Monday, August 9, 2021

हॉकी टीम का दिल्ली में वेलकम:खेल मंत्री संदीप सिंह ने दिल्ली पहुंचकर हॉकी खिलाड़ियों का सबसे पहले किया स्वागत, हरियाणा आने का दिया निमंत्रण; आज लौटेंगी अपने-अपने घर August 09, 2021 at 05:52PM

ओपनिंग को लेकर उठ रहे सवालों पर केएल राहुल ने लगाया विराम, टीम इंडिया को बड़ी राहतऍ August 09, 2021 at 05:06PM

नई दिल्ली ज्यादा वक्त नहीं बीता। बीते सप्ताह की ही बात है। केएल राहुल (KL Rahul) टेस्ट करियर दोहारे पर खड़ा था। लगातार कम स्कोर बनाने के बाद बतौर ओपनर उन्हें असफल माना जाने लगा था। और कर्नाटक के इस बल्लेबाज को उम्मीद थी कि उन्हें टेस्ट टीम के मिडल-ऑर्डर में चुन लिया जाएगा। और फिर किस्मत अपना रंग दिखाती है। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के नॉटिंगम में पहले टेस्ट से मयंक अग्रवाल से सिर पर चोट लग जाती है। और एक बार फिर राहुल के लिए टीम के दरवाजे खुलते हैं। इस बार फिर बतौर ओपनर। इंग्लैंड के मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ, एक ऐसी पिच पर जो तेज और स्विंग गेंदबाजी के लिए मददगार मानी जाती है, राहुल अपने नैसर्गिक खेल से अलग संयम से बल्लेबाजी करते हैं। वह 214 गेंदों का सामना कर 84 रन की पारी खेलते हैं। दूसरी पारी में जेम्स एंडरसन और इंग्लैंड के बाकी गेंदबाज गेंद को काफी घुमा रहे थे और ऐसे में राहुल 26 रन बनाते हैं। क्रिकेट के पंडित पहले टेस्ट में राहुल के प्रदर्शन से काफी खुश नजर आ रहे हैं। राहुल ने पांचवां दिन धुलने के बाद कहा था, 'पिछली बार जब मैं इंग्लैंड आया था, मैंने बहुत ज्यादा रन नहीं बनाए थे। लेकिन मैंने उस सीरीज से काफी कुछ सीखा और इस बार अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद के साथ आया।' साल 2018 की सीरीज में राहुल बहुत खराब फॉर्म में थे। वह अकसर ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद पर छेड़खानी करते हुए आउट हो जाते थे। लेकिन पहले टेस्ट में ऐसा नहीं नजर आया। 2018 में वह बाहर जाती गेंद को लेकर इतना परेशान थे कि जो गेंद टप्पा खाने के बाद अचानक अंदर आती थी, वह उनके लिए चिंता का सबब बन जाती। ऐसा लगता है कि इस बीच उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर काफी काम किया है। राहुल के लिए साल 2018 का साल इतना खराब रहा था कि अगले दो साल उन्हें दल में होने के बावजूद भारत के लिए टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला। राहुल ने कहा कि खेलने का अवसर नहीं मिलने पर वह निराश थे लेकिन साथ ही उन्हें इस दौरान अपने खेल पर काम करने का भी अवसर मिला। राहुल ने कहा, 'मैं टीम के साथ था लेकिन हमेशा बाहर बैठा रहता था। मैं टीम का हिस्सा होकर खुश था लेकिन साथ ही मौके नहीं मिलने से निराशा भी थी। और जब मौका मिला तो मैंने सिर्फ अपनी ओर से योगदान देने की कोशिश की।' नॉटिंगम में राहुल ने ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंदों को लगातार छोड़ा। यहां तक कि अगर वह ऐसी गेंदों को खेलने की कोशिश कर भी रहे थे तो गेंद की लाइन के अंदर से खेल रहे थे। बल्ला उनके शरीर के काफी करीब था। इसका फायदा यह था कि अगर कोई गेंद कुछ ज्यादा ही मूवमेंट करती तो वह बैट को मिस कर गई। इस वजह से पहली पारी में वह ऑफ स्टंप के बाहर कई बार चूके तो सही लेकिन गेंद ने उनके बल्ले का किनारा नहीं लिया। 29 वर्षीय इस बल्लेबाज को इसकी बिलकुल परवाह नहीं है कि कुछ दिन पहले तक ओपनर के रूप में उनके नाम पर विचार भी नहीं किया जा रहा था। अगर मयंक अग्रवाल के चोट नहीं लगती तो राहुल मिडल-ऑर्डर में किसी के असफल होने का इंतजार कर रहे होते। उन्होंने कहा, 'मुझे लगातार अपनी भूमिका बदलनी पड़ती है। इस बात से मुझे अब ज्यादा परेशानी नहीं होती। मुझे इस बात से काफी आत्मविश्वास मिलता है कि टीम को लगता है कि मैं बतौर सलामी बल्लेबाज भी अपना योगदान दे सकता हूं और मिडल-ऑर्डर में भी।'

वर्ल्ड कप विजेता क्रिकेटर कर रहा है मजदूरी, उठा रहा है ईंटें और रेत August 09, 2021 at 05:55PM

अहमदाबाद वर्ल्ड कप जीतना किसी भी क्रिकेटर के लिए बहुत बड़ा लम्हा होता है। यह उनके करियर की सबसे उपलब्धि मानी जाती है और वह वर्षों तक इसका जश्न मनाते हैं। लेकिन के लिए कहानी थोड़ी अलग है। वह 2018 में दृष्टि-बाधित वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। उनकी टीम ने शारजाह में हुए फाइनल में पाकिस्तान को हराया था। लेकिन अब उनके लिए अपना गुजारा चलाना भी मुश्किल हो रहा है। अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए वह मजदूर के तौर पर काम कर रहे हैं। नरेश ने पांच साल की उम्र में खेलना शुरू किया। उन्हें एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर माना जाता था। अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर साल 2014 में उन्होंने गुजरात की टीम में जगह बनाई। जल्द ही उन्हें राष्ट्रीय टीम में चुन लिया गया। लेकिन अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर छाई अनिश्चिताओं के चलते वह अपना खर्च चलाने के लिए मजदूर के तौर पर काम कर रहे हैं। अपनी समस्याओं का हल निकालने के लिए तुम्दा ने कई सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन दिया लेकिन उन्हें वहां से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने सरकार से मदद लगाई। उन्होंने कहा, 'मैं रोजाना 250 रुपये तक कमाता हूं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि मुझे कोई नौकरी दे ताकि मैं अपना जीवनयापन कर सकूं।' नरेश पर परिवार के पांच लोगों की जिम्मेदारी है। वह अपने घर में अकेले कमाने वाले हैं। उनका कहना है कि सब्जी बेचकर जो पैसे आते हैं वह परिवार का खर्च चलाने के लिए काफी नहीं हैं। इस वजह से उन्होंने मजदूरी करने का फैसला किया। वह अब ईंटें उठाते हैं। 29 साल के नरेश को अपने बूढ़े माता-पिता की भी देखभाल करनी होती है और उन्हें कहीं से मदद नहीं मिल रही है। तुम्दा ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'जब भारतीय टीम वर्ल्ड कप जीतकर आई तो सरकार और कॉर्पोरेट ने उन पर धन वर्षा कर दी। क्या हम सिर्फ इसलिए कम खिलाड़ी हैं क्योंकि हम देख नहीं सकते? समाज को हमारे साथ समानता का व्यवहार करना चाहिए।' तुमदा ने बीते साल अगस्त में सब्जियां बेचनी शुरू की थीं। लेकिन कोविड के चलते उनका काम नहीं चल पाया और उन्हें यह बंद करना पड़ा। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया था, 'मैं 20 मार्च 2018 को जीतने वाली टीम के प्लेइंग 11 का हिस्सा था। पाकिस्तान ने इस मैच में 308 रन का लक्ष्य दिया था। और हमने इसे हासिल कर लिया था। अब मैं घर चलाने के लिए ईंटे और रेत उठाता हूं।' उन्होंने यह भी कहा था कि जब भारतीय ब्लाइंड टीम ने वर्ल्ड कप जीता था तो दिल्ली और गांधीनगर के कई मंत्रियों ने उन्हें नौकरी देने का वायदा किया था लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया।

फेसबुक पर ओलिंपिक में भारत को ‘गोल्ड’:अमेरिका और ब्राजील को पीछे छोड़ा, नीरज चोपड़ा दूसरे सबसे ज्यादा मेंशन किए जाने वाले एथलीट August 09, 2021 at 04:23PM

आज हम नहीं खिला पाए, पर पीएम से मिलेंगे तो दावत में गोलगप्पे और चूरमा भी मिलेगा: अनुराग ठाकुर ने नीरज चोपड़ा से किया वादा August 09, 2021 at 07:59AM

नई दिल्लीभारत के ओलिंपिक पदक विजेताओं का सोमवार को सम्मान समारोह में सरकार की ओर से भव्य स्वागत किया गया, जिसमें खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने ऐथलीटों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों की यात्रा ‘खेल उत्कृष्टता और जज्बे की अविश्वसनीय कहानी’ रही है। एक पांच सितारा होटल में आयोजित समारोह में सभी की निगाहें ऐथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के पहले खिलाड़ी नीरज चोपड़ा पर टिकी थी। सम्मान समारोह में खेल मंत्री ने उन्हें स्मृति चिन्ह और शॉल भेंट की। इस दौरान खेल मंत्री ने 23 वर्षीय चोपड़ा से कहा- नीरज, हम आपको चूरमा, गोल गप्पे नहीं खिला सकते थे और न ही पीवी सिंधु के साथ आइसक्रीम खा सकते थे। लेकिन जब आप पीएम नरेंद्र मोदी से मिलेगे तो सब मिलेगा। गोल गप्पे और चूरमा अब किसी के लिए रहस्य नहीं हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन सभी भारतीय ओलिंपियनों को आमंत्रित किया है, जिन्होंने 15 अगस्त को तोक्यो खेलों में भाग लिया था। वह सभी से मुलाकाता भी करेंगे। समारोह में उपस्थित लोगों में केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक, सचिव (खेल) रवि मित्तल और भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान भी शामिल थे। ठाकुर ने कहा, ‘तोक्यो 2020 में भारत के लिए कई ऐसी चीजें हुई जो ओलिंपिक में पहली बार हुई। ओलिंपिक में ‘टीम इंडिया’ की सफलता इस बात को दर्शाती है कि कैसे नया भारत दुनिया पर हावी होने की इच्छा और आकांक्षा रखता है, यहां तक कि खेल में भी।’ उन्होंने कहा, ‘ओलिंपिक खेलों ने हमें दिखाया कि आत्म-अनुशासन और समर्पण के साथ हम चैंपियन बन सकते हैं। टीम इंडिया ने उत्कृष्ट प्रदर्शन से प्रेरित किया, जबकि भारत के लोगों ने इस सफलता पर खुशी और जश्न मनाया।’ भारत के अभियान में कई चीजें पहली बार हुई, जिसमें अब तक का सबसे बड़ा 128-सदस्यीय खिलाड़ियों का दल, सात ओलिंपिक पदक, ऐथलेटिक्स स्पर्धा में पहला ओलिंपिक स्वर्ण पदक, सिंधु द्वारा लगातार खेलों (रियो और तोक्यो) में पदक और भारतीय पुरुष हॉकी टीम का 41 साल के बाद एक पदक (कांस्य) जीतना शामिल हैं। इसके साथ ही, महिला हॉकी टीम ने खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ चौथा स्थान हासिल किया। ठाकुर ने कहा, ‘हम अपने खिलाड़ियों का समर्थन करना जारी रखेंगे और हम भारत को एक खेल महाशक्ति बनाने का प्रयास करेंगे।’ खेल मंत्री ने गोल्फर अदिति अशोक के चौथे स्थान पर रहने की भी तारीफ की। ठाकुर के पूर्ववर्ती रिजिजू ने सभी खिलाड़ियों के प्रदर्शन की प्रशंसा की और दोहराया कि भारत 2028 ओलिंपिक तक एक ताकत बन जाएगा।

गोल्डेन कामयाबी पर बोले नीरज चोपड़ा, शरीर दुख रहा था पर दर्द ऐतिहासिक जीत पर हावी नहीं हुआ August 09, 2021 at 05:39AM

नई दिल्ली ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने सोमवार को खुलासा किया कि तोक्यो खेलों में इतिहास रचने वाले प्रदर्शन के बाद उनका शरीर दुख रहा था लेकिन उन्होंने जो एतिहासिक नतीजा हासिल किया उसे देखते हुए यह दर्द सहन करने में कोई समस्या नहीं थी। सरकार ने तोक्यो खेलों के भारत के सात पदक जीतने वाले खिलाड़ियों और टीमों को स्वदेश पहुंचे पर आज शाम सम्मानित किया। इस मौके पर भाला फेंक का ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले चोपड़ा ने कहा कि उन्हें पता था कि फाइनल में दूसरे प्रयास में उन्होंने भाले को 87.48 मीटर की दूरी तक फेंककर कुछ विशेष किया है। चोपड़ा ने इस दूरी के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। चोपड़ा ने कहा, ‘मुझे पता था कि मैंने कुछ विशेष कर दिया है, असल में मैंने सोचा कि मैंने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। मेरी थ्रो काफी अच्छी गई थी।’ उन्होंने कहा, ‘अगले दिन मेरे शरीर ने महसूस किया कि वह प्रदर्शन इतना विशेष था, शरीर दुख रहा था लेकिन यह दर्द सहन करने में कोई समस्या नहीं थी।’ चोपड़ा ने कहा, ‘यह पदक पूरे देश के लिए है।’ सेना के 23 साल के इस खिलाड़ी ने कहा कि देश के खिलाड़ियों के लिए उनका एकमात्र संदेश यह है कि कभी भी डरो नहीं। उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कहना चाहता, विरोधी चाहे कोई भी हो, अपना सर्वश्रेष्ठ दो। आपको बस यही करने की जरूरत है और इस स्वर्ण पदक के यही मायने हैं। कभी विरोधी से मत डरो।’ चोपड़ा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले 13 साल में पहले भारतीय खिलाड़ी के अलावा ट्रैक एवं फील्ड में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय भी बने।

ऐथलीटों ने सिर्फ पदक ही नहीं, भारतीयों के दिल भी जीते: अनुराग ठाकुर August 09, 2021 at 07:30AM

नई दिल्लीकेंद्रिय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को तोक्यो ओलिंपिक से वापस आए भारतीय ऐथलीटों का अशोका होटल में सम्मान किया और कहा कि इन्होंने सिर्फ पदक ही नहीं बल्कि लोगों के दिल भी जीते हैं। तोक्यो में पदक जीतने वाले सात भारतीय ऐथलीटों का सोमवार को सम्मान किया गया। अनुराग ने कहा, ‘पदक ही नहीं, बल्कि आप सभी ने भारतीयों के दिल को भी जीता है। आप सभी नए भारत के नए हीरो हैं। आप युवाओं के रियल प्रेरणास्रोत्र हैं जो अब पदक जीतने की चाहत रखते हैं। भारतीय युवा नए सपने और आकांक्षाओं के साथ खेल की ओर रूख कर रहे हैं।’ अनुराग ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओलंपियंस की ऊर्जा को हमेशा ऊंचा रखा। उन्होंने तोक्यो रवाना होने से पहले इन लोगों से बात की और ओलिंपिक के दौरान भी बात कर इन लोगों का हौसला बढ़ाया।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस दौरान ऐथलीटों के परिजनों के साथ भी संपर्क में रहे और इनका हाल जाना। भारत ने तोक्यो ओलिंपिक में एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक के साथ कुल सात पदक जीते जो भारत का ओलिंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक इवेंट में स्वर्ण, रवि दहिया ने कुश्ती में रजत, मीराबाई चानू ने भारोत्तोलन में रजत, पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में कांस्य, लवलीना बोरगोहेन ने मुक्केबाजी में कांस्य, बजरंग पुनिया ने कुश्ती में कांस्य और पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता।

T20: सिर्फ 60 रनों पर ढेर हुआ ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश से मिली शर्मनाक हार August 09, 2021 at 06:14AM

ढाकाबांग्लादेश ने सोमवार को पांचवें और अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में ऑस्ट्रेलिया को उसके न्यूनतम स्कोर पर समेटने के साथ 60 रन की जीत से सीरीज 4-1 से अपने नाम की। शाकिब अल हसन और मोहम्मद सैफुद्दीन की अगुआई में गेंदबाजों ने उम्दा प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पूरी तरह फ्लॉप नजर आए। बल्लेबाजी के लिए मुश्किल हालात के बीच बांग्लादेश की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए नाथन एलिस (16 रन पर दो विकेट) और डैन क्रिस्टियन (17 रन पर दो विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने आठ विकेट पर 122 रन का स्कोर ही खड़ा कर सकी। मेजबान टीम की ओर से सलामी बल्लेबाज मोहम्मद नईम (23 रन) ही 20 रन के आंकड़े को पार करने में सफल रहे। शाकिब अल हसन (नौ रन पर चार विकेट), सैफुद्दीन (12 रन पर तीन विकेट) और नासुम अहमद (आठ रन पर दो विकेट) की सटीक गेंदबाजी के सामने ऑस्ट्रेलिया के लिए यह छोटा लक्ष्य भी एक बार फिर पहाड़ जैसा साबित हुआ और टीम 13.4 ओवर में 62 रन पर ढेर हो गई जो टी20 क्रिकेट में उसका न्यूनतम स्कोर है। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे कम ओवर में आउट होने के अपने पिछले रेकॉर्ड को भी तोड़ा। शाकिब इसके साथ ही टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 विकेट चटकाने वाले बांग्लादेश के पहले और दुनिया के दूसरे गेंदबाज बने। शाकिब के नाम अब 102 विकेट दर्ज हैं। उनसे अधिक विकेट सिर्फ श्रीलंका के दिग्गज तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा (107 विकेट) ने चटकाए हैं। ऑस्ट्रेलिया की ओर से कप्तान मैथ्यू वेड ने सर्वाधिक 22 रन बनाए। उनके अलावा बेन मैकडर्मोट (17) ही दोहरे अंक में पहुंचे। ऑस्ट्रेलिया का न्यूनतम स्कोर इससे पहले 79 रन था जो उसने जून 2005 में साउथम्पटन में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम 14.3 ओवर में आउट हो गई थी। साथ ही यह पहली द्विपक्षीय टी20 सीरीज है जिसमें 100 से अधिक ओवर फेंक गए और दोनों टीमों की रन गति मिलाकर छह रन प्रति ओवर से भी कम रही।

तोक्यो ओलिंपिक के सूरमाओं की ऐतिहासिक तस्वीरें, जिनपर हर भारतीय को होगा नाज August 09, 2021 at 06:53AM

भारत के ओलिंपिक पदक विजेताओं का सोमवार को सम्मान समारोह में सरकार द्वारा भव्य तरीके से स्वागत किया गया, जिसमें खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन खिलाड़ियों की यात्रा ‘खेल उत्कृष्टता और जज्बे की अविश्वसनीय कहानी’ रही है। यहां के एक पांच सितारा होटल में आयोजित समारोह में सभी की निगाहें ऐथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के पहले खिलाड़ी नीरज चोपड़ा पर टिकी थी।

भारतीय ऐथलीट तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रचने के बाद सोमवार को स्वदेश लौटे तो एयरपोर्ट पर धमाकेदार स्वागत किया गया। सैकड़ों लोगों की भीड़ चीयर करने के लिए गाजे-बाजे के साथ एयरपोर्ट के बाहर इकट्ठा थी।


तोक्यो ओलिंपिक के सूरमाओं की ऐतिहासिक तस्वीरें, जिनपर हर भारतीय को होगा नाज

भारत के ओलिंपिक पदक विजेताओं का सोमवार को सम्मान समारोह में सरकार द्वारा भव्य तरीके से स्वागत किया गया, जिसमें खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन खिलाड़ियों की यात्रा ‘खेल उत्कृष्टता और जज्बे की अविश्वसनीय कहानी’ रही है। यहां के एक पांच सितारा होटल में आयोजित समारोह में सभी की निगाहें ऐथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के पहले खिलाड़ी नीरज चोपड़ा पर टिकी थी।



नीरज-रवि दिखे कुछ इसं अंदाज में
नीरज-रवि दिखे कुछ इसं अंदाज में

नीरज चोपड़ा ने जहां भारतीय अभियान में स्वर्णिम चमक डाली तो वहीं भारोत्तोलक मीराबाई चानू और पहलवान रवि कुमार दहिया ने रजत पदक जीते। पुरुष हॉकी टीम के अलावा मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन, शटलर पीवी सिंधु और पहलवान बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक हासिल किए।



नीरज चोपड़ा का ऐतिहासिक गोल्ड
नीरज चोपड़ा का ऐतिहासिक गोल्ड

नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में भारत को गोल्ड मेडल दिलाकर इतिहास रचा। एयरपोर्ट और सम्मान समारोह में वह छाए रहे। लोग उनकी एक झलक पाने के लिए पागल हुए जा रहे थे।



वर्षों तक याद रहेगी ये तस्वीरें
वर्षों तक याद रहेगी ये तस्वीरें

तोक्यो ओलिंपिक में तहलका मचाकर लौटे भारतीय सूरमाओं की ये तस्वीरें वर्षों तक याद रखी जाएंगी। अब तक के ओलिंपिक इतिहास में भारत ने सबसे अधिक इस बार 7 मेडल जीते हैं।



बजरंग पूनिया का जबरदस्त वेलकम
बजरंग पूनिया का जबरदस्त वेलकम

भारतीय स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने तोक्यो में ब्रॉन्ज मेडल जीता। जब वह एयरपोर्ट के बाहर निकले तो लोगोंं ने उन्हें कंधे पर बिठा लिया।



हॉकी टीमों का जलवा
हॉकी टीमों का जलवा

कांस्य विजेता पुरुष हॉकी टीम और चौथे स्थान पर रही महिला टीम दोनों ने होटल पहुंचने के बाद केक काटकर जश्न मनाया।



नोटों की माला से लदे दीपक पूनिया
नोटों की माला से लदे दीपक पूनिया

पहलवान दीपक पूनिया को नोटों की माला पहनाकर स्वागत किया गया। उन्होंने लोगों ने अपने कंधे पर उठा लिया था।



गोल्डन कामयाबी पर बोले नीरज चोपड़ा, शरीर दुख रहा था पर दर्द ऐतिहासिक जीत पर हावी नहीं हुआ August 09, 2021 at 05:39AM

नई दिल्ली ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने सोमवार को खुलासा किया कि तोक्यो खेलों में इतिहास रचने वाले प्रदर्शन के बाद उनका शरीर दुख रहा था लेकिन उन्होंने जो एतिहासिक नतीजा हासिल किया उसे देखते हुए यह दर्द सहन करने में कोई समस्या नहीं थी। सरकार ने तोक्यो खेलों के भारत के सात पदक जीतने वाले खिलाड़ियों और टीमों को स्वदेश पहुंचे पर आज शाम सम्मानित किया। इस मौके पर भाला फेंक का ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले चोपड़ा ने कहा कि उन्हें पता था कि फाइनल में दूसरे प्रयास में उन्होंने भाले को 87.48 मीटर की दूरी तक फेंककर कुछ विशेष किया है। चोपड़ा ने इस दूरी के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। चोपड़ा ने कहा, ‘मुझे पता था कि मैंने कुछ विशेष कर दिया है, असल में मैंने सोचा कि मैंने अपना निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। मेरी थ्रो काफी अच्छी गई थी।’ उन्होंने कहा, ‘अगले दिन मेरे शरीर ने महसूस किया कि वह प्रदर्शन इतना विशेष था, शरीर दुख रहा था लेकिन यह दर्द सहन करने में कोई समस्या नहीं थी।’ चोपड़ा ने कहा, ‘यह पदक पूरे देश के लिए है।’ सेना के 23 साल के इस खिलाड़ी ने कहा कि देश के खिलाड़ियों के लिए उनका एकमात्र संदेश यह है कि कभी भी डरो नहीं। उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कहना चाहता, विरोधी चाहे कोई भी हो, अपना सर्वश्रेष्ठ दो। आपको बस यही करने की जरूरत है और इस स्वर्ण पदक के यही मायने हैं। कभी विरोधी से मत डरो।’ चोपड़ा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले 13 साल में पहले भारतीय खिलाड़ी के अलावा ट्रैक एवं फील्ड में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय भी बने।

जेब से गोल्ड निकाल नीरज चोपड़ा बोले, ये मेरा नहीं पूरे इंडिया का मेडल है, देखें वीडियो August 09, 2021 at 04:41AM

नई दिल्ली स्वदेश लौटने पर ओलिंपिक पदक विजेताओं को सोमवार को सम्मानित किया गया। सरकार की ओर से आयोजित भव्य स्वागत समारोह में खेल मंत्री ने कहा कि इन खिलाड़ियों की यात्रा ‘खेल उत्कृष्टता और जज्बे की अविश्वसनीय कहानी’ रही है। एक पांच सितारा होटल में आयोजित समारोह में सभी की निगाहें एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के पहले खिलाड़ी नीरज चोपड़ा पर टिकी थीं। सम्मान समारोह में खेल मंत्री ने उन्हें स्मृति चिन्ह और शॉल भेंट की। कांस्य विजेता पुरुष हॉकी टीम और चौथे स्थान पर रही महिला टीम दोनों ने होटल पहुंचने के बाद केक काटकर जश्न मनाया। चोपड़ा ने सम्मानित होने के बाद कहा, ‘हम सभी (खिलाड़ी) मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं और परिवारों का समर्थन आवश्यक है।' तोक्यो ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा, रजत पदक जीतने वाले रवि दहिया, कांस्य पदक जीतने वाले बजरंग पुनिया और भारतीय हॉकी टीम का स्वदेश वापसी पर भव्य स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व खेल मंत्री किरण रिजिजू, खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक के अलावा विभिन्न खेल संगठनों के कई पदाधिकारी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के लिए होटल की लॉबी को फूलों से सजाया गया था। आप सबकी दुआएं साथ थीं.... कार्यक्रम में नीरज चोपड़ा ने कहा, 'समर्थन के लिए सभी का शुक्रिया। यह मेडल मेरा नहीं पूरे इंडिया का है। जब से मेडल जीता है, मैं ठीक से सो नहीं पाया, खा नहीं पाया, लेकिन जब मेडल निकालकर देखता हूं तो लगता है कि सब ठीक है, कोई दिक्कत नहीं।' उन्होंने आगे कहा, 'मुझे लगा कि ये मेरे लाइफ का सबसे तगड़ा मौका है, मैं कभी नहीं छोड़ूंगा, अपने प्रतिद्वंद्वी को देखकर घबराना नहीं चाहिए। मुझे दूसरा थ्रो फेंककर अंदाजा लग गया था कि यह अच्छा गया है। आप सब की दुआएं थी। बहुत अच्छा लग रहा है। आगे और मेहनत करूंगा। मेहनत करके आगे और भी मेडल जीतूंगा' चोपड़ा ने जहां भारतीय अभियान में स्वर्णिम चमक डाली तो वहीं भारोत्तोलक मीराबाई चानू और पहलवान रवि कुमार दहिया ने रजत पदक जीते। हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा, ‘यह बहुत अच्छा लगता है, मैं सरकार, भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को हमारे पृथकवास के दौरान मदद करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने हमें पूरा सहयोग दिया।’ पुरुष हॉकी टीम के अलावा मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन, शटलर पीवी सिंधु और पहलवान बजरंग पुनिया ने कांस्य पदक हासिल किए। लवलीना ने कहा, ‘मैं घर वापस आकर बहुत खुश हूं। मुझे पता था कि भारत में लोग बहुत खुश होंगे लेकिन यहां वापस आने के बाद पहली बार इतना प्यार पाकर बहुत अच्छा लग रहा है। मैं इस तरह के और पदकों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगी।’ सिंधु और चानू समारोह में शामिल नहीं हुईं क्योंकि वे पहले ही भारत पहुंच गई थीं और उनके सम्मान में समारोह आयोजित हो गया था। घुटना चोटिल होने के बाद बिना ‘नी-कैप (घुटने की पट्टी)’ के कांस्य पदक मुकाबले में उतरने वाले बजरंग ने कहा, ‘मैंने केवल अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की।’ इससे पहले खिलाड़ियों के स्वागत में बड़ी संख्या में फैन्स एयरपोर्ट पर जमे थे। बाद में खिलाड़ियों को दिल्ली के अशोक होटल ले जाया गया, जहां उनके लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। अशोक होटल में भारतीय महिला और पुरुष हॉकी टीम ने केक काटकर ओलिंपिक में अच्छे प्रदर्शन का जश्न मनाया। वहीं पहलवान रवि दहिया, बजरंग पुनिया समेत अन्य खिलाड़ी भी अपने समर्थकों के काफिले के साथ अशोक होटल पहुंचे। इस अवसर पर खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 'ये शाम ओलंपिक में भारत का नाम बढ़ाने वाले खिलाड़ियों की शाम है। मैं सभी पदक विजेताओं को 135 करोड़ लोगों की तरफ़ से बधाई देता हूं। नीरज चोपड़ा आपने मेडल ही नहीं दिल भी जीता है।' उन्होंने आगे कहा, 'नीरज चोपड़ा, बजरंग पुनिया, लवलीना से लेकर अन्य खिलाड़ी सभी हमारे नए हीरो हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें कोई हर तरह की सुविधा दी जाए।' तोक्यो ओलिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने 1 गोल्ड, 2 रजत समेत कुल 7 पदक जीते हैं। इसके अलावा भी कई खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन आखिरी मौके पर पदक से चूक गए थे।

सूरमाओं का सम्मान LIVE:दिल्ली में ओलिंपिक मेडलिस्ट का सम्मान, खेल मंत्री ने कहा- आप न्यू इंडिया के न्यू हीरोज August 09, 2021 at 04:04AM

मेसी के बिना खेल रहा था बार्सिलोना, सामने था मजबूत युवेंट्स, जानें कैसा रहा रिजल्ट August 09, 2021 at 03:24AM

बार्सिलोनास्रटार खिलाड़ी लियोनल मेसी के बिना खेले गए अपने पहले मुकाबले में एफसी बार्सिलोना ने युवेंट्स को जोआन गाम्पेर ट्रॉफी के वार्षिक दोस्ताना मैच में रविवार को 3-0 से हराया। जोहान क्रुफ स्टेडियम में खेले गए मैच में बार्सिलोना की ओर से मेमफिस डीपे ने तीसरे मिनट में पहला गोल किया। इसके बाद मार्टिन ब्रैथवेट ने 57वें मिनट में दूसरा गोल कर बढ़त हासिल की। अंत में रिकी पुइग ने 92वें मिनट में गोल कर टीम को एकतरफा जीत दिलाई। पूरे मैच के दौरान मेजबान ने आक्रमक रूख अपनाया और प्लेंटी ऑफ मूवमेंटतथा स्मार्ट पास के जरिए मैच पर पकड़ बनाए रखी। इस जीत के साथ ही बार्सिलोना ने 44वीं बार तथा लगातार नौंवें साल जोआन गाम्पेर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। मैच शुरू होने से कुछ घंटे पर प्रेस कांफ्रेंस में मैसी को विदाई दी गई। बार्सिलोना के साथ नए करार पर सहमति नहीं बनने के कारण मेसी ने 21 साल इस क्लब के साथ अपनी राहें जुदा कर ली हैं। मेसी के जाने का मतलब है कि उनके और क्रिस्टिनो रोनाल्डो के बीच मुकाबला देखने को नहीं मिलेगा। मेसी के बाद का जीवन बार्सिलोना के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि वह 15 अगस्त को अपने पहले ला लीगा मैच में रियल सोसिएदाद की मेजबानी करेंगे।

वीडियो: गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा का भव्य स्वागत, सेल्फी लेने को उमड़ पड़ी भीड़ August 09, 2021 at 03:14AM

नई दिल्लीतोक्यो ओलिंपिक में भारत का गोल्डन सपना पूरा करने वाले जैवलिन थ्रोअर का सोमवार को स्वदेश पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। वह इंडियन टीम के साथ लगभग साढ़े 4 बजे शाम को इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पहुंचे तो उनके स्वागत में पलक पावड़े बिछाए लोगों की भीड़ थी। ढोल नगाड़े बज रहे थे, लोग एक झलक के लिए बेतोब थे। ट्रैक ऐंड फील्ड में भारत के लिए पहला मेडल जीतने वाले नीरज जैसे ही बाहर निकले लोगों की भीढ़ टूट पड़ी। लोग सेल्फी लेने और बधाई देने के लिए आतुर दिखे। वायरल वीडियो में खचाखच भीड़ के बीच नीरज विक्ट्री का साइन दिखाते नजर आ रहे हैं। उनका स्वागत करने के लिए बीजेपी तेजस्वी सूर्या भी पहुंचे थे। यूं ही करते रहिए सपोर्ट: नीरजस्वदेश पहुंचने के बाद उन्होंंने टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए कहा- आप लोग ऐसे ही स्पोर्ट्स को सपॉर्ट करते रहिए। हम लोगों का उत्साह बढ़ाते रहिए। मेडल जीतते रहेंगे। भाला फेंक ऐथलीट नीरज चोपड़ा ने 7 अगस्त को 87.58 मीटर का थ्रो करते हुए स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था। वह देश के लिए व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी और ट्रैक ऐंड फील्ड में पहले ऐथलीट बने। वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने भारत की तोक्यो ओलिंपिक में शुरुआत सिल्वर मेडल से कराई थी तो जेवलिन थ्रो ऐथलीट नीरज ने गोल्डन अंत किया। वह भारतीय ऐथलेटिक इतिहास में पहला मेडल जीतने वाले खिलाड़ी बने। यह भारत का तोक्यो में 7वां मेडल भी रहा। इसके साथ ही भारत ने अपने लंदन ओलिंपिक-2012 के बेस्ट प्रदर्शन 6 मेडल को पीछे छोड़ दिया था।

क्या अधूरा रह जाएगा मीराबाई का गोल्डन सपना, अगले ओलिंपिक से हो सकती हैं बाहर August 08, 2021 at 09:46PM

नई दिल्ली मीरबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीतकर तोक्यो ओलिंपिक में भारतीय अभियान का शानदार आगाज किया था। स्वदेश लौटने के बाद उनका धूमधाम से स्वागत हुआ। मणिपुर की इस बेटी ने वादा किया था कि वह पैरिस में होने वाले अगले ओलिंपिक में गोल्ड जीतेंगी, लेकिन अब लग रहा है कि उनका यह सपना अधूरा ही रह जाएगा। क्या है पूरा मामला?अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOA) ने रविवार को ओलिंपिक कार्यक्रम से खेलों को हटाने के लिए खुद को और शक्तिशाली बना लिया है। वेटलिफ्टिंग और बॉक्सिंग संघों से उसका पुराना विवाद है। पेरिस 2024 ओलिंपिक के लिए पहले ही वेटलिफ्टर और बॉक्सर्स का कोटा कम कर दिया गया था। अब खबर है कि दोनों ही खेलों को बाहर का भी रास्ता दिखाया जा सकता है। वेटलिफ्टिंग पर क्यों सबसे ज्यादा खतराबीते कुछ साल में इस खेल की साख पर जबरदस्त बट्टा लगा है। लगातार डोपिंग के मामले, वित्तीय भ्रष्टाचार और खराब लीडरशिप इसके अहम कारण हैं। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन की कमान लगभग दो दशक तक तमस अजान संभाल रहे थे। पिछले ही साल आईओसी के इस पूर्व सदस्य ने पद छोड़ा। इन दोनों खेलों से जुड़े मुद्दों को देखते हुए ही आईओसी के सदस्यों ने मतदान करके खेलों की सर्वोच्च संस्था को किसी खेल को ओलिंपिक कार्यक्रम से बाहर करने के अधिक अधिकार दिए। क्या कहते हैं नियम? आईओसी के अनुसार अब यदि कोई खेल आईओसी के कार्यकारी बोर्ड के फैसलों का पालन नहीं करता है या ऐसे काम करता है जिससे ओलिंपिक आंदोलन की छवि धूमिल होती हो तो आईओसी उसे कार्यक्रम से हटा सकती है। आईओसी प्रमुख थामस बाक की अध्यक्षता वाले कार्यकारी बोर्ड को किसी खेल की संचालन संस्था के किसी निर्णय का पालन नहीं करने या उसे मानने से इनका करने पर किसी खेल को ओलिंपिक से निलंबित करने का नया अधिकार भी मिल गया है। मीराबाई ने खत्म किया था 21 साल का सूखा साल 2000 में हुए सिडनी ओलिंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। तब से कोई भी भारतीय वेटलिफ्टिंग में मेडल नहीं ला पाया था। मीराबाई चानू ने 49 किग्रा भारवर्ग में न सिर्फ भारत का खाता खोला बल्कि पहला सिल्वर भी दिलाया था। अब उनका अगला मिशन पैरिस ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है।

भारत की जीत में विदेशी कोच का कमाल:मीराबाई को छोड़कर भारत के 6 चैंपियंस के ट्रेनर दूसरे देशों से थे, गोल्ड मेडलिस्ट नीरज के कोच होन वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर August 09, 2021 at 12:46AM

LIVE: तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रच दिल्ली पहुंचे हीरोज, हो रहा भव्य स्वागत August 09, 2021 at 01:17AM

भारतीय ऐथलीट्स तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रचने के बाद स्वदेश लौट रहे हैं। ऐथलीटों के स्वागत की पूरी तैयारी की गई थी। गाजे बाजे के साथ हीरोज का जोरदार स्वागत किया जा रहा है। उनके स्वदेश लौटने से पहले दिल्ली पुलिस ने इंदरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी थी। टर्मिनल 2 और 3 के पास एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन के कुछ वरिष्ठ अधिकारीयों ने घेरा बंदी किया है।

भारतीय ऐथलीट्स तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रचने के बाद स्वदेश लौट रहे हैं। ऐथलीट्स लगभग साढ़े 4 बजे दिल्ली के इंदरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पर ही खिलाड़ियों के स्वागत की पूरी तैयारी की गई है।


Indian Athletes Grand Welcome At Airport LIVE: तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रच दिल्ली पहुंचे हीरोज, हो रहा भव्य स्वागत

भारतीय ऐथलीट्स तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रचने के बाद स्वदेश लौट रहे हैं। ऐथलीटों के स्वागत की पूरी तैयारी की गई थी। गाजे बाजे के साथ हीरोज का जोरदार स्वागत किया जा रहा है। उनके स्वदेश लौटने से पहले दिल्ली पुलिस ने इंदरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी थी। टर्मिनल 2 और 3 के पास एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन के कुछ वरिष्ठ अधिकारीयों ने घेरा बंदी किया है।



<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr">🇮🇳 Athletics team is back from <a href="https://twitter.com/hashtag/Tokyo2020?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#Tokyo2020</a><br /><br />Let&#39;s welcome them by sharing our <a href="https://twitter.com/hashtag/Cheer4India?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#Cheer4India</a> messages and encourage them for their future competitions. <a href="https://twitter.com/hashtag/Olympics?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#Olympics</a> <a href="https://twitter.com/hashtag/TeamIndia?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#TeamIndia</a> <a href="https://t.co/UOubtFBas2">pic.twitter.com/UOubtFBas2</a></p>&mdash; SAIMedia (@Media_SAI) <a href="https://twitter.com/Media_SAI/status/1424683571726278660?ref_src=twsrc%5Etfw">August 9, 2021</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>

ड्रॉ मैच भी क्यों टीम इंडिया के लिए साबित होगा वरदान? दिनेश कार्तिक ने दिया बड़ा बयान August 09, 2021 at 01:03AM

नटिंघमविकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक का मानना है कि पहले टेस्ट के बाद भारत का पलड़ा भारी है। कार्तिक के मुताबिक हालांकि ट्रेंट ब्रिज में खेला गया पहला टेस्ट बेशक ड्रॉ रहा पर मेजबान टीम को भारतीय टीम के समक्ष काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। स्काई स्पोर्टस से बात करते हुए कार्तिक ने कहा कि, ‘खेल के अंतिम दिन भारतीय टीम का पलड़ा भारी रहा। इस टेस्ट मैच में इंग्लैंड के मुकाबले भारत को काफी कुछ सीखने को मिला। पूरे टेस्ट के दौरान मेहमान टीम ने शानदार प्रदर्शन किया।’ कार्तिक ने आगे कहा, ‘जिस तरह खेल के पहले दिन के पहले ही ओवर में बुमराह ने रोरी बर्न्स को आउट किया वो शानदार था। भारतीय गेंदबाजो ने अपना इरादा वहीं साफ कर दिया था। बल्लेबाजों ने भी अच्छा खेल दिखाया।’ मैच के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा, ‘मैच को जीतने के बहुत करीब थे हम। हमारे बल्लेबाज और गेंदबाज, दोनो हीं अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहे।’ इंग्लैंड के कप्तान जो रुट ने मैच के बाद कहा कि, ‘हम यहां से लॉर्ड्स जा रहें हैं, जिस तरह से टीम ने पहली पारी में खेली अगर दूसरी पारी में भी खेलती तो और अच्छा रहता। टीम अत्मविश्वास से भरी हुई है।’ उल्लेखनीय है कि मैच में पांचवें और अंतिम दिन रविवार को एक भी गेंद फेंके बिना दिन का खेल रद्द होने से दोनों टीमों को अंक बांटने पर बाध्य होना पड़ा। भारत को अंतिम दिन जीत के लिए 157 रन और बनाने थे जबकि उसके नौ विकेट शेष थे लेकिन लगातार बारिश के कारण एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी। नए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र की अंक प्रणाली के तहत दोनों टीमों को चार-चार अंक मिले। खराब मौसम के कारण पहले टेस्ट में संभावित 450 ओवरों में से 250 से कुछ अधिक ओवर ही फेंके जा सके।

पदकवीरों के स्वागत के लिए देश तैयार:नीरज चोपड़ा, बजरंग पूनिया, रवि दहिया और हॉकी टीम कुछ देर में दिल्ली पहुंचेगी; खेल मंत्रालय भी करेगा सम्मानित August 08, 2021 at 11:48PM

दुखद! ओलिंपिक मेडल का सपना संजोए किया था विदा, बहन के आने से पहले ही छोड़ी दुनिया August 09, 2021 at 12:23AM

चेन्नई तमिलनाडु की धावक धनलक्ष्मी जब तोक्यो के लिए रवाना हो रही थी, तब उनके आंखों में ख्वाब थे। सपना था कि देश को ओलिंपिक में मेडल दिलाए। आंखों का ख्वाब तो पूरा नहीं हुआ लेकिन स्वदेश लौटने के बाद ऐसा झटका लगा जिसे वह ताउम्र नहीं भूल पाएंगी। 22 वर्षीय इस ऐथीलट की बहन अब दुनिया में नहीं रही। घर आने के बाद जैसे ही उन्हें इसकी खबर लगी वह बुरी तरह टूट गईं। 12 जुलाई को हुई थी मौतएथलेटिक्स में 4x400m मिक्स्ड रिले टीम का हिस्सा रही धनलक्ष्मी तिरुचिरापल्ली के नजदीक गुंडूर गांव की रहने वाली हैं। इवेंट्स खत्म होने के बाद जब वह रविवार को तोक्यो से वापस लौटीं तब घरवालों ने इस दुखद खबर के बारे में बताया। परिजन नहीं चाहते थे कि गायत्री की मौत की खबर धनलक्ष्मी को पता लगे, क्योंकि अगर ऐसा होता तो वह अपने खेल पर फोकस नहीं कर पाती। बचपन में ही सिर से उठ गया पिता का सायाधनलक्ष्मी की उम्र बमुश्किल 10 साल रही होगी, जब उनके पिता का निधन हो गया। दिहाड़ी मजदूरी करके मां ने परिवार पाला। स्थानीय न्यूज चैनल से बातचीत में मां कहती हैं कि दोनों बहनों में बेहद प्यार था। गायत्री ही धनलक्ष्मी को हमेशा मोटिवेट करती, लेकिन अब सब खत्म हो गया। तोड़ा था पीटी उषा का रेकॉर्डचयन ट्रायल्स के दौरान धनलक्ष्मी ने बेहतरीन खेल दिखाया था। एनआईएस पटियाला में उन्होंने पीटी उषा के राष्ट्रीय 200 मीटर हीट्स के रेकॉर्ड को तोड़ा था। पीटी उषा ने 23 साल पहले 23.30 सेकेंड का समय निकाल था, जिसे अब धनलक्ष्मी ने 23.26 के साथ सुधारा। साथ ही 100 मीटर में 11.39 के समय के साथ दुती चंद को हराकर गोल्ड भी जीता था।

घर पर चूरमा के साथ इंतजार कर रहीं मां, नीरज चोपड़ा बोले- अब जश्न मनाने का समय August 08, 2021 at 11:44PM

नई दिल्ली नीरज चोपड़ा, जिन्होंने सात अगस्त को ओलिंपिक में एथलेटिक्स में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया, अब अगले साल होने वाले एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और विश्व चैंपियनशिप पर नजरें गड़ाए हुए हैं। उनका कहना है कि फिलहाल उनका ध्यान सिर्फ और सिर्फ खेल पर है, इसके बीच में बायोपिक या किसी अन्य चीज का कोई स्थान नहीं। प्रश्न: आपने अपना पदक मिल्खा सिंह को समर्पित किया। कोई खास वजह?उत्तर: इसके पीछे वजह ये थी कि मैं मिल्खा सिंह के ढेर सारे वीडियो देखा करता था। उनका कहना था कि हमारे देश का कोई भी व्यक्ति जो ओलिंपिक में जाता था और पदक की दौड़ में एक छोटे से अंतर से पीछे रह जाता था, उसे जाना चाहिए और पदक प्राप्त करना चाहिए। मैं दुखी था कि वह अब हमारे बीच नहीं है, लेकिन मेरे मन में उनकी लंबे समय से चली आ रही इच्छा मेरे द्वारा पूरी कर दी गई। वह जहां भी हैं, उनका सपना अब पूरा हो गया है। प्रश्न: अब आप सोशल मीडिया स्टार बन चुके हैं, इस नए अटेंशन को कैसे देखते हैं?उत्तर: मैंने देखा कि सोशल मीडिया पर बहुत सारे फॉलोअर्स बढ़ गए हैं। खासकर ओलिंपिक स्वर्ण पदक के बाद क्योंकि सभी ने फाइनल देखा। यह अच्छा लगता है क्योंकि कभी-कभी मैं व्यायाम, फेंकने और प्रतियोगिता के परिणामों से संबंधित ट्वीट पोस्ट करता हूं। बहुत अच्छा लग रहा है कि हर कोई मुझे बधाई दे रहा है, लेकिन मैं हमेशा खेल पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता हूं। कभी-कभी मैं कुछ साझा करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करता हूं। प्रश्न: आपकी मां कहती है कि वह घर पर चूरमा के साथ इंतजार कर रही है।उत्तर: मैं अपने घर जाऊंगा और चूरमा सहित मेरी मां द्वारा बनाई गई कुछ और भी चीजें खाऊंगा। मैं जिस उद्देश्य के लिए टोक्यो आया था, वह पूरा हो गया है। योजना भारत आने, घर का बना खाना खाने, अपने लोगों के साथ जश्न मनाने और फिर प्रशिक्षण शुरू करने की है। सवाल: आपकी बायोपिक की बात हो रही है। लोग कह रहे हैं आपको खुद का रोल करना चाहिए! आप किसे स्क्रीन पर खेलते देखना पसंद करेंगे?उत्तर: मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता। फिलहाल खेल पर ध्यान देना जरूरी है। जब मैं खेल छोड़ दूंगा, तब बायोपिक उपयुक्त होगी। क्योंकि अभी प्रयास बेहतर परिणाम प्राप्त करने और देश के लिए अधिक पदक जीतने का है ताकि जीवन में नई कहानियां आ सकें। जब तक खेलों में मेरा करियर चल रहा है, मैं बायोपिक के बारे में नहीं सोच रहा हूं। मेरे रिटायर होने के बाद इसमें आने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

ओलिंपिक चैंपियंस को भास्कर का सलाम:मीराबाई की सिल्वर शुरुआत से लेकर नीरज का गोल्डन फिनिश, भारत ने 7 मेडल जीतकर इतिहास रच दिया August 08, 2021 at 11:11PM

लवलिना बोरगोहेन का इंटरव्यू:टोक्यो हुआ अतीत, अब पेरिस ओलिंपिक के लिए खुद को एक नए सिरे से तैयार करेंगी लवलिना August 08, 2021 at 11:22PM