Wednesday, April 1, 2020

WC 2011 की फाइनल तस्वीर पर क्यों भड़के गंभीर April 01, 2020 at 07:52PM

नई दिल्ली साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी द्वारा लगाए गए विजयी छक्के के लिए 'जुनून' को लेकर भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर ने सोशल मीडिया पर निशाना साधा है। गंभीर ने कहा है कि टूर्नमेंट पूरी टीम और सपॉर्ट स्टाफ के सहयोग से जीता गया था। की जीत के नौ साल पूरा होने पर एक क्रिकेट वेबसाइट ने धोनी की उस तस्वीर को पोस्ट किया था। उस वेबसाइट ने कैप्शन दिया था- वह शॉट जिसने करोड़ों लोगों को खुशी में झूमने पर मजबूर कर दिया। गंभीर को यह बात नगवार गुजरी। वर्ल्ड कप फाइनल की बात करें तो गंभीर भारतीय टीम के अहम खिलाड़ी रहे हैं। साल 2007 में टी20 वर्ल्ड कप में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ हाफ सेंचुरी लगाई थी। वहीं 2011 के खिताबी मुकाबले में उन्होंने 97 रनों की पारी खेली थी। जब टीम को जरूरत थी तो बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने शानदार खेल दिखाया था। उनकी पारी ने भारत को 275 का लक्ष्य हासिल करने में मदद की थी। भारतीय टीम ने वीरेंदर सहवाग और सचिन तेंडुलकर के विकेट जल्दी खो दिए थे लेकिन इसके बाद गंभीर ने पहले विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी के साथ उपयोगी साझेदारियां की थीं। सहवाग पहले ही ओवर में आउट हो गए थे और सचिन 18 रन बनाकर पविलियन लौटे थे। उन्होंने कोहली के साथ 83 और धोनी के साथ 99 रन जोड़े थे। सेंचुरी से चूके गंभीर हालांकि अपनी सेंचुरी पूरी नहीं कर पाए और 97 रन बनाकर आउट हो गए। जब वह आउट हुए तो भारत को 52 गेंद पर 52 रन चाहिए थे। इसके बाद धोनी ने युवराज सिंह के साथ मिलकर भारत को जीत तक ले गए। धोनी 79 गेंद पर 91 और युवराज 24 गेंद पर 21 रन बनाकर नाबाद रहे। धोनी से पहले से रहा है विवाद गंभीर के इस बयान को धोनी पर निशाने के रूप में भी देखा जा रहा है। वह पहले भी ऐसा कर चुके हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, '2012 में ऑस्ट्रेलिया में त्रिकोणीय सीरीज के दौरान कहा था वह हम तीनों (सचिन, सहवाग और गंभीर) को एक साथ नहीं खिला सकते क्योंकि वह 2015 वर्ल्ड कप के बारे में सोच रहे हैं।' गंभीर ने कहा था, 'यह बहुत सदमे वाली बात थी। मुझे लगता है कि यह किसी भी क्रिकेटर के लिए सदमे जैसी बात होगी। मैंने कभी नहीं सुना कि किसी से 2012 में कहा जाए कि तुम 2015 वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा नहीं होगे। मैं हमेशा से यही सोचता आया था कि अगर आप रन बनाते रहें तो उम्र सिर्फ एक नंबर होती है।' 'धोनी की वजह से नहीं हुई सेंचुरी' गंभीर ने कहा था कि जब वह फाइनल में 97 के स्कोर पर पहुंचे तब उनका ध्यान अपने स्कोर पर नहीं बल्कि टारगेट पर था। उन्होंने कहा, 'जब ओवर खत्म हुआ तब उन्होंने मुझसे कहा कि सिर्फ तीन रन बचे हैं और तुम ये तीन रन पूरे कर लो और तुम्हारी सेंचुरी बन जाएगी।' गंभीर ने कहा कि अगर धोनी मुझे मेरे स्कोर के बारे में याद नहीं दिलाते तो मैं आसानी से तीन रन पूरे कर लेता। उनके याद दिलाने के बाद मैं तीन रन को लेकर जरूरत से कुछ ज्यादा ही सावधान हो गया और थिसारा परेरा की गेंद पर एक खराब शॉट खेलकर आउट हो गया। उन्होंने कहा कि धोनी की सलाह से मेरा ध्यान भंग हो गया।

वर्ल्ड रैंकिंग में बजरंग दूसरे और रवि दहिया चौथे स्थान पर, दोनों को टोक्यो ओलिंपिक में टॉप-4 सीड में जगह मिलना तय April 01, 2020 at 08:09PM

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने बुधवार को ताजा रैंकिंग जारी की। इसमें भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया 65 किलोग्राम वर्ग में दूसरे नंबर पर हैं, जबकि रवि दहिया 57 किग्रा में चौथे स्थान पर काबिज हैं। इस लिहाज से दोनों स्टार पहलवानों को अगले साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक के टॉप-4 सीड में जगह मिलना तय है। कोरोनावायरस के कारण इस साल होने वाले टोक्यो ओलिंपिक को एक साल के लिए टाल दिया गया है। अब यह टूर्नामेंट अगले साल 23 जुलाई से 8 अगस्त को होगा।

पिछले ही साल नूर-सुल्तान में स्वर्ण जीतने वाले रूस के ओलिंपिक चैम्पियन गधजिमुराद रशीदोव 65 किग्रा में शीर्ष पर हैं। गधजिमुराद के 60 और बजरंग के नाम 59 पॉइंट हैं। वहीं, 57 किग्रा वर्ग में भी रूस के ही जॉर उगुयेव टॉप पर काबिज हैं। वर्ल्ड रैंकिंग में जॉर के 60 और दहिया के 46 अंक हैं।

दीपक पुनिया 86 किग्रा में दूसरे नंबर पर
वहीं, विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक विजेता दीपक पुनिया 86 किग्रा में ईरान के दिग्गज हसन यजदानी के बाद दूसरे स्थान पर हैं। हसन के 60 और दीपक के 54 पॉइंट हैं। इनके अलावा ओलिंपिक के अन्य तीन भार वर्ग 74 किग्रा, 97 किग्रा और 125 किग्रा के टॉप -10 में कोई भारतीय पहलवान नहीं है। हर भार वर्ग के शीर्ष चार खिलाड़ियों को टोक्यो ओलिंपिक में वरीयता दी जाएगी।



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बजरंग पुनिया वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 3 पदक जीतने वाले पहले रेसलर हैैं। -फाइल फोटो

..जब वर्ल्ड कप-2011 में युवी को हुई खून की उल्टी April 01, 2020 at 07:47PM

नई दिल्लीभारत के दिग्गज ऑलराउंडरों में शुमार 2011 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम के सदस्य रहे। साल 2011 में आज ही के दिन (2 अप्रैल 2011) टीम इंडिया की कप्तानी में विश्व विजयी बनी। साल 1983 के बाद भारतीय टीम ने वनडे वर्ल्ड कप जीता और करोड़ों भारतवासियों को जश्न मनाने का मौका दिया। यह टूर्नमेंट युवराज सिंह के लिए भी बेहद खास रहा। धोनी की कप्तानी में 28 साल के बड़े अंतराल के बाद टीम इंडिया ने विश्व कप जीता। 'सिक्सर किंग' के नाम से मशहूर युवराज सिंह को प्लेयर ऑफ द टूर्नमेंट चुना गया, लेकिन वर्ल्ड कप के दौरान उनको खून की उल्टियां हो रही थीं। फैंस के बीच 'युवी' से मशहूर इस भारतीय क्रिकेटर ने हालांकि अपनी परवाह नहीं करते हुए टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाया। पढ़ें, वेस्ट इंडीज के खिलाफ जड़ा शतकटूर्नमेंट में 20 मार्च को भारतीय टीम ने चेन्नै के एमए चिदंबरम स्टेडियम में वेस्ट इंडीज के खिलाफ लीग मैच खेला। इस मैच में भारतीय टीम के कप्तान धोनी ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। देखते ही देखते दिग्गज सचिन तेंडुलकर और गौतम गंभीर आउट हो गए। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरे युवराज सिंह और उन्होंने शानदार शतकीय पारी खेली। उन्होंने 123 गेंदों में 10 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 113 रन बनाए। चेन्नै में खून की उल्टीयुवराज को इस शतकीय पारी के दौरान मुंह से खून निकलने लगा। उन्हें मैदान पर खून की उल्टी भी हुई। बाद में पता चला कि उनको कैंसर था लेकिन इस बात की जानकारी ना तो टीम मैनेजमेंट को थी और ना ही खुद युवराज को। इसके बावजूद युवराज डटे रहे और पूरा टूर्नमेंट खेला। इतना ही नहीं, टूर्नमेंट में 1 शतक और 4 अर्धशतकों की मदद से कुल 362 रन और 15 विकेट लेने वाले युवी ने मैन ऑफ द सीरीज की ट्रोफी भी अपने नाम की। 'मर जाऊं तो भी भारत बने चैंपियन'साल 2014 में युवराज सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'पहले मुझे लगा कि उल्टी मुझे गर्मी की वजह से हुई। मैं 6 नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरता था, लेकिन वीरू (वीरेंदर सहवाग) वर्ल्ड कप से बाहर हुए तो फैसला किया कि ऊपर जाऊंगा और बड़ा स्कोर करूंगा। जब चेन्नै में शतकीय पारी के दौरान उल्टी हुई तो मैंने ईश्वर से प्रार्थना की- जो भी हो, अगर मैं मर भी जाऊं तो भी वर्ल्ड कप भारत ही जीते।' ऐसे बना भारत चैंपियनवर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मैच भारत और श्रीलंका के बीच 2 अप्रैल 2011 को खेला गया। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खिताबी मुकाबले में श्रीलंकाई टीम ने 6 विकेट पर 274 रन बनाए जिसके बाद भारतीय टीम ने 4 विकेट पर 277 रन बनाकर 10 गेंद शेष रहते जीत दर्ज की और दूसरी बार वर्ल्ड कप चैंपियन बनी। दिग्गज भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने टीम इंडिया की ओर से सर्वाधिक 97 रन की पारी खेली जबकि कप्तान धोनी 91 रन बनाकर नाबाद लौटे। वह मैन ऑफ द मैच भी रहे। युवराज ने फाइनल में 24 गेंदों पर 21 रन बनाए और नाबाद लौटे।

वर्ल्ड कप जीत के बाद सचिन को लेकर कही कोहली की वह बात आज भी इमोशनल करती है April 01, 2020 at 06:51PM

मुंबई दो अप्रैल 2011 का दिन भारतीय क्रिकेट में हमेशा याद किया जाएगा। मुंबई का वानखेडे़ मैदान। नुआन कुलासेकरा की गेंद। महेंद्र सिंह धोनी का वह सिक्स... और भारत वर्ल्ड चैंपियन। लगभग 28 साल बाद। खुशी के आंसुओं से नम थीं करोड़ों आंखें। उसमें शामिल थे क्रिकेट का भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंडुलकर। दस साल के सचिन ने जब कपिल देव को लॉर्ड्स की बालकनी में प्रूडेंशल कप थामे देखा था तभी तय कर लिया था कि अब क्रिकेटर ही बनना है। पहले उनके जेहन में क्रिकेट और टेनिस को लेकर दुविधा रहती थी पर उस लम्हे ने सचिन और उस पीढ़ी की दिशा बदल दी। अब साल बाद सचिन टीम के सबसे सीनियर खिलाड़ी थे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 22 साल का सफर पूरा कर चुके थे सचिन। अपना छठा वर्ल्ड कप खेल रहे थे। और आखिरी भी। वर्ल्ड कप से पहले और दौरान भी कई क्रिकेटर कहते नजर आए कि यह विश्व कप सचिन पाजी के लिए जीतना है। सचिन टीम के लिए क्या थे, यह विराट कोहली के बयां से समझिए। आज टीम के कप्तान उस समय सबसे युवा खिलाड़ी थे। जीत के बाद टीम के खिलाड़ियों ने सचिन को कंधे पर बैठाकर पूरे मैदान का चक्कर लगाया था। इसके बाद कोहली ने कहा, 'सचिन तेंडुलकर ने भारतीय क्रिकेट को 21 साल तक अपने कंधे पर उठाया है। तो इस जीत के बाद उन्हें कंधे पर बैठाना तो बनता ही है।' कोहली का यह पहला सीनियर वर्ल्ड कप था। तीन साल पहले उन्होंने क्वालालंपुर में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था।

डकवर्थ-लुईस नियम बनाने वाले 78 साल के गणितज्ञ टोनी का निधन, ईसीबी ने कहा- क्रिकेट हमेशा उनका ऋणी रहेगा April 01, 2020 at 07:08PM

क्रिकेट जगत को डकवर्थ-लुईस नियम देने वाले गणितज्ञ टोनी लुईस का निधन हो गया है। वे 78 साल के थे। उन्होंने साथी गणितज्ञ फ्रैंक डकवर्थ के साथ मिलकर मौसम के कारण बाधित क्रिकेट मैच के लिए 1992 में डकवर्थ-लुईस फॉर्मूला दिया था। इसे आईसीसी ने इंग्लैंड में खेले गए 1999 वर्ल्ड कप से अपनाया था। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने बुधवार को कहा, ‘‘टोनी और फ्रैंक के योगदान कोई नहीं भूल सकता। क्रिकेट उन दोनों का हमेशा ऋणी रहेगा।’’

टोनी और फ्रैंक के फॉर्म्युले को कई बार आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था। तब ऑस्ट्रेलिया के एक गणितज्ञ स्टीवन स्टर्न ने मौजूदा स्कोरिंग-रेट के हिसाब से इस फॉर्मूले को रिवाइज किया। इसके बाद 2014 से डकवर्थ-लुईस-स्टर्न कहा जाने लगा।

1992 वर्ल्ड कप के बाद फॉर्मूले को लागू करने पर विचार हुआ
1992 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के सेमीफाइनल के बाद इस फॉर्मूले को लागू करने पर विचार किया गया था। इस मैच में लक्ष्य का पीछा कर रही अफ्रीका टीम को जीत के लिए 13 गेंद पर 22 रन की जरूरत थी। इसी दौरान कुछ समय के लिए हुई बारिश के कारण मैच रोक दिया गया था। इसके बाद अफ्रीकी खिलाड़ी उस समय हैरान रह गए, जब जीत के लिए स्कोरकॉर्ड पर 1गेंद पर 21 रन का टारगेट दिखायाथा। यह मैच अफ्रीका 19 रन से हार गई थी।इसके बाद ही आईसीसी ने डकवर्थ-लुईस सिस्टम पर विचार किया।

इस नियम सेपहले क्या होता था
इस फॉर्मूले से पहले आईसीसी का नियम सिर्फ टीम का रन औसत ही देखती थी। यानीमैच मेंजिस टीम ने बारिश के समय ज्यादा औसत से रन बनाए होते थे, उसे विजेता घोषित कर दिया जाता था। इस पुराने नियममें विकेट गिरने की बात का ख्याल नहीं रखा जाता था। जबकि डकवर्थ-लुईस नियम में बारिश से बाधित मैच तक के ओवरों में दोनों टीमों का रन औसत और विकेट को ध्यान में रखा जाता है।



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गणितज्ञ टोनी लुईस (दाएं) और फ्रैंक डकवर्थ ने मिलकर डकवर्थ-लुईस फॉर्मूला बनाया था। 1997 मे दिए गए इस फॉर्मूले को आईसीसी ने 1999 वर्ल्ड कप में अपनाया था।

धोनी, गंभीर यूं बने थे विश्व विजेता टीम के हीरो April 01, 2020 at 06:40PM

नई दिल्ली2 अप्रैल 2011, शायद ही कोई भारतीय क्रिकेट प्रेमी हो जिसे यह तारीख याद ना हो। इसी दिन 9 साल पहले भारतीय क्रिकेट में 28 साल का वर्ल्ड कप 'सूखा' खत्म हुआ था और श्रीलंका को हराकर महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया दूसरी बार विश्व विजेता बनी। दिग्गज भारतीय क्रिकेटर ने 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में टीम इंडिया की ओर से सर्वाधिक 97 रन की पारी खेली। धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप जीता जो भारत का दूसरा वनडे वर्ल्ड कप रहा। गंभीर ने इस जीत में अहम भूमिका अदा की। पढ़ें, श्री लंका ने उस मैच में टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए महेला जयवर्धने (103*) की शतकीय पारी की बदौलत 6 विकेट पर 274 रन बनाए, जिसके जवाब में गंभीर (97) और कप्तान धोनी (91*) की दमदार पारियों की बदौलत 10 गेंद बाकी रहते ही मैच 6 विकेट से जीत लिया। ऐसा रहा फाइनल का रोमांचफाइनल में भारत को जीत के लिए 275 रन का लक्ष्य मिला। मेजबान टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और ओपनर वीरेंदर सहवाग (0) और दिग्गज सचिन तेंडुलकर (18) जल्दी आउट हो गए। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे गंभीर ने एक छोर पर टिककर बल्लेबाजी करते हुए 97 रन बनाए और टीम को जीत की राह पर ले गए। धोनी और गंभीर ने 109 रनों की साझेदारी की। धोनी मैन ऑफ द मैच रहे थे। धोनी और युवी लौटे नाबादकप्तान धोनी 79 गेंदों पर 91 और ऑलराउंडर युवराज सिंह 24 गेंदों पर 21 रन बनाकर नाबाद लौटे। धोनी ने अपनी नाबाद पारी में 8 चौके और 2 छक्के लगाए। दोनों ने मिलकर 54 रनों की पार्टनरशिप की। राजनीति में उतरे गंभीरगौतम गंभीर क्रिकेट के बाद राजनीति में उतरे और पिछला लोकसभा चुनाव जीते। ईस्ट दिल्ली से मौजूदा लोकसभा सांसद गंभीर ने करियर में 58 टेस्ट और 147 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उनके नाम टेस्ट में 4154 रन और वनडे में 5238 रन दर्ज हैं। उन्होंने 37 टी20 इंटरनैशनल मैच खेले जिनमें 27.41 के औसत से 932 रन बनाए। उन्होंने वनडे में 11 शतक और टेस्ट में 9 शतक जड़े। गंभीर ने 251 टी20 मैच खेले जिनमें 6402 रन बनाए और 53 अर्धशतक जड़े।

ट्रोल हुए, अब भज्जी की अपील- कोई धर्म, जाति नहीं April 01, 2020 at 06:04PM

नई दिल्लीकोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में खेल जगत की दिग्गज हस्तियां आगे आई हैं और सोशल मीडिया पर देशवासियों से घर पर सुरक्षित रहने की अपील कर रही हैं। भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर ने भी सोशल मीडिया पर अपने प्रशंसकों से एक अपील की जहां उन्होंने नफरत नहीं करने और प्यार फैलाने के लिए कहा। हरभजन ने इस मुश्किल समय में लोगों की मदद करते हुए अमेरिका में एक एनजीओ को दिखाने वाली एक वीडियो क्लिप शेयर की। पढ़ें, उन्होंने साथ ही लिखा, 'कोई धर्म नहीं, कोई जाति नहीं, केवल मानवता.. सुरक्षित रहें, घर पर रहें। प्यार फैलाएं, नफरत या वायरस नहीं.. हर किसी के लिए प्रार्थना करें.. वाहेगुरु सभी को आशीर्वाद दें।' फैंस के बीच 'भज्जी' नाम से मशहूर हरभजन की अपील ऐसे समय में की गई जब पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी की फाउंडेशन का सपॉर्ट करने पर वह ट्रोलर्स के निशाने पर आ गए थे। वहीं, युवराज सिंह ने भी एक मेसेज शेयर किया जिसमें उन्होंने लिखा, 'मुझे सच में समझ नहीं आ रहा कि कैसे कमजोर लोगों की मदद करने के लिए एक मेसेज फैलाया गया। मैंने कोविड-19 से परेशान लोगों की मदद करने के लिए था। मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। मैं एक भारतीय हूं और हमेशा भारतीय ही रहूंगा, हमेशा मानवता की भलाई के लिए खड़ा रहूंगा। जय हिंद।' घातक कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में आगे आए पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने अपनी फाउंडेशन के लिए फंड जुटाने की कोशिश की। उनके अभियान को भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह और हरभजन सिंह ने आगे बढ़ाया और पैसे डोनेट करने की अपील की। इसके बाद क्रिकेट फैन्स ने दोनों भारतीयों को ट्रोल करना शुरू कर दिया था।

कोरोना का असर: इंग्लैंड में क्रिकेट को 6 करोड़ पाउंड की मदद April 01, 2020 at 06:15PM

लंदन/नई दिल्ली इंग्लैंड ऐंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने कोविड-2019 महामारी से पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव का सामना करने के लिए छह करोड़ 10 लाख पाउंड (करीब 5 अरब 78 करोड़ रुपये) के वित्तीय पैकेज की घोषणा की है, लेकिन उसने खिलाड़ियों की सैलरी में कटौती करने की अभी कोई घोषणा नहीं की। ईसीबी के अनुसार वित्तीय मदद काउंटी, बोर्ड, क्लब से लेकर खेल के हर लेवल पर मुहैया कराई जाएगी। इस धनराशि में 4 करोड़ पाउंड तत्काल उपलब्ध कराया जाएगा जोकि फर्स्ट क्लास काउंटी और काउंटी क्रिकेट बोर्ड के लिए होगा। बाकी की राशि उन काउंटी को दी जाएगी जो 2020-21 के दौरान सुविधाओं को पाने के योग्य नहीं थे। इसके अलावा, इंग्लैंड के मैचों की मेजबानी के लिए जो काउंटी ईसीबी को भुगतान करते थे और कोरोना वायरस के कारण अगर वे मैच आयोजित नहीं हो पाते हैं तो उसे भी चार महीने के लिए माफ कर दिया जाएगा। हैरिसन ने कहा, ‘हम इससे अच्छी तरह वाकिफ हैं कि कोविड-2019 के कारण स्थिति मुश्किल होगी और पूरे वित्तीय नुकसान का अनुमान लगाने में महीनों लग जाएंगे। हम खेल पर पड़ने वाले प्रभाव का सामना करने के लिए अपने भागीदारों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘नहीं, हमने वेतन कटौती को लेकर बात नहीं की है। इस महामारी के बाद जो भी फैसले लिए जाएंगे वो सभी लोगों का हित ध्यान में रखकर लिए जाएंगे। जो भी फैसला लिया जाएगा उसके बारे में सोचा जाएगा और अभी हमने इस बारे में सोचा भी नहीं है। जाहिर तौर पर यह बड़ी आपदा है, लेकिन हम इसे इस तरह से निपटने की कोशिश करेंगे कि कोई भी इससे आहत न हो। एक बार जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो चीजों पर चर्चा की जाएगी।’ बच जाएंगे भारतीय क्रिकेटर! बढ़ते वित्तीय संकट के कारण दुनिया भर में प्लेयर्स के वेतनों में कटौती की खबरें आम हैं। लेकिन, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के ट्रेजरार अरुण धूमल ने साफ कर दिया है कि इस समय भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों का वेतन काटने को लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं है। धूमल ने कहा है कि ऐसी चर्चा नहीं है और बेशक इस बीमारी का असर गहरा हो, लेकिन वेतन में कटौती बोर्ड के दिमाग में नहीं है।

यूईएफए चैम्पियंस और यूरोपा लीग अनिश्चितकाल के लिए स्थगित; यूएस ओपन तय समय पर होगा, महिला-पुरुष के सभी एटीपी टूर टले April 01, 2020 at 05:25PM

विश्व के लगभग सभी देशों को अपनी चपेट में चुके कोरोनावायरस के कारण यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन (यूईएफए) ने चैम्पियंस लीग और यूरोपा लीग को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया। पहले इन दोनों लीग को सिर्फ एक हफ्ते के लिए टाला गया था। इसके अलावा टेनिस में महिलाओं के डब्ल्यूटीए और पुरुषों के एटीपी टूर ने अपने सभी टूर्नामेंट 7 जून तक स्थगित कर दिए हैं। जबकि इस साल अगस्त में होने वाला आखिरी ग्रैंडस्लैम यूएस ओपन अपने तय समय पर होगा।

इस साल बड़े खेल आयोजनों में ऑस्ट्रेलियन ओपन, भारत की श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ क्रिकेट सीरीज ही हो सकी है। वहीं, जुलाई-अगस्त में होने वाले टोक्यो ओलिंपिक और जून-जुलाई में होने वाले विंबलडन को भी एक साल के लिए टाल दिया गया है। कोरोनावायरस के कारण मई-जून तक के लगभग सभी खेल टूर्नामेंट्स को रद्द या टाल दिया गया है।

यूरो 2020 प्लेऑफ भी एक साल टला
यूईएफए ने कहा कि नेशनल टीम के भी सभी शेड्यूल को जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसके अलावा यूरो 2020 के प्लेऑफ को 2021 तक के लिए टाल दिया गया। यूएफा के 55 सदस्यीय संघों ने वीडिया कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की जिसमें ताजा हालात और आने वाले हफ्ते में खेल कराने को लेकर विकल्पों पर भी चर्चा की गई थी। इस दौरान चैंपियंस लीग और यूरोपा लीग के फाइनल को दर्शकों के बिना ही कराने पर चर्चा की थी, लेकिन बात नहीं बन सकी।

यूएस ओपन की तैयारियां तय अनुसार चल रहीं
यूएसटीए ने कहा, कोरोनावायरस समेत अन्य सभी पहलूओं पर हम पैनी नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल, 31 अगस्त से न्यूयार्क में खेले जाने वाले यूएस ओपन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। टूर्नामेंट की तैयारियां भी तय अनुसार ही चल रही हैं। हम स्वास्थ्य एडवाइजरी ग्रुप, सरकार और सुरक्षा अधिकारियों के सम्पर्क में हैं। किसी भी प्रकार की कोई अनहोनी की आशंका होने पर बड़ा फैसला लिया जा सकेगा।



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कोरोनावायरस के कारण मई-जून तक के लगभग सभी स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स को टाल दिया गया है। -फाइल फोटो

नहीं रहे दुनिया को DLS नियम देने वाले गणितज्ञ April 01, 2020 at 05:07PM

लंदन गणितज्ञ टोनी लुईस का निधन हो गया है। वह क्रिकेट को डकवर्थ-लुईस नियम देने वाली जोड़ी में शामिल थे। जिसे बाद में डकवर्थ-लुईस-स्टर्न कर दिया गया। वह 78 साल के थे। लुईस ने अपने साथी गणितज्ञ फ्रैंक डकवर्थ के साथ मिलकर वह फॉर्म्युला निकाला था जिससे मौसम के कारण प्रभावित हुए मैच में रनों का पीछा करने को तर्कसंगत बनाया जा सके। इस जोड़ी ने 1997 में इस फॉर्म्युले को आईसीसी को पेश किया और 1999 में इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप से इसे अपनाया गया। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने बुधवार को बयान जारी कर कहा, 'ECB को टोनई लुईस MBE की मौत के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ है। वह 78 साल के थे।' ईसीबी ने कहा, 'टोनी ने अपने साथी गणितज्ञ फ्रैंक डकवर्थ के साथ मिलकर 1997 में डकवर्थ-लुईस का नियम दिया था जिसे आईसीसी ने 1999 में अपनाया था।' इस फॉर्म्युले को कई बार आलोचना का सामना करना पड़ता है। इसे 2014 में डकवर्थ-लुईस-स्टर्न कहा जाने लगा। तब ऑस्ट्रेलिया के स्टेटिसटिशियन स्टीवन स्टर्न ने मौजूदा स्कोरिंग-रेट के हिसाब से रिवाइज किया। ईसीबी ने कहा, '2014 में इसका नाम बदलने के बाद भी गणित का यह फॉर्म्युला दुनियाभर में वर्षा आधारित मैचों में इस्तेमाल होता रहा है। दोनों, टोनी और फ्रैंक के योगदान के लिए क्रिकेट उनका ऋणी रहेगा। हम टोनी के परिवार के प्रति शोक व्यक्त करते हैं।' 1992 में इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के 'मशहूर' सेमीफाइनल के बाद गणितीय नियम लागू करने पर विचार किया गया। इस मैच में साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 13 गेंद पर 22 रनों की जरूरत थी। साउथ अफ्रीकी टीम उस समय हैरान रह गई थी जब थोड़े समय की बारिश के बाद ही जीत का लक्ष्य 13 गेंद पर 21 रन कर दिया गया था। पहले क्या होता था इस नियम से पहले जिस टीम ने बारिश के समय ज्यादा औसत से रन बनाए होते थे, उसे विजेता घोषित कर दिया जाता था। इस फॉर्म्युले में विकेट गिरने की बात का ख्याल नहीं रखा जाता था।

बुमराह को मलिंगा की सीख- शॉट पड़े तो गुस्सा नहीं April 01, 2020 at 05:13PM

नई दिल्लीकिसी भी गेंदबाज की गेंद पर जब कोई बैट्समैन चौका या छक्का लगाता है तो उसे निराश होना और कभी-कभी गुस्सा आना लाजिमी है। भारतीय पेसर को भी गुस्सा आता है जब कोई बल्लेबाज उनकी गेंद पर शॉट लगाता है, ऐसे में उन्हें श्रीलंकाई दिग्गज लसिथ मलिंगा ने सीख दी। मलिंगा और बुमराह, आईपीएल में एक ही टीम मुंबई इंडियंस में साथ खेल चुके हैं। इस टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने बुमराह संग बुधवार को विडियो चैट पर काफी बातचीत की। रोहित और बुमराह मुंबई इंडियंस के रेकॉर्ड चौथे खिताब की सफल दौड़ में भी साथ खेले। पढ़ें, दोनों ने वि़डियो चैट में श्रीलंका टी20 टीम के कप्तान और अनुभवी तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा पर भी बात की, जो मुंबई इंडियंस के लिए भी खेलते हैं। रोहित ने बुमराह से मलिंगा के साथ उनके रिश्ते के बारे में पूछा। बुमराह ने कहा, 'शुरुआत में उनसे कम्युनिकेशन मुश्किल था। उन्होंने मुझे किसी बल्लेबाज से हिट होने पर सही सोच सिखाई।' बुमराह ने कहा, 'मलिंगा मुस्कुराते थे (जब उनकी गेंद पर कोई शॉट लगाता), मैं शुरुआत में नाराज हो जाता था, मुझे निराशा होती लेकिन उन्होंने समझाया कि गुस्सा होने का कोई मतलब नहीं है।' बुमराह ने यह भी कहा कि वह आईपीएल में न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट के साथ गेंदबाजी करने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन अब कोरोनोवायरस के कारण इसे 15 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है। (इनपुट-एजेंसी से)

कोरोना से लड़ाई में आगे आए भारतीय फुटबॉलर April 01, 2020 at 04:44PM

नई दिल्लीभारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान ने कहा है कि के खिलाफ लड़ाई में टीम के खिलाड़ी आगे आए हैं छेत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘हम हमेशा देने से ज्यादा पा सकते हैं। यही कारण है कि जरूरत के समय में राष्ट्रीय टीम के हम सभी खिलाड़ी एक साथ आए हैं और हम सबने राशि दी है जो कि पीएम-राहत कोष भेजी गई है।’ छेत्री ने कहा, ‘हम यहां (ट्विटर पर) इसके बारे में बात इसलिए कर रहे हैं ताकि यह अन्य ऐसे लोग भी दान करें, जो सक्षम हैं।’ अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ ने कहा कि मिडफील्डर प्रणॉय हल्दर भी अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और बच्चों को भोजन मुहैया करा रहे हैं। पढ़ें, हल्दर ने कहा, ‘बैरकपुर मंगल पांडे फुटबाल कोचिंग शिविर में काफी सारे बच्चे हैं जो रोज कमाकर खाते हैं। अब हालात थोड़े मुश्किल हो गए हैं और मैं इस समय उनकी मदद करने की कोशिश में जुटा हूं। इसलिए मैं उन्हें भोजन और कुछ जरूरी चीजें बांट रहा हूंं। मैं अपने दोस्तों के साथ मिलकर स्टेशन पर रहने वालों और बाहर रहने वाले अन्य लोगों को बुनियादी चीजें बांट रहा हूं।’ हल्दर ने इसके अलावा सीएम राहत कोष में 20000 रुपये भी दान किए हैं। इस बीच, पूर्व खिलाड़ियों महताब हुसैन, रहीम नबी, डेंसन देवदास, संदीप नंदी, देवव्रत रॉय ने मौजूदा खिलाड़ियों प्रिटम कोटाल, अरिंदम भटटाचार्य, प्रबीर दास, सौविक चक्रवर्ती, देबजीत मजूमदार और कई अन्य खिलाड़ियों ने भी इस मुश्किल समय में एकजुटर होकर लोगों की मदद करना शुरू कर दिया है।

इंग्लैंड बोर्ड ने 574 करोड़ रु. के राहत पैकेज की घोषणा की, बटलर अपनी वर्ल्ड कप जर्सी नीलाम करेंगे April 01, 2020 at 04:17PM

इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने फाइनेंशियल इम्पैक्ट का सामना करने के लिए 61 मिलियन पाउंड (574 करोड़ रुपए) के राहत पैकेज की घोषणा की। हालांकि, ईसीबी ने खिलाड़ियों की सैलरी में कटौती करने की कोई घोषणा नहीं की है। ईसीबी के अनुसार, यह मदद काउंटी, बोर्ड, क्लब हर लेवल पर की जाएगी। ईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम हैरिसन ने कहा, ‘यह बेहद चुनौतीपूर्ण समय है। क्रिकेट परिवार के सभी सदस्यों को सहायता पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।’

बटलर अपनी वर्ल्ड कप जर्सी नीलाम करेंगे, अस्पतालों के लिए फंड जुटाएंगे इंग्लैंड टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर वर्ल्ड कप फाइनल में पहनी अपनी जर्सी नीलाम करेंगे। इसके जरिए वे अस्पतालों के लिए फंड जुटाएंगे। उनकी जर्सी की बोली लगनी शुरू हो गई है।

‘हॉकी को हमेशा देशवासियोंं से प्यार मिला’
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने पीएम केयर्स फंड में 25 लाख रुपए डोनेट किए। हॉकी इंडिया ने भी 25 लाख रु. डोनेट किए हैं। अध्यक्ष मोहम्मद मुश्तफा अहमद ने कहा, ‘हॉकी को देश के लोगों से हमेशा प्यार और समर्थन मिला है। हम देशवासियों को मुश्किल समय से उभारने में मदद करना चाहते हैं।’ उन्होंने लोगों को घर पर रहने की भी सलाह दी।



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इग्लैंड ने वर्ल्ड कप 2019 के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर पहली बार खिताब जीता था। मैच मेंं जोस बटलर ने 59 रन की पारी खेली थी।

...उस 0.07 सेकंड की भरपाई कैसे करेंगी दुती? April 01, 2020 at 04:07PM

नई दिल्लीभारतीय स्प्रिंटर ने पिछले साल ओपन नैशनल चैंपियनशिप में 100 मीटर रेस में अपने ही राष्ट्रीय रेकॉर्ड को और बेहतर किया, लेकिन वह ओलिंपिक क्वॉलिफिकेशन से 0.07 सेकंड दूर रह गईं। इसके बाद उन्होंने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भी गोल्ड जीता, लेकिन टाइमिंग बेहतर नहीं हुई। दुती इससे परेशान हो रही थीं क्योंकि जैसे-जैसे तोक्यो ओलिंपिक गेम्स करीब आ रहे थे, कड़ी मेहनत के बावजूद उनके क्वॉलिफिकेशन की उम्मीदें कमजोर पड़ती जा रही थीं। अब ओलिंपिक खेलों के एक साल टलने की खबर ने उनकी ओलिंपिक खेलने की उम्मीदों को एक बार पंख दे दिए हैं। पढ़ें, लॉकडाउन में घर पर दुतीदेश की इस शीर्ष स्प्रिंटर का मानना है कि सभी ऐथलीट्स के लिए यह एक साल बहुत मायने रखेगा। कुछ को अतिरिक्त वक्त से फायदा होगा वहीं कुछ के लिए यह नई चुनौतियां पैदा करेगा। लॉकडाउन के दौरान भुवनेश्वर में अपने घर में रह रहीं दुती मनमाफिक अभ्यास नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘ओलिंपिक की नई तारीखें भी आ गई हैं जिससे अब हम उसके हिसाब से खुद को फिर से तैयार कर सकेंगे। हालांकि नए शेड्यूल पर अमल करने के लिए लॉकडाउन के खत्म होने का इंतजार करना होगा।’ फिट रहने की चुनौतीएशियन गेम्स की सिल्वर मेडलिस्ट इस 24 वर्षीय रनर ने ओलिंपिक्स के एक साल आगे खिसक जाने के कारण ऐथलीटों पर पड़ने वाले असर पर कहा, ‘जो सीनियर ऐथलीट हैं जिनकी उम्र ज्यादा हो रही है उनके लिए मुश्किलें थोड़ी बढ़ी हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद इस साल के ओलिंपिक्स के लिए खुद को तैयार किया होगा, लेकिन अब ये खेल एक साल के लिए आगे बढ़ गए हैं। ऐथलीटों का करियर ज्यादा लंबा नहीं होता है ऐसे में उनके लिए एक-एक साल बहुत मायने रखता है। एक साल का समय आगे खिसक जाने के बाद अब सीनियर ऐथलीटों के पास खुद को फिट रखने की बड़ी चुनौती होगी।' बेहतरी के लिए जाना होगा बाहर देश में प्रतियोगिताओं और प्रतिस्पर्धाओं की कमी की ओर ध्यान दिलाते हुए दुती ने कहा कि उन्हें अपनी तैयारियों के तहत जर्मनी में एक प्रतियोगिता में भाग लेने जाना था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से यह रद्द हो गया। अब बाहर प्रतियोगिताएं कब शुरू होंगी और मैं अपनी ट्रेनिंग के लिए बाहर कब जा पाऊंगी यह देखना होगा। मुझे बड़ी प्रतियोगिताओं और कड़ी प्रतिस्पर्धाओं में उतरने की जरूरत है, इससे मुझे मेरी तैयारियों में बहुत फायदा मिलेगा।' कुछ हो सकते हैं चिंतितउन्होंने कहा कि ऐथलीटों के अपनी फॉर्म और चोट का सबसे ज्यादा ध्यान रखना होगा। दुती ने कहा, ‘कुछ ऐथलीटों के लिए शायद यह अच्छी खबर है, अपनी तैयारी करने और खुद को ‘पर्फेक्ट’ बनाने का उन्हें और वक्त मिल गया है, लेकिन जिनकी तैयारियां पुख्ता हो चुकी थीं, जो अपना बेस्ट देने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठे थे, वह शायद थोड़े चिंतित होंगे।’

कोरोना: वर्ल्ड वॉर-2 के बाद पहली बार विंबलडन रद्द April 01, 2020 at 05:35AM

नई दिल्ली महामारी के कारण बुधवार को रद्द कर दिया गया। दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार यह सबसे पुराना ग्रैंड स्लैम टेनिस टूर्नमेंट रद्द किया गया है। ने आपात बैठक के बाद यह घोषणा की कि इस साल यह टूर्नमेंट नहीं होगा। अब यह ग्रैंड स्लैम 28 जून से 11 जुलाई, 2021 में खेला जाएगा। कोविड-19 के कारण विश्व भर की खेल प्रतियोगिताएं प्रभावित हुई हैं। फ्रेंच ओपन पहले ही आगे खिसका दिया गया है, जबकि सात जून तक सभी प्रतियोगिताएं रद्द कर दी गई हैं। ऑल इंग्लैंड क्लब ने आपात बैठक के बाद यह घोषणा की कि इस साल यह टूर्नमेंट नहीं होगा। यह टूर्नमेंट पहली बार 1877 में खेला गया और उसके बाद से हर साल होता आया है। सिर्फ 1915 से 1918 के बीच प्रथम विश्व युद्ध के दौरान और 1940 से 1945 के बीच दूसरे विश्व युद्ध के दौरान यह नहीं खेला गया। विंबलडन 29 जून से शुरू होना था जहां नोवाक जोकोविच और सिमोना हालेप को अपने एकल खिताब का बचाव करने के लिए उतरना था, लेकिन इस टूर्नमेंट को रद्द करने का फैसला किया गया है, क्योंकि विश्व कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने में नाकाम रहा है। इस वायरस से दुनिया भर में 840,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं और 40,000 से अधिक की मौत हो चुकी है। आयोजकों ने किया था इस बात से इनकार उल्लेखनीय है कि आयोजकों ने पहले विंबलडन को दर्शकों के खाली स्टेडियम में करवाने से इनकार किया था। तीन बार के विंबलडन चैंपियन बोरिस बेकर ने मंगलवार को टूर्नमेंट के आयोजकों से फैसला करने से पहले इंतजार करने की अपील की थी। बेकर ने ट्वीट किया था, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि विंबलडन फैसला करने से पहले अप्रैल के आखिर तक इंतजार करेगा।’ शायद ही विंबलडन खेल पाएं सेरेना और फेडररविंबलडन के रद्द होने का मतलब माना जा रहा है कि कई बार के चैंपियन रोजर फेडरर, सेरेना विलियम्स और वीनस विलियम्स ऑल इंग्लैंड क्लब में अपना आखिरी मैच खेल चुके हैं। फेडरर और सेरेना 2021 की चैंपियनशिप तक लगभग 40 साल के हो जाएंगे, जबकि वीनस 41 वर्ष की हो जाएगी। पिछले साल फाइनल में हालेप से हारने वाली सेरेना के नाम पर अभी 23 ग्रैंड स्लैम खिताब हैं और उन्हें मारग्रेट कोर्ट के रेकॉर्ड की बराबरी के लिए एक खिताब की जरूरत है। ओलिंपिक भी हो चुका है स्थगित कोरोना वायरस के कारण तोक्यो ओलिंपिक स्थगित हो चुके हैं। विम्बलडन इस महामारी के कारण रद्द होने वाला पहला ग्रैंडस्लैम है। मई में होने वाला फ्रेंच ओपन अब सितंबर के आखिर में होगा। अमेरिकी ओपन 31 अगस्त से 13 सितंबर के बीच न्यूयॉर्क में खेला जाएगा।

स्किल में ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड से बेहतर हैं हम, पर घरेलू स्ट्रक्चर में काफी पीछे: हरमन April 01, 2020 at 03:49PM

भारतीय महिला टी-20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा कि हमारा घरेलू स्ट्रक्चर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से पांच-छह साल पीछे है। लेकिन स्किल के मामले में हम उनसे बेहतर हैं। हरमनप्रीत ने कहा, ‘हमारी खिलाड़ी पिछले तीन साल से फिटनेस पर ध्यान दे रही हैं। जबकि इन दोनों देशों में इस पर बहुत पहले से ध्यान दिया जा रहा है।’

हरमनप्रीत ने कहा, ‘खिलाड़ी अब फिटनेस पर ध्यान दे रही हैं। पिछले दो-तीन वर्षों में हमने जो चीजें हासिल की हैं, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया बहुत पहले से कर रहे हैं।’ हरमनप्रीत ने कहा कि सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट और बेहतर सुविधाओं के कारण जागरूकता बढ़ रही है। पहले घरेलू खिलाड़ी और इंटरनेशनल खिलाड़ी के प्रदर्शन में काफी अंतर रहता था, लेकिन अब बीसीसीआई द्वारा महिला खिलाड़ियों के लिए अलग कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

ट्राई सीरीज में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को हराया
अगले साल न्यूजीलैंड में वनडे वर्ल्ड कप होना है। उन्होंने कहा, ‘फिटनेस, फील्डिंग, दो-तीन तेज गेंदबाजों पर हमारा फोकस है। हमारे पास इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया से बेहतर बल्लेबाज और गेंदबाज हैं। इस कारण वर्ल्ड कप और उससे पहले ट्राई सीरीज में हमने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमों को हराया।’

स्पिनर्स की निर्भरता को कम करना होगा
हरमनप्रीत ने कहा, ‘हमें स्पिनर्स की निर्भरता को कम करना होगा। टी-20 वर्ल्ड कप में बतौर तेज गेंदबाज सिर्फ शिखा पांडे ही अच्छा कर सकीं जबकि स्पिन में काफी विकल्प थे। अगर हम एक-दो साल पहले तेज गेंदबाज को तैयार करने पर ध्यान देते तो ऐसी स्थिति नहीं आती।’ उन्होंने कहा कि टीम में कम से कम तीन तेज गेंदबाज हमें चाहिए। उम्मीद है कि अगले एक-दो साल में हमें अच्छी गेंदबाज मिल जाएंगी।

कप्तानी का कोई दबाव नहीं
हरमनप्रीत ने कहा कि उन पर कप्तानी का कोई दबाव नहीं है। टी-20 वर्ल्ड कप में 15 रन उनका उच्चतम स्कोर रहा था। टी-20 में उन्होंने 16 महीने पहले जबकि वनडे में 2 साल पहले फिफ्टी लगाई थी। उन्होंने कहा कि बाहर से लगता होगा कि मैं दबाव में हूं, लेकिन ऐसा नहीं है। मैं कप्तानी में हर समय चौकन्ना रहती हूं।



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हरमनप्रीत कौर ने देश के लिए 2 टेस्ट, 99 वनडे और 114 टी-20 खेले हैं। -फाइल फोटो

...तो एक ही दिन इंग्लैंड की 2 टीमें होंगी मैदान पर April 01, 2020 at 02:00AM

लंदनविश्व कप विजेता कप्तान ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण अगर घरेलू अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सत्र छोटा होता है तो इंग्लैंड एक ही समय पर दो अलग-अलग जगहों पर दो टीमें उतार सकता है। जो रूट की कप्तानी में इंग्लैंड की टेस्ट टीम वेस्टइंडीज या पाकिस्तान का सामना कर सकती है जिन्हें तीन मैचों की सीरीज खेलनी है। मोर्गन की कप्तानी में टीम जुलाई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 50 ओवरों की या टी20 सीरीज खेल सकती है। मोर्गन ने कहा, ‘इस असाधारण समय में हर विकल्प पर विचार करना होगा। ऐसा समय हमने कभी नहीं देखा है। आर्थिक रूप से भी खेल के लिये यह कठिन समय है।’ इंग्लैंड में सारा घरेलू क्रिकेट 28 मई तक स्थगित हो चुका है। वेस्टइंडीज दौरा चार जून से शुरू होना है। मोर्गन ने कहा, ‘एक खिलाड़ी के तौर पर हम अपनी ओर से पूरा प्रयास करेंगे। अभी हम खेलने के बारे में सोच ही नहीं रहे हैं जब तक कि हालात सामान्य नहीं हो जाते।’

ट्रोल्स पर भड़के युवराज सिंह, दिया ये जवाब April 01, 2020 at 01:38AM

नई दिल्लीकोरोना वायरस से जंग के लिए शाहिद अफरीदी और उनके फाउंडेशन को सपॉर्ट करने पर भारतीय दिग्गज ऑलराउंडर और हरभजन सिंह को क्रिकेट फैन्स ने ट्विटर पर जमकर ट्रोल किया था। लोगों ने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा था कि आप दोनों ने हमारी नजरों में इज्जत खो दी है। अब युवी ने ट्वीट करते हुए ट्रोल्स को जवाब दिया है। भारत को वनडे वर्ल्ड कप 2011 में वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवी ने खुद को इंडियन बताते हुए ट्रोल्स को जवाब दिया है। उन्होंने लिखा- मुझे सच में समझ में नहीं पा रहा हूं कि कैसे सबसे कमजोर लोगों की मदद करने के लिए एक संदेश को हवा में उड़ा दिया गया। मैंने उस मेसेज से जो कुछ हासिल करने की कोशिश की.. वह से परेशान लोगों की मदद करने के लिए था। पढ़ें- उन्होंने अपने इरादे के बारे में कहा- मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। मैं एक भारतीय हूं और मैं हमेशा भारतीय ही रहूंगा और हमेशा मानवता की भलाई के लिए खड़ा रहूंगा। जय हिंद। हालांकि, उनके इस पोस्ट पर भी लोग उन्हें बुराभला कह रहे हैं। इसलिए किए गए थे ट्रोल युवी ने मंगलवार को किए गए ट्वीट में पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी और उनके फाउंडेशन का सपॉर्ट किया था। युवराज ने वीडियो शेयर करते हुए ट्वीटर पर लिखा, ‘यह काफी मुश्किल समय है। यह समय है जब हम एक दूसरे के साथ आएं खासकर उनके जिनको जरूरत है। अपना फर्ज निभाते हैं। मैं शाहिद अफरीदी और एसएएफ संस्था का समर्थन करता हूं। कृपया डोनेटकोरोना डॉट कॉम पर दान दीजिए। घर में रहिए।’ इस ट्वीट में युवराज सिंह ने हरभजन सिंह को भी टैग किया है। युवराज से पहले हरभजन सिंह को भी टैग किया है। अफरीदी ने हाल ही में जरूरतमंदों को खाना और साबुन बांटे थे।

शेन वार्न की बेस्ट इंडिया XI, ये दिग्गज हैं शामिल April 01, 2020 at 01:02AM

नई दिल्लीऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर ने पूर्व कप्तान और वर्तमान में भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ गांगुली को अपनी सर्वकालिक भारतीय एकादश का कप्तान चुना है, लेकिन उन्हें दिन में तारे दिखाने वाले वीवीएस लक्षमण को इस टीम में जगह नहीं मिली। वार्न ने इस टीम में मास्टर ब्लास्टर और नवजोत सिंह सिद्धू को भी रखा है। वार्न ने कहा कि उन्होंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और वर्तमान कप्तान को इसलिए नजरअंदाज किया, क्योंकि उन्होंने केवल उन्हीं खिलाड़ियों में से टीम चुनी है जिनके खिलाफ वह खेले हैं। जिसके खिलाफ खेला, उसी को चुना वार्न ने इंस्टाग्राम पोस्ट पर कहा, ‘मैं केवल उन्हीं खिलाड़ियों को चुन रहा हूं जिनके खिलाफ मैं खेला और इसलिए महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली इस टीम का हिस्सा नहीं बन रहे हैं। धोनी जहां इस खेल के सर्वकालिक विकेटकीपर बल्लेबाजों में शामिल हैं वहीं कोहली सभी प्रारूपों के सर्वकालिक बल्लेबाजों में से एक हैं।’ वार्न ने लक्ष्मण को भी नजरअंदाज किया है जिन्हें एक समय उन्होंने अपना कड़ा प्रतिद्वंद्वी बताया था। गांगुली की वजह से लक्ष्मण बाहर उन्होंने कहा कि गांगुली को टीम में रखने के लिए इस कलात्मक हैदराबादी बल्लेबाज को टीम से बाहर करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘मैंने गांगुली को चुना क्योंकि मैं उन्हें अपनी टीम का कप्तान बनाना चाहता था और इसलिए लक्ष्मण को टीम में जगह नहीं मिली।’ वार्न ने विकेटकीपर के तौर पर नयन मोंगिया को चुना है। इस टीम में 1983 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव, स्पिनर अनिल कुंबले और हरभजन सिंह तथा तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ भी शामिल हैं। सहवाग-सिद्धू ओपनर इस लेग स्पिनर ने वीरेंदर सहवाग और सिद्धू को सलामी बल्लेबाज चुना है। उनकी बल्लेबाजी लाइन अप में राहुल द्रविड़, तेंडुलकर और मोहम्मद अजहरूद्दीन शामिल हैं। अन्य सलामी बल्लेबाजों पर सिद्धू को प्राथमिकता देने के बारे में वार्न ने कहा कि पंजाब का यह बल्लेबाज उनके दिनों में स्पिन के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी था। उन्होंने कहा, ‘मैंने नवजोत सिंह सिद्धू को इसलिए चुना है, क्योंकि मैं जिन भी खिलाड़ियों के खिलाफ खेला उनमें वह स्पिन के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज थे। मैं अन्य जितने भी स्पिनरों के साथ खेला उन्होंने भी मुझसे कहा कि सिद्धू स्पिन के खिलाफ शानदार हैं।’ शेन वार्न की सर्वकालिक भारत एकादश सौरभ गांगुली (कप्तान), वीरेंदर सहवाग, नवजोत सिंह सिद्धू, राहुल द्रविड़, सचिन तेंडुलकर, मोहम्मद अजहरुद्दीन, कपिल देव, नयन मोंगिया (विकेटकीपर), हरभजन सिंह, जवागल श्रीनाथ, अनिल कुंबले।

उम्र के आखिरी पड़ाव में खेल रहीं मैरी कॉम बोलीं- जब तक ओलिंपिक में गोल्ड नहीं जीत लेती, हार नहीं मानूंगी April 01, 2020 at 01:19AM

छह बार की वर्ल्ड चैम्पियन भारतीय बॉक्सर एमसी मैरी कॉम ने एकमात्र सपना ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतना है। उम्र के आखिरी पड़ाव में खेल हीं 37 साल की बॉक्सर ने कहा किजब तक उनका यह सपना पूरा नहीं होता, जब तक वे हार नहीं मानेंगी। 2012 लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के लिए लाइव फेसबुक के दौरान यह बात कही। इस साल होने वाला टोक्यो ओलिंपिक कोरोनावायरस के कारण एक साल टाल दिया गया है। अब यह टूर्नामेंट अगले साल जुलाई में होगा। यह मैरी कॉम का आखिरीओलिंपिक होगा।

दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस के कारण हजारों लोगों की जान जा चुकी है। भारत में 15 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन किया गया है। वहीं, मैरी कॉम भी पिछले महीने ही जॉर्डन की राजधानी अम्मान से लौटी थीं। तभी से वे सेल्फ क्वारैंटाइन में थीं। हालांकि उन्होंने राष्ट्रपति के एक कार्यक्रम में शामिल होकर यह नियम तोड़ दिया था। इसके लिए उनकी काफी आलोचना हुई थी।

‘ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करना बहुत मुश्किल था’
37 साल की मैरी कॉम ने कहा, ‘‘मेरा पूरा ध्यान सिर्फ ओलिंपिक गेम्स में भारत के लिए गोल्ड जीतना है। इस उम्र में भी मैं काफी कड़ी मेहनत कर रही हूं। टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करना मेरे लिए बेहद मुश्किल था।’’ सफलता को लेकर उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास सफलता का कोई मंत्र नहीं है। ईमानदारी के साथ कड़ी मेहनत करो। मैं भी यही करती हूं। उतार चढ़ाव तो आते रहते हैं, लेकिन आपको अपने सपनों को साकार करने के लिए ध्यान नहीं हटाना चाहिए।’’

मैरी कॉम ने कहा, ‘‘बॉक्सिंग का मेरा सफर आसान नहीं रहा है। नेशनल, इंटरनेशनल और ओलिंपिक स्तर पर पहुंचना आसान नहीं था, लेकिन आपके अंदर इच्छाशक्ति है और जिंदगी में कुछ हासिल करना चाहते हो तो आप कर सकते हो। मेरी शुरुआती जिंदगी कठिनाईयों से भरी थी। मैं गरीब परिवार में पली-बढ़ी जहां कई तरह की मुश्किलें थी। मैं उन्हें याद तक नहीं करना चाहती हूं।’’

‘लॉकडाउन में परिवार के साथ एंजॉय कर रही हूं’
बॉक्सर ने कोरोना जैसे प्रकोप के समय सभी को अपने घर में रहने की सलाह दी है। मैरी कॉम ने कहा, ‘‘मैं भी अभी क्वारैंटाइन में हूं। घर पर रहकर भी मैं लगातार अपनी तैयारियां कर रही हूं। मैं फिट रहने की कोशिश कर रही हूं ताकि अपने लक्ष्य को हासिल कर सकूं। कभी-कभी घर पर रहना काफी मुश्किल होता है, लेकिन मैं अपने परिवार के साथ इस समय काफी एंजॉय कर रही हूं। मुझे मेरा लक्ष्य हासिल करने के लिए देशवासियों के प्यार और आशिर्वाद की जरूरत है।’’



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भारतीय बॉक्सर मैरी कॉम ने पिछले साल ही इंडोनेशिया में गोल्ड मेडल जीता था।

131 केएल राहुल के बीच एक कोहली, ढूंढने का है चैंलेंज April 01, 2020 at 12:40AM

नई दिल्लीमहामारी कोरोना वायरस की वजह से क्रिकेट की तमाम सीरीजें और टूर्नमेंट स्थगित हो चुके हैं। ऐसे में इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल () लगातार अपने सोशल मीडिया अकाउंट तस्वीरें और वीडियोज शेयर करते हुए क्रिकेट फैन्स को जोड़कर रखने की कोशिश कर रहा है। आईसीसी ने एक तस्वीर ट्वीट की है, जिसमें 132 छोटी-छोटी तस्वीरें हैं। इस एक फ्रेम में 131 तो की है, जबकि एक की है। अब आईसीसी ने फैन्स को चैलेंज दिया कि इतने सारे केएल राहुल के बीच विराट कोहली कहां हैं, स्पॉट करिए। इसे लगभग दो हजार बार रीट्वीट किया जा चुका है, जबकि लगभग 30 हजार बार लाइक किया गया है। शुरुआत में कुछ क्रिकेट फैन ने तो इसे एक अप्रैल के तौर पर प्रैंक समझा। एक यूजर ने तो यह भी लिखा कि आईसीसी के पास भी हमारा समय बर्बाद करने के लिए खूब वक्त है, लेकिन ढूंढने के बाद फैन्स को विराट कोहली की तस्वीर दिख गई। तस्वीर पर अब तक साढे 6 हजार लोगों ने जवाब दिया है।

इस 'सैकड़े' के करीब पहुंच चुके हैं रोहित-बुमराह March 31, 2020 at 11:45PM

नई दिल्ली भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और तेज गेंदबाजी के अगुआ जसप्रीत बुमराह अब तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 98 मैचों में साथ में खेले हैं लेकिन इन दोनों ने कभी एक साथ बल्लेबाजी नहीं की लेकिन इस मामले में सनथ जयसूर्या और मुथैया मुरलीधरन के 408 मैचों के विश्व रेकॉर्ड से वे अभी काफी पीछे हैं। कोरोना वायरस संकट के कारण अभी अंतरराष्ट्रीय खेल गतिविधियां ठप्प पड़ हुई है और इससे उबरने के बाद जब क्रिकेट शुरू होगा तो रोहित- बुमराह भी उन जोड़ियों में शामिल हो सकते हैं जिन्होंने 100 से अधिक मैच खेलने पर भी कभी साथ में बल्लेबाजी नहीं की। रोहित और बुमराह अब तक चार टेस्ट, 55 वनडे और 39 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में एक साथ खेले हैं। रोहित 2013 से नियमित तौर पर सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभा रहे हैं जबकि बुमराह ने 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण का मौका मिला। उन्होंने अभी तक 128 अंतरराष्ट्रीय मैचों में केवल 42 पारियों में बल्लेबाजी की जिनमें से 34 पारियों में वह 11वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे। जिन 98 मैचों में रोहित और बुमराह साथ में खेले हैं उनकी 101 पारियों में इस तेज गेंदबाज ने केवल 23 पारियों में बल्लेबाजी की। दिलचस्प बात यह है कि इन 23 पारियों में से अधिकतर में रोहित का बल्ला कुंद पड़ा रहा। लंबी पारियां खेलने में माहिर रोहित इन पारियों में वह केवल एक शतक और दो अर्धशतक ही लगा पाए। इस बीच 18 पारियों में तो वह 15 रन से आगे भी नहीं बढ़ पाए थे। रोहित ने इसके साथ युजवेंद्र चहल के साथ भी अब तक 80 अंतरराष्ट्रीय मैच (47 वनडे और 33 टी20 अंतरराष्ट्रीय) खेले हैं लेकिन इन दोनों ने भी कभी साथ में बल्लेबाजी नहीं की है। भारतीय कप्तान विराट कोहली और चहल भी अब तक साथ में खेले गये 64 मैचों में (39 वनडे और 25 टी20 अंतरराष्ट्रीय) में साथ में बल्लेबाजी नहीं कर पाए हैं। वैसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक मैच साथ में खेलने के बावजूद कभी साथ में बल्लेबाजी नहीं करने का रेकॉर्ड श्रीलंका के जयसूर्या और मुरलीधरन के नाम पर है। ये दोनों कुल 408 मैच (90 टेस्ट, 307 एकदिवसीय और 11टी20 अंतरराष्ट्रीय) साथ में खेले लेकिन संयोग ऐसा बना कि वे कभी साथ में बल्लेबाजी नहीं कर पाए। जयसूर्या ने करियर की शुरुआत मध्य निचले क्रम के बल्लेबाज के रूप में की लेकिन बाद में वह सलामी बल्लेबाज के रूप में स्थापित हो गए। दूसरी तरफ मुरलीधरन हमेशा निचले क्रम के बल्लेबाज रहे। वह अपने करियर में अधिकतर 10वें या 11वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे। पांच पारियों में वह आठवें और 45 पारियों में नौवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए। इन 408 मैचों में से 267 पारियों में मुरलीधरन ने बल्लेबाजी की थी। संयोग से इन सभी पारियों में जयसूर्या पहले ही आउट हो गए और इसलिए उनके एक छोर पर रहते हुए मुरलीधरन कभी बल्लेबाजी के लिए नहीं उतर पाए। कुछ ऐसे अवसर जरूर आए जबकि जयसूर्या के क्रीज पर रहते हुए मुरलीधरन को बल्लेबाजी का मौका मिल सकता था। मसलन जब मुरलीधरन ने अपने टेस्ट करियर की शुरूआत की तो जयसूर्या तब छठे या सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आते थे। लेकिन संयोग ऐसा बना कि या तो तब 11वें नंबर के बल्लेबाज मुरलीधरन की बल्लेबाजी की नौबत नहीं आई या फिर जयसूर्या जल्दी आउट हो गए। जयसूर्या की बात करें तो उन्होंने मुरलीधरन के टीम में रहते हुए कुल 468 पारियां खेली, 15964 रन बनाए, जिसमें 32 शतक और 87 अर्धशतक शामिल हैं लेकिन वह कभी दुनिया के दिग्गज आफ स्पिनर के साथ जोड़ी नहीं बना पाए। जयसूर्या ने मुरलीधरधन की मौजूदगी वाले मैचों में 39 जोड़ीदारों के साथ साझेदारियां निभाई। उन्होंने ऐसे मैचों में सर्वाधिक 219 बार मर्वन अटापट्टू और 101 बार रोमेश कालूवितर्णा के साथ जोड़ी बनाई। दिलचस्प बात यह है कि मुरलीधरन ने कालूवितर्णा के साथ चार और अटापट्टू के साथ दो पारियों में साथ में बल्लेबाजी की थी।

कोरोना के खिलाफ जंग में 25 लाख रुपये की मदद करेगा हॉकी इंडिया March 31, 2020 at 11:54PM

नई दिल्ली ने कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में में 25 लाख रुपये का योगदान करने का फैसला किया है। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने बुधवार को एक बयान में कहा कि संकट के इस मुश्किल समय में इससे लड़ने के लिए एकजुट होने और एक जिम्मेदार नागरिक के अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की जरूरत है। हॉकी इंडिया कार्यकारी बोर्ड ने प्रधानमंत्री राहत कोष में 25 लाख रुपये के योगदान देने का सर्वसम्मत फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘देश के लोगों से हॉकी को हमेशा से बहुत प्यार और समर्थन मिलता रहा है और हम अपने देशवासियों को इस महामारी पर विजेता के रूप में देखने के लिए अपनी तरफ से जो भी कर सकते हैं वह करना चाहते हैं।’ हॉकी इंडिया के महासचिव राजिंदर सिंह ने कहा कि हॉकी इंडिया ने हमेशा किसी अच्छे काम के लिए कदम बढ़ाया है और इस मुश्किल समय में जब दुनिया कोविड-19 महामारी से जूझ रही है तो हम इस संकट से लड़ने में अपना समर्थन करना चाहते है। भारत में कोरोनावायरस के अब तक 1400 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 35 लोगों की इससे मौत हो चुकी है।

पैट्रिक मैकनरो कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक महसूस कर रहे हैं March 31, 2020 at 11:37PM

वॉशिंगटन अमेरिकी डेविस कप टीम के पूर्व कप्तान ने सोशल मीडिया पर जारी एक विडियो में बताया कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। आठ बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन जॉन मैकनरों के छोटे भाई पैट्रिक मैकनरो ने कहा कि दस दिन पहले लक्षण दिखने के बाद उन्होंने न्यू यॉर्क में परीक्षण करवाया था। पैट्रिक मैकनरो ने कहा, ‘अच्छी खबर यह है कि मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। अब बीमारी के कोई लक्षण नहीं हैं। मैं शत प्रतिशत स्वस्थ महसूस कर रहा हूं।’ एक खिलाड़ी के रूप में पैट्रिक मैकनरो ने एक एटीपी एकल खिताब और 16 युगल खिताब जीते। उन्होंने 1989 में फ्रेंच ओपन का युगल खिताब जीता था। वह अपने भाई की जगह पर डेविस कप टीम के कप्तान बने थे और लगभग एक दशक तक इस पद रहे। उनकी अगुआई में अमेरिका ने 2007 में खिताब जीता था।

रॉयल्स ने सुझाया आईपीएल करवाने का फॉर्म्युला! March 31, 2020 at 08:35PM

नई दिल्ली राजस्थान रॉयल्स के सीईओ रंजीत बरठाकुर ने बुधवार को कहा कि इस मुश्किल समय में केवल भारतीय खिलाड़ियों के साथ छोटी अवधि का (इंडियन प्रीमियर लीग) भी अच्छा होगा। उन्होंने इसके साथ ही खुलासा किया कि इस टी20 लीग के भाग्य का फैसला 15 अप्रैल से पहले किए जाने की संभावना नहीं है। कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में खेल गतिविधियां ठप्प पड़ी हैं। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस लीग को लेकर अभी तक फैसला नहीं किया है जिसे कोविड-19 महामारी और विदेशी नागरिकों के भारत में प्रवेश पर लगी पाबंदी को देखते हुए कम से कम 15 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया था। पूर्व कार्यक्रम के अनुसार यह टूर्नामेंट 29 मार्च से शुरू होना था। बरठाकुर ने कहा, ‘हम केवल भारतीय खिलाड़ियों के साथ छोटे टूर्नमेंट के लिए तैयार है। आखिरकार यह है तो इंडियन प्रीमियर लीग ही।’ महामारी को रोकने के लिए देश भर में ‘लॉकडाउन’ है और वर्तमान हालात देखकर इसके आयोजन की संभावना नहीं लग रही है। बीसीसीआई के पास हालांकि कुछ द्विपक्षीय सीरीज की तिलांजलि देकर साल के अंत में आईपीएल के आयोजन का विकल्प है। रॉयल्स के कार्यकारी अधिकारी ने उम्मीद जताई कि बीसीसीआई फ्रेंचाइजी के सर्वश्रेष्ठ हितों को ध्यान में रखकर फैसला करेगा। उन्होंने कहा, ‘यह असाधारण समय है और स्थिति में सुधार पर बीसीसीआई को अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने होंगे।’ बरठाकुर ने कहा, ‘पहले हम केवल भारतीय खिलाड़ियों के आईपीएल के बारे में नहीं सोच सकते थे लेकिन अब भारत में पर्याप्त अच्छे खिलाड़ी हैं। आईपीएल नहीं करवाने के बजाय केवल भारतीय खिलाड़ियों के साथ टूर्नामेंट आयोजित कराना बेहतर होगा।’ उन्होंने कहा, ‘टूर्नामेंट का आयोजन कब हो सकता है, इसका फैसला बीसीसीआई को करना है और मेरा मानना है कि ऐसा फैसला 15 अप्रैल के बाद ही किया जाना चाहिए।’ कोरोना वायरस के कारण विश्व भर में 850,000 लोग संक्रमित हैं जबकि 42000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में 1600 से अधिक लोग संक्रमित हैं और 40 से अधिक की मौत हो गई हैं।

पुलिसकर्मी के 'प्यार का नगमा' पर फिदा हुए सुरेश रैना March 31, 2020 at 09:34PM

नई दिल्ली कोरोना वायरस (कोविड-19) से लड़ने के लिए भारत में 21 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन किया गया है। लोगों से घरों में रहने की सलाह दी जा रही है। लेकिन इस बीच कुछ ऐसे भी प्रफेशन हैं जिनके लिए बाहर निकलना बहुत जरूरी है। मेडिकल स्टाफ, पुलिस, किराना, सफाईकर्मी, मीडिया, कुछ ऐसे ही प्रफेशन हैं जो कोरोना के खिलाफ जंग में अगले मोर्चे पर खड़े हैं। इन लोगों को काफी सराहा जा रहा है। भारतीय बल्लेबाज ने भी एक ऐसा विडियो साझा किया है जिसमें एक पुलिसकर्मी का विडियो वायरल हो रहा है जो गाना गाकर लोगों को कोरोना से बचने के तरीके बचा रहे हैं। रैना ने यह विडियो शेयर पुलिसकर्मी के जज्बे को सलाम किया है। पुलिस अधिकारी अभिनव उपाध्याय ने कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए लोगों को गाना गाकर जागरूक किया। उपाध्याय, इक प्यार का नगमा है की तर्ज पर 'घर में ही रहना है, बाहर नहीं जाना है, सैनिटाइजर लगाना है, मिलकर हमको कोरोना को हराना है-' गा रहे हैं और उनके इस गीत को काफी पसंद किया जा रहा है। रैना ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर यह विडियो शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि इन 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान हमें पॉजीटिव महसूस करने की जरूरत है। यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि इस वैश्विक महामारी के वक्त में हमारे पुलिसकर्मी अभिनव उपाध्याय पॉजीटिवनेस फैला रहे हैं। ये सब हमारे लिए किया जा रहा है। चलिए इन सब लोगों के लिए हम सब अपने घरों में रहते हैं। बता दें. देश में कोरोना से पीड़ित मरीजों का आंकड़ा करीब 1600 हो चुका है।

गांगुली की कप्तानी में मुझे जितना सपोर्ट मिला, उतना धोनी और कोहली ने कभी नहीं किया: युवराज सिंह March 31, 2020 at 09:32PM

भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली को लेकर एक खुलासा किया है। युवराज ने कहा कि स्पोर्ट्स स्टार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि सौरव गांगुली की कप्तानी में मुझे काफी समर्थन मिला था। इतना सपोर्ट मुझे महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली से कभी नहीं मिला। दरअसल, युवराज ने पिछले साल ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। वे 2007 टी-20 और 2011 वनडे वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य थे। 2011 में युवी को मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया था। दोनों ही बार भारतीय टीम के कप्तान धोनी थे।

युवराज ने कहा, ‘‘मैंने सौरव गांगुली के साथ क्रिकेट खेला है। उनकी कप्तानी में मुझे बहुत सपोर्ट मिला था। इसके बाद माही (धोनी) ने टीम की कमान संभाली। सौरव और माही में से किसी एक को चुनना काफी मुश्किल था। मेरी ज्यादातर यादें सौरव के साथ जुड़ी हुई हैं, क्योंकि उन्होंने मेरा ज्यादा सपोर्ट किया है। इस तरह का समर्थन मुझे माही और विराट कोहली से कभी नहीं मिला।’’ मौजूदा टीम को लेकर युवी ने कहा कि भारतीय टीम में एक अच्छे व्यक्ति की जरूरत है, जो मैदान के बाहर के सभी मामलों पर बात कर सके। इन मामलों वजह से खिलाड़ी के प्रदर्शन पर असर पड़ता है।

‘आज कोई खिलाड़ी अपने जूनियर को सही व्यवहार नहीं सिखाता’
युवराज ने करियर को लेकर कहा, ‘‘मैंने 2000 में डेब्यू किया था। उस समय कोई आईपीएल नहीं था। मैं अपने आदर्श खिलाड़ियों को सिर्फ टीवी पर ही खेलते देखता था, लेकिन अचानक मुझे उनके साथ बैठने का मौका मिला। उन सभी के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है। उन्हीं सब सीनियर खिलाड़ियों से मैंने मीडिया के सामने बात करना सीखा है। अपने व्यवहार के बारे में आज मुश्किल से ही कोई सीनियर खिलाड़ी अपने जूनियर्स को गाइड करता होगा।’’

‘बीमारी के बारे में सही जानकारी होना जरूरी’
कोरोनावायरस और लॉकडाउन को लेकर युवी ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। आज कोरोनावायरस के चलते दुनियाभर में लोगों की मौत हो रही है। यह देखना बहुत ही दुखद है। यह बहुत तेजी से फैल रहा है। मुझे जिस वक्त कैंसर हुआ था, तब में शुरुआत में काफी डर गया था। फिर सही जानकारी मिलने के बाद डर दूर हुआ और मैं वक्त पर सही हॉस्पिटल और सही डॉक्टर के पास गया। यही कारण है कि बीमारी के बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है।’’



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युवराज सिंह ने सौरव गांगुली की कप्तानी में 110 वनडे में 2640 रन बनाए। -फाइल फोटो

कोरोना: IPL 2020 के लिए RR से दूर हुआ जर्सी स्पॉन्सर March 31, 2020 at 08:33PM

विजय टैगोर, नई दिल्ली इंडियन प्रीमियर लीग पर गहराते संकट के बादलों के बीच राजस्थान रॉयल्स के लिए एक और बुरी खबर है। दुबई एक्सपो के साथ हुआ फ्रैंचाइजी का जर्सी का करार फिलहाल टाल दिया गया है। इस स्पॉन्सरशिप डील को बहुत महत्त्वपूर्ण माना जा रहा था कि कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया में छाए संशय के कारण अब इस पर विराम लग गया है। हमारे सहयोगी अखबार मुंबई मिरर के मुताबिक एक साल के लिए 25 करोड़ रुपये इस करार को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। 21 जनवरी को इस करार की आधिकारिक घोषणा कर दी गई थी। इसके मुताबिक वर्ल्ड एक्सपो जयपुर के खिलाड़ियों का मुख्य स्पॉन्सर होता और रॉयल के खिलाड़ियों की जर्सी पर आगे की ओर दुबई एक्सपो लिखा होता। राजस्थान रॉयल्स के पास अब जर्सी का को स्पॉन्सर नहीं है। इस फ्रैंचाइजी टीम को अब रेवेन्यू के नए साधन तलाशने होंगे। फ्रैंचाइजी के एक अधिकारी ने पुष्टि की इस साल के लिए डील को खत्म कर दिया गया है लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एक्सपो अगले साल स्पॉन्सर के रूप में वापस आएगा। एक्सपो फिलहाल इस साल 20 अक्टूबर से अगले साल 10 अप्रैल 2021 तक होना है। इसमें 192 देश भाग लेंगे। IPL पर सवाल बरकरार इस बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने कहा है कि आईपीएल पर कोई फैसला 21 दिन के लॉकडाउन के खत्म होने के बाद ही कोई फैसला करेंगे।