Tuesday, June 30, 2020

माइकल हसी ने कहा- ऑस्ट्रेलिया में खेलना सभी बल्लेबाजों के लिए मुश्किल, लेकिन रोहित शर्मा को दिक्कत नहीं होगी, उनकी काबिलियत सबसे अलग June 30, 2020 at 07:59PM

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट माइकल हसी ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर टेस्ट खेलना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होता है। लेकिन, रोहित शर्मा के खेलने का अंदाज और काबिलियत दूसरों से काफी अलग है। उन्हें यहां कोई दिक्कत नहीं होगी। भारतीय टीम को दिसंबर-जनवरी में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 4 टेस्ट और 3 वनडे की सीरीज खेलना है।

सीरीज का पहला टेस्ट 3 दिसंबर को ब्रिस्बेन में होगा। इसके बाद दोनों टीमों के बीच 26 दिसंबर को मेलबर्न में बॉक्सिंग डे और 3 जनवरी को सिडनी में न्यू ईयर टेस्ट खेला जाएगा। इसके बाद 12 जनवरी को वनडे सीरीज का पहला मैच होगा। कोरोना के कारण ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने स्टेडियम में सिर्फ 25% दर्शकों को आने की मंजूरी दी है।

रोहित ने पिछली सीरीज में 3 शतक लगाए थे
इस सीरीज में सभी की नजरें रोहित पर ही होंगी, क्योंकि अक्टूबर में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3 टेस्ट की सीरीज में एक दोहरा शतक समेत 3 सेंचुरी लगाई थीं। इस सीरीज में रोहित ने पहली बार टेस्ट में ओपनिंग की थी। हालांकि, चोट के कारण वे फरवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ नहीं खेल सके थे।

रोहित की काबिलियत को लेकर कोई शक नहीं
हसी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि वह (रोहित) कई वनडे में टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी कर चुका है। हाल ही में उसने टेस्ट में भी खुद को साबित किया है। इन सबसे उसे काफी कॉन्फिडेंस मिला है। मुझे उसकी काबिलियत को लेकर कोई शक नहीं है। वह इस ऑस्ट्रेलियाई परिस्थिति को काफी अच्छे से संभाल लेगा।’’

तेज गेंदबाजों को मुश्किल हो सकती है
हसी ने सोनी टेन के शो में कहा, ‘‘रोहित शर्मा के लिए ऑस्ट्रेलियन परिस्थिति में ढलने में भी समय नहीं लगेगा। मुश्किलें सिर्फ तेज गेंदबाजों को हो सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की दो साल बाद भारत के खिलाफ वापसी मुश्किल होगी। उन्हें स्ट्रगल करना पड़ सकता है।’’ दरअसल, 2018 में स्मिथ और वॉर्नर पर बॉल टेम्परिंग के कारण एक साल का प्रतिबंध लगा था।



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ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट माइकल हसी ने कहा- मुझे रोहित की काबिलियत को लेकर कोई शक नहीं है। उन्होंने टेस्ट में खुद को साबित किया है। -फाइल फोटो

इरफान पठान ने कहा- मुझे नंबर-3 पर बल्लेबाजी के लिए प्रमोट करने का आइडिया सचिन का था, चैपल का नहीं June 30, 2020 at 06:37PM

भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने कहा कि उनसे तीन नंबर पर बल्लेबाजी का आइडिया सचिन तेंदुलकर ने दिया था। इसमें कोच ग्रेग चैपल का कोई हाथ नहीं था। पठान को पहली बार 2005 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया था। इसमें उन्होंने 70 बॉल पर 83 रन बनाए थे। भारत यह मैच 152 रन से जीता था।

इसके बाद इरफान ने कई मैचों में टॉप आर्डर पर बल्लेबाजी की थी। वे भारतीय टीम में बतौर तेज गेंदबाज शामिल हुए थे। कई दिग्गजों का मानना है कि पहली पारी में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद मैनेजमेंट ने उन्हें ऑलराउंडर के तौर पर तैयार करने का प्लान बनाया था। यही कारण है कि इरफान का करियर ज्यादा लंबा नहीं चल सका।

करियर खत्म करने में चैपल का हाथ नहीं

इरफान ने रौनक कपूर के साथ इंस्टाग्राम पर कहा, ‘‘मैंने संन्यास के बाद भी कई बार कहा कि मेरा करियर खत्म होने में ग्रेग चैपल का कोई हाथ नहीं है। जहां तक मुझे 3 नंबर पर बल्लेबाजी के लिए प्रमोट करने की बात थी, तो वह आइडिया चैपल का नहीं सचिन पाजी का था।’’

सिक्स मारने की काबिलियत के चलते प्रमोट हुए थे इरफान
उन्होंने कहा, ‘‘सचिन पाजी ने राहुल द्रविड़ (कप्तान) को मुझे 3 नंबर पर भेजने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि वह (इरफान) सिक्स मारने की ताकत रखते हैं, नई गेंद से तेजी से रन बना सकते हैं और तेज गेंदबाजों को भी अच्छी तरह से खेल सकते हैं, इसलिए उन्हें बल्लेबाजी में प्रमोट करना चाहिए।’’

चैपल भारतीय नहीं, इसलिए उन्हें टारगेट करना आसान
इरफान ने कहा, ‘‘जब मुथैया मुरलीधरन अपनी शानदार फॉर्म में थे, तब उन्हें बल्लेबाजी में पहली बार प्रमोट किया गया था। दिलहारा फर्नांडो भी स्पिलिट फिंगर के साथ स्लोअर बॉल कर रहे थे, जिससे बल्लेबाजों को काफी परेशानी हो रही थी। तब मुझे मुरलीधरन और फर्नांडो के खिलाफ आक्रामक बल्लेबाजी के लिए भेजा जाता था। ताकी टीम को फायदा हो सके। इसलिए यह कहना सही नहीं है कि चैपल ने मेरा करियर खराब किया। वे भारतीय नहीं थे, इसलिए उन्हें टारगेट करना आसान है।’’

पूर्व ऑलराउंडर इरफान ने 29 टेस्ट में 100 और 120 वनडे में 173 विकेट लिए हैं। इन मैचों उन्होंने 1105 और 1544 रन बनाए हैं। उनके नाम 24 टी-20 में 28 विकेट और 172 रन हैं। इरफान ने आईपीएल के 103 मैच में 80 विकेट लिए और 1139 रन बनाए हैं।



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इरफान ने 29 टेस्ट में 100 और 120 वनडे में 173 विकेट लिए हैं। इन मैचों उन्होंने 1105 और 1544 रन बनाए हैं। -फाइल फोटो

'रविंद्र जडेजा 21वीं सदी में भारत के सबसे मूल्यवान टेस्ट खिलाड़ी' June 30, 2020 at 06:35PM

नई दिल्लीऑलराउंडर को 21वीं सदी की भारतीय टीम का 'सबसे मूल्यवान खिलाड़ी (Most Valuable Player)' घोषित किया गया है। विजडन ने गेंद, बल्ले और फील्डिंग में योगदान की वजह से यह स्थान दिया गया है। विजडन ने क्रिकविज का आकलन चुनते हुए 30 खिलाड़ियों की लिस्ट जारी की है जिसमें जडेजा कुल मिलाकर दूसरे स्थान पर हैं। पहला स्थान मुथैया मुरलीधरन को दिया गया है। एकदिवसीय क्रिकेट की बात करें इंग्लैंड के ऑलराउंडर ऐड्रू फ्लिंटॉफ चोटी पर हैं और बांग्लादेश के शाकिब अल हसन को दूसरे नंबर पर रखा गया है। इस लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया के कई दिग्गज खिलाड़ियों को इसमें जगह मिली है। लेकिन कई बड़े नाम इस लिस्ट से गायब हैं। इसमें टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर और इंग्लैंड के सबसे कामयाब तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के नाम शामिल नहीं हैं। टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली को 18वें और वनडे में छठे नंबर पर रखा गया है। वहीं सचिन को वनडे टीम में 22वें पायदान पर रखा गया है। भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन टेस्ट क्रिकेट में 8वें पायदान पर हैं। इस लिस्ट को एनालिसिस कंपनी क्रिकविज ने तैयार किया है। इसे बनाने के लिए हर खिलाड़ी को एक खास एमपीवी रेटिंग दी गई। इसमें आंकड़ों के जरिए यह देखा गया कि उस खिलाड़ी का बाकियों के मुकाबले मैच का कितना असर पड़ा।
टेस्ट के टॉप 10 खिलाड़ी वनडे के MVP ऑफ द सेंचुरी
मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका) ऐंड्रू फ्लिंटॉफ (इंग्लैंड)
रविंद्र जडेडा (भारत) शाकिब अल हसन (बांग्लादेश)
स्टीव स्मिथ (ऑस्ट्रेलिया) ग्लेन मैक्ग्रा (ऑस्ट्रेलिया)
ग्लेन मैक्ग्रा (ऑस्ट्रेलिया) एबी डिविलियर्स (साउथ अफ्रीका)
शॉन पॉलक (साउथ अफ्रीका) केन विलियमसन (न्यूजीलैंड)
शाकिब अल हसन (बांग्लादेश) विराट कोहली (भारत)
जैक कालिस (साउथ अफ्रीका) शॉन पॉलक (साउथ अफ्रीका)
रविचंद्रन अश्विन (भारत) हाशिम अमला (साउथ अफ्रीका)
पैट कमिंस (ऑस्ट्रेलिया) नाथन ब्रेकन (ऑस्ट्रेलिया)
शेन वॉर्न (ऑस्ट्रेलिया) जैक कालिस (साउथ अफ्रीका)
क्रिकविज के फ्रेडी वाइल्ड ने विजडन को बताया, 'आपको रविंद्र जडेजा को भारत का नंबर वन खिलाड़ी देखकर हैरानी हो रही होगी। आखिर वह उनकी टेस्ट टीम में अपने आप जगह भी नहीं बनाते। हालांकि जब भी वह खेलते हैं तो उन्हें फ्रंटलाइन स्पिनर के तौर पर चुना जाता है और वह नंबर छह पर बल्लेबाजी करते हैं। वह मैच में काफी योगदान देते हैं।' उन्होंने आगे कहा, '31 वर्षीय जडेजा की गेंदबाजी औसत 24.62 है जो शेन वॉर्न से बेहतर है और उनकी बल्लेबाजी औसत 35.26 है जो शेन वॉटसन से बेहतर है। उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी के बीच 10.62 का अंतर है जो इस सदी में खेलने वाले सभी खिलाड़ियों, जिन्होंने 1000 से ज्यादा रन बनाए और 150 से ज्यादा विकेट लिए, में दूसरे नंबर का है। वह हाई क्वॉलिटी ऑलराउंडर हैं।' टी20 क्रिकेट की बात करें तो अफगानिस्तान के कप्तान राशिद खान को नंबर वन पर रखा गया है। लेग स्पिनर राशिद ने अपने खेल से काफी प्रभावित किया है। दूसरे नंबर पर भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह हैं। ऑस्ट्रेलिया के ओपनर डेविड वॉर्नर तीसरे स्थान पर हैं और क्रिस गेल छठे पायदान पर रखा गया है।

चीफ सिलेक्टर रह चुके अरविंद डी सिल्वा से 9 साल बाद पूछताछ, अगली पेशी में फाइनल के ओपनर थरंगा से सवाल-जवाब होंगे June 30, 2020 at 06:02PM

श्रीलंका पुलिस ने2011 वर्ल्ड कप फाइनल फिक्स होने की जांच शुरू कर दी। मंगलवार को पूर्व कप्तान और 2011 में चीफ सिलेक्टर रहे अरविंद डी सिल्वा से 6 घंटे पूछताछ हुई। अगली पेशी फाइनल के ओपनर उपुल थरंगा की होगी। इस वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराया था। श्रीलंका के पूर्व खेलमंत्रीमहिंदानंद अल्थगामागे ने इस मैच को फिक्स बताते हुए जांच की मांग की थी। पूर्व कप्तान सनथ जयसूर्या भी सवाल उठा चुके हैं।

हाल ही में महिंदानंद ने श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड को एक लिस्ट सौंपी थी। इसमें बताया था कि किन वजहों से उन्हें ये शक है किफाइनल फिक्स था।उन्होंने कहा था, “9 पन्नों में मैंने 24 कारण बताए हैं।जिसकी वजह से हमें फाइनल में हार मिली।”2011 में अल्थगामागे ही श्रीलंका के खेल मंत्री थे।

संगकारा और जयवर्धने ने आरोपों के नकारा
वर्ल्ड कप में कप्तान रहे कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने जैसे श्रीलंका के कई पूर्व खिलाड़ी महिदानंद के आरोपों को खारिज कर चुके हैं। हालांकि, श्रीलंका सरकार इन आरोपों की जांच करा रही है। तब के चीफ सिलेक्टर डी सिल्वा से पूछताछ हो चुकी है। माना जा रहा कि फाइनल के कप्तान कुमार संगकारा को भी बुलाया जा सकता है।

1996 वर्ल्ड कप फाइनल में मैन ऑफ द मैच रहे थे डी सिल्वा
श्रीलंका नेवनडे वर्ल्ड कप 1996 में जीता था। फाइनल में डी सिल्वा ने 124 बॉल पर 107 रन की मैच जिताऊ पारी खेली थी। उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया था। 1996 फाइनल में श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को 7 विकेट से हराया था। तब सनथ जयसूर्या को प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया था।

डी सिल्वा ने बीसीसीआई से जांच करने को कहा
महिंदानंद के आरोपों के बाद डी सिल्वा ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से भी फिक्सिंग की जांच कराने की अपील की थी। डी सिल्वा ने कहा था- बीसीसीआई की जांच में मेरी जरूरत होगी तो मैं भारत आने को तैयार हूं।

भारत 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीता था
2011 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल में टीम इंडिया श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर 28 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन बनी थी। इस मैच में श्रीलका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट खोकर 274 रन बनाए थे। महेला जयवर्धने ने 103, कुमार संगकारा ने 30 और कुलशेखरा ने 40 रन बनाए थे।

लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत खराब रही थी। लसिथ मलिंगा ने सचिन और सहवाग को जल्दी आउट कर दिया था। बाद में गौतम गंभीर और महेंद्र सिंह धोनी ने मोर्चा संभाला। गंभीर 97 पर आउट हो गए लेकिन तब तक भारत जीत तक पहुंच चुका था। धोनी ने कुलशेखरा की गेंद पर विजयी छक्का लगाया था।



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फोटो 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत की जीत के बाद का है। श्रीलंका में 9 साल बाद इस मैच के फिक्स होने के आरोपों की जांच हो रही है। श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा फिक्सिंग के आरोपों को बेबुनियाद बता चुके हैं।

ऑस्ट्रेलियाई हालात में सफल हो सकते हैं रोहित: हसी June 30, 2020 at 06:06AM

कोलकातामाइकल हसी का मानना है कि अपनी क्षमता और कौशल के दम पर इस साल के आखिर में होने वाले दौरे में ऑस्ट्रेलिया की मुश्किल परिस्थितियों में भी सफल हो सकते हैं। भारत को चार टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है जिसका पहला मैच ब्रिस्बेन में तीन दिसंबर से खेला जाएगा। इस सीरीज के दौरान रोहित पर निगाहें टिकी रहेंगी जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पहली बार सलामी बल्लेबाज के रूप में उतरकर शानदार प्रदर्शन किया था। वह पिंडली के चोट के कारण न्यूजीलैंड के खिलाफ दोनों टेस्ट में नहीं खेल पाये थे। हसी ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में दुनिया के किसी भी बल्लेबाज की परीक्षा होती है लेकिन मेरा मानना है कि उसने (रोहित) एकदिवसीय क्रिकेट में शीर्ष क्रम में काफी मैच खेले हैं और उसे अब टेस्ट मैचों में भी सफलता मिली है और इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ा होगा।’ उन्होंने सोनी टेन पिट स्टॉप में कहा, ‘मुझे इसमें कोई संदेह नहीं कि उसके पास वह क्षमता और कौशल है जिससे वह वहां की परिस्थितियों में सफल हो सकता है।’ हसी का इसके साथ ही मानना है कि और डेविड वॉर्नर की वापसी से भारत के लिए आगामी सीरीज काफी मुश्किल होगी। भारत ने 2018 में ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज जीती थी तब स्मिथ और वार्नर प्रतिबंधित होने के कारण उसमें नहीं खेल पाए थे। उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर स्मिथ और वार्नर की वापसी से टीम मजबूत हुई है लेकिन दो साल पहले जो खिलाड़ी खेले थे तब वे पूरी तरह से तैयार नहीं थे। अब वे अनुभवी हो गये हैं और इसलिए भारत को इन गर्मियों में ऑस्ट्रेलिया में कड़ी चुनौती मिलेगी।’

IPL को चीनी प्रायोजकों से नाता तोड़ना चाहिए: नेस वाडिया June 30, 2020 at 05:06PM

नई दिल्लीकिंग्स इलेवन पंजाब के सह मालिक ने इस महीने की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चीन की कंपनियों के प्रायोजन को धीरे-धीरे खत्म करने की मांग की। गलवान घाटी में 15 जून को 20 भारतीय सैनिकों की मौत के बाद चीन के उत्पादों के बहिष्कार की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। चीन ने हालांकि अब तक अपने सैनिकों के मारे जाने की जानकारी साझा करने से इनकार किया है। इस घटना के बाद को चीन की कंपनियों द्वारा प्रायोजन की समीक्षा के लिए आईपीएल संचालन परिषद की बैठक बुलानी पड़ी लेकिन यह बैठक अब तक नहीं हो पाई है। सोमवार को भारत के चीन की 59 ऐप को प्रतिबंधित कर दिया। वाडिया ने मंगलवार को पीटीआई से कहा, ‘हमें देश की खातिर ऐसा (आईपीएल में चीन के प्रायोजकों से नाता तोड़ना) करना चाहिए। देश पहले है, पैसा बाद में आता है। और यह इंडियन प्रीमियर लीग है, चीन प्रीमियर लीग नहीं। इसे उदाहरण पेश करना चाहिए और रास्ता दिखाना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हां, शुरुआत में प्रायोजक ढूंढना मुश्किल होगा लेकिन मुझे लगता है कि पर्याप्त भारतीय प्रायोजक मौजूद हैं जो उनकी जगह ले सकते हैं। हमें देश और सरकार का सम्मान करना चाहिए और सबसे महत्वपूर्ण सैनिकों को जो हमारे लिए अपना जीवन जोखिम में डालते हैं।’ गलवान में भारतीय हिस्से की तरफ चीन द्वारा चौकी बनाए जाने का जब भारतीय सैनिकों ने विरोध किया तो चीन के सैनिकों ने पत्थरों, कील लगे डंडों और लोहे की सलाखों से उन पर हमला कर दिया। नाथुला में 1967 के बाद यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच सबसे बड़ी झड़प थी। भारत ने तब लगभग 80 सैनिक गंवाये थे जबकि चीन के 300 से अधिक सैनिक मारे गए थे। चीन की मोबाइल फोन कंपनी वीवो आईपीएल की टाइटिल प्रायोजक है और 2022 तक चलने वाले करार के तहत वह प्रत्येक साल भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को 440 करोड़ रुपये देती है। आईपीएल से जुड़ी कंपनियों पेटीएम, स्विगी और ड्रीम इलेवन में भी चीन की कंपनियों का निवेश है। सिर्फ आईपीएल नहीं बल्कि टीमों को भी चीन की कंपनियां प्रायोजित करती हैं। वाडिया ने अपना रुख साफ कर दिया है लेकिन चेन्नै सुपर किंग्स सहित अन्य टीमों ने कहा कि वे सरकार के फैसले को मानेंगी। सीएसके के एक सूत्र ने कहा, ‘शुरुआत में उनकी जगह लेना मुश्किल होगा लेकिन अगर देश के खातिर ऐसा किया जाता है तो हमें ऐसा करना चाहिए।’ एक अन्य टीम के मालिक ने कहा, ‘सरकार को फैसला करने दीजिए, वे जो भी फैसला करेंगे हम उसे मानेंगे।’ वाडिया ने कहा कि इस विवादास्पद मामले में सरकार के निर्देशों का इंतजार करना सही नहीं है क्योंकि ‘इस समय देश के साथ खड़े रहना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है’। उन्होंने कहा, ‘अगर मैं बीसीसीआई अध्यक्ष होता तो मैं कहता कि आगामी सत्र के लिए मुझे भारतीय प्रायोजक चाहिए।’ वाडिया ने साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर चीन की ऐप को प्रतिबंधित करने के सरकार के फैसले का भी स्वागत किया।

मौजूदा गेंदबाजों के सामने शायद बेहतर बल्लेबाज : महेला जयर्वधने June 30, 2020 at 05:31PM

मुंबईश्रीलंका के पूर्व कप्तान ने कहा है कि मौजूदा गेंदबाजों की तुलना पूर्व खिलाड़ियों से करना गलत होगा, क्योंकि जसप्रीत बुमराह और कागिसो रबादा के सामने शायद पहले से बेहतर बल्लेबाज हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर आप आज के दौर के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले शीर्ष 10 गेंदबाजों को देखेंगे तो उन्होंने अपना शुरुआती करियर उस दौर में बिताया है। मैंने कपिल देव और कर्टनी वॉल्श को नहीं खेला क्योंकि मैंने उनके बाद क्रिकेट शुरू की।’ जयवर्धने ने ईएसपीएनक्रिकइंफो पर संजय मांजरेकर से बात करते हुए कहा, ‘तब मुथैया मुरलीधरन, शेन वार्न, ग्लैन मैक्ग्रा, अनिल कुंबले, भज्जी (हरभजन सिंह), सकलैन मुश्ताक, वसीम अकरम, वकार यूनिस थे। इनके आंकड़े इनके बारे में बताते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें अभी देखना है कि मौजूदा गेंदबाजों की पौध उन आंकड़ों तक पहुंचती है या नहीं। मौजूदा गेंदबाज शायद बेहतर बल्लेबाजी ईकाई के सामने खेल रहे हैं।’ जयवर्धने ने सभी प्रारूपों में श्रीलंका के लिए कुल 652 मैच खेले हैं और वह दुनिया के महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं।

293 खिलाड़ियों की मप्र खेल अकादमियों से छंटनी, पिछले साल 22% खिलाड़ी बाहर हुए थे इस साल 33% June 30, 2020 at 04:10PM

खेल विभाग की वीडिंग आउट प्रोसेस में कोरोना का प्रभाव देखने को मिला है। इस साल खेल अकादमियों से 293 (32.99%) खिलाड़ी बाहर किए गए हैं। जबकि 595 (67%) रिटेन हुए हैं। पिछले साल 176 खिलाड़ी बाहर (वीडआउट) हुए थे यानी 22 प्रतिशत।

खेल विभाग ने उन्हीं खिलाड़ियों को रिटेन किया है, जो राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीत रहे हैं। कारण, कोरोना वायरस का बढ़ता प्रभाव। कोरोना के बाद खेल विभाग खिलाड़ियों की सीमित संख्या चाहता है, इसीलिए इस साल अकादमियों में नए प्रवेश के लिए ट्रायल भी नही हो रहे हैं।

बॉडी कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स से 75 खिलाड़ी बाहर
इस बार बॉडी कॉम्बैट, बॉडी कॉन्टैक्ट और वॉटर स्पोर्ट्स में सबसे ज्यादा छंटनी हुई है। सबसे ज्यादा रेसलिंग (33) में, जो 11% है। बॉडी कॉम्बैट-कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स (जूडो, कुश्ती, कराते, बॉक्सिंग और ताइक्वांडो) में 75 खिलाड़ी बाहर किए गए हैं यानी 26.13%। जबकि वॉटर स्पोर्ट्स (स्विमिंग, कयाकिंग-केनोइंग, रोइंग और सेलिंग) से 76 खिलाड़ियों को बाहर किया है, जो 26.48% है। इन खेलों में संक्रमण का खतरा ज्यादा है।

किस खेल के कितने खिलाड़ी
आर्चरी 17, एथलेटिक्स 14, बैडमिंटन 4, बॉक्सिंग 18, क्रिकेट 3, घुड़सवारी 19, फेंसिंग 5, जूडो 4, कराते 14, ताइक्वांडो 16, रेसलिंग 33, हॉकी पुरुष 20, महिला हॉकी 17, स्विमिंग 26, शूटिंग 33, कयाकिंग-केनोइंग 21, रोइंग 16, सेलिंग 13 खिलाड़ी।



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वॉटर स्पोर्ट्स यानी स्विमिंग, कयाकिंग-केनोइंग, रोइंग और सेलिंग से 76 खिलाड़ियों को बाहर किया है, जो 26.48% है। -फाइल फोटो

कमेंटेटर भी खिलाड़ी के साथ रंग के आधार पर भेदभाव करते हैं, श्वेत खिलाड़ी की स्किल और अश्वेत की ताकत पर अधिक बात होती है June 30, 2020 at 02:50PM

जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद अश्वेत के साथ भेदभाव का मुद्दा चर्चा का केंद्र बना हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार फुटबॉल मैच के दौरान कमेंटेटर भी खिलाड़ी के साथ रंग के आधार पर भेदभाव करते हैं। प्रोफेशनल फुटबॉलर्स एसोसिएशन (पीएफए) ने डैनिश फर्म रन रिपीट के साथ मिलकर रिसर्च कराया है।

इसमें स्पेनिश लीग ला लिगा, इंग्लिश लीग प्रीमियर लीग, इटैलियन लीग सीरी ए और फ्रेंच लीग लीग-1 के 2019-20 सीजन के 80 मैचों का एनालिसिस किया गया है। इसमें पाया गया है कि कमेंटेटर लाइटर स्किन वाले खिलाड़ी के इंटेलिजेंस, वर्क एथिक्स के बारे में ज्यादा बात करते हैं। वहीं डार्क स्किन वाले खिलाड़ियों की क्षमता, ताकत और पावर के बारे में बात की जाती है। लाइटर स्किन वाले खिलाड़ियों की स्किल, लीडरशिप और नॉलेज के लिए लगातार तारीफ जबकि डार्क स्किन वाले खिलाड़ियों की आलोचना से फुटबॉल देख रहे दर्शकों की सोच पर असर पड़ता है।

2074 बयान की समीक्षा की गई
रिसर्च 634 खिलाड़ियों पर हुआ। इसमें कमेंटेटर के 2,074 बयान की समीक्षा की गई। खिलाड़ियों को स्किन के आधार 1 से 20 तक का स्कोर दिया गया और फिर लाइटर स्किन वाले खिलाड़ी या डार्क स्किन वाले खिलाड़ी के रूप में नामित किया गया। खिलाड़ियों को फुटबॉल मैनेजर 2020 वीडियो गेम के डेटाबेस का उपयोग करके स्किन टोन के अनुसार कोड किया गया। रिसर्च में पाया गया है कि डार्क स्किन वाले खिलाड़ियों की ताकत पर कमेंट की संभावना 6.59 गुना ज्यादा रहती है। उनकी स्पीड पर 3.38 गुना ज्यादा बार कमेंट किया जाता है। इंटेलिजेंस और वर्क एथिक्स पर 60% से अधिक तारीफ लाइटर स्किन टोन वाले खिलाड़ियों की होती है।

इंग्लिश फुटबॉल में मैनेजर की संख्या बढ़ाई जाएगी
प्रीमियर लीग, ईएफएल और पीएफए इंग्लैंड में ब्लैक, एशियन और माइनॉरिटी लोगों के मैनेजर की संख्या बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। अभी 91 क्लब में सिर्फ 6 ऐसे मैनेजर हैं। अगले सीजन में 6 कोच को ईएफएल क्लब के साथ 23 महीने के लिए रखा जाएगा।



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आर्सनल क्लब ने ब्लैक लाइव्स मैटर का समर्थन किया।

चोपड़ा बोले, कैप्टन कोहली की जगह ले सकते हैं रोहित June 30, 2020 at 04:14AM

नई दिल्लीटीम इंडिया के कैप्टन के नेतृत्व को लेकर उनकी तुलना अकसर उप-कप्तान से की जाती है। विराट और रोहित दोनों ही इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपनी-अपनी फ्रैंचाइजी के कप्तान हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा का मानना है कि यह भारतीय टीम की खुशकिस्मती है जो उसे विराट और रोहित के रूप में दो बेहतरीन नेतृत्वकर्ता मिले। साल 2017 में कोहली ने हर फॉर्मेट में भारतीय टीम की कमान संभाली थी, जब महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी छोड़ी जबकि विराट की गैरमौजूदगी में रोहित शर्मा ने टीम का नेतृत्व किया। चोपड़ा ने कहा कि भारतीय टीम के नेतृत्व में बदलाव की तलाश की जा सकती है, यदि कोहली अगले कुछ साल में कोई बड़ी ट्रोफी जीतने में विफल रहते हैं। पढ़ें, आकाश चोपड़ा ने सवेरा पाशा के यूट्यूब वीडियो में कहा, 'भारतीय टीम खुशकिस्मत है। यदि अगले 6 महीनों में या एक-डेढ़ साल में टीम इंडिया कोई बदलाव करती है तो मुझे नहीं लगता कि इससे विराट के प्रदर्शन पर कोई फर्क पड़ेगा। वह उस लेवल पर पहुंच चुके हैं, जहां से नीचे नहीं जा सकते। वह चाहे कप्तान हों या नहीं, उन पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।' उन्होंने आगे कहा, 'एक टीम के तौर पर कभी-कभी आप एक अलग दिशा चाहते हैं। यदि आप उस स्तर पर पहुंचते हैं, तो रोहित शर्मा एक रेडीमेड पसंद हैं लेकिन तब तक, आपको कोहली के साथ बने रहने की जरूरत है, वह एक अच्छे कप्तान हैं।' पढ़ें, कोहली की कप्तानी में भारत ने सीमित ओवरों में कोई बड़ी ट्रोफी नहीं जीती है, 2017 चैंपियंस ट्रोफी के फाइनल तक पहुंचने और 2019 आईसीसी वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जाने के अलावा। दूसरी ओर, रोहित ने 2018 निदाहास ट्रोफी और एशिया कप में खिताबी जीत में टीम का नेतृत्व किया, जबकि कप्तान के तौर पर उनका आईपीएल रेकॉर्ड बेहद शानदार है। चोपड़ा ने कहा, 'भारत में भी एक टी20 वर्ल्ड कप होना है। उम्मीद है कि भारत को इसमें जीत मिले। यदि वे नहीं जीतते हैं, तो आप यह सोचना शुरू कर सकते हैं कि नेतृत्व में बदलाव की तलाश की जाए।'

एड्रिया टूर : जोकोविच के बचाव में उतरे हमवतन मेटिच June 30, 2020 at 03:49AM

मैनचेस्टरइंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड के मिडफील्डर और सर्बिया के स्टार फुटबॉलर नेमांजा मेटिच ने एड्रिया टूर विवाद के बाद फिर से हमवतन और वर्ल्ड नंबर-1 टेनिस खिलाड़ी का बचाव किया है। जोकोविच हाल ही में एड्रिया टूर में खेले थे और वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उन्होंने इस टूर्नमेंट को सर्बिया और क्रोएशिया में आयोजित कराने में मदद करने की जिम्मेदारी ली थी। जोकोविच के अलाव उनकी पत्नी भी कोरोना संक्रमित पाई गई थीं। जोकोविच से पहले इसी टूर में खेलने वाले विक्टर ट्रोइस्की, ग्रिगोर दिमित्रोव और बोर्ना कोरिच का टेस्ट भी पॉजिटिव आया था। मेटिच ने कहा कि सर्बिया में सबकुछ सामान्य चल रहा था और अगर बहुत सारे व्यक्ति वायरस से संक्रमित पाए जाते हैं तो इसमें जोकोविच की कोई गलती नहीं है। पढ़ें, मेटिच ने स्काई स्पोर्ट्स से कहा, ‘लोगों को यह समझने की जरूरत है कि सर्बिया में स्थिति यहां से बेहतर थी। देश ने हर किसी को वह करने की अनुमति दी, जोकि वह करना चाहते थे। सब कुछ खुला था, शॉपिंग सेंटर और रेस्त्रां।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने सामान्य जीवन जीना शुरू कर दिया क्योंकि हमारा देश तीन महीने तक पूरी तरह से बंद था। आप सड़कों पर नहीं घूम सकते थे, आप घर से बाहर नहीं निकल सकते थे। इसलिए यह अलग था।’ पढ़ें, सर्बियाई फुटबॉलर ने आगे कहा, ‘..लेकिन जब खुले तो उन्होंने कहा कि आप वह सब करने के लिए फ्री हैं, जोकि आप करना चाहते हैं। टूर्नमेंट से पहले, एक मैच हुआ था, जिसमें 20000 लोग शामिल थे। तब किसी ने इसके बारे में कुछ नहीं बोला।’ मेटिच ने कहा, ‘मैं केवल इतना ही कहना चाहता हूं कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है कि उन्होंने टूर्नमेंट का आयोजन किया। वह सिर्फ प्रतियोगिता के लिए खिलाड़ियों की मदद करना चाहते थे। मुझे नहीं लगता है कि उन्होंने इसमें कुछ गलत किया।’ जोकोविच ने इस टूर्नमेंट का आयोजन करने के लिए माफी भी मांगी थी।

रिजिजू ने लॉन्च किया ऐप, बैन दवाओं के बारे में देगा अपडेट June 30, 2020 at 02:09AM

नई दिल्लीखेलों को डोपमुक्त बनाने की कवायद में खेल मंत्री ने मंगलवार को राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) का पहला मोबाइल ऐप लॉन्च किया जो खिलाड़ियों को प्रतिबंधित दवाओं और उनके इस्तेमाल से बचने की जानकारी देगा। यह ऐप और खिलाड़ियों के बीच सेतु का काम करेगा। इससे उन्हें खेलों के विभिन्न पहलुओं खासकर प्रतिबंधित दवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सकेगी। रिजिजू ने ऐप के ऑनलाइन लॉन्च के मौके पर कहा, ‘भारतीय खेलों की दिशा में यह अहम कदम है। हम खेलों को साफ सुथरा बनाने की कोशिश में जुटे हैं और पहला कदम जागरूकता पैदा करना है। खिलाड़ियों को प्रासंगिक और जरूरी सूचनाएं देना अहम है ताकि वे इन दवाओं के इस्तेमाल से बचें।’ पढ़ें, उन्होंने कहा, ‘इस ऐप से खिलाड़ी प्रतिबंधित पदार्थों की सूची देख सकेंगे और उन्हें मदद के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना होगा।’ इस ऐप में यह भी जानकारी होगी कि आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली किसी दवा में नाडा की प्रतिबंधित सूची में शामिल कोई पदार्थ तो नहीं है। खेल मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार खिलाड़ियों का डोप टेस्ट जल्दी और आसानी से कराने के लिए ऐप डोपिंग नियंत्रण अधिकारी को उनकी उपलब्धता रिकॉर्ड कराने की भी सुविधा देता है। यह ऐप गूगल स्टोर पर उपलब्ध है। लॉन्च के मौके पर खेल सचिव रवि मित्तल और नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल भी मौजूद थे।

द्रविड़ के शानदार कैच, भज्जी ने शेयर किया वीडियो June 30, 2020 at 01:05AM

नई दिल्लीदिग्गज भारतीय क्रिकेटर की गिनती ना केवल सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में की जाती है जबकि वह टीम इंडिया के अब तक के सबसे अच्छे फील्डरों में से भी एक हैं। मुख्य तौर पर स्लिप फील्डरों में रहे द्रविड़ ने शॉर्ट लेग और सिली पॉइंट पर भी फील्डिंग की। भारतीय ऑफ स्पिनर ने उनके कुछ कैचों का एक वीडियो क्लिप ट्विटर पर शेयर किया। द्रविड़ ने अपने इंटरनैशनल करियर में कई शानदार कैच लपके। जब हरभजन ने उनका वीडियो शेयर किया तो भारत के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने भी उनकी तारीफ की। पढ़ें, साथी खिलाड़ियों और फैंस के बीच 'भज्जी' से मशहूर हरभजन ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'गजब की कैच करने वाले राहुल द्रविड़।' इसके बाद आकाश चोपड़ा ने इसे रिट्वीट करते हुए लिखा, '100 प्रतिशत सहमत, शानदार फील्डर। शॉर्ट लेग पर फील्डिंग के मामले में प्लेइंग-XI में बेस्ट।' अश्विन ने लिखा, 'Wow' मशहूर कमेंटेटर हर्षा भोगले ने भी रिप्लाई किया। राहुल द्रविड़ ने भारत के लिए 164 टेस्ट मैच खेले और 52.31 की औसत से कुल 13,288 रन बनाए। साथ ही उन्होंने सबसे लंबे फॉर्मेट में कुल 210 कैच भी लपके। टेस्ट क्रिकेट इतिहास में किसी खिलाड़ी के ये सर्वाधिक कैच हैं। केवल दो अन्य खिलाड़ियों ने 200 कैच या उससे ऊपर लिए हैं। द्रविड़ के बाद श्रीलंका के दिग्गज खिलाड़ी महेला जयवर्धने हैं जिन्होंने 149 टेस्ट में 205 कैच लिए। वहीं, दिग्गज वीवीएस लक्ष्मण अगले सर्वश्रेष्ठ भारतीय हैं, जिन्होंने 134 टेस्ट मैचों में 135 कैच पकड़े, जबकि 'गॉड ऑफ क्रिकेट' से मशहूर सचिन तेंडुलकर ने 200 टेस्ट मैचों में 115 कैच लपके।

झारखंड में सब्जी बेचने को मजबूर ऐथलीट, प्रशासन ने की मदद June 30, 2020 at 01:33AM

रांचीझारखंड की ऐथलीट गीता कुमारी को आर्थिक परेशानियों के कारण रामगढ़ जिले की गलियों में सब्जी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद हालांकि गीता को रामगढ़ जिला प्रशासन से 50,000 रुपये और ऐथलेटिक्स करियर को आगे बढ़ाने के लिए 3,000 रुपये का मासिक वजीफा पाने में मदद मिली। सीएम सोरेन को ट्विटर के जरिए जानकारी मिली कि गीता वित्तीय समस्याओं के कारण सड़क किनारे सब्जी बेचने को मजबूर हैं। मुख्यमंत्री ने रामगढ़ के उपायुक्त को कुमारी की आर्थिक रूप से सहायता करने का निर्देश दिया ताकि वह अपने ऐथलेटिक्स करियर को आगे बढ़ा सकें। पढ़ें, आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि रामगढ़ के उपायुक्त (डीसी) संदीप सिंह ने सोमवार को गीता को 50,000 रुपये का चेक दिया और ऐथलीट को 3,000 रुपये मासिक वजीफा देने की भी घोषणा की। खेल की दुनिया में ऐथलीट की सफलता की कामना करते हुए उपायुक्त ने कहा, ‘रामगढ़ में कई खिलाड़ी हैं जो देश के लिए सफलता हासिल करने में सक्षम हैं, और प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें समर्थन मिले।’ गीता के चचेरे भाई धनंजय प्रजापति ने कहा, ‘वह सब्जी बेचने के साथ हजारीबाग जिले के आनंद कॉलेज में बीए अंतिम वर्ष की छात्रा हैं। उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और अब प्रशासन की मदद मिलने से वह खुश हैं।’ विज्ञप्ति के मुताबिक गीता ने राज्य स्तर पर चलने वाली प्रतियोगिताओं में आठ गोल्ड मेडल हासिल किए हैं। उन्होंने कोलकाता में आयोजित प्रतियोगिताओं में एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

पहले टेस्ट मैच में कप्तानी करेंगे बेन स्टोक्स, कहा- यह मेरे लिए सम्मान की बात, मेरा फोकस सिर्फ मैच जीतने पर June 30, 2020 at 12:57AM

खेल डेस्क. ऑलराउंडर बेन स्टोक्स साउथेम्प्टन में 8 जुलाई से वेस्ट इंडीज के खिलाफ शुरू होने वाले पहले टेस्ट में कप्तानी कर सकते हैं। इंग्लैंड टीम के रेग्युलर कैपट्न जोए रूट पहला टेस्ट मैच नहीं खेल पाएंगे। रूट की पत्नी कैरी दूसरे बच्चे को जन्म देने वाली हैं। इस दौरान रूट उनके साथ रहना चाहते हैं। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने इसकी मंजूरी भी दे दी है। रूट जब टीम में वापसी करेंगे तो उन्हें कोविड-19 गाइडलाइंस फॉलो करनी होंगी।

मैच जीतने पर फोकस
स्टोक्स ने एक इंटरव्यू में कहा- इंग्लैंड टीम की कप्तानी आसान नहीं है। लेकिन, मौका मिला तो यह मेरे लिए गर्व की बात होगी। मेरा लक्ष्य कभी कप्तान बनना नहीं रहा। मैं सिर्फ मैच जीतना चाहता हूं। यही मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं सिर्फ एक मैच के लिए कप्तानी कर रहा हूं क्योंकि इस दौरान रूट उपलब्ध नहीं रहेंगे।

पहली बार कप्तान के तौर पर उतरेंगे मैदान में
स्टोक्स कप्तान के तौर पर पहली बार मैदान में उतरेंगे। इस मुकाबले में वेस्टइंडीज की टीम नस्लवाद के खिलाफ आवाज उठाने के लिए 'ब्लैक लाइव्स मैटर' के सिंबल वाली टी शर्ट पहनकर मैदान में उतरेगी। बेन स्टोक्स ने कहा कि हम वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर से इस बारे में बात कर रहे हैं।

रूट ने भी स्टोक्स का समर्थन किया था
इंग्लैंड टीम के नियमित कप्तान जो रूट भी स्टोक्स की कप्तानी का समर्थन कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि बेन स्टोक्स की सबसे बड़ी खासियत ये है कि वो एक लीडर के तौर पर मिसाल पेश करते हैं। वो खिलाड़ियों से उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाना जानते हैं। ड्रेसिंग रूम में साथी खिलाड़ियों से उनके संबंध और व्यवहार अच्छा है। वह सभी का सम्मान करते हैं।

सीधे कप्तानी का मौका
स्टोक्स को कप्तानी का ज्यादा अनुभव नहीं है। इंटरनेशनल क्रिकेट में भी उन्होंने कभी कप्तानी नहीं की है। 2008 में तीन मैचों में डरहम एकेडमी की कप्तानी का जरूर उन्हें अनुभव है।

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बेन स्टोक्स को कप्तानी का ज्यादा अनुभव नहीं है। 2008 में वो डरहम क्रिकेट एकेडमी टीम के कप्तान बने थे। तीन मैचों में कप्तानी की थी। (फाइल)

फुटबॉल प्रसारण के दौरान नस्लवादी भेदभाव के आरोप June 30, 2020 at 12:20AM

लंदनइंग्लैंड में फुटबॉल खिलाड़ियों की यूनियन का मानना है कि यूरोपीय लीगों में कमेंटेटरों की ओर से मैचों के प्रसारण के दौरान इस्तेमाल होने वाली भाषा में नस्लीय भेदभाव झलकता है। डेनमार्क की रिसर्च कंपनी रनरिपीट ने पेशेवर फुटबॉलरों के संघ (पीएफए) के साथ मिलकर रिसर्च कराई है। इसमें पता चला है कि खिलाड़ियों की समझदारी की जो तारीफ की जाती है वह 63 प्रतिशत मामलों में श्वेत खिलाड़ियों से जुड़ी होती है जबकि खिलाड़ियों की समझदारी को लेकर जो आलोचना की जाती है उसमें 63 प्रतिशत मामलों में निशाने पर अश्वेत खिलाड़ी होते हैं। इस रिसर्च में यह भी पता चला है 60 प्रतिशत मौकों पर काम को लेकर श्वेत खिलाड़ियों की सराहना की जाती है। देखें, इस रिसर्च में इस सत्र में प्रीमियर लीग के अलावा इटली, स्पेन और फ्रांस की शीर्ष लीग के 80 मैचों का रिसर्च किया गया। इस दौरान ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा की मीडिया कंपनियों में काम करने वाले और अंग्रेजी में बोलने वाले प्रसारणकर्ताओं के 2073 बयानों का विश्लेषण किया गया। इसमें साथ ही कहा कि कमेंटेटरों की ताकत के मामले में अश्वेत खिलाड़ियों का संदर्भ देने की संभावना लगभग सात गुना अधिक होती है जबकि गति के मामले में अश्वेत खिलाड़ियों का संदर्भ तीन गुना अधिक बार आता है।

रोहित एकदिवसीय के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में से एक: श्रीकांत June 29, 2020 at 10:56PM

नई दिल्लीभारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कृष्माचारी (K. Srikanth) ने कहा कि एकदिवसीय में बड़ी शतकीय पारी खेलने की क्षमता (Rohit Sharma) को इस प्रारूप का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बनाती है। रोहित ने एकदिवसीय में 29 शतक लगाए हैं जिसमें से 11 बार वह 140 से अधिक रन बनाने में सफल रहे है। अपने समय में खुद आक्रामक सलामी बल्लेबाज रहे श्रीकांत ने कहा कि रोहित महानतम सलामी बल्लेबाजों (All Time Great Openers) की सूची में शीर्ष तीन या पांच में रहेंगे। श्रीकांत ने ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ से कहा, ‘मैं उसे विश्व क्रिकेट के सर्वकालिक महान सलामी बल्लेबाज के रूप में गिनूंगा। रोहित शर्मा में सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह आसानी से बड़ी शतकीय पारी खेलते है या दोहरा शतक बनाते हैं, जो आश्चर्यजनक है।’ भारत के लिए 43 टेस्ट और 146 एकदिवसीय खेलने वाले 60 साल के श्रीकांत ने कहा, ‘एक दिवसीय मैच में अगर आप 150, 180 या 200 रन बना लेते है तो बस कल्पना कीजिए कि आप टीम को कहां ले जा रहे हैं। रोहित की यह महानता है।’ तीस साल के रोहित ने 224 एकदिवसीय में 49.27 की औसत से 9115 रन बनाये है। इसमें 29 शतक और 43 अर्धशतक शामिल है। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 264 रन है जो विश्व रेकॉर्ड है।उन्होंने 32 टेस्ट में 2141 रन बनाए हैं।

सभी फॉर्मेट में कोहली के लगातार अच्छे प्रदर्शन के कायल हैं फिंच June 29, 2020 at 10:41PM

मुंबई ऑस्ट्रेलिया के सीमित ओवरों के कप्तान () का कहना है कि भारत जैसे क्रिकेट के दीवाने देश में लोगों की अपेक्षाओं का बोझ काफी है लेकिन () ने बतौर कप्तान शानदार प्रदर्शन किया है। फिंच ने कहा कि खिलाड़ी खराब दौर से गुजरते हैं लेकिन कोहली, स्टीव स्मिथ (Steve Smith), रिकी पॉन्टिंग (Ricky Ponting) और सचिन तेंडुलकर (Sachin Tendulkar) जैसे खिलाड़ी अपवाद हैं। उन्होंने सोनी टेन के पिट स्टॉप शो पर कहा, ‘हर खिलाड़ी का एक खराब दौर आता है लेकिन कोहली, स्मिथ, पॉन्टिंग और तेंडुलकर ऐसे खिलाड़ी थे जिनका फॉर्म कभी भी लगातार दो सीरीज में खराब नहीं रहा।’ फिंच ने कहा, ‘भारत के लिए खेलने का दबाव अलग है और कप्तानी का अलग और जिस तरह से कोहली लंबे समय से दोनों काम कर रहे हैं, वह लाजवाब है।’ उन्होंने कहा, ‘महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) से कप्तानी लेने के बाद अपेक्षाएं काफी थीं और वह लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे। यह काफी प्रभावशाली है।’ उन्होंने कहा, ‘सबसे प्रभावी बात तो तीनों प्रारूपों में उनका लगातार अच्छा खेलना है। वनडे क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज होना और फिर टेस्ट और टी20 में उस कामयाबी को दोहराना, काबिले-तारीफ है।’ आईसीसी ने गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है और फिंच ने कहा कि खिलाड़ियों को इसकी आदत हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘मैने इंग्लैंड या वेस्टइंडीज टीमों से बात नहीं की है लेकिन मुझे लगता है कि अगले कुछ महीने में खिलाड़ी इसके आदी हो जाएंगे। गेंद को चमकाने के दूसरे तरीके तलाशे जाएंगे।’

कोहली ने कहा, 'मील का पत्थर रहेगा यह टेस्ट' June 29, 2020 at 10:45PM

नई दिल्ली भारतीय टीम के कप्तान () ने मंगलवार को 2014 में एडिलेड में खेले गए टेस्ट मैच को याद किया है जो उनके मुताबिक भारतीय क्रिकेट के लिए हमेशा एक मील का पत्थर रहेगा। दिसंबर की 9-13 तारीख के बीच खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने माइकल क्लार्क (Michael Clarke) की कप्तानी वाली टीम को कड़ी चुनौती दी थी। भारत हालांकि कोहली द्वारा दोनों पारियों में लगाए गए शतकों () के बाद भी मैच नहीं जीत पाया था। कोहली ने अपने इंस्टाग्राम (Virat Kohli instagram) पर एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है, ‘हम आज जो टीम हैं उस सफर का यह टेस्ट काफी अहम हिस्सा रहा है। एडिलेड में 2014 में खेले गए टेस्ट मैच में दोनों टीमों की तरफ से काफी भावनाएं जुड़ी थीं और जिन लोगों ने देखा था उनके लिए भी यह शानदार था।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि हम जीत नहीं पाए थे लेकिन इसने हमें सिखाया था कि अगर हम अपना सब कुछ लगा देंगे तो कुछ भी संभव है क्योंकि हम कुछ ऐसा करने के लिए समर्पित हैं जिसकी शुरुआत काफी मुश्किल है, लेकिन हमने इस मैच को लगभग जीत ही लिया था। हम सभी इसे लेकर समर्पित थे।’ उन्होंने लिखा, ‘टेस्ट टीम के तौर पर यह हमारे सफर का मील का पत्थर रहेगा।’ ऑस्ट्रेलिया ने उस मैच में पहली पारी सात विकेट के नुकसान पर 517 रनों पर घोषित कर दी थी। उसके लिए डेविड वार्नर, माइकल क्लार्क, स्टीव स्मिथ ने शतक बनाए थे। भारत ने अपनी पहली पारी में मजबूती से जवाब दिया था और कोहली के 115 रनों की मदद से 444 रन बनाए थे। दूसरी पारी में मेजबान टीम ने पांच विकेट के नुकसान पर 290 रन बना पारी घोषित कर दी थी और भारत को 364 रनों का लक्ष्य दिया था। कोहली ने दूसरी पारी में 141 रन बनाए थे और उनके अलावा मुरली विजय ने 99 रनों की पारी खेली थी, लेकिन इन दोनों के प्रयास भारत को जीत नहीं दिला पाए थे क्योंकि टीम 315 रनों पर ऑल आउट हो गई थी।

टेस्ट और वनडे में अलग है भारत-ऑस्ट्रेलिया की प्रतिस्पर्धा: आरोन फिंच June 29, 2020 at 10:28PM

प्रसाद आरएस, चेन्नै बीते कुछ अर्से से क्रिकेट के मैदान पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है। इस मुकाबले में रोमांच और दर्शकों की रूचि बनी रहती है। साल 2001 के कोलकाता में खेले गए ऐतिहासिक टेस्ट मैच से ही दोनों टीमों को बीच हाई क्वॉलिटी मुकाबले देखने को मिलते हैं। अगर शुरुआत में सचिन तेंडुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ भारतीय बल्लेबाजी की कमान संभालते थे तो अब दौर विराट कोहली ऐंड कंपनी का है। ऑस्ट्रेलिया के सीमित ओवरों की टीम के कप्तान का मानना है कि जब भी दोनों टीमें आमने-सामने होती हैं उनके बीच कड़े मुकाबले की भावना नजर आती है फिर चाहे प्रारूप कोई भी क्यों न हो। मंगलवार को सोनी नेटवर्क पर दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'भारत और ऑस्ट्रेलिया दो बहुत कामयाब टीमें हैं। ये दोनों ही देश क्रिकेट को लेकर बहुत जुनूनी हैं... तो ऐसे में वनडे और टेस्ट में दोनों टीमों के बीच मुकाबले की तुलना नहीं की जा सकती।' उन्होंने कहा, 'क्रिकेट का परंपरागत रूप है। इसमें पांच दिन तक कड़ा मुकाबला होता है... हर दिन मानसिक जंग होती है वहीं वनडे क्रिकेट में बेशक अधिक स्किल की जरूरत होती है, लेकिन सिर्फ एक दिन के लिए। अगर मैदान में एक-दो खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर दें तो आप मैच जीत सकते हैं। इसका अर्थ यह नहीं कि यहां प्रतिस्पर्धा कम महत्वपूर्ण है या फिर इसे इसलिए हल्के में लिया जाता है कि यह टी20 या वनडे है।'

6 पाक खिलाड़ियों का कोरोना टेस्ट आया नेगेटिव June 29, 2020 at 09:50PM

लाहौर मोहम्मद हफीज समेत छह पाकिस्तानी क्रिकेटर अब इंग्लैंड जा सकेंगे। इन खिलाड़ियों का दूसरा कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है जिसके बाद ये सभी बाकी टीम को जॉइन कर सकेंगे। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। फखर जमां, मोहम्मद हसनैन, मोहम्मद रिजवान, शादाब खान और वहाव रियाज का टेस्ट भी तीन दिन में दूसरी बार नेगेटिव आया है। ये सभी अब वॉरसेसटरशर में टीम के साथ जुड़ जाएंगे। पीसीबी अब इन खिलाड़ियों को इंग्लैंड पहुंचाने का इंतजाम करेगी। और ये खिलाड़ी कब और कैसे जाएंगे इसकी जानकारी साझा की जाएगी। चार अन्य खिलाड़ी- कासिफ भट्टी, हारिस राउफ, हैदर अली और इमरान खान का टेस्ट इस हफ्ते दूसरी बार पॉजीटिव आया है। पाकिस्तानी खिलाड़ियों का पहला दल रविवार को ब्रिटेन पहुंच गया है। खिलाड़ी 14 दिन के आइसोलेशन पीरियड में हैं। पाकिस्तान को इंग्लैंड के खिलाफ तीन टेस्ट और तीन टी20 मैचों की सीरीज खेलनी है।

श्रीलंका ने 2011 विश्व कप फाइनल में कथित फिक्सिंग के जांच के आदेश दिए June 29, 2020 at 09:12PM

नई दिल्ली श्रीलंका ने विश्व कप 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल (2011 World Cup Final) की न्यायिक जांच कराने का फैसला किया है। श्रीलंका में इन दिनों यह आरोप फिर चर्चा में है कि क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल सन 2011 को भारत को 'बेच' दिया गया था। खेल मंत्रालय के सचिव केडीएस रुवानचंद्रा ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि यह जांच पुलिस को सौंप दी गई है। खेलों से जुड़ी पुलिस की स्पेशल इंस्टिगेटिंग यूनिट इसकी जांच करेगी। पूर्व खेल मंत्री महिंदानंद अलुथगामगे (Mahindananda Aluthgamage) ने आरोप लगाया था कि 2011 का विश्व कप श्रीलंका ने भारत को सौंप दिया था। उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है कि अब मैं इस बारे में बात कर सकता हूं मैं खिलाड़ियों को कोई से नहीं जोड़ रहा हूं लेकिन कुछ सेक्शन इसमें जुड़े हुए थे। श्रीलंका ने अर्जुना रणतुंगा (Arjuna Ranatunga) की कप्तानी में आखिरी बार 1996 में वर्ल्ड कप जीता था। इस टीम के कप्तान रहे रणतुंगा ने भी 2011 के वर्ल्ड कप के नतीजों पर हैरानी जताते हुए पहले इसकी जांच करने की बात कही है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व कप्तान और 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल के चीफ सिलेक्टर रहे अरविंद डिसिल्वा को जांच एजेंसियों ने मंगलवार को बुलाया है। श्रीलंका ने वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में 50 ओवर में छह विकेट पर 274 रन का लक्ष्य बना और बनाया। श्रीलंकाई टीम ने मजबूत शुरुआत की थी और सचिन तेंडुलकर (Sachin Tendulkar) 18 रन बनाकर पविलियन लौट गए थे। भारत ने मैच में बहुत अच्छी वापसी की थी। श्रीलंकाई टीम की फील्डिंग भी काफी खराब रही थी जिससे भारतीय बल्लेबाजों को काफी मदद मिली। गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने 97 रनों की पारी खेली थी। आखिर में महेंद्र सिंह धोनी (91) (Mahendra Singh Dhoni Six) ने छक्का लगाकर कुमार संगाकारा की टीम को मात दी। वानखेड़े स्टेडियम में हुए फाइनल में भारत ने 6 विकेट से जीत हासिल की थी। संगकारा ने कहा था कि अलुथगामगे को अपने आरोप आईसीसी के साथ साझा करने चाहिए। श्रीलंका में पहले भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में फिक्सिंग के मामले उठ चुके हैं। 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान भी ऐसे आरोप लगे थे।

आज भी सचिन को आउट करने के लम्हे को लफ्जों में बयान नहीं कर सकता: भुवनेश्वर कुमार June 29, 2020 at 08:26PM

एस. सहारॉय, चेन्नै जब 19 साल के थे तब पहली बार चर्चा में आए। उन्होंने साल 2009 में सचिन तेंडुलकर को जीरो पर आउट किया। यह घरेलू क्रिकेट में पहला मौका था जब सचिन खाता नहीं खोल पाए थे। उत्तर प्रदेश की ओर से खेलते हुए भुवनेश्वर ने अपने स्पैल की 14वीं गेंद पर आउट किया था। दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज की कटर सचिन के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेते हुई पैड से टकराई और हवा में उछल गई। डीप शॉर्ट लेग पर खड़े फील्डर ने दौड़कर कैच लपका। इस बात को 11 साल बीत चुके हैं लेकिन आज भी इसे याद करके भुवनेश्वर कुमार के रौंगटे खड़े हो जाते हैं। उन्होंने एक वेबीनार में कहा, 'मैं खुशकिस्मत था कि उन्हें आउट कर पाया। मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। इस तरह के लम्हों को आप सिर्फ महसूस कर सकते हो बयां नहीं कर सकते।' भुवनेश्वर इसका श्रेय पूर्व भारतीय बल्लेबाज और यूपी की टीम के कप्तान रहे मोहम्मद कैफ को देते हैं जिन्होंने उस गैरपरंपरागत पोजीशन पर फील्डर को तैनात किया। उन्होंने कहा, 'यह उस तरह की कटर गेंद थी जिसने आखिरी लम्हे पर अपनी लाइन नहीं बदली। दुनिया में ऐसे बहुत अधिक गेंदबाज नहीं हैं जिन्हें इस तरह की गेंद में महारत हासिल हो। और मैं हमेशा कहता हूं कि इस विकेट का श्रेय मोहम्मद कैफ को जाता है। वह इसलिए वह फील्डर बहुत अजीब जगह पर था। आमतौर पर वहां कोई फील्डर नहीं होता। लेकिन गेंद उस फील्डर के पास गई और उसने कैच लपकने में कोई गलती नहीं की। मैं फिर कहता हूं कि विकेट का श्रेय कैफ को दिया जाना चाहिए।' भुवी ने मैच से पहले की एक और घटना को याद किया। उन्होंने कहा, 'हम एक ही होटल में रुके हुए थे। तो मैं होटल में अपने कमरे से बार आया और देखा कि सचिन तेंडुलकर का कमरा मेरे कमरे के साथ में है। तो मैं अपने कमरे में वापस चला गया। जब सचिन पाजी अपने कमरे से बाहर निकले और लिफ्ट की ओर चले तभी मैं बाहर आया।' भुवी ने कहा, 'लिफ्ट के अंदर, मैं उन्हें नोटिस कर रहा था और वह अपने फोन में बिजी थे। मैं उनसे इतना प्रभावित था कि बस यही देख रहा था कि मैच से पहले वह कैसा व्यवहार करते हैं। जब मैं उन्हें बोलिंग कर रहा था मेरे दिमाग में यह चल रहा था कि अब मैं सचिन को बोलिंग कर रहा हूं। मैं इस पर फोकस नहीं कर रहा था कि मुझे कैसी बोलिंग करनी है। 19 साल का एक लड़का दुनिया के बेस्ट बल्लेबाज को बोलिंग करने वााला था और उसे यह नहीं पता था कि वह क्या करने वाला है। यह मेरे लिए बहुत यादगार लम्हा था।'