Sunday, July 12, 2020

न्यूजीलैंड के क्रिकेटर्स इस हफ्ते से हाई परफॉर्मेंस सेंटर में ट्रेनिंग शुरू करेंगे, बोर्ड अगले कुछ महीनों में 6 नेशनल कैम्प लगाएगा July 12, 2020 at 08:16PM

पिछले महीने कोरोना फ्री होने के बाद न्यूजीलैंड में क्रिकेट की वापसी की उम्मीदें जग गईं हैं। देश के टॉप क्रिकेटर्स इस हफ्ते से हाई परफॉर्मेंस सेंटर में ट्रेनिंग शुरू कर देंगे। न्यूजीलैंड क्रिकेट (एनजेडसी) ने सोमवार को एक बयान जारी यह जानकारी दी।

बोर्ड अगले कुछ महीनों में मेल और फीमेल दोनों क्रिकेटर्स के लिए6 नेशनल कैम्प लगाएगा।इस हफ्ते ब्लैककैप्स (पुरुष टीम) टीम केंटरबरी में ट्रेनिंग शुरू करेगी, जबकि दूसरा कैम्प 19 जुलाई से बे ओवल में शुरू होगा। इस बीच, महिला टीम ने सोमवार से लिंकन के हाई परफॉर्मेंट ट्रेनिंग सेंटर में प्रैक्टिस शुरू कर दी। लॉकडाउन के बाद यह पहला क्रिकेट कैम्प है।

8 जून को न्यूजीलैंड कोरोना मुक्त हुआ था

न्यूजीलैंड पिछले महीने 8 जून को कोरोना मुक्त होने वाला दुनिया का पहला देश बना था। खुद प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डन ने इसका ऐलान किया था। तब जेसिंडा ने कहा था कि मुझे अपने देश और यहां के लोगों पर गर्व है। हमने एक बेहद मुश्किल जंग को मिलकर जीता।

न्यूजीलैंड में 7 हफ्ते का लॉकडाउन लगा था

न्यूजीलैंड की आबादी 50 लाख से भी कम है। फरवरी के आखिर में यहां कोरोना की आहट सुनाई दी। सरकार ने मेडिकल एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर 4 सू्त्रीय कार्यक्रम बनाया। इस पर सख्ती से अमल का फैसला किया गया। 7 हफ्ते का सख्त लॉकडाउन रहा। हर हफ्ते समीक्षा भी की गई। देश में कुल 1154 मामले सामने आए, जबकि 22 लोगों की मौत हुई। करीब तीन लाख लोगों का टेस्ट हुआ था।

दर्शकों की मौजूदगी में स्पोर्ट्स इवेंट शुरू हुए

इसके बाद देश में स्पोर्ट्स इवेंट भी शुरू हो गए हैं। पिछले महीने 13 जून को यहां सुपर रग्बी लीग में ऑकलैंड ब्लूज और वेलिंग्टन हरीकेंस का मुकाबला हुआ था, जिसमें ब्लूज ने जीत दर्ज की थी। ईडन पार्क में हुए इस मैच को देखने के लिए 43 हजार फैंस पहुंचे थे। यहां दर्शकों के पहुंचने का 15 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया था। कोरोनावायरस के बाद यह न्यूजीलैंड में होने वाला पहला प्रोफेशनल स्पोर्ट्स इवेंट था।



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न्यूजीलैंड की महिला क्रिकेटर्स ने सोमवार से लिंकन स्थित हाई परफॉर्मेंस सेंटर में ट्रेनिंग शुरू की।

England vs West Indies: स्टोक्स ने पहले टेस्ट से ब्रॉड को बाहर रखने के फैसले का बचाव किया July 12, 2020 at 06:55PM

साउथैम्पटन इंग्लैंड के कार्यवाहक कप्तान को वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में हार के बावजूद तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड को अंतिम एकादश से बाहर रखने के फैसले पर खेद नहीं है। इंग्लैंड को तीन मैचों की सीरीज के पहले मैच में चार विकेट से हार का सामना करना पड़ा। जर्मेन ब्लैकवुड की 95 रन की शानदार पारी से वेस्टइंडीज ने 200 रन का लक्ष्य हासिल करके सीरीज में 1-0 से बढ़त बनाई। ब्रॉड को अंतिम एकादश में जगह नहीं दी गई थी जिस पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। ब्रॉड ने कहा था कि वह इस फैसले से ‘गुस्से में तथा हताश और निराश हैं।’ स्टोक्स ने कहा कि ब्रॉड की प्रतिक्रिया स्वाभाविक है। स्टोक्स ने बीबीसी स्पोर्ट से कहा, ‘स्टुअर्ट का इंटरव्यू शानदार था। जिस खिलाड़ी ने 100 से अधिक टेस्ट मैच खेले हों और ढेर सारे विकेट लिए हों उसकी तरह की भावना और खेलने की तीव्र इच्छा लाजवाब है।’ इसे भी पढ़ें- ब्रॉड ने अभी तक 138 टेस्ट मैचों में 485 विकेट और 121 वनडे में 178 विकेट लिए हैं। स्टोक्स ने मार्च के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू होने पर पहले टेस्ट मैच के लिए टीम के चयन का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘जहां तक सिलेक्शन की बात है तो अगर हम इस पर खेद व्यक्त करते हैं तो इससे उन खिलाड़ियों के पास अच्छा संदेश नहीं जाएगा जो इस मैच में खेले थे। हमने वह फैसला किया जो इस खेल में आगे हमारे लिये फायदेमंद हो सकता है।’ स्टोक्स ने कहा, ‘आप फैसला करते हैं और आपको उन पर कायम रहना चाहिए। मैं इस तरह का इंसान नहीं हूं जो उन पर खेद व्यक्त करूं।’ इसे भी पढ़ें- इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया जबकि पिच में तब काफी नमी थी। उसकी टीम पहली पारी में 204 रन पर आउट हो गयी। इसके बाद चौथे दिन भी वह एक समय अच्छी स्थिति में था लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाया। स्टोक्स ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि हमने कहां गलतियां की। पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने के लिये आपको अच्छा प्रदर्शन करना होता है। यह मायने नहीं रखता कि परिस्थितियां कैसी हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हमने 60, 70 या 80 अधिक रन बनाए होते तो यह पूरी तरह से भिन्न मैच होता।’

जब अफगानिस्तान वर्ल्ड कप जीतेगा, तब करूंगा शादी: राशिद खान July 12, 2020 at 07:10PM

नई दिल्ली अफगानिस्तान की टीम ने छोटे से अर्से में काफी लोगों को प्रभावित किया है। टीम में प्रतिभा की कमी नहीं। कई मौकों पर यह बड़ी टीमों को चौंकाने के करीब पहुंच चुकी है। क्रिकेट के जानकार भी मानते हैं कि जिस हिसाब से टीम खेल रही है यह जल्द ही चोटी की टीमों के सामने अधिक चुनौती पेश करेगी। और मोहम्मद नबी के टैलंट को दुनिया ने देखा है। ये दोनों क्रिकेटर पूरी दुनिया में कई लीग्स में खेलते हैं। राशिद को तो सीमित ओवरों के प्रारूप में दुनिया के बेस्ट स्पिनर में भी गिना जाता है। कोरोना वायरस के चलते क्रिकेट पर ब्रेक तो लगा है लेकिन राशिद खान और अफगानिस्तान की टीम प्रैक्टिस के लिए लौट चुकी है। टीम ट्रेनिंग के दौरान सुरक्षा के पूरे नियमों का पालन कर रही है। 21 साल के राशिद खान के अपनी टीम के लिए बहुत बड़े सपने हैं। उन्होंने अपनी जिंदगी के कुछ फैसलों को भी टीम के साथ जोड़ लिया है। यह स्पिनर अपनी टीम के लिए वर्ल्ड कप जीतना चाहता है। उन्होंने कहा कि तभी सगाई और शादी करेंगे जब जीतेगा। आजादी रेडियो को दिए एक इंटरव्यू में राशिद ने कहा, 'मैं तभी सगाई और शादी करूंगा जब एक बार अफगानिस्तान वर्ल्ड कप जीत जाएगा।' दुनियाभर में फ्रैंचाइजी क्रिकेट खेलने का राशिद खान को बहुत फायदा हुआ है। इससे उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला है। वह दुनिया के चोटी के लेग स्पिनर माने जाते हैं और बल्लेबाजों को उनकी गेंद समझने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है। इतना ही नहीं वह बल्ले से भी काफी तेज पारियां खेल सकते हैं। निचले क्रम में आकर कई बार उन्होंने अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।

गांगुली ने आज ही के दिन लॉर्ड्स की बालकनी में जर्सी उतारकर जश्न मनाया था, कैफ ने भी 2 साल पहले संन्यास के लिए यही दिन चुना July 12, 2020 at 07:09PM

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को नई टीम इंडिया को तराशने का श्रेय दिया जाता है। जब-जब गांगुली की कप्तानी की बात होती है, तो 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ नैटवेस्ट ट्रॉफी में लॉर्ड्स का फाइनल जरूर याद किया जाता है। इस मैच में हार के कगार पर खड़ी होने के बावजूद टीम इंडिया ने जीत दर्ज की और गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी में जर्सी उतारकर जश्न मनाया था। यह तस्वीर आज भी हर क्रिकेट फैंस के जहन में ताजा है।

उस जीत के हीरो रहे मोहम्मद कैफ ने भी 2 साल पहले संन्यास के लिए यही दिन चुना था। कैफ ने तब करियर की सबसे यादगार पारी खेली थी। उन्होंने नाबाद 87 रन की पारी खेलकर टीम को 2 विकेट से जीत दिलाई दी थी।

भारत को 326 रन का लक्ष्य मिला था
इंग्लैंड के खिलाफ नैटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में भारत को जीत के लिए 326 रन का लक्ष्य मिला था। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान नासिर हुसैन(115) और मार्कस ट्रेसकॉथिक(109) की पारी की बदौलत 5 विकेट खोकर 325 रन बनाए थे। उस दौर में यह टारगेट बड़ा था। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 150 रन के भीतर 5 विकेट गंवा दिए थे।

जीत की सभी उम्मीदें खत्म हो गईं थी। इसके बाद युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने छठे विकेट के लिए 121 रन की साझेदारी कर टीम की जीत तय की। युवराज नेआउट होने से पहले 69 रनकी शानदार पारी खेली थी। इस जीत के हीरो रहे मोहम्मद कैफ को करियर में पहली बार 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया था।

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गांगुली ने फ्लिंटॉफ को जवाब दिया था

नैटवेस्ट ट्रॉफी जीतने के बाद लॉ़र्ड्स मैदान की बालकनी में खड़े भारतीय कप्तान गांगुली ने अपनी जर्सी निकालकर जश्न मनाया था। इसे इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को पूर्व भारतीय कप्तानका जवाब माना जाता है। उसी साल फ्लिंटॉफ ने भारत दौरे पर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मिली जीत के बाद अपनी जर्सी उतारकर हवा में लहराई थी। इस मैच को जीतकर इंग्लैंड ने वनडे सीरीज 3-3 से बराबर की थी।

कैफ ने 2 साल पहले आज ही के दिन संन्यास लिया था
कैफ के क्रिकेट करियर का यह अहम दिन रहा। उन्होंने 2 साल पहले जब संन्यास का फैसला किया, तो 13 जुलाई को ही इसकी घोषणा की थी। तब उन्होंने लिखाथा किआज मैं संन्यास ले रहा हूं। नैटवेस्ट ट्रॉफी जीतने के ठीक 16 साल पूरे होने पर। मुझे खुशी है कि उस जीत का मैं हिस्सा बन पाया और जरूरत के वक्त टीम के काम आ सका।



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भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में वीरेंद्र सहवाग के साथ पहले विकेट के लिए 106 रन जोड़े थे। वे 60 रन बनाकर आउट हुए थे। -फाइल

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले 5 बल्लेबाज July 12, 2020 at 06:09PM

क्रिकेट में तीन प्रारूप हैं। टेस्ट, वनडे और टी20 इंटरनैशनल। हालांकि टी20 इंटरनैशनल में अभी नया है और यहां बल्लेबाजों के पास रन बनाने के लिए कम समय होता है लेकिन फिर भी यह उनके लिए रन बनाने का एक और अवसर जरूर है। खैर, हम बात कर रहे हैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की। तो एक नजर टॉप 5 बल्लेबाजों पर जिन्होंने क्रिकेट की दुनिया में सबसे ज्यादा रन बनाए...

आज: 18 साल पहले गांगुली ने मनाया था वह यादगार जश्न July 12, 2020 at 05:24PM

नई दिल्ली पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली () को आधुनिक भारतीय टीम का शिल्पकार और जीत का सिकंदर माना जाता है। जब-जब सौरभ गांगुली की कप्तानी का जिक्र आता है तो 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता टेस्ट और 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स का फाइनल मैच जरूर याद किया जाता है। इन दोनों ही मैचों में भारत ने हारी हुई बाजी पलटकर जीत अपने नाम की थी। गांगुली मौजूदा समय में बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं और वह भारतीय क्रिकेट को और मजबूत बनाने में पूरे समर्पण के साथ अपना योगदान दे रहे हैं। 18 साल पहले आज ही लिखी लॉर्ड्स की कहानी 18 साल पहले यानी 13 जुलाई 2002 (India vs England 2002) को आज ही के दिन टीम इंडिया ने गांगुली के नेतृत्व में लॉर्ड्स की कहानी लिखी थी। क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले इस मैदान पर भारत ने मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ के फाइनल में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। देखें- इस मैच के हाइलाइट्स युवराज-कैफ बने थे जीत के हीरो जीत के नायक थे दो युवा खिलाड़ी और मोहम्मद कैफ। कैफ के करियर की यह सबसे यादगार पारी है। 87 रनों की पारी से उन्होंने हार की ओर बढ़ रही टीम के सिर जीत का सेहरा बांधा था। भारत ने रोमांचक फाइनल में इंग्लैंड को 2 विकेट से हराया था। इस जीत के बाद दादा ने जर्सी उतारकर जश्न मनाया और यह भारतीय क्रिकेट के सबसे खास दृश्यों में एक है। 325 रनों का था लक्ष्यसौरभ गांगुली की अगुवाई में टीम इंडिया ने नेटवेस्ट ट्रोफी के फाइनल में इंग्लैंड को उसी धरती पर हराकर खिताब पर कब्जा जमाया था। लॉर्ड्स में मेजबान टीम ने भारत के सामने 325 रनों का स्कोर खड़ा किया था। उस दौर में यह लक्ष्य बहुत विशाल था। भारत ने 5 विकेट महज 146 रन पर खो दिए थे। बहुत से निराश दर्शकों ने टीवी बंद कर दिया। इसके बाद युवराज सिंह और ने शानदार बल्लेबाज कर टीम इंडिया को जीत दिलाई। मोहम्मद कैफ बने थे मैन ऑफ द मैच मोहम्मद कैफ ने इस यादगार मैच में नाबाद 87 रनों की पारी खेलकर भारत को इंग्लैंड पर ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। गांगुली, सहवाग, द्रविड़, तेंडुलकर और मोंगिया जैसे दिग्गज महज 146 रन पर आउट हो चुके थे। फिर बैटिंग करने उतरे मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह ने ताबड़तोड़ खेल दिखाया। युवी ने भी आउट होने से पहले 69 रनों की शानदार पारी खेली थी। इस जीत के हीरो मोहम्मद कैफ को करियर में पहली बार 'मैन ऑफ द मैच' के खिताब से नवाजा गया। एंड्रयू फ्लिंटॉफ को 'दादा' ने दिया जवाब कहते हैं कि सौरभ गांगुली ने जर्सी उतारकर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को जवाब दिया था। उसी साल फ्लिंटॉफ ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत के खिलाफ वनडे मैच में मिली जीत के बाद अपनी टी-शर्ट को हवा में लहराया था। मुंबई में इंग्लैंड के मैच जीतने के बाद 3-3 से वह सीरीज बराबर हुई थी, जिसके बाद फ्लिंटाफ टी-शर्ट उतारकर मैदान पर घूमे थे। माना जाता है कि लॉर्ड्स पर गांगुली ने उसी आक्रामकता का जवाब देते हुए टी-शर्ट उतारी थी। कैफ ने साल 2018 में आज ही के दिन लिया था संन्यासयह दिन कैफ के जीवन में भी यादगार पल है। उन्होंने साल 2018 में जब क्रिकेट से संन्यास का फैसला किया तो इसके ऐलान के लिए 13 जुलाई की तारीख ही चुनी। उन्होंने संन्यास का ऐलान करते हुए लिखा था, 'नेटवेस्ट ट्रोफी में मिली जीत को 16 साल हो गए हैं और आज मैं संन्यास ले रहा हूं। मैं भारत के लिए खेलने का मौका दिए जाने के लिए बोर्ड का शुक्रगुजार हूं।'

वेस्टइंडीज ने हासिल की जीत, विराट ने कहा शानदार July 12, 2020 at 04:54PM

नई दिल्ली रविवार को वेस्टइंडीज क्रिकेट ने इंग्लैंड को तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में चार विकेट से हरा दिया। साउथैम्टन में वेस्टइंडीज के सामने जीत के लिए 200 रनों का लक्ष्य था जो उसने छह विकेट खोकर हासिल कर लिया। इस जीत के बाद वेस्टइंडीज टीम को भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान ने बधाई दी है। विंडीज क्रिकेट ने भी कोहली को शुक्रिया अदा किया है। क्या कहा विराट ने रविवार को वेस्टइंडीज की जीत के बाद विराट कोहली ने विंडीज क्रिकेट को टैग करते हुए लिखा, 'वॉव @windiescricket क्या शानदार जीत थी। टेस्ट क्रिकेट का शानदार प्रदर्शन।' इस पर विंडीज क्रिकेट की ओर से भी धन्यवाद का जवाब आया। क्या रहा मैच में खास रविवार को मैच के पांचवें दिन वेस्टइंडीज टीम ने वनडे वर्ल्ड चैंपियन इंग्लैंड को चार विकेट से मात दी। कोरोना वायरस की वजह से 117 दिनों बाद इंटरनैशनल क्रिकेट की वापसी हुई थी। इंग्लैंड ने उसे 200 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसे उसने 64.2 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 200 रन बनाते हुए हासिल कर लिया। इसके साथ ही उसने सीरीज में 1-0 की बढ़त भी हासिल कर ली है। दोनों टीमों के बीच दूसरा टेस्ट मैच 16 जुलाई से ओल्ड ट्रैफर्ड में जैव सुरक्षित वातावरण में ही खेला जाएगा। मैच में 9 विकेट लेने वाले गैब्रियल को मैन ऑफ द मैच चुना गया। ब्लैकवुड ने सबसे ज्यादा 95 रन बनाए। वह शतक से तो चूक गए लेकिन अपनी टीम के लिए मजबूत आधार जरूर बना गए। इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 204 रन बनाए थे जिसके जवाब में वेस्टइंडीज ने 318 रन बनाकर 114 रनों की मजबूत बढ़त हासिल की थी। दूसरी पारी में इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने बेहतर प्रदर्शन किया और 313 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके बाद वेस्टइंडीज को 200 रनों का लक्ष्य मिला जिसे उसने छह विकेट खोकर हासिल कर लिया।

ब्रॉड को टीम से बाहर रखने के लिए हो रही आलोचना पर स्टोक्स बोले- मुझे इसका अफसोस नहीं, टीम के लिए सही फैसला लिया July 12, 2020 at 05:13PM

इंग्लैंड के नए कप्तान बेन स्टोक्स की वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में अनुभवी गेंदबाज स्टूअर्ट ब्रॉड को बाहर रखने के फैसले कीआलोचना हो रही है। लेकिन स्टोक्स को इसका अफसोस नहीं है। उन्होंने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में कहा कि हम उनके जैसे खिलाड़ी को टीम से बाहर रख पाए, इसके लिए खुद को भाग्यशाली मानते हैं।

स्टोक्स ने कहा कि इससे पता चलता है कि इंग्लैंड की गेंदबाजी कितनी मजबूत है।उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह टीम से बाहर होने पर भी ब्रॉड ने खेल के लिए जुनून दिखाया। वो वाकई शानदार है। मुझे पूरी उम्मीद है कि अगर वह दूसरा टेस्ट खेलते हैं तो वह जरूर अच्छी गेंदबाजी करेंगे।

टीम की जरूरत के मुताबिक फैसला लिया: स्टोक्स
स्टोक्स ने कहा कि हमने यह सोचकर फैसला लिया कि लंबे फॉर्मेट में हमारे लिए पेस ज्यादा काम आएगा। स्टूअर्ट शानदार गेंदबाज हैं और वह यह वजह समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर मैं इस पर अफसोस जताऊंगा तो टीम के दूसरे सदस्यों को सही संदेश नहीं जाएगा।

पहले टेस्ट से बाहर करने के बाद से ही ब्रॉड नाराज

पहले टेस्ट से बाहर करने के बाद से ही ब्रॉड नाराज हैं। उन्होंने स्काय न्यूज को दिए इंटरव्यू में भी कहा था कि मैं इस फैसले से बहुत मायूस हूं। मेरे लिए इस पर यकीन करना आसान नहीं है। मैंने शायद पिछले दो सालों में सबसे अच्छी गेंदबाजी की। मुझे ऐसा लगा मानो एशेज और दक्षिण अफ्रीका में जीत के समय मेरी जगह टीम में मेरी शर्ट थी।

टेस्ट में विकेटों के मामले में सिर्फ एंडरसन ब्रॉड से आगे

इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में तीन तेज गेंदबाजों को चुना था। इसमें जोफ्रा आर्चर, मार्क वुड और जेम्स एंडरसन शामिल थे। इसमें सिर्फ एंडरसन ही विकेटों के मामले में ब्रॉड से आगे हैं। एंडरसन 152 टेस्ट में 587 विकेट ले चुके हैं, जबकि ब्रॉड ने 138 टेस्ट में 485 विकेट हासिल किए हैं। इसलिए उन्हें टीम से बाहर रखने का विरोध हो रहा था।

वेस्टइंडीज ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में पहली जीत दर्ज की

वेस्टइंडीज ने रविवार को साउथैम्पटन टेस्ट में मेजबान इंग्लैंड को 4 विकेट से हरा दिया था। आखिरी दिन उसे जीत के लिए 200 रन का टारगेट मिला था, जो उसमे 6 विकेट खोकर हासिल कर लिया। मेहमान टीम के लिए जर्मेन ब्लैकवुड ने सबसे ज्यादा 95 रन बनाए। यह वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में वेस्टइंडीज की पहली जीत है।

इस जीत से उसे 40 अंक मिले। इससे पहले वह भारत से 2 टेस्ट हार चुका है। मैच में 9 विकेट लेने वाले शेनन गेब्रियल को मैन ऑफ द मैच चुना गया था।



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इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने साउथैम्पटन टेस्ट हारने के बाद पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में कहा था कि हमने यह सोचकर फैसला लिया था कि पेस टीम के काम आएगा, ब्रॉड इसे समझ सकते हैं।

ENGvsWI- यह हमारी सर्वश्रेष्ठ जीतों में से एक: जेसन होल्डर July 12, 2020 at 04:39PM

साउथैम्पटन वेस्टइंडीज ने रविवार को इंग्लैंड को 3 टेस्ट मैच की सीरीज के पहले टेस्ट मैच में 4 विकेट से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। मैच के बाद विंडीज टीम के कप्तान () ने कहा कि उनकी अभी तक की अपनी सबसे बड़ी और शानदार जीतों में से एक है। कोरोनावायरस के कारण मार्च के मध्य से बंद पड़ी क्रिकेट की शुरुआत इस सीरीज से हो रही है। मैच के बाद कप्तान होल्डर ने कहा, 'हमारी अभी तक की सर्वश्रेष्ठ जीतों में से एक है। कल (शनिवार) का दिन काफी मुश्किल था। लंबा था और गेंदबाज लगातार गेंदबाजी कर रहे थे। उन्होंने अपना सब कुछ दिया। यह टेस्ट क्रिकेट का मुश्किल दिन।' लंबे अरसे बाद खेलने के बारे में होल्डर ने कहा, 'मैं नहीं समझता कि कोई भी टीम जानती थी कि यह कैसे होगा। घर पर बैठकर सबकुछ करना। हमें खेलने का मौका मिला लेकिन मानसिक तौर पर आप कभी तैयार नहीं होते हो। लेकिन यह इच्छाशक्ति थी। हम जानते थे कि क्या दाव पर है।' मैच को लेकर उन्होंने कहा, 'अगर हमें कल विकेट मिल जाते तो इससे हमारा काम और आसान हो जाता लेकिन हमने आज वापसी की।' होल्डर ने टीम की जीत के हीरो रहे जे. ब्लैकवुड की तारीफ की, जिन्होंने शुरुआती विकेट जल्दी गिर जाने के बाद एक छोर संभाले रखा और 95 रनों की मैच विनिंग पारी खेली। होल्डर ने कहा, 'उनकी पारी शानदार है। जब वह आउट हुए मैं काफी निराश हुआ। वह इसी तरह से खेलते हैं। वह हमेशा प्रयास करते हैं और आज उनका दिन था।'

बॉक्सर मंजू रानी ने कहा- वर्ल्ड नंबर-2 बनने से खुश हूं, लेकिन मेरा लक्ष्य 2024 ओलिंपिक में देश के लिए मेडल जीतना July 12, 2020 at 03:42PM

मंजू रानी ने हाल ही में 48 किलो वेट कैटेगरी में दुनिया की दूसरे नंबर की मुक्केबाज बनीं। यह उनके करियर की बेस्ट रैंकिंग है।मंजू पिछले साल सीधे सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप में पंजाब से खेलीं थीं और गोल्ड जीतने में कामयाब रहीं थीं। यह किसी भी ऐज ग्रुप में उनकी पहली नेशनल चैंपियनशिप थी। 20 साल की मंजू अपनी इस उपलब्धि से खुश हैं, लेकिन उनका टारगेट 2024 ओलिंपिक में देश के लिए मेडल जीतना है।

मंजू अभीदो साल 48 किलो वेट कैटेगरी में ही खेलेंगी। उसके बाद 51 किलो वेट कैटेगरी में शिफ्ट करूंगी, क्योंकि 48 किलो वेट कैटेगरी ओलिंपिक में शामिल नहीं है। उन्होंने अपने खेल, भविष्य और जिंदगी को लेकर भास्कर से खास बातचीत की...

आपने आगे क्या टारगेट फिक्स किया है?
मंजू: मेरा टारगेट 2024 ओलिंपिक है। मैं उसको ध्यान में रखकर ही अभ्यास कर रही हूं। मैं भारतीयटीम के कोच की निगरानी में फिलहाल फुटवर्क पर ध्यान दे रही हूं।

क्या भविष्य में किसी और वेट कैटेगरी में खेलेंगी?
मंजू: मैं दो साल तक अभी 48 किलो वेट कैटेगरी में ही खेलूंगी। दो साल बाद 51 किलो वेट में शिफ्ट करूंगी। क्योंकि 48 किलो वेट कैटेगरी ओलिंपिक में शामिल नहीं है।

मंजू रानी लॉकडाउन की वजह से अभी घर पर ही ट्रेनिंग कर रही हैं। खास जोर फुटवर्क बेहतर करने पर है।

आपने पंजाब से नेशनल क्यों खेला?
मंजू: हरियाणा से मौका नहीं मिल रहा था। 12वीं पास करने के बाद पंजाब के कॉलेज में मेरे अंकल ने एडमिशन करवा दिया था। पंजाब से सीनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिए मेरा चयन 48 किलो वेट कैटेगरी में हुआ। यह किसी भी ऐज ग्रुप में मेरी पहली नेशनल चैम्पियनशिप थी। मैंने मौका का फायदा उठाया और गोल्ड जीतने के बाद मेरा सिलेक्शन इंडिया कैंप के लिए हुआ।

आपने 2017 में बॉक्सिंग छोड़ने का मन बनाया था, इसकी कोई खास वजह?
मंजू: हरियाणा में दो एसोसिएशन थी। मैं जिस एसोसिएशन की तरफ से राज्य के लिए खेलती थी, उसे नेशनल फेडरेशन की तरफ से मान्यता नहीं थी। ऐसे में मुझे नेशनल के लिए मौका नहीं मिल पा रहा था। मुझे लगा कि मेरा नेशनल चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने का सपना अधूरा रह जाएगा। इसी वजह से मैंने 2017 में बॉक्सिंग को अलविदा कहने का मन बना लिया था, लेकिन मेरे अंकल ने समझाया कि घबराने से कुछ नहीं होता,मौका जरूर मिलेगा।

मंजू रानी को हरियाणा से मौका नहीं मिला, तो वह पंजाब चलीं गईं और वहां से नेशनल चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया।

आप कबड्‌डी खेलती थी, फिर आप बॉक्सिंग में कैसे आई?
मंजू: जब मैं 10-11 साल की थी, तब मैंने रोहतक के अपने गांव रिठाल फोगाट में दूसरे बच्चों को देखकर कबड्‌डी खेलना शुरू किया, लेकिन मुझे इंडिविजुअल स्पोर्ट्स में जाना था। उसी समय हरियाणा सरकार की खेल योजना स्पोर्ट्स एप्टीट्यूट टेस्ट (स्पैट) के बारे में पता चला। हमारे गांव के 15-20 बच्चों ने इसे पास किया था।

इसके बाद हम पास के गांव में बॉक्सिंग की ट्रेनिंग करने लगे। वहां, सूबे सिंह बेनीवाल सर ने हमें खेल की बेसिक ट्रेनिंग दी। बाद में रोहतक में अपने पापा के दोस्त के पास चली गई। उन्होंने वहां बॉक्सिंग एकेडमी में एडमिशन करवाया।
पिता के देहांत के बाद आपको किन परेशानियों का सामना करना पड़ा‌?
मंजू: मेरे पिता सिक्योरिटी फोर्स में अधिकारी थे। साल 2010 में कैंसर के कारण उनकी मौत हो गई थी। उसके बाद मेरी मां इशवंती देवी के ऊपर ही हम पांच भाई-बहनों की जिम्मेदारी आ गई थी। मुझसे तीन बड़ी बहनें हैं, जिनकीशादी हो चुकी है, जबकि मुझसे छोटा एक भाई है। पापा के देहांत के बाद उनके पेंशन से काम चलता था। हम लोगों को दिक्कत न हो, इसलिए मां ने गांव में ही घर में कॉस्मेटिक की दुकान खोल ली थी। मां ने कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी। हमेशा सपोर्ट किया, ताकि मैं अपने लक्ष्य को पा सकूं।

वर्ल्ड चैंपियनशिप में आप गोल्ड से चूक गईं, क्या कमी रही?
मंजू: वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के फाइनल में मेरा सामना रूस की बॉक्सर एकातेरिना पाल्तसिवा से था। वह काफी अनुभवी थी। मेरे पास वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप से पूर्व बड़े इंटरनेशनल टूर्नामेंट का कोई अनुभव नहीं था। मैं फुटवर्क में अच्छी नहीं थी। इस वजह से मुझे हार का सामना करना पड़ा।



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Bhaskar Exclusive interview| Boxer Manju Rani said I am happy by becoming world number 2, but my aim is to win olympic medal in 2024 games

कैसे रहते हो फिट? भुवनेश्वर का आंटी को जवाब July 12, 2020 at 02:00AM

नई दिल्लीमहामारी कोरोना वायरस काल में खिलाड़ियों और उनके चाहने वालों के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि कैसे फिट रहा जाए? भारतीय तेज गेंदबाज ने जब ट्विटर पर सवालों के जवाब पूछने को कहा तो एक ऐसा ही सवाल उनके सामने आ गया। पूछने वाली को शायद भुवनेश्वर कुमार जानते थे तो उन्होंने आंटी कहकार संबोधित किया और सवाल कर बड़ा ही रोचक जवाब दिया। नारायणी माहिल नाम की महिला ने #AskBhuvi के तहत पूछा- इस समय आप खुद को कैसे फिट रख रहे हैं.. आपकी पसंदीदा वर्कआउट एक्सरसाइज क्या है? इस पर भुवी ने लिखा- हेला आंटी, हमने अपनी बालकनी को जिम में तब्दील कर दिया है। पीछे की लॉन को रनिंग के लिए इस्तेमाल कर रहा हूं। पावर लिफ्टिंग पसंदीदा एक्सरसाइज है। इस पर नारायणी ने जवाब दिया- बहुत अच्छी योजना है। बालकनी का सही इस्तेमाल कर रहे हैं। नुपूर (भुवी की वाइफ) को प्यार। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से अभी तक सभी जगह आउटडोर प्रैक्टिस की अनुमति नहीं मिली है। इस वजह से तमाम क्रिकेटर और ऐथलीट घर के आसपास ही कुछ न कुछ करके खुद को फिट रख रहे हैं। उल्लेखनीय है कि की वजह से टी-20 वर्ल्ड कप और इंडियन प्रीमियर लीग के आयोजन भी मुश्किल में दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले तमाम खेल टूर्नमेंट स्थगित या रद्द हो चुके हैं। हालांकि, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच जारी टेस्ट सीरीज के साथ इंटरनैशनल क्रिकेट की वापसी हुई है।

गावस्कर ने पूछा- क्या सचिन, सहवाग और द्रविड़ कमजोर थे और विपक्षी टीम को गुड मॉर्निंग कहकर छोड़ देते थे July 12, 2020 at 02:18AM

पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन के टीम इंडिया को लेकर दिए बयान पर उन्हें लताड़ लगाई है। हुसैन ने कुछ दिन पहले कहा था कि सौरव गांगुली के कप्तान बनने से पहले भारतीय टीम अच्छी थी, लेकिन वह उतनी आक्रामक नहीं थी। उनके कप्तान बनने के बाद हीभारत ने विदेशी जमीन पर जीत दर्ज करनी शुरू की थी।

गावस्कर उनके इसी बयान से नाराज हैं। उन्होंने अंग्रेजी अखबार मिड-डे में लिखे कॉलम में हुसैन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हुसैन यह कहना चाहते थे कि इससे पहले की टीम विरोधियों को गुड मॉर्निग कहती थी और उन्हें देखकर सिर्फ मुस्कुराती थी? यह धारणा कि अगर आप किसी के सामने अच्छे हैं, तो आप कमजोर हैं। जब तक आप विरोधियों जैसा व्यवहार नहीं करते, तब तक आप मजबूत नहीं हैं, यह ठीक नहीं है।

सचिन, द्रविड़ मैदान पर चिल्लाते नहीं थे तो क्या कमजोर थे: गावस्कर

इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने आगे कहा कि क्या वह (हुसैन) यह कहना चाह रहे हैं कि सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण, अनिल कुंबले और हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ी मजबूत नहीं थे? सिर्फ इसीलिए कि वह खेल पर ही ध्यान देते थे? वह मैदान पर चीखते-चिल्लाते नहीं थे, आपस में छातियां नहीं टकराते थे और न ही अश्लील इशारे करते थे, क्या इसलिए वह कमजोर थे?

'हुसैन को गांगुली से पहले की टीम इंडिया के बारे में कितना पता'

गावस्कर ने हुसैन को लताड़ लगाते हुए कहा कि उन्हें गांगुली से पहले की भारतीय टीम के बारे में कितना पता है। गांगुली तो साल 2000 में कप्तान बने थे। क्या वह 70 और 80 के दशक की टीमों के बारे में अच्छे से जानते थे, जिन्होंने घर और विदेश दोनों जगह जीत हासिल की थी। हां, गांगुली श्रेष्ठ कप्तान थे, उन्होंने भारतीय क्रिकेट की सबसे नाजुक वक्त में कमान संभाली थी, लेकिन यह कहना कि उनसे पहले की टीम टफनहीं थी, यह बात बकवास है।

एक्सपर्ट्स को टीवी पर कुछ भी करने से रोकना चाहिए

उन्होंने आगे कहा, ''यह बहुत दुख की बात है कि उन्हें किसी ने शो पर ऐसा कहते रोका नहीं। अब समय आ गयाहै कि जब भी कोई एक्सपर्ट भारतीय क्रिकेट पर अपनी राय देता है, तो टीवी के लोग सिर्फ उसकी हां में हां न मिलाते रहें। अगर हम इस बात का विरोध नहीं करेंगे, तो हमारे बारे में यही धारणा बनी रहेगी कि हम विरोधी टीमों के लिए अच्छे थे, इसलिए हम लड़ते नहीं थे।

हुसैन ने कहा था- गांगुली ने ही टीम को लड़ना सिखाया

हाल ही में हुसैन ने स्टार स्पोर्ट्स के शो 'क्रिकेट कनेक्टेड' में सौरव गांगुली के बारे में कहा था कि उन्होंने हीटीम इंडिया को मजबूत बनाया था। इससे पहले भारतीय टीम टैलेंटेड थी, लेकिन उसमें लड़ने और जीतने का जज्बा सौरव ने पैदा किया था।
गांगुली ने आक्रामक क्रिकेटरों की टीम तैयार की: हुसैन

उन्होंने इस शो में गांगुली को लेकर कहा था कि उनकी कप्तानी में भारतीय टीम अलग थी। आप जब भारत के खिलाफ खेलते थे, जो आपको पता था कि कड़ा संघर्ष होगा। आप जानते थे कि गांगुली भारतीय क्रिकेट फैंस के जुनून को समझते हैं और यह सिर्फ क्रिकेट का खेल नहीं था। यह क्रिकेट के खेल से ज्यादा अहम था। और उन्होंने आक्रामक क्रिकेटरों को चुना चाहें वह हरभजन हो या युवराज या कोई और। यह सारे खिलाड़ी विरोधियों को उन्हीं के अंदाज में जवाब देना जानते थे।



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सुनील गावस्कर ने कहा कि यह बात सही है कि गांगुली भारत के श्रेष्ठ कप्तान रहे हैं। लेकिन यह कहना कि उनसे पहले भारतीय टीम टफ नहीं था, यह बिल्कुल बकवास है। -फाइल

ओलिंपिक क्वॉलिफाई कर चुके स्विमर को ट्रेनिंग की परमिशन नहीं, फेडरेशन ने कहा- जब बॉडी कॉन्टैक्ट गेम्स को परमीशन तो स्विमिंग को क्यों नहीं? July 12, 2020 at 01:18AM

कोरोनावायरस के बीच भारतीय खेल और गृह मंत्रालय ने स्वीमिंग समेत कुछ गेम्स को छोड़कर लगभग सभी स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेशन को मंजूरी दे दी है। ऐसे में स्वीमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के सेक्रेटरी मोनल चौकसी ने ट्रेनिंग की अनुमति के लिए दोनों मंत्रालयों को लेटर लिखा है।

चौकसी ने भास्कर से कहा कि अब तक 6 स्विमर टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं। टोक्यो गेम्स अगले साल ही होने हैं, ऐसे में इन एथलीट्स को बेहतर तैयारी के लिए ट्रेनिंग की परमीशन देनी चाहिए।

शॉपिंग मॉल भी खुल चुके, फिर ट्रेनिंग कैंप को मंजूरी क्यों नहीं?
चौकसी ने कहा, ‘‘बॉक्सिंग जैसे बॉडी कॉन्टैक्ट गेम्स के ट्रेनिंग कैंप को परमीशन मिल चुकी है। जबकि हम कई बार मंत्रालय और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के अधिकारियों से परमीशन के लिए गुहार लगा चुके हैं। हमें अब तक परमीशन नहीं मिली है। जबकि अनलॉक टू में शॉपिंग मॉल को भी खोलने का परमीशन दी जा चुकी है।’’

यह 6 स्विमर ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके
चौकसी ने बताया कि 6 स्विमर ओलिंपिक के बी क्वालिफिकेशन का कोटा हासिल कर चुके हैं। इनमें वीरधवल खाड़े, सज्जन प्रकाश, श्रीहरि नटराज, कुशाग्र रावत, एसपी लिखिथ और अद्वैत पागे शामिल हैं। हमने केवल इन्हीं 6 स्विमर को परमीशन देने की मांग की गई है।

बेंगलुरु साई सेंटर में नियमों के पालन में नहीं होगी दिक्कत
चौकसी ने कहा, ‘‘साई का बेंगलुरु में एक्सीलेंस सेंटर है। यहां पर हर प्रकार की सुविधा है। इसी सेंटर में स्विमर के लिए ट्रेनिंग कैंप लगाने की मांग की है। यहां पर कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करने में कोई परेशानी नहीं होगी। यहां पर स्टाफ काफी संख्या में है। ऐसे में स्विमर के लिए अलग से कोई ज्यादा व्यवस्था करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।’’

कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही परमीशन दें
उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग से पहले स्विमर को 14 दिन क्वारैंटाइन रखा जाए और उनका कोरोना टेस्ट निगेटिव आने के बाद ही परमीशन मिले। ऐसे में कोरोना के संक्रमण की संभावना बहुत कम होगी।

एशियन गेम्स मेडलिस्ट वीरधवल लगा चुके हैं गुहार
एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले तैराक वीरधवल खाड़े कह चुके हैं कि ट्रेनिंग के लिए जल्द पूल नहीं खोले गए तो संन्यास के बारे में सोचना पड़ेगा। उन्होंने कहा था कि अगर स्विमर को ट्रेनिंग शुरू करने की परमीशन नहीं मिली तो ओलिंपिक की तैयारी में काफी परेशानी होगी।



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हाल ही में एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले तैराक वीरधवल खाड़े ने कहा था- अगर स्विमर को ट्रेनिंग शुरू करने की परमीशन नहीं मिली तो ओलिंपिक की तैयारी में काफी परेशानी होगी। -फाइल फोटो

साउथैम्पटन: इंग्लैंड ने विंडीज को दिया 200 का लक्ष्य July 12, 2020 at 12:49AM

साउथैम्पटनवेस्टइंडीज ने साउथैम्पटन में जारी पहले टेस्ट में शेन गैब्रियल (75/5) के नेतृत्व में शानदार बोलिंग करते हुए इंग्लैंड की दूसरी पारी 313 रनों पर समेट दिया। इससे पहले इंग्लैंड ने पहली पारी में 204 रन बनाए थे, जबकि वेस्टइंडीज की टीम ने 318 रन बनाए थे। इस तरह मेहमान टीम को जीत के लिए 200 रनों का लक्ष्य मिला है। आज टेस्ट के 5वें दिन इंग्लैंड ने 8 विकेट पर 284 रन से आगे खेलना शुरू किया था। मार्क वुड 2 और जोफ्रा आर्चर 35 रन बनाकर आउट हुए। चौथे दिन क्या क्या हुआइंग्लैंड ने दर्शकों के बिना रोस बाउल पर तीसरे दिन के स्कोर बिना किसी नुकसान के 15 रन से आगे खेलना शुरू किया था। सुबह बल्लेबाज इतना धीमा खेल रहे थे कि एक समय नौ ओवर में तीन ही रन बने। पूरे सत्र में 30 ओवर में 64 रन ही बन सके। दूसरे सत्र में डोम सिबले (50) टेस्ट क्रिकेट में अपने दूसरे अर्धशतक तक पहुंचने के तुरंत बाद आउट हो गए। उन्होने शेनोन गैब्रियल की गेंद पर विकेट के पीछे कैच थमाया। तीसरे नंबर के बल्लेबाज जो डेनली ने चेस की गेंद पर शार्ट मिडविकेट पर कैरेबियाई कप्तान जैसन होल्डर को शार्ट मिडविकेट पर कैच दिया। वह 29 रन बनाकर आउट हुए। कार्यवाहक कप्तान बेन स्टोक्स ने आखिरी सत्र में आक्रामक बल्लेबाजी की कोशिश करते हुए 79 गेंद में छह चौकों की मदद से 46 रन बनाये। नयी गेंद आने के बाद रन बनाना आसान होता जा रहा था। होल्डर ने स्टोक्स को शाइ होप के हाथों लपकवाकर हालांकि बड़ी बढत लेने के इंग्लैंड के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

पांचवें दिन इंग्लैंड का स्कोर 8 विकेट पर 300 रन, वेस्टइंडीज के खिलाफ 180 रन से ज्यादा की बढ़त July 12, 2020 at 12:24AM

इंग्लैंड-वेस्टइंडीज के बीच साउथैम्पटन टेस्ट के पांचवें और आखिरी दिन का खेल शुरू हो गया है। इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में 8 विकेट के नुकसान पर 300 से ज्यादा रन बना लिए हैं। मेजबान टीम ने 180 से ज्यादा रन की बढ़त हासिलकी है। इससे पहले, चौथे दिन इंग्लैंड ने 5 विकेट 30 रन के अंदर ही गंवा दिए थे।

वेस्टइंडीज के लिए शेनन गेब्रियल ने सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए, जबकि अल्जारी जोसेफ और रोस्टन चेज को 2-2 विकेट मिले। वहीं, इंग्लैंड की तरफ से जैक क्राउली ने सबसे ज्यादा 76 रन बनाए। यह उनके करियर की बेस्ट पारी है। इसके अलावा कप्तान बेन स्टोक्स ने 46, डॉम सिब्ली ने 50 और रोरी बर्न्स ने 42 रन बनाए। सिब्ली इस मैच में इंग्लैंड की तरफ से अर्धशतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने।

इससे पहले, वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड के पहली पारी में 204 रन के जवाब में 318 रन बनाए थे। वेस्टइंडीज के लिए क्रैग ब्रैथवेट ने सबसे ज्यादा 65 और विकेटकीपर शेन डाउरिच ने 61 रन बनाए थे। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने पहली पारी में 4 विकेट लिए थे। उन्होंने शेन डाउरिच (61), क्रैग ब्रैथवेट (65), जेसन होल्डर (5) और अल्जारी जोसेफ (18) को आउट किया। स्टोक्स के अलावा जेम्स एंडरसन ने तीन और डॉम बेस ने दो विकेट लिए।

स्टोक्स के टेस्ट में 150 विकेट पूरे

इस दौरान स्टोक्स ने टेस्ट क्रिकेट में अपने 150 विकेट भी पूरे किए। स्टोक्स सबसे तेज 4 हजार रन और 150 विकेट लेने वाले दुनिया के दूसरे ऑलराउंडर बने। उन्होंने 64 टेस्ट में यह मुकाम हासिल किया। उनसे आगे वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान गैरी सोबर्स हैं। सोबर्स ने 63 मैच में यह उपलब्धि हासिल की थी।

होल्डर सीरीज में 5 से ज्यादा विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज
इससे पहले, साउथैम्पटन टेस्ट के दूसरे दिन इंग्लैंड की पूरी टीम 204 रन पर ऑल आउट हो गई थी। इंग्लैंड के लिए कप्तान बेन स्टोक्स ने सबसे ज्यादा 43 और जोस बटलर ने 35 रन बनाए थे। वेस्टइंडीज के लिए कप्तान जेसन होल्डर ने सबसे ज्यादा 6 विकेट लिए थे, जबकि शेनन गेब्रियल ने 4 बल्लेबाजों को आउट किया था।

दोनों टीमें

वेस्टइंडीज: जॉन कैंपबेल, क्रैग ब्रैथवेट, शमर ब्रूक्स, शाई होप, रोस्टन चेस, जर्मेन ब्लैकवुड, शेन डाउरिच (विकेटकीपर), जेसन होल्डर (कप्तान), अल्जारी जोसेफ, केमार रोच और शेनन गेब्रियल।
इंग्लैंड: रोरी बर्न्स, डॉम सिबली, जो डेनली, जैक क्रॉवली, बेन स्टोक्स (कप्तान), ओली पोप, जोस बटलर (विकेटकीपर), डॉमनिक बेस, जोफ्रा आर्चर, मार्क वुड और जेम्स एंडरसन।



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वेस्टइंडीज के लिए तेज गेंदबाज शेनन गेब्रियल ने दूसरी पारी में तीन विकेट लिए। उन्होंने जोस बटलर, डॉम बेस और डॉम सिब्ली को आउट किया।

सचिन, हरभजन और शमी समेत खेल जगत की हस्तियों ने ठीक होने की दुआ की, तेंदुलकर ने कहा- अपना ध्यान रखिए अमित जी July 11, 2020 at 11:57PM

अमिताभ बच्चन, उनके बेटे अभिषेक, बहू ऐश्वर्या राय और पोती आराध्या का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। इसमें जया बच्चन की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके बाद सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह और मोहम्मद शमी समेत खेल जगत की कई हस्तियों ने सभी के ठीक होने की दुआ की है।

सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट किया, ‘‘अमित जी अपना ध्यान रखिए। आपकी अच्छी सेहत और जल्द रिकवर होने की दुआ करता हूं।’’ अमिताभ समेत सभी को नानावटी हॉस्पिटल में ही एडमिट कराया गया। जया घर पर ही क्वारैंटाइन रहेंगी।

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बिग बी ने खुद ट्वीट किया
अमिताभ ने शनिवार शाम को ट्वीट किया था, ‘‘मैं कोरोना पॉजिटिव पाया गया हूं। अस्पताल में भर्ती हो चुका हूं। मेरे परिवार और स्टाफ के लोगों का टेस्ट हुआ है। उनकी रिपोर्ट का इंतजार है। पिछले 10 दिनों में मेरे संपर्क में आने वाले सभी लोगों से गुजारिश है कि वे अपना टेस्ट कराएं।

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अभिषेक ने पुष्टि का ट्वीट किया
अभिषेक ने ट्वीट में लिखा, ‘‘आज हम दोनों, मेरे पिता और मैं कोविड 19 पॉजिटिव पाए गए हैं। हम दोनों को हल्के लक्षण थे, जिसके बाद हम अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। हमने सभी जरूरी अथॉरिटीज को जानकारी दे दी है और हमारे परिवार व स्टॉफ के सदस्यों का टेस्ट कराया जा रहा है। मैं सभी से शांत रहने और पैनिक न फैलाने की गुजारिश करता हूं। धन्यवाद।’’

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सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट कर अमिताभ बच्चन के जल्द ठीक होने की दुआ की। -फाइल फोटो

टॉम मूडी ने चुनी वर्ल्ड T20 XI, रोहित शर्मा कैप्टन July 11, 2020 at 11:32PM

नई दिल्ली पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर और आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद के कोच () ने हाल ही में वर्ल्ड टी20 XI का चयन किया है। मूडी की इस प्लेइंग इलेवन में टीम इंडिया के कप्तान () और हिटमैन () दोनों को जगह मिली है। लेकिन उन्होंने इस टीम की कप्तानी विराट को नहीं सौंपी है बल्कि आईपीएल के सबसे सफल कप्तान हिटमैन रोहित शर्मा को इसके लिए चुना है। टॉम मूडी हमारी सहयोगी वेबसाइट क्रिक बज पर क्रिकेट कॉमेंटेटर हर्षा भोगले के साथ चर्चा कर रहे थे। रोहित को कप्तान चुनने की वजह भी उन्होंने उनके आईपीएल रेकॉर्ड्स को ही बताया है। उन्होंने कहा कि रोहित ने सबसे ज्यादा आईपीएल खिताब अपने नाम किए हैं इसलिए वह कप्तान होने के हकदार हैं। मूडी द्वारा चुनी इस टीम में सभी वे खिलाड़ी हैं, जो वर्तमान में क्रिकेट खेल रहे हैं और आने वाले कई सालों तक खेलते रहेंगे। उन्होंने कहा, 'यह वह टीम नहीं है, जो पिछले 10 साल में खेलती थी। मैं उस टीम की बात कर रहा हूं, जो आने आने वाले दिनों में क्रिकेट खेलेगी।' उन्होंने ओपनिंग की जिम्मेदारी भी रोहित शर्मा के साथ अपने हमवतन खिलाड़ी डेविड वॉर्नर को दी है। उन्होंने विराट को नंबर 3 और डिविलियर्स को नंबर 4 पर रखा है। नंबर 5 को उन्होंने अपनी इस टीम के लिए काफी मुश्किल पोजिशन बताया। उन्होंने की उनका मन तो यहां जोस बटलर को लाने का कर रहा था लेकिन टीम के संतुलन को देखते हुए वह यहां एक लेफ्टहैंडर बल्लेबाज खिलाना चाहेंगे, तो इसलिए निकोलस पूरन को वह यह मौका देंगे। मूडी ने कहा कि उन्होंने एमएस धोनी को इस टीम में नहीं चुना है क्योंकि मेरा ध्यान आज की टीम चुनने पर है। उन्होंने कहा, 'धोनी का मैं भी बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। एक कप्तान और खिलाड़ी के रूप में उन्होंने जो हासिल किया है वह अविश्वसनीय है।' नंबर 6 और 7 के लिए उन्होंने आंद्रे रसल और सुनील नरेन को चुना। इसके बाद टीम के बोलिंग अटैक की बात करें तो यहां मिशेल स्टार्क, राशिद खान, जसप्रीत बुमराह और जोफ्रा आर्चर को जगह मिली है। रवींद्र जडेजा को रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर उनकी फील्डिंग की बदौलत जगह दी गई है। ये है टॉम मूडी की वर्ल्ड टी-20 इलेवन रोहित शर्मा (कप्तान), डेविड वॉर्नर, विराट कोहली, एबी डिविलियर्स, निकोलस पूरन, आंद्रे रसेल, सुनील नरेन, मिशेल स्टार्क, राशिद खान, जसप्रीत बुमराह, जोफ्रा आर्चर, रवींद्र जडेजा (12वें खिलाड़ी)।

LIVE: इंग्लैंड vs वेस्टइंडीज, दिन 5 @ साउथैम्पटन July 11, 2020 at 11:51PM

साउथैम्पट इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच एजिस बाउल में खेला जा रहा पहला टेस्ट मैच रोमांचक स्थिति में पहुंच गया है। शनिवार को दिन के पहले दो सत्र इंग्लैंड के नाम रहे थे। लेकिन अंतिम सत्र में विंडीज के गेंदबाजों ने 5 विकेट हासिल कर मैच में एक बार फिर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। इंग्लैंड ने 284 रन बना लिए हैं, जबकि उसके 8 विकेट गिर चुके हैं और वह वेस्ट इंडीज से 170 रन आगे है। विंडीज की टीम की कोशिश होगी कि वह इंग्लैंड को 200 रन की बढ़त से आगे न जाने दे ताकि वह 200 रन के करीब के लक्ष्य का पीछा कर यह टेस्ट मैच जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त ले सके।

टिम पेन ने कहा- 2010 में चोट से इतना परेशान रहा कि क्रिकेट से नफरत हो गई थी, सोफे पर बैठकर रोता रहता था July 11, 2020 at 10:29PM

ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान टिम पेन ने 2010 में उंगली में लगी चोट को लेकर खुलासा किया कि वे इससे इतना परेशान हो गए थे कि क्रिकेट से नफरत करने लगे थे और दिन-दिन भर सोफे पर बैठकर रोते रहते थे। हालांकि,स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट ने उन्हें इस मुश्किल से बाहर निकलने में मदद की। उन्होंने 'बाउंस बैक' पॉडकास्ट में यह बातें कही।

पेन 2010 में चैरिटी मैच के दौरान चोटिल हो गए थे। तब डिर्क नानेस की गेंद से उनकी इंडेक्स फिंगर टूट गई थी। इस चोट की वजह से पेन को सात बार सर्जरी करानी पड़ी। उनकी उंगली मैटल प्लेट लगी और वे दो सीजन क्रिकेट नहीं खेल पाए।

चोट से वापसी के बाद मैं तेज गेंदबाजों से डरने लगा था: पेन

पेन ने बताया कि जब मैंने दोबारा खेलना शुरू किया, तो उतना खराब नहीं था। मैं तेज गेंदबाज का सामना कर रहा था। उस वक्त गेंद का सामना करने से ज्यादा मेरे मन में हमेशा यह डर लगता था कि कहीं दोबारा गेंद उंगली पर न लग जाए। यहां से मेरा करियर नीचे जाने लगा। मैंने बिल्कुल आत्मविश्वास खो दिया था। मैंने यह बात किसी को नहीं बताई। सच्चाई यह है कि मैं चोटिल होने से डर रहा था।

'मेरी निजी जिंदगी भी काफी प्रभावित हुई'

35 साल के इस क्रिकेटर ने कहा कि खेल के मैदान में उनके इस संघर्ष की वजह सेनिजी जिंदगी भी बहुत प्रभावित हुई थी। मेरा खाना-पीना और सोना छूट गया था। मैं मैच से पहले इतना नर्वस हो जाता था कि मेरे अंदर ऊर्जा बचती ही नहीं थी। मेरे साथ किसी के लिए भी रहना आसान नहीं था। मेरी पार्टनर के साथ भी रिश्ते बहुत अच्छे नहीं थे। मैं हमेशा गुस्से में रहता था।

मेरे साथियों को भी मेरी तकलीफ के बारे में नहीं पता था

उन्होंने आगे कहा कि मैं बहुत शर्मिंदा था कि मैं कैसा बन गया हूं। किसी को नहीं पता था कि मैं स्ट्रगल कर रहा हूं, मेरे साथियों और पार्टनर को भी यह नहीं पता था। कई बार ऐसा हुआ, जब मेरी गर्लफ्रैंड काम पर चली और मैं सोफे पर बैठकर रोता रहता था। ये वाकई दर्दभरा था।

स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट ने मेरी बहुत मदद की

इसके बाद मैंने क्रिकेट तस्मानिया के साइकोलॉजिस्ट से सम्पर्क किया। मुझे आज भी याद कि मैं उनके साथ पहले सेशन में सिर्फ 20 मिनट बैठा और इसके बाद कमरे से बाहर निकला, तो काफी हल्का महसूस कर रहा था। तब मुझे लगा कि मानसिक तनाव से निकलने का पहला कदम यही होना चाहिए कि हम मानें कि हमें मदद की जरूरत है। हालांकि, इसे जानने में मुझे 6 महीने का वक्त लग गया।

हाल ही में बड़े क्रिकेटरों के मेंटल हेल्थ का मामला तब सुर्खियों में आया, जब ग्लेन मैक्सवेल ने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देकर क्रिकेट से ब्रेक लेने की बात कही। इसके बाद युवा बल्लेबाज निक मैडिसन ने भी इसी वजह से क्रिकेट से ब्रेक लिया।

पेन को 2018 में टेस्ट कप्तान बनाया गया था

पेन को 2018 में बॉल टेम्परिंग विवाद के बाद स्टीव स्मिथ की जगह टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया था। वे अब तक 31 टेस्ट में 31 की औसत से 1330 रन बना चुके हैं।



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ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट कप्तान टिम पेन ने कहा- मानसिक परेशानी से निकलने का पहला कदम यही है कि हम मानें कि हमें मदद की जरूरत है। -फाइल

उस चोट के बाद क्रिकेट से हो गई थी नफरत, मैं रोने लगा था: पेन July 11, 2020 at 09:55PM

मेलबर्न ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान () ने बताया कि 2010 में करियर प्रभावित करने वाली चोट ने उन्हें इतना परेशान कर दिया कि वह 'क्रिकेट से नफरत' करने लगे थे और 'रोने' लगे थे। उन्होंने कहा कि खेल मनोवैज्ञानिक की मदद से उन्हें इससे छुटकारा मिला। साउथ अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के बाद स्टीव स्मिथ की जगह टेस्ट टीम के कप्तान बनाए गए पेन को 2010 में यह चोट एक चैरिटी मैच में लगी थी। डर्क नैनेस की गेंद पर उनके दाएं हाथ की अंगुली टूट गई थी। चोट से उबरने के लिए पेन को सात बार सर्जरी करनी पड़ी, जिसमें उन्हें 8 पिन, धातु की एक प्लेट और कूल्हे की हड्डी के एक टुकड़े का सहारा लेना पड़ा था। इसके कारण वह दो सत्र तक क्रिकेट से दूर रहे। पेन ने 'बाउंस बैक पोडकास्ट' पर कहा, 'जब मैंने फिर से खेलना और कोचिंग शुरू की तो मैं बहुत अच्छा नहीं कर रहा था। जब मैंने तेज गेंदबाजों का सामना करना शुरू किया तब मेरा ध्यान गेंद को मारने से ज्यादा अंगुली को बचाने पर रहता था। जब गेंदबाज रनअप शुरू करते थे तब मैं प्रार्थना करता था, 'जीसस क्राइस्ट मुझे उम्मीद है कि वह मुझे अंगुली पर नहीं मारेंगे।' उन्होंने कहा, 'यहां से मेरे खेल में गिरावट आने लगी। मैंने बिल्कुल आत्मविश्वास खो दिया था। मैंने इसके बारे में किसी को नहीं बताया। सच्चाई यह है कि मैं चोटिल होने से डर रहा था और मुझे नहीं पता था कि मैं क्या करने जा रहा हूं।' पैंतीस साल के इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि इस संघर्ष ने उनके निजी जीवन को भी प्रभावित किया। विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, 'मुझे नींद नहीं आ रही थी, मैं ठीक से खा नहीं पा रहा था। मैं खेल से पहले इतना घबरा गया था, मुझ में कोई ऊर्जा नहीं थी। इसके साथ जीना काफी भयानक था। मैं हमेशा गुस्से में रहता था और उसे दूसरे पर निकालता था।' पेन ने कहा, 'मैं शर्मिंदा था कि मैं क्या बन गया था। मुझे क्रिकेट के लिए प्रशिक्षण पसंद है और मुझे क्रिकेट देखना बहुत पसंद है। लेकिन मुझे यकीन था कि मैं फेल होने जा रहा हूं।' उन्होंने कहा, 'किसी को मेरे संघर्ष के बारे में पता नहीं था। मेरी पार्टनर को भी नहीं, जो अब मेरी पत्नी भी है। ऐसा भी समय था कि जब वह मेरे साथ नहीं थी तब मैं काउच पर बैठ कर रोता था। यह अजीब था और यह दर्दनाक था।' इसके बाद उन्होंने क्रिकेट तस्मानिया में एक खेल मनोवैज्ञानिक से संपर्क किया, जिसका सकारात्मक असर पड़ा। पेन ने कहा, 'पहली बार मैं उसके साथ केवल 20 मिनट के लिए बैठा और मुझे याद है कि उस कमरे से बाहर निकला तो मैं बेहतर महसूस कर रहा था।' उन्होंने कहा, 'इससे उबरने का पहला कदम यही था कि मुझे अहसास हुआ कि मुझे मदद की जरूरत है। इसके छह महीने बाद मैं पूरी तरह ठीक हो गया था।'

मेसी एक सीजन में 20 से ज्यादा गोल और इससे ज्यादा बार असिस्ट करने वाले पहले खिलाड़ी July 11, 2020 at 10:07PM

स्पेनिश फुटबॉल लीग ‘ला लिगा’ में शनिवार देर रात बार्सिलोना ने रियाल वालाडोलिड को 1-0 से हराया। इसी के साथ टीम अब टॉप पर काबिज रियाल मैड्रिड के साथ खिताबी दौड़ में बनी हुई है। मैच में अकेला गोल 15वें मिनट में अर्तुरो विडाल ने किया। इस गोल को कप्तान लियोनल मेसी ने असिस्ट किया। इसी के साथ मेसी ला लिगा के एक सीजन में 20 से ज्यादा गोल दागने और 20+ गोल असिस्ट करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं।

मेसी से पहले स्पेन के जावी ने 2008-09 सीजन में सबसे ज्यादा 22 गोल असिस्ट किए थे, लेकिन तब गोल सिर्फ 6 ही कर सके थे। इस सीजन में अब तक मेसी ने 22 गोल दागे हैं, जबकि 20 असिस्ट किए हैं।

हेनरी भी प्रीमियर लीग में ऐसा कारनामा कर चुके
इससे पहले इंग्लैंड के क्लब आर्सेनल के पूर्व फुटबॉलर थिएरी हेनरी भी इंग्लिश प्रीमियर लीग के एक सीजन में एक सीजन में 20 से ज्यादा गोल दागने और 20+ गोल असिस्ट कर चुके हैं। हेनरी 2002-03 सीजन में 24 गोल और 20 असिस्ट कर चुके हैं।

खिताबी के लिए रियाल के 3 में से 2 मैच जीतना जरूरी
ला लिगा में खिताब के लिए टॉप पर काबिज रियाल मैड्रिड और दूसरी नंबर की टीम बार्सिलोना के बीच सीधी टक्कर है। रियाल के 3 मैच बाकी हैं। यदि टीम दो मैच जीत लेती है, तो उसका खिताब पक्का होगा। साथ ही दो मैच हारने पर खिताब भी गंवा देगी, लेकिन इसके लिए बार्सिलोना के अपने बाकी बचे दोनों मैच जीतने होंगे।

मेसी के नाम लगातार 12 सीजन में 20 से ज्यादा गोल करने का रिकॉर्ड
मेसी ला लिगा के लगातार 12 सीजन में 20 से ज्यादा गोल करने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं। उन्होंने यह उपलब्धि पिछले महीने मैलोर्का के खिलाफ मैच में गोल करने के साथ हासिल की थी। कोरोना के बीच 98 दिन बाद मैदान पर वापसी करने के साथ ही मेसी का यह पहला गोल भी था।



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लियोनल मेसी (बाएं) ने 15वें मिनट में असिस्ट किया था, जिसे अर्तुरो विडाल ने गोल में बदल दिया।

DRS पर सचिन तेंडुलकर ने दी ICC को यह सलाह July 11, 2020 at 09:02PM

नई दिल्ली दुनिया के महान बल्लेबाज () बल्लेबाजों के प्रति और सख्त रवैया रखने के पक्षधर बन रहे हैं। तेंडुलकर ने आईसीसी को सलाह दी है कि वह LBW के लिए मांगे गए DRS पर अपने नियम में बदलाव करे। सचिन ने कहा है कि अगर कैमरे में गेंद यह दर्शा रही है कि वह स्टंप को छू कर निकलेगी, तो फिर बल्लेबाज को आउट ही दिया जाना चाहिए। फिलहाल LBW के लिए DRS प्रणाली में जो नियम है उसके अनुसार अगर अंपायर ने बल्लेबाज को आउट नहीं दिया है और विपक्षी टीम ने इस पर DRS मांगा है तो अंपायर का निर्णय तभी बदला जा सकता है, जब कम से कम गेंद का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा स्टंप को छू रहा हो। अगर ऐसा नहीं है तो निर्णय अंपायर्स कॉल ही रहता है। मास्टर ब्लास्टर ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, 'अगर गेंद स्टंप पर लग रही है तो फिर यह मायने नहीं होना चाहिए कि वह 50 फीसदी टच है, या इससे कम। अगर डीआरएस दर्शा रहा है कि गेंद स्टंप पर लगेगी, तब इसे आउट ही दिया जाना चाहिए।' इस वीडियो में सचिन दुनिया के दूसरे महान बल्लेबाज वेस्ट इंडीज के पूर्व कप्तान से डीआरएस प्रणाली पर चर्चा कर रहे हैं। लारा से बात करते हुए सचिन ने कहा, 'आईसीसी से मैं एक बात पर सहमत नहीं हूं, वह डीआरएस है, जिसे वह अब काफी समय से इस्तेमाल कर रहे हैं। यह LBW डिसीजन को लेकर है, जहां मैदानी अंपायर का निर्णय बदलने के लिए गेंद स्टंप्स पर 50 फीसदी से ज्यादा टकराती दिखनी चाहिए।' 100 अंतरराष्ट्रीय शतक जमाने वाले सचिन ने कहा, 'जब कोई निर्णय समीक्षा के लिए अंपायर के पास जाता है, तो फिर टेक्नोलॉजी को ही अपना काम करने दीजिए। जैसे टेनिस में होता है। यहां अंदर या बाहर सिर्फ दो चीजों को परखा जाता है। इसके बीच में कुछ और नहीं है।' अभी डीआरएस पर कोई निर्णय जब अंपायर्स कॉल पर जाता है और तब करीबी मामलों में रिव्यू लेने वाली टीम का रिव्यू जाया नहीं होता। लेकिन बल्लेबाज को भी आउट नहीं दिया जाता। वहीं जब बल्लेबाज रिव्यू मांगता है और यहां भी मामला करीबी होने पर बैटिंग टीम का रिव्यू बरकरार रहता है।