल पर रिजवी को ‘अयोग्य’ कहा था। इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में लंबे समय से कानूनी सलाहकार का काम संभाल रहे रिजवी ने अख्तर को मानहानि का नोटिस भेजा था। अख्तर ने उमर अकमल पर तीन साल का प्रतिबंध लगाने की भी आलोचना की थी। रिजवी ने अख्तर से बिना शर्त माफी मांगने और चैरिटी के लिए एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की थी।

गंभीर ने कहा- न्यूजीलैंड वर्ल्ड कप 2019 में खिताब की हकदार थी, इंग्लैंड के साथ संयुक्त विजेता होना था May 12, 2020 at 09:35PM

वर्ल्ड कप 2019 के विवादित फाइनल में इंग्लैंड ने बाउंड्री काउंट नियम से न्यूजीलैंड को हराया था। खेल के दिग्गजों ने इसकी आलोचना करते हुए इसे न्यूजीलैंड के खिलाफ नाइंसाफी बताया था। पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर भी ऐसा ही मानते हैं। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड खिताब की हकदार थी। उसे इंग्लैंड के साथ संयुक्त विजेता घोषित किया जाना चाहिए थे।

वर्ल्ड कप का फाइनल और उसके बाद सुपर ओवर दोनों टाई हो गए थे। इसके बाद आईसीसी के बाउंड्री काउंट नियम से इंग्लैंड विजेता बना था। आलोचना बाद आईसीसी ने यह नियम ही बदल दिया और कहा कि जब तक एक टीम दूसरी से ज्यादा रन नहीं बना लेती, सुपर ओवर दोहराया जाता रहेगा।

‘न्यूजीलैंड को प्रदर्शन के हिसाब से क्रेडिट नहीं मिला’
गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेट में कहा, ‘‘उस समय वर्ल्ड कप में संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया जाना चाहिए थे। न्यूजीलैंड वह खिताब मिलना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो सका। यदि आप उनका (न्यूजीलैंड) का ओवरऑल रिकॉर्ड देखेंगे, तो उन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। 2019 और उससे पहले 2015 वर्ल्ड कप में वे लगातार रनरअप ही रहे। मेरा मानना है कि उन्होंने हर एक परिस्थिति में बेहतर प्रदर्शन किया है। हमने उनको इस हिसाब से क्रेडिट नहीं दिया।’’

26 बाउंड्री लगाने वाला इंग्लैंड विजेता बना था
2019 में हुए वर्ल्ड कप फाइनल में सुपर ओवर खेला गया। वर्ल्ड कप के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था। यह भी पहली बार हुआ था, जब मैच और सुपर ओवर, दोनों टाई हो गए। न्यूजीलैंड ने पहले 241 रन बनाए थे। इंग्लैंड की टीम 241 रन पर ही ऑलआउट हो गई थी। सुपर ओवर में इंग्लैंड ने 15 रन बनाए थे।

न्यूजीलैंड ने इस लक्ष्य की बराबरी तो कर ली, लेकिन जीत के लिए जरूरी एक रन नहीं बना पाई थी। इसके बाद बाउंड्री काउंट नियम लागू हुआ। पूरे मैच में इंग्लैंड ने 26 और न्यूजीलैंड ने 17 बाउंड्री लगाईं। ज्यादा बाउंड्री लगाने की वजह से इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया।



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वर्ल्ड कप 2019 के फाइनल में इंग्लैंड ने 26 और न्यूजीलैंड ने 17 बाउंड्री लगाई थीं। ज्यादा बाउंड्री लगाने की वजह से इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया था।