Monday, April 20, 2020

लाहौर में श्रीलंका टीम पर हमला और भ्रष्टाचार ने पाकिस्तान क्रिकेट को बर्बाद कर दिया: जहीर अब्बास April 20, 2020 at 08:14PM

पूर्व पाकिस्तानी कप्तान जहीर अब्बास ने पाकिस्तान में बर्बाद हुए क्रिकेट को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) का हमेशा से ही भ्रष्टाचारियों के खिलाफ नरम व्यवहार रहा है। इसने यहां क्रिकेट को खोखला किया। वहीं, 2009 में श्रीलंका क्रिकेट टीम पर लाहौर में हुए आतंकी हमले ने तो पाकिस्तान क्रिकेट को बर्बाद ही कर दिया। हाल ही में पीसीबी ने स्पॉट और मैच फिक्सिंग को लेकर आपराधिक कानून बनाने की मांग की थी। अब्बास ने इसी मांग को लेकर यह बयान दिया है। पूर्व कप्तान ने पाकिस्तान के लिए 78 टेस्ट में 44.8 की औसत से 5062 और 62 वनडे में 47.6 की औसत से 2572 रन बनाए हैं।

जहीर ने कहा, ‘‘पाकिस्तान बोर्ड की यह बहुत अच्छी सोच है, क्योंकि हम काफी लंबे समय से भ्रष्टाचार के साथ नरम व्यवहार करते आ रहे हैं। भ्रष्टाचारियों ने पाकिस्तान में कई बड़े घोटालों को अंजाम दिया, जिसने क्रिकेट के विकास और हमारे देश की छवि को लेकर बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है।’’ पाकिस्तान क्रिकेट में मैच फिक्सिंग के कई मामले सामने आए हैं। इनमें कुछ पूर्व टेस्ट कप्तान सलीम मलिक, दानिश कनेरिया, सलमान बट्ट, मो. आसिफ, मो. आमिर और शर्जील खान जैसे उदाहरण हैं।

‘पाकिस्तान ने कई अच्छे खिलाड़ियों को खोया’
एशिया के ब्रेडमैन नाम से मशहूर जहीर ने कहा, ‘‘यदि श्रीलंका टीम की बस पर उग्रवादी हमले ने पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा। हमारी टीम घर में नहीं खेल सकी। उसे विदेश में जाकर खेलना पड़ा। तो वहीं, कई सालों से चले आ रहे भ्रष्टाचार ने भी पाकिस्तान क्रिकेट को कम नुकसान नहीं पहुंचाया है। इतने सालों में हमने कई अच्छे खिलाड़ियों को खोया है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि हमने दुनियाभर के क्रिकेटर को गलत संदेश भी दिया। साथ ही उन्हें भी लालच दिया और भ्रष्ट बनाने की कोशिश ही की।’’

फिक्सिंग के खिलाफ आपराधिक कानून बने: एहसान मनी
हाल ही में पीसीबी के अध्यक्ष एहसान मनी ने सरकार से फिक्सिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था, ‘‘आज के समय में हमारे पास ऐसी कोई अथॉरिटी या कानून नहीं है, जिसकी मदद से हम गवाहों को बुलाकर, बैंक खाते जांच कर या अन्य तरीकों से जांच कर सकें। मैं पहले ही सरकार को इसके (कानून बनाने) बारे में कह चुका हूं, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और श्रीलंका जैसे देशों में इसके लिए अलग से कानून बना हुआ है। इन देशों के कानून के मुताबिक, स्पॉट या मैच फिक्सिंग को अपराध माना गया है।’’

रमीज और मियांदाद ने टिप्पणी की
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान रमीज राजा और जावेद मियांदाद ने भी पाकिस्तान क्रिकेट में मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग को लेकर तीखी टिप्पणी की थी। रमीज ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘‘मेरा उस वक्त खून खोल गया था, जब मैंने देखा कि तेज गेंदबाद मोहम्मद आमिर को प्रतिबंध के बाद टीम में वापस ले लिया गया।’’ वहीं, मियांदाद ने मैच फिक्सर की तुलना हत्यारे से की थी। उन्होंने कहा था कि मैच फिक्सर को फांसी की सजा देनी चाहिए।



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सचिन तेंदुलकर के साथ पूर्व पाकिस्तानी कप्तान जहीर अब्बास (दाएं)। जहीर ने 78 टेस्ट में 44.8 की औसत से 5062 और 62 वनडे में 47.6 की औसत से 2572 रन बनाए हैं। -फाइल फोटो

सुनील गावसकर ने कहा, जडेजा से पहले वेंकटराघवन हैं असली 'सर' April 20, 2020 at 07:42PM

नई दिल्ली टीम इंडिया के पूर्व कप्तान ने दिग्गज ऑफ स्पिनर एस. को उनके जन्मदिन के मौके पर असली 'सर' कहा है। मंगलवार को राघवन अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में गावकर ने राघवन से जुड़ी अपनी यादें शेयर कीं। गावसकर ने कहा, 'यह जानकर बहुत खुशी हुई कि वेंकट 75 साल के हो रहे हैं। मैं सर वेंकट, जी वह असली 'सर' हैं, सर जडेजा से पहले- को जन्मदिन की बधाई देता हूं।' गावसकर ने 1971 के वेस्टइंडीज दौरे पर अपने करियर की शुरुआत की थी। वह दौरा उनके लिए शानदार रहा था। गावसकर ने उस दौरे को याद करते हुए कहा, '1971 के दौरे पर पहले टेस्ट की शुरुआत से पहले, मैं और वेंकट एक स्थानीय टीम मैनेजर के घर डिनर पर गए। वहां हमें एक भविष्यवक्ता मिला। हम दोनों को देखकर उसने भविष्यवाणी की कि यह दौरा हमारे लिए शानदार रहेगा।। उन्होंने कहा कि यह मेरा पहला दौरा था और मुझे मालूम भी नहीं था कि मैं एक भी टेस्ट खेलूंगा या नहीं। ऐसे में मुझे उसकी बात पर ज्यादा यकीन नहीं था। वेंकट ने उस दौरे पर 29 विकेट लिए, जो किसी भी भारतीय गेंदबाज से ज्यादा थे। वहीं गावसकर ने पांच टेस्ट मैचों की इस सीरीज में चार मैच खेले थे और 774 रन बनाए थे।

वेंकट के नाम क्रिकेट का अनोखा 'डबल पचासा' April 20, 2020 at 06:05PM

रुचिर मिश्रा, नागपुर श्रीनिवासनराघवन का नाम सुनते ही जेहन में 'अनुशासित', 'परंपरागत' और यहां तक कि 'बेबाक' जैसे शब्द आते हैं। राघवन भारतीय क्रिकेट के दिग्गज स्पिनर रहे हैं। राघवन- भागवत चंद्रशेखर, इरापल्ली प्रसन्ना और बिशन सिंह बेदी के साथ का हिस्सा रहे। 1960 और 70 के दशक में इस चौकड़ी की दुनिया में तूती बोलती थी। ऑफ स्पिनर राघवन के आंकड़े इस चौकड़ी में थोड़े कम प्रभावी दिखते हों लेकिन उन्होंने अपना प्रभाव गहरे तरीके से छोड़ा। आज भारत के इसी महान खिलाड़ी का 75वां जन्मदिन है। उनके नाम एक अनोखा रेकॉर्ड है जो कोई अन्य हासिल नहीं कर पाया है। आज तक 50 से ज्यादा टेस्ट मैचों में खेलने और अंपायरिंग करने वाले वह इकलौते हैं। राघवन को अपनी चौकड़ी का सबसे सटीक गेंदबाज माना जाता था। एक बार महान बल्लेबाज दिलीप सरदेसाई ने भी माना था कि वेंकट की गेंदों पर रन बनाने में उन्हें काफी परेशानी होती थी। भारतीय टीम की स्पिन चौकड़ी पूरी दुनिया में राज करती थी। इस चौकड़ी ने सभी टीमों को फिरकी का जादू दिखाया। वेंकट, प्रसन्ना और बेदी अपने आप में दिग्गज खिलाड़ी थे लेकिन वेंकट ने भी भारत की कई जीतों में अहम भूमिका निभाई। 1971 में भारत की वेस्टइंडीज में जीत में उनकी अहम भूमिका थी। वेंकटराघवन का गेंदबाजी रेकॉर्ड
मैच विकेट औसत सर्वश्रेष्ठ पारी में 5 विकेट मैच में 10 विकेट स्ट्राइक रेट इकॉनमी
टेस्ट 57 156 36.11 8/72 3 1 95.3 2.27
वनडे 15 5 108.4 2/34 0 0 173.6 3.74
फर्स्ट क्लास 341 1390 24.14 9/93 85 21 60.1 2.41
उसी दौरे पर भारतीय टीम के एक और सितारे, सुनील गावसकर, का उदय हुआ था। गावसकर ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, '1971 के दौरे पर पहले टेस्ट की शुरुआत से पहले, हम दोनों एक स्थानीय टीम मैनेजर के घर डिनर पर गए। वहां हमें एक भविष्यवक्ता मिला। उसने भविष्यवाणी की कि हम दोनों के लिए यह दौरा बहुत शानदार रहने वाला है। मेरा यह पहला दौरा था और इसलिए मुझे मालूम भी नहीं था कि मैं एक भी टेस्ट खेलूंगा या नहीं , तो मैंने उस पर ज्यादा यकीन नहीं किया। वेंकट ने उस दौरे पर 29 विकेट लिए, जो किसी भी भारतीय गेंदबाज से ज्यादा थे।' गावसकर भी उस दौरे पर भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। उस दौरे को याद करते हुए वह कहते हैं, 'यह जानकर बहुत खुशी हुई कि वेंकट 75 साल के हो रहे हैं। मैं सर वेंकट, जी वह असली 'सर' हैं, सर जडेजा से पहले- को जन्मदिन की बधाई देता हूं।' इरापल्ली प्रसन्ना भी ऑफ स्पिनर थे लेकिन उन्होंने वेंकट को कभी कॉम्पीटिशन नहीं माना बल्कि ये दोनों एक-दूसरे की कंपनी इन्जॉय करते थे। प्रसन्ना ने कहा, 'वह हम चारों में सबसे समझदार थे। जब हम चारों साथ खेले, तो किसी को उनकी भूमिका का अहसास नहीं हुआ। हमारी कामयाबी के पीछे वही थे। कम से कम मैं अपनी कामयाबी का श्रेय उन्हें देता हूं, क्योंकि जब भी हम दक्षिण क्षेत्र के लिए साथ खेलते थे, वह एक छोर पर शिकंजा कस लेते थे और मुझे दूसरी ओर सात या आठ विकेट मिल जाते थे। वह काफी कड़े प्रतिस्पर्धी थे।' उन्होंने कहा, 'वह हमारे लिए रोल मॉडल थे। वह स्पष्टवादी थे, सीधे अपनी बात कहते थे, उन्हें खुद पर यकीन था। वह दिल से बहुत अच्छे इनसान थे लेकिन कई बार उनकी स्पष्टवादिता को गलत समझ लिया जाता था।' प्रसन्ना ने राघवन के साथ रूम शेयर करने का एक किस्सा साझा किया। उन्होंने कहा एक टेस्ट मैच के दौरान हम रूम पार्टनर थे। वेंकट को चोट लगी हुई थी। उन्होंने कहा, 'वह अपने खेलने को लेकर आश्वस्त नहीं थे। लेकिन मैंने उन्हें सलाह दी कि आप करीबी फील्डर हैं और आपका बोलिंग स्टाइल भी ऐसा नहीं है जिस पर कमर दर्द का असर हो। उन्होंने खेला और विकेट भी लिए।' उनकी गेंदबाजी पर विकेटकीपिंग करने वाले सैयद किरमानी ने भी वेंकट की तारीफ की। हालांकि उन्होंने कहा, 'वेंकट और प्रसन्ना के बीच 'बहुत बड़ा कॉम्पीटिशन' था। वेंकट बहुत मेहनती खिलाड़ी थे। उनका प्रसन्ना के साथ बहुत कॉम्पीटिशन था। प्रसन्ना दुनिया में बेस्ट थे। चूंकि वह प्रसन्ना के साथ कॉम्पीटिशन कर रहे थे इसलिए वह प्रसन्ना और चंद्रशेखर से ज्यादा मेहनत कर रहे थे।' 1992-93 में वह अंतरराष्ट्रीय अंपायर बन गए। उन्होंने 73 टेस्ट और 52 वनडे इंटरनैशनल मैचों में अंपायरिंग की। इसके अलावा पांच टेस्ट और आठ वनडे इंटरनैशनल मैचों में वह मैच रेफरी भी रहे। पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर साइमन टफल को अपने दौर का सर्वश्रेष्ठ अंपायर कहा जाता है। टफल ने राघवन के बारे में कहा, 'मैं खुशकिस्मत था कि मैंने अपने दो टेस्ट मैच- 2000 का बॉक्सिंग डे टेस्ट और 2002 का ऐडिलेड टेस्ट- में वेंकट के साथ अंपायरिंग की। वह बहुत अच्छा फैसला लेने वाले थे। खिलाड़ी उनका सम्मान करते थे। मुझे यकीन है कि उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने और कप्तानी के अनुभव ने उनके प्रदर्शन में लोगों का विश्वास बढ़ाया ही होगा। उन्हें अच्छा नहीं लगता था जब खिलाड़ी उनके निर्णय पर सवाल उठाते थे और वह इस बात को लेकर बहुत गंभीर थे कि खिलाड़ियों को अंपायर के फैसले का सम्मान करना चाहिए।' साथ में गौरव गुप्ता

पंत बोले- एक छोटी सी गलती, हार-जीत का फर्क April 20, 2020 at 06:52PM

नई दिल्लीघातक कोरोना वायरस से बचाव के तौर पर पूरे भारत में 3 मई तक लॉकडाउन घोषित है और ऐसे में खेल जगत की दिग्गज हस्तियां सोशल मीडिया पर अपने फैंस के लिए फोटो-वीडियो शेयर कर रही हैं। कुछ तो इस वायरस को लेकर लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं और इसी लिस्ट में युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत का नाम भी जुड़ गया है। टीम इंडिया के इस युवा बल्लेबाज ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर एक वीडियो बनाया है और लोगों से अपील की है कि वे दिल्ली पुलिस का सहयोग करें। दिल्ली पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह वीडियो शेयर किया गया है। पढ़ें, भारत के लिए 13 टेस्ट, 16 वनडे और 28 टी20 इंटरनैशनल मैच खेल चुके पंत इस वीडियो में कह रहे हैं, 'हमारी एक छोटी से गलती कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हार और जीत का फर्क बन सकती है। आइए, सभी मिलकर दिल्ली पुलिस का साथ दें और भारत सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।' उन्होंने आगे कहा, 'घर पर रहिए, सिर्फ जरूरी सामान के लिए ही घर से बाहर निकलिए और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कीजिए। हम एक-साथ मिलकर ही इस लड़ाई को जीत सकते हैं।' 22 वर्षीय पंत की इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है, 'एक छोटी सी मिस्टेक हुई, कैच या स्टंपिंग छूटा, तो मैच की दिशा ही बदल जाती है। ठीक इसी तरह, हमारी एक छोटी सी गलती, कोरोना और देश की इस लड़ाई में, हार और जीत का फर्क बन सकती है। ऋषभ पंत की ये सीधी, सरल बातें, आप को जरूर सचेत करेंगी।'

दिग्गजों ने मलिंगा को बताया आईपीएल का बेस्ट बोलर April 20, 2020 at 07:01PM

नई दिल्ली श्रीलंका और मुंबई इंडियंस के तेज गेंदबाज को अब कॉमेंटेटर्स की भूमिका निभा रहे खिलाड़ियों ने इंडियन प्रीमियर लीग () के इतिहास का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज करार दिया है। मलिंगा जो आईपीएल में शुरू से ही मौजूदा चैंपियन मुंबई इंडियंस के साथ ही हैं। आधिकारिक प्रसारणकर्ता स्टार स्पोर्ट्स के कॉमेंटेटर्स केविन पीटरसन, डीन जोंस, मैथ्यू हेडन, आकाश चोपड़ा, ग्रीम स्मिथ, साइमन डूल, इयान बिशप और टॉम मूडी ने मलिंगा को बेस्ट चुना। टूर्नमेंट के 122 मैचों में सबसे ज्यादा 170 विकेट लेने वाले मलिंगा को टी20 क्रिकेट का नजरिया बदलने वाला गेंदबाज कहा जाता है। बल्लेबाजों के मुफीद माने जाने वाले इस खेल में मलिंगा ने अपना दबदबा कायम रखा। श्रीलंका के इस दिग्गज गेंदबाज 10 गेंदबाजों नॉमीनीज में शामिल थे। इसमें डेल स्टेन, आशीष नेहरा, सुनील नरेन और जसप्रीत बुमराह भी शामिल थे। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने भी मलिंगा को बेस्ट बोलर चुनने के अपने फैसले को सही ठहराया। पीटरसन ने कहा, 'मैं मलिंगा को चुनूंगा। आप उनके नंबर्स देखें। साथ ही यह भी देखें कि वह कितनी सटीकता और निरंतरता से यॉर्कर फेंकते हैं।' उन्होंने कहा, 'मैं नरेन के साथ जाता, लेकिन उन्होंने मददगार विकेट पर गेंदबाजी की। और हाथ ही वह अपने गेंदबाजी ऐक्शन को लेकर भी सवालों के घेरे में रहे हैं। तो मैं मलिंगा के साथ ही जाने का फैसला करूंगा।'

कपिल देव ने सिर के बाल साफ कराए, फ्रेंच दाढ़ी के साथ नए लुक में दिखे; सचिन ने कैफ का नया नाम ‘भाईसाहब जरा संभलके’ रखा April 20, 2020 at 06:23PM

पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुके कोरोनावायरस के कारण भारत में 3 मई तक लॉकडाउन लगा है। ऐसे में पूर्व भारतीय कप्तान और 1983 वर्ल्ड कप विजेता कपिल देव ने लॉकडाउन के दौरान नए लुक में नजर आए हैं। उन्होंने सिर के बालों को पूरा साफ कर लिया और ग्रे कलर की फ्रेंच दाढ़ी रख ली। इस लुक के साथ उन्होंने फोटो शेयर की, जिसमें वे चश्मा और शूट में नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनके इस लुक को काफी पसंद किया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर सचिन तेंदुलकर एक यूट्यूब चैनल पर खुलासा किया है कि रोड सेफ्टी वर्ल्ड क्रिकेट सीरीज के दौरान मोहम्मद कैफ का नाम ‘भाई साहब, भाई साहब, थोड़ा संभलके’ रखा था।

लॉकडाउन पार्लर और सैलून भी बंद है, ऐसे में बढ़ते बालों की बड़ी समस्‍या है। खेल जगत के दिग्गज विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर, सुरेश रैना समेत कई खिलाड़ी घर में ही बाल काटते हुए नजर आए थे। यहां तक की कोहली ने तो ट्रीम चैलेंज भी दिया था। हाल में ही ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेविड वार्नर ने कहा था कि वे कोरोना वारियर्स और मेडिकल स्टॉफ को ट्रिव्यूट देने के लिए सिर के बाल पूरी तरह साफ करवाएंगे।

‘कैफ बहुत फिट खिलाड़ी, उनके लिए डाइव लगाना आम बात’
वहीं, रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज में इंडिया लेजेंड्स की ओर से खेलने वाले सचिन ने वेस्टइंडीज लेजेंड्स के खिलाफ एक मैच को लेकर चर्चा की। मैच में कैफ काफी फुर्ती दिखा रहे थे। इस पर सचिन ने कहा, ‘‘टूर्नामेंट का यह पहला मैच था और हमें आगे काफी मुकाबले खेलने थे। ऐसे में हमें कैफ को सतर्क रहने के लिए कहना पड़ा। हमने उनका नाम ‘भाई साहब, भाई साहब, थोड़ा संभलके’ रखा था। क्योंकि उन्हें चोट लग जाती या कुछ हो जाता तो क्या होता। उसके लिए मैदान में डाइव लगाना आम बात है। वह वास्तव में बहुत फिट खिलाड़ी है।’’



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1983 वर्ल्ड कप विजेता पूर्व कप्तान कपिल देव ने सिर के बालों को पूरा साफ कर लिया और ग्रे कलर की फ्रेंच दाढ़ी रख ली। इस लुक के साथ उन्होंने फोटो शेयर की, जिसमें वे चश्मा और शूट में नजर आ रहे हैं।

वेंकट के नाम क्रिकेट का अनोखा 'डबल पचासा' April 20, 2020 at 06:05PM

रुचिर मिश्रा, नागपुर श्रीनिवासनराघवन का नाम सुनते ही जेहन में 'अनुशासित', 'परंपरागत' और यहां तक कि 'बेबाक' जैसे शब्द आते हैं। राघवन भारतीय क्रिकेट के दिग्गज स्पिनर रहे हैं। राघवन- भागवत चंद्रशेखर, इरापल्ली प्रसन्ना और बिशन सिंह बेदी के साथ का हिस्सा रहे। 1960 और 70 के दशक में इस चौकड़ी की दुनिया में तूती बोलती थी। ऑफ स्पिनर राघवन के आंकड़े इस चौकड़ी में थोड़े कम प्रभावी दिखते हों लेकिन उन्होंने अपना प्रभाव गहरे तरीके से छोड़ा। आज भारत के इसी महान खिलाड़ी का 75वां जन्मदिन है। उनके नाम एक अनोखा रेकॉर्ड है जो कोई अन्य हासिल नहीं कर पाया है। आज तक 50 से ज्यादा टेस्ट मैचों में खेलने और अंपायरिंग करने वाले वह इकलौते हैं। राघवन को अपनी चौकड़ी का सबसे सटीक गेंदबाज माना जाता था। एक बार महान बल्लेबाज दिलीप सरदेसाई ने भी माना था कि वेंकट की गेंदों पर रन बनाने में उन्हें काफी परेशानी होती थी। भारतीय टीम की स्पिन चौकड़ी पूरी दुनिया में राज करती थी। इस चौकड़ी ने सभी टीमों को फिरकी का जादू दिखाया। वेंकट, प्रसन्ना और बेदी अपने आप में दिग्गज खिलाड़ी थे लेकिन वेंकट ने भी भारत की कई जीतों में अहम भूमिका निभाई। 1971 में भारत की वेस्टइंडीज में जीत में उनकी अहम भूमिका थी। वेंकटराघवन का गेंदबाजी रेकॉर्ड
मैच विकेट औसत सर्वश्रेष्ठ पारी में 5 विकेट मैच में 10 विकेट स्ट्राइक रेट इकॉनमी
टेस्ट 57 156 36.11 8/72 3 1 95.3 2.27
वनडे 15 5 108.4 2/34 0 0 173.6 3.74
फर्स्ट क्लास 341 1390 24.14 9/93 85 21 60.1 2.41
उसी दौरे पर भारतीय टीम के एक और सितारे, सुनील गावसकर, का उदय हुआ था। गावसकर ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, '1971 के दौरे पर पहले टेस्ट की शुरुआत से पहले, हम दोनों एक स्थानीय टीम मैनेजर के घर डिनर पर गए। वहां हमें एक भविष्यवक्ता मिला। उसने भविष्यवाणी की कि हम दोनों के लिए यह दौरा बहुत शानदार रहने वाला है। मेरा यह पहला दौरा था और इसलिए मुझे मालूम भी नहीं था कि मैं एक भी टेस्ट खेलूंगा या नहीं , तो मैंने उस पर ज्यादा यकीन नहीं किया। वेंकट ने उस दौरे पर 29 विकेट लिए, जो किसी भी भारतीय गेंदबाज से ज्यादा थे।' गावसकर भी उस दौरे पर भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। उस दौरे को याद करते हुए वह कहते हैं, 'यह जानकर बहुत खुशी हुई कि वेंकट 75 साल के हो रहे हैं। मैं सर वेंकट, जी वह असली 'सर' हैं, सर जडेजा से पहले- को जन्मदिन की बधाई देता हूं।' इरापल्ली प्रसन्ना भी ऑफ स्पिनर थे लेकिन उन्होंने वेंकट को कभी कॉम्पीटिशन नहीं माना बल्कि ये दोनों एक-दूसरे की कंपनी इन्जॉय करते थे। प्रसन्ना ने कहा, 'वह हम चारों में सबसे समझदार थे। जब हम चारों साथ खेले, तो किसी को उनकी भूमिका का अहसास नहीं हुआ। हमारी कामयाबी के पीछे वही थे। कम से कम मैं अपनी कामयाबी का श्रेय उन्हें देता हूं, क्योंकि जब भी हम दक्षिण क्षेत्र के लिए साथ खेलते थे, वह एक छोर पर शिकंजा कस लेते थे और मुझे दूसरी ओर सात या आठ विकेट मिल जाते थे। वह काफी कड़े प्रतिस्पर्धी थे।' उन्होंने कहा, 'वह हमारे लिए रोल मॉडल थे। वह स्पष्टवादी थे, सीधे अपनी बात कहते थे, उन्हें खुद पर यकीन था। वह दिल से बहुत अच्छे इनसान थे लेकिन कई बार उनकी स्पष्टवादिता को गलत समझ लिया जाता था।' प्रसन्ना ने राघवन के साथ रूम शेयर करने का एक किस्सा साझा किया। उन्होंने कहा एक टेस्ट मैच के दौरान हम रूम पार्टनर थे। वेंकट को चोट लगी हुई थी। उन्होंने कहा, 'वह अपने खेलने को लेकर आश्वस्त नहीं थे। लेकिन मैंने उन्हें सलाह दी कि आप करीबी फील्डर हैं और आपका बोलिंग स्टाइल भी ऐसा नहीं है जिस पर कमर दर्द का असर हो। उन्होंने खेला और विकेट भी लिए।' उनकी गेंदबाजी पर विकेटकीपिंग करने वाले सैयद किरमानी ने भी वेंकट की तारीफ की। हालांकि उन्होंने कहा, 'वेंकट और प्रसन्ना के बीच 'बहुत बड़ा कॉम्पीटिशन' था। वेंकट बहुत मेहनती खिलाड़ी थे। उनका प्रसन्ना के साथ बहुत कॉम्पीटिशन था। प्रसन्ना दुनिया में बेस्ट थे। चूंकि वह प्रसन्ना के साथ कॉम्पीटिशन कर रहे थे इसलिए वह प्रसन्ना और चंद्रशेखर से ज्यादा मेहनत कर रहे थे।' 1992-93 में वह अंतरराष्ट्रीय अंपायर बन गए। उन्होंने 73 टेस्ट और 52 वनडे इंटरनैशनल मैचों में अंपायरिंग की। इसके अलावा पांच टेस्ट और आठ वनडे इंटरनैशनल मैचों में वह मैच रेफरी भी रहे। पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर साइमन टफल को अपने दौर का सर्वश्रेष्ठ अंपायर कहा जाता है। टफल ने राघवन के बारे में कहा, 'मैं खुशकिस्मत था कि मैंने अपने दो टेस्ट मैच- 2000 का बॉक्सिंग डे टेस्ट और 2002 का ऐडिलेड टेस्ट- में वेंकट के साथ अंपायरिंग की। वह बहुत अच्छा फैसला लेने वाले थे। खिलाड़ी उनका सम्मान करते थे। मुझे यकीन है कि उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने और कप्तानी के अनुभव ने उनके प्रदर्शन में लोगों का विश्वास बढ़ाया ही होगा। उन्हें अच्छा नहीं लगता था जब खिलाड़ी उनके निर्णय पर सवाल उठाते थे और वह इस बात को लेकर बहुत गंभीर थे कि खिलाड़ियों को अंपायर के फैसले का सम्मान करना चाहिए।' साथ में गौरव गुप्ता

युवराज ने कहा- आईपीएल की मोटी रकम दबाव बढ़ाती है, खराब प्रदर्शन करने पर लोग ताने मारते हैं April 20, 2020 at 05:28PM

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह ने इंस्टाग्राम पर पूर्व साथी खिलाड़ी मोहम्मद कैफ के साथ लाइव चैट की। इस दौरान उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को लेकर कई खुलासे किए। युवराज ने कहा कि आईपीएल में मिलने वाली मोटी रकम खिलाड़ियों पर दबाव बढ़ाती है। खिलाड़ी जल्दी आउट हो जाता है या रन नहीं बना पाता तो लोग ताने मारते हैं कि इतना पैसा लेकर भी अच्छा नहीं खेला।

युवराज आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं। 2015 में उन्हें दिल्ली की फ्रेंचाइजी ने 16 करोड़ रुपए बोली लगाकर खरीदा था। उस समय युवी ने 14 मैच में सिर्फ 248 रन बनाए थे। युवराज ने अब तक आईपीएल में 132 मैच खेले, जिसमें 24.77 की औसत से 2750 रन बनाए हैं। इतने ही मैच में उन्होंने 29.92 की औसत से 36 विकेट भी लिए हैं।

‘युवा खिलाड़ी टीवी-अखबार से दूर रहें’
युवराज ने कहा, ‘‘आईपीएल में दबाव का कारण मोटी रकम होती है। दबाव का कारण मोटी रकम होती है। मैं यह नहीं कहूंगा कि यह खिलाड़ी को बदल देती है। आप जब सफलता की सीढ़ी चढ़ लेते हो तो लोग आपको नीचे खींचने लगते हैं। प्वाइंट यह है कि.. दबाव रहता है क्योंकि जब आप आउट हो जाते, अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते तो लोग कहने लगते हैं कि इसको इतना पैसा मिला और यह अच्छा नहीं कर रहा है। नकारात्मक खबरें ज्यादा बिकती हैं और यह आपको प्रभावित करती हैं। सारे युवाओं को मेरी सलाह है कि टीवी और अखबारों से दूर रहें।’’

युवी ने अच्छा फील्डर बनने की बात बताई
युवराज ने अपनी फील्डिंग को लेकर भी बात की और बताया कि वह कैसे अच्छे फील्डर बने। उन्होंने कहा, ‘‘मैं काफी तेज था, लेकिन फील्डिंग का आइडिया नहीं था। मेरे अपने पहले रणजी मैच में मैं 15-16 साल का था और मैंने खराब फील्डिंग की। अगले दिन अखबार में आर्टिकल आया, जिसमें लिखा था 'गेटवे ऑफ इंडिया'। मेरे पिताजी ने यह पढ़ा और कहा कि अब मैं देखता हूं कि तू कैसे फील्डिंग नहीं सुधारता। वहां से मैं बेहतर होता चला गया।’’



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युवराज सिंंह ने अब तक आईपीएल में 132 मैच खेले, जिसमें 24.77 की औसत से 2750 रन बनाए हैं। इतने ही मैच में उन्होंने 29.92 की औसत से 36 विकेट भी लिए हैं। -फाइल फोटो

बूढ़ा कहते थे धोनी, फिर ब्रावो बोले- रेस हो जाए April 20, 2020 at 05:12PM

नई दिल्लीआईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नै सुपर किंग्स के कप्तान और उनके इस टीम के साथी ड्वेन ब्रावो के बीच वानखेड़े स्टेडियम में 2018 फाइनल के बाद की दौड़ की यादें क्रिकेट प्रेमियों के बीच अब भी ताजा हैं। ब्रावो ने अब खुलासा किया है कि यह एक चुनौती थी जो उन्होंने धोनी को दी थी, क्योंकि चेन्नै के कप्तान पूरे सीजन में उन्हें 'बूढ़ा' कहकर चिढ़ाते थे। ब्रावो ने इंस्टाग्राम पर लाइव चैट के दौरान कहा, ‘पूरे सीजन के दौरान धोनी यह कहते थे कि मैं बूढ़ा हूं। वो मुझे काफी सुस्त कहते थे। फिर एक दिन मैंने धोनी से कहा कि मैं आपको विकेटों के बीच दौड़ लगाने का चैलेंज देता हूं। तब उन्होंने कहा, कोई मौका नहीं। तो मैंने टूर्नमेंट के बाद उनसे ऐसा करने को कहा।’ देखें, करियर में 40 टेस्ट, 164 वनडे और 71 टी20 इंटरनैशनल मैच खेलने वाले ब्रावो ने बताया, ‘हमने यह दौड़ बीच टूर्नमेंट में नहीं करने का फैसला किया क्योंकि हम में से किसी को भी हैमस्ट्रिंग हो जाती तो काफी दिक्कत होती। हमने फाइनल के बाद चैलेंज पूरा किया। रेस बहुत करीबी थी, हालांकि धोनी ने मुझे हरा दिया। यह एक अच्छी दौड़ रही।’ धोनी के लिए बना रहे गाना ब्रावो अपनी आईपीएल टीम के कप्तान धोनी के लिए एक गाना भी बना रहे हैं। चेन्नै सुपर किंग्स ने एक वीडियो क्लिप शेयर की है जिसमें वह धोनी के लिए गाना गाता नजर आ रहे हैं। इस वीडियो क्लिप में ब्रावो जो बोल गुनगुना रहे हैं, वे कुछ इस तरह हैं- एमएस धोनी.. नंबर 7.. एमएस धोनी.. नंबर 7 .. ऑल ऑफ रांची शाउटिंग धोनी.. ऑल ऑफ इंडिया शाउटिंग माही.. ऑल ऑफ चेन्नै शाउटिंग थाला.. एमएस धोनी .. ब्रावो आईपीएल में अब तक 134 मैच खेल चुके हैं और उन्होंने 1483 रन बनाए हैं जिसमें 5 अर्धशतक शामिल हैं। वह पिछले सीजन में भी धोनी की कप्तानी वाली टीम सीएसके से खेले थे। चेन्नै टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 3 बार आईपीएल ट्रोफी जीती है। (एजेंसी से इनपुट)

मिल्खा की बेटी US में कोरोना पीड़ितों का कर रहीं इलाज April 20, 2020 at 04:53PM

नई दिल्लीमहान फर्राटा धावक की बेटी और मशहूर गोल्फर जीव मिल्खा सिंह की बड़ी बहन इन दिनों न्यूयॉर्क में लगातार 'मैराथन' दौड़ रही हैं। हालांकि यह दौड़ वह ट्रैक पर नहीं बल्कि हॉस्पिटल में लगा रही हैं जहां वह कोराना वायरस पीड़ितों के उपचार में जुटी हैं। मोना मिल्खा सिंह न्यूयॉर्क के मेट्रोपोलिटन हॉस्पिटल सेंटर में डॉक्टर हैं। जीव ने बताया कि उनकी बहन वह न्यूयॉर्क के मेट्रोपोलिटन हॉस्पिटल में इमरजेंसी रूम डॉक्टर हैं। जब भी कोरोना के लक्षण वाला कोई मरीज आता है तो उन्हें उसका उपचार करना होता है। जीव ने बताया कि मोना पहले मरीज की जांच करती हैं जिसके बाद उन्हें आइसोलेशन के लिए विशेष वार्ड में भेजा जाता है। उन्होंने कहा, 'मुझे उन पर गर्व है। हालांकि उनको लेकर चिंतित भी हूं।'

आईसीसी की बैठक 23 अप्रैल को, क्रिकेट को पटरी पर लाने की कवायद तेज; 2023 से शुरू होने वाले शेड्यूल पर भी बात होगी April 20, 2020 at 04:57PM

आईसीसी 23 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चीफ एक्जीक्यूटिव कमेटी (सीईसी) की बैठक करने जा रही है। बैठक में 12 पूर्ण सदस्यों के चीफ एक्जीक्यूटिव के अलावा तीन एसोसिएट सदस्यों के पदाधिकारी शामिल होंगे। बैठक में कोरोनावायरस के कारण खेल पर पड़े प्रभाव के बारे में चर्चा की जाएगी। इसमें स्थगित हुई सीरीज के अलावा 2023 से शुरू होने वाले फ्यूचर टूर प्रोग्राम, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और वर्ल्ड कप सुपर लीग शामिल हैं।

आईसीसी के चीफ एक्जीक्यूटिव मनु साहनी ने कहा, ‘टीम के रूप में हम कोरोनावायरस के कारण पड़े प्रभाव पर चर्चा करेंगे। ताकि हमें क्रिकेट को फिर से शुरू करने में मदद मिल सके।’

द.अफ्रीका ने श्रीलंका दौरा रद्द किया
दक्षिण अफ्रीका का श्रीलंका दौरा कोरोनावायरस के कारण रद्द हो गया। टीम को जून के पहले हाफ में तीन वनडे, तीन टी-20 खेलेने थे। द. अफ्रीका बोर्ड के अंतरिम चीफ एक्जीक्यूटिव डॉ जैक्स फाउल ने कहा कि खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को देखते हुए निर्णय लिया गया। दौरे के रद्द होने से अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप की तैयारियों को झटका लगा है।



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कोरोनावायरस और खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को लेकर दक्षिण अफ्रीका का श्रीलंका दौरा रद्द हो गया। टीम को जून के पहले हाफ में तीन वनडे, तीन टी-20 खेलेने थे। -फाइल फोटो

शरत कमल ने कहा- टोक्यो ओलिंपिक में सिंगल्स में मेडल जीतना मुश्किल, पर डबल्स में मौका April 20, 2020 at 04:49PM

भारत के नंबर-1 टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंत शरत कमल का मानना है कि ओलिंपिक में हमारा सिंगल्स में मेडल जीतना काफी मुश्किल है। लेकिन मिक्स्ड डबल्स में मौका है। मैंने मणिका बत्रा के साथ जोड़ी बनाई है। अगर हम क्वालिफाई कर लेते हैं तो हमारा मेडल जीतने का चांस होगा। हमने एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज जीता था। 37 साल के शरत कमल ने पिछले हफ्ते ही वर्ल्ड नंबर-31 रैंकिंग हासिल की है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि ओलिंपिक तय समय पर होता तो यह रैंकिंग मोटिवेशनल साबित होती। यह मेरी ओलिंपिक तैयारियों का हिस्सा थी।’’

शरत ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के कारण सारी प्रतियोगिताएं रद्द होने से मुझे सारी चीजें नए सिरे से शुरू करनी पड़ेंगी। तय समय पर ओलिंपिक होने की स्थिति में मैं इस रैंकिंग के बाद ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई हो जाता। मुझे अच्छी सीडिंग और ड्रॉ मिलता। साथ ही अच्छे फॉर्म में रहता। अब हमें नहीं पता कि क्वालिफिकेशन कब और कैसे होगा, मापदंड क्या होंगे। यह काफी मुश्किल दौर है।’’

ओमान में खिताब जीतने से रैंकिंग में सुधार हुआ
शरत कमल ने कहा, ‘दो सालों में मेरी रैंकिंग 30-40 के बीच रही है। पिछले महीने ओमान ओपन जीता था। यह मेरा दस साल बाद पहला आईटीटीएफ खिताब था। जिसका मुझे फायदा हुआ और रैंकिंग ऊपर आई।’ वे कहते हैं, ‘मेरे घर पर टेबल नहीं है। इसलिए जब से लॉकडाउन हुआ है, तब से टेबल टेनिस नहीं खेला। सुबह छह से आठ बजे तक फिटनेस वर्कआउट कर लेता हूं। फिर शाम में बच्चों के साथ फुटबॉल खेलता हूं।’ साथियान के रोबोट से अभ्यास के बारे में पूछे जाने पर वे कहते हैं कि रोबोट के साथ थोड़ा खेल सकते हैं।



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शरत कमल ने कहा- दो सालों में मेरी रैंकिंग 30-40 के बीच रही है। पिछले महीने ओमान ओपन जीता था। यह मेरा दस साल बाद पहला आईटीटीएफ खिताब था। जिसका मुझे फायदा हुआ और रैंकिंग ऊपर आई। -फाइल फोटो

कोरोना: अब लार से कैसे देंगे गेंदबाजी को धार? April 20, 2020 at 04:30PM

नई दिल्लीक्रिकेट में गेंदबाजों द्वारा गेंद पर लार का इस्तेमाल करना आम बात है लेकिन कोविड-19 महामारी के बाद उन्हें बॉल चमकाने के इस प्रचलित तरीके पर दोबारा सोचना पड़ सकता है। इससे पहले ही बल्लेबाजों के अनुकूल बन चुके इस खेल में उनकी मुसीबत और बढ़ सकती है। कोरोना वायरस को WHO ने महामारी घोषित किया है और ऐसे में इसका डर भी लोगों में है। इस घातक वायरस का दुनियाभर में तमाम खेल प्रतियोगिताओं पर पड़ा है और फिलहाल ज्यादातर सीरीज, लीग को स्थगित या रद्द कर दिया गया है। ऐसा लग रहा है कि कोविड-19 महामारी क्रिकेट में गेंद पर लार लगाने के चलन को भी बदल सकती है। पढ़ें, वैध है यह तरीकासाउथ अफ्रीका में 2018 के बॉल टैंपरिंग एपिसोड के बाद मैचों के दौरान बॉल की निगरानी और बढ़ गई है, लेकिन गेंद पर पसीने और लार का इस्तेमाल अब भी वैध है। वेंकटेश प्रसाद, प्रवीण कुमार और जेसन गिलेस्पी जैसे पूर्व फास्ट बोलर्स का मानना है कि आखिरकार जब दोबारा क्रिकेट शुरू होगा तो खेल के नियम बनाने वाली संस्था को लार के इस्तेमाल को रोकना पड़ सकता है। प्रसाद ने कहा, ‘मैच जब दोबारा शुरू होंगे तो उन्हें कुछ समय तक सिर्फ पसीने का इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे बढ़कर है।' लगानी होगी रोकअपनी शानदार स्विंग के लिए पहचाने जाने वाले पूर्व पेसर प्रवीण कुमार ने बताया कि बॉल पर पर्याप्त लार लगाने से स्विंग कराने की उनकी कला को काफी मदद मिली। प्रवीण ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘खेल दोबारा शुरू होने पर कुछ महीने के लिए लार के इस्तेमाल पर बैन लगाना होगा। बोलर के रूप में हमें किसी अन्य चीज के इस्तेमाल के बारे में सोचना होगा।’ 'हवा में बॉल बल्लेबाज से जाती है दूर'उन्होंने कहा, ‘तेज गेंदबाजों के लिए यह बेहद अहम है, स्पिनरों के लिए भी क्योंकि इससे उन्हें ड्रिफ्ट हासिल करने में मदद मिलेगी। स्पिनर अगर चमकते हुए हिस्से को बाईं ओर रखते हैं तो हवा में बॉल बल्लेबाज से दूर जाती है और फिर अंदर आती है। इससे बल्लेबाज की परीक्षा होती है।’ गिलेस्पी बोले, इस पर विचार करेंऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज गिलेस्पी ने कहा कि खेल में लार के इस्तेमाल पर दोबारा विचार करने का समय आ गया है। गिलेस्पी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह अजीब सवाल है। इस पर दरअसल सोचा जाना चाहिए।’ प्रसाद ने हालांकि याद दिलाया कि गेंदबाजी सिर्फ पसीने और लार का इस्तेमाल करना नहीं है और हालात भी काफी मायने रखते हैं।

चीन में 13 हजार करोड़ रु. में तैयार हो रहा कमल के आकार का दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम, 1 लाख होगी दर्शक क्षमता; ऐसे 3 स्टेडियम और बनाने की तैयारी April 20, 2020 at 02:11PM

चीन में कोरोनावायरस की वजह से बिगड़े हालात अब काबू में आने लगे हैं। वुहान, जहां से कोरोनावायरस पूरी दुनिया में फैला, उसे भी अब खोल दिया गया है। इस बीच, अपनी ताकत दिखाने के लिए चीन का एक रियल स्टेट ग्रुप एवरग्रांड दुनिया का सबसे बड़ा फुटबॉल स्टेडियम बनाने जा रहा है। इसके निर्माण में 1.7 बिलियन डॉलर( करीब 13 हजार करोड़) रुपए खर्च होंगे। इसकी दर्शक क्षमता 1 लाख होगी। फिलहाल, बार्सिलोना का कैम्प नाऊ दुनिया का सबसे बड़ा क्लब फुटबॉल स्टेडियम है। इसमें 99,354 दर्शक बैठ सकते हैं।

ग्वांगझू में तैयार हो रहा स्टेडियम 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा। बीते गुरुवार कोग्वांगझू में इसका निर्माण कार्य भी शुरू हो गया। यह चीन के फुटबॉल क्लब ग्वांगझू एवरग्रांडका होम ग्राउंड होगा।निर्माण कार्य में जुटी रियल स्टेट कंपनी एवरग्राउंड के अध्यक्ष शिया हुजैन ने बताया कि हमारा लक्ष्य ऐसी इमारत बनाना है, जिसकी तुलना सिडनी के ओपेरा हाउस और दुबई के बुर्ज खलीफा से हो। यह स्टेडियम दुनिया में चीनी फुटबॉल की नई पहचान बनेगा। मुझे उम्मीद है कि 2023 के एशियन कप की ओपनिंग सेरेमनी इसीमें होगी। फिलहाल एवरग्रांड क्लब का घरेलू मैदान तियान्हे स्टेडियम है। इसकी दर्शक क्षमता 60 हजार है। टीम 2011 से यहां प्रैक्टिस कर रही है।

कमल के आकार का है फुटबॉल स्टेडियम

ग्वांगझू को फ्लावर सिटी कहा जाता है। इसलिए इस स्टेडियम का आकार कमल के फूल जैसा रखा गया है। इसे शंघाई के अमेरिकी डिजाइनर हसन सईद ने तैयार किया है। इसका कंस्ट्रक्शन एरिया करीब 3 लाख स्क्वायर मीटर होगा। इसमें कुल 16 वीवीआईपी रूम, 152 प्राइवेट रूम, फीफा सदस्यों और एथलीट्स के लिए अलग से एरिया और मीडिया रूम होगा।

एवरग्रांड1 लाख दर्शक क्षमता वाले और स्टेडियम बनाएगा

ईएसपीएन के मुताबिक, रीयल स्टेट ग्रुप एरवग्रांड चीन में ऐसे 3 और स्टेडियम बनाने की प्लानिंग कर रही है। इनकी दर्शक क्षमता भी 80 हजार से 1 लाख होगी। इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर के दम पर चीन भविष्य में फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी का दावा कर सकता है। हालांकि, इसी साल चीन में फीफा क्लब वर्ल्ड कप होना था। लेकिन कोरोना की वजह से इसे 1 साल के लिए टाल दिया गया।

ईएसपीएन के मुताबिक, रियल स्टेट कंपनी एरवग्रांड चीन में ऐसे 3 से 5 और स्टेडियम बनाने की प्लानिंग कर रही है। इनकी दर्शक क्षमता भी 80 हजार से 1 लाख होगी

ग्वांगझू एवरग्राउंड क्लब ने 8 बार चाइनीज सुपर लीग जीता

ग्वांगझू एवरग्रांडचीन और एशिया के सबसे सफल फुटबॉल क्लबों में से एक है। इस टीम ने 8 बार चाइनीज सुपर लीग और 2 बार एशियन चैम्पियंस लीग का खिताब जीता है। ऐसा करने वाला चीन का यह इकलौता क्लब है। इस साल भी इसे लीग का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लेकिन 22 फरवरी से शुरू होने वालाटूर्नामेंट कोविड-19 की वजह से रद्द कर दिया गया।

यह तस्वीर ग्वांगझू की उसी कंस्ट्रक्शन साइट की है, जहां ये फुटबॉल स्टेडियम तैयार हो रहा है। इसमें सैंकड़ों की संख्या में ट्रक खड़े नजर आ रहे हैं।

दुनिया के बड़े स्टेडियम
वैसे दर्शक क्षमता के लिहाज से उत्तर कोरिया का रुंगराडो सबसे बड़ा स्टेडियम है। 51 एकड़ में फैले इस स्टेडियम की दर्शक क्षमता 1 लाख 14 हजार से ज्यादा है। हालांकि, यह केवल फुटबॉल के लिए नहीं बल्कि दूसरे खेलों के लिए भी इस्तेमाल होता है। जबकि चीन में तैयार हो रहा स्टेडियम सिर्फ फुटबॉल के लिए होगा।

  • एफएनबी स्टेडियम: दक्षिण अफ्रीका का यह फुटबॉल स्टेडियम बाहर से ज्यादा बड़ा नजर नहीं आता है। लेकिन इसकी दर्शक क्षमता 94,736 है। 2010 में हुए फीफा वर्ल्ड कप का यह मेन वेन्यू था। इसी स्टेडियम में देश की फुटबॉल टीम प्रैक्टिस करती है।
  • वेम्बले स्टेडियम: इंग्लैंड के वेम्बले स्टेडियम की दर्शक क्षमता भी 90 हजार है। हालांकि, इसमें भी फुटबॉल के अलावा एनएफएल और कई तरह कॉन्सर्ट भी होते हैं।
  • मोटेरा स्टेडियम: गुजरात के अहमदाबाद में तैयार हुआ यह दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है। इसकी दर्शक क्षमता 1 लाख 10 हजार है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया का मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड यानी एमसीजी दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम था। इसमें 1 लाख दर्शक बैठ सकते हैं। मोटेरा के नएस्टेडियम के निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।


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ग्वांगझू शहर को फ्लावर सिटी कहा जाता है। इसलिए इस स्टेडियम का आकार कमल के फूल जैसा रखा गया है।

टेस्ट क्रिकेट पर टी20 के असर से चिंतित हैं टर्नर April 19, 2020 at 11:57PM

क्राइस्टचर्च न्यूजीलैंड के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी क्रिकेट के ‘अधिक उपयुक्त प्रारूपों’ पर टी20 के प्रभाव से चिंतित हैं और उनका मानना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण मिला ब्रेक खेल के भविष्य पर ‘दोबारा विचार’ करने का सही समय है। न्यूजीलैंड के चयन पैनल के पूर्व अध्यक्ष भी रहे 72 साल के टर्नर का मानना है कि क्रिकेट प्रशासक पूंजीवाद की राह पर चल रहे हैं। ‘स्टफ.को.एनजेड’ ने टर्नर के हवाले से कहा, ‘पैसे का बोलबाला है और आपने टी20 का इतना दबदबा बना दिया है कि इसने खेल के अन्य प्रारूपों को शायद पीछे धकेल दिया है जिन्हें मैं अधिक वाजिब मानता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा सिर्फ इससे मिलने वाले पैसे के चलते हो रहा है और बेशक इसके लिए तर्क है कि यह अधिक लोगों की क्रिकेट में रूचि जगा रहा है।’ जाने-माने लेखक लिन मैकोनेल के साथ मिलकर नई किताब ‘क्रिकेट्स ग्लोबल वार्मिंग’ लिखने वाले टर्नर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण हुआ लॉकडाउन भविष्य का पुन: आकलन करने मौका है। न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान और कोच ने कहा, ‘शीर्ष स्तर पर ज्यादा पैसा जा रहा है और यह समाज की तरह है जहां अमीर और गरीब के बीच अंतर बढ़ रहा है। उम्मीद करते हैं कि इस महामारी के बाद चीजों का पुन: विश्लेषण किया जाएगा।’ टर्नर ने साथ ही कहा कि पिछले कुछ दशकों में खिलाड़ी बोर्ड से भी अधिक प्रभावी हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘ताकत लगभग पूरी तरह से खिलाड़ियों के हाथ में आ गई है जहां बोर्ड पीछे हो गया है और सीनियर खिलाड़ियों को अधिकतर संचालन करने दिया जा रहा है जो आदर्श स्थिति नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों को पूरे 12 महीने की रिटेनर राशि मिल रही है जबकि वे बाकी लोगों से जितने मर्जी अनुबंध कर सकते हैं और न्यूजीलैंड के लिए पूरे समय उपलब्ध भी नहीं हैं जो मेरी नजर में गलत है।’ टर्नर पिछले साल विश्व कप फाइनल में निर्धारित ओवरों और फिर सुपर ओवर में मुकाबला टाई रहने के बाद बाउंड्री गिनने के नियम के आधार पर न्यूजीलैंड के खिलाफ इंग्लैंड को विजेता घोषित करने से भी खुश नहीं हैं। इंग्लैंड की पारी के दौरान अंतिम ओवर में मार्टिन गप्टिल की थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराकर बाउंड्री के लिए चली गई थी जिससे इंग्लैंड मैच को सुपर ओवर में खींचने में सफल रहा था। टर्नर का हालांकि मानना है कि स्टोक्स को क्षेत्ररक्षण में बाधा पहुंचाने के लिए आउट दिया जाना चाहिए था।

हॉकी इंडिया ने मैच अधिकारियों के लिए ऑनलाइन सत्र शुरू किया April 19, 2020 at 09:30PM

नई दिल्ली ने अपने अंपायरों और तकनीकी अधिकारियों को खेल के नियमों में नवीनतम बदलाव के बारे में अपडेट करने और उनके फिटनेस के स्तर में सुधार के लिए सोमवार को ‘ऑनलाइन इंटरैक्टिव (संवादात्मक) सत्र’ शुरू करने की घोषणा की। हॉकी इंडिया छह वॉट्सऐप ग्रुप में यह सत्र चला रहा है जिसमें तीन ग्रुप तकनीकी अधिकारियों के और तीन अंपायरों के हैं। हॉकी इंडिया ने विज्ञप्ति में कहा कि 100 से अधिक पंजीकृत अधिकारी हफ्ते में छह दिन इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। अनुभवी टूर्नामेंट निदेशक और अंपायर मैनेजर इन सत्र का संचालन कर रहे हैं जिसमें मोघुल मोहम्मद मुनीर, क्लाडियस डि सेल्स और एचएस सोखी शामिल हैं। अंपायरों के लिए सत्र का संचालन जीएस संघा, जावेद शेख और जी हर्षवर्धन कर रहे हैं। इस आनलाइन सत्र के जरिये अधिकारियों की एफआईएच नियमों की जानकारी में इजाफा होगा और उन्हें अगर कोई जानकारी लेनी है या कोई संदेह है तो इसे दूर करने का मौका भी मिलेगा। अंपायरों के समूह में अधिकारी अपनी दैनिक फिटनेस और ट्रेनिंग गतिविधियां भी साझा करेंगे। हॉकी इंडिया ने कुछ ट्रेनिंग विकल्प भी सुझाए हैं और अधिकारी अपनी फिटनेस और लचीलापन बरकरार रखने के लिए इनमें से उपयुक्त विकल्प चुन सकते हैं। हॉकी इंडिया की 30 सदस्य इकाइयां भी अपने संबंधित क्षेत्रों में इन सत्र का आयोजन कर रही हैं। विभिन्न सदस्यों द्वारा बनाए 70 से अधिक वट्सऐप ग्रुप में 1100 से अधिक अधिकारी इन सत्र में हिस्सा ले रहे हैं। भाषा सुधीर सुधीर 2004 1255 दिल्ली नननन

जोकोविच ने कहा, निजी रूप से मैं वैक्सीन के खिलाफ हूं April 19, 2020 at 10:10PM

लंदन दुनिया ने नंबर-1 पुरुष टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के ने कहा है कि वह ‘व्यक्तिगत रूप से’ वैक्सीन (टीकाकरण) का विरोध करते हैं और दुनियाभर में जारी कोरोनावायरस महामारी के बीच यात्रा के दौरान इसे लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। जोकोविच ने रविवार को अपने देश के खेल प्रशंसकों के साथ फेसबुक लाइव चैट के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से मैं टीकाकरण के विरोध में हूं और मैं यात्रा करने के योग्य होने के लिए किसी को वैक्सीन लेने के लिए मजबूर नहीं करना चाहता हूं।’ जोकोविच ने कहा, ‘लेकिन अगर इसे लेना अनिवार्य हो जाता है तो क्या होगा? मुझे इस पर एक निर्णय लेना होगा। इस मामले पर मेरे अपने विचार हैं और मुझे नहीं पता कि क्या ये विचार किसी समय बदलेगा या नहीं।’ सर्बियाई खिलाड़ी ने कहा, ‘मान लो कि अगर, सीजन की शुरुआत जुलाई, अगस्त या सितंबर में फिर से शुरू होता है, हालांकि इसकी संभावना नहीं है तो मैं समझता हूं कि वैक्सीन लेना अनिवार्य बन जाएगा। लेकिन अभी तक कोई वैक्सीन नहीं है।’ दुनियाभर में जारी कोरोनावायरस महामारी के कारण सभी तरह की पेशेवर टेनिस गतिविधियां 13 जुलाई तक स्थगित है। कोरोना के कारण पूरी दुनिया में अब तक करीब लाखों लोगों की जान जा चुकी है। पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 एमी मैरेस्मो ने पिछले महीने कहा था कि जब तक खिलाड़ियों को कोरोनावायरस के खिलाफ वैक्सीन नहीं मिल जाती है तब तक टेनिस को शुरू नहीं करना चाहिए।

कोरोना का टीका बनने से पहले ही जोकोविच ने विरोध किया, बोले- वैक्सीन लगवाना ऐच्छिक हो, किसी को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए April 19, 2020 at 09:38PM

विश्व के लगभग सभी देशों को अपनी चपेट में ले चुके कोरोनावायरस (कोविड-19) का वैक्सीन बनाने के लिए दुनियाभर के साइंटिस्ट जुटे हुए हैं। इससे पहले ही सर्बिया के टेनिस स्टार और वर्ल्ड नंबर-1 नोवाक जोकोविच ने इसका व्यक्तिगत तौर पर विरोध किया है। उन्होंने कहा कि टीका लगवाना है या नहीं, यह लोगों की मर्जी होनी चाहिए। इसके लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। हाल ही में पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 टेनिस खिलाड़ी एमी मैरेस्मो ने कहा था कि टेनिस शुरू होने से पहले सभी खिलाड़ियों और दर्शकों को वैक्सीन लगवाना अनिवार्य होना चाहिए।

एमी ने 31 मार्च को ट्वीट किया था, ‘‘टेनिस से जुड़े सभी खिलाड़ी, स्टॉफ, सदस्य और मैच देखने आए दर्शकों के लिए टीकाकरण जरूरी होना चाहिए।’’ एमी ने एक स्लोगन भी लिखा, ‘नो वैक्सीन-नो टेनिस।’ इसके बाद से ही खेल जगत में चर्चा होने लगी थी कि कोरोना का टीका बनने के बाद कोई अगर विदेश जाता है तो उसके लिए टीकाकरण जरूरी होगा।

‘व्यक्तिगत तौर पर वैक्सीन का विरोध कर रहा’
जोकोविच ने साथी प्लेयर्स के साथ एक लाइव फेसबुक चैट में कहा, ‘‘व्यक्तिगत तौर पर मैं वैक्सीन का विरोध कर रहा हूं। मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि किसी खिलाड़ी को विदेश यात्रा करने से पहले वैक्सीन लगाया जाए। यदि यह अनिवार्य हो जाता है, तो क्या होगा? मुझे खुद को यह फैसला करना चाहिए। मैं इस मामले में अपने विचार अलग रखता हूं, जो किसी फैसले में बदल जाएंगे, मुझे नहीं पता। यदि जुलाई, अगस्त या सितंबर में टेनिस टूर्नामेंट शुरू होता है, जिसकी संभावना कम है, तब क्वारैंटाइन से बाहर आए लोगों के लिए टीका जरूरी होगा। वैसे अभी कोरोना की कोई वैक्सीन नहीं बनी।’’

सभी टेनिस टूर्नामेंट्स 13 जुलाई तक टले
मौजूदा समय में 13 जुलाई तक के सभी प्रोफेशनल टेनिस टूर्नामेंट्स को रोक दिया गया है। इनके अलावा इस साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक को एक साल के लिए टाल दिया गया है, जबकि क्रिकेट टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगति कर दी गई। सितंबर में एशिया कप और अक्टूबर-नवंबर में टी-20 वर्ल्ड कप होना है, जिस पर संकट के बादल छाए हुए हैं। वहीं, फुटबॉल टूर्नामेंट्स में यूरोपियन चैम्पियंस लीग (यूईएफए) और यूरोपा समेत अन्य देशों की घरेलू लीग को भी अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया।



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इस साल सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने 8वीं बार ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब जीता था। उन्होंने फाइनल में ऑस्ट्रिया के डोमिनिक थिएम को शिकस्त दी थी।

भज्जी ने जब 19 गेंदों में जड़ी फिफ्टी, शेयर किया वीडियो April 19, 2020 at 09:18PM

नई दिल्लीकोरोना वारयस से बचाव के तौर पर देशव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया गया है और इसी के चलते खेल जगत की दिग्गज हस्तियां भी अपने-अपने घरों पर समय बिता रही हैं। कोरोना के कारण खेल से जुड़ी तमाम गतिविधियां ठप पड़ी हैं और कई क्रिकेटर सोशल मीडिया पर अपने फैंस से जुड़े हैं। इसी तरह भारतीय ऑफ स्पिनर ने भी आईपीएल का अपना एक पुराना वीडियो शेयर किया। हरभजन का यह वीडियो आईपीएल के 2015 साल वाले सीजन का है जब वह मुंबई इंडियंस से खेल रहे थे। 12 अप्रैल 2015 को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ खेलते हुए हरभजन ने 19 गेंदों पर पचासा जड़ दिया था। यह वीडियो उसी मैच का है। फैंस के बीच 'भज्जी' से मशहूर हरभजन के इस वीडियो में बैकग्राउंड में जो गाना बज रहा है, वह 'सिंह इज किंग' फिल्म का है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए लिखा, 'आईपीएल।' हरभजन का तूफानी पचासा, फिर भी मैच में हारी मुंबई टीम इस मुकाबले में मुंबई इंडियंस को हार झेलनी पड़ी थी। किंग्स इलेवन पंजाब ने कप्तान जॉर्ज बैली (61*) के तूफानी अर्धशतक की बदौलत 5 विकेट पर 177 रन बनाए थे, लेकिन 178 रन के टारगेट का पीछा करते हुए मुंबई टीम 7 विकेट पर 159 रन ही बना सकी। हरभजन ने 24 गेंदों पर 64 रन की अपनी पारी में 5 चौके और 6 छक्के लगाए और वह पारी के अंतिम ओवर की 5वीं गेंद पर आउट हुए।

सीए की वित्तीय सेहत से थोड़ा हैरान लेकिन..: हेजलवुड April 19, 2020 at 09:31PM

मेलबर्न तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ‘थोड़े’ हैरान हैं कि को कोविड-19 महामारी के कारण वित्तीय रूप से जूझना पड़ रहा है लेकिन उन्होंने कहा कि खिलाड़ी और क्रिकेट संघ एकजुट होकर काम करेंगे और इस संकट से उबर जाएंगे। कोरोना वायरस महामारी के कारण सभी तरह की क्रिकेट गतिविधियां ठप्प पड़ने के कारण क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने 30 जून को खत्म हो रहे बाकी बचे वित्तीय वर्ष तक अपने 80 प्रतिशत स्टाफ को निकाल दिया है। खबर में सुझाव दिया गया है कि अगस्त तक के पास भुगतान के लिए धनराशि नहीं बचेगी। ‘सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड’ ने हेजलवुड के हवाले से कहा, ‘मैं थोड़ा हैरान था लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसका असर पड़ेगा।’ हेजलवुड ने कहा कि वित्तीय संकट का क्रिकेटरों पर भी असर पड़ेगा और वे कटौती के साथ वेतन लेने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘हम बाकी अन्य खेलों से अलग नहीं हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि आप कब तक इसका सामना कर सकते हैं और इसका क्या असर पड़ता है। अगर यह अगली गर्मियों तक चलता है तो यह काफी गंभीर होगा।’ हेजलवुड ने कहा, ‘बेशक हम खेल में साझेदार हैं और हमने हमेशा ऐसा कहा है। हमने अच्छा समय देखा है और यह संभवत: थोड़ा मुश्किल समय है।’ सीए और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेटर्स संघ (एसीए) के बीच 2017 में वेतन भुगतान को लेकर विवाद हुआ था लेकिन हेजलवुड ने कहा कि तब से रिश्तों में सुधार आया है और उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार इस संकट से बेहतर तरीके से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि एसीए और सीए के बीच अब रिश्ते कहीं बेहतर हैं। पिछले 18 महीने से दो साल में इसमें काफी सुधार हुआ है। इससे इस बार इस समस्या से कहीं बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलेगी। हमारी तरफ से सब कुछ सकारात्मक है और मुझे लगता है कि दोनों तरफ से।’ वर्ष 2017 के एमओयू के अनुसार सीए को आगामी गर्मियों के लिए 30 अप्रैल तक एसीए को संभावित राजस्व और राष्ट्रीय अनुबंध की सूची सौंपनी होती है और हेजलवुड को उम्मीद है कि इस समय सीमा का पालन किया जाएगा जिससे कि खिलाड़ी वित्तीय संकट से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार रहे।

चीन में महामारी से स्थिति में सुधार, जुलाई से शुरू होगी चाइनीज सुपर लीग; तुर्कमेनिस्तान में रविवार से ही आगाज कर दिया April 19, 2020 at 08:24PM

पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाले कोरोनावायरस (कोविड-19) ने चीन के वुहान शहर से ही अपने पैर पसारने शुरू किए थे। अब पूरी दुनिया संकट में है, लेकिन चीन ने इस पर काबू पा लिया है। इस देश ने अब रुके हुए खेलों को भी पटरी पर लाने की कवायद शुरू कर दी है। यहां फुटबॉल टूर्नामेंट चाइनीज सुपर लीग (सीएसएल) जून के आखिरी या जुलाई के पहले हफ्ते से शुरू होने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह जानकारी गुआंगझोऊ आरएंडएफ क्लब के चेयरमैन हुआंग शेंघुआ ने दी है। वहीं, तुर्कमेनिस्तान में भी रविवार से फुटबॉल लीग के सीजन का आगाज हो गया है।

तुर्कमेनिस्तान में कोरोनावायरस के एक भी मामले नहीं आए हैं। मार्च में अन्य देशों की तरह सुरक्षा को देखते हुए यहां भी लीग के मैच स्थगित कर दिए गए थे। यहां की लीग में 8 टीमें उतरती हैं। इस लीग के शुरू पर विश्व के अन्य बड़े देशों ने आपत्ति जताई है।

सीएलएल में हर टीम 30-30 मैच खेलेगी
शेंघुआ ने कहा, ‘‘यहां की मौजूदा स्थिति काफी बेहतर है। इसे देखते हुए यह फैसला किया गया है कि सीएसएल के इस सीजन की शुरुआत जून के आखिरी या जुलाई के पहले हफ्ते से होगी। यह टूर्नामेंट तय फॉर्मेट के अनुसार ही होगा। सभी टीमें 30-30 मैच खेलेंगी।’’ हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स में चाइनीज फुटबॉल एसोसिएशन द्वारा कोई आधिकारिक घोषणा की बात नहीं की गई है। वहीं, चीन ने कहा है कि उन्होंने देश में फैली महामारी पर नियंत्रण कर लिया है, लेकिन विदेश से आने वाले लोगों पर अब भी सतर्क रहने की जरूरत है। वरना कोरोना के दूसरे चरण में हालत और भी ज्यादा खराब हो सकती है।

फरवरी में होने वाली चाइनीज लीग अनिश्चितकाल के लिए टली थी
सीएसएल 22 फरवरी से होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया था। इनके अलावा इस साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक को एक साल के लिए टाल दिया गया है, जबकि क्रिकेट टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगति कर दी गई। सितंबर में एशिया कप और अक्टूबर-नवंबर में टी-20 वर्ल्ड कप होना है, जिस पर संकट के बादल छाए हुए हैं। वहीं, फुटबॉल टूर्नामेंट्स में यूरोपियन चैम्पियंस लीग (यूईएफए) और यूरोपा समेत अन्य देशों की घरेलू लीग को भी अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया।



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नवंबर 2018 में शंघाई एसआईपीजी टीम ने चाइनीज सुपर लीग (सीएसएल) खिताब जीता था। फाइनल भी शंघाई में ही हुआ था।