Thursday, July 2, 2020

ईशांत शर्मा ने कहा- मैंने माही को 2013 के बाद ठीक से समझा, वे हमेशा युवाओं की मदद करते हैं, कभी भी कमरे में आने से नहीं रोका July 02, 2020 at 08:06PM

भारतीय तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने कहा कि उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को 2013 के बाद ठीक से समझा है। उन्होंने धोनी के साथ काफी समय बिताया और समझा कि पूर्व भारतीय कप्तान मैदान के अंदर और बाहर हमेशा शांत ही रहते हैं। इसी लिए उन्हें कैप्टन कूल कहा जाता है। वे हमेशा युवाओं की मदद करते हैं और कभी भी कमरे में आने से नहीं रोकते।

ईशांत ने धोनी की कप्तानी में ही तीनों फॉर्मेट वनडे, टेस्ट और टी-20 में डेब्यू किया है। हालांकि, सीनियर तेज गेंदबाज ने पिछला वनडे जनवरी 2016 और टी-20 अक्टूबर 2013 में खेला था। वे टेस्ट में रेगुलर प्लेयर हैं।

कमरे में आने से धोनी ने किसी को नहीं रोका, शमी सबसे ज्यादा जाते थे
ईशांत ने स्टार स्पोर्ट्स के क्रिकेट कनेक्टेड शो में कहा, ‘‘मेरी धोनी के साथ बातचीत बहुत कम होती थी। मैंने धीरे-धीरे उनसे बातचीत शुरू की और 2013 के बाद सही से उन्हें समझ पाया हूं। अब मुझे पता चला कि वे कितने शांत हैं। वे कितने अच्छे से युवाओं से बात करते हैं और कैसे उनसे पेश आते हैं, यह भी समझ सका हूं। वह मैदान पर भी ऐसे ही होते हैं। उन्होंने अपने कमरे में आने से कभी भी हमें मना नहीं किया। आप मोहम्मद शमी से पूछ सकते हैं, वे धोनी के कमरे में ज्यादा जाते हैं। वे हमेशा से ही ऐसे रहे हैं।’’

धोनी एक साल से टीम से बाहर चल रहे
तेज गेंदबाज ईशांत ने देश के लिए 97 टेस्ट में 297 और 80 वनडे में 115 विकेट लिए हैं। 14 टी-20 में उनके नाम 8 विकेट हैं। वहीं, धोनी ने अब तक 90 टेस्ट में 4876, 350 वनडे में 10773 और 98 टी-20 में 1617 रन बनाए हैं। उनके नाम आईपीएल के 190 मैच में 4432 रन हैं। धोनी एक साल से भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं। उन्होंने पिछला मैच जुलाई 2019 में वनडे वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल खेला था।



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ईशांत ने 97 टेस्ट में 297 और 80 वनडे में 115 विकेट लिए हैं। वहीं, धोनी के नाम 90 टेस्ट में 4876 और 350 वनडे में 10773 रन हैं। -फाइल फोटो

इंग्लैंड के ऑलराउंडर सैम करन में दिखे कोरोना के लक्षण, मैच से 5 दिन पहले सेल्फ-आइसोलेशन में; रिपोर्ट का इंतजार July 02, 2020 at 07:06PM

इंग्लैंड के ऑलराउंडर सैम करन वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज से 5 दिन पहले बीमार हो गए हैं। उनमें कोरोनावायरस के लक्षण दिखाई दिए हैं। करन होटल में ही सेल्फ-आइसोलेशन में हैं। यह जानकारी इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने गुरुवार को दी। करन अब वॉर्म-अप मैच भी नहीं खेलेंगे।

ईसीबी के मुताबिक, करन को डायरिया की शिकायत है। उनका गुरुवार को ही कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल ले लिया गया है। फिलहाल, रिपोर्ट का इंतजार है। डॉक्टरों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है।

प्रैक्टिस मैच में करन ने नाबाद 15 रन बनाए
कोरोनावायरस के बीच करीब 3 महीने बाद इस इंग्लैंड-वेस्टइंडीज सीरीज से इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी हो रही है। मैच से पहले इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने आपस में ही वॉर्म-अप मैच खेला है। इसके पहले दिन करन ने नाबाद 15 रन बनाए थे। हालांकि, अब वे इस प्रैक्टिस मैच से हट गए हैं।

बगैर दर्शकों के होगी सीरीज
पहला मुकाबला 8-12 जुलाई तक साउथैम्पटन के एजिस बॉल में होगा, जबकि बाकी दो टेस्ट ओल्ड ट्रैफर्ड में 16 से 20 जुलाई और 24-28 जुलाई तक खेले जाएंगे। तीनों मैच सुरक्षित स्टेडियम में कराए जाएंगे। सीरीज बगैर दर्शक के ही होंगे।



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सीरीज से पहले इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने आपस में वॉर्म-अप मैच खेला। पहले दिन सैम करन ने नाबाद 15 रन बनाए। हालांकि, अब वे इस प्रैक्टिस मैच से हट गए हैं।

वेस्टइंडीज के ब्रेथवेट ने कहा- खिलाड़ियों का घुटना टेकना सिर्फ दिखावा, रंगभेद के खिलाफ मजबूत कानून बनाने की सबसे ज्यादा जरूरत July 02, 2020 at 06:40PM

वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर कार्लोस ब्रेथवेट ने कहा कि रंगभेद के विरोध को लेकर खिलाड़ियों का घुटने टेकना सिर्फ दिखावा है। इस भेदभाव को समाज से खत्म करने के लिए मजबूत कानून बनाने की सबसे ज्यादा जरूरत है। हाल ही में अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद दुनियाभर में खिलाड़ियों ने मैदान पर घुटने के बल बैठकर रंगभेद के खिलाफ विरोध जताया है। विरोध का यह एक सिंबोल बन गया है।

वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच 8 जुलाई से 3 टेस्ट की सीरीज खेली जानी है। इसके साथ ही कोरोनावायरस के बीच करीब 3 महीने बाद इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी हो रही है। इस सीरीज में रंगभेद के खिलाफ अभियान को सपोर्ट करने के लिए वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाड़ी ब्लैक लाइव्स मैटर लोगो वाली टी-शर्ट पहनेंगे।

समाज की मानसिकता में बदलाव की जरूरत
ब्रेथवेट के हवाले से बीबीसी ने लिखा, ‘‘मैदान पर घुटने टेकना या फिर बैज लगाना ही काफी नहीं है। अब मानसिकता में बदलाव लाना होगा। मेरे हिसाब से यह एक दिखावा है। एक बड़े तौर पर बदलाव के लिए कानून में बदलाव करना होगा। समाज में भी लोगों को मानसिकता बदलने की जरूरत है।’’

काले व्यक्ति को लोग हमेशा गलत ही मानते हैं
ब्रेथवेट ने कहा, ‘‘जब हम किसी सुपरमार्केट में काले व्यक्ति को देखते हैं, तो हम खुद ही सोच लेते हैं कि वह गलत व्यक्ति होगा। इसके बाद गार्ड आता है और उसे बाहर निकाल देता है। यह एक बड़ा मुद्दा है कि क्यों हमारी सोच इतनी छोटी है। इस पर चर्चा करने की बजाय हम घुटने टेक देते हैं।’’

ऑर्चर की सफलता ने कई लोगों के लिए रास्ते खोले

बारबाडोस केजोफ्रा आर्चर इंग्लैंड के लिए स्टार गेंदबाज बनकर उभरे हैं। इस पर ब्रेथवेट ने कहा कि उसकी सफल ने दुनियाभर में मौजूद उसके जैसे कई जोफ्रा आर्चर के लिए रास्ते खोल दिए हैं। इंग्लैंड ने 2019 वर्ल्ड कप खिताब जीता था। टूर्नामेंट में आर्चर टीम के लिए अहम खिलाड़ी साबित हुए थे। उन्होंने फाइनल में सुपर ओवर फेंका था।

26 मई को फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था
अमेरिका के मिनेपोलिस में 26 मई को धोखाधड़ी के एक मामले में फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान एक पुलिस अफसर ने फ्लॉयड को सड़क पर ही गिरा दिया था और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब 8 मिनट तक दबाए रखा। इस कारण उसकी मौत हो गई थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था।

आईसीसी ने खिलाड़ियों का सपोर्ट किया
फ्लॉयड की मौत के बाद दुनियाभर के खेल जगत में भी रंगभेद के खिलाफ विरोध शुरू हो गया था। वेस्टइंडीज के कप्तान जेसन होल्डर, डेरेन सैमी, क्रिस गेल, ड्वेन ब्रावो समेत कई खिलाड़ियों ने भी विरोध जताया। इसके बाद इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने भी इन खिलाड़ियों का सपोर्ट किया था।



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कार्लोस ब्रेथवेट (बाएं) ने कहा- समाज में मानसिकता बदलने की जरूरत है। हाल ही में इंग्लैंड के क्लब लिवरपुल के खिलाड़ियों ने घुटने के बल बैठकर रंगभेद का विरोध जताया था (दाएं)। -फाइल फोटो

जब हैडली ने पकड़ा था 'कैच ऑफ द सेंचुरी' July 02, 2020 at 06:49PM

नई दिल्ली आज सर का जन्मदिन है। उन्हें क्रिकेट की दुनिया के सर्वकालिक महान तेज गेंदबाजों में शामिल किया जाता है। न्यूजीलैंड के इस दिग्गज क्रिकेटर का जन्म 3 जुलाई 1951 को ऑकलैंड में हुआ था। उनकी रफ्तार, एक्सूरेसी और लगातार गेंदबाजी करने की क्षमता ने कीवी टीम को नए मुकाम पर पहुंचाया। लंबे समय तक वह न्यूजीलैंड की गेंदबाजी आक्रमण की बागडोर अकेले संभाले रहे। टेस्ट में 400 विकेट लेने वाले पहले बोलर टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट लेने वाले वह पहले गेंदबाज थे। भारत के संजय मांजरेकर हैडली के 400वें शिकार बने थे। उन्होंने 86 टेस्ट मैचों में 431 विकेट लिए। पकड़ा 'कैच ऑफ द सेंचुरी' न्यूजीलैंड की टीम ने ऑस्ट्रेलिया में तब तक कोई टेस्ट मैच नहीं जीता था। सन 1985-86 में ब्रिसबेन में उन्होंने गेंद से धमाल किया और पहली पारी में 52 रन देकर नौ विकेट लिए। उन्होंने मैच में कुल 15 विकेट अपने नाम किए। क्रिकेट के इतिहास का दूसरा पारी में 10 विकेट हैडली के ही नाम होता अगर उन्होंने शानदार कैच लपककर वॉन ब्राउन को उनका पहला टेस्ट विकेट न दिलवाया होता। उनके इस निस्वार्थ खेल के लिए इसे 'कैच ऑफ द सेंचुरी' भी कहा गया। गेंदबाजी में कमाल हेडली ने टेस्ट क्रिकेट में 36 बार पारी में पांच विकेट लिए यह किसी तेज गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कहा जाएगा। 36 में से 21 पारी में 5 विकेट विदेशी धरती पर आए। यह मुरलीधरन के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है हालांकि तेज गेंदबाजों के लिहाज से देखें तो यह बेस्ट है। बल्ले से भी उपयोगी प्रदर्शन रिचर्ड हैडली ने 86 टेस्ट मैचों में 50.8 के स्ट्राइक रेट से 431 विकेट तो लिए ही साथ ही 3124 रन भी बनाए। इसके अलावा वनडे मे भी उनके नाम 158 विकेट और 1751 रन रहे। परिवार में कई क्रिकेटर हेडली के पिता वॉल्टर हेडली ने न्यूजीलैंड के लिए 11 टेस्ट मैच खेले। वहीं पत्नी केरेन हेडली ने भी कीवी टीम का प्रतिनिधित्व किया। रिचर्ड हैडली कुल पांच भाई थे जिनमें से बैरी हैडली और डेरल हैडली ने भी न्यूजीलैंड की टीम का हिस्सा रहे।

पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष श्रीनिवासन ने कहा- मनोहर ने भारतीय क्रिकेट को नुकसान पहुंचाया, अब वे भाग गए July 02, 2020 at 05:29PM

पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने कहा कि शशांक मनोहर ने बतौर आईसीसी चेयरमैन रहते भारतीय क्रिकेट को काफी नुकसान पहुंचाया। आईसीसी में बोर्ड के महत्व को भी घटाया। मनोहर ने बुधवार को आईसीसी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह इमरान ख्वाजा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया है। इंग्लैंड के कोलिन ग्रेव्स नए चेयरमैन की रेस में सबसे आगे हैं।

श्रीनिवासन ने कहा कि उनके इस्तीफा देने से भारतीय क्रिकेट में शामिल सभी लोग खुश हैं। आईसीसी इवेंट को लेकर भी वे हमारे खिलाफ थे। लेकिन वे अब आईसीसी से भाग गए, क्योंकि उन्हें पता था कि वे अब भारतीय नेतृत्व का कुछ नहीं कर सकते।

मनोहर को अपने कार्यकाल की समीक्षा करना चाहिए
बीसीसीआई के पूर्व सचिव निरंजन शाह ने कहा कि अब वे आराम के दौर में होंगे और इस दौरान उन्हें बतौर आईसीसी चेयरमैन अपने कार्यकाल की समीक्षा करनी चाहिए। उन्हें देखना चाहिए कि उनके कार्यकाल के दौरान बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट का कितना नुकसान हुआ है। शाह ने कहा, ‘बीते कुछ सालों में बीसीसीआई ने काफी कुछ झेला है। आईसीसी ने इस दौरान भारत में क्रिकेट और बीसीसीआई को हुए नुकसान का फायदा उठाया है।’

भारत में 2021 और 2023 में दो बड़े इवेंट होंगे
भारत में आईसीसी के दो बड़े इवेंट 2021 में टी-20 और 2023 में वनडे वर्ल्ड कप होना है। टैक्स छूट को लेकर पिछले दिनों खबर आई थी कि भारत से 2021 में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी छिनी जा सकती है।



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श्रीनिवासन (बाएं) ने कहा- शशांक मनोहर (दाएं) के इस्तीफा देने से भारतीय क्रिकेट में शामिल सभी लोग खुश हैं। आईसीसी इवेंट को लेकर भी भारत के खिलाफ थे। -फाइल फोटो

मंकीगेट विवाद पर बोले हरभजन, उसे वर्ल्ड वॉर 3 बना दिया July 02, 2020 at 05:55PM

नई दिल्ली साल 2007-08 की ऑस्ट्रेलिया सीरीज में और के बीच हुए विवाद की चर्चा आज भी होती है। वह विवाद इतना बढ़ गया था कि दोनों देशों के क्रिकेट संबंधों पर खतरा मंडराने लगा था। साल उस घटना को इतने साल बीत जाने के बावजूद इस विवाद ने हरभजन का पीछा नहीं छोड़ा है। हालांकि खुद हरभजन का कहना है कि इसे जरूरत से ज्यादा तूल दिया गया। मुद्दे को वर्ल्ड वार 3 बना दियाशुक्रवार को अपने 40वें जन्मदिन के मौके पर नवभारत टाइम्स के साथ खास बातचीत में उन्होंने कहा, जो हुआ उसे जरूरत से ज्यादा हवा दी गई। मामला वहीं का वहीं ग्राउंड पर सुलझ सकता था। मैदान में सौ ऐसी चीजें होती हैं जो मैच रेफरी या मीडिया तक नहीं पहुंचतीं। मैदान पर खिलाड़ी एक-दूसरे को स्लेज करते हैं तो उसको मीडिया तक लेकर नहीं जाते। मगर उस मामले को ऐसा बना दिया गया था जैसे कि वर्ल्ड वॉर 3 हो। इतनी बड़ी बात थी नहीं। हमारी उपलब्धियों को याद नहीं रखते हरभजन हालांकि मानते हैं कि जो भी हुआ वह सही तो नहीं था क्योंकि उस टूर को लोग गलत वजहों से याद रखते हैं। हम उस टूर की उपलब्धियों को ज्यादा याद नहीं करते। तब भारत ने पर्थ में टेस्ट मैच जीता था। हमारे दौर में पहली बार वहां वनडे की सीरीज जीती थी। हमें व्यक्तिगत रूप से कोई समस्या नहीं क्या उनकी इस बारे में ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटरों से बात हुई? इस सवाल के जवाब में भारत के दूसरे सबसे कामयाब स्पिनर ने मान कि सायमंड्स, रिकी पॉन्टिंग और मैथ्यू हेडन से इस विवाद पर कई बार चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हम सभी का मानना है कि चीजें तब की तब वहीं पर रोक देनी चाहिए थीं। हममें से कोई नहीं चाहता कि इस तरह का विवाद हो जिस पर उम्र भर जवाब देना पड़े। आज मैं कह सकता हूं कि व्यक्तिगत तौर पर हममें से किसी को किसी के साथ समस्या ना थी और ना अब है। मैदान पर गरमा-गरमी हो जाती है हरभजन ने कहा, 'हां, मैदान पर जब आप देश का प्रतिनिधित्व करते हैं तो कई बार इस तरह की बहस और गरमा गरमी हो जाती है। आज हम सभी दोस्त हैं। हम यही सोचते हैं कि जिंदगी को एंजॉय करना चाहिए। मैं किसी के साथ ईर्ष्या नहीं रखता और मुझे लगता है कि इनमें से तीनों मेरे साथ ईर्ष्या नहीं रखते। उस घटना के बाद हम जब-जब मिले हैं बहुत हंसकर मिले हैं और अच्छा वक्त बिताया है।'

एवर्टन वीक्स: नहीं रहा कोटला में पहली सेंचुरी जड़ने वाला बल्लेबाज July 02, 2020 at 04:30PM

वेस्टइंडीज के साथ इंग्लैंड टीम भी टेस्ट सीरीज में ब्लैक लाइव्स मैटर लोगो वाली टी-शर्ट पहनेगी, आईसीसी की मंजूरी July 02, 2020 at 04:50PM

वेस्टइंडीज की तरह इंग्लैंड टीम भी टी-शर्ट पर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ का लोगो लगाकर सीरीज खेलेगी। दोनों टीमों के बीच 3 टेस्ट की सीरीज का पहला मैच 8 जुलाई से खेला जाएगा। आईसीसी ने इसकी मंजूरी पहले ही दे दी है।

इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है कि अश्वेत समुदाय के साथ एकजुटता दिखाई जाए। समानता और न्याय को लेकर जरूरी जागरूकता पैदा की जाए।’ उन्होंने कहा कि इस काम में इंग्लैंड के खिलाड़ी और मैनेजमेंट एकजुट है, जहां भी नस्लवादी पूर्वाग्रह मौजूद है उसे हटाने के उद्देश्य से हम अपना समर्थन देंगे।

क्रिकेट इतिहास में यह बड़ा बदलाव
विंडीज के कप्तान जेसन होल्डर ने इसे बड़ा बदलाव बताया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इसके खिलाफ मजबूत से आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है। सभी को जागरुकता के लिए मदद करना चाहिए। यह खेल, क्रिकेट और वेस्टइंडीज टीम के इतिहास में बड़ा बदलाव है। हम यहां इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज खेलने आए हैं, लेकिन इसके साथ दुनिया में चल रहे बराबरी और न्याय की लड़ाई में भी साथ दे रहे हैं।’’

फुटबॉल मैचों में भी ऐसी ही टी-शर्ट पहनी गई थी
इसी तरह की लोगो वाली टी-शर्ट इस महीने की शुरुआत में फिर से शुरू हुई प्रीमियर लीग के सभी 20 फुटबॉल क्लबों की टीमों के खिलाड़ियों ने पहनी थी। ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ लोगों को ग्राफिक्स डिजाइनर अलीशा होसान्ना ने तैयार किया है, जिनके पार्टनर ट्रॉय डेनी वाटफोर्ड फुटबॉल क्लब के कप्तान हैं।

टी-शर्ट के कॉलर पर लगेगा लोगो
ट्रॉय डेनी ने इस लोगों वाली टी-शर्ट की मंजूरी के लिए दोनों क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी और सीडब्ल्यूआई) और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से संपर्क किया था। ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ का लोगो खिलाड़ियों की टी-शर्ट के कॉलर पर लगा होगा।



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वेस्टइंडीज टीम के कप्तान जेसन होल्डर ने कहा- किसी भी सीरीज से पहले एंटी-डोपिंग और एंटी-करप्शन के साथ एंटी-रेसिज्म को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाए।

40वें बर्थडे पर बोले भज्जी, पहले से ज्यादा फिट July 02, 2020 at 04:25PM

नई दिल्ली अगले बुधवार का इंतजार क्रिकेट-जगत को बेसब्री से है। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच उस दिन से साउथैम्पटन में टेस्ट मैच खेला जाएगा। इस मैच के साथ ही तकरीबन 100 दिनों के बाद इंटरनैशनल क्रिकेट की वापसी होगी। अगर यह सफल रहा तो इसको दुनिया के हर देश में अपनाया जाएगा। का आज जन्मदिन है। पेश है उनके साथ हुई एक्सक्लूसिव बातचीत। पिछले कुछ महीने से दुनिया एक अलग ही संकट से गुजर रही है। क्या इस दौरान जीवन के प्रति आपके नजरिए में बदलाव आया?बहुत सी चीजें बदल गई हैं। निजी जीवन पूरा ही बदल गया है। सोच इंसानियत की तरफ झुक गई है। हम बहुत सी चीजों को टेकेन फॉर ग्रांटेड लेते थे। जैसे एक से दूसरी जगह जाना…दूसरी से तीसरी जगह जाना। लागातार ट्रेवल करना। इस दौरान आप फैमिली को टाइम नहीं दे पाते थे। इस दौरान आप फैमिली के साथ ज्यादा रहे। जिन लोगों से बहुत दिनों से संपर्क में नहीं थे उनके साथ फिर से जुड़े। पुरानी चीजें थोड़ी सी वापस आई हैं। इंसानियत वापस आई है। हम एक दूसरे की मदद करने के लिए भी आगे आए। मैंने भी जितना हो सका लोगों की मदद की। जब मैंने देखता था कि लोग पैदल ही बीवी बच्चों के साथ चले जा रहे हैं तब दिल टूट जाता था। ऐसा नहीं हो सकता कि आपके पास सब कुछ हो और दूसरे लोग इतनी तकलीफ में हैं। जिंदगी की दौड़ में भागते रहने के दौरान आप बहुत सी बातों पर सोच नहीं पाते। लेकिन लॉकडाउन में इंसानियत और जागी है। कम से कम मेरे अंदर तो मैं कह सकता हूं कि इंसानियत और जागी है। पिछले तीन-चार महीनों में आपने बहुत कुछ हटकर नहीं किया लेकिन सीखने को बहुत कुछ मिला है। शायद भगवान का एक तरीका था हमें सिखाने का कि जिंदगी में हम उन चीजों के पीछे भागते रहते हैं जिनका शायद बहुत लाभ नहीं है। कुछ नया सीखा आपने इस दौरान?कुकिंग। पहले कुछ आता ही नहीं था। एकाध बार किचन में गया था लेकिन बहुत रुचि नहीं थी। अब तो कोई ऐसी सब्जी नहीं, कोई दाल नहीं जो बना नहीं सकता। लॉकडाउन का यह भी एक फायदा हुआ। कह सकते हैं कि मेरी शख्सियत के साथ यह एक ‘दूसरा’पहलू जुड़ा। इस बार का जन्मदिन कैसे मनाएंगे?घर में परिवार के साथ छोटी-मोटी कुछ प्रथा होगी वह कर लूंगा क्योंकि यह समय सेलिब्रेशंस का नहीं है। खुशियों वाला टाइम नहीं है। लोग जिस दौर से गुजर रहे हैं और जूझ रहे हैं उनके लिए दुआ करूंगा कि जल्द ही इस महामरी से बाहर आएं। कोई यादगार जन्मदिन? जब टीम जीती हो या फिर आपने जबर्दस्त प्रदर्शन किया हो और उसके बाद धूमधाम से जन्मदिन मना हो?जन्मदिन तो मेरा स्पेशल तभी हुआ करता था जब मेरे पिता जी मेरे लिए केक लाया करते थे। उन दिनों हमारे पास खर्चा करने के लिए उतने पैसे नहीं थे। लेकिन परिस्थितियां कुछ भी हों कोई पिता अपने बच्चे के लिए हैसियत से ज्यादा करने की कोशिश करता है। मेरे पिता जी हमेशा मेरे लिए जन्मदिन पर केक लाते थे। मेरे गली मोहल्ले के बच्चे आते थे। हम सब मिलकर जिस तरह जन्मदिन मनाते थे वही मेरे दिल के काफी करीब है। जुलाई के पहले 10 दिनों में चार बड़े भारतीय क्रिकेटरों का जन्मदिन आता है। आपका 3 को, 7 जुलाई को महेंद्र सिंह धोनी का, 8 को सौरभ गांगुली का और 10 जुलाई को सुनील गावसकर का। कभी ऐसा हुआ है कि एक साथ सभी किसी टूर पर रहे हों और हफ्ते भर तक जन्मदिन मनाने का सिलसिला चला हो?मुझे सबके साथ जन्मदिन मनाने का तो याद नहीं लेकिन हां धोनी के साथ जरूर ऐसा कई बार हुआ है। मेरा जन्मदिन मनता था और उसके चार दिन बाद उनका रहता था। ऐसे मौके कई आए हैं जब हम साथ रहे और हमने एक के बाद एक जन्मदिन मनाए हैं। सौरभ गांगुली भविष्य में अगर आईसीसी को लीड करते हैं तो क्या वर्ल्ड क्रिकेट को इसका बहुत लाभ मिलेगा? खेल के लिए आगे बहुत चुनौतियां हैं।कोई भी क्रिकेटर अलग-अलग परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करते हुए ही आगे बढ़ता है तो वह इस पोजिशन पर रहकर बेहतर सोच सकता है। वह यह सोच सकता है कि क्रिकेट और खिलाड़ियों के लिए मौजूदा परिस्थितियों में क्या जरूरी है। सौरव शानदार कप्तान और खिलाड़ी रहे हैं। बहुतों के लिए रोल मॉडल रहे हैं। हममें से कितने खिलाड़ी उनकी तरह बनना चाहते थे। अब उनके पास यह दिखाने का समय है कि एक प्रशासक के तौर पर कैसे सही कामों को आगे रखते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए लेगेसी छोड़ जाते हैं। उन्होंने बहुतों को प्रेरित किया है और मुझे लगता है कि इन पदों पर भी रहकर प्रेरणा देने का काम जारी रखेंगे। मेरी तमाम शुभकामनाएं उनके साथ हैं। आप 40 साल के हो गए। आगे क्या सोचा है?पिछले तीन-चार महीनों के दौरान मैंने अपनी बॉडी पर काफी वक्त दिया है। फिटनेस को लेकर काफी काम किया है। छह महीने पहले से तुलना करूं तो अब मैं ज्यादा फिट हूं। मैं ज्यादा एक्सरसाइज नहीं कर रहा था। फिटनेस को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहा था। लॉकडाउन के दौरान मेरे पास समय ही समय था। देखता हूं कि आगे खेलने की कितनी लालसा रहती है। अगर लगता है कि मजा आ रहा है तो कड़ी मेहनत जारी रखूंगा और खेलूंगा नहीं तो कुछ और सोचूंगा। आगे जो कुछ भी होगा वह खेल से ही जुड़ा होगा। इस खेल ने मुझे सब कुछ दिया है। आगे मैं देखूंगा कि खेल को कैसे वापस कुछ दे सकूं। वह फिर चाहें एडमिनिस्ट्रेटिव रोल हो या फिर कोचिंग का रोल या फिर एडवाइजर का रोल हो। जब तक जीवन है तब तक इस खेल का शुक्रिया अदा करता रहूंगा। किसी ना किसी रोल में इसको कुछ योगदान देकर। आपके करियर के सबसे यादगार लम्हे और वह क्षण जब आप बहुत हताश हुए हों?जिंदगी में सबसे ज्यादा निराश,हताश या दुखी हुआ हूं तो तब जब मेरे पिता जी मेरे साथ नहीं रहे। वह मेरे लिए बहुत मुश्किल समय था। मैं नहीं चाहूंगा कि ईश्वर ऐसा समय किसी को भी दिखाए। भगवान सबके पिता की उम्र लंबी करे यही दुआ करता हूं। खेल के मैदान से जुडी बात करें तो 2007 वर्ल्ड कप की हार मेरे करियर की सबसे हताशा भरी थी। हम दो-तीन महीने बहुत ज्यादा डिप्रेशन में थे कि आखिर यह क्या हो गया हमारे साथ। इतनी अच्छी टीम थी लेकिन आगे नहीं बढ़ पाए। हम अपने आप को कोस रहे थे क्योंकि तब टीम का माहौल उतना अच्छा नहीं था। तब हम एक दूसरे के साथ मिलजुल कर खेल नहीं पाए। इसी वजह से पहले ही दो मैचों में बांग्लादेश और श्रीलंका से हारकर बाहर हो गए। उपलब्धियों की बात करूं तो सबसे खुशी वाला पल वह था जब मैं पहली बार भारत के लिए सिलेक्ट हुआ था। दूसरी बार जब मैंने 2001 में एक सीरीज में 32 विकेट लिए और हैटट्रिक ली। फिर 2007 का टी20 वर्ल्ड कप और 2011 का वर्ल्ड कप जीतना भी मेरे दिल के काफी करीब है। 2007-08 की ऑस्ट्रेलिया की वह विवादित सीरीज कैसे याद करते हैं? तब आप एंड्रू साइमंड्स वाले मामले में गलत वजहों से सुर्खियों में थे। जो हुआ उसे जरूरत से ज्यादा हवा दी गई। मामला वहीं का वहीं ग्राउंड पर सुलझ सकता था। मैदान में सौ ऐसी चीजें होती हैं जो मैच रेफरी या मीडिया तक नहीं पहुंचती। मैदान पर खिलाड़ी एक-दूसरे को स्लेज करते हैं तो उसको मीडिया तक लेकर नहीं जाते। मगर उस मामले को ऐसा बना दिया गया था जैसे कि वर्ल्ड वॉर 3 हो। इतनी बड़ी बात थी नहीं। लेकिन जो भी हुआ वह सही तो नहीं था क्योंकि उस टूर को लोग गलत वजहों से याद रखते हैं। हम उस टूर की उपलब्धियों को ज्यादा याद नहीं करते। तब भारत ने पर्थ में टेस्ट मैच जीता था। हमारे दौर में पहली बार वहां वनडे की सीरीज जीती थी। साइमंड्स, रिकी पॉन्टिंग और मैथ्यू हेडन से उस मामले में कभी बात हुई हो?हमने कई बार इस पर बात की है। हम सभी का मानना है कि चीजें तब की तब वहीं पर रोक देनी चाहिए थीं। हममें से कोई नहीं चाहता कि इस तरह की कॉन्ट्रोवर्सी हो जिस पर उम्र भर जवाब देना पड़े। आज मैं कह सकता हूं कि व्यक्तिगत तौर पर हममें से किसी को किसी के साथ समस्या ना थी और ना अब है। हां, मैदान पर जब आप देश का प्रतिनिधित्व करते हैं तो कई बार इस तरह की बहस और गरमा गरमी हो जाती है। आज हम सभी दोस्त हैं। हम यही सोचते हैं कि जिंदगी को एंजॉय करना चाहिए। मैं किसी के साथ ईर्ष्या नहीं रखता और मुझे लगता है कि इनमें से तीनों मेरे साथ ईर्ष्या नहीं रखते। उस घटना के बाद हम जब-जब मिले हैं बहुत हंसकर मिले हैं और अच्छा वक्त बिताया है। 8 जुलाई का इंतजार सबको है जब तकरीबन 100 दिनों के बाद इंटरनैशनल क्रिकट की मैदान पर वापसी होगी। रिटर्न ऑफ क्रिकेट किस तरह की रहेगी? बहुत कुछ बदला बदला होगा?बड़ा चैलेंज है। कैसे क्रिकेट होगा। ब्रॉडकास्टर कैसे प्रेजेंट करेंगे मैच, सबके सामने वह बड़ा चैलेंज है। क्रिकेट मैदान पर जैसा होता है वह तो हमें दिखेगा, लेकिन वह हमारे सामने प्रेजेंट कैसे हो रहा है, इसके पीछे जितने लोग लगे हैं उनके लिए क्या चुनौतिया हैं…कैसे काम कर रहे हैं वह, देखना होगा। बैट और बॉल की लड़ाई तो होगी लेकिन मैदान पर दर्शक आएंगे नहीं। एक नए तरीके की चीज है। नई सोच है। देखते हैं कि इसको किस तरीके से सफल बनाया जा सकता है। यह एक तरह का ट्रायल है। अगर सब कुछ सही रहा तो दूसरे देश भी इसको अपनाएंगे। इसी की कॉपी करेंगे। सब कुछ इस मैच की सफलता पर निर्भर करेगा। लार के इस्तेमाल पर बैन होगा। स्पिनर्स को इसका क्या नुकसान होगा?चाहे वह फिंगर स्पिनर हो या फिर रिस्ट स्पिनर अगर गेंद के ऊपर चमक है तो फिर आपको हवा में ड्रिफ्ट मिलेगी। अगर वह नहीं है और बॉल के ऊपर या बॉल के दोनों तरफ से चमक चली गई है या पुरानी हो गई है तो समस्या तो होगी। बॉल जिस तरह हवा को काटती है वह उस तरह से काटेगी नहीं। शायद गेंद स्पिन उतना ही हो लेकिन आप स्पिनर के तौर पर बैट्समैन को जिस तरह गच्चा देते हैं वह नहीं हो पाएगा। स्पिनर बैट्समैन को एयर में या लूप में गच्चा देता है। लूप तो बनेगा लेकिन डिप नहीं मिलेगा। यह गेंद की चमक से मिलता है। एयर में थोड़ी-सी…हल्की-सी स्पिन देखने को नहीं मिलेगी। बल्लेबाज को चकमा देना आसान नहीं होगा। ऐसे में बैटिंग आसान हो जाएगी। बोलर्स के लिए चुनौतियां तो बढ़ेंगी ही। चाहे वह स्पिनर हों या फास्ट बोलर। आप नया बॉल 10-15 ओवर तक ही स्पिन करा सकते हैं। आपके हिसाब से इसका समाधान क्या है?आपको अंपायर्स को कोई आर्टिफिशल चीज देनी पड़ेगी और उसकी मात्रा तय करनी पड़ेगी। इस बात की अनुमति हो कि आप मैच के दौरान उसका इस्तेमाल एक सीमित मात्रा में कर सकें। ऐसी चीज हो जिससे गेंद की चमक बरकरार रखी जा सके। खिलाड़ियों के लिए इस दौरान कोई और समस्या देखते हैं?यह देखना होगा कि खिलाड़ी बचपन की अपनी आदत पर कैसे काबू पाते हैं। जब से खेलना शुरू करते हैं उनकी आदत बन जाती है मुंह के पास हाथ ले जाने की। वह लार से गेंद को चमकाते रहते हैं। खिलाड़ियों के लिए यह बड़ा चैलेंज होगा।

श्रीलंका के कप्तान रहे संगकारा से 10 घंटे पूछताछ, उनके सपोर्ट में क्रिकेट बोर्ड के ऑफिस के बाहर लोगों का प्रदर्शन July 02, 2020 at 04:23PM

आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2011 फाइनल में फिक्सिंग के मामले में श्रीलंका के कप्तान रहे कुमार संगकारा से गुरुवार को करीब 10 घंटे पूछताछ हुई। पूर्व खेल मंत्री महिंदानंदा अलुथगामागे के आरोप के बाद स्पेशल टीम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संगकारा के समर्थन में लोगों ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया।

फैंस का कहना है कि गलत आरोप लगाकर संगकारा समेत अन्य खिलाड़ियों को परेशान किया जा रहा है। पिछले दो दिन में 2011 में मुख्य चयनकर्ता रहे अरविंद डीसिल्वा और फाइनल के ओपनर उपुल थरंगा से पूछताछ हो चुकी है। फाइनल में शतकीय पारी खेलने वाले महेला जयवर्धने को भी बुलाया गया है। वर्ल्ड कप के बाद संगकारा ने टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया था।

डी सिल्वा ने बीसीसीआई से जांच करने को कहा
महिंदानंद के आरोपों के बाद डी सिल्वा ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से भी फिक्सिंग की जांच कराने की अपील की थी। डी सिल्वा ने कहा था- बीसीसीआई की जांच में मेरी जरूरत होगी तो मैं भारत आने को तैयार हूं।

भारत 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीता था
2011 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल में टीम इंडिया श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर 28 साल बाद वर्ल्ड चैम्पियन बनी थी। इस मैच में श्रीलका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट खोकर 274 रन बनाए थे। महेला जयवर्धने ने 103, कुमार संगकारा ने 30 और कुलशेखरा ने 40 रन बनाए थे।

गंभीर ने 97 और धोनी ने नाबाद 91 रन बनाए थे

लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत खराब रही थी। लसिथ मलिंगा ने सचिन और सहवाग को जल्दी आउट कर दिया था। बाद में गौतम गंभीर और महेंद्र सिंह धोनी ने मोर्चा संभाला। गंभीर 97 पर आउट हो गए लेकिन तब तक भारत जीत तक पहुंच चुका था। धोनी 91 और युवराज सिंह 21 रन बनाकर नाबाद रहे थे। धोनी ने कुलशेखरा की गेंद पर विजयी छक्का लगाया था।



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2011 वर्ल्ड कप फाइनल में दोबार टॉस हुआ था। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पहली बार में कुमार संगकारा की आवाज नहीं सुन पाए थे। दूसरी बार में भी संगकारा ही टॉस जीते थे।

कई फेडरेशनों के लिए नेशनल चैम्पियनशिप कराना अब और भी मुश्किल, सरकार की मदद के बावजूद दोगुना खर्च आता था, अब डेढ़ गुना और बढ़ेगा July 02, 2020 at 02:24PM

कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में खेल जगत को भारी आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है। भारत में कई ऐसे स्पोर्ट्स फेडरेशन हैं, जिन्हें नेशनल चैम्पियनशिप के लिए लोकल स्पॉन्सर्स भी नहीं मिल रहे हैं। स्विमिंग, आर्चरी, फेंसिंग और जूडो समेत कई फेडरेशन हैं, जो चैम्पिनयशिप के लिए लोकल स्पॉन्सर्स पर ही डिपेंड रहते हैं। क्योंकि, खेल मंत्रालय से इन्हें एक टूर्नामेंट के लिए जो राशि मिलती है, वह खर्च की आधी से भी कम रहती है।

इन फेडरेशन के सामने दूसरी समस्या यह है कि कोरोना के कारण हर एक टूर्नामेंट में करीब डेढ़ गुना खर्च और बढ़ जाएंगे। मंत्रालय की नई एसओपी यानी गाइडलाइंस पर भी अतिरिक्त खर्चे बढ़ेंगे। जैसे- खिलाड़ियों की हर टूर्नामेंट से पहले कोरोना जांच करानीहोगी। पहले होटल के एक रूम में 5 से 6 खिलाड़ी रहते थे, अब एक ही खिलाड़ी को रुकने की मंजूरी होगी।

लोकल उद्योगपति और व्यापारी करते हैं मदद
क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन और टेनिस जैसे खेलों को छोड़ दें तो भारत में ज्यादातर खेल फेडरेशन लोकल स्पॉन्सर्स की मदद से ही टूर्नामेंट करा पाते हैं। यह स्पॉन्सर उद्योगपति, व्यापारी और कई संस्थाएं हैं, जिनकी कोरोना के कारण आर्थिक हालत खराब चल रही है।

लोकल स्पॉन्सर्स तलाश रहे फेडरेशन
कोरोना के चलते देश में अभी बॉडी कॉम्बैट-कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स (जूडो, कुश्ती, कराते, बॉक्सिंग और ताइक्वांडो) की प्रैक्टिस अभी शुरू नहीं हुई है। जिन खेलों की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है, वे अब नेशनल चैम्पियनशिप के लिए विंडो और लोकल स्पॉन्सर्स तलाशने में जुटे हैं।

इस साल स्विमिंग नेशनल चैम्पियनशिप कराना मुश्किल
स्विमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के सेक्रेटरी मोनल चौकसी ने भास्कर से कहा- इस फाइनेंशियल ईयर में चैम्पियनशिप कराना बहुत मुश्किल है। स्विमिंग का तो अभी नेशनल कैंप भी शुरू नहीं हो पाया है। यदि सरकार की मंजूरी के बाद स्विमिंग पूल जुलाई तक खुल भी जाते हैं, तो दिसंबर तक नेशनल चैम्पियनशिप कराने पर विचार किया जा सकता है। चौकसी ने बताया कि सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में 600 स्विमर शामिल होते हैं। जबकि सब-जूनियर और जूनियर नेशनल टूर्नामेंट में 1500 से ज्यादा खिलाड़ी भाग लेते हैं।

सीनियर चैम्पियनशिप में 12 से 15 लाख रुपए का खर्च
किसी भी स्पोर्ट्स की एक सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप कराने में 12 से 15 लाख रुपए का खर्च आता है। जबकि सब-जूनियर और जूनियर चैम्पियनशिप में करीब 25 से 30 लाख रुपए खर्च आता है। यह खर्च शहर (जहां चैम्पियनशिप होना है) के हिसाब से कम या ज्यादा हो सकता है। वहीं, खेल मंत्रालय की तरफ से सभी फेडरेशन को टूर्नामेंट के लिए फिक्स पैसा दिया है। सीनियर चैम्पियनशिप के लिए 5 लाख, सब-जूनियर के लिए 7 और जूनियर नेशनल टूर्नामेंट के लिए 10 लाख लाख रुपए दिए जाते हैं।

पिछली सीनियर फेंसिंग चैम्पियनशिप का खर्च 30 लाख रुपए आया था
फेंसिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) के जनरल सेक्रेटरी बसीर खान ने भास्कर से कहा- पिछले साल दिल्ली में हुई सीनियर नेशनल फेंसिंग चैम्पियनशिप में 600 एथलीट्स शामिल हुए थे। करीब 30 लाख रुपए खर्च आया था। एसोसिएशन ने लोकल स्पॉन्सर की मदद से इस चैम्पियनशिप को आसानी से करा लिया था, लेकिन अब खर्च बढ़ने से परेशानी होगी। स्पॉन्सर तलाशना भी मुश्किल होगा।

जूडो फेडरेशन के पास कोरोना जांच कराने के पैसे भी नहीं
जूडो फेडरेशन ऑफ इंडिया (जेएफआई) के महासचिव मनमोहन जायसवाल ने कहा- नेशनल चैम्पियनशिप को टाल दिया गया है। यदि कोरोना जल्दी कंट्रोल नहीं हुआ तो इस साल टूर्नामेंट होना मुश्किल है। सीनियर चैम्पियनशिप में 700 से ज्यादा खिलाड़ी शामिल होते हैं। जूनियर में 1000 से ज्यादा संख्या होती है। ऐसे में फेडरेशन के पास सभी खिलाड़ियों के कोरोना टेस्ट का पैसा भी नहीं है।

नवंबर में आर्चरी नेशनल चैम्पियनशिप होना मुश्किल
आर्चरी फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआई) के सेक्रेटरी प्रमोद चांडुलकर ने कहा- आर्चरी नेशनल चैम्पियनशिप को नवंबर में कराने का प्लान है, लेकिन खर्च काफी बढ़ गए हैं। स्पॉन्सर भी नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में टूर्नामेंट का होना मुश्किल लग रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना की सभी गाइडलाइंस कासख्ती से पालन करना है। इस कारण चैम्पियनशिप में और ज्यादा समय लग सकता है।

खिलाड़ियों पर अब ज्यादा खर्चे होंगे
उन्होंने कहा- होटल के एक रूम में एक ही खिलाड़ी को रुकना है। साथ ही खिलाड़ियों को स्टेशन से रूम और फिर ग्राउंड तक ले जाने के लिए एक्स्ट्रा बस का इंतजाम करना होगा। स्पोर्ट्स किट से लेकर सभी चीजों को सैनिटाइज करना होगा। ऐसे में टूर्नामेंट के खर्चे डेढ़ गुना और बढ़ जाएंगे।



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Coronavirus Impact In Indian Sports: Local Sponsors Away From Swimming, Archery, Fencing And Judo

'सलाह दी तो पाक क्रिकेटर ने गर्दन पर रखा चाकू' July 02, 2020 at 02:13AM

नई दिल्लीपाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाजी कोच () ने दावा किया कि एक बार जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान पूर्व कप्तान () को कुछ सलाह देने की कोशिश की तो उन्होंने उनकी गर्दन पर चाकू रख दिया था। जिम्बाब्वे के फ्लावर से तब पूछा गया कि उनके कोचिंग करियर के दौरान उन्हें किन मुश्किल खिलाड़ियों से सामना करना पड़ा तो 49 वर्षीय कोच ने यूनिस से जुड़ी घटना याद की। वह 2014 से 2019 तक पाकिस्तान के बल्लेबाजी कोच रहे थे। फ्लावर इस समय श्रीलंका के बल्लेबाजी कोच हैं। उन्होंने ‘फॉलोइंग ऑन क्रिकेट पोडकास्ट’ पर अपने भाई एंडी और मेजबान नील मैंथोर्प के साथ बातचीत में कहा, ‘यूनिस खान...उन्हें सिखाना काफी कठिन है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे ब्रिस्बेन की एक घटना याद है, टेस्ट मैच के दौरान सुबह के नाश्ते पर मैंने उसे कुछ बल्लेबाजी सलाह देने की कोशिश की...लेकिन उसे मेरी सलाह अच्छी नही लगी और वह चाकू मेरी गर्दन तक ले आया, मिकी आर्थर साथ ही बैठे थे, जिन्हें बीच में हस्तक्षेप करना पड़ा।’ फ्लावर ने कहा, ‘हां, यह दिलचस्प रहा, लेकिन यह कोचिंग का हिस्सा है। इससे यह यात्रा काफी मुश्किल हो जाती है और मैंने इसका सचमुच लुत्फ उठाया है। मुझे अभी काफी कुछ चीजें सीखनी हैं लेकिन में काफी भाग्यशाली हूं कि मैं इस मुकाम तक पहुंचा हूं।’ यूनिस को हाल में इंग्लैंड के दौरे के लिए पाकिस्तानी टीम का बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया गया। उन्होंने पाकिस्तान के लिए 118 टेस्ट में 52.05 के औसत से 10,099 रन बनाए हैं। पाकिस्तान के 42 वर्षीय पूर्व स्टार बल्लेबाज ने हालांकि फ्लावर के दावे पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। यूनिस के साथ यह घटना 2016 में ब्रिस्बेन में पाकिस्तान के ऑस्ट्रेलिया दौरे के शुरुआती टेस्ट के दौरान हुई होगी जिसमें वह पहली पारी में शून्य पर आउट हो गए थे और फिर दूसरी पारी में 65 रन बनाने में सफल रहे थे। उन्होंने इस दौरे का अंत तीसरे टेस्ट में 175 रन की नाबाद पारी के साथ किया था। पाकिस्तान हालांकि इस तीन टेस्ट मैचों की सीरीज को 0-3 से गंवा बैठा था। फ्लावर ने पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज को भी दिलचस्प किरदार बताया। उन्होंने कहा, ‘वह काफी कुशल बल्लेबाज हैं, लेकिन काफी बगावती है। हर टीम में कोई विद्रोह करने वाला होता है। कभी कभार यह चीज उन्हें अच्छा खिलाड़ी बना देती है, कभी कभार ऐसा नहीं होता।’

अगला हाफिज सईद... कॉमेंट पर भड़के इरफान July 02, 2020 at 01:32AM

नई दिल्लीदिग्गद बल्लेबाजों के लिए खौफ रहे () ने अपने करियर को लेकर एक बयान दिया था। उन्होंने इस बात से इनकार किया था कि ने उनका करियर बर्बाद किया। इस खबर को एक न्यूज साइट ने ट्वीट किया, जिस पर एक यूजर ने कुछ ऐसा लिखा कि इरफान पठान और उनके चाहने वालों को निराश करने वाला रहा। पठान ने उस कॉमेंट का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर किया है। दरअसल, इरफान ने कहा संन्यास के एक वर्ष बाद कहा कि पूर्व भारतीय कोच चैपल पर उनका करियर बर्बाद करने का आरोप लगाना सही नहीं है। उन्होंने, 'यह सच नहीं है कि ग्रैग चैपल ने मेरा करियर बर्बाद कर दिया। अब चूंकि वह भारतीय नहीं हैं इसलिए उन पर सारा दोष मढ़ना आसान हो जाता है।' रौनक कपूर के साथ ऑनलाइन शो में बात करते हुए इरफान ने ये बातें कहीं। पढ़ें- इस खबर के लिंक पर एक ट्विटर अकाउंट से बेहद ही शर्मनाक कॉमेंट किया गया। पाकिस्तान में जाकर तिरंगा का मान ऊंचा करने वाले इस क्रिकेटर के लिए लिखा- इरफान पठान अगले (आतंकी) बनने के अपने इरादों को छुपा नहीं पा रहे हैं। इसका स्क्रीनशॉट इरफान ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- यह कुछ लोगों की मानसिकता है। हम कहां पहुंच चुके हैं? इसके साथ उन्होंने शर्मनाक और घटिया का टैग भी लगाया। पठान के इस ट्वीट पर फैन्स सपॉर्ट में उतर आए। हालांकि, लोगों का मानना है कि यह फर्जी अकाउंट है और उन्हें ऐसे कॉमेंट्स को इग्नोर करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि पठान इससे पहले एमएस धोनी की कप्तानी और जामिया मुद्दे पर भी बयान देकर चर्चा में रहे।

द्रविड़ के लगातार 4 शतक, फिर न टूटा वह रेकॉर्ड July 02, 2020 at 12:42AM

नई दिल्लीविश्व क्रिकेट में पिछले 70 वर्षों में विव रिचर्ड्स से लेकर सचिन तेंडुलकर तक कई महान बल्लेबाज देखे लेकिन वह भारत के राहुल द्रविड़ थे जो कि सर एवर्टन वीक्स के लगातार पांच पारियों में शतक जड़ने के कारनामे की बराबरी करने के करीब पहुंचे थे। क्लाइड वाल्कॉट और फ्रैंक वारेल के साथ वेस्टइंडीज की मशहूर ‘डब्ल्यू तिकड़ी’ के सदस्य वीक्स का बुधवार को 95 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके नाम पर टेस्ट क्रिकेट में लगातार पारियों में सर्वाधिक पांच शतक लगाने का विश्व रेकॉर्ड है जो पिछले 70 से अधिक वर्षों से अछूता है।

वीक्स ने 48 टेस्ट मैचों में 58.61 की औसत से 4455 रन बनाए जिसमें 15 शतक शामिल हैं। उन्होंने इस बीच मार्च 1948 में इंग्लैंड के खिलाफ किंग्सटन में चौथे टेस्ट मैच में 141 रन बनाए ओर उसके बाद जब वेस्टइंडीज की टीम भारत दौरे पर आई तो दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में लगातार चार पारियों में 128, 194, 162 और 101 रन बनाए। वह छठी पारी में शतक जमाने के करीब थे लेकिन चेन्नै में खेले गए मैच में 90 रन पर रन आउट हो गए थे।

वीक्स ने तब ऑस्ट्रेलिया के जैक फिंगलटन (1936 में) और दक्षिण अफ्रीका के एलन मेलविले (1939 से 1947) के लगातार चार पारियों में शतक जड़ने के रेकॉर्ड को तोड़ा था। वीक्स ने बल्लेबाजों के सामने एक चुनौती पेश कर दी थी जिसके करीब पिछले 70 वर्षों में भारतीय क्रिकेट की दीवार राहुल द्रविड़ ही पहुंच पाए हैं। द्रविड़ ने 2002 के इंग्लैंड दौरे में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उन्होंने चार टेस्ट मैचों में 100.33 की औसत से 602 रन बनाए।

इस बीच उन्होंने लगातार तीन पारियों में शतक जमाए। द्रविड़ ने अगस्त सितंबर में खेली गई इस सीरीज में नॉटिंघम में 115, लीड्स में 148 और ओवल में 217 रन की उत्कृष्ट पारियां खेली। इसके बाद जब वेस्टइंडीज की टीम तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत दौरे पर आई तो द्रविड़ ने मुंबई में खेले गए पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में रिटायर्ड हर्ट होने से पहले 100 रन बनाए और इस तरह से लगातार चार पारियों में शतक जड़ने वाले दुनिया के चौथे बल्लेबाज बने। द्रविड़ के पास 17 अक्टूबर से चेन्नै में शुरू हुए दूसरे टेस्ट मैच में वीक्स की बराबरी करने का मौका था लेकिन वह पहली पारी में केवल 11 रन बनाकर जर्मेन लॉसन की बेहतरीन इनस्विंगर पर बोल्ड हो गए थे। वह हालांकि 1948 के बाद अकेले बल्लेबाज हैं जिन्होंने लगातार चार पारियों में शतक लगाए।

इस बीच कई बल्लेबाजों ने लगातार तीन पारियों में शतक लगाने का कारनामा किया। कुमार संगकारा ने तीन जबकि सुनील गावसकर, अरविंद डिसिल्वा और डेविड वॉर्नर ने दो – दो अवसरों पर लगातार तीन पारियों में सैकड़े ठोके, लेकिन कोई भी इस क्रम को आगे नहीं बढ़ा पाया। भारत के वर्तमान कप्तान विराट कोहली 2017 में द्रविड की बराबरी के करीब पहुंचे थे। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ कोलकाता में नाबाद 104, नागपुर में 213 और दिल्ली में पहली पारी में 243 रन बनाए लेकिन दूसरी पारी में वह 50 रन पर आउट हो गए थे।

ऑस्ट्रेलिया के मार्नस लाबुशाने ने पिछले साल नवंबर-दिसंबर में पाकिस्तान के खिलाफ ब्रिस्बेन में 185 और एडिलेड में 162 रन बनाए। इसके बाद उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ पर्थ में पहली पारी में 143 रन की पारी खेली लेकिन कोहली की तरह दूसरी पारी में अर्धशतक बनाकर पविलियन लौट गए थे।

जहां तक वीक्स का सवाल है तो उन्होंने भारतीय गेंदबाजों को हमेशा अपने निशाने पर रखा था। उन्होंने भारत के खिलाफ दस टेस्ट मैचों में 106.78 की औसत से 1495 रन बनाए जिसमें सात शतक शामिल हैं। वीक्स ने अपना सर्वोच्च स्कोर 207 रन भी भारत के खिलाफ 1953 में पोर्ट स्पेन में बनाया था।

IPL का बाहर जाना तय, कहां हो सकता है आयोजन! July 01, 2020 at 11:33PM

नई दिल्ली इंडियन प्रीमियर लीग का 13वां सीजन में करवाए जाने की सभी संभावनाओं को देखा जा रहा है। इस पर आखिरी घोषणा करने से पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के भविष्य पर फैसले का इंतजार कर रहा है। इस वर्ल्ड का आयोजन अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में प्रस्तावित था। मामले को करीब से जानने वाले बीसीसीआई के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि विचार तो लीग को भारत में ही खेलने का था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के हालात तो देखते हुए बोर्ड आखिरकार इस टूर्नमेंट को यूएई या श्रीलंका में आयोजित करवा सकता है। अधिकारी ने कहा, 'हमने अभी यह तय नहीं किया है कि टूर्नमेंट कहां खेला जाएगा लेकिन इस बात की पूरी संभावना है कि इस साल यह विदेश में होगा। भारत में ऐसे हालात लग नहीं रहे कि जहां एक या दो स्थानों पर मैच करवाए जाएं और फिर ऐसा माहौल तैयार किया जाए जो खिलाड़ियों और आम जनता के लिए सुरक्षित हों हालांकि मैच खाली स्टेडियम में ही खेले जाएंगे।' अधिकारी ने कहा, 'इस दौड़ में यूएई और श्रीलंका सबसे आगे हैं। अब लीग का आयोजन कहां करवाना है यह कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को देखते हुए किया जाएगा। लॉजिस्टिक को भी ध्यान में रखना होगा ऐसे में हमें जल्दी फैसला करना होगा।'

मुख्य कोच सिमन्स के पद को खतरा नहीं : क्रिकेट वेस्टइंडीज July 01, 2020 at 06:50PM

सेंट जोन्स (एंटीगा) क्रिकेट वेस्टइंडीज (सीडब्लयूआई) ने अध्यक्ष रिकी स्किरिट ने अपनी राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच फिल सिमन्स का समर्थन करते हुए कहा कि उनके पद को खतरा नहीं है क्योंकि उन्होंने अपने ससुर के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए अनुमति ली थी। क्रिकेट वेस्टइंडीज बोर्ड के सदस्य और बारबाडोस क्रिकेट संघ (बीसीए) के प्रमुख कोंडे रीले ने सिमन्स का इंग्लैंड के खिलाफ आठ जुलाई से शुरू होने वाली तीन टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले जैव सुरक्षित वातावरण से बाहर निकलने को लापरवाही करार दिया था और उन्हें तुरंत बर्खास्त करने की मांग की थी। सीडब्ल्यूआई प्रमुख स्किरिट ने स्पष्ट कर दिया कि सिमन्स के पद को किसी तरह का खतरा नहीं है। स्किरिट ने कान्फ्रेंस कॉल के जरिेए कहा, ‘मैं के प्रशंसकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि क्रिकेट वेस्टइंडीज का सिमन्स को पूरा समर्थन हासिल है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या कहा गया। फिल के पद को इस पत्र से कोई खतरा नहीं है।’ सिमन्स अभी ओल्ड ट्रैफर्ड में स्टेडियम के पास स्थित होटल में पृथकवास पर हैं।

अब घरेलू फर्स्ट क्लास क्रिकेट में देशी कूकाबुरा बॉल के खेलेंगे खिलाड़ी, 4 साल से इस्तेमाल हो रही इंग्लैंड की ड्यूक बॉल को हटाया July 01, 2020 at 10:29PM

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड में ड्यूक बॉल का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है। इसकी जगह इस सीजन 2020-21 में सिर्फ देशी कूकाबुरा बॉल से ही सभी टूर्नामेंट खेले जाएंगे। ड्यूक बॉल इंग्लैंड में, जबकि कूकाबुरा ऑस्ट्रेलिया में ही बनती है।

ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड की कंडीशन में खेलने की तैयारी को लेकर घरेलू क्रिकेट में 2016 से ड्यूक बॉल इस्तेमाल कर रहा था। सीए के क्रिकेट ऑपरेशंस के हेड पीटर रोच ने कहा कि ड्यूक को छोड़ने का फैसला सही समय पर लिया गया है।

एशेज सीरीज के लिए ड्यूक बॉल से प्रैक्टिस सही रही
रोच ने कहा, ‘‘ड्यूक से शुरुआत में प्रैक्टिस करना बेहतर रहा। खासतौर पर इंग्लैंड की मेजबानी में होने वाली एशेज सीरीज के लिए इस बॉल से ट्रेनिंग करना हमारे लिए फायदेमंद रहा है। हम 4 साल से ऑस्ट्रेलिया में इस बॉल से खेल रहे हैं।’’

ऑस्ट्रेलिया समेत ज्यादातर टीमें कूकाबुरा से ही खेलती हैं
उन्होंने कहा कि दुनियाभर के ज्यादातर देशों में कूकाबुरा बॉल से ही क्रिकेट खेला जा रहा है। ऐसे में हमें लगता है कि फिर से इस देशी बॉल का इस्लेमाल करना हमारे गेंदबाजों के लिए चैलेंज होगा। लेकिन, फायदा भी ज्यादा मिलेगा।

ड्यूक बॉल से स्पिन गेंदबाजों को फायदा नहीं
रोच ने कहा, ‘‘हाल ही में यह देखा गया है कि घरेलू क्रिकेट में ड्यूक बॉल से स्पिन गेंदबाज ज्यादा प्रभावशाली साबित नहीं हुए हैं। हमें फर्स्ट क्लास में स्पिनर्स की जरूरत है, ताकि स्पिन गेंदबाजी का सामना करने वाले बल्लेबाज तैयार हो सकें। हमें ऐसे बल्लेबाजों की जरूरत है, जो स्पिनर्स का डटकर सामना कर सकें।’’

भारत की एसजी बॉल स्पिनर्स के लिए ज्यादा मददगार
एसजी बॉल हाथों से बनाई जाती है और स्पिनरों के लिए ज्यादा मुफीद होती है। शुरुआती 10 से 20 ओवर तक ही इसमें नेचुरल स्विंग होता है। गेंद की चमक भी जल्द ही चली जाती है। हालांकि, सीम के मामले में यह बेहतर है। 80-90 ओवर तक मजबूत रहती है।

ड्यूक से तेज गेंदबाजों को मदद
ड्यूक बॉल भी एसजी की तरह हाथों से बनाई जाती है। इसकी नेचुरल स्विंग 50 से 60 ओवर तक रहती है। सीम सीधी होती है, जिससे यह तेज गेंदबाजों के लिए मुफीद बन जाती है। इस बॉल में 20 से 30 ओवर के बाद ही रिवर्स स्विंग मिलनी शुरू हो जाती है। यह रंग में एसजी और कूकाबुरा से ज्यादा गहरी होती है।

कूकाबुरा से बल्लेबाजी करना आसान
ऑस्ट्रेलिया में बनाई जाने वाली कूकाबुरा बॉल हाथ की जगह मशीन से बनाई जाती है। यह 20 से 25 ओवर तक ही नेचुरल स्विंग होती है। इसके बाद बल्लेबाजों के लिए सबसे ज्यादा मुफीद हो जाता है। स्पिनरों के लिए अन्य बॉल की तुलना में कम मददगार होती है।

बॉल के इस्तेमाल को लेकर कोई आईसीसी नियम नहीं
बॉल के इस्तेमाल को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के कोई खास दिशा-निर्देश नहीं हैं। सभी देश अपनी कंडीशन के लिहाज से बॉल का इस्तेमाल करते हैं। भारत में एसजी, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में ड्यूक, जबकि अन्य देशों में कूकाबुरा बॉल का इस्तेमाल किया जाता है।



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ICC Cricket Ball Rules Kookaburra in Australia Duke ball in England SG Test ball Used in Indian Cricket News Updates

मनोहर ने बीसीसीआई का जो नुकसान किया है, उसकी समीक्षा करें : शाह July 01, 2020 at 10:45PM

नई दिल्ली के पूर्व सचिव ने कहा है कि का आईसीसी के चेयरमैन पद से इस्तीफा देना जाहिर सी बात थी और अब उन्हें पलट कर देखना चाहिए कि उन्होंने अपने कार्यकाल में क्या किया। शाह ने कहा कि शशांक मनोहर का आईसीसी के चेयरमैन पद से इस्तीफा देना जाहिर सी बात है। शशांक को इस बात को लेकर मिलेजुले भाव आ रहे होंगे कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए वे क्या कर सकते थे और उनके कार्यकाल में भारत में क्रिकेट के साथ क्या किया गया। उन्होंने कहा, ‘अब वह आराम के दौर में होंगे और इस दौरान उन्हें बतौर आईसीसी चेयरमैन अपने कार्यकाल की समीक्षा करनी चाहिए। उन्हें देखना चाहिए कि उनके कार्यकाल के दौरान बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट का कितना नुकसान हुआ है।’ शाह ने आगे कहा, ‘बीते कुछ वर्षों में बीसीसीआई ने काफी कुछ झेला है। आईसीसी ने इस दौरान भारत में क्रिकेट और बीसीसीआई को हुए नुकसान का फायदा उठाया है। मुझे हालांकि पूरा भरोसा है कि बीसीसीआई की मौजूदा नेतृत्व ईकाई काफी मजबूत है।’

चैपल की गलती नहीं, उन्हें टारगेट करना आसान: पठान July 01, 2020 at 09:42PM

नई दिल्ली इरफान पठान के पास रफ्तार थी। वह गेंद को स्विंग करा सकते थे। बल्ले से भी उपयोगी पारियां खेल सकते थे। उन्हें भविष्य का कपिल देव तक कहा जाने लगा था। गेंद और बल्ले दोनों से वह कमाल दिखा सकते थे। लेकिन इरफान उन ऊंचाइयों को नहीं छू पाए जिनकी उनसे उम्मीद की जा रही थी। इसके पीछे कई लोगों को कई वजह दिखीं। सबसे सामान्य नजरिया यह था कि तब के कोच ने उनका करियर बर्बाद कर दिया। हालांकि अब इरफान ने इस पर अपनी राय रखी है। और उनकी राय आम जनमानस से अलग है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के एक साल बाद पठान ने कहा कि पूर्व भारतीय कोच चैपल पर उनका करियर बर्बाद करने का आरोप लगाना सही नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह सच नहीं है कि ग्रैग चैपल ने मेरा करियर बर्बाद कर दिया। अब चूंकि वह भारतीय नहीं हैं इसलिए उन पर सारा दोष मढ़ना आसान हो जाता है।' रौनक कपूर के साथ ऑनलाइन शो में बात करते हुए इरफान ने ये बातें कहीं। इरफान ने चैपल के बारे में यह भी कहा कि उन्हें गलत समझा गया। चैपल साल 2005-07 के बीच भारतीय टीम के मुख्य कोच थे। उनकी कोचिंग का कार्यकाल काफी विवादों भरा रहा। इनमें सौरभ गांगुली को कप्तानी से हटाना भी एक रहा। गांगुली और चैपल के रिश्ते काफी खराब रहे। वीरेंदर सहवाग और हरभजन सिंह जैसे सितारे खुलकर चैपल की आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि चैपल टीम में दररा पैदा करने की कोशिश कर रहे थे। यहां तक कि सचिन तेंडुलकर ने भी चैपल के कार्यकाल पर 'पानी अब सिर के ऊपर चला गया है।' जैसी टिप्पणी की थी। चैपल की आलोचना इसलिए भी की जाती है क्योंकि कहा जाता है उन्होंने पठान को नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा। कई लोग मानते हैं कि यह पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज का ही आइडिया था। हालांकि पठान ने इस बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह महान खिलाड़ी सचिन तेंडुलकर का आइडिया था और इसका उनकी गेंदबाजी की फॉर्म में गिरावट से कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘सचिन पाजी ने राहुल द्रविड़ को मुझे नंबर तीन पर भेजने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि वह (इरफान) छक्के मारने की ताकत रखते हैं, नई गेंद से तेजी से रन बना सकते हैं और तेज गेंदबाजों को भी अच्छी तरह से खेल सकते हैं, इसलिए उन्हें बल्लेबाजी में ऊपर प्रमोट करना चाहिए।’ पूर्व ऑलराउंडर ने कहा, ‘यह पहली बार तब अमल में लाया गया, जब श्रीलंका के खिलाफ मुरलीधरन अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के चरम पर थे और आइडिया उनके खिलाफ आक्रमण करने का था। दिलहारा फर्नांडो ने उस समय स्पिलिट फिंगर के साथ स्लोअर गेंद फेंकने की शुरुआत की थी और बल्लेबाजों को वह भी समझ में नहीं आ रहा था।’ 35 वर्षीय पठान ने कहा, ‘इसलिए, सोच यह थी कि अगर मैं इससे निपटने में सफल रहा, तो यह टीम के हित में जा सकता है। खासकर यह देखते हुए कि यह सीरीज का पहला मैच था। इसलिए यह कहना सही नहीं है कि चैपल ने मेरा करियर खराब किया। वह चूंकि भारतीय नहीं थे, तो उन्हें टारगेट करना आसान है।’

शादी के पहले 6 महीने में 21 दिन साथ रहे विरुष्का July 01, 2020 at 08:54PM

नई दिल्ली क्रिेकेट और सिनेमा- दोनों में काफी वक्त जाता है। और ऐसे में अकसर खिलाड़ियों और सिने सितारों को अपने परिवार के साथ वक्त बिताने का मौका नहीं मिलता। हालांकि कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन होने से सभी गतिविधियां ठप्प हो गईं। और इसी दौरान खिलाड़ियों और सिनेमा से जुड़े लोगों को अपने परिवार के साथ रहने का मौका मिला। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और इसका उदाहरण हैं। अनुष्का ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि शादी के पहले छह महीनों में उन्होंने और विराट ने 21 दिन से ज्यादा साथ नहीं बिताए थे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि विराट के साथ बिताया गया हर लम्हा खास होता है। विराट ने कहा, 'हम हर दिन एक-दूसरे के प्यार में जीते हैं। हमारा प्यार और सिर्फ प्यार का है। हमें ऐसा लगता है कि हम एक-दूसरे को कुछ साल से ही नहीं बल्कि जन्मों से जानते हैं।' अनुष्का ने एक फैशन पत्रिका से बातचीत में याद किया कि कैसे वे दोनों वीडियो कॉल करते थे या एक-दूसरे से छोटी मुलाकात का वक्त निकालते थे। उन्होंने कहा, 'लोग समझते हैं कि जब मैं विराट से मिलती हूं या विराट मेरे से मिलने आते हैं, तो यह एक छुट्टी है, जबकि ऐसा नहीं है। हममें से एक हमेशा काम कर रहा होता है। दरअसल, शादी के पहले छह महीनों में हमने सिर्फ 21 दिन साथ बिताए। जी, यह बात सही है क्योंकि मैंने हिसाब लगाया है।' कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन की वजह से विराट और अनुष्का काफी समय साथ बिता रहे हैं। वे छत पर क्रिकेट खेलने से लेकर ऑनलाइन शो देख रहे हैं।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ड्यूक्स गेंदों का उपयोग नहीं करेगा क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया July 01, 2020 at 07:40PM

मेलबर्न क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने शैफील्ड शील्ड के आगामी सत्र में ड्यूक्स गेंदों का उपयोग नहीं करने का फैसला किया है। उसने चार सत्र तक कूकाबुरा के साथ ड्यूक्स गेंदों का भी उपयोग किया था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पुष्टि की कि 2020-21 के पूरे प्रथम श्रेणी सत्र में कूकाबूरा गेंदों का उपयोग किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया 2016-17 के सत्र से शैफील्ड मैचों में ड्यूक्स गेंदों का उपयोग कर रहा था ताकि उसके क्रिकेटर इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों के लिए तैयार हो सकें। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट संचालन प्रमुख पीटर रोच ने ड्यूक्स गेंदों का उपयोग नहीं करने के फैसले को सही करार दिया। रोच ने कहा, ‘ड्यूक्स गेंदों का उपयोग करना सार्थक प्रयास था विशेषकर इंग्लैंड में होने वाली एशेज सीरीज को देखते हुए जहां हमारा प्रतिद्वंद्वी ड्यूक्स गेंदों का उपयोग करता है।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि हमारा मानना है कि 2020-21 सत्र में केवल एक तरह की गेंद का उपयोग करने से हमारे खिलाड़ियों को पूरे सत्र में लगातार चुनौती का सामना करना पड़ेगा तथा सीए और प्रांतीय संघ भी अभी ऐसा चाहते हैं। कूकाबूरा गेंद ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और दुनिया के कई हिस्सों में उपयोग की जाती है और हमें इस सत्र में इसका अधिकतम उपयोग करने में फायदे नजर आते हैं।’ रोच ने कहा कि हाल के वर्षों में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में स्पिनरों का प्रभाव कम हुआ और इसने ड्यूक्स का उपयोग नहीं करने के फैसले में अहम भूमिका निभायी। उन्होंने कहा, ‘हमने पाया कि हाल के कुछ सत्र में शैफील्ड शील्ड में स्पिन गेंदबाजों की भूमिका कम हुई है विशेषकर उन मैचों में जिनमें ड्यूक्स गेंदों का उपयोग किया गया था। हम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में स्पिनरों की भूमिका चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे बल्लेबाज स्पिनरों का सामना करें। हमें उम्मीद है कि केवल एक गेंद का उपयोग करने से इस मामले में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।’ रोच ने हालांकि कहा कि भविष्य में ड्यूक्स गेंदों को फिर से उपयोग में लाया जा सकता है।

वेस्टइंडीज के लेजेंड सर एवर्टन का 95 साल की उम्र में निधन, 1948 में डेब्यू के बाद भारत के खिलाफ 4 समेत लगातार 5 शतक लगाए थे July 01, 2020 at 08:28PM

वेस्टइंडीज के पूर्व बल्लेबाज सर एवर्टन वीक्स का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार को बारबाडोस के क्राइस्टचर्च में अंतिम सांस ली। एवर्टन ने 22 साल की उम्र में 21 जनवरी 1948 को डेब्यू किया था। पहला मैच उन्होंने जॉर्ज हेडली की कप्तानी में इंग्लैंड के खिलाफ किंग्सटन ओवल में खेला था। एवर्टन ने आखिरी मैच त्रिनिदाद में पाकिस्तान के खिलाफ 26 मार्च 1958 को खेला था।

सर एवर्टन ने 10 साल के करियर में 48 टेस्ट खेले और 58.61 की औसत से 4455 रन बनाए। उन्होंने 1948 में लगातार 5 शतक लगाए थे। इस दौरान उन्होंने जमैका में इंग्लैंड के खिलाफ 141 रन की पारी भी खेली थी। इसके बाद भारत में 128, 194, 162 और 101 रन बनाए। अपनी अगली पारी में उन्होंने 90 रन बनाए।

वेस्टइंडीज के दो महानतम खिलाड़ियों में शामिल थे
58.61 की औसत के साथ सर एवर्टन सर जॉर्ज हेडली के साथ वेस्टइंडीज के दो महानतम बल्लेबाजों में शामिल थे। एवर्टन टेस्ट के टॉप-10 बल्लेबाजों में शामिल रहे हैं। वहीं, 58.61 की औसत से अब तक सिर्फ 4 बल्लेबाज ही 4000 से ज्यादा रन बना सके हैं। उन्होंने 152 फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच खेले और 55.34 के एवरेज से 12010 रन बनाए। जिसमें नाबाद 304 रन भी शामिल है। टेस्ट में उनका बेस्ट स्कोर 207 रन था।

हॉल ऑफ फेम के सदस्य भी रहे सर एवर्टन
एवर्टन सर फ्रेंक वॉरेल और सर क्लाइड वालकॉट के साथ फेमस ‘थ्री डब्ल्यूएस’ में भी शामिल थे। वे कोच और इंटरनेशनल मीडिया के खेल विशेषज्ञ भी थे। एवर्टन इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के लिए मैच रेफरी और आईसीसी हॉल ऑफ फेम के सदस्य भी थे।

सीडब्ल्यूआई के अध्यक्ष रिकी स्केरिट ने सर एवर्टन को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सर एवर्टन की बल्ले देखने का मौका नहीं मिला, लेकिन मुझे अपने बाद के सालों में उन्हें थोड़ा जानने का मौका जरूर मिला। मैंने पढ़कर और वीडियो देखकर उनके बारे में जाना।’’



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सर एवर्टन वीक्स (बीच में) ने 152 फर्स्ट क्लास मैच में 55.34 के एवरेज से 12010 रन बनाए। जिसमें नाबाद 304 रन भी शामिल है। टेस्ट में उनका बेस्ट स्कोर 207 रन था। -फाइल फोटो

टॉप 5- ODI में सबसे ज्यादा बार बने मैन ऑफ द मैच July 01, 2020 at 08:05PM

वनडे इंटरनैशनल में नतीजे के लिए कई बार एक-दो खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निर्भर रहना पड़ता है। ये खिलाड़ी ही जीत और हार का अंतर पैदा करते हैं। और इन्हीं से पता चलता है कि कौन है मैन ऑफ द मैच...