Tuesday, April 7, 2020

मौजूदा भारतीय टीम में विराट-रोहित के अलावा कोई रोलमॉडल नहीं, युवा खिलाड़ी सीनियरों का सम्मान भी नहीं करते: युवराज April 07, 2020 at 07:57PM

पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह ने मौजूदा भारतीय टीम में सिर्फ कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा को ही रोलमॉडल बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर चैटिंग के दौरान रोहित से कहा कि आज के युवा खिलाड़ी सीनियरों का सम्मान भी नहीं करते हैं। कोरोनावायरस के कारण दुनिया की एक तिहाई आबादी घरों में कैद है। भारत में भी 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा है। ऐसे में भारतीय समेत विश्व के लगभग सभी खिलाड़ी सोशल मीडिया पर चैटिंग कर समय बिता रहे हैं।

इंस्टाग्राम पर वनडे और टी-20 टीम के उप-कप्तान रोहित ने युवराज से मौजूदा टीम और उनके समय की टीम के बीच अंतर पूछा था। इसके जवाब में युवी ने कहा, ‘‘जब मैं टीम में आया था या तुम ने डेब्यू किया था, तब हमारे सीनियर काफी अनुशासित हुआ करते थे। तब सोशल मीडिया भी नहीं हुआ करता था, इसलिए किसी का ध्यान भी नहीं भटकता था। हम भारत का प्रतिनिधित्व करते थे, इसलिए हमें अपने आचरण का ध्यान रखना होता था। कैसे लोगों से या मीडिया से बात करनी है, सबकुछ ध्यान रखना होता था।’’

‘आज टीम में आचरण और सम्मान जैसा कुछ नहीं बचा’

2011 वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द सीरीज रहे युवी ने कहा, ‘‘आज की टीम में आचरण और सम्मान जैसा कुछ नहीं बचा है। मैं आप सभी से कहना चाहता हूं कि भारत के लिए खेलते समय अपनी और देश की इमेज का खास ख्याल रखें। मौजूदा टीम में सिर्फ विराट और तुम (रोहित) ही हो, जो सभी फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी-20) खेल रहे हो। बाकी खिलाड़ी तो अंदर-बाहर होते रहते हैं। अब टीम में पहले जितने रोलमॉडल नहीं हैं। सीनियरों के प्रति सम्मान भी खत्म जैसा है। कोई भी किसी से कुछ भी कह देता है। ’’ युवी ने कहा, ‘‘सचिन पाजी ने मुझसे एक बार कहा था कि अगर हम फील्ड पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो सबकुछ ठीक ही होता है।’’

युवी ने पंड्या और राहुल के विवाद पर टिप्पणी की

युवराज ने कॉफी विद करण में हुए हार्दिक पंड्या और लोकेश राहुल के विवाद पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘आचरण और छवि की बात करें तो आप राहुल और हार्दिक का मामला देख सकते हैं। हमने या किसी ने भी नहीं सोचा था कि ऐसा भी कुछ हो सकता है। मैं इसमें उन दोनों की गलती नहीं मानता। आईपीएल का फॉर्मेट और उसका करार काफी लंबा होता है। खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए नहीं भी खेलते हैं, तब भी पैसा कमा लेते हैं।’’



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युवराज सिंह ने भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 खेले हैं। उन्हें 2011 वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द सीरीज चुना गया था। -फाइल फोटो

कोरोना से जंग: जोस बटलर ने नीलाम की अपनी वर्ल्ड कप शर्ट April 07, 2020 at 07:23PM

लंदन इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज ने पिछले साल वर्ल्ड कप फाइनल में पहनी गई शर्ट की नीलामी से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए 65,000 पाउंड (लगभग 60 लाख रुपये) से अधिक की धनराशि जुटाई है। बटलर ने यह शर्ट पिछले साल लॉर्ड्स में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए फाइनल के दौरान पहनी थी। उन्होंने यह धनराशि लंदन के रॉयल ब्राम्पटन एवं हर्टफील्ड अस्पताल के लिए जुटाई। इस मैच की आखिरी गेंद पर रन आउट करने और इससे पहले मैच में अर्धशतक जड़ने वाले बटलर ने एक सप्ताह पहले ईबे पर यह शर्ट नीलामी के लिए रखी थी। इसकी नीलामी जब मंगलवार को बंद की गई तो तब तक इसके लिए 82 बोलियां लगी थीं, जिसमें विजेता को 65,100 पाउंड का भुगतान करना होगा।

10 दिन में खेल जगत में 5वीं मौत; स्विटजरलैंड के आइस हॉकी लेजेंड रोजर शैपो का निधन, 100 से ज्यादा मैच खेल चुके April 07, 2020 at 06:45PM

दुनियाभर के लगभग सभी देशों को अपनी चपेट में ले चुके कोरोनावायरस (कोविड-19) का कहर खेल जगत में भी जारी है। इसके कारण 10 दिन में 5 दिग्गजों की मौत हो चुकी है। बुधवार को स्विटजरलैंड के आइस हॉकी लेजेंड रोजर शैपो का निधन हो गया। वे 79 साल के थे। 1964 विंटर ओलिंपिक खेल चुके शैपो ने अपने देश के लिए 100 से ज्यादा मैच खेले हैं। इससे पहले फ्रांस के फुटबॉल क्लब रीम्स के डॉक्टर बर्नार्ड गोंजालेज (60), इंग्लैंड के लंकाशायर क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष डेविड हॉजकिस (71), फ्रांस के ओलिंपिक डी मार्शल फुटबॉल क्लब के पूर्व अध्यक्ष पेप दिऑफ (68) और पाकिस्तान के स्क्वैश लीजेंड आजम खान (95) भी दुनिया को अलविदा कह चुके हैं।

इंटरनेशनल आइस हॉकी फेडरेशन (आईआईएचएफ) ने कहा, शैपो दो हफ्ते पहले ही अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। यहां उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव निकला था। तबीयत में सुधार होने के बाद 1 अप्रैल को ही उन्हें घर लाया गया था। फिर अचानक उनकी हालत गंभीर हो गई और उनका निधन हो गया। शैपो 60 के दशक में बेस्ट सेंटर खिलाड़ी थे। वे 1964 में स्विस क्लब एचसी विलर्स के लिए खेलते थे। इस सीजन में उन्होंंने स्विस लीग में सबसे ज्यादा गोल दागे थे।

बर्नार्ड ने डिप्रेशन के कारण सुसाइड किया
रीम्स क्लब के डॉक्टर बर्नार्ड गोंजालेज कोरोना से संक्रमित होने के बाद डिप्रेशन में आ गए थे। इसके बाद उन्होंने 5 अप्रैल को सुसाइड कर लिया था। बर्नार्ड ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें उन्होंने खुद के कोरोना संक्रमित होने की बात लिखी थी। बर्नार्ड 20 साल से क्लब के साथ जुड़े हुए थे।

सबसे पहले आजम खान की मौत हुई
कोविड-19 के कारण 31 मार्च को डेविड हॉजकिस और फ्रांस के पेप दिऑफ की मौत हुई थी। इससे पहले 28 मार्च को पाकिस्तानी स्क्वैश लेजेंड आजम खान का निधन हो गया था। आजम ने 1959 से 1962 के बीच लगातार 4 बार ब्रिटिश ओपन खिताब जीता था। आजम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्क्वैश खिलाड़ियों में गिना जाता था। उन्होंने 1962 में पहली बार सबसे अहम हार्डबॉल टूर्नामेंट यूएस ओपन भी जीता था।



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रोजर शैपो 1964 में स्विस क्लब एचसी विलर्स के लिए खेलते थे। इस सीजन में वे लीग में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी थे।

देखें: फेडरर ने विराट कोहली को दिया सोलो चैलेंज April 07, 2020 at 06:19PM

नई दिल्ली पूरी दुनिया इन दिनों महामारी बन चुके () के खिलाफ घर में बैठकर जंग लड़ रही है। दुनिया के महान टेनिस खिलाड़ी भी उनमें से एक हैं। आइसोलेशन में समय बिता रहे फेडरर इन दिनों सोशल मीडिया पर भी खासे ऐक्टिव हैं। फेडरर ने अपने टि्वटर अकाउंट पर अपनी एक सोलो (अकेले) ट्रेनिंग का मजेदार वीडियो शेयर किया है। फेडरर ने ऐसी ही सोलो ट्रेनिंग का चैलेंज कई दिग्गज सिलेब्रिटीज को दिया है, जिनमें टीम इंडिया के कप्तान भी एक हैं। अब फेडरर के इस चैलेंज के मुताबिक विराट कोहली को भी अपनी एक सोलो ड्रिल का एक वीडियो फेडरर को टि्वटर पर भेजना है। इसके बाद फेडरर इसमें कुछ जरूरी टिप्स देंगे। अपनी ट्रेनिंग के वीडियो को ट्वीट करते हुए स्विट्जरलैंड के इस दिग्गज खिलाड़ी ने लिखा, 'यहां एक उपयोगी सोलो ड्रिल है। आओ देखें तुम्हारे पास कौन सी है! वीडियो के साथ जवाब दें फिर मैं कुछ टिप्स दूंगा। बुद्धिमानी से अपना हैट (काम) चुनें।' इस वीडियो में फेडरर एक दीवार पर अपने टेनिस रैकिट और बॉल के साथ प्रैक्टिस करते नजर आ रहे हैं। फेडरर 49 सेकंड के इस वीडियो में गेंद को लगातार दीवार पर मारते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में गेंद एक भी बार जमीन पर नहीं गिरी है। इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए विराट कोहली के अलावा दुनिया की कई जानीमानी हस्तियों को टैग करते हुए उन्हें भी ऐसा ही चैलेंज दिया है। कोरोना वायरस से जंग के खिलाफ फेडरर ने भी अपने देश में 10 लाख स्विस फ्रैंसिस का दान दिया है।

4 ओवर गेंदबाजी करके खिलाड़ी मोटी रकम कमा लेते हैं, पैसों के लिए देश का हित भी नहीं देख रहे: वकार यूनुस April 07, 2020 at 06:01PM

पाकिस्तान के गेंदबाजी कोच वकार यूनुस का मानना है कि टी-20 लीग से खिलाड़ी आसानी से पैसे कमा लेते हैं। यही वजह है कि वो देश का हित नहीं देखते। पाक गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने 27 साल की उम्र में टेस्ट से संन्यास ले लिया था। वहाब रियाज भी टेस्ट से ब्रेक ले चुके हैं। वकार ने कहा, ‘लीग से खिलाड़ियों को आसानी से पैसे मिलते हैं। वो आराम से रह सकते हैं, क्योंकि मैच में उन्हें सिर्फ चार ओवर गेंदबाजी करनी होती है।’

वकार ने आमिर और वहाब के फैसले की भी आलोचना की। वकार के अनुसार दोनों खिलाड़ियों को टीम मैनेजमेंट से चर्चा करनी चाहिए थी। सिर्फ सोशल मीडिया पर अपने फैसले की घोषणा करना काफी चोट पहुंचाता है।

मुश्किल घड़ी लेकिन समय का सदुपयोग करने का मौका
वकार ने दुनियाभर में फैल चुके कोरोनावायरस के कारण बंद हो चुकी खेल गतिविधियों को लेकर कहा है कि यह बहुत ही मुश्किल का समय है। हमारे पास इस समय का सही इस्तेमाल करने का अच्छा मौका भी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह देखना होगा कि कोरोना के कारण बनी लॉकडाउन की स्थिति कब तक बनी रहेगी। अगर अगले दो महीने तक तब सामान्य हो जाता है तो इससे परेशानी नहीं होगी। यह खिलाड़ियों के लिए मौका भी है कि वह घर पर रह कर जो करना चाहें कर सकते हैं और ख़ास कर वो चीजे जो उन्हें सकारात्मक और उत्साहित रखें।



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पाकिस्तान के गेंदबाजी कोच वकार यूनुस ने दुनियाभर में फैल चुके कोरोनावायरस के कारण बंद हो चुकी खेल गतिविधियों को लेकर कहा है कि यह बहुत ही मुश्किल का समय है। -फाइल फोटो

कोरोना खत्म होने के बाद ही आईपीएल होना चाहिए, इस टूर्नामेंट से कई लोगों आजीविका जुड़ी है: हरभजन April 07, 2020 at 05:03PM

कोरोनावायरस के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) समेत दुनियाभर में जुलाई तक होने वाले तमाम खेल टूर्नामेंट्स को टाल या रद्द कर दिया गया है। अब 15 अप्रैल को होने वाले आईपीएल पर संकट के बादल छाने लगे हैं। कई दिग्गज टूर्नामेंट को खाली स्टेडियम में भी कराने की बात कह रहे हैं। इस पर भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा कि उन्हें खाली स्टेडियम में आईपीएल खेलने में दिक्कत नहीं है। लेकिन कोरोनावायरस पर नियंत्रण के बाद ही टूर्नामेंट का आयोजन होना चाहिए। क्योंकि इस पर कई लोगों की आजीविका निर्भर है।

हरभजन ने कहा, ‘दर्शक महत्वपूर्ण होते हैं। लेकिन अगर परिस्थितियां अनुकूल न हों तो मुझे बिना दर्शक के खेलने में दिक्कत नहीं है। एक खिलाड़ी के तौर पर मुझे दर्शकों का समर्थन नहीं मिलेगा, लेकिन यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक प्रशंसक टीवी पर आईपीएल देख पाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमें हर चीज के लिए सतर्क रहना होगा और खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता में रखना होगा।’

आईपीएल नहीं होने से डिप्रेशन में आ सकते हैं कई क्रिकेटर: पैडी अपटन
जबकि, 2011 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के मेंटल कंडिश्निंग कोच रहे पैडी अपटन का मानना है कि आईपीएल को रद्द नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो कई खिलाड़ी डिप्रेशन में आ सकते हैं। दक्षिण अफ्रीका के पैडी ने हाल ही में कहा था, ‘‘आईपीएल क्रिकेटर्स के लिए एक बड़ा टूर्नामेंट और दुधारू गाय है। लॉकडाउन जैसे हालात में जब कोई स्वस्थ और सामान्य व्यक्ति खुद के बारे में ज्यादा सोचता है, तो वह एंग्जाइटी और डिप्रशन का शिकार हो सकता है। ऐसे समय में मैं खिलाड़ियों के साथ अन्य लोगों को भी सलाह देता हूं कि वे खुद के बारे में ज्यादा न सोचें और अपने लोगों पर ध्यान दें। साथ ही दूसरे विकल्पों पर विचार करें।’’



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हरभजन सिंह चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से खेलते हैं। वे तीन बार आईपीएल विजेता रही टीमों का हिस्सा रह चुके हैं। -फाइल फोटो

रैना बोले, मैदान पर तब पूरे उत्साह से झूमे थे धोनी April 07, 2020 at 05:13PM

नई दिल्ली टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के शांत स्वभाव से सभी परिचित हैं। मैच का रुख कुछ भी हो, चाहे भारत जीत की ओर हो या उस पर हार का दबाव हो लेकिन धोनी हमेशा ही शांत चित होकर मैदान पर खड़े दिखते हैं। क्या आपको कैप्टन कूल का कोई ऐसा लम्हा याद है, जब वह मैदान पर उछलकूद कर जश्न मना रहे हों। लेकिन को धोनी का यह यादगार पल बखूबी याद है कि धोनी ने कब पहली और शायद आखिरी बार किसी विकेट का सेलिब्रेशन पूरे उत्साह के साथ मनाया था। इन दिनों कोरोना वायरस के चलते देश भर या करीब-करीब पूरी दुनिया में लॉकडाउन का माहौल है। ऐसे में सभी तरह की सामाजिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगे हुए हैं। लेकिन इस लॉकडाउन के खिलाड़ी सोशल मीडिया और इंटरनेट के दूसरे चैनलों के माध्यम से फैन्स के बीच अपनी जगह बना रहे हैं। जाने-माने स्पोर्ट्स प्रेंजेंटर और यूट्यूबर इन दिनों अपने मशहूर शो 'ब्रेकफस्ट विद द चैंपियन' की बजाए '' को होस्ट कर रहे हैं। यहां गौरव कपूर ने टीम इंडिया के मिडल ऑर्डर बल्लेबाज और धोनी की आईपीएल टीम के प्रमुख खिलाड़ी सुरेश रैना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से इंटरव्यू किया। इसी शो में रैना ने बताया कि हमेशा शांतचित और कूल दिखने वाले ने आखिर कब मैदान पर पूरे जोश के साथ जश्न मनाया था। सवाल-जवाब के इस शो में बात जब धोनी पर हुई तो रैना ने बताया, 'साल 2008 में आईपीएल का फाइनल (IPL का पहला सत्र) चेन्नै सुपर किंग्स (CSK) और राजस्थान रॉयल्स (RR) के बीच खेला जा रहा था। इस मैच में धोनी विकेटकीपिंग नहीं कर रहे थे और वह मैदान फील्डिंग और कप्तानी कर रहे थे।' लेफ्टहैंडर बल्लेबाज रैना ने बताया, 'इस मैच में युसूफ पठान चेन्नै के गेंदबाजों की जमकर धुनाई कर रहे थे। इस बीच रैना ने जब एक शानदार कैच पकड़ा तो धोनी ने पूरे उत्साह के साथ जश्न मनाया और मुझे (रैना को) गोद में उठा लिया। माही भाई को ऐसा करते कभी नहीं देखा है। वह हमेशा शांत ही रहते हैं। लेकिन इस मैच की स्थिति ही ऐसी थी कि धोनी ने अपनी भावनाएं इस अंदाज में व्यक्त कीं।' इस मजेदार शो में रैना ने अपने क्रिकेट करियर और अपनी लाइफ से जुड़े कई मजेदार बातें बताई हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कुकिंग का खूब शौक है और इन दिनों लॉकडाउन में अपने परिवार के लिए वह ही खाना बना रहे हैं। रैना को बैंगन का भर्ता सर्वाधिक पसंद है। यहां देखें: सुरेश रैना के साथ 'आइसोलेशन प्रीमियर लीग' का यह मजेदार शो इसके अलावा उन्होंने ओलिंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु, साक्षी मलिक और अपने में एक बात कॉमन का जिक्र भी किया। इन तीनों के पास 'रियो' कॉमन चीज है। सिंधु और साक्षी ने रियो ओलिंपिक में क्रमश: सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीता था, जबकि हाल में बेटे के पिता बने रैना ने अपने बेटे का नाम रियो रखा है।

कैफ के ट्वीट पर अख्तर- 'मैच हो जाए कबीर और मिकाइल का April 07, 2020 at 04:57PM

नई दिल्ली दुनियाभर के बल्लेबाजों को का सामना करने में बहुत मुश्किल आती थी। उनकी रफ्तार का सामना करना हर किसी के बस की बात नहीं थी। साल 2003 में वर्ल्ड कप के दौरान अख्तर अपने करियर के चरम पर थे। भारतीय टीम ने सेंचुरियन में पाकिस्तान को हराकर हालांकि विश्व कप में पाक टीम के खिलाफ अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा था। अख्तर पर हालांकि शुरुआत में सचिन तेंडुलकर और वीरेंदर सहवाग ने करारा हमला बोला था लेकिन रावलपिंडी एक्स्प्रेस के नाम से मशहूर इस गेंदबाज ने जी-जान लगाकर बोलिंग की। इसका उन्हें फायदा भी मिला और उन्होंने सचिन तेंडुलकर को 98 के निजी स्कोर पर आउट भी किया था। हालांकि, पूर्व क्रिकेटर के बेटे कबीर को लगता है कि शोएब अख्तर की गेंदबाजी को हिट करना उतना मुश्किल नहीं है जितना कि बताया जाता है। कैफ के बेटे को लगता है कि अख्तर की रफ्तार का फायदा बल्लेबाज को होता है और उसके लिए चौका लगाना आसान हो जाता है। मोहम्मद कैफ ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि क्यों उनके बेटे को लगता है कि अख्तर को हिट करना इतना मुश्किल नहीं है। कोरोना वायरस के चलते इस समय सभी खेल गतिविधियां बंद हैं इसलिए टीवी पर भी पुराने मुकाबले दिखाए जा रहे हैं। कैफ और उनका बेटा टीवी पर 2003 वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान का मैच देख रहा है। कैफ ने ट्वीट किया- 'थैंक्यू, आखिरकार कबीर को #INDvPAK का ऐतिहासिक मुकाबला देखने को मिल गया। लेकिन जूनियर अपने पापा से ज्यादा प्रभावित नहीं है। उसे लगता है कि @shoaib100mph को हिट करना जरूर आसान होगा क्योंकि उनकी बोलिंग में रफ्तार है। आज के बच्चे... !' अख्तर ने इस पर मजेदार जवाब भी दिया है। उन्होंने इस ट्वीट पर रिप्लाई किया- 'तो फिर @MohammadKaif मैच हो जाए कबीर और मिकाइल अली अख्तर का?' उसे रफ्तार के बारे में जवाब मिल जाएगा। हाहा उसे मेरा प्यार देना। मिकाइल शोएब के बेटे का नाम है जिसका जन्म नवंबर 2016 में हुआ था। मोहम्मद कैफ ने भारत की उस छह विकेट से जीत में अहम भूमिका निभाई थी। वीरेंदर सहवाग (21) और सौरभ गांगुली (0) के आउट होने के बाद उन्होंने तीसरे विकेट के लिए सचिन तेंडुलकर के साथ 102 रन जोड़े थे। कैफ ने उस मैच में 60 गेंद पर 35 रन बनाए थे। कैफ और सचिन के आउट होने के बाद युवराज सिंह और राहुल द्रविड़ ने 99 रन जोड़कर भारतीय टीम को जीत दिलाई थी।

जब मैं टीम में आया तो युवी पा मेरा पहला क्रिकेट क्रश थे: रोहित शर्मा April 07, 2020 at 05:38PM

नई दिल्ली ने मंगलवार को कहा कि जब वह भारतीय टीम में आए तो उनका पहला क्रिकेट क्रश थे। रोहित ने अपने करियर की शुरुआत 2007 में की। वह पहला टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी थे। रोहित शर्मा ने अपना टी20 इंटरनैशनल मैच 2007 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ किया था। यह वही मुकाबला था जिसमें युवराज सिंह ने स्टुअर्ट ब्रॉड को एक ओवर में छह छक्के लगाए थे। भारतीय टीम इस टूर्नमेंट के फाइनल में पाकिस्तान को हराकर खिताब पर कब्जा किया था। रोहित ने युवराज के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट के दौरान कहा, 'जब मैं टीम में आया तो युवराज सिंह मेंरा क्रिकेट क्रश थे।' युवराज ने भारत के लिए दोनों वर्ल्ड कप (2007 टी20 और 2011 50 ओवर वर्ल्ड कप) में शानदार प्रदर्शन किया था। भारतीय क्रिकेट टीम के सीमित ओवरों के मौजूदा उपकप्तान ने कहा, 'मेरा रोल भी युवी पा जैसा ही था। नंबर 5 और 6 पर बल्लेबाजी करो और मैच खत्म करो। मैं हमेशा उनसे बात करना और सीखना चाहता था।' रोहित ने अपने करियर की शुरुआत मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में की थी। युवराज ने उन दोनों की पहली मुलाकात के बारे में बताने को भी कहा, 'रोहित ने हंसते हुए कहा कि उसके बारे में बात न ही करें।।' इसके बाद उन्होंने कहा- 'मैं पहली बार टीम बस में था। मुझे डर लग रहा था कि कहीं मैं लेट न हो जाऊं और इस वजह से मैं आधा घंटा जल्दी पहुंच गया। मैं युवी पा की सीट पर बैठ गया। वह लॉबी से आ रहे थे। सनग्लास लगाए हुए। उन्हें आता देख मैं रोमांचित हो गए। स्वागत से किया। उन्होंने मुझसे पूछा' 'तुम्हें पता है कि यह किसकी सीट है? तब उन्होंने मुझे कहीं और बैठने को कहा।'' रोहित ने कहा, 'इसके बाद हमारा रिलेशनशिप बहुत अच्छा रहा। मैंने आपसे काफी कुछ सीखा। काफी मजेदार रहा सब।' युवराज को पहले दिन से लगता था कि रोहित सभी युवा खिलाड़ियों में सबसे परिपक्व रहेंगे। उन्होंने कहा, 'जब तुम टीम में आए तो 20 साल के थे। मैंने तुम्हें बढ़ते देखा है और मैंने तुमसे कहा भी था कि तुम इन सभी युवा खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा मैच्योर्ड खिलाड़ी बनोगे। और ऐसा हुआ। तुमने अपने खेल को एक अलग ही स्तर पर पहुंचा दिया है।' दोनों खिलाड़ियों ने कोरोना वायरस के बारे में भी बात की जिसके चलते फिलहाल सारी दुनिया ठहर सी गई है। रोहित ने कहा, 'हमें जिम्मेदार बनने और सरकार के दिशा-निर्देशों के पालन करने की जरूरत है। हमें अपने भविष्य के लिए घर पर ही रहना चाहिए।'

फीफा के अधिकारियों पर रिश्वत लेने का आरोप, वर्ल्ड कप मेजबानी के लिए मोटी रकम या बड़ा ऑफर लिया April 07, 2020 at 04:36PM

फुटबॉल की वर्ल्ड संस्था फीफा के पूर्व अधिकारियों पर वर्ल्ड कप की मेजबानी में मदद करने के लिए रिश्वत के आरोप लगे हैं। अमेरिका की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में नया मामला सामने आया है। इसके अनुसार फीफा की एक्जीक्यूटिव कमेटी के कई सदस्यों को मेजबानी के लिए पक्ष में वोट देने के लिए रिश्वत मिले या ऑफर दिए गए। फीफा के पूर्व उपाध्यक्ष त्रिनिदाद टोबेगो के जैक वॉर्नर को शेल कंपनियों से लगभग 37 करोड़ मिले। उन्होंने 2018 में हुए वर्ल्ड कप के लिए रूस के पक्ष में वोट किया था।

साउथ अमेरिका की गवर्निंग बॉडी के पूर्व अध्यक्ष निकोलस लियोज और ब्राजील फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष रिकार्डो टिसिरा पर आरोप लगे हैं। दोनों पर पैसे लेकर 2022 में कतर में होने वाले वर्ल्ड कप के पक्ष में वोट देने की बात कही गई है।

अमेरिका की मीडिया कंपनी फॉक्स के अधिकारी भी फंसे
अमेरिका की मीडिया कंपनी फॉक्स के पूर्व अधिकारियों पर ब्रॉडकास्ट राइट बरकरार रखने के लिए साउथ अमेरिका के अधिकारियों को पैसे देने की बात कही गई है। एफबीआई के असिस्टेंट डायरेक्टर इंचार्ज विलियम स्वीनी ने कहा कि इंटरनेशनल फुटबॉल में मुनाफाखोरी और रिश्वत की बातें दशकों से जारी है। इसके बार में सभी जानते हैं। एफबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है। फीफा ने 10 साल पहले रूस और कतर को विवादास्पद तौर पर वर्ल्ड कप की मेजबानी दी थी। 2015 में यह मामला सामने आया। अध्यक्ष सैप ब्लेटर को इस्तीफा देना पड़ा था।



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फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी कतर को मिली है। 2014 में जांच के बाद यह साफ हो गया था कि मेजबानी लेने के लिए कतर ने गलत तरीका अपनाया था।

कोरोना के कारण रद्द हो सकता है प्रीमियर लीग का आधा सीजन, सभी 20 क्लबों को 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान होगा April 07, 2020 at 04:25PM

कोरोनावायरस के कारण यूरोपियन फुटबॉल की पांच प्रमुख लीग मार्च से ही स्थगित हैं। इनके भी शुरू होने की उम्मीद नहीं दिख रही है। सबसे ज्यादा कमाई करने वाली इंग्लैंड की प्रीमियर लीग की बात करें तो यह अप्रैल तक के लिए स्थगित है। मौजूदा हालात में इसके स्टेक होल्डर्स आशंका जता रहे हैं कि लीग का मौजूदा सीजन शायद ही पूरा हो। अभी लीग की सभी 20 टीमों के 9-10 मैच बाकी हैं। अगर लीग का बाकी सीजन कैंसिल हो गया तो इसके क्लबों को कमाई में घाटा हो सकता है। इन्हें 10 हजार 77 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। सबसे ज्यादा घाटा तो मैनचेस्टर यूनाइटेड का हो सकता है। आशंका है कि उसे 116.4 मिलियन पाउंड (करीब 1080 करोड़ रुपए) कम कमाई होगी।

वहीं, कोरोनावायरस महामारी के बाद पहली बार मंगलवार को सभी जर्मन फुटबॉल क्लब ने ट्रेनिंग शुरू कर दी है। 13 मार्च से लीग के मुकाबले नहीं हो रहे हैं। सभी टीमें छोटे-छोटे ग्रुप में ट्रेनिंग कर रही हैं। फ्रेंकफर्ट के खिलाड़ी सिर्फ तीन के ग्रुप में ट्रेनिंग कर रही हैं। क्योंकि यहां के खिलाड़ी पॉजिटिव पाए गए थे।

दोनों मैनचेस्टर क्लब अपने स्टाफ को पूरी सैलरी दे रहे
हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि लॉकडाउन के कारण लीग के कुछ क्लब स्टाफ को सैलरी नहीं देंगे या फिर सैलरी कम कर देंगे। लिवरपूल ने कहा था कि वह नॉन-प्लेइंग स्टाफ को अस्थाई छुट्‌टी पर भेज देगा, ताकि सैलरी न देनी पड़े। उसके इस कदम की फैंस ने काफी अालोचना की थी। इसके बाद लीग में टॉप पर चल रहे क्लब लिवरपूल ने सरकार की जॉब रिटेंशन स्कीम के तहत स्टाफ को 80% सैलरी देने का फैसला किया। वहीं, मैनचेस्टर के दोनों क्लब सिटी और यूनाइटेड अपने स्टाफ को पूरी सैलरी दे रहे हैं। आर्सनल ने भी अप्रैल तक की पूरी सैलरी देने का फैसला किया है। इसके बाद जैसी भी परिस्थिति होगी, वैसा निर्णय लेगा। वाटफोर्ड, वेस्टहैम, बर्नले, क्रिस्टल पैलेस सहित कई क्लब अपने स्टाफ को पूरी सैलरी दे रहे हैं।



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कोरोनावायरस महामारी के बाद पहली बार मंगलवार को सभी जर्मन फुटबॉल क्लब बायर्न म्यूनिख ने ट्रेनिंग शुरू कर दी है।

लॉकडाउन में सितारे- कोच के पड़ोस में ही आ गईं दिव्या काकरान April 07, 2020 at 04:28PM

रोशन झा, नई दिल्ली जिन महिला पहलवानों से ओलिंपिक्स मेडल की उम्मीद है उनमें भी शामिल हैं। दिव्या को हालांकि ओलिंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई करना है लेकिन उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में 68 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड जीतकर उम्मीदें जगा दी हैं। कोरोना संकट के बीच ओलिंपिक्स खेलों को एक साल के लिए टाल दिया गया है और क्वॉलिफाइंग टूर्नामेंट भी हाल-फिलहाल आयोजित होता नहीं दिख रहा है, फिर भी दिव्या अपनी तैयारी में लगी हुई हैं। तैयारी को लेकर गंभीर दिव्या उस भारतीय टीम का हिस्सा हैं जिसे अगले ओलिंपिक्स क्वॉलिफाइंग टूर्नामेंट में देश का प्रतिनिधित्व करना है। तैयारी प्रभावित ना हो इसके लिए उन्होंने लॉकडाउन शुरू होने से कुछ दिन पहले ही कोच के घर के बगल में शिफ्ट हो गईं। उन्होंने बताया, 'तब अपने यहां कोरोना का इतना कहर नहीं था। लेकिन, मुझे पता था कि दुनिया में जहां भी यह फैला है वहां पूरे शहर को ही लॉकडाउन कर दिया जाता है। मैं यही सोचकर देश में लॉकडाउन शुरू होने से करीब चार-पांच दिन पहले अपने भाई के साथ रूसी कोच ब्लामिदिर के घर के बगल में मॉडल टाउन रहने आ गई जिससे कि प्रैक्टिस प्रभावित ना हो।' मैट प्रैक्टिस पर ब्रेक : दिव्या भले ही कोच के घर के बगल में आ गईं लेकिन मैट प्रैक्टिस बिल्कुल नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने बताया, 'कोच का आवास दो घर छोड़कर ही है। कभी वह मेरे घर आ जाते हैं तो कभी मैं उनके पास चली जाती हूं। उनकी देखरेख में केवल चिनअप्स, दंड और उठक-बैठक वगैरह ही कर पा रही हूं। मेरा भाई भी पहलवान है। मैं उसके साथ भी मैट प्रैक्टिस करती रही हूं। लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से अभी यह बंद है। मैं सबसे अपील करूंगी कि घर में ही रहें।'

क्लार्क ने कहा- आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट बचाने के लिए कोहली के खिलाफ स्लेजिंग से डरते थे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी April 07, 2020 at 02:36AM

पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों पर आरोप लगाया है कि आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट बचाने के लिए वे भारतीय कप्तान विराट कोहली के खिलाफ स्लेजिंग करने से डरते थे। क्लार्क ने ऑस्ट्रेलिया के एक रेडियो प्रोग्राम 'द बिग स्पोर्ट्स ब्रेकफस्ट' से यह बात कही। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि खेल के वित्तीय मामलों में भारत कितना मजबूत है। फिर चाहें बात अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की हो याआईपीएल की।
क्लार्क ने 2018-19 में हुई सीरीज का हवाला देते हुए कहा कि हमारे खिलाड़ी कोहली और बाकी भारतीय खिलाड़ियों से थोड़े डरे हुए थे, क्योंकि उन्हें अप्रैल 2019 में उन्हीं के साथ आईपीएल खेलना था। इसलिए वे छींटाकशी से घबरा रहे थे। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को डर था कि अगर उन्होंने ज्यादा स्लेजिंग की तो फिर आईपीएल में करोड़ों रुपए का कॉन्ट्रैक्ट हाथ से निकल सकता है।

ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी लाखों डॉलर कमाने के चक्कर में कोहली के खिलाफ थोड़े सॉफ्ट थे

पू्र्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने आगे कहा कि विराट कोहली और रोहित शर्मा आईपीएल में बेंगलुरु और मुंबई टीम के कप्तान हैं। ऐसे में उन्हें टीम चुनने में उनका अहम रोल रहता है। आप ऑस्ट्रेलिया के 10 बड़े खिलाड़ियों का नाम लें और यह दोनों ऑक्शन इन खिलाड़ियों को अपनी टीम में लेने के लिए बड़ी बोली लगा रहे होते हैं। इसलिए ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ऐसा सोचते थे कि मैं कोहली के खिलाफ छींटाकशी नहीं करूंगा। मैं चाहता हूं कि वे बेंगलुरु टीम के लिए मुझे चुनें, ताकि मैं 6 हफ्ते में 10 लाख डॉलर कमा पाऊं। क्लार्क ने कहा कि मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया कुछ समय के लिए ऐसे दौर से गुजरा, जहां हमारी क्रिकेट उतनी सख्त नहीं रही। जितना कि हम देखने के आदी हैं।

भारत ने 2 साल पहलेऑस्ट्रेलिया के घर में टेस्ट सीरीज जीती थी

बता दें कि 2018-19 में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी और यहां भारतीय टीम ने 4 टेस्ट की सीरीज में मेजबान को 2-1 से शिकस्त दी थी। यह ऑस्ट्रेलिया में किसी भी एशियाई देश की पहली टेस्ट सीरीज जीत थी।



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माइकल क्लार्क ने कहा कि विराट कोहली और रोहित शर्मा मुंबई और बेंगलुरु टीम के कप्तान हैं। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया खिलाड़ी इन दो टीम में चुने जाने के लिए भारतीय खिलाड़ियों पर छींटाकशी से बचते हैं।

सहवाग का 'जिद्दी' अवतार, 'हथियार छोड़े, चलाना नहीं भूले' April 07, 2020 at 02:10AM

नई दिल्लीटीम इंडिया के पूर्व धुरंधर ओपनर सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव रहते हैं और अपने फैंस के साथ लगातार वीडियो और फोटो शेयर करते हैं। उन्होंने मंगलवार को भी अपना एक वीडियो क्लिप ट्वीट किया जिसमें वह सनी देओल का फेमस डायलॉग बोलते नजर आ रहे हैं। फैंस के बीच 'वीरू' से मशहूर सहवाग ने जिद्दी फिल्म का डायलॉग लिखा और अपना एक वीडियो भी शेयर किया। इसमें वह हाथ में बैट लिए डायलॉग बोलते नजर आ रहे हैं। देखें, उन्होंने साथ ही लिखा कि लॉकडाउन के दौरान घर पर बैठने से किसी का टैलेंट कम नहीं होने वाला है। सहवाग ने लिखा, 'इन हाथों ने सिर्फ हथियार छोड़े हैं, चलाना नहीं भूले। आपका टैलेंट कहीं कम नहीं होगा, इसलिए प्लीज घर पर रहें सुरक्षित रहें। चीन से फैले घातक कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने को पूरे देश में फिलहाल 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित है। देश में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है और अब तक 4000 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं। देशवासियों से अपने-अपने घरों पर रहने की अपील भी दिग्गज हस्तियां लगातार कर रही हैं।

जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने को किर्गियोस आगे आए April 07, 2020 at 12:14AM

नई दिल्लीचीन से फैले घातक कोरोना वायरस के कारण कई देश परेशान हैं और इससे जनजीवन पर भी असर पड़ा है। ऑस्ट्रेलिया में इस वायरस क बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लॉकडाउन घोषित है और इसी बीच टेनिस स्टार ने जरूरतमंदों को खाना खिलाने के लिए हाथ बढ़ाए हैं। कैनबरा में रहने वाले किर्गियोस कोर्ट पर काफी आक्रामक नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि COVID-19 के कारण लगे प्रतिबंधों से उद्योग बंद करने पड़े हैं और बड़ी संख्या में इसका असर ऑस्ट्रेलिया में काम करने वाले लोगों पर पड़ा। देखें, दुनिया के 40वें नंबर के खिलाड़ी किर्गियोस ने इंस्टाग्रामम पर लिखा, 'कृपया खाली पेट ना सोएं। मुझे एक निजी संदेश भेजने के लिए डरो या शर्मिंदा मत हो। मेरे पास जो कुछ भी है, उसे शेयर करने से मुझे और अधिक खुशी होगी।' उन्होंने लिखा, 'यहां तक कि नूडल्स के केवल एक बॉक्स के लिए, एक रोटी या दूध के लिए। मैं इसे आपके दरवाजे पर छोड़ दूंगा, कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा।' 24 साल के किर्गियोस ने इससे पहले जंगलों में लगी आग से राहत के लिए अभियान भी चलाया था।

जूनियर गोल्फर अर्जुन भाटी ने अपनी 102 ट्रोफी और टूर्नमेंटों से कमाई डोनेट की April 07, 2020 at 12:53AM

नई दिल्लीकोविड-19 महामारी के कारण देशभर में फिलहाल 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित है और इससे जनजीवन पर बड़ा असर पड़ा है। खेल जगत की दिग्गज हस्तियां इसके खिलाफ लड़ाई में आगे आ रही हैंऔर मदद कर रही हैं। इसी में युवा गोल्फ खिलाड़ी ने भी मदद के हाथ बढ़ाए हैं। चीन से फैले घातक कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में दिग्गज हस्तियों समेत भारतीय नागरिक भी योगदान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद से कई संस्थाएं, खेल जगत की दिग्गज हस्तियों समेत बड़ी संख्या में लोग आगे आए हैं। नोएडा के रहने वाले गोल्फर अर्जुन ने अपनी ट्रोफी और कमाई 102 लोगों को दे दीं। अर्जुन ने ट्वीट किया, 'जो देश-विदेश से जीतकर कमाई हुई 102 ट्रोफी संकट के समय मैंने 102 लोगों को दे दीं। उनसे आए हुए कुल 4,30,000 रुपये पीएम-केयर्स फंड में देश की मदद को दिए। यह सुनकर दादी रोईं, फिर बोलीं कि तुम सच में अर्जुन हो। आज देश के लोग बचने चाहिएं, ट्रोफी तो फिर आ जाएंगी।' कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग अपनी जान जा चुकी है। भारत में भी इस वायरस से संक्रमित मामले लगातार सामने आ रहे हैं और यह आंकड़ा 4000 के भी पा पहुंच गया है। इससे पहले गोल्फर की दादी ने भी अपनी एक साल की पेंशन दान करने का फैसला किया। भाटी ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि उनकी दादी ने अपनी एक साल की पेंशन दान करने का फैसला किया। उन्होंने लिखा था, 'दादी भावुक होकर बोलीं कि अर्जुन देश ने बहुत दिनों तक मदद की है। दादा जी सेना में थे और 2005 के बाद से दादी को ही उनकी पेंशन मिल रही है।' करीब 150 गोल्फ टूर्नमेंट में खेल चुके 15 साल के अर्जुन ने पिछले साल कैलिफॉर्निया में जूनियर वर्ल्ड गोल्फ चैंपियनशिप जीती थी। इससे पहले वह साल 2016 में अंडर-12 और 2018 में अंडर-14 किड्स गोल्फ वर्ल्ड चैंपियनशिप जीत चुके हैं।

देखें, सकलेन मुश्ताक का नौटंकी अवतार, वायरल April 07, 2020 at 12:39AM

नई दिल्ली पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदाबाज अपने ट्विटर अकाउंट में एक अलग ही अंदाज में नजर आ रहे हैं। कोरोना वायरस के इंग्लैंड में रहने वाले सकलेन भी इन दिनों लॉकडाउन में ही अपना वक्त बिता रहे हैं। ऐसे में घर पर मौज-मस्ती का आनंद भी वह खूब ले रहे हैं। मुश्ताक टि्वटर पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने लंबों बालों वाली विग पहनी हुई है और पूरा मेक अप लगा रहा रखा है। टि्वटर पर उनके इस निराले अंदाज को खूब पसंद किया जा रहा है। गुलाबी रंग के लंबे बालों वाली विग पहनने के साथ-साथ इस पूर्व स्टार ऑफ स्पिनर ने गुलाबी लिपस्टिक, आई लाइनर और नीले रंग की आई शेडो लगा रखी है। सकलेन का यह मेकअप उनकी बेटी ने किया है, जो मुंह ढककर इस वीडियो में दिखाई दे रही हैं और वह खूब हंस भी रही हैं। इस वीडियो में सकलेन बता रहे हैं कि यह मेकअप आर्टिस्ट कोई और नहीं बल्कि उनकी बेटी ही हैं। उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले भी उन्होंने मेरा ऐसा ही मेकअप किया था, जिसे आपने खूब पसंद किया था और एक बार फिर उनकी बेटी यही किया है। इसके साथ मुश्ताक ने बताया कि वे भी अपने परिवार के साथ इन दिनों क्वारंटीन में हैं और फिलहाल ऐसे ही सभी को सुरक्षित रहने के लिए घर पर रहना जरूरी है। पाकिस्तान के बल्लेबाज अहमद शहजाद ने मुश्ताक के इस वीडियो पर मजे भी लिए हैं। शहजाद ने लाफ्टर वाले तीन इमोजी बनाकर यहां लिखा, 'आप हसीन लग रहे हैं सक्की भाई। बहुत शानदार'

प्रतिभा तलाशना मेरा काम था, युवा विराट कोहली में गजब की प्रतिभा थी: वेंगसरकर April 06, 2020 at 11:45PM

... कुशान सरकार ...नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) दिलीप वेंगसरकर को प्रतिभाओं को तलाशने के मामले में भारत के सबसे अच्छे चयनकर्ताओं में से एक माना जाता है जिन्होंने पहली बार आयु वर्ग के क्रिकेट में राष्ट्रीय टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली की प्रतिभा को पहचाना था। इस पूर्व कप्तान के चयनसमिति के अध्यक्ष के तौर पर 2006 से 2008 का कार्यकाल आने वाले चयनकर्ताओ के लिए एक पैमाना बना क्योंकि उनके चयनकर्ता रहते हुए महेन्द्र सिंह धोनी कप्तान बने और उन्होंने विराट कोहली का पक्ष लिया। सोमवार को अपना 64 जन्मदिन मनाने वाले वेंगसरकर ने पीटीआई से कहा, ‘‘ प्रतिभा को परखना मेरा काम था। आप प्रतिभा को परखने में अच्छे हो सकते हैं लेकिन अगर कोई प्रतिभावान है तो उसे मौका मिलना चाहिए।’’वेंगसरकर का मानना है कि वह चयनसमिति के अध्यक्ष पद से न्याय करने में इसलिए सफल रहे क्योंकि वह बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के प्रतिभा अनुसंधान विकास विभाग (टीआरडीडब्ल्यू) से जुड़े थे जिसने धोनी जैसे क्रिकेटर की प्रतिभा को तलाशा था। टीआरडीडब्ल्यू हालांकि अब अस्तित्व में नहीं है।कोहली के बारे में बात करते हुए वेंगसरकर गर्व के साथ कहते हैं कि वह आस्ट्रेलिया के इमर्जिंग टीम के दौरे पर चयनसमिति के अध्यक्ष के कहने पर पारी की शुरूआत करने को भी तैयार थे। कोहली का यह रवैया वेंगसरकर को काफी पसंद आया।वेंगसरकर ने कहा, ‘‘ टीआरडीडब्ल्यू के अध्यक्ष के तौर पर मैंने जूनियर क्रिकेट में कोहली को कई बार देखा था। इसलिए जब मैं चयन समिति का अध्यक्ष बना, तो हमने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के एक इमर्जिंग टीम के दौरे के लिए चुना। मैं वहां था और जब मैंने उसे बल्लेबाजी करते देखा तो मुझे पता था कि वह क्रिकेट में बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार है।’’वेंगसरकर से जब पूछा गया कि क्या कोहली को देखकर उन्हें लगा था कि वह 15 साल तक क्रिकेट खेलेंगे तो उन्होंने, ‘‘ आप कभी भी इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं हो सकते कि किसी खिलाड़ी का करियर कितना लंबा चलेगा। मैंने जो देखा वह एक असाधारण प्रतिभा थी और अगर आप प्रतिभा की पहचान कर सकते हैं तो आपको पता होगा कि किस खिलाड़ी के पास शीर्ष स्तर पर सफल होने की संभावना है।पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ शीर्ष स्तर के लिए आपके पास कुछ अतिरिक्त कौशल होना चाहिए और कोहली में वह था।’’वेंगसरकर से पूछा गया कि क्या उन पर कोहली का चयन नहीं करने का कोई दबाव था क्योंकि उस समय इस बल्लेबाज के रवैये पर काफी सवाल उठते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि किसी ने मुझ पर दबाव डाला। मुझे यकीन था कि मैंने उस समय असाधारण प्रतिभा वाले एक खिलाड़ी को चुना था। मुझे पता था कि वह एक जबरदस्त खिलाड़ी थे, जिन्हें समर्थन की जरूरत थी।"उन्होंने बताया कि महेन्द्र सिंह धोनी को 21 साल की उम्र में टीआरडीडब्ल्यू योजना में शामिल किया गया था जबकि इसके लिए 19 साल की उम्र निर्धारित थी। वेंगसरकर ने बताया कि इसके पीछे काफी दिलचस्प कहानी है। उन्होंने कहा बंगाल के पूर्व कप्तान प्रकाश पोद्दार के कहने पर धोनी को इसमें शामिल किया गया था। पोद्दार जमशेदपुर में एक अंडर-19 मैच देखने गये थे। उसे समय बगल के कीनन स्टेडियम में बिहार की टीम एकदिवसीय मैच खेल रही थी और गेंद बार बार स्टेडियम के बाहर आ रही थी। इसके बाद पोद्दार ने उत्सुकता हुई की इतनी दूर गेंद को कौन मार रहा है। जब उन्होंने पता किया तो धोनी के बारे मे पता चला। वेंगसरकर ने कहा, ‘‘ पोद्दार के कहने पर 21 साल की उम्र में धोनी को टीआरडीडब्ल्यू कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया। ’’उन्होंने बताया कि टीआरडीडब्ल्यू को पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने शुरू किया था । डालमिया के चुनाव हारने के बाद हालांकि इसे बंद कर दिया गया। उन्होंने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी की मौजूदा स्थिति पर निराशा जताते हुए कहा कि यह प्रतिभा निखारने के बजाय खिलाडियों का रिहैब्लिटेशन का केन्द्र बनता जा रहा है।

शारापोवा ने टि्वटर पर शेयर किया मोबाइल नंबर, फिर... April 06, 2020 at 11:47PM

नई दिल्ली ने वैश्विक रूप से सब कुछ थाम दिया है। चाहे आम हो या खास इन दिनों हर कोई अपने घर में है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा है। ऐसे में पूरे दिन सिर्फ घर में रहकर बोर होना भी लाजमी है। लेकिन बोरियत मिटाने का जो तरीका शारापोवा ने अपनाया है, सिलेब्रिटीज उससे हमेशा ही परहेज करते हैं। शारापोवा ने अपना मोबाइल नंबर ही टि्वटर पर सार्वजनिक कर दिया। बस फिर क्या था उनके पास मैसेज के कतार लग गई। बीते शुक्रवार को शारापोवा ने अपने टि्वटर हैंडल से एक वीडियो ट्वीट किया इसमें उन्होंने बताया कि आजकल हैपी का क्या मतलब रह गया है। सभी को शारीरिक दूरी बनानी है। ऐसे में मैं आपसे जुड़ने का प्लान बना रही हूं। इससे पहले मैं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी आप से जुड़ी थी तब मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा था। इसलिए मैं आप सभी से अपना नंबर शेयर कर रही हूं और मुझे टेक्स्ट भेजें, मैं आपको जवाब दूंगी। शारापोवा ने वीडियो के साथ कैप्शन में भी लिखा, 'मैं आपके साथ अपना नंबर साझा कर रही हूं आप मुझे टेक्स्ट करें। 310-564-7981 सचमुच। आप मुझे बताइए आप कैसे हैं। मुझसे सवाल करें या फिर सिर्फ हेलो कहें। कोई अच्छी रेसिपी है तो उसका भी स्वागत है।' बस फिर क्या था शारापोवा को अगले कई दिन तक फ्री होने की फुर्सत ही नहीं मिली। उन्होंने बताया कि बीते 40 घंटे में उन्हें 22 लाख से ज्यादा व्यू मिल चुके हैं। 5 बार की यह रूसी ग्रैंड स्लैम खिलाड़ी कैलिफोर्निया (अमेरिका) ही रहती हैं। अमेरिका में भारत या अन्य देशों की तरह अभी लॉकडाउन तो नहीं लगा लेकिन कोरोना वायरस की मार दुनिया में सबसे ज्यादा इसी देश में है। ऐसे में ने खुद को आइसोलेशन में रखना ही बेहतर समझा है।

इंग्लैंड के पूर्व ऑलराउंडर पीटर वॉल्कर का निधन April 06, 2020 at 11:59PM

लंदन इंग्लैंड के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी का 84 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने इंग्लैंड के लिए तीन टेस्ट मैच खेले थे। यह तीनों मैच उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ साल 1960 में खेले थे। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वॉल्कर का निधन स्ट्रोक के कारण हुआ है। वॉल्कर अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में सिर्फ 128 रन ही बना पाए जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 52 रन है। ग्लामोर्गन के साथ उन्होंने 16 साल तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला। इस दौरान उन्होंने 469 मैचों में 13 शतक तथा 92 अर्धशतक जमाए। साथ ही 834 विकेट भी लिए। बाएं हाथ से तेज गेंदबाजी की शुरुआत करने के बाद बीच में उन्होंने बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी शुरू कर दी थी। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने एक बयान में कहा, ‘अपने करियर के अंत में मीडिया में काम करने वाले वॉल्कर 1996 में ईसीबी के मुख्य कार्यकारी भी रहे और 2009 से 2010 तक ग्लोमोर्गन के अध्यक्ष भी रहे।’ ईसीबी के अलावा ग्लोमोर्गन ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। काउंटी के मुख्य कार्यकारी ह्यूज मौरिस ने कहा, ‘कैच लेने की बेहतरीन क्षमता, आक्रामक बल्लेबाजी और स्पिन उन्हें बड़ा खतरा बनाती थी। उन्होंने ग्लोमोर्गन को काउंटी चैम्पियनशिप जिताने में मदद की थी। क्लब में हर कोई उन्हें याद करेगा।’

स्मिथ ने खुद बताया अपने 'अजीब' स्टांस का राज April 06, 2020 at 11:28PM

नई दिल्ली ऑस्ट्रेलियाई रन मशीन स्टीव स्मिथ ने खुलासा किया है कि वह आउट होने के तरीकों को सीमित करने के लिए आम तौर पर ऑफ स्टंप की लाइन में या उससे बाहर खड़े होते हैं। विश्व के नंबर एक टेस्ट बल्लेबाज स्मिथ ने अभी तक 73 टेस्ट मैचों में 7227 रन बनाए हैं। इसके अलावा उनके नाम पर 4162 वनडे रन भी दर्ज है। उनकी बल्लेबाजी की तकनीक अपरंपरागत है जिसको समझने में अधिकतर नाकाम रहे हैं। आईपीएल के पहले चैंपियन राजस्थान रॉयल्स द्वारा आयोजित बातचीत में स्मिथ ने न्यूजीलैंड के स्पिनर ईश सोढ़ी के सामने अपनी तकनीक को लेकर खुलकर बात की। अपने बल्लेबाजी स्टांस (बल्लेबाज के खड़े होने का तरीका) के बारे में स्मिथ ने कहा, ‘यह इस पर निर्भर करता है कि कौन गेंदबाजी कर रहा है, विकेट कैसा है, मुझे किस तरह से रन बनाने हैं और गेंदबाज मुझे किस तरह से आउट करना चाहते हैं। इससे मैं तय करता हूं कि मुझे अपना स्टांस कैसे रखना है।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं अमूमन ऐसा स्टांस लेता हूं जहां मेरा बैकफुट ऑफ स्टंप की लाइन में होता है और कुछ अवसरों पर तो उससे भी बाहर। इससे मैं जानता हूं कि कोई भी गेंद जो मेरी नजर से बाहर की तरफ जा रही हो, वह मेरे स्टंप पर नहीं लगेगी।’ स्मिथ ने कहा, ‘मेरा मानना है कि अगर गेंद स्टंप की सीध में नहीं हो तो आपको आउट नहीं होना चाहिए। जब मैंने ऐसा स्टांस लेना शुरू किया तो यह मेरी एक चाल थी। यह आउट होने के तरीकों को सीमित करने के लिए था।’ इस 30 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि ऑफ स्टंप का स्टांस लेने से उन्हें बाहर जाने वाली गेंदों को छोड़ने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, ‘कई बार मैं विकेटों के आगे पगबाधा आउट हो जाता हूं, लेकिन मुझे यह मंजूर है क्योंकि मैं जानता हूं कि अगर यह मेरी नजर की सीध से बाहर की तरफ जा रही होती तो फिर मुझे इसे खेलने की जरूरत नहीं पड़ती। मैं इसे केवल छोड़ सकता था।’

मुझे पूरा भरोसा एक वर्ल्ड कप और खेलूंगा: रॉबिन उथप्पा April 06, 2020 at 10:40PM

saysनई दिल्ली टीम इंडिया में लंबे समय से अपनी वापसी का इंतजार कर रहे मिडल ऑर्डर बल्लेबाज को लगता है कि अभी वह कम से कम एक वर्ल्ड कप और खेल सकते हैं। उथप्पा ने टीम इंडिया में आखिरी बार साल 2015 में जगह बनाई थी, इसके बाद से वह बीते 5 सालों अपनी वापसी की राह टटोल रहे हैं। उथप्पा इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले को लेकर अपनी तैयारियां कर रहे हैं और उन्हें भरोसा है कि इस बार वह भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की कर लेंगे। भारत की ओर से 46 वनडे और 13 टी20 इंटरनैशनल मैच खेल चुके इस बल्लेबाज ने कहा क्रिकेट वेबसाइट क्रिक इन्फो से एक इंटरव्यू में कहा, 'मैं प्रतिस्पर्धी होना चाहता हूं। मेरे अंदर अभी भी प्रतिस्पर्धा कर अच्छा करने की वह आग है। मुझे ईमानदारी से ऐसा लगता है कि मेरे अंदर अभी भी एक वर्ल्ड कप बाकी है। खासतौर से यह छोटे फॉर्मेट वाला।' कर्नाटक के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले उथप्पा इस साल से केरल की ओर से खेलने लगे हैं। उन्होंने कहा कि अब मैं भारतीय टीम के लिए फिनिशर्स का रोल निभाने की तैयारी कर रहा हूं। इस बल्लेबाज ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि मैं भारतीय टीम में फिर से अपनी जगह पक्की कर लूंगा। कई साल तक आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए खेलने वाले उथप्पा को इस बार इस फ्रैंचाइजी ने अपनी टीम से रीलीज कर दिया और इसके बाद उथप्पा को राजस्थान रॉयल्स (RR) अपनी टीम में रखा है। इससे पहले 34 वर्षीय उथप्पा भारत की ओर से दो वर्ल्ड कप टीमों का हिस्सा रह चुके हैं। साल 2007 में वह राहुल द्रविड़ की कप्तानी में वेस्ट इंडीज में खेले गए वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा था और इसके बाद पहले वर्ल्ड टी20 टूर्नमेंट में भी उन्होंने धोनी की कप्तानी वाली टीम में अपनी जगह बनाई थी। इसके बाद साल 2008 में वह टीम इंडिया से बाहर हुए थे यहां से उनका अंदर-बाहर होने का सिलसिला चल निकला। साल 2015 में जिमबाब्वे दौरे पर गई टीम इंडिया का हिस्सा थे और इसके बाद से उन्हें भारतीय टीम अभी तक जगह नहीं मिली है।

गावसकर ने बताई धोनी की दिल छू लेने वाली बात April 06, 2020 at 10:11PM

नई दिल्ली भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान की सादगी के किस्से बहुत मशहूर हैं। एक मध्यमवर्गीय परिवार से लेकर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे कामयाब कप्तानों में शुमार होने का सफर तय किया। धोनी की इस सादगी के मुरीद तो महान बल्लेबाज भी हैं। गावसकर ने एक अंग्रेजी अखबार में लिखे अपने कॉलम में गावसकर ने धोनी की सादगी का एक बहुत ही प्यारा किस्सा बयां किया है। गावसकर ने लिखा है कि धोनी चार्टज फ्लाइट में भी बिजनस क्लास में नहीं बैठते थे। उन्होंने लिखा कि भारतीय कप्तान होने के बावजूद धोनी टीवी क्रू के साथ इकॉनमी में सफर करते थे। भारतीय क्रिकेट टीम में टॉप-परफॉर्म करने वाले खिलाड़ियों को घरेलूल उड़ानों में भी सीमित बिजनस क्लास सीटें मिलती हैं। धोनी जो उस समय भारत के चोटी के खिलाड़ी थे वह इस विकल्प का इस्तेमाल नहीं करते थे। गावसकर ने अपने कॉलम में लिखा, 'भारतीय टीम में अच्छा प्रदर्शन करने वाले अपने खिलाड़ियों को पुरस्कृत करती है। भारतीय क्रिकेट को जानने वाले ज्यादातर लोगों को पता है कि भारत में घरेलू उड़ानों के दौरान भी अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए दोनों टीमें एक विशेष चार्टेड फ्लाइट से एक शहर से दूसरे शहर जाती हैं।' इसी फ्लाइट में टीवी क्रू का टेकनिकल स्टाफ भी जाता है जिसे अगले मैच के लिए केबल आदि सेट करने होते हैं। बिजनस क्लास में सीमित सीटें होती हैं और इसमें कप्तान, कोच और टीम के मैनेजर बैठते हैं। इसके साथ ही में पिछले मैच में अच्छा करने वाले भारतीय खिलाड़ियों को भी इनाम के तौर पर इसमें सीट मिलती है। वह पीछे इकॉनमी क्लास की जगह इसमें बैठ सकते हैं।

बिना दर्शक IPL खेलने में दिक्कत नहीं: हरभजन सिंह April 06, 2020 at 09:17PM

मुंबई अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने कहा कि उन्हें खाली स्टेडियमों में इंडियन प्रीमियर लीग () खेलने में दिक्कत नहीं है। लेकिन कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण के बाद इस टूर्नमेंट का आयोजन होना चाहिए क्योंकि इस पर कई लोगों की आजीविका निर्भर है। चेन्नै सुपर किंग्स (CSK) की तरफ से खेलने वाले हरभजन ने स्टार स्पोर्ट्स के एक कार्यक्रम में कहा, 'दर्शक महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन अगर परिस्थितियां अनुकूल न हों तो मुझे उनके बिना खेलने में कोई दिक्कत नहीं है। एक खिलाड़ी के तौर पर मुझे दर्शकों का समर्थन नहीं मिलेगा लेकिन इससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक प्रशंसक टीवी पर आईपीएल देख पाएगा।' उन्होंने कहा, 'हमें हर चीज के लिए सतर्क रहना होगा और खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता में रखना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मैच स्थल, टीम होटल, उड़ान आदि की अच्छी तरह से सफाई की गई हो। यह कई लोगों की आजीविका का सवाल है इसलिए जब सब कुछ ठीक हो जाए तो हमें आईपीएल का आयोजन करना चाहिए।' भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने आईपीएल को 15 अप्रैल तक स्थगित कर दिया था। लेकिन इस घातक वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इसके जल्द आयोजन की संभावना नहीं है। भारत की तरफ से 103 टेस्ट मैच खेलने वाले हरभजन ने कहा, 'मुझे मैचों की काफी कमी खल रही है। मुझे उम्मीद है कि एक साल के बाद मैं 17 मैच (फाइनल सहित) खेल पाऊंगा। मुझे मैदान पर नहीं जा पाना अखर रहा है। हर किसी प्रशंसक को इसकी कमी खल रही होगी। उम्मीद है कि आईपीएल जल्द होगा। तब तक मुझे खुद को फिट रखना होगा।'

टी20 में आसान कमाई के कारण राष्ट्रीय हितों की अनदेखी करते हैं क्रिकेटर : वकार April 06, 2020 at 07:20PM

कराची पाकिस्तान के अपने जमाने के दिग्गज गेंदबाज का मानना है कि विभिन्न टी20 लीग में आसान कमाई के कारण कई बार क्रिकेटर राष्ट्रीय हितों को नजरअंदाज कर देते हैं। पाकिस्तान के तेज गेंदबाजी कोच वकार ने कहा कि और का पिछले साल टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना ऐसा ही वाकया है जिसमें उनके निजी हितों के कारण राष्ट्रीय टीम पर बुरा प्रभाव पड़ा। आमिर का 27 साल की उम्र में संन्यास लेने का फैसला काफी चर्चा में रहा था। वकार ने पत्रकारों से कॉन्फ्रेन्स कॉल में कहा, ‘इन टी20 लीग से खिलाड़ी आसानी से कमाई करते हैं और वे इनमें सहज होकर खेलते हैं क्योंकि उन्हें एक मैच में केवल चार ओवर करने पड़ते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन कई बार खिलाड़ी अपनी सुविधा पर ध्यान देते समय यह नहीं सोचते कि वे राष्ट्रीय हितों को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं। वे व्यापक तस्वीर के बारे में नहीं सोचते।’ आमिर और वहाब ने जिस तरह से संन्यास की घोषणा की वह भी वकार को अच्छा नहीं लगा। उन्होंने कहा, ‘आप सोशल मीडिया पर अपने संन्यास की घोषणा करते हैं जो वास्तव में आहत करने वाला है। उन्हें पहले अपने प्रबंधन और बोर्ड को सूचित करना चाहिए था। उन्हें पहले इस पर चर्चा करनी चाहिए थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने ऐसा किया क्योंकि इससे हमें थोड़ा नुकसान हुआ।’ वकार ने कहा, ‘लेकिन मैं नहीं कहूंगा कि हमने कुछ खोया है। अगर उन्होंने अपना फैसला किया है तो ठीक है। हमारा उनके प्रति कोई गिला शिकवा नहीं है लेकिन मेरा अब भी मानना है कि वे अभी खेल सकते थे।’ उन्होंने कहा, ‘टीम में चयन होने पर वे पाकिस्तान की तरफ से सीमित ओवरों की क्रिकेट खेल सकते हैं। हां उन्होंने उस समय टीम को मुश्किल स्थिति में छोड़ा था।’

'IPL डील न जाए, कोहली से डर रहे थे कंगारू' April 06, 2020 at 08:16PM

नई दिल्ली विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली बार उसके घर में टेस्ट सीरीज में मात दी थी। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ियों को अपने देश की यह हार अभी तक नहीं पच रही है और उनका मानना है कि साल 2018-19 में कंगारू टीम विराट कोहली और उनकी टीम के सामने कुछ ज्यादा ही सॉफ्ट होकर खेली थी। इसी कारण टीम को हार का सामना करना पड़ा। यह पहला मौका था, जब एशिया की किसी टीम ने कंगारुओं को उसके घर में टेस्ट सीरीज हराई हो। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने टीम के ज्यादातर खिलाड़ी आईपीएल को ध्यान में रखकर टीम इंडिया के खिलाफ अपनी रणनीतियां बना रहे थे। इसी कारण वे विराट कोहली और उनके बाकी खिलाड़ियों के प्रति जरूरत से ज्यादा सॉफ्ट रहे, ताकि उन्हें आईपीएल से मोटी डील हासिल हो सके। क्लार्क ने ऑस्ट्रेलिया के एक रेडियो प्रोग्राम 'द बिग स्पोर्ट्स ब्रेकफस्ट' से यह बात कही। 2018-19 में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर थी और यहां भारतीय टीम ने 4 टेस्ट की सीरीज में मेजबान टीम को 2-1 से शिकस्त दी थी। 71 साल के इतिहास में यह पहला मौका था, जब भारत ने कंगारूओं को उनकी अपनी मिट्टी पर मात दी। इस हार से अब तक दुखी इस पूर्व कंगारू कप्तान ने कहा, 'सभी जानते हैं कि इस खेल के वित्तीय मामलों में भारत कितना मजबूत है। यह अमीरी चाहे फिर इंटरनैशनल लेवल पर हो या फिर आईपीएल के साथ घरेलू स्तर पर।' उन्होंने कहा, 'हमारे खिलाड़ी कोहली ऐंड कंपनी से थोड़े डरे हुए थे क्योंकि उन्हें अप्रैल (2019) में उन्हीं के साथ आईपीएल में जो खेलना था। इसलिए वे उनकी स्लेजिंग करने से कतरा रहे थे। खिलाड़ियों को डर था कि अगर यहां ज्यादा स्लेजिंग की तो फिर आईपीएल का मोटा कॉन्ट्रैक्ट हाथ से निकल सकता है।' उन्होंने कहा कि कई खिलाड़ियों को चिंता थी कि अगर उन्होंने कोहली को स्लेज किया तो उसका खामियाजा उन्हें आईपीएल ऑक्शन में भुगतना पड़ेगा। क्लार्क ने कहा कि दुनिया भर की टीमें इन दिनों भारतीय टीम के साथ यही व्यवहार कर रही हैं।