Thursday, August 5, 2021

वीडियो: हॉकी में भारत की दीवार ऐसे ही नहीं है श्रीजेश, वीडियो देख लीजिए August 05, 2021 at 05:05AM

तोक्योभारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर न केवल तोक्यो ओलिंपिक का ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया,बल्कि एक नया अध्याय भी लिखा। यह 1980 के बाद हॉकी में पहला पदक था। इस ऐतिहासिक जीत के हीरो सिमरनजीत सिंह (दो गोल- 17वें मिनट और 34वें मिनट), हार्दिक सिंह (27वां मिनट), हरमनप्रीत सिंह (29वां मिनट) और रुपिंदर पाल सिंह (31वां मिनट) तो हैं ही, लेकिन आखिरी पलों में पेनल्टी बचाने वाले गोलकीपर श्रीजेश ने गोल पोस्ट के आगे पूरी मुस्तैदी दिखाई। उन्होंने मैच के आखिरी चंद सेकंड में जर्मनी को मिले पेनल्टी कॉर्नर को ज्यों ही गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने रोका , भारतीय खिलाड़ियों के साथ टीवी पर इस ऐतिहासिक मुकाबले को देख रहे करोड़ों भारतीयों की भी आंखें नम हो गईं। आखिर इंतजार 41 साल का था और अतीत की मायूसियों के साए से निकलकर भारतीय हॉकी टीम ने पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए तोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीत लिया। श्रीजेश बने दीवारपूर्व कप्तान और गोलकीपर श्रीजेश ने अहम मौके पर कई गोल बचाए। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे उन्होंने जर्मन खिलाड़ी के शॉट को पहले बाएं पैर से ब्लॉक किया और गेंद नहीं रुकी तो उन्होंने तपाक से हाथ लगा दिया। यही नहीं, कई बार तो आगे बढ़कर गेंद पर झपट्टा मारते नजर आए, जिससे विपक्षी टीम के पैंतरे फ्लॉप हुए। उल्लेखनीय है कि भारत के लिए मुकाबले की शुरुआत अच्छी नहीं रही। भारतीय रक्षापंक्ति ने कई गल्तियां की लेकिन अग्रिम पंक्ति और गोलकीपर पीआर श्रीजेश इसकी भरपाई करने में सफल रहे। जर्मनी ने बेहद तेज शुरुआत की लेकिन बाकी मैच में इस दमखम को बनाए रखने में विफल रही। जर्मनी ने पहले क्वॉर्टर में दबदबा बनाया तो भारतीय टीम बाकी तीन क्वॉर्टर में हावी रही।

देसी घी के चूरमे से होगा रवि दहिया का वेलकम:ओलिंपिक में सिल्वर जीतने के बाद मां बोली-अगली बार जरूर सोना ही लेकर आएगा मेरा लाल August 05, 2021 at 04:57AM

पदक न सही, पर अनुभव लेकर लौटेगा दीपक:ओलिंपिक के सेमीफाइनल में खेलने के बाद घर वाले बोले-बहुत मौके मिलेंगे अभी उम्र ही क्या है August 05, 2021 at 03:41AM

वीडियो: कोहली को पहली ही गेंद पर एंडरसन ने यूं किया आउट, 5वीं बार गोल्डन डक August 05, 2021 at 04:31AM

नॉटिंघमइंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने दौरे पर गई भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के खिलाफ टेस्ट सीरीज में पहली बाजी जीत ली है। उन्होंने कोहली को पहली ही गेंद विकेट के पीछे लपकवाते हुए पवेलियन भेज दिया। जब वह आउट हुए तो भारत का स्कोर 3 विकेट पर 104 रन हो गया। इसी स्कोर चेतेश्वर पुजारा (4) का भी विकेट गिरा था, जिन्हें एंडरसन ने ही आउट किया था। जेम्स एंडरसन और विराट कोहली के बीच प्रतिद्वंद्विता जग जाहिर है। जब भी भारत बनाम इंग्लैंड मैच होता है और दोनों खिलाड़ी खेल रहे होते हैं तो चर्चा जरूर होती है। भारतीय टीम ने दिन की अच्छी शुरुआत की थी। रोहित शर्मा और केएल राहुल के बीच पहले विकेट के लिए 97 रनों की साझेदारी भी हुई। रोहित शर्मा 36 रनों के टीम स्कोर पर रॉबिन्सन की गेंद पर आउट हुए। इसके बाद 41वें ओवर की दूसरी गेंद पर जेम्स एंडरसन ने चेतेश्वर पुजारा को महज 4 रनों के निजी स्कोर चलता किया। इसके बाद बैटिंग करने आए विराट कोहली को ऑफ स्टंप्स के बाहर निकलती गेंद पर हैरान करते हुए पवेलियन लौटने को मजबूर कर दिया। यह टेस्ट में 5वां मौका है जब विराट कोहली गेल्डन डक हुए हैं। रोचक बात यह है कि इसमें से 3 बार इंग्लैंड के खिलाफ ऐसा हुआ है। कब-कब विराट हुए गोल्डन डक
  • vs ऑस्ट्रेलिया, एमसीजी 2011/12 (गेंदबाज- बेन हिल्फेनहास)
  • vs इंग्लैंड, लॉर्ड्स 2014 (लियाम प्लंकेट)
  • vs इंग्लैंड, ओवल 2018 (स्टुअर्ट ब्रॉड)
  • vs वेस्टइंडीज, किंगस्टन 2019 (केमर रोच)
  • vs इंग्लैंड ट्रेंट ब्रिज (जेम्स एंडरसन)

वो सितारे जिनकी चमक से रोशन हुई भारतीय हॉकी, उन्हें दुनिया से मिलवा रहे पीएम मोदी August 05, 2021 at 04:05AM

नई दिल्लीइतने सालों की मेहनत रंग लाई। उस तपस्या का फल मिल गया, जो साधना भारतीय पुरुष हॉकी टीम लंबे अरसे से कर रही थी। ओलिंपिक में 41 साल का मेडल सूखा खत्म हो गया। इस कांस्य पदक की चमक फाइनल वाले गोल्ड से कम नहीं है। देश भर में जश्न का माहौल है। मैच के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कप्तान और कोच से फोन पर बातचीत की। अब ट्विटर के सहारे दुनिया से उन सितारों को मिला रहे, जिनकी चमक से हॉकी दोबारा रोशन हो रही।

भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने तोक्यो में जर्मनी को हराकर 41 साल बाद कांस्य पदक जीता तो हिंदुस्तान में खुशी की लहर दौड़ गई। अतीत के सुनहरे दौर के साक्षी रहे पूर्व खिलाड़ियों के आंखों से आंसू बहने लगे। खुद पीएम मोदी ने फोन कर कप्तान मनप्रीत सिंह को बधाई दी।


वो सितारे जिनकी चमक से रोशन हुई भारतीय हॉकी, उन्हें दुनिया से मिलवा रहे पीएम मोदी

नई दिल्ली

इतने सालों की मेहनत रंग लाई। उस तपस्या का फल मिल गया, जो साधना भारतीय पुरुष हॉकी टीम लंबे अरसे से कर रही थी। ओलिंपिक में 41 साल का मेडल सूखा खत्म हो गया। इस कांस्य पदक की चमक फाइनल वाले गोल्ड से कम नहीं है। देश भर में जश्न का माहौल है। मैच के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कप्तान और कोच से फोन पर बातचीत की। अब ट्विटर के सहारे दुनिया से उन सितारों को मिला रहे, जिनकी चमक से हॉकी दोबारा रोशन हो रही।



पेनल्टी कॉर्नर स्पेशलिस्ट रूपिंदर पाल सिंह
पेनल्टी कॉर्नर स्पेशलिस्ट रूपिंदर पाल सिंह

मूल रूप से फरीदकोट के रहने वाले रूपिंदर पाल सिंह ने अपना लगातार दूसरा ओलिंपिक खेला। जर्मनी के खिलाफ इस मैच में उन्होंने एक गोल भी दागा। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, 'आपके विश्व स्तरीय पेनल्टी कार्नर विशेषज्ञ कौशल ने एक कीमती पदक घर लाकर हम सभी को गौरवान्वित किया है। भारत आप पर विश्वास करता है और आप जैसे भारतीय हॉकी के अभिभावकों से ऐसे ही खेल की उम्मीद करता है। मेरी शुभकामनाएं'



ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह
ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह

पंजाब के अमृतसर के छोटे से गांव तीमोवाल के रहने वाले हरमनप्रीत जितने अच्छे डिफेंडर हैं, उतने ही अच्छे ड्रैग फ्लिकर भी हैं। पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने में माहिर हरमन ने करियर की शुरुआत बतौर फारवर्ड खिलाड़ी की थी। इस मैच में एक गोल करने वाले हरमन के बारे में पीएम मोदी ने लिखा, 'हमने आपके पावर-पैक गेम का आनंद लिया! आपने जो महत्वपूर्ण गोल किए हैं, उनके साथ आपने वास्तव में भारतीय हॉकी को सभी के ध्यान के केंद्र में ला दिया है। प्रभावशाली प्रदर्शन! तुम पर गर्व है।'



महावीर, अमित... रवि दहिया के सिल्वर जीतने पर पढ़िए उनके गांव की कहानी, यहां की मिट्टी में ही पहलवानी है August 05, 2021 at 04:13AM

नई दिल्‍लीपहलवान रवि दहिया गुरुवार को स्वर्ण पदक जीतने से चूक गए। पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग कुश्ती प्रतियोगिता के फाइनल में वह रूसी ओलिंपिक समिति के जावुर युवुगेव को पटखनी नहीं दे पाए। इस तरह उन्‍हें सिल्‍वर मेडल से संतोष करना पड़ा। कुश्‍ती के दांव-पेचों से रवि ने समूचे देश का दिल जीत लिया है। प्रधानमंत्री से लेकर तमाम नामचीन हस्तियों ने रवि को उनकी उपलब्धि पर बधाई दी। इस बीच उनका गांव भी खूब चर्चा में है। लोग इसे 'असाधारण गांव' मानने लगे हैं, जिसकी मिट्टी में ही पहलवानी है। हरियाणा के सोनीपत में नाहरी गांव की आबादी करीब 15,000 है। यह अलग बात है कि गांव तीन 'धाकड़' ओलिंपियन दे चुका है। इनमें किसान पुत्र रवि दहिया तीसरे हैं। उनसे पहले और भी इसी गांव के थे। महावीर सिंह मॉस्को 1980 और लॉस एंजिल्स 1984 ओलिंपिक खेलों में कुश्‍ती टीम का हिस्‍सा थे। वहीं, अमित दहिया लंदन 2012 ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्‍व कर चुके हैं।

कुश्‍ती के लिए गांव में दीवानगी एक के बाद एक ओलिंपियन निकलने के बाद इस गांव में कुश्‍ती के लिए भरपूर उत्‍साह है। माहौल भी। इन तीनों पहलवानों ने बहुत कम उम्र से कुश्‍ती शुरू कर दी थी। रवि दहिया के पिता राकेश दहिया बताते हैं कि छह साल की उम्र से रवि ने गांव के अखाड़े में कुश्ती शुरू कर दी थी। बाद में वह दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में चले गए थे। वह प्रत्येक दिन गांव से अपने बेटे के लिए दूध और मक्खन लेकर जाते थे ताकि उनके बेटे को पोषक आहार मिल सके। रवि दहिया का जन्म 1997 में हुआ था। जब वह दस साल के हुए तो सतपाल सिंह ने उत्तरी दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग देनी शुरू की। रवि के छोटे भाई पंकज दहिया भी कुश्‍ती में ट्रेनिंग ले रहे हैं। रवि ने गांव के हंसराज ब्रह्मचारी अखाड़े में कुश्ती शुरू की। यहां हर बच्चा कुश्ती में हाथ आजमाता था। खून में है पहलवानी कुश्ती दहिया परिवार के खून में है। उनके पिता जवानी में कुश्ती करते थे। लेकिन, रवि अपने चाचा राजेश दहिया के डीलडौल से ज्‍यादा प्रभावित थे। वर्तमान में राजेश बीएसएफ राजस्थान में सहायक कमांडेंट पद पर कार्यरत हैं। नाहरी और नाहरा की दो पंचायतें पहलवानों की टकसाल के तौर पर प्रसिद्ध हैं, जैसा कि सोनीपत के लगभग हर गांव में है। गांव में दो अर्जुन पुरस्कार विजेता पहलवान सतवीर सिंह और महावीर सिंह और दो ओलिंपियन महावीर सिंह (1980 मॉस्को) और अमित कुमार दहिया (2012 लंदन) हैं। 18 साल की उम्र में अमित ने ओलिंपिक में भाग लेने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय पहलवान होने का रिकॉर्ड बनाया था। 23 वर्षीय रवि यहां से नई खोज हैं। लेकिन, अब उनके पास ओलिंपिक पदक विजेता होने का एक अतिरिक्त गौरव है। क्‍यों खास है उपलब्धि? इससे पहले सुशील कुमार लंदन ओलिंपिक 2012 के फाइनल में पहुंचे थे, लेकिन उन्हें भी रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा था। रवि की जीत के साथ तोक्यो ओलिंपिक खेलों में भारत ने अपना दूसरा रजत पदक हासिल किया। इससे पहले भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने महिलाओं के 49 किग्रा भार वर्ग में दूसरा स्थान हासिल किया था। भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान खशाबा जाधव थे। उन्होंने हेलसिंकी ओलिंपिक 1952 में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया था। सुशील ओलिंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे। अब बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने तोक्‍यो में कांस्य जीतकर इसकी बराबरी कर दी है। लंदन ओलिंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं, साक्षी मलिक ने रियो ओलिंपिक 2016 में कांसे का तमगा हासिल किया था। और कौन से खिताब अपने नाम कर चुके हैं रवि? रवि ने एशियन चैंपियनशिप (2020, 2021) में दो स्वर्ण, नूर सुल्तान में 2019 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य, बुखारेस्ट में विश्व अंडर-23 चैंपियनशिप में रजत और साल्वाडोर दा बाहिया में 2015 विश्व जूनियर कुश्ती में रजत पदक जीता है।

हॉकी के हीरोज को क्रिकेट का सलाम:सचिन बोले- आखिरी पलों में श्रीजेश का सेव अद्भुत, गंभीर ने कहा- हॉकी ये मेडल किसी भी क्रिकेट वर्ल्ड कप से बड़ा August 05, 2021 at 03:15AM

हॉकी खिलाड़ी वंदना के घर हंगामे में एक गिरफ्तार:सेमीफाइनल में भारतीय महिला हॉकी टीम के हारने पर हरिद्वार में हंगामा, वंदना के परिवार को दी गालियां, तीन पर केस दर्ज August 05, 2021 at 02:14AM

रवि के लिए हरियाणा सरकार ने खोला खजाना, मिलेंगे 4 करोड़ और क्लास-1 नौकरी August 05, 2021 at 02:48AM

नई दिल्लीतोक्यो ओलिंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट पहलवान रवि कुमार दहिया के लिए हरियाणा सरकार ने खजाना खोल दिया है। प्रदेश के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने दिलेर पहलवान के लिए इनाम का ऐलान किया है। उन्होंने गोल्ड मेडल मुकाबला चूकने के बाद ऐतिहासिक सिल्वर मेडल अपने नाम करने वाले पहलवान के लिए 4 करोड़ रुपये और क्लास-1 की नौकरी का ऐलान किया। साथ ही हरियाणा में अपनी इच्छानुसार प्लॉट खरीदने पर 50% कंसेशन देने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने कहा- रवि ने अपना फाइनल मैच बहुत बहादुरी से खेला है। इसकी मैं बहुत प्रशंसा करता हूं और उनको बधाई देता हूं। उनके लिए क्लास-1 की नौकरी सुनिश्चित की गई है। वह हरियाणा में जहां भी चाहें 50% की कंसेशन पर एक प्लाट दिया जाएगा। उनको 4 करोड़ रुपये की राशि भी दी जाएगी। इसके अलावा खट्टर ने उनके गांव नहरी में आधुनिक सुविधाओं से लैस रेसलिंग का एक इंडोर स्टेडियम बनाने की बात भी कही। उन्होंने कहा- रवि के गांव नहरी में आधुनिक सुविधाओं से लैस रेसलिंग का एक इंडोर स्टेडियम आधुनिक सुविधाओं से लैस रेसलिंग का एक इंडोर स्टेडियम बनवाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया को पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में रूस ओलंपिक समिति (आरओसी) के जायूर उगयेव के हाथों 4-7 से हार का सामना कर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। रवि ने तोक्यो में शानदार शुरुआत करते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। उन्होंने सेमीफाइनल में पीछे चल रहे होने के बावजूद कजाखस्तान के नूरइस्लाम सनायेव को हराकर फाइनल में प्रवेश कर भारत के लिए पदक पक्का कर लिया था।

ब्रॉन्ज मेडल से चूके दीपक पूनिया, पीएम मोदी बोले- टैलेंट का पावरहाउस हैं आप August 05, 2021 at 02:46AM

पहलवान दीपक पूनिया ने सैन मारिनो के पहलवान माइलेस नाजिम अमीन के खिलाफ शुरुआत में बढ़त भी ले ली थी, लेकिन आखिरी के 10 सेकंड में अमीन ने बाजी पलटते हुए भारतीय पदक की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इस तरह ओलिंपिक से इनका सफर अब समाप्त हो गया है।

भारत को आज दीपक पूनिया से पदक की उम्मीद थी और वो उम्मीद पूरी होती भी दिख रही थी मगर आखिरी 10 सेकंड में खेल पूरा पलट गया। दीपक पूनिया को तोक्यो ओलिंपिक में कुश्ती के 86 किलोग्राम फ्रीस्टाइल के ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा।


ब्रॉन्ज मेडल से चूके दीपक पूनिया, पीएम मोदी बोले- टैलेंट का पावरहाउस हैं आप

पहलवान दीपक पूनिया ने सैन मारिनो के पहलवान माइलेस नाजिम अमीन के खिलाफ शुरुआत में बढ़त भी ले ली थी, लेकिन आखिरी के 10 सेकंड में अमीन ने बाजी पलटते हुए भारतीय पदक की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इस तरह ओलिंपिक से इनका सफर अब समाप्त हो गया है।



हार-जीत तो लगी रहती है, जरूरी है लड़ना
हार-जीत तो लगी रहती है, जरूरी है लड़ना

हार-जीत खेल का हिस्सा है। कोई खिलाड़ी हारेगा तो कोई जीतेगा। बेशक जीत की खुशी अलग ही होती है मगर हार भी कुछ सिखा के जाती है। युवा पहलवान दीपक पूनिया भले ही कोई पदक न जीत पाए हों मगर उनके यहां तक पहुंचने से ये तो पता चलता है कि वो आगे चलकल जरूर एक बड़े खिलाड़ी के रूप में नजर आएंगे।



मलाल किस बात का है...
मलाल किस बात का है...

एक खिलाड़ी जीत के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर देता है। अपना घर परिवार सब कुछ छोड़कर दिन-रात मेहनत करते हैं। उसके बाद कुछ मिनटों का मुकाबला होता है सालों की मेहनत का नतीजा निकल आता है। पूनिया क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे और फिर उसके बाद वो हार गए। दुख जरूर होता है मगर इस दुख से आगे निकलने का वक्त है।



सिल्वर मेडल जीते रवि दहिया...लोग बोले- क्या खूब लड़े तुम, पीएम मोदी ने भी कुछ इस तरह दी बधाई August 05, 2021 at 01:32AM

130 करोड़ भारतीयों की गोल्ड मेडल उम्मीद के साथ उरते रवि ने वर्ल्ड चैंपियन के आगे अपना शतप्रतिशत दिया। वह अंत तक लड़े, लेकिन 7-4 से हार गए। वर्ल्ड चैंपियन जावुर ने आक्रामक शुरुआत की और भारतीय पहलवान के खिलाफ दो पॉइंट ले लिए। हालांकि, रवि ने भी जावुर के पैरों पर हमला किया और दो पॉइंट लेकर स्कोर 2-2 से बराबर किया, लेकिन जावुर ने राउंड खत्म होने से ठीक पहले दो पॉइंट लेकर 4-2 से बढ़त ले ली।

भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया तोक्यो ओलिंपिक के अपने फाइनल मुकाबले में हार गए। उन्होंने खिताबी मुकाबले में वर्ल्ड चैंपियन रूस के जावुर युगुऐव से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस तरह वह सुशील कुमार के बाद कुश्ती में सिल्वर मेडल जीतने वाले भारत के दूसरे पहलवान बन गए हैं।


सिल्वर मेडल जीते रवि दहिया...लोग बोले- क्या खूब लड़े तुम, पीएम मोदी ने भी कुछ इस तरह दी बधाई

130 करोड़ भारतीयों की गोल्ड मेडल उम्मीद के साथ उरते रवि ने वर्ल्ड चैंपियन के आगे अपना शतप्रतिशत दिया। वह अंत तक लड़े, लेकिन 7-4 से हार गए। वर्ल्ड चैंपियन जावुर ने आक्रामक शुरुआत की और भारतीय पहलवान के खिलाफ दो पॉइंट ले लिए। हालांकि, रवि ने भी जावुर के पैरों पर हमला किया और दो पॉइंट लेकर स्कोर 2-2 से बराबर किया, लेकिन जावुर ने राउंड खत्म होने से ठीक पहले दो पॉइंट लेकर 4-2 से बढ़त ले ली।



सिल्वर मेडल जीते रवि दहिया
सिल्वर मेडल जीते रवि दहिया

तोक्यो ओलंपिक में भारत का चौथा पदक पक्का करते हुए रवि दहिया (Ravi Dahiya Gold Medal) कजाखस्तान के नूरइस्लाम सानायेव को ‘ पिन फॉल’ पर हराकर फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बने थे। हरियाणा के एक किसान के बेटे दहिया से पहले सुशील कुमार ओलंपिक कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाले अकेले भारतीय थे जिन्होंने 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था।



पंजाब सरकार 10 हॉकी खिलाड़ियों को देगी 1-1 करोड़:टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर खेल मंत्री ने किया ऐलान, बोले- सूबे के इन खिलाड़ियों पर सभी को नाज August 05, 2021 at 01:34AM

हरियाणा के दोनों हॉकी खिलाड़यों को मिलेंगे ढाई-ढाई करोड़:CM मनोहर लाल ने किया ऐलान, कुरुक्षेत्र के सुरेंद्र और सोनीपत के सुमित वाल्मीकि टोक्यो में ब्रॉन्ज जीतने वाली टीम के सदस्य August 05, 2021 at 02:07AM

पंजाब-हरियाणा की तरह खिलाड़ियों का सम्मान किया जाएगा:स्पोर्टस डायरेक्टर ने कहा-चंडीगढ़ हॉकी एकेडमी के रूपिंदर और गुरजंट का स्पोर्टस डिपार्टमेंट भव्य स्वागत करेगा August 05, 2021 at 01:43AM

ऐसे ही नहीं बनते पहलवान! एक माह से मां ने नहीं सुनी आवाज, बेटे रवि को याद कर निकले आंसू August 05, 2021 at 01:25AM

तोक्यो देश के सपूत रवि दहिया भले ही ओलिंपिक गोल्ड मेडल से चूक गए, लेकिन कुश्ती में सिल्वर लाने वाले वह भारत के दूसरे पहलवान बन गए। कड़ी मेहनत, वर्षों का संघर्ष और त्याग ने खेलों के महाकुंभ में उनकी 'चांदी' की। हिंदुस्तान में कुश्ती के नए पोस्टर बॉय बन चुके रवि के लिए यह सफर कतई आसान नहीं था। छत्रसाल स्टेडियम में सीखा दांवपेच महज 23 साल के रवि स्वभाव से शांत और शर्मिले हैं। उनके पिता राकेश कुमार ने उन्हें 12 साल की उम्र में छत्रसाल स्टेडियम भेजा था, तब से वह महाबली सतपाल और कोच वीरेंद्र के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग करते रहे हैं। यह दिल्ली का वही छत्रसाल स्टेडियम है, जहां से पहले ही भारत को दो ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त मिल चुके हैं। बात करते-करते रो पड़ी मां जीत-हार पर हर कोई एक सा नहीं रहता। रवि की यही तो खासियत है। न वह सेमीफाइनल में जीत के बाद खुशी से उछले और न ही हार के बाद चेहरे पर दर्द नजर आया, लेकिन उनकी मां जरूर भावुक हो गई। एक निजी टीवी चैनल पर बातचीत के दौरान बताया कि एक माह से बात नहीं हुई। जब वह यह कह रहीं थीं तो चेहरे पर दर्द और मां की ममता समझी और देखी जा सकती थी। आखिरकार भावनाएं उमड़ ही गई और टप-टप आंखों से आंसू बहने लगे। पिता के संघर्ष ने बनाया पहलवान रवि दहिया के पिता ने कभी भी अपनी परेशानियों को बेटे की ट्रेनिंग का रोड़ा नहीं बनने दिया। वह रोज खुद छत्रसाल स्टेडियम तक दूध और मक्खन लेकर पहुंचते जो उनके घर से 60 किलोमीटर दूर था। वह सुबह साढ़े तीन बजे उठते, पांच किलोमीटर चलकर नजदीक के रेलवे स्टेशन पहुंचते। रेल से आजादपुर उतरते और फिर दो किलोमीटर चलकर छत्रसाल स्टेडियम पहुंचते। फिर घर पहुंचकर खेतों में काम करते और यह सिलसिला 12 साल तक चला। कोविड-19 के कारण लॉकडाउन से इसमें बाधा आई। बेटे के पदक से वह अपना दर्द निश्चित रूप से भूल जाएंगे। अपने गांव के तीसरे ओलिंपियन हैं रवि महज 23 साल के रवि हरियाणा के सोनीपत जिले के नाहरी गांव से आते हैं। यह वही गांव है, जिसने देश को महावीर सिंह (मास्को ओलिंपिक, 1980 और लॉस एंजिल्स ओलिंपिक 1984) और अमित दहिया (लंदन ओलिंपिक-2012) जैसे ओलिंपियन दिए। 15 हजार की आबादी वाले इस गांव में न तो पीने के पानी की सही व्यवस्था है और न ही सीवेज लाइन। बिजली तो आते-जाती रहती है। सुविधाओं के नाम पर सिर्फ जानवरों का एक अस्पताल है।

ओह! आखिरी 12 सेकेंड में पलटी बाजी.... बढ़त बनाने के बाद हारे पहलवान दीपक पूनिया August 05, 2021 at 01:36AM

तोक्योभारतीय युवा पहलवान दीपक पूनिया को तोक्यो ओलिंपिक में कुश्ती के 86 किलोग्राम फ्रीस्टाइल के ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने सैन मारिनो के पहलवान माइलेस नाजिम अमीन के खिलाफ शुरुआत में बढ़त भी ले ली थी, लेकिन आखिरी के 10 सेकंड में अमीन ने बाजी पलटते हुए भारतीय पदक की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। रवि को मिला सिल्वरइससे ठीक पहले 57 किलोग्राम भारवर्ग में पहलवान रवि कुमार दहिया इतिहास रचने से चूक गए। उन्होंने खिताबी मुकाबले में वर्ल्ड चैंपियन रूस के जावुर युगुऐव से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस तरह वह सुशील कुमार के बाद कुश्ती में सिल्वर मेडल जीतने वाले भारत के दूसरे पहलवान बन गए हैं। 130 करोड़ भारतीयों की गोल्ड मेडल उम्मीद के साथ उरते रवि ने वर्ल्ड चैंपियन के आगे अपना शतप्रतिशत दिया। वह अंत तक लड़े, लेकिन 7-4 से हार गए। कुश्ती में पदक का इतिहासकेडी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया। सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने कांस्य जीतकर बराबरी की। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था। 2020 में रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीता।

खूब लड़ा 'सुलतान'... देश के ल‍िए रव‍ि दहिया लाए स‍िल्‍वर, 6 की उम्र से शुरू कर दिया था दंगल August 05, 2021 at 01:05AM

पहलवान रवि दहिया गुरुवार को गोल्‍ड लाने से चूक गए। तोक्यो ओलिंपिक फाइनल में पहुंचकर उन्‍होंने भारत के लिए पहले ही पदक पक्का कर दिया था। पूरा देश उनसे गोल्‍ड की उम्‍मीद कर रहा था। दहिया के गांव में जश्न का माहौल है। दहिया बुधवार को ओलिंपिक खेलों के फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बने। उन्होंने 57 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में कजाखिस्तान के नूरिस्लाम सनायेव को पटखनी दी।

दहिया से पहले सुशील कुमार फाइनल में पहुंचने वाले एकमात्र पहलवान थे। उन्होंने लंदन ओलिंपिक 2012 में रजत पदक हासिल किया था। पूरे देश के साथ नाहरी गांव में रवि के परिजन और रिश्तेदार उनसे गोल्‍ड लाने की उम्‍मीद लगाए हुए थे। किसान के पुत्र रवि दहिया इस गांव के तीसरे ओलिंपियन हैं। उनसे पहले महावीर सिंह (मास्को 1980 और लास एंजिल्स 1984) और अमित दहिया (लंदन 2012) भी इसी गांव के थे।


खूब लड़ा 'सुलतान'... देश के ल‍िए रव‍ि दहिया लाए स‍िल्‍वर, 6 साल की उम्र से शुरू कर दिया था दंगल

पहलवान रवि दहिया गुरुवार को गोल्‍ड लाने से चूक गए। तोक्यो ओलिंपिक फाइनल में पहुंचकर उन्‍होंने भारत के लिए पहले ही पदक पक्का कर दिया था। पूरा देश उनसे गोल्‍ड की उम्‍मीद कर रहा था। दहिया के गांव में जश्न का माहौल है। दहिया बुधवार को ओलिंपिक खेलों के फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बने। उन्होंने 57 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में कजाखिस्तान के नूरिस्लाम सनायेव को पटखनी दी।



छह साल की उम्र से गांव के अखाड़े में कुश्ती शुरू की
छह साल की उम्र से गांव के अखाड़े में कुश्ती शुरू की

सोनीपत में पहलवान रवि कुमार दहिया के परिवार के सदस्यों में खूब उत्‍साह है। फाइनल मुकाबले से पहले रवि के पिता राकेश दहिया ने कहा, 'देश को विश्वास है कि वह स्वर्ण जीतेगा। यहां उत्सव का माहौल है। वह देश का नाम रोशन करेगा।' यह अलग बात है कि रवि को सिल्‍वर से ही संतोष करना पड़ा। फाइनल में वह रूस के पहलवान Zavur Uguev से हार गए। राकेश ने बताया कि छह साल की उम्र से रवि ने गांव के अखाड़े में कुश्ती शुरू कर दी थी। बाद में वह दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में चले गए थे। वह प्रत्येक दिन गांव से अपने बेटे के लिए दूध और मक्खन लेकर जाते थे ताकि उनके बेटे को पोषक आहार मिल सके।



​गांव के तीसरे ओलिंपियन हैं रवि
​गांव के तीसरे ओलिंपियन हैं रवि

दहिया की दादी सावित्री ने कहा कि वह अपने पोते की उपलब्धि से बेहद खुश हैं। एक अन्य रिश्तेदार रिंकी ने कहा, 'रवि ने मुझसे कहा था कि मौसी मैं पूरे देश को गौरवान्वित करूंगा और उसने ऐसा कर दिखाया।' इस गांव की जनसंख्या 15000 है। किसान के पुत्र रवि दहिया इस गांव के तीसरे ओलिंपियन हैं। उनसे पहले महावीर सिंह (मॉस्को 1980 और लॉस एंजिल्स 1984) और अमित दहिया (लंदन 2012) भी इसी गांव के थे।



तोक्‍यो ओलिंपिक में भारत का दूसरा सिल्‍वर
तोक्‍यो ओलिंपिक में भारत का दूसरा सिल्‍वर

भारतीय पहलवान रवि दहिया गुरुवार को तोक्‍यो में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक से चूक गए। उन्हें तोक्यो ओलिंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता के पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग में रूसी ओलंपिक समिति के जावुर युवुगेव से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। युवुगेव ने अपने बेहतरीन डिफेंस का प्रदर्शन किया। उन्‍होंने अंकों के आधार पर यह मुकाबला 7-4 से जीता। कुश्ती में भारत का यह दूसरा रजत पदक है। इससे पहले सुशील कुमार लंदन ओलंपिक 2012 के फाइनल में पहुंचे थे, लेकिन उन्हें भी रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा था। तोक्यो खेलों में भारत ने अपना दूसरा रजत पदक हासिल किया। इससे पहले भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने महिलाओं के 49 किग्रा भार वर्ग में दूसरा स्थान हासिल किया था। भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान खशाबा जाधव थे। उन्होंने हेलसिंकी ओलंपिक 1952 में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया। सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे और अब बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने यहां कांस्य जीतकर इसकी बराबरी की। लंदन ओलिंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं, साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांसे का तमगा हासिल किया था।



​पीएम ने दी पह‍लवान को बधाई
​पीएम ने दी पह‍लवान को बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तोक्यो ओलिंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान रवि दहिया को बधाई दी। पीएम ने कहा कि उनका जुझारूपन और उनकी दृढ़ता उत्कृष्ट हैं। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, 'रवि कुमार दहिया एक शानदार पहलवान हैं। उनका जुझारूपन और उनकी दृढ़ता उत्कृष्ट हैं। तोक्यो ओलिंपिक में रजत पदक जीतने पर उन्हें बधाइयां। उनकी इस उपलब्धि पर भारत को गर्व है।' कुश्ती में भारत का यह दूसरा रजत पदक है। इससे पहले सुशील कुमार लंदन ओलिंपिक 2012 के फाइनल में पहुंचे थे। लेकिन, उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा था। निशानेबाज अभिनव बिंद्रा भारत की तरफ से ओलिंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी थे। उन्होंने बीजिंग ओलिंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में सोने का तमगा हासिल किया था।



संदीप और राहुल के घर वाले बोले-खूब चले लाडले:ओलिंपिक में 20 किलोमीटर की पैदल चाल में बहाया दोनों ने पसीना, घर पर TV से चिपके रहे पड़ोसी August 05, 2021 at 01:14AM

इतिहास रचने वाली भारतीय हॉकी टीम के पीछे सुरजीत एकेडमी:टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीतने वाली टीम के 9 प्लेयर निकले जालंधर की इसी एकेडमी से; कप्तान मनप्रीत समेत 3 खिलाड़ी मिट्ठापुर गांव के August 05, 2021 at 01:02AM

तोक्यो ओलिंपिक: गोल्ड से चूके रवि दहिया, सिल्वर मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय पहलवान August 05, 2021 at 01:15AM

तोक्योभारत के पहलवान रवि कुमार दहिया तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रचने से चूक गए। उन्होंने खिताबी मुकाबले में वर्ल्ड चैंपियन रूस के जावुर युगुऐव से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस तरह वह सुशील कुमार के बाद कुश्ती में सिल्वर मेडल जीतने वाले भारत के दूसरे पहलवान बन गए हैं। 130 करोड़ भारतीयों की गोल्ड मेडल उम्मीद के साथ उरते रवि ने वर्ल्ड चैंपियन के आगे अपना शतप्रतिशत दिया। वह अंत तक लड़े, लेकिन 7-4 से हार गए। पहले राउंड में 2-4 से पिछड़ेवर्ल्ड चैंपियन जावुर ने आक्रामक शुरुआत की और भारतीय पहलवान के खिलाफ दो पॉइंट ले लिए। हालांकि, रवि ने भी जावुर के पैरों पर हमला किया और दो पॉइंट लेकर स्कोर 2-2 से बराबर किया, लेकिन जावुर ने राउंड खत्म होने से ठीक पहले दो पॉइंट लेकर 4-2 से बढ़त ले ली। दूसरे राउंड में लगाया पूरा जोर, लेकिन नहीं बनी बातदूसरे राउंड की शुरुआत में रवि ने विपक्षी पहलवार को दबोचने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह पॉइंट नहीं ले सके। काफ फुर्तीले जावुर ने 3 पॉइंट लेकर 7-2 की बढ़त बना ली। हालांकि, यहां रवि ने पिन करने की पूरी कोशिश और इस कोशिश में दो पॉइंट अर्जित किए। इसके बाद वह पॉइंट नहीं जुटा सके। सेमीफाइनल में आखिरी मिनट में पलटा खेलपहले दौर के बाद दहिया के पास 2-1 की बढ़त थी लेकिन सानायेव ने उनके बाएं पैर पर हमला बोलकर तीन बार उन्हें पलटने पर मजबूर करते हुए छह अंक ले लिये। ऐसा लग रहा था कि दहिया हार की तरफ बढ रहे हैं लेकिन संयम नहीं खोते हुए उन्होंने एक मिनट में बाजी पलट दी। ऐसा रहा सफरदहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13 . 2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14-4 से हराया। पूनिया 86 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में हालांकि अमेरिका के 2018 विश्व चैम्पियन डेविड मौरिस टेलर से एकतरफा मुकाबले में हार गए। टेलर की तकनीकी दक्षता का पूनिया के पास कोई जवाब नहीं था। कुश्ती में पदक का इतिहासकेडी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया। सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने कांस्य जीतकर बराबरी की। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था। दहिया का रेकॉर्डदहिया ने 2015 में अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था, जिससे उनकी प्रतिभा की झलक दिखी थी, उन्होंने प्रो कुश्ती लीग में अंडर-23 यूरोपीय चैंपियन और संदीप तोमर को हराकर खुद को साबित किया। दहिया के आने से पहले तोमर का 57 किग्रा वर्ग में दबदबा था, लेकिन कईयों ने कहा कि कुश्ती लीग प्रदर्शन आंकने का मंच नहीं है, इसके बाद 2019 विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने सभी आलोचकों को चुप कर दिया, उन्होंने 2020 में दिल्ली में एशियाई चैंपियनशिप जीती और अलमाटी में इसी साल खिताब का बचाव किया।

निराश विनेश: पहले मैच हारी फिर किस्मत भी रूठी, अब बिना मेडल लिए ही लौटेगी भारत की बेटी August 05, 2021 at 12:52AM

तोक्योओलिंपिक शुरू होने से पहले विनेश फोगाट भारत की सबसे बड़ी उम्मीद थी। देशवासियों को पूरी आशा थी कि यह महिला पहलवान कमाल करेगी, लेकिन ऐसा हो न सका। जब सुबह-सुबह हॉकी से खुशखबरी आ रही थी तभी विनेश फोगाट की हार ने सभी को सन्न भी कर दिया। हालांकि अंतिम आस बाकी थी, लेकिन वेनेसा के फाइनल में न पहुंचने से वह भी धूमिल हो गई। रोपचेज में था मौकादरअसल, हरियाणा की यह छोरी फ्रीस्टाइल कुश्ती के 53 किग्रा भार वर्ग में ताल ठोक रही थी। पहला मैच जीतने के बाद माकुहारी मेसे हॉल के मैट-बी पर हुए क्वार्टर फाइनल मैच में विनेश का सामना दो बार की विश्व चैंपियन से हुआ। यहां बेलारूस की वेनेसा कालाजिंसकाया ने 9-3 से हराया। वेनेसा अगर फाइनल में पहुंचती तो विनेश को रेपेचेज खेलने का मौका मिलता और वह रेपेचेज के दो मैच जीतकर कांस्य पदक जीत सकती थी, लेकिन वेनेसा को सेमीफाइनल में चीनी पहलवान पैंग ने हरा दिया। विनेश ने की थी शानदार शुरुआत आज यानी पांच अगस्त को विनेश ने अपने ओलिंपिक सफर का शानदार आगाज किया। राउंड ऑफ-8 मुकाबले में उन्होंने स्वीडन की सोफिया मैगडालेना मैटसन को 7-1 से रौंदा। 2016 के रियो ओलिंपिक में विनेश क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई थी। तब बाउट के दौरान उनका घुटना फ्रैक्चर हो गया था और वह कराहते हुए मैट से लौटी थीं। इस बार उनकी तैयारियां पहले ज्यादा पुख्ता थी, लेकिन मेडल के लिए मेडल के लिए अब 2024 पेरिस ओलिंपिक का इंतजार करना पड़ेगा। अंशु का भी सफर खत्मचार अगस्त को क्वार्टर फाइनल में हारने के बाद भारत की एक अन्य महिला पहलवान अंशु मलिक को भाग्य का साथ मिला था, क्योंकि उसी रेपचेज के तहत उन्हें आज दूसरा मौका मिला, लेकिन सुबह-सुबह वह अपना रेपेचेज-1 मुकाबला हार गईं। हालांकि महाबली बजरंग पूनिया ने भी तक अपने सफर का आगाज नहीं किया है। वह छह अगस्त को पहला बाउट खेलेंगे। इससे पहले भारत ने पुरुष कुश्ती में एक रजत पक्का कर लिया है। अब से कुछ ही देर बाद रवि दहिया फाइनल में उतरेंगे। जबकि दीपक पूनिया के पास भी आज कांस्य पदक जीतने का मौका है।

41 साल से बेचैन थे ये गोल्ड मेडलिस्ट:1980 में गोल्ड जीतने वाली टीम के 3 खिलाड़ी दुनिया में नहीं रहे, बाकी बोले- जीते जी देश की कामयाबी देख सुकून मिला August 04, 2021 at 10:52PM

हॉकी इंडिया के प्रेजिडेंट ज्ञानेंद्रो का दावा:ऐतिहासिक जीत के पीछे खिलाड़ियों की ढाई साल की जी-तोड़ मेहनत, राजस्थान में सुविधाएं बढ़ाने के लिए सीएम से करेंगे बात August 04, 2021 at 11:09PM