Sunday, December 15, 2019

फिफ्टी जड़कर बोले पंत, अब समझ में आ गया December 15, 2019 at 09:06PM

चेन्नैभारत के उदीयमान बल्लेबाज ने कहा कि उन्हें अब समझ में आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘स्वाभाविक खेल’ दिखाने जैसा कुछ नहीं और हालात के अनुरूप खेलना अहम होता है। पंत के आलोचकों का मानना है कि वह अक्सर अपना विकेट गैर जिम्मेदाराना तरीके से खेलने के चलते गंवा देते हैं। बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग में खराब फॉर्म से जूझ रहे पंत लगातार आलोचकों का कोपभाजन बने हुए थे। उन्होंने हालांकि वेस्ट इंडीज के खिलाफ पहले वनडे में अर्धशतक जमाकर खराब फॉर्म को अलविदा कहा। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, ‘मैं इतना समझ गया हूं कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्वाभाविक खेल जैसा कुछ नहीं। इसमें टीम की जरूरत या हालात के अनुरूप खेलना होता है।’ देखें, उन्होंने कहा, ‘मैं सीख रहा हूं। टीम की जीत के लिए जो कुछ कर सकता हूं, उस पर फोकस करूंगा। आखिर में मैने रन बनाए।’ उन्होंने कहा कि वह आलोचना की परवाह किए बगैर अपने खेल पर फोकस कर रहे हैं। पहले वनडे में 71 रन बनाने वाले पंत ने कहा, ‘मैं प्रक्रिया पर फोकस करना चाहता हूं। कई बार आपके बारे में अच्छा कहा जाता है और कई बार नहीं। मैं पूरा ध्यान अपने खेल पर लगा रहा हूं।’ लगातार आलोचना के बीच प्रेरणा के बारे में पूछने पर पंत ने कहा कि उन्होंने खुद पर भरोसा कभी नहीं छोड़ा था। उन्होंने कहा, ‘खुद पर भरोसा बनाए रखना सबसे जरूरी है। लोग आसपास चाहे जो बात करें। कई बार रन बनते हैं और कई बार नहीं लेकिन प्रक्रिया अहम होती है।’ पढ़ें, मौजूदा हालात में यह पारी कितनी अहम है, यह पूछने पर उन्होंने कहा, ‘जब मैं भारत के लिए खेल रहा हूं तो हर पारी अहम है। मैं अपने प्रदर्शन में रोज सुधार देखना चाहता हूं।’ अक्सर मैदानों पर पंत का स्वागत ‘धोनी, धोनी’ की गूंज के साथ होता है लेकिन यहां नहीं। उन्होंने कहा, ‘कई बार दर्शकों का सपॉर्ट जरूरी होता है। मैं अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा हूं कि प्रदर्शन में सुधार हो सके।’

बॉडी पर 1 लाख महीने का खर्च, अब फिल्मों के ऑफर December 15, 2019 at 08:20PM

आमीन अली, नई दिल्लीकिसी ने नहीं सोचा था, कि एक महीने के भीतर की जिंदगी इतनी बदल जाएगी। अब उनका शेड्यूल काफी बिजी है और उन्हें लोग स्टोर उद्घाटन और अन्य सार्वजनिक समारोहों में बुलाते हैं। उनके पास फिल्म में रोल के लिए प्रस्ताव आ रहे हैं। गत 10 नवंबर तक उनकी जिंदगी ऐसी नहीं थी। साउथ कोरिया में वर्ल्ड बॉडीबिल्डिंग और फिजिक स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बनने के बाद चित्रेश नतेसन का जीवन पूरी तरह बदल गया। अपने दोस्तों के बीच चिथु के नाम से मशहूर चित्रेश पिछले एक दशक से लगातार ट्रेनिंग कर रहे हैं। एक दिन में 3-4 घंटे एक्सरसाइज करते हैं, जबकि निजी ट्रेनर के तौर पर भी काम करते हैं ताकि अपनी डाइट और अन्य जरूरतों को पूरा कर सकें। पढ़ें, उनके पास पहले से ही मिस्टर इंडिया और मिस्टर एशिया खिताब हैं। अब अपनी प्रतिभा का लोहा वैश्विक स्तर पर मनवाने के बाद उन्हें दिग्गज सचिन तेंडुलकर जैसे खेल सितारों ने भी बधाई दी। पहले था हॉकी से प्यारकोच्चि से तिरुवनंतपुरम के लक्ष्मीबाई नैशनल कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन तक का उनका सफर काफी लंबा रहा। जहां पहले उन्हें हॉकी से प्यार था, फिर बॉडी कल्चर में वर्ल्ड आइकॉन बने। सपॉर्ट के लिए उनके कॉलेज के दोस्त सागर एम पी, उनके माता-पिता, दो बहनें और कुछ दोस्त ही थे। फिर दिल्ली में एक फिटनेस ग्रुप (आरएफजी) उन्होंने जॉइन किया जहां एक निजी ट्रेनर के तौर पर नौकरी की। पढ़ें, सागर को बनाया ट्रेनर, कड़ी मेहनतआरएफजी में नतेसन को जुनून सवार हुआ और अपनी बॉडी पर काफी काम किया। छह साल पहले उन्होंने सागर को अपना निजी ट्रेनर नियुक्त किया। विडंबना यह थी कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए एक पेशेवर बॉडी बिल्डर को ट्रेनिंग देने के बारे में सागर को ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन उन्होंने बतायाकि अपने 'शिष्य' से सर्वश्रेष्ठ प्राप्त करने का तरीका जानने के लिए ऑनलाइन विडियो का सहारा लिया। दोनों ने साथ काम किया, सही डाइट और बेस्ट वर्कआउट के बारे में पढ़ा, ऑनलाइन विडियो देखे, शरीर के अलग-अलग अंगों पर काम करने के लिए मशीनों और वेट वाले जिम खोजे, तब जाकर विश्व खिताब के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके। हर महीने 1 लाख से ज्यादा का खर्च नतेसन मानते हैं कि उनके इस अभियान में लोगों का हाथ है। सागर और उन्होंने दूसरों को ट्रेनिंग देने के बजाय वर्कआउट पर ध्यान दिया जिससे कमाई पर भी फर्क पड़ा। उन्होंने कहा, 'जितने ज्यादा लोगों ने मेरा मनोबल तोड़ा, उतना ही लक्ष्य हासिल करने को लेकर मेरा संकल्प मजबूत होता गया।' हर महीने उनकी बॉडी बिल्डिंग पर 1 लाख रुपये से ज्यादा खर्च होते थे। फिर दोस्तों और परिजनों ने सपॉर्ट किया। कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने नतेसन को स्पॉन्सर किया जबकि अन्य ने उन्हें सपने को पूरा करने के लिए पैसे उधार दिए। नसीबा से शादी, बदली किस्मतइसी प्रक्रिया के दौरान उन्हें उज्बेकिस्तान की नसीबा मिलीं। साल 2014 में कंधे की चोट से उबरने के दौरान नतेसन ने फिट रहने के लिए डांस क्लास में शामिल होने का फैसला किया। दोनों की मुलाकात हुई, नजदीकियां बढ़ीं और कुछ साल बाद शादी कर ली। यहां उनका भाग्य भी बदला और उन्होंने मिस्टर दिल्ली प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल किया जिससे मिस्टर इंडिया में प्रवेश मिला जिसे उन्होंने जीता। पत्नी का भूल गए बर्थडेजैसे ही 2019 मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता नजदीक आई, नतेसन ने सख्ती से अपने लक्ष्य पर काम करना शुरू किया। सात महीने तक, उन्होंने जिम में दिन में 2-2 बार एक्सरसाइज की। नसीबा ने कहा, 'वह अपने लक्ष्य पर इतना ज्यादा केंद्रित थे कि मेरा बर्थडे तक भूल गए।' साउथ कोरिया के जेजू आइलैंड में 10 नवंबर को नतेसन के प्रयास सफल हुए। एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागतनतेसन ने कहा, 'जब मैं खिताब जीतकर लौटा, मैंने एयरपोर्ट पर आरएफजी के 200 ट्रेनर्स को देखा। मेरी घर तक की सवारी के दौरान झंडे और तख्तियों के साथ एक जुलूस था। यह बहुत ही इमोशनल था।' उनकी जीत की खबर के बाद दिग्गज हस्तियों के ट्वीट और बधाई संदेशों की झड़ी लग गई। वह कोच्चि में रातोंरात स्टार बन गए। हर कोई चाहता था कि उन्हें अपने समारोह में मुख्य अतिथि बनाएं। उन्होंने फिटनेस पर सलाह देने के लिए बड़ी फीस भी चार्ज करनी शुरू कर दी। 'शॉर्टकट ना खोजें युवा'आरएफजी से जुड़े जेके फ्रांसिस ने कहा कि नतेसन को और अधिक खिताब जीतने के लिए सरकार के सपॉर्ट की जरूरत है। नतेसन फिलहाल खिताब जीतने के बाद सामाजिक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए जिम से तीन महीने के ब्रेक पर हैं। नतेसन की युवाओं को एकमात्र सलाह यही है कि कुछ हासिल करने के लिए शॉर्टकट नहीं खोजना चाहिए।

PWL पर संकट के बादल, प्रमोटर और फेडरेशन में तकरार December 15, 2019 at 08:39PM

नई दिल्लीआईपीएल और प्रो कबड्डी लीग के बाद अगर खेल की किसी लीग को दर्शकों ने पसंद किया तो वह प्रो रेसलिंग लीग है लेकिन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) और लीग के प्रमोटर के बीच टकरार के चलते लीग पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। विवाद के चलते इस साल तो लीग होने की संभावना बिल्कुल नहीं है, बल्कि भविष्य में भी शायद ही अब यह आयोजित हो। नई लीग बनी वजहइसी साल रेसलिंग फेडरेशन ने एक नई लीग की घोषणा की थी, जिसे जी दंगल नाम दिया गया था। सूत्रों की मानें तो प्रमोटर ने इसका विरोध किया और मामला कोर्ट में पहुंच गया। कोर्ट ने करार का हवाला देते हुए फेडरेशन को नई लीग कराने से रोक दिया जिसके बाद दोनों में मनमुटाव बढ़ गया। इस बारे में डब्ल्यूएफआई के असिस्टेंट सेक्रटरी विनोद तोमर से ने कहा, ‘अगले साल ओलिंपिक होने की वजह से हमने इस साल लीग नहीं कराने का फैसला किया है। हर बार हम प्राय: जनवरी में लीग करवाते रहे हैं लेकिन इस बार कम से कम अगस्त तक संभावना नहीं है। जहां तक दंगल की बात है तो वह हम मार्च में कराने जा रहे हैं।’ पढ़ें, लीग से होती तैयारी फेडरेशन भले ही ओलिंपिक का बहाना बनाकर लीग आयोजित नहीं करा रही हो लेकिन पहलवान इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उनका कहना है कि इससे तैयारी करने में और मदद ही मिलती क्योंकि लीग में दुनिया भर के दिग्गज पहलवान खेलने आते हैं। दूसरी तरफ फेडरेशन का यह तर्क इसलिए भी जायज नहीं लगता क्योंकि एक तरफ वह ओलिंपिक का बहाना बनाकर प्रो रेसलिंग लीग से किनारा कर रही है तो दूसरी तरफ खुद मार्च में दंगल आयोजित करवा रही है। जनवरी के पहले हफ्ते में ही ट्रायलइस बीच विनोद तोमर ने यह भी बताया कि ओलिंपिक क्वॉलिफाइंग टूर्नमेंट के लिए ट्रायल जनवरी के पहले हफ्ते में इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। एक बार फिर ट्रायल में दो बार के मेडलिस्ट सुशील कुमार पर नजर रहेगी जो वर्ल्ड चैंपियनशिप में ओलिंपिक कोटा हासिल करने से चूक गए थे।

जडेजा का विवादित रन आउट: रीप्ले के बाद फैसला थर्ड अंपायर के पास गया, विराट बोले- ऐसा कभी नहीं देखा December 15, 2019 at 08:16PM

खेल डेस्क. वेस्टइंडीज ने चेन्नई वनडे में रविवार को भारत को 8 विकेट से हरा दिया। मैच में ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा रनआउट हुए, जिस पर विवाद हो गया। इस पर कप्तान विराट कोहली ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने क्रिकेट में आज तक ऐसा नहीं देखा। इसी मामले को लेकर मैच में अंपायरिंग कर रहे दक्षिण अफ्रीका के शॉन जॉर्ज विवाद में घिर गए हैं।

भारत की पारी के 48वें ओवर में जडेजा सिंगल के लिए दौड़े थे। फील्डर ने डायरेक्ट थ्रो में रनआउट का प्रयास किया। वेस्टइंडीज टीम ने अपील लेकिन अंपायर शॉन ने आउट नहीं दिया। उन्होंने काफी देर बाद थर्ड अंपायर के पास मामला भेजा। तब तक मैदान पर बड़ी स्क्रीन पर रनआउट को रीप्ले में दिखाया जा चुका था। जडेजा का बल्ला क्रीज में नहीं पहुंचा था और थर्ड अंपायर ने उन्हें रनआउट करार दिया।

लोग टीवी में देखकर अपील नहीं करसकते: कोहली

कोहली ने कहा, ‘‘सामान्य सी बात है कि फील्डर ने पूछा क्या है? तब अंपायर ने कहा कि आउट नहीं है। मामला यहीं खत्म हो जाता है। मैदान के बाहर बैठे लोग टीवी में देखकर खिलाड़ियों को अंपायर से दोबारा अपील करने के बारे में नहीं कह सकते। मैंने ऐसा क्रिकेट में कभी नहीं देखा। मेरे हिसाब से मैच रेफरी और अंपायर्स को इस मामले में समीक्षा करनी चाहिए और सुनिश्चित करें कि ऐसा दोबारा न हो।’’

अंपायर ने सही निर्णय लिया: पोलार्ड

विंडीज टीम के कप्तान कीरोन पोलार्ड ने कहा कि मैदानी अंपायर ने सही निर्णय लिया है। हमने उनसे अपील की और उन्होंने तुरंत के निर्णय में आउट नहीं दिया। इसके बाद उन्हें थर्ड अंपायर के पास मामला भेजना सही लगा, जो उन्होंने किया।

भारत के खिलाफ विंडीज 10 साल बाद 8 विकेट से जीती
मैच में भारत ने 50 ओवर में 8 विकेट पर 287 रन बनाए थे। जवाब में वेस्टइंडीज की टीम ने 47.5 ओवर में 2 विकेट पर 291 रन बना लिए। भारत के खिलाफ विंडीज की टीम 10 साल बाद 8 विकेट से जीती है। विंडीज के शिमरॉन हेटमायर ने 139 और शाई होप ने नाबाद 102 रन की पारी खेली। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 218 रन की साझेदारी की। वहीं भारत के लिए ऋषभ पंत ने 71 और श्रेयस अय्यर ने 70 रन बनाए। केदार जाधव ने 40 रन का योगदान दिया।



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वेस्टइंडीज के रोस्टन चेज (बाएं) ने रविंद्र जडेजा को डायरेक्ट थ्रो में रनआउट का प्रयास किया।

आबिद का रेकॉर्ड शतक, पाक-श्रीलंका टेस्ट मैच ड्रॉ December 15, 2019 at 06:22PM

रावलपिंडीपाकिस्तान और श्रीलंका के बीच बारिश से प्रभावित पहला टेस्ट क्रिकेट मैच रविवार को यहां ड्रॉ समाप्त हुआ। मैच में ने रेकॉर्ड शतक लगाया जिससे वह वनडे और टेस्ट दोनों फॉर्मेट में डेब्यू पर सेंचुरी जड़ने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए। आबिद ने नाबाद 109 रन बनाए और बाबर आजम (नाबाद 102) के साथ तीसरे विकेट के लिए 162 रन की अटूट साझेदारी की। पाकिस्तान ने खेल के पांचवें और अंतिम दिन अपनी पहली पारी में जब दो विकेट पर 252 रन बनाए थे तो अंपायरों ने मैच ड्रॉ समाप्त घोषित करने का फैसला किया। पाक में टेस्ट की वापसी के लिए यादगारपाकिस्तान में पिछले 10 साल में पहली बार खेले जा रहे टेस्ट मैच के पहले चार दिन का खेल बारिश से प्रभावित रहा। श्रीलंका ने अपनी पहली पारी छह विकेट पर 308 रन बनाकर घोषित की। उसकी तरफ से धनंजय डि सिल्वा ने शतक लगाया। उन्होंने रविवार को सुबह 87 रन से आगे खेलते हुए नाबाद 102 रन बनाए। डि सिल्वा ने पहले तीन दिन भी बल्लेबाजी की जबकि चौथे दिन बारिश के कारण खेल नहीं हो पाया था। इसके बावजूद यह मैच पाकिस्तान में टेस्ट क्रिकेट की वापसी और आबिद के शतक के कारण यादगार बन गया। देखें, आबिद और बाबर की सेंचुरीआबिद ने अपनी पारी में 201 गेंदें खेली तथा 11 चौके लगाए। यह 32 वर्षीय बल्लेबाज जब 95 रन पर था तब उन्होंने विश्वा फर्नांडो पर पहले चौका जड़ा और फिर कवर पर दो रन के लेकर अपना शतक पूरा किया। उन्होंने इस साल मार्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दुबई में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण पर 112 रन की पारी खेली थी। बाबर आजम ने दिन के अंतिम क्षणों दिलरूवान परेरा पर चौका लगाकर घरेलू सरजमीं पर पदार्पण मैच में शतक पूरा किया। इसके कुछ देर बाद दोनों कप्तानों की सहमति से मैच ड्रॉ घोषित कर दिया गया। आजम ने 128 गेंदें खेली और 14 चौके लगाए। धनंजय ने जड़ा शतकइससे पहले श्रीलंका के मध्यक्रम के बल्लेबाज धनंजय डि सिलवा ने शतक जड़ा जिससे मेहमान टीम ने सुबह के सत्र में 20 मिनट बल्लेबाजी करने के बाद छह विकेट पर 308 रन पर पारी घोषित कर दी। दायें हाथ के 28 साल के बल्लेबाज डि सिल्वा ने तेज गेंदबाज मोहम्मद अब्बास पर कवर ड्राइव से अपने 15वें चौके के साथ छठा टेस्ट शतक पूरा किया। डि सिल्वा 102 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्होंने 241 मिनट क्रीज पर बिताए। वह गुरुवार को 4 विकेट पर 127 रन के स्कोर पर क्रीज पर उतरे थे। दिलरुवान परेरा 16 रन बनाकर नाबाद रहे। पाक में 2009 के बाद पहला टेस्ट पाकिस्तान में हो रहे इस ऐतिहासिक टेस्ट में नतीजे की किसी भी संभावना को बारिश और खराब मौसम ने खत्म कर दी थी। बारिश के कारण पहले चार दिन में सिर्फ 91 .5 ओवर फेंके जा सके थे। पाकिस्तान की ओर से 16 साल के तेज गेंदबाज नसीम शाह ने 92 रन देकर 2 जबकि शाहीन शाह अफरीदी ने 58 रन देकर 2 विकेट चटकाए। मार्च 2009 में श्रीलंका की टीम पर आतंकी हमले के बाद यह पाकिस्तान की सरजमीं पर पहला टेस्ट है। दूसरा टेस्ट कराची में 19 दिसंबर से खेला जाएगा।

84 साल के धावक सबसे उम्रदराज अंटार्कटिक मैराथनर बने, 5 महाद्वीपों में 50 मैराथन दौड़ चुके December 15, 2019 at 07:12PM

एडमोंटन. कनाडा के अल्बर्टा प्रांत की राजधानी एडमोंटन के रहने वाले 84 साल रॉय स्वेनिंगसेन अंटार्कटिक आइस मैराथन में भाग लेने सबसे बुजुर्ग धावक बन गए हैं। शुक्रवार को रॉय ने मैराथन की फिनिश लाइन पार पर यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने दौड़ को 11 घंटे, 41 मिनट और 58 सेकंड में पूरा किया।

अंटार्कटिक आइस मैराथन के निदेशक रिचर्ड डोनोवन ने रॉय की तारीफ करते हुए कहा, ‘यह बहुत शानदार है, आने वाले एथलीट्स को आप हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।’ रॉय ने सबसे पहले 1964 में कैलगेरी मैराथन में भाग लिया था। तब से अब तक वह 5 महाद्वीपों की 50 से अधिक मैराथन में दौड़ चुके हैं। उनकी सबसे तेज मैराथन फिनलैंडकी राजधानी हेलसिंकी की थी, जो उन्होंने 2 मिनट 38 सेकंड में पूरी की।

इस साल की अंटार्कटिक आइस मैराथन में 15 महिलाएं और 41 पुरुष प्रतिभागी शामिल हुए। सभी प्रतिभागियों को निजी विमान की मदद से मैराथन साइट पर लाया गया था।

ये रहे मैराथन विनर
अंटार्कटिक मैराथन में बोस्टन के विलियम हैफर्टी ने पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने दौड़ को 3 घंटे, 34 मिनट और 12 सेकंड में पूरा किया। दूसरे नंबर पर चेक रिपब्लिक के लेंका फ्राइकोवा रहे। इन्होंने 4 घंटे, 40 मिनट और 38 सेकंड में फिनिश लाइन पार की। वहीं, महिला वर्ग में पहला स्थान कैम्ब्रिज की सुसान रेगन ने हासिल किया। 69 साल की रेगन ने 7 घंटे, 38 मिनट और 32 सेकंड में दौड़ पूरी की। रेगन बोस्टन मैराथन को 20 बार दौड़ चुकी हैं, उनका सबसे बेहतर प्रदर्शन 2008 में 58 साल की उम्र में रहा।

यह मैराथन - 20 डिग्री सेल्सियस पर होती है
दुनिया में अंटार्कटिका आइस मैराथन दक्षिणायन क्षेत्रकी सबसे प्रमुख दौड़ है। यह पृथ्वी के 80°अक्षांश पर - 20 डिग्री सेल्सियसतापमान में होती है। मैराथन अंटार्कटिका महाद्वीप की सबसे ऊंची पर्वतमाला की एल्स्वर्थ की पहाड़ियां पर आयोजित की जाती है, यहां से दक्षिणी ध्रुव की दूरी कुछ ही मील रह जाती है। यह मैराथन दुनिया की दो प्रमुख आधिकारिक मैराथन में से एक है, जो दक्षिण ध्रुव के भूभाग अंटार्कटिक सर्किल में होती है। इस क्षेत्र में दूसरा बड़ा आयोजन फरवरी में होने वाला अंटार्कटिक अंतरराष्ट्रीय मैराथन है।



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मैराथन में 15 महिलाएं और 41 पुरुष प्रतिभागी शामिल हुए।
प्रतिभागियों को निजी विमान से चिली के पुंटा आरेनस से ले जाया गया और ड्रॉप किया गया।

ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को हराया, लगातार 7वां डे-नाइट टेस्ट जीता December 15, 2019 at 06:22PM

खेल डेस्क. तीन टेस्ट मैच की सीरीज के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 296 रन के बड़े अंतर से हरा दिया। न्यूजीलैंड को चौथी पारी में 468 रन का बड़ा लक्ष्य मिला था, जिसका पीछा करते हुए टीम महज 171 रन पर आउट हो गई। पहली पारी में 5 विकेट लेने वाले ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने दूसरी पारी में भी 4 विकेट लिए और वे मैन ऑफ द मैच भी चुने गए। ऑस्ट्रेलिया ने लगातार 7वां डे-नाइट टेस्ट जीता।

चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया ने अपने स्कोर 167/6 से आगे खेलते हुए 217/9 के स्कोर पर पारी घोषित की। मिचेल स्टार्क ने तेज खेलते हुए 21 गेंद पर 23 रन बनाए। न्यूजीलैंड की ओर से टिम साउदी ने 5 विकेट लिए। इसके बाद न्यूजीलैंड की ओर से कोई बल्लेबाज टिक नहीं सका। 6 रन के स्कोर पर पहला विकेट खोने के बाद पूरी टीम 65.3 ओवर में सिमट गई।

दूसरा टेस्ट 26 दिसंबर से मेलबर्न में
विकेटकीपर-बल्लेबाज वाटलिंग ने सबसे ज्यादा 40 और ग्रैंडहोम ने 33 रन बनाए। कप्तान केन विलियम्सन ने 14 और अनुभवी रॉस टेलर ने 22 रन बनाए। सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच 26 तारीख से मेलबर्न में खेला जाएगा।



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ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को पहले टेस्ट में हराया।

.. जब 'थाला' धोनी के गढ़ में गूंजे पंत-पंत के नारे December 15, 2019 at 06:02PM

चेन्नैयह किसी से छिपा नहीं है कि चेन्नै के एमए चिदंबरम स्टेडियम में को कितना ज्यादा पसंद किया जाता है। कई साल से आईपीएल टीम चेन्नै सुपर किंग्स के साथ उपलब्धियों की वजह से यहां उन्हें 'भगवान' का दर्जा प्राप्त है। चेन्नै में लोग उन्हें 'थाला' बुलाते हैं। वेस्ट इंडीज के खिलाफ रविवार को चेन्नै में पहले वनडे में धोनी भले नहीं थे, लेकिन उनके उत्तराधिकारी माने जा रहे युवा ने दमदार प्रदर्शन किया। आसान नहीं थी पारीएक धीमी पिच पर, जहां स्ट्रोक-मेकिंग आसान नहीं थी, दिल्ली के इस विकेटकीपर-बल्लेबाज ने 69 गेंदों पर 71 रनों की पारी खेली। पंत के लिए यह इसलिए भी खास रहा क्योंकि यह उनकी पहली वनडे इंटरनैशनल हाफ सेंचुरी है। पंत ने अपनी इस पारी में 7 चौके और 1 छक्का जड़ा। पढ़ें, पंत ने जड़ा पहला वनडे अर्धशतक22 वर्षीय पंत तब मैदान पर उतरे थे, जब रोहित शर्मा का विकेट गिरने के बाद भारत का स्कोर 19वें ओवर में 3 विकेट पर 80 रन था। फिर पंत और श्रेयस अय्यर ने मिलकर भारत को मजबूती दी और 114 रन की शतकीय साझेदारी की। हालांकि टीम इंडिया को इस मैच में 8 विकेट से हार झेलनी पड़ी। पंत ने करियर का पहला वनडे इंटरनैशनल अर्धशतक जड़ा। इससे पहले उन्होंने 12 वनडे खेले थे और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 48 रन था। पंत के लिए बजाईं तालियांचेन्नै के एमए चिदंबरम स्टेडियम में ऋषभ पंत के लिए मैदान पर उतरना आसान नहीं माना जा रहा था। इससे पहले वह अपने प्रदर्शन के चलते काफी आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। पंत के खिलाफ पिछले कुछ मैचों के दौरान दर्शकों ने 'धोनी.. धोनी.. धोनी' के नारे लगाए थे। हालांकि इस बार ऐसा नहीं हुआ। दबाव में बल्लेबाजी को उतरे पंत ने जब अपने ही अंदाज में हेलिकॉप्टर शॉट लगाया तो स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने 'पंत.. पंत.. पंत' के नारे शुरू कर दिए। जब वह आउट होकर पविलियन की ओर लौट रहे थे, तब भी ऋषभ के लिए वहां मौजूद दर्शकों ने तालियां बजाईं। चेन्नै में 'थाला' का क्रेजचेन्नै को 'थाला' एमएस धोनी का शहर कहा जाता है। चेन्नै में हुए वनडे के दौरान धोनी के नहीं होने के बावजूद पूरा शहर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान से पटा हुआ नजर आया। धोनी के नाम से इस शहर में एक गली भी है। चेन्नै के लोगों के बीच धोनी का क्रेच किस तरह का है, यह इसी साल आईपीएल की शुरुआत से पहले प्रैक्टिस मैच में देखा गया था। तब 'थाला' के फैंस से चेपॉक का स्टेडियम खचाखच भरा था। पढ़ें, 8 विकेट से हारा भारतभारत ने अय्यर (70) और पंत (71) के अर्धशतकों की बदौलत 8 विकेट पर 287 रन बनाए, जिसके बाद वेस्ट इंडीज ने हेटमायर (139) और शाई होप (102) के शतकों के दम पर 2 विकेट पर 291 रन बनाकर मैच जीत लिया। हेटमायर मैन ऑफ द मैच रहे जिन्होंने 106 गेंदों पर 11 चौके और 7 छक्के लगाए।

बिग बाउट बॉक्सिंग लीग: मैरी कॉम हटीं, जरीन निराश December 15, 2019 at 05:11PM

नई दिल्लीतोक्यो ओलिंपिक के क्वॉलिफाइंग टूर्नमेंट के लिए टीम में जगह बनाने को लेकर दिग्गज बॉक्सर एमसी और निकहत जरीन के बीच इस महीने के अंत में ट्रायल प्रस्तावित है। उससे पहले देशभर के खेल प्रेमियों की निगाहें इन दोनों के बीच मंगलवार को बिग बाउट बॉक्सिंग लीग में दिल्ली में होने वाले मुकाबले पर टिकी थीं लेकिन, मैरी ने अनफिट होने का हवाला देकर लीग से नाम वापस ले लिया है। मुकाबले से कतरा रहीं लीग के एक सीनियर अधिकारी ने नवभारत टाइम्स से कहा, 'मैरी कॉम ने लीग के शुरुआत में कहा था कि वह सारे मैच खेलना चाहती हैं लेकिन दूसरे मैच के बाद ही कह दिया कि वह विवादों में नहीं पड़ना चाहतीं। तीसरे मैच के बाद उन्होंने साफ मना कर दिया कि मैं आगे नहीं खेल पाऊंगी क्योंकि मुझे बैक में दिक्कत है। मैरी ने रविवार दोपहर को लिखित में भी यह दे दिया कि वह आगे खेल जारी नहीं रख पाएंगी।' पढ़ें, मैरी के करीबी ने की पुष्टिइस बात की पुष्टि मैरी के एक करीबी ने भी की और कहा, 'मैरी कॉम सभी तीन मुकाबलों में रिंग में उतरीं जबकि बाकी बॉक्सरों ने एक मुकाबला खेलने के बाद 10 दिन आराम किया। इन तीनों मुकाबलों में उन्होंने आसानी से जीत भी दर्ज की। उन्हें बैक में समस्या हो गई है। आगे ट्रायल भी हैं। उससे पहले फिट होना जरूरी है, इसलिए वह लीग में अब नहीं उतरेंगी। वह क्वॉलिफाइंग और ट्रायल्स के लिए तैयारी कर रही हैं।' जरीन ने जताई निराशामैरी कॉम के लीग से हटने पर निकहत ने निराशा जाहिर करते हुए कहा, 'अगर वह नहीं खेल रही हैं तो फिर मेरे खेलने का क्या फायदा। मैं इसलिए लीग में खेलने आई थी कि मैरी से मेरा मुकाबला पूरी दुनिया को देखने को मिलेगा क्योंकि यह टीवी, ऑनलाइन हर जगह आएगा। मैं लीग के जरिए लोगों को दिखाना चाह रही थी कि अगर निकहत ने मैरी कॉम को चैलेंज किया है तो उसके अंदर कुछ है। खैर, मुझे तो खेलना पड़ेगा क्योंकि मैं इतनी बड़ी प्लेयर नहीं हूं कि बीच में नाम वापस ले लूं।' पढ़ें, ट्रायल पर भी सस्पेंसइस महीने 27-28 तारीख को मैरी-निकहत में ट्रायल भी होने हैं। बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर राजकुमार सचेती ने इस बारे में कहा, 'किसने कहा कि निकहत और मैरी में ट्रायल होगा। हमारी पॉलिसी वही है जो पहले थी। पॉलिसी यह है कि चार बॉक्सर्स में ट्रायल होंगे। इनमें दो नैशनल के गोल्ड और सिल्वर मेडलिस्ट, एक वर्ल्ड चैंपियनशिप की प्रतिभागी और एक बॉक्सर अभी जितने कॉम्पिटिशन हो रहे हैं, उनमें से तय होगा। हां, इन दिनों निकहत नंबर-1 हैं इसलिए उनकी संभावना सबसे ज्यादा है।' निकहत को नहीं मिला जवाबइस बारे में जब निकहत से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मुझे पता था कि आखिरी समय पर मेरे साथ ऐसा ही होगा। मुझे फेडरेशन ने खुद लीग में खेलने के लिए कहा था। ट्रायल के लिए जो प्रावधान हैं, इसकी जानकारी मुझे पहले से थी और मैंने सचेती सर को लीग में खेलने से पहले ही कहा भी था कि ट्रायल में मुझे किस आधार पर जगह मिलेगी। उन्होंने कुछ बताया नहीं। अगर ऐसा ही है तो फिर लीग के परफॉर्मेंस को देखें। मैं किसी से भी नहीं हारी हूं।'

कैंसर से लड़ी जंग, श्यामली ने फिर जीता सिल्वर December 15, 2019 at 04:32PM

कोलकातालंबी दूरी के धावकों को कई बाधाओं को तोड़ना होता है और पश्चिम बंगाल के मिदनापुर की ने ऐसी ही कई चुनौतियों से पार पाते हुए टाटा स्टील कोलकाता 25के (25 किमी) दौड़ में रविवार को यहां भारतीय महिला खिलाड़ियों के बीच सिल्वर मेडल हासिल किया। बेहद ही गरीब किसान परिवार से संबंध रखने वाली श्यामली को दो साल पहले ट्यूमर (कैंसर) का पता चला लेकिन इसने भी उनके हौसलों को पस्त नहीं होने दिया। अपने पति सह कोच संतोष की मदद से उन्होंने 2017 में मुंबई मैराथन में भाग लिया और तीन घंटे आठ मिनट 41 सेकंड के समय के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। इससे उन्हें पुरस्कार राशि के तौर पर चार लाख रुपये मिले जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपने इलाज के लिए किया। दो साल के बाद कैंसर पर जीत दर्ज कर उन्होंने दमदार वापसी की और कोलकाता 25के में महिला वर्ग में किरणजीत कौर के बाद दूसरे स्थान (एक घंटा 39 मिनट और 2 सेकंड) पर रहीं। पढ़ें, इलाज के लिए चाहिए थे पैसेअपने संघर्ष को याद करते हुए श्यामली ने कहा, ‘हमारी स्थिति अच्छी नहीं थी। मेरे पति संतोष मेरे कोच भी है। हमें इलाज के लिए पैसे की जरूरत थी इसलिए हमने मिलकर संघर्ष करने का फैसला किया। मैंने मुंबई मैराथन में भाग लिया। मैं इसमें शीर्ष तीन में रहने को लेकर प्रतिबद्ध थी जिससे इलाज के लिए पैसे मिल सके।’ शरीर में हो गई पानी की कमीरविवार को वह यहां 17 किलोमीटर तक भारतीय महिला धावकों में शीर्ष पर थीं लेकिन पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आने के कारण उन्हें अपनी गति धीमी करनी पड़ी। इस दौरान उनके शरीर में पानी की कमी हो गई। उन्होंने कहा,‘मुझे डॉक्टर से सलाह लेनी होगी लेकिन मैं पांच हजार, 10 हजार मीटर के साथ 25के, हाफ और फुल मैराथन में दौड़ना जारी रखूंगी।'

बैडमिंटन: लक्ष्य सेन ने जीता सीजन का 5वां खिताब December 15, 2019 at 04:43PM

ढाकाभारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी ने रविवार को यहां बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय चैलेंजर के पुरुष एकल का खिताब अपने नाम कर लिया। लक्ष्य ने दमदार प्रदर्शन करते हुए टूर्नमेंट के फाइनल मुकाबले में मलयेशिया के लेओंग जुन हाओ को हराया। मौजूदा सीजन में यह लक्ष्य का पांचवां खिताब है। 18 साल के इस भारतीय खिलाड़ी ने हाओ को सीधे गेम में 22-20, 21-18 से हराया। वह पिछले सात टूर्नमेंट में से पांचवीं बार चैम्पियन बने। इस जीत के बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘अपने पांचवें खिताब के साथ यहां बांग्लादेश में साल का अंत जीत के साथ करके खुश हूं। उम्मीद है अगले साल भी अच्छी फॉर्म जारी रहेगी।’ अन्य भारतीयों में महिला युगल में मनीषा के और ऋतुपर्णा पांडा की जोड़ी को शीर्ष वरीय तान पेअर्ले कोंग ली और थिनाह मुरलीधरन की मलेशियाई जोड़ी से 20-22, 19-21 से हार का सामना करना पड़ा।

भारतीय मूल के सरप्रीत का बुंडेसलीगा के लिए डेब्यू December 15, 2019 at 04:22PM

मुंबईयुवा मिडफील्डर जर्मन लीग (बुंडेसलीगा) में खेलने वाले भारतीय मूल के पहले फुटबॉलर बन गए हैं। सरप्रीत ने शनिवार रात वेर्डर ब्रेमेन के खिलाफ खेले गए मैच में बायर्न म्यूनिख के लिए डेब्यू किया। बायर्न म्यूनिख ने इस मैच में फिलिप कोटिन्हो की हैट-ट्रिक की मदद से वेर्डर ब्रेमेन को 6-1 से करारी मात दी। 20 वर्षीय सरप्रीत ने प्री-सीजन के दौरान रियल मैड्रिड और आर्सेनल के खिलाफ अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया था। आधिकारिक पदार्पण से पहले उन्हें आठ बार बायर्न म्यूनिख के बेंच पर बैठना पड़ा था। न्यू जीलैंड में पैदा हुए सरप्रीत ने पिछले साल न्यूजीलैंड के लिए डेब्यू किया था। उन्होंने भारत की धरती पर अपना पिछला मैच 2018 में इंटकॉन्टिनेंटल कप में न्यू जीलैंड के लिए खेला था। वह इस समय वेलिंगटन फोनिक्स के लिए खेलते हैं। फोनिक्स के लिए वह अब तक 39 मैच खेले हैं।

क्रिकेटर शिवम दुबे के पिता ने कहा- नौकर ने थककर बॉल करने से मना किया तो बच्चों को 20-20 रुपए देकर प्रैक्टिस कराई December 14, 2019 at 07:26PM

भदोही. भारतीय टीम से जुड़े ऑलराउंडर शिवम दुबे रविवार को भारत-वेस्टइंडीज सीरीज से वनडे क्रिकेट में पदार्पण किया। शिवम का परिवार उत्तरप्रदेश के भदोही जिले का रहने वाला है, अब सभी लोग मुंबई में रहते हैं। शिवम के पिता राजेश दुबे की जींस की फैक्टरी थी, जो बाद में घाटे की वजह से बंद हो गई। उन्होंने दैनिक भास्कर से फोन पर बात करते हुए उनके बचपन से जुड़े कई किस्से साझा किए।

शिवम के पिता राजेश बताते हैं- "शिवम जब 4 साल के थे, तब बल्ला लेकर घर के नौकर बटोरन के पास पहुंच जाते थे। उससे वह बॉल कराते थे। एक दिन बटोरन ने आकर मुझसे कहा कि अब मैं थक जाता हूं। बॉलिंग करते हुए परेशान हो जाता हूं। शिवम गेंद बहुत दूर मारता है। उसी दिन शाम को शिवम को घर के सामने ग्राउंड पर ले गया। मैंने पहली बॉल फेंकी, शिवम ने अपने बल्ले से घर की दूसरी मंजिल पर पहुंचा दिया। उसी समय समझ गया था कि, बड़ा होकर क्रिकेटर बनेगा। शिवम के लिए घर में ही पिच बना दी थी। गेंद फेंककर उसकी प्रेक्टिस कराता रहा। 20-20 रुपए में 6 बच्चों को रखा जो उसे बॉलिंग किया करते थे।"

चंद्रकांत सर ने पहचानी प्रतिभा
राजेश दुबे बताते हैं- "साढ़े 4 साल की उम्र में उसे अच्छे कोच दिलाने के लिए कई जगह गया। कोई नहीं मिला। फिर एक दिन मुंबई के हंसराज कॉलेज में एडमिशन कराने गया। देखा बगल के ग्राउंड में बच्चे खेल रहे थे। वहां पहुंचा तो पता चला पूर्व इंडियन प्लेयर चंद्रकांत पंडित कोच हैं। उनसे अनुरोध किया तो बोले 6 से 7 साल के बच्चों को कोचिंग देता हूं। शिवम छोटा है। मैंने अनुरोध किया एक बार टेस्ट ले लीजिए। उन्होंने बात मान लिया और बैंटिंग का मौका दिया। शिवम सभी खिलाड़ियों की गेंद को उठा कर मारने लगा। पहली बार क्रिकेट की गेंद से खेला। चंद्रकांत सर ने तुरंत उसे ले लिया। 2008 तक चंद्रकांत सर के यहां रहा। फिर उसका सेलेक्शन अंडर 14 में गाइड ग्रिल्ड स्कूल टूर्नामेंट में हुआ, जिसमें कभी सचिन और विनोद कांबली ने रिकार्ड बनाया था। यहां शिवम ने 35 विकेट लिए और 350 के ज्यादा रन बनाए।"

खुद करता था शिवम का बॉडी मसाज
राजेश दुबे बताते हैं कि- पढ़ाई के साथ शिवम को खेलने का खूब मौका दिया। वह थक भी जाता था। उसकी थकान को दूर करने के लिए रोज सुबह-शाम उसकी मालिश अपने हाथों से करता था। 20 साल की उम्र तक मैंने ऐसा किया। वो अक्सर कहता था कि पापा एक दिन इंडिया खेलकर आपका सपना पूरा कर दूंगा।

पांच साल काफी संकट भरे रहे
उन्होंने बताया- "2008 से 2013 तक का दौर काफी बुरा रहा। जींस की फैक्ट्री बंद होने से घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। उस समय प्रैक्टिस छूटने से शिवम का वजन 100 किलो हो गया। मेरी तबीयत भी काफी खराब हो गई। किसी तरह बुरे समय से उबरा और 17 साल की उम्र में फिर से उसके साथ लगा। वजन कुछ ही महीनों में 70 किलो तक आ गया। अब वो बेहतरीन प्लेयर बनने लगा था। कई टूर्नामेंट में वो पहचान बनाने लगा।"

मां माधुरी ने भी बेटे को हिम्मत दिया
शिवम की मां माधुरी ने हमें बताया- "मैं बेटे से कभी-कभी कहती थी, हमारे यहां कोई प्लेयर नहीं हैं। लेकिन, तुम हिम्मत मत हारना। बस लक्ष्य जीवन का कुछ भी हो, पिता की मेहनत देख कर आगे बढ़ते रहो। अंधेरी स्थित मकान पर आज लोग बधाई देने पहुंचते है। सभी को फक्र है।



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भदोही के रहने वाले युवा क्रिकेटर शिवम दुबे, इन्होंने रविवार को वनडे में पदार्पण किया।
बचपन में क्रिकेट का बल्ला पकड़े शिवम दुबे की यह तस्वीर उनके मुंबई स्थित घर में लगी है।
शिवम के माता-पिता, जो मुंबई में रहते हैं, इन्होंने दैनिक भास्कर से फोन पर बात कर बेटे की कहानी सुनाई।

कई बार किस्मत आपको वहां ले जाती है, जहां आप जाना नहीं चाहते: अजहरुद्दीन December 15, 2019 at 02:25AM

रेणुका व्यवहारे, मुंबई भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और राजनेता का सफर अभी तक काफी उतार-चढ़ाव भरा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने साल 2000 में उन पर सभी तरह की क्रिकेटीय गतिविधियों से प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने 12 साल तक इसके खिलाफ अदालती लड़ाई लड़ी। 2012 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने उन पर लगा लाइफ टाइम बैन हटा लिया। इस फैसले के बाद भी उन्हें 2017 में हैदराबाद क्रिकेट असोसिएशन (एचसीए) के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से रोका गया। हालांकि, इस साल सितंबर उन्होंने चुनाव लड़ा और जीते। अजहर 19 साल बाद एक बार फिर क्रिकेट में लौट आए हैं, इस बार प्रशासनिक भूमिका में हैं। उन्होंने हमारे सहयोगी दिल्ली टाइम्स से अजहर की खास बातचीत... प्रशासनिक भूमिका में आपके पास चुनौतियां हैं। आप इनका सामना कैसे कर रहे हैं? मैंने प्रशासनिक भूमिका निभाने के बारे में कभी नहीं सोचा था। हैदराबाद क्रिकेट में हालात अच्छे नहीं थे और युवा खिलाड़ी परेशान हो रहे थे। वहां प्रतिभा है लेकिन कोई इंस्फ्रास्टकचर नहीं है। बीते कुछ साल में हमारा नाम भी अच्छा नहीं रहा है। मुझे उम्मीद है कि हम अपने अतीत का गौरव हासिल कर पाएंगे। इसी वजह से मैंने चुनावों में भाग लिया। मैं काफी तेज रफ्तार से काम कर रहा हूं लेकिन मेरे पास जादू की कोई छड़ी नहीं है। एक क्रिकेटर के तौर आप 25 गेंदों पर 50 रन बना सकते हैं लेकिन प्रशासन एक तरह का खेल है। बीसीसीआई ने मैच फिक्सिंग के आरोपों के चलते आप पर साल 2000 में आजीवन प्रतिबंध लगाया था। आपने इसके खिलाफ 12 साल तक अदालत में लड़ाई लड़ी। क्या वह आपके जीवन का सबसे मुश्किल दौर था? वह काफी मुश्किल था। लेकिन इसी के साथ मुझे विश्वास था। मुझमें बेहिसाब सब्र है और उस दौरान इसी बात ने मेरी काफी मदद की। ईश्वर में मेरे विश्वास ने भी मेरी काफी मदद की। कई बार, आपका मुकदर आपको वहां ले जाता है जहां आप जाना नहीं चाहते। मुझे लगता है जो कुछ हुआ वह नियति थी और आप अतीत को नहीं बदल सकती। और अब मैं वहीं पहुंच गया हूं जहां मैं बिलॉन्ग करता हूं। इसके लिए करीब 20 साल लग गए, लेकिन मुझे इस सबसे कोई शिकायत नहीं है। लेकिन 20 साल तो लंबा वक्त होता है... ठीक है, अब इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। जब लोग मेरे बारे में पूर्वग्रह रखते हैं, तो मैं नाराज नहीं होता। मैं चीजों को स्वीकार करना सीख गया हूं। मेरा लालन-पालन मेरे दादा ने किया, उन्होंने मुझे कई अच्छी आदतें सिखाईं। सब्र रखना उनमें से सबसे महत्वपूर्ण है। जब आप अच्छा कर रहे होते हैं तो सब आपके बारे में जानना चाहते हैं, लेकिन जब आपका वक्त खराब चल रहा होता है तो लोगों की राय दूसरी होती है। बेशक, ऐसे लोग हमेशा होते हैं जो अच्छे-बुरे वक्त में आपके साथ रहते हैं। आपकी उपलब्धियों का सम्मान करते हैं। जब मैंने क्रिकेट खेलना छोड़ा, तब भी कुछ लोग ऐसे थे जो मेरे करीब रहना चाहते थे। इसका अर्थ यह था कि मैंने कुछ न कुछ सही किया था। अगर आप एक अच्छे इनसान हैं और लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं, तो आपको लंबे समय तक याद किया जाएगा। बाकी सब अस्थायी है। अब जब आप क्रिकेट में लौट आए हैं, तो आपकी सबसे बड़ी सीख क्या रही? मैंने किसी पर भी आरोप न लगाना सीखा है। आप जब दूसरों को दोषी ठहराना शुरू करते हैं, तो इसका कोई अंत नहीं। आपको अपनी लड़ाइयां खुद लड़नी पड़ती हैं। कई लोग मुझसे पूछते हैं कि किसी ने मेरे पक्ष में क्यों नहीं बोला (मैच फिक्सिंग के आरोपों के दौरान) और क्या इसका मुझ पर असर पड़ा। लेकिन मुझे किसी के समर्थन की उम्मीद नहीं थी, तो मुझे बिलकुल बुरा नहीं लगा। अगर मैंने उनके साथ की उम्मीद की होती तो मुझे बुरा लगता। आपका बेटा, मोहम्मद असदुद्दीन भी क्रिकेटर है। आप उसे सबसे जरूरी कौन सी सलाह देना चाहेंगे? मेरे बेटे में प्रतिभा है लेकिन उसे उसका इस्तेमाल भी करना होगा। वह 29 साल को हो चुका है लेकिन वक्त आपके लिए कभी भी बदल सकता है। मैंने जनवरी 1984 में अपना डेब्यू किया और फिर उसके बाद जिस भी टूर्नमेंट में मुझे चुना गया, मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। उस साल दिसंबर तक मैंने टीम में अपनी जगह बना ली थी। मुझे 365 दिन लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बाद यह मौका मिला था। कई बार यह प्रक्रिया थोड़ी धीमी होती है, कई बार बहुत तेज होती है। हर किसी का अपना सफर होता है, तो आपको कभी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। असदुद्दीन की शादी सानिया मिर्जा की बहन अनम से हुई है। यह दो खेल परिवारों का साथ आने जैसा है... दोनों परिवार काफी खुश हैं। आखिर उन्होंने शादी करने का फैसला किया। खेल परिवारों से जुड़े होना अलग बात है, शादी दो व्यक्तियों का निजी फैसला है और उनकी खुशी सबसे जरूरी होती है। 2016 में आपके जीवन पर एक फिल्म- अजहर- बनी थी। इसमें इमरान हाशमी ने आपकी भूमिका निभाई थी। जिस तरह आपको स्क्रीन पर दिखाया गया क्या आप उससे खुश थे? फिल्ममेकर्स ने वह किया जो उन्हें ठीक लगा। वह इसे काफी बेहतर बना सकते थे। चित्रण अच्छा था, लेकिन मुझे लगता है कि मेरे क्रिकेट और मेहनत को अधिक दिखाया जाना चाहिए। मुझे इसकी कमी लगी। क्रिकेट की बात करें तो मौजूदा भारतीय क्रिकेट टीम के बारे में आप क्या सोचते हैं, खास तौर पर को लेकर, जो आजकल काफी दबाव झेल रहे हैं? हमारे पास इस समय दुनिया का बेस्ट बोलिंग अटैक और कुल मिलाकर बहुत अच्छी टीम है। जब तक हम काफी खराब न खेलें तब तक हमें कोई हरा नहीं सकता। मैं इस टीम की कप्तानी करके काफी खुश होता। हमारे दिनों में चीजें काफी आराम से होती थीं, हम कहीं भी बाहर जाकर कुछ खा सकते थे। आज चीजें काफी प्रफेशनल और सख्त हो गई हैं, जो मुझे लगता है कि एक हिसाब से सही भी है। जहां तक ऋषभ पंत का सवाल है तो वह प्रतिभाशाली हैं, लेकिन आखिर में आपको प्रदर्शन करके दिखाना होगा। उन्हें मौके मिले हैं लेकिन अभी तक वह उसका पूरा फायदा नहीं उठा पाए हैं। सौरभ गांगुली और आप, दोनों पूर्व क्रिकेटर अब प्रशासनिक भूमिका में हैं। क्या आपको लगता है कि इससे खेल को फायदा होगा? बेशक, यह हमेशा बेहतर होता है चूंकि क्रिकेटर होने के नाते आप खिलाड़ियों की मानसिकता को समझते हैं। सौरभ बीसीसीआई का अध्यक्ष बनना डिजर्व करते हैं। उनके पास क्षमता और अच्छे आइडिया हैं। उन्होंने भारतीय टीम की कप्तानी बहुत अच्छी तरह की थी और मुझे लगता है कि वह बीसीसीआई को भी सही दिशा में लेकर जाएंगे।

आबिद अली टेस्ट और वनडे डेब्यू में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज, बाबर आजम की भी सेंचुरी December 15, 2019 at 01:53AM

खेल डेस्क. पाकिस्तान आबिद अली टेस्ट और वनडे में डेब्यू टेस्ट सेंचुरी लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए। रावलपिंडी में श्रीलंका के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में आखिरी दिन पहली पारी में आबिद ने नाबाद 109 रन बनाए। डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले वो पाकिस्तान के 12वें बल्लेबाज हैं। मार्च में उन्होंने वनडे डेब्यू ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दुबई में किया था। इस मैच में आबिद ने 112 रन बनाए थे। बाबर आजम ने भी रावलपिंडी टेस्ट के आखिरी दिन नाबाद 102 रन की पारी खेली। बारिश के कारण ज्यादातर खेल नहीं हो सका। यह मैच ड्रॉ रहा।

आबिद और बाबर की लंबी साझेदारी
श्रीलंका ने मैच के पांचवे दिन 6 विकेट पर 308 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। उनकी तरफ से मिडल ऑर्डर बल्लेबाज धनंजय डिसिल्वा ने शतक लगाया। मैच में परिणाम की कोई गुंजाइश नहीं थी। लिहाजा, श्रीलंका के कप्तान दिमुथ करुणारत्ने ने पारी घोषित कर दी। जवाब में पाकिस्तान ने आखिरी दिन का खेल खत्म होने तक 2 विकेट पर 252 रन बनाए। शान मसूद 0 जबकि कप्तान अजहर अली 36 रन पर आउट हुए। दूसरा और आखिरी टेस्ट कराची में 19 दिसंबर से खेला जाएगा।


टेस्ट डेब्यू पर शतक लगाने वाले पाकिस्तानी बल्लेबाज
खालिद अब्दुल्लाह (166), जावेद मियांदाद (163), सलीम मलिक (100 नाबाद), मोहम्मद वसीम (109 नाबाद), अली नकवी (115), अजहर महमूद (128 नाबाद), यूनिस खान (107), तौफीक उमर (104), यासिर हमीद (170 और 105- दोनों पारियों में शतक), फवाद आलम (168), उमर अकमल (129) और आबिद अली (109)।

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रावलपिंडी में अपने डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने के बाद आबिद अली।

डिविलियर्स को संन्यास से वापसी के लिए मनाऊंगा: बाउचर December 15, 2019 at 01:38AM

जोहानिसबर्ग साउथ अफ्रीका के नवनियुक्त मुख्य कोच ने कहा है कि वह सहित हाल में संन्यास लेने वाले कुछ खिलाड़ियों को अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप से पहले साउथ अफ्रीका की टीम में वापसी के लिए मनाने का प्रयास करेंगे। बाउचर को शनिवार को 2023 तक साउथ अफ्रीका का मुख्य कोच नियुक्त किया गया और उनका पहला बड़ा टूर्नमेंट ऑस्ट्रेलिया में होगा, जिसमें अभी 10 महीने का समय है। 'ईएनपीएनक्रिकइंफो' ने बाउचर के हवाले से कहा, 'जब आप वर्ल्ड कप में जाते हैं तो आप चाहते हैं कि आपके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी आपके लिए खेलें। अगर मैं मानता हूं कि वह (डिविलियर्स) हमारे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं तो मैं उसके साथ बात क्यों नहीं करना चाहूंगा। मैं अभी पद संभाला है, मैं कुछ खिलाड़ियों के साथ बात कर सकता हूं और देखूंगा कि वे किसी स्थिति में हैं।' उन्होंने कहा, 'आप विश्व कप में अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चाहते हैं और अगर इसके लिए आपको मीडिया, टीम के साथियों के साथ कुछ मुद्दों को सुलझाने की जरूरत पड़े और यह साउथ अफ्रीका के लिए अच्छा हो तो फिर ऐसा क्यो नहीं करें।' साउथ अफ्रीका के महानतम खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले पूर्व कप्तान डिविलियर्स ने पिछले साल मार्च में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था और अब दुनिया भर के फ्रैंचाइजी आधारित टूर्नमेंटों में खेल रहे हैं। बाउचर ने कहा कि साउथ अफ्रीका को टी20 वर्ल्ड कप में अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की जरूरत है और वह कोलपैक करार करने वाले खिलाड़ियों की उपलब्धता का स्वागत करेंगे।

जावेद मियांदाद ने कहा- विराट और टीम इंडिया सियासी ने सियासी मकसद के लिए आर्मी कैप पहनी थी December 15, 2019 at 01:13AM

खेल डेस्क. पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने आरोप लगाया है कि विराट कोहली और टीम इंडिया ने आर्मी कैप सियासी मकसद के लिए लगाए थे। मियांदाद 8 मार्च को रांची में खेले गए उस मैच की बात कर रहे थे। तब पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए रांची में टीम इंडिया आर्मी कैप लगाकर मैदान में उतरी थी। जावेद ने अब इसकी नकल की है। वो रावलपिंडी में पाकिस्तान-श्रीलंका टेस्ट के दौरान बतौर मेहमान पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तानी फौज की कैप लगाई।

आईसीसी ने ठुकरा दी थी पाकिस्तान की आपत्ति
8 मार्च को जब टीम इंडिया ने आर्मी कैप लगाई तो इसके पहले बीसीसीआई ने बाकायदा आईसीसी से इसके लिए मंजूरी ली थी। पाकिस्तान ने जब टीम इंडिया के कदम को राजनीति से प्रेरित बताया तो आईसीसी ने उसकी आपत्ति खारिज कर दी। अब जावेद इस मामले को तूल देने की कोशिश कर रहे हैं। उनका आरोप है कि रांची में विराट और भारतीय टीम ने सियासी मकसद पूरे करने के लिए आर्मी कैप लगाए थे।

विवादों के अतिथि
पाकिस्तान में 10 साल बाद टेस्ट क्रिकेट की वापसी हुई है। श्रीलंकाई टीम पाकिस्तान के रावलपिंडी में टेस्ट खेल रही है। इसके बाद यह टीम कराची में दूसरा और आखिरी टेस्ट खेलेगी। पहले टेस्ट में मियांदाद और श्रीलंका के बांडुला वर्नापुरा को विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। इसी दौरान मियांदाद आर्मी कैप लगाकर आए और दर्शकों के साथ सेल्फी भी ली। मीडिया ने जब उनसे इस बारे में सवाल किया तो मियांदाद नाराज हो गए। कहा, “मैंने आर्मी कैप इसलिए लगाई क्योंकि मैं फौज के प्रति अपना लगाव जाहिर करना चाहता हूं। बचपन से मेरा सपना था कि मैं फौजी बनूं। अगर मैंने ये कैप पहनी है तो क्या गलत किया। विराट कोहली और टीम इंडिया ने तो सियासी मकसद पूरा करने के लिए फौजी कैप लगाई थी।”

जावेद मियांदाद रावलपिंडी टेस्ट में पाकिस्तानी फौज का कैप लगाए नजर आए थे।
जावेद मियांदाद रावलपिंडी टेस्ट में पाकिस्तानी फौज का कैप लगाए नजर आए थे।


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8 मार्च 2019 को टीम इंडिया रांची वनडे में आर्मी कैप लगाकर मैदान में उतरी थी।

पाक दौरा करने के लिए प्लेयर्स पर दबाव नहीं डालेगा BCB December 15, 2019 at 01:04AM

ढाका () के प्रमुख नजमुल हसन ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान का दौरा करने के लिए अपने खिलाड़ियों पर दबाव नहीं डाल सकता। बीसीबी का कहना है कि अगर आगामी प्रस्तावित सीरीज के लिए सुरक्षा क्लियरेंस मिल भी जाती है तो भी खिलाड़ियों पर पाकिस्तान जाने को लेकर दबाव डालना उचित नहीं होगा। (PCB) ने आगामी सीरीज के लिए जो कार्यक्रम भेजा है, उसके मुताबिक दोनों टीमों के बीच जनवरी और फरवरी में दो टेस्ट और दो टी-20 मुकाबले खेले जाने हैं। ऐसे में जबकि इस सीरीज के लिए बीसीबी को सुरक्षा क्लियरेंस का इंतजार है, हसन मानते हैं कि इन सब तमाम बातों के बावजूद खिलाड़ियों पर पाकिस्तान जाने को लेकर दबाव नहीं बनाया जा सकता है और इसके लिए खिलाड़ियों की रजामंदी सबसे जरूरी है। हसन ने कहा, 'हम अपने खिलाड़ियों को पाकिस्तान जाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। अगर कोई खिलाड़ी वहां नहीं जाना चाहता तो फिर वह नहीं जाएगा। हम किसी पर दबाव नहीं बनाएंगे। और फिर यह रिप्लेसमेंट टीम को लेकर चर्चा करने का समय नहीं है। हम हालात के मुताबिक काम करेंगे।' बीसीबी ने इससे पहले बांग्लादेश की महिला राष्ट्रीय टीम और बांग्लादेश की यू-16 टीमों को पाकिस्तान दौरे पर भेजा था। पाकिस्तान में 10 साल के अंतराल के बाद इंटरनैशनल क्रिकेट शुरू हो चुका है। बीते महीने श्रीलंकाई टीम सीमित ओवरों की सीरीज के लिए पाकिस्तान गई थी और अब वह टेस्ट सीरीज खेलने पहुंची है। इससे उत्साहित पीसीबी ने बीसीबी के सामने कराची में दिन-रात का टेस्ट मैच खेलने का प्रस्ताव रखा था।

एक वेटर को क्यों ढूंढ रहे सचिन, लोगों से की अपील December 14, 2019 at 11:39PM

मुंबई को उस वेटर की तलाश है, जिसकी सलाह पर उन्होंने अपने एल्बो गार्ड को रिडिजाइन किया था। सचिन ने अपने ट्विटर एकाउंट पर एक विडियो साझा किया है, जिसमें वह उस घटना के बारे में बात कर रहे हैं। मास्टर ब्लास्टर ने बताया कि किस तहर वेटर की सलाह ने उनकी बैटिंग स्किल को बदलकर रख दिया। सचिन ने लिखा है, ‘मैं चेन्नै के ताज कोरोमंडल में टेस्ट सीरीज के दौरान एक स्टाफ से मिला था। मेरी उसके साथ एल्बो गार्ड को लेकर बात हुई थी। उसी की सलाह पर मैंने अपना एल्बो गार्ड रिडिजाइन किया था। मैं नहीं जानता कि वह अभी कहां है और मैं उससे मिलना चाहता हूं। क्या आप लोग उस वेटर की तलाश में मेरी मदद कर सकते हैं।’ सचिन ने कहा कि उन्हें अच्छी तरह याद है कि वह वेटर एक दिन उनके कमरें में आया था। वह कॉफी लेकर आया था। उसने उनसे एल्बो गार्ड पहनकर खेलते हुए बैट स्विंग के बारे में बात की थी। सचिन ने अपने विडियो में कहा, ‘उसने मुझसे कहा था कि एल्बो गार्ड पहनकर खेलते हुए मेरा बैट स्विंग बदल जाता है। वह मेरा बड़ा फैन था और मेरे एक्शन को कई बार देखता था। मैंने उससे कहा था कि तुम सही हो और दुनिया के पहले ऐसे इंसान हो, जिसने इस कमी को पकड़ा है। इसके बाद मैं मैदान से जब अपने कमरे में आया तब मैंने अपना एल्बो गार्ड रिडिजाइन किया था।’

तो डि विलियर्स की होगी इंटरनैशनल क्रिकेट में वापसी December 14, 2019 at 10:34PM

जोहानिसबर्गसाउथ अफ्रीकी क्रिकेट टीम के नवनियुक्त मुख्य कोच ने कहा है कि वह टी-20 विश्व कप को देखते हुए अब्राहम डि विलियर्स सहित कुछ खिलाड़ियों को संन्यास से वापसी करने का अनुरोध कर सकते हैं। 35 साल के डि विलियर्स दक्षिण अफ्रीकी टीम के सभी फॉर्मेट में कप्तान रहे थे। मार्च 2018 में डि विलियर्स ने संन्यास ले लिया था। इसके बाद से वह टी-20 फ्रेंचाइजी आधारित टूर्नामेंट में सक्रिय हैं। बाउचर ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘जब आप विश्व कप में जाते हैं तो आप चाहते हैं कि आपके श्रेष्ठ खिलाड़ी खेलें। मैं मानता हूं कि डि विलियर्स हमारे सबसे अच्छे खिलाड़ियों में से एक रहे हैं और ऐसे में उनसे वापसी के लिए कहा जा सकता है। मैं अभी अभी इस काम में लगा हूं और हो सकता है कि आने वाले समय में मैं उनसे वापसी के लिए अनुरोध करूं। साथ ही मैं कुछ अन्य खिलाड़ियों से भी इसी तरह का अनुरोध कर सकता हूं।’ बाउचर ने कहा, ‘आप चाहते हैं कि आपके सबसे अच्छे खिलाड़ी विश्व कप में खेलें। अगर आपको इसके लिए कुछ मुद्दों को सुलझाना पड़ता है और अगर यह देश के लिए अच्छा है तो फिर ऐसा करने में कोई हर्ज नहीं।’ बाउचर ने यह भी कहा कि वह चाहेंगे कि वे खिलाड़ी भी दक्षिण अफ्रीका का रुख करें जो बीते कुछ समय में कोलपाक के तहत काउंटी क्रिकेट खेलने चले गए हैं।

बांग्लादेश के पाकिस्तान दौरे पर असमंजस बढ़ा, सरकार ने अब तक बीसीबी को मंजूरी नहीं दी December 14, 2019 at 10:00PM

खेल डेस्क. बांग्लादेश के जनवरी-फरवरी में पाकिस्तान दौरे पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। बांग्लादेश सरकार ने अपने क्रिकेट बोर्ड को अब तक दौरे की मंजूरी नहीं दी है। दूसरी तरफ, बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने भी साफ कर दिया है कि अगर खिलाड़ी पाकिस्तान दौरे के लिए तैयार नहीं होते तो उन पर किसी तरह कादबाव नहीं डाला जाएगा। बांग्लादेश को फरवरी में पाकिस्तान जाना है। वहां तीन टी-20 और दो टेस्ट मैच खेले जाने हैं।

बीसीबी अध्यक्ष ने कहा- सरकार की तरफ से सुरक्षा रिपोर्ट पर जवाब नहीं आया
बीसीबी प्रेसिडेंट नजमुल हसन ने मीडिया से बातचीत में कहा, “सुरक्षा विशेषज्ञों का एक दल पिछले दिनों पाकिस्तान के हालात का जायजा लेने गया था। इसने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है,लेकिन अब तक हमें वहां से कोई जवाब नहीं मिला। उम्मीद है कि कुछ दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी।” बीसीबी ने अंडर-16 और महिला टीम को पाकिस्तान जाने की मंजूरी दी। लेकिन मुख्य टीम सरकार की हरी झंडी के बगैर दौरा नहीं कर सकती।

11 साल से पाकिस्तान नहीं गई बांग्लादेश टीम
बांग्लादेश की नेशनल क्रिकेट टीम ने 2008 में आखिरी बार पाकिस्तान दौरा किया था। वैसे, सिर्फ सरकार की मंजूरी मात्र से ही यह दौरा तय नहीं हो जाएगा। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कई बांग्लादेशी खिलाड़ी पाकिस्तान नहीं जाना चाहते और वो इस बारे में बोर्ड को बता चुके हैं। पाकिस्तानदौरे पर तीन टी-20 लाहौर में 23, 25 और 27 जनवरी को खेले जाने हैं। दो टेस्ट फरवरी में होने हैं। ये रावलपिंडी और कराची में खेले जाएंगे।



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बांग्लादेश मीडिया के मुताबिक, बांग्लादेश के कई खिलाड़ी पाकिस्तान दौरे पर जाने के इच्छुक नहीं हैं। (फाइल)