Tuesday, July 7, 2020

143 साल के इतिहास में पहली बार होगा ऐसा टेस्ट July 07, 2020 at 07:36PM

नई दिल्ली दर्शकों के बिना क्रिकेट मैच की कुछ महीने पहले तक कल्पना तक नहीं की जा सकती थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते अब यह एक हकीकत बन गया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट 116 दिन बाद लौट रहा है। नियम कुछ बदले होंगे। माहौल भी काफी अलग होगा। खाली दर्शक दीर्घा में मुकाबले एक अलग तरह का अनुभव होगा। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच बुधवार से शुरू हो रहे टेस्ट मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हो रही है। करीब चार महीने बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू हो रहा है। यह मैच खाली स्टेडियम में बिना दर्शकों के खेला जाएगा। टेस्ट क्रिकेट के 143 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा। सब कुछ बदला-बदला सा होगा। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की टीमें जब मैदान में पहुंचेंगी तो उनका स्वागत करने के लिए स्टैंड में दर्शक मौजूद नहीं होंगे। बेशक, खिलाड़ी भी मैदान पर दर्शकों के जोश, पोस्टर्स और स्लोगन को मिस करेंगे। क्रिकेट के खेल में रोमांच बनाए रखने के लिए इन सबका अहम किरदार होता है। बंद दरवाजों में खेली जाने वाली इस सीरीज में अंपायर्स होंगे, खिलाड़ी होंगे, रेफरी होंगे लेकिन अपने पसंदीदा खिलाड़ियों की हौसलाअफजाई के लिए दर्शक नहीं होंगे। आईसीसी ने कोरोना काल में क्रिकेट के लिए कई नियम बनाए हैं।
  • खिलाड़ियों को गेंद चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी। अगर कोई ऐसा करता है तो अंपायर दो बार चेतावनी देगा और तीसरी बार ऐसा करने पर टीम पर पांच रन की पेनल्टी लगाई जाएगी।
  • ट्रैवलिंग के नियम बहुत सख्त हैं इसलिए टेस्ट सीरीज में न्यट्रल अंपायर नहीं होंगे। स्थानीय अंपायर ही करेंगे अंपायरिंग।
  • अंपायरों में अनुभव की कमी को देखते हुए हर टीम को हर पारी में एक अतिरिक्त डीआरएस दिया जाएगा।

सचिन मानेंगे नहीं लेकिन वह अख्तर से डरते थे: शाहिद July 07, 2020 at 06:58PM

नई दिल्ली पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर (Shahid Afridi) ने एक बार फिर (Shahid Afridi) के बारे में विवादास्पद बयान दिया है। अफरीदी ने नौ साल पहले कहा था कि महान बल्लेबाज को पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर की गेंदबाजी का सामना करने से डर (Afridi claims Sachin was afraid to face Shoaib) लगता था। अफरीदी ने एक बार फिर इस विवादास्पद बात को दोहराया है। अफरीदी ने कहा कि सचिन इस बात को मानेंगे नहीं लेकिन वह अख्तर से डरते थे। हालांकि खुद शोएब अख्तर कह चुके हैं कि ऐसी कोई बात नहीं है। अफरीदी ने अपनी किताब ने कहा था, 'सचिन शोएब से डरते थे। मैंने खुद देखा है। मैं स्केवर लेग पर खड़ा होता था। जब अख्तर गेंदबाजी करने आते थे तो सचिन के पांव कांपते थे।' जैनब अब्बास के साथ यूट्यूब चैनल पर उन्होंने कहा, 'देखिए सचिन तेंडुलकर अपने मुंह से तो कहेगा नहीं कि मैं डर रहा हूं। शोएब अख्तर के ऐसे कई स्पेल होते थे जिसमें सिर्फ सचिन ही नहीं दुनिया के कई सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को डराया।' अख्तर ने कहा, 'जब आप मिड-ऑफ या कवर्स पर फील्डिंग करते हैं तो आप इसे देख सकते हैं। आपको किसी खिलाड़ी की बॉडी लैंग्वेज के बारे में पता चल जाता है। आप आसानी से समझ जाते हैं कि बल्लेबाज दबाव में है और वह अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पा रहा है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि शोएब ने सचिन को डरा दिया लेकिन शोएब के ऐसे कुछ स्पेल थे जिन्होंने दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों, जिनमें सचिन मभी शामिल हैं, को बैकफुट पर रखा।' अफरीदी ने यह भी कहा कि सचिन को मिस्ट्री बोलर सई अजमल से भी डर लगता था। अख्तर शायद 2011 के वर्ल्ड कप का जिक्र कर रहे थे जब एक विवादास्पद फैसले में ऑनफील्ड अंपायर ने सचिन को अजमल की गेंद पर LBW दे दिया था लेकिन तीसरे अंपायर के नतीजे से साफ हुआ कि गेंद लेग स्टंप के बाहर जा रही है। अफरीदी ने यह भी कहा, 'वर्ल्ड कप के दौरान सचिन सईद अजमल से डरते हुए नजर आए। यह कोई बड़ी बात नहीं है। खिलाड़ी कई बार दबाव महसूस करते हैं और यह उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो जाता है।' हाल के दिनों में शाहिद ने कई विवादास्पद बयान दिए हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि पाकिस्तान की टीम भारतीय टीम को इतना हराती थी कि टीम इंडिया उनसे माफी मांगती थी।

116 दिन लौटा क्रिकेट: अलग अंदाज में होगा क्रिकेट July 07, 2020 at 04:37PM

शायद ही किसी और टेस्ट मैच का इतना इंतजार किया गया होगा जितना आज यानी बुधवार से साउथैम्पटन में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच होने जा रहे मुकाबले का। लॉकडाउन की वजह से पिछले 116 दिनों से कोई इंटरनैशनल मुकाबला नहीं खेला गया। वेस्टइंडीज की टीम इंग्लैंड की धरती पर तीन टेस्ट मैच खेलेगी। अगर दोनों टीमों के बीच हुए मुकाबलों की बात करें तो 159 टेस्ट मैचों में से इंग्लैंड ने 49 और वेस्टइंडीज ने 57 टेस्ट मैच जीते हैं। 51 मैच ड्रॉ रहे हैं और दो रद्द रहे।

46 साल में पहला मौका है जब 100 से ज्यादा दिन के अंतराल तक कोई इंटरनैशनल मैच नहीं खेला गया। बिना दर्शकों के खेले जने वाले इस टेस्ट मैच में नए नियम भी लागू होंगे। जिनमें सबसे अहम लार के इस्तेमाल पर बैन होगा। पहली बार ऐसा होगा कि खिलाड़ी लार के इस्तेमाल के बगैर गेंद मूव कराने की कोशिश करेंगे। नियमों के उल्लंघन पर अंपायर दो चेतावनी देंगे और तीसरी बार नियम तोड़ने वाली टीम पर पांच रन की पेनल्टी होगी।

नस्लवाद के विरोध में दोनों टीमें 'ब्लैक लाइव मैटर' का लोगो लगाकर उतरेंगी। ये लोगो खिलाड़ियों की कमीज पर होगा। इसके जरिए वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के खिलाड़ी नस्लवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाएंगे।

मैच के दौरान सेलिब्रेशन करते हुए खिलाड़ियों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा। वे हाथ नहीं मिला सकते।

ट्रैवलिंग की मुश्किलों को देखते हुए आईसीसी ने न्यूट्रल अंपायर नियम में भी ढील दी है। दोनों छोर पर स्थानीय अंपायर होंगे। अंपायरिंग में अनुभव की कमी देखते हुए दोनों टीमों को हर पारी में एक अतिरिक्त डीआरएस भी दिया जाएगा।

कोविड सब्सिट्यूट नियम को भी पहली बार लागू किया गया है। मैच के दौरान किसी भी प्लयर की तबीयत बिगड़ती है तो उसकी जगह नए खिलाड़ी को मैदान में उतारने की अनुमति होगी।

टेस्ट चैम्पियनशिप में दावेदारी के लिए इंग्लैंड की जीत जरूरी, साउथैम्पटन में इंग्लिश टीम अब तक कोई मैच नहीं हारी July 07, 2020 at 02:22PM

कोरोनावायरस के बीच 116 दिन बाद इंग्लैंड से इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरुआत हो रही है। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच तीन टेस्ट की सीरीज का पहला मैच आज से खेला जाएगा। यह मैच साउथैम्पटन के रोज बाउल स्टेडियम में होगा। इस ग्राउंड पर इंग्लैंड अब तक कोई मैच नहीं हारा है। मेजबान ने यहां तीन मैच खेले हैं। इनमें दो मैच में भारत को हराया, जबकि एक श्रीलंका से ड्रॉ खेला।

टेस्ट चैम्पियनशिप में अपनी दावेदारी के लिए इंग्लैंड के लिए मैच जीतना जरूरी होगा। मौजूदा पॉइंट टेबल में इंग्लैंड 9 मैच खेलकर 146 अंक के साथ चौथे नंबर पर है। वहीं, टीम इंडिया 360 अंक के साथ टॉप पर काबिज है।

सीरीज क्लीन स्वीप करने पर इंग्लैंड चैम्पियनशिप में तीसरे नंबर पर पहुंचेगी
चैम्पियनशिप के नियम के मुताबिक, हर सीरीज के 120 पॉइंट निर्धारित किए गए हैं। सीरीज के मैच के हिसाब से विजेता टीम को अंक मिलते हैं। जैसे- इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच तीन टेस्ट की सीरीज में एक मैच के 40 अंक जीतने वाली टीम को मिलेंगे। यदि इंग्लैंड टीम सीरीज में क्लीन स्वीप करती है, तो वह 266 पॉइंट के साथ तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगी।

मैच जीतकर इंग्लैंड 186 पॉइंट्स के साथटेस्ट चैम्पियनशिप में नंबर-3 पर आ जाएगा

टीम मैच जीते हारे ड्रॉ पॉइंट
भारत 9 7 2 0 360
ऑस्ट्रेलिया 10 7 2 1 296
न्यूजीलैंड 7 3 4 0 180
इंग्लैंड 9 5 3 1 146
पाकिस्तान 5 2 2 1 140

143 साल के इतिहास में पहली बार बगैर दर्शकों के टेस्ट होगा
143 साल के इतिहास में यह पहली बार होगा, जब कोई टेस्ट मैच बगैर दर्शकों के खेला जाएगा। दुनिया का पहला आधिकारिक टेस्ट 15 मार्च 1877 से खेला गया था। सबसे बड़ी बात तो यह है कि खाली स्टेडियम में यह मैच उसी देश (इंग्लैंड) में खेला जाएगा, जिसनेक्रिकेट को शुरू किया है।

हेड-टू-हेड
इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच अब तक 157 टेस्ट खेले गए हैं। इनमें से इंग्लैंड ने 49 टेस्ट जीते, 57 में हार मिली और 51 मैच ड्रॉ रहे हैं। वहीं, इंग्लिश टीम ने घर में विंडीज से 86 में से 34 मुकाबले जीते और 30 में उसे हार मिली। जबकि 22 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं।

पिच और मौसम रिपोर्ट: साउथैम्पटन में मैच के दौरान बादल छाए रहेंगे। बारिश की आशंका है। तापमान 14 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। अतिरिक्त उछाल वाली पिच होने के कारण शुरुआत में तेज गेंदबाजों को फायदा होगा। मौसम साफ होने पर बल्लेबाजों को मदद मिल सकती है। टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी करना पसंद करेगी। इस मैदान पर अब तक 3 टेस्ट हुए। दो बार पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती, जबकि एक मुकाबला ड्रॉ रहा है।

विंडीज को पहले दिन अच्छा खेल दिखाना होगा: लारा
वेस्टइंडीज के पूर्व बल्लेबाज ब्रायन लारा ने कहा कि वेस्टइंडीज टीम 1988 से इंग्लैंड में सीरीज नहीं जीत सकी है। ऐसे में यदि इस बार टीम सीरीज जीतती है, तो यह उसके लिए बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा, ‘‘इस सीरीज पर दुनियाभर की नजर होगी। दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद है। यदि वेस्टइंडीज टीम सीरीज के पहले दिन ही अच्छा खेल दिखाती है, तो यह उसके लिए बहुत अहम होगा।’’

पहले मैच में रूट की जगह स्टोक्स कप्तानी करेंगे
इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट टीम के कप्तान जो रूट पहले मैच में नहीं खेलेंगे। उनकी जगह बेन स्टोक्स टीम की कप्तानी करेंगे। रूट पिता बनने वाले हैं, इसलिए पहले टेस्ट मैच से वह खुद ही हट गए हैं।

दोनों टीमें

वेस्टइंडीज: जेसन होल्डर (कप्तान), शेन डाउरिच (विकेटकीपर), जर्मेन ब्लैकवुड, नकरमाह बोनर, क्रैग ब्रैथवेट, शमर ब्रूक्स, जॉन कैंपबेल, रोस्टन चेस, राहीकेन कॉर्नवाल, केमर होल्डर, शाई होप, अल्जारी जोसेफ, रेमन रीफर और केमार रोच।

इंग्लैंड: बेन स्टोक्स (कप्तान), मार्क वुड, जेम्स एंडरसन, जोस बटलर, जोफ्रा आर्चर, डॉमनिक बेस, स्टुअर्ट ब्रॉड, रोरी बर्न्स, जैक क्रॉवल, जो डेनली, ओली पोप, डॉम सिबले, क्रिस वोक्स और जो रूट।



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England Vs West Indies 1st Test Head To Head Records | ENG Vs WI Ageas Bowl Match Stats Winning, Losing, Tied Match History; Where To Watch Match On Live Tv Online

पैरेंट्स ने नाम दिया था ‘महाराज’, राइट हैंडर थे भाई को देखकर लेफ्ट हैंडर हो गए; तेज गेंदबाज से कामयाब ओपनर बन गए July 07, 2020 at 02:22PM

टीम इंडिया के पूर्व ओपनर, कप्तान और फिलहाल बीसीसीआई के प्रेसिडेंट सौरव गांगुली आज 48 साल के हो गए हैं। क्रिकेट के मैदान और बाहर इस क्लासिकबैट्समैन को ‘दादा’ कहा जाता है। दादा यानी बड़ा भाई। गांगुली जब टीम इंडिया के कप्तान बने और बाद में जब इंग्लैंड के खिलाफ नेटवेस्ट ट्रॉफी जीतकर लॉर्ड्स के पवैलियन में टीशर्ट लहराई तो उनका अलग रूप सामने आया। तब इंग्लैंड के कप्तान नासिर हुसैन ने कहा था- मुझे आज पता लगा कि दादा का क्या अर्थ होता है। बहरहाल, यहां हम टीम इंडिया के इस पूर्व कप्तान से जुड़ी कुछ ऐसी बातों का जिक्र कर रहे हैं, जिन्हें शायद ज्यादा लोग न जानते हों।

लॉर्ड्स का रिकॉर्ड
गांगुली ने क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में टेस्ट डेब्यू किया था। 131 रन की पारी खेली। यह इस मैदान पर डेब्यू करते हुए किसी भी बल्लेबाज का सबसे बड़ा स्कोर है।

खुद का रेस्टोरेंट
कोलकाता के पार्क स्ट्रीट में सौरव का आलीशान रेस्तरां हैं। इसका नाम है ‘महाराजा सौरव्स- द फूड पैवेलियन’। सचिन तेंडुलकर ने 2004 में इसका इनॉगरेशन किया था। गांगुली के मुताबिक, उन्होंने सचिन के कहने पर ही यह रेस्टोरेंट शुरू किया।

महाराज से प्रिंस ऑफ कोलकाता
सौरव का परिवार शुरू से ही आर्थिक तौर पर मजबूत है। उनके पेरेंट्स ने सौरव का निकनेम ‘महाराज’ रखा था। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और मशहूर कमेंटेटर ज्यॉफ्री बॉयकॉट ने सौरव को ‘प्रिंस ऑफ कोलकाता’ नाम दिया।

राइट हैंडर से लेफ्ट हैंडर
मजे की बात यह है कि गांगुली जन्म से राइट हैंडर हैं। वो लिखते भी सीधे हाथ से हैं और खाना भी इसी हाथ से खाते हैं। भाई स्नेहाशीष लेफ्ट हैंडर थे। उनके क्रिकेट गियर (ग्लव्स और पैड्स आदि) इस्तेमाल करने के लिए दादा भी लेफ्ट हैंडर हो गए। बाद में क्या हुआ? यह सब जानते हैं। उन्हें दुनिया के बेहतरीन लेफ्ट हैंडर बैट्समैन में गिना जाता है।

भाई की जगह टीम में मिली थी जगह
1989 में स्नेहाशीष बंगाल की टीम से खेल रहे थे। कप्तान थे संबरन बनर्जी। हैदराबाद के खिलाफ सेमीफाइनल में स्नेहाशीष महज तीन रन पर आउट हो गए। संबरन ने सिलेक्टर्स से सौरव को मौका देने को कहा। वजह यह थी कि सौरव अच्छे गेंदबाज भी थे। यहीं उनका फर्स्ट क्लास डेब्यू हुआ। गांगुली ने अजहरउद्दीन की कप्तानी में टेस्ट डेब्यू किया। बाद में अजहर गांगुली की कप्तानी में 11 वनडे खेले।

डोना से शादी
सौरव की शादी डोना गांगुली से हुई। कहा जाता है कि दोनों परिवारों के संबंध अच्छे नहीं थे। लिहाजा, एक-दूसरे को बेइंतहा चाहने वाले सौरव और डोना की शादी में दिक्कत आई। हालांकि, बाद में सब ठीक हो गया।

श्रीनाथ से खास लगाव
जवागल श्रीनाथ को भारत के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में गिना जाता है। वो तीन बार संन्यास लेना चाहते थे। लेकिन, तीनों बार गांगुली के कहने पर खेलने को तैयार हुए। अनिल कुंबले भी उनके सबसे अच्छे दोस्तों में से एक हैं।



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गांगुली ने क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में टेस्ट डेब्यू किया था। 131 रन की पारी खेली। यह इस मैदान पर डेब्यू करते हुए किसी भी बल्लेबाज का सबसे बड़ा स्कोर है।

9 महीने से साथ काम कर रहे धूमल बोले- आईसीसी चेयरमैन के लिए सौरव गांगुली परफेक्ट, आईसीसी को उनके जैसे अध्यक्ष की जरूरत भी है July 07, 2020 at 02:22PM

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली आज 48 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता में हुआ था। इस खास मौके परभास्कर ने बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल से बात की। 9 महीने से साथ काम कर रहे धूमल ने कहा कि गांगुली ने जिस तरह से भारतीय टीम की कप्तानी करते हुए कई सफलताएं दिलाई थीं। ठीक उसी प्रकार बीसीसीआई में काम कर रहे हैं। आज इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) को उनके जैसे ही अध्यक्ष की जरूरत है।

पिछले साल अक्टूबर में गांगुली और धूमल ने साथ में ही पदभार संभाला था। गांगुली का इसी महीने में कार्यकाल खत्म हो रहा है। नियम के मुताबिक, उन्हें तीन साल के अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) पर जाना होगा। हालांकि, बीसीसीआई ने उनका कार्यकाल बढ़ाने और नियम में संशोधन की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इन सभी मुद्दों पर भास्कर ने धूमल से बात की...

क्या बीसीसीआई गांगुली के नाम आईसीसी अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित करेगी?
धूमल: कोरोना के बाद वर्ल्ड क्रिकेट के सामने जिस तरह की चुनौतियां आई हैं, ऐसे में आईसीसी को गांगुली जैसे नेतृत्व क्षमता वाले व्यक्ति की जरूरत है। लेकिन, उससे कहीं ज्यादा उनकी जरूरत बीसीसीआई को है, क्योंकि दुनिया को सुधारने से पहले अपने घर को भी मजबूत करना जरूरी है। हालांकि, बीसीसीआई ने गांगुली आईसीसी अध्यक्ष पद के उम्मीदवार होंगे या नहीं, इस पर आखिरी फैसला नहीं लिया है। रही बात कूलिंग ऑफ पीरियड की, तो इसको लेकर अभी कोर्ट के आदेश का इंतजार है। कोर्ट का आदेश सभी को मान्य होगा।

बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद गांगुली का विजन क्या रहा है?
धूमल: गांगुली का मुख्य लक्ष्य बीसीसीआई और खिलाड़ियोंको मजबूत बनाना और उसे सफलता की ओर आगे ले जाना है। इसी को लेकर घरेलू क्रिकेट में सुविधाएं और खिलाड़ियों की आय बढ़ाने को लेकर कई फैसले किए गए हैं। कोरोना के कारण कई क्रिकेट बोर्ड ने खिलाड़ियों के वेतन में कटौती की है, लेकिन बीसीसीआई ने ऐसा नहीं किया। गांगुली ने दूसरे खर्चों में कटौती करना मंजूर किया, लेकिन खिलाड़ियों का वेतन नहीं रोका या काटा गया।

आपको गांगुली में किस तरह की खूबियां नजर आई?
धूमल: गांगुली में शानदार नेतृत्व क्षमता है। उन्होंने जिस तरह कप्तानी करते हुए भारतीय टीम को सफलताएं दिलाईं, उसी प्रकार का जज्बा उनमें बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद भी दिखा है। वे जो ठान लेते हैं, उसे पूरा करते हैं। उन्होंने इंडिया टीम की तरह बीसीसीआई में भी कई नए और युवा अधिकारियों को मौका दिया।

कोरोना के बाद आई चुनौती से निपटने को लेकर गांगुली की क्या रणनीति रही?
धूमल: उन्होंने चुनौतियों का शांत रहकर ही मुकाबला करने की तैयारी की है। सबसे पहले खिलाड़ियों की सेहत को ध्यान में रखते हुए रणनीति तैयार कीताकि किसी को जोखिम में न डाला जाए। कोरोना के कारण क्रिकेट बंद है। ट्रेनिंग नहीं हो रही है। अभी आने वाले कुछ महीनों में इसके शुरू होने की उम्मीद भी नहीं है। लेकिन, जब खिलाड़ी मैदान में लौटेंगे तो उन्हें परेशानी न हो, इसको लेकर रणनीति बनाई है। उस पर पूरी टीम काम कर रही है।



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Sourav Ganguly (Dada) 48th Birthday; Arun Kumar Dhumal Says Sourav Ganguly Is Perfect For ICC Chairman Post

जर्सी पर अब 10 की बजाए 32 स्क्वायर इंच का स्पॉन्सर लोगो होगा, चार महीने में हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई की कोशिश July 07, 2020 at 02:22PM

कोरोना के दौर में इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी हो रही है। इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज की टीमें आज से साउथैम्पटन में पहला टेस्ट खेलेंगी। कई बदलाव देखने को मिलेंगे। दर्शकों के बिना प्लेयर्स को स्टैंड्स सूने नजर आएंगे। चार महीने क्रिकेट नहीं हुआ। इस वजह से हर देश के क्रिकेट बोर्ड को आर्थिक तौर पर काफी नुकसान हुआ। स्टाफ की सैलरी कम की गईं। श्रीलंका ने तो कुछ कर्मचारियों को निकाल भी दिया।

आईसीसी ने फैसला किया है कि टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ी जो जर्सी पहनते हैं, उनमें स्पॉन्सर लोगो पहले से काफी बड़े होंगे। यह फैसला इसलिए किया गया है ताकि स्पॉन्सर्स का हौसला बढ़ाया जा सके और वो टेस्ट क्रिकेट से जुड़े रहें।

स्पॉन्सर लोगो में क्या बदलाव होगा?
टेस्ट क्रिकेट में प्लेयर्स की जर्सी में ज्यादा बदलाव नहीं किए जाते। बांह और सीने पर बाईं तरफ 10 स्क्वायर इंच का लोगो होता था। अब यह बिल्कुल अलग होगा। इसका साइज तीन गुना से ज्यादा बढ़ाने को मंजूरी दी गई है। अब 10 की बजाए 32 स्क्वायर इंच का लोगो होगा। यह जर्सी यानी टी-शर्ट और स्वेटर पर होगा। फिलहाल, एक साल के लिए नए लोगो की मंजूरी दी गई है। जरूरत होने पर इसे बढ़ाया भी जा सकता है।

एक बदलाव जो पहले हुआ
आईसीसी ने जब टेस्ट चैम्पियनशिप शुरू की तो उसने जर्सी में एक बदलाव किया। हर प्लेयर की जर्सी के पीछे उसका नाम और जर्सी नंबर दिया गया। इसका विरोध भी हुआ। लेकिन, आईसीसी ने कहा कि दूर बैठे दर्शक प्लेयर्स को पहचान सकें, इसलिए यह बदलाव किया गया है।



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Sponsor Logo Placement/ICC Rules Update | England Vs West Indies 1st Test Match Updates; 32 Square Inch Sponsor Logo In Test Shirts And Sweaters

पहले टेस्ट में स्टोक्स पर हावी रहेंगे होल्डर: सिमंस July 07, 2020 at 02:14AM

साउथैम्पटन के कोच फिल सिमंस () का मानना है कि पहले टेस्ट मैच में दो ऑलराउंडर कप्तानों के बीच भी जंग देखने को मिलेगी। उन्हें उम्मीद है कि इसमें उनका कप्तान जैसन होल्डर इंग्लैंड के कप्तान से अव्वल साबित होंगे। होल्डर और स्टोक्स दोनों शीर्ष स्तर के ऑलराउंडर हैं और वे अपनी टीमों की अगुवाई करेंगे। स्टोक्स नियमित कप्तान जो रूट की जगह टीम का नेतृत्व करेंगे जो अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण पहले मैच में नहीं खेल पाएंगे। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच बुधवार को एजिस बॉउल में शुरू होगा। सिमंस ने पहले टेस्ट मैच से पहले कहा, ‘मेरा मानना है कि यह दो आलराउंडरों के बीच का मुकाबला बनने जा रहा है और उम्मीद है कि इस पहले टेस्ट मैच में बेन पर हावी होने के लिए जैसन अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करेंगे।’ पढ़ें- उन्होंने कहा, ‘बेन ऐसे खिलाड़ी हैं, जो आगे बढ़कर नेतृत्व करते हैं। क्रिकेट में उनका प्रदर्शन इसका गवाह है इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उन्हें जल्दी आउट कर दें क्योंकि उन्हें टीम की जरूरत के अनुसार प्रदर्शन करना भाता है।’ सिमंस ने कहा, ‘आप फायदे की स्थिति का किस तरह से उपयोग करते हैं इसको लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। रूट टीम में नहीं है लेकिन कुछ युवा खिलाड़ी इस मौके का फायदा उठाना चाहेंगे।’ पढ़ें- उन्होंने कहा, ‘कई बार ऐसे खिलाड़ी मुसीबत बन जाते हैं जिनके बारे में आप कम जानते हो इसलिए आप यदि इसे लाभ की स्थिति मानते हैं तो आपको बेहद सतर्क रहना होगा।’ सिमंस ने कहा कि स्टोक्स का कप्तान के रूप में कम अनुभव कोई मसला नहीं है क्योंकि उन्हें सलाह देने के लिए और क्रिस ब्रॉड रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘बेन ने इससे पहले कप्तानी नहीं की है लेकिन उनकी टीम सफल है और इससे मदद मिलती है। उन्हें जिम्मी और ब्रॉड जैसे अनुभवी साथियों का साथ मिलेगा। इसे फायदे के तौर पर नहीं देखा जा सकता है।’

46 वर्षों के क्रिकेट इतिहास में पहली बार ऐसा July 07, 2020 at 01:42AM

नई दिल्लीइंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच बुधवार से साउथैम्पटन में शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच से 117 दिन बाद अंतरराष्ट्रीय होगी और यह सीमित ओवरों की क्रिकेट के चलन के बाद पिछले 46 वर्षों में पहला अवसर होगा जबकि 100 से भी अधिक दिन तक कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला गया। कोविड-19 महामारी के कारण 15 मार्च 2020 के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ठप्प पड़ा है और अब इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच जैव सुरक्षित वातावरण में खाली स्टेडियमों में इसकी शुरुआत होने जा रही है। आखिरी मैच न्यूजीलैंड-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ था इससे पहले आखिरी मैच ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच सिडनी में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय के रूप में खेला गया था। वनडे और फिर टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के आने से बीच बीच में कुछ अवसरों पर टेस्ट मैच 100 से अधिक दिन के अंतराल में खेले गए लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) सहित विभिन्न घरेलू लीग की शुरुआत के बावजूद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कभी ऐसा देखने को नहीं मिला था। पढ़ें- कब कितने दिन नहीं खेला गया इंटरनैशनल क्रिकेटआखिरी बार 1972 में 114 दिन और 1973 में 113 तक कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला गया था। एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत पांच जनवरी 1971 को हुई थी, लेकिन पहले चार वर्षों में केवल 15 मैच खेले गए थे। यही वजह थी कि 19 अगस्त 1971 से 16 फरवरी 1972 तक कोई मैच नहीं खेला गया था। इसका मतलब 181 दिन तक कोई मैच नहीं हुआ जो पिछले पांच दशकों में दो मैचों के बीच सबसे लंबा अंतराल है। वर्ल्ड वार-2 के दौरान 2414 दिन तक कोई मैच नहीं हुआजब तक सीमित ओवरों की क्रिकेट नहीं खेली जाती थी तब दो अंतरराष्ट्रीय मैचों या यूं कहें कि टेस्ट क्रिकेट में दो मैचों के बीच लंबा अंतराल देखने को मिलता था। ऐसा सबसे लंबा अंतराल पहले और दूसरे विश्व युद्ध के बीच देखने को मिला। पहले विश्व युद्ध के दौरान छह साल नौ महीने और 20 दिन यानि कुल 2485 दिन तक कोई टेस्ट मैच नहीं खेला गया। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भी 2414 दिन तक कोई मैच नहीं हुआ था। 1899 में साउथ अफ्रीका युद्ध में भी हुआ ऐसा अगर विश्व युद्ध को छोड़ दें तो 14 अगस्त 1899 से लेकर 13 दिसंबर 1901 तक यानि 851 दिन तक कोई टेस्ट मैच नहीं खेला गया। लेकिन तब दक्षिण अफ्रीका में युद्ध किे कारण वहां खेले जाने वाले टेस्ट मैचों को रद्द किया गया था। टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत में जरूर कई दिनों तक कोई मैच नहीं खेला जाता था। मसलन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे टेस्ट मैच के बाद तीसरा टेस्ट मैच 642 दिन बाद खेला गया था जबकि तीसरे और चौथे टेस्ट मैच में 613 दिन का अंतराल रहा। 509 दिन तक कोई मैच नहीं खेला गया फरवरी 1883 से लेकर जुलाई 1884 के बीच 509 दिन तक कोई मैच नहीं खेला गया था। सीमित ओवरों की क्रिकेट के चलन के कारण हाल में विशेषकर उन वर्षों में 100 से अधिक दिन तक टेस्ट मैच नहीं खेला गया जब वनडे विश्व कप का आयोजन किया गया। जैसे कि पिछले साल इंग्लैंड में विश्व कप खेला गया। इससे पहले खिलाड़ी आईपीएल में व्यस्त रहे और इस कारण दो टेस्ट मैचों के बीच 131 दिन का अंतराल देखने को मिला। वर्तमान में यह अंतराल 130 दिन का है।

बर्थडे स्पेशल: अगला धोनी फिर कभी न मिलेगा... July 07, 2020 at 12:53AM

नई दिल्लीभारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान और सबसे चहेते क्रिकेटरों में से एक 39 साल के हो गये और विभिन्न मंचों पर उन्हें बधाईयां दी जा रही हैं लेकिन हमेशा की तरह वह सोशल मीडिया की चमक दमक से दूर ही रहे। से लेकर विराट कोहली तक भारतीय कप्तानों का अपना अलग चरित्र रहा लेकिन कोई भी धोनी जैसा गुपचुप रहने वाला कप्तान नहीं रहा। पिछले 16 वर्षों से वह लोगों के चहेते बने हुए है लेकिन अब चर्चा यह है कि वह कब संन्यास लेंगे क्योंकि पिछले एक साल से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेले हैं। लेकिन तब भी सिर्फ लोग कयास लगा रहे हैं और धोनी ने हमेशा की तरह अपने पत्ते खोलने में किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखायी है और उन्होंने कोविड-19 के इन दिनों में रांची में अपने परिवार के साथ पर्याप्त समय बिताने को ही प्राथमिकता दी है। धोनी का जिंदगी जीने का अपना निराला अंदाज है और वह अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीना पसंद करते हैं। इसलिए उनके कुछ साथियों ने उन्हें निराले अंदाज में बधाई दी लेकिन उसमें पूरा सम्मान भरा था। मोहम्मद कैफ ने उन्हें बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘अगला एमएसडी (महेंद्र सिंह धोनी)? गलती 404, अगला एमएसडी कभी नहीं मिलेगा।’ लोग भले ही धोनी से नहीं मिल पाते हैं लेकिन वह उनसे बेइंतहा प्यार करते हैं। पढ़ें- ऐसे में वीरेंदर सहवाग जैसे सुपरस्टार से लेकर केदार जाधव जैसे खिलाड़ी का उनके प्रति सम्मान और प्यार हैरान नहीं करता। सहवाग ने अपने ट्विटर पेज पर लिखा, ‘एक पीढ़ी में एक बार एक खिलाड़ी आता है और राष्ट्र उससे जुड़ जाता है। उसे अपने परिवार के सदस्य जैसे मानता है। कुछ बहुत अपना सा लगता है। ऐसे शख्स को जन्मदिन की शुभकामनाएं जो कई लोगों के लिये उनकी दुनिया है।’ पढ़ें- जाधव ने इस अवसर पर मराठी में एक लंबा पत्र लिखकर के प्रति अपना प्यार और सम्मान जताया है। ने धोनी को बधाई देते हुए लिखा है, ‘मेरा दोस्त जिसने मुझे बेहतर इंसान बनना सिखाया और जो बुरे दौर में मेरे साथ खड़ा रहा।’ उनके प्रशंसक उन्हें मैदान पर उनके प्रदर्शन से ज्यादा एक भरोसेमंद इंसान के तौर पर अधिक प्यार करते हैं। प्रशंसकों को अब भी उम्मीद है कि उनका यह प्रिय नायक मैदान पर अपने जलवे दिखाएगा इसलिए उन्हें का इंतजार है ताकि वे चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से धोनी को खेलते हुए देखें। जन्मदिन की शुभकामनाएं धोनी।

साउथैम्पटन टेस्ट : क्रिकेट की वापसी को तैयार इंग्लैंड-विंडीज July 06, 2020 at 11:36PM

साउथैम्पटन इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच बुधवार से यहां के एजेस बाउल स्टेडियम में शुरू हो रहे तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच से क्रिकेट बदले अंदाज में वापसी को तैयार है। कोरोनवायरयस के कारण क्रिकेट मार्च के मध्य से बंद है और अब इसी सीरीज के साथ क्रिकेट की वापसी हो रही है। नए तरीके से खेला जाएगा क्रिकेट आईसीसी ने हालांकि महामारी को देखते हुए कुछ बदलाव किए हैं जिनके मुताबिक यह सीरीज खाली स्टेडियम में बिना दर्शकों के खेली जाएगी। साथ ही आईसीसी ने गेंद को चमकाने के लिए स्लाइवा के उपयोग पर भी बैन लगा दिया है। तो इस मैच में गेंदबाजों को स्लाइवा का इस्तेमाल करते नहीं देखा जाएगा। यह हालांकि दोनों टीमों के लिए चिंता की बात है क्योंकि अगर देखा जाए तो इंग्लैंड की स्थितियों में तेज गेंदबाजों का ही बोलबाला रहता है और दोनों टीमों के पास अच्छे तेज गेंदबाज भी हैं। इंग्लैंड की बोलिंग मजबूत इंग्लैंड के पास जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड के अलावा क्रिस वोक्स और जोफ्रा आर्चर हैं जो इंग्लैंड की परिस्थितियों में कहर ढा सकते हैं। वहीं विंडीज के पास शेनन गैब्रिएल, केमार रोच, कप्तान जेसन होल्डर और अल्जारी जोसेफ हैं जो किसी भी मुकाबले में कम नहीं हैं। अब देखना यह होगा कि सलाइवा बैन हो जाने से इनके प्रदर्शन पर क्या असर पड़ता है और क्या बल्लेबाज इन पर हावी हो पाते हैं या नहीं। बल्लेबाजी वेस्टइंडीज की कमजोर कड़ी वेस्टंडीज की बल्लेबाजी की बात की जाए तो यह उसकी कमजोर कड़ी है और यहां इग्लैंड को भी परेशानी हो सकती है क्योंकि नियमित कप्तान जोए रूट के न होने से उसको थोड़ी चिंता तो होगी। रूट की गैरमौजूदगी में बेन स्टोक्स टीम की कप्तानी कर रहे हैं। रूट बच्चे के जन्म के कारण इस मैच में नहीं खेल पा रहे हैं। टीम के मुख्य बल्लेबाज होने के नाते उनकी कमी टीम को खलेगी। वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी की बात की जाए तो काफी कुछ क्रैग ब्राथवेट और शाई होप पर निर्भर करेगा। यह दोनों टीम की बल्लेबाजी की धुरी हैं। एक बार अगर इंग्लैंड ने इन दोनों के विकेट निकाल लिए तो विंडीज के लिए संभलना मुश्किल हो सकता है। शेन डॉवरिच भी अच्छी बल्लेबाजी करने का दम रखते हैं। निचले क्रम में कप्तान होल्डर का बल्ला भी चला तो विंडीज को राहत मिलेगी। इंग्लैंड की बल्लेबाजी के पास प्लस पॉइंट इंग्लैंड की बल्लेबाजी की बात की जाए तो उसके पास ज्यादा अनुभव नहीं है लेकिन घर में खेलने के कारण कहा जा सकता है कि उसका पलड़ा भारी रहेगा। रोरी बर्न्स, जोए डेनले, जैक क्रॉले पर शीर्ष क्रम की जिम्मेदारी है। इंग्लैंड के पास हालंकि दो अनुभवी खिलाड़ी जोस बटलर और स्टोक्स हैं जो अपनी शानदार बल्लेबाजी से मैच का रुख बदल सकते हैं। दोनों टीमें इस मैच में ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ के लोगों को साथ उतरेंगी। अमेरिका में अश्वेथ शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद से इस आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। टीमें :- इंग्लैंड टीम : बेन स्टोक्स (कप्तान), जेम्स एंडरसन, जोफ्रा आर्चर, रोरी बर्न्स, डोम बेस, स्टुअर्ट ब्रॉड, जोस बटलर (विकेटकीपर), जैक क्रॉले, जोए डनले, ओली पोप, डोम सिब्ले, मार्क वुड, क्रिस वोक्स। वेस्टइंडीज टीम : जेसन होल्डर (कप्तान), जर्मेने ब्लैकवुड, निकुरमाह ब्रोनर, क्रैग ब्राथवेट, शारमहा ब्रूक्स, जॉन् कैम्पबेल, रोस्टन चेज, रखीम कोर्नवेल, शेन डॉवरिच, शेनन गैब्रिएल, चेमार होल्डर, शाई होप, अल्जारी जोसेफ, रेमन रेइफर, केमार रोच।

धोनी का बर्थडे, सौरभ गांगुली ने की जमकर तारीफ July 06, 2020 at 10:55PM

नई दिल्ली महेंद्र सिंह धोनी के खेल का भला कौन कायल नहीं है। अब महेंद्र सिंह धोनी के जन्मदिन पर दादा सौरभ गांगुली ने भी माही की जमकर तारीफ की है। क्रिकेटर मयंक अग्रवाल के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि भारतीय टीम को धोनी जैसा क्रिकेटर मिला। गांगुली ने कहा कि धोनी दुनिया के बेस्ट क्रिकेटर्स में से एक हैं। पढ़ें- मयंक अग्रवाल से बातचीत में सौरभ गांगुली ने यह भी माना कि उन्होंने ही 2004 में बीसीसीआई सिलेक्टर्स को धोनी को चुनने के लिए कहा था। तब भारत को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज खेलनी थी। इसपर बात करते हुए गांगुली ने कहा कि यह उनका काम था, कोई भी कैप्टन यही करता है कि बेस्ट प्लेयर को टीम में ले। उन्होंने भी उस वक्त यही किया। इसके बाद गांगुली बोले कि उन्हें खुशी है कि धोनी जैसा खिलाड़ी टीम इंडिया को मिला। उन्होंने कहा कि उनका खेल अविश्वसनीय था। गांगुली ने आगे कहा कि धोनी सिर्फ बेस्ट फिनिशर नहीं बल्कि ग्रेट प्लेयर्स में से एक हैं। ‘दादा ओपन विद मयंक’ नाम से हुए इस कार्यक्रम में मयंक अग्रवाल ने गांगुली से कई सवाल किए। एक सवाल कोरोना वायरस पर भी था। बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने सोमवार को कहा कि देश को इस साल के आखिर या अगले साल की शुरूआत तक कोविड-19 महामारी को झेलना होगा। उनके इस बयान से यह लगभग साफ हो गया कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का आयोजन भारत में नहीं होगा।

ब्रायन लारा ने कहा, वेस्टइंडीज की टीम पांच दिन नहीं टिक सकती July 06, 2020 at 11:05PM

लंदनमहान बल्लेबाज का मानना है कि वेस्टइंडीज को इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की आगामी सीरीज में पूर्व नियोजित योजना के अनुसार चलने की जरूरत है और इन मैचों को चार दिवसीय मैचों की तरह समझना होगा क्योंकि मेहमान टीम के पास पांच दिनों तक टिके रहने की क्षमता नहीं है। वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान 51 साल के लारा ने कहा कि वेस्टइंडीज के पास मजबूत गेंदबाजी आक्रमण है लेकिन उनका बल्लेबाजी विभाग चिंता की बात है और उनके ऐसा बयान देने का कारण भी यही है।इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत बुधवार से साउथम्पटन में जैविक रूप से सुरक्षित वातावरण में होगी। इसके साथ ही कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च में निलंबन के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी होगी। बीबीसी स्पोर्ट ने लारा के हवाले से कहा, ‘उन्हें (वेस्टइंडीज को) तुरंत दबदबा बनाना होगा। इंग्लैंड को स्वदेश में आसानी से नहीं हराया जा सकता और वे प्रबल दावेदार हैं।’ उन्होंने कहा, ‘उन्हें इंग्लैंड पर दबदबा बनाना होगा, मुझे नहीं लगता कि वे पांच दिन तक टिक पाएंगे इसलिए उन्हें इन मैचों को चार दिवसीय मैचों की तरह लेना होगा। उन्हें बढ़त लेनी होगी और इसे बरकरार रखना होगा।’ वेस्टइंडीज की ओर से 131 टेस्ट में 11953 रन बनाने वाले लारा ने कहा कि मेहमान टीम के लिए इंग्लैंड के हालात से सामंजस्य बैठाना महत्वपूर्ण होगा। अभी वेस्टइंडीज के पास है जिसने पिछले साल कैरेबिया में इंग्लैंड को 2-1 से हराकर इसे जीता था।बायें हाथ के पूर्व बल्लेबाज लारा ने कहा कि वेस्टइंडीज अगर सीरीज जीतता है तो यह उसके लिए बड़ी उपलब्धि होगी क्योंकि वह 1988 से इंग्लैंड में टेस्ट श्रृंखला जीतने में नाकाम रहा है। टेस्ट क्रिकेट में 34 शतक जड़ने वाले लारा ने कहा, ‘यह ऐसी सीरीज है जो पूरी दुनिया में देखी जाएगी और सभी को प्रतिस्पर्धी श्रृंखला की उम्मीद है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर वेस्टइंडीज जीतता है तो यह उन सभी के लिए काफी मायने रखता है। अगर वे टेस्ट सीरीज के पहले दिन अच्छा क्रिकेट खेलते हैं, दिखाते हैं कि उनमें इंग्लैंड के खिलाफ प्रदर्शन करने की क्षमता है तो यह महत्वपूर्ण होगा।’

घरेलू क्रिकेट में करते रहे दमदार प्रदर्शन लेकिन नहीं खुला टीम इंडिया का दरवाजा July 06, 2020 at 11:05PM

नई दिल्ली बात 1974 की सर्दियों की है। क्लाइव लॉयड की अगुआई में वेस्टइंडीज की बेहद मजबूत क्रिकेट टीम भारत दौरे पर आने वाली थी। पिछली टक्कर में भारत ने कैरेबियाई टीम को उनकी धरती पर ही पटकनी दे दी थी। उस अकल्पनीय परिणाम के बाद विंडीज टीम का भारत दौरा बदला लेने वाला माना जा रहा था। मेजबान टीम हरेक मोर्चे पर चुनौती देने के लिए पूरी तरह से तैयार थी। बैटिंग सनसनी सुनील गावसकर और गुंडप्पा विश्वनाथ…मेहमानों की नींद उड़ाने वाली पेस बैटरी से निपटने में सक्षम थे…तो भारत की तिलस्मी स्पिन चौकड़ी…लॉयड के लड़ाकों के लिए हर तरह की मुश्किलें खड़ी करने को कमर कस चुकी थी। दरवाजे पर दी जबर्दस्त दस्तक सब कुछ प्लान के हिसाब से आगे बढ़ रहा था कि बैंगलोर में पहली भिड़ंत के ऐन पहले पता चला कि भागवत चंद्रशेखर, ईरापल्ली प्रसन्ना, एस वेंकटराघवन और बिशन सिंह बेदी की चौकड़ी में से कोई एक…पहले टेस्ट मैच से बाहर हो गया है। दरअसल, बेदी को अनुशासन से जुड़े किसी मामले में मैच में नहीं खिलाने का फैसला लिया गया था। यह खबर भारतीय फैंस के लिए चिंता का सबब थी तो यही खबर हरियाणा रणजी टीम के एक बेहद प्रतिभावान और मेहनती बोलर के लिए किस्मत के दरवाजे खोलने वाली भी थी। गोयल पहुंचे मुहाने पर बेदी के आने से पहले से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेल रहे और साल दर साल सफलता की नई बुलंदियां छू रहे को सिलेक्टर्स की ओर से बुलावा भेजा गया। तब 32 साल के गोयल की जिंदगी का वह सबसे सुखद पल था। नई किट, नए बोलिंग बूट और नए बैट का इंतजाम कर राजिंदर…बैंगलोर में नैशनल टीम के साथ जुड़े। मैच के दिन के पहले वाली शाम तक हर तरफ यही चर्चा थी कि भारतीय स्पिन चौकड़ी में एक नया लेफ्ट आर्म स्पिनर जुड़ेगा। गोयल को फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पिछले कई वर्षों की तपस्या का फल मिलेगा। वेस्टइंडीज के सामने एक सरप्राइज पैकेज होगा और दुनिया देखेगी कि भारत की स्पिन बोलिंग का खजाना कितने अनमोल हीरों से भरा है। तो बेदी को 'बचाने' के लिए नहीं मिला गोयल को मौका गोयल के लिए स्टेज तैयार था लेकिन मैच शुरू होने से ठीक पहले टीम के कप्तान नवाब पटौदी ने केवल तीन स्पिनर्स के साथ उतरने का फैसला लिया। गोयल का नाम लिस्ट में बारहवें खिलाड़ी के तौर पर दर्ज किया गया। आखिर क्या वजह हो सकती है इस हैरानी भरे फैसले के पीछे? आधिकारिक तौर पर इसका जवाब गोयल को पूरी ज़िंदगी कभी नहीं मिला लेकिन गावसकर अपनी किताब आइडल्स में बिना लाग लपेट के इस पर लिखते हैं, ‘मुझे ऐसा महसूस होता है कि सिलेक्शन कमिटी उन्हें खिलाने को तैयार नहीं थी। क्योंकि अगर उन्होंने कुछ विकेट निकाल लिए होते तो बेदी की वापसी थोड़े समय के लिए और टल सकती थी और सिलेक्टर्स के लिए ये बहुत शर्मनाक होता।’ 750 घरेलू विकेट लेकिन... बैंगलोर में 12वें खिलाड़ी बनने वाली उस घटना के बाद से अगले 11 साल तक गोयल डोमेस्टिक क्रिकेट में एक से बढ़कर एक धुरंधर बल्लेबाजों को घुटने टेकाते रहे, विकेटों का अंबार लगाते रहे, रेकॉर्ड बनाते रहे। मगर सिलेक्शन कमिटी के दरवाजे उनके लिए कभी नहीं खुले। घरेलू क्रिकेट में बोलिंग का ये शिखर पुरुष रेकॉर्ड 750 विकेट लेने के बावजूद एक अदद टेस्ट कैप की हसरत लिए रिटायर हो गया। गोयल ही नहीं, लंबी कतार है भारतीय क्रिकेट में यह कहानी सिर्फ राजिंदर गोयल की नहीं है। , , सुरेंद्र भावे, अरमजीत केपी, मिथुन मन्हास,श्रीधरन शरत, देवेंद्र बुंदेला, भास्कर पिल्लै, आशीष विंस्टन जैदी, राणादेब बोस, कोनोर विलियम्स, सितांशु कोटक, येरे गौड़। ये कुछ ऐसे नाम हैं जो डोमेस्टिक क्रिकेट में लगातार अपने दमदार प्रदर्शन की वजह से सुर्खियों में रहे लेकिन नैशनल सिलेक्टर्स की नजरें इन पर कभी इनायत नहीं हुईं। शिवालकर भी रहे इंतजार में राजिंदर गोयल के दौर के ही लेफ्ट आर्म स्पिनर पद्मकार शिवालकर में भी वह सारी खूबियां थीं जो किसी क्रिकेटर को आम से खास बनाती हैं। सनी गावसकर ने दुनिया भर के जिन 31 खिलाड़ियों को अपनी आइडल्स में जगह दी है उनमें कभी टेस्ट नहीं खेल सके सिर्फ दो ही क्रिकेटर हैं। राजिंदर गोयल और पद्मकार शिवालकर। अपनी घूमती गेंदों से मुंबई को कई रणजी खिताब दिलाने वाले शिवालकर ने सत्तर के दशक की शुरुआत में लगातार दो सीजन में रणजी ट्रोफी के सेमीफाइनल और फाइनल में कहर बरपाने वाली बोलिंग की। पर क्रिकेट से निभाते रहे प्यार... उन दिनों हर इंटरनैशनल सीरीज से पहले भारतीय टीम के ऐलान के दिन शिवालकर के सपने टूटते रहे। कहते हैं कि शिवालकर 48 साल की उम्र तक सिर्फ इस उम्मीद में फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते रहे कि कभी तो बुलावा आएगा। हालांकि, अब 80 साल के हो चले शिवालकर उन दिनों की चर्चा करने पर बताते हैं कि एक ‘टेस्ट टीका’ का सपना तो हर फर्स्ट क्लास क्रिकेटर का होता है। उनका भी था। लेकिन 1977 के सीजन के बाद से देश के लिए खेलने का उनका सपना टूट चुका था, दिल टूट चुका था। वह क्रिकेट से अपना प्यार भर निभाते रहे। मुंबई की टीम में मिलती रही जगह... मुंबई की टीम में सिलेक्ट होते रहे और खेल का सिलसिला यूं ही जारी रहा। शिवालकर को लेकर एक्सपर्ट कहते हैं कि वे टर्न लेती पिच पर ज्यादा घातक साबित होते थे। इससे राय से अपनी असहमति जताते हुए शिवालकर कहते हैं कि अगर पिच टर्न लेती है तो सामने वाली टीम के बोलर्स के लिए भी टर्न लेती है। तो सफलता एक ही तरफ के बोलर को ही क्यों हासिल होती है? गावसकर का स्टंप उड़ाया था शिवालकर एक किस्सा सुनाते हैं। मुंबई टीम में उनके जूनियर सुनील गावसकर 1971 के वेस्टइंडीज दौरे में टेस्ट क्रिकेट में आगाज करते हुए हीरो बन गए थे। वापसी पर मुंबई के एक क्लब मैच में गावसकर का सामना शिवा से हुआ। शिवा बताते हैं, ‘मुझे याद है उस मैच को देखने के लिए काफी तादाद में क्रिकेट फैंस इकट्ठे हुए थे। सभी गावसकर की बैटिंग देखने आए थे। मैंने एक गेंद डाली जिसे सनी ने डिफेंड किया। अगली गेंद को भी वे उसी अंदाज में खेलने गए लेकिन लेग स्टंप पर गिरी यह गेंद उनका ऑफ स्टंप ले उड़ी।’ जायज है सवाल शिवालकर साल दर साल ऐसे ही कई दिग्गज बल्लेबाजों को अपनी स्पिन बोलिंग से छकाते रहे लेकिन सिलेक्टर्स को लुभाने में असफल रहे। ऐसा माना जाता है कि अपने प्रदर्शन की ऊंचाई के दिनों में शिवा और गोयल इसलिए भी भारतीय टीम में नहीं आ सके क्योंकि टीम में बेदी की तरह का दमदार लेफ्ट आर्म स्पिनर था। बाएं हाथ के इस खेल में वे बार-बार बेदी से पिछड़ते रहे। शिवालकर इस तर्क से भी इत्तफाक नहीं रखते। वे सवाल करते हैं कि अगर टीम में एक समय में प्रसन्ना और वेंकटराघवन के रूप में दो ऑफ स्पिनर खेल सकते थे तो फिर दो लेफ्ट आर्म स्पिनर को क्यों नहीं उतारा जा सकता था। शिवालकर ने भी की गोयल की वकालत शिवालकर अपने लिए नहीं तो गोयल के लिए वकालत करते हैं, ‘1974 के उस बैंगलोर टेस्ट में गोयल को खिलाया जाता तो रिजल्ट उलट जाता। भारतीय टीम वो मैच ज़रूर जीतती। मुझे कभी मौका नहीं दिया गया लेकिन कम से कम गोयल को एक बार तो आजमाते।’ अमोल मजूमदार, रन बनाए बेशुमार अमोल मजूमदार मुंबई के शारदाश्रम स्कूल की उस टीम के हिस्सा थे जिसके दो खिलाड़ियों ने 1988 में 664 रन की रेकॉर्डतोड़ पार्टनरशिप करके दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी थीं। उस साझेदारी के दौरान अमोल पैडअप होकर घंटों अपनी बारी का इंतजार करते रहे लेकिन सचिन तेंडुलकर और विनोद कांबली ने उनको कोई मौका नहीं दिया। अमोल के करियर की भी कुछ ऐसी ही कहानी रही। बल्ला बरसता रहा लेकिन दरवाजा नहीं खुला मुंबई के लिए अपने पहले फर्स्ट क्लास मैच में नॉट आउट 260 रन बनाने के बाद अमोल डोमेस्टिक क्रिकेट के रन मशीन बन गए। मिडिल ऑर्डर में खेलते हुए उन्होंने 30 सेंचुरी ठोक दीं। कई सीजन में रणजी ट्रोफी के टॉप स्कोरर रहे। वह रणजी ट्रोफी के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं। इन उपलब्धियों के बूते अमोल हर नए सीजन की शुरुआत इस उम्मीद के साथ करते कि कभी तो उनके बल्ले की गूंज उस गलियारे तक पहुंचेगी जिससे होकर टेस्ट टीम का दरवाजा खुलता है। हमको मालूम है हकीकत लेकिन... अफसोस कि दो दशकों के इंतजार के बाद भी वह दिन कभी नहीं आया। हमेशा आगे की ओर देखो…को जीवन का मंत्र बनाने वाले अमोल कहते हैं कि उन्हें पता है कि वे उस दौर में खेले जब उनके समकालीन सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण के रहते उनके लिए टीम इंडिया का दरवाजा अनलॉक करना मुश्किल था। मगर उन्हें इस सवाल के जवाब का इंतजार रहेगा कि क्या वे कभी 30 संभावितों की लिस्ट में आने की भी काबिलियत नहीं रखते थे। जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया देश के लिए खेलने की हसरत पाले…अपनी जिंदगी के कई दिन,महीने और साल खेल के नाम कर…रिटायर हो चुके ये ‘अनलकी महारथी’ अपने करियर को किस तरह देखते हैं? इस सवाल का सटीक जवाब शिवालकर देते हैं। संगीत के शौकीन पद्माकर कहते हैं कि अब उन बातों को सोचकर क्या फायदा..टाइम निकल गया...और फिर एक मशहूर गाने की कुछ पंक्तियां गुनगुनाते हैं, ‘जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया।’

ब्रावो ने धोनी के लिए हेलिकॉप्टर-7 गाना शेयर किया, पत्नी साक्षी ने कहा- एक नए साल के साथ आप थोड़े और स्वीट-स्मार्ट हो गए July 06, 2020 at 10:57PM

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 7 जुलाई को 39 साल के हो गए हैं। पत्नी साक्षी ने बधाई देते हुए कहा कि एक नए साल के साथ धोनी थोड़े और स्वीट एंड स्मार्ट हो गए हैं। उनके अलावा भारतीय कप्तान विराट कोहली, कोच रवि शास्त्री और वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर ड्वेन ब्रावो समेत कई खेल दिग्गजों ने बधाई दी है। ब्रावो ने तो गिफ्ट के तौर पर हेलिकॉप्टर-7 गाना भी रिलीज किया है।

साक्षी ने धोनी की कई सारी फोटो शेयर की। ज्यादातर तस्वीरों में धोनी अपने पालतु कुत्तों के साथ खेलने नजर आ रहे हैं। साक्षी ने लिखा- ‘‘जीवन का एक साल और बढ़ गया। इसी के साथ आप थोड़े और स्वीट एंड स्मार्ट हो गए हैं। आप ऐसे व्यक्ति हैं, जो स्वीट विशेज और गिफ्ट से ज्यादा प्रभावित नहीं होते हैं। आइए, आपकी जीवन के एक और साल का जश्न मनाते हैं।’’

चेन्नई सुपरकिंग्स ने ब्रावो का गाना शेयर किया
आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) की कप्तानी में खेलने वाले ब्रावो ने धोनी के लिए एक गाना ‘हेलिकॉप्टर-7’ रिलीज कर गिफ्ट दिया। इस गाने में ब्रावो ने धोनी के पूरे क्रिकेट सफर को बताया है। धोनी रेलवे में टिकट चेकर रहे हैं। इसका भी जिक्र गाने में किया है। सीएसके ने इस गाने के शेयर करते हुए लिखा- हेलिकॉप्‍टर-7 ने उड़ान भर ली है। ड्वेन ब्रावो का थाला एमएस धोनी को ट्रिब्‍यूट। हैप्‍पी बर्थडे एमएस धोनी।

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आईसीसी और बीसीसीआई ने बधाई दी
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने धोनी के शानदार छक्कों का एक वीडियो शेयर किया। बोर्ड ने लिखा- ‘‘एक व्यक्ति, खुशियों के अनगिनत पल। आइए, धोनी का जन्मदिन मनाते हैं, उनके कुछ शानदार सिक्स के साथ।’’ इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें विराट कोहली और इंग्लिश क्रिकेटर बेन स्टोक्स ने धोनी को बधाई दी। आईसीसी ने कैप्शन में लिखा- मुझे नहीं लगता कि उसके जैसा कोई दूसरा हो सकता है।

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महेंद्र सिंह धोनी ने पिछली बार भी पत्नी साक्षी और बेटी जीवा के साथ 38 वां जन्मदिन मनाया था।

धोनी के बर्थडे पर पत्नी साक्षी का प्यारा सा संदेश July 06, 2020 at 10:38PM

नई दिल्ली मंगलवार को महेंद्र सिंह धोनी का 39वां जन्मदिन है। टीम के साथियों के साथ-साथ दुनियाभर में उनके फैंस उन्हें बधाई दे रहे हैं। उनकी पत्नी साक्षी ने भी उन्हें इंस्टाग्राम पर बधाई दी है। साक्षी ने अपने पति के लिए एक प्यारा सा संदेश लिखा है। साक्षी ने इस मेसेज में अपने पति में आए कुछ बदलावों की भी बात की है। साक्षी ने धोनी की सफेद होती दाढ़ी के साथ ही लिखा कि वह अब पहले से ज्यादा प्यारे और स्मार्ट हो गए हैं। साक्षी ने इस मेसेज के साथ कई तस्वीरें साझा की हैं। साक्षी ने यह भी बताया कि धोनी ऐसे इनसान नहीं हैं जो 'प्यारे संदेशों और तोहफों' से प्रभावित हो जाएं। साक्षी ने लिखा, 'तुम एक साल और बड़े हो गए। बाल थोड़े से और सफेद हो गए। थोड़े और समझदार और प्यारे हो गए (सही में)। तुम वह इनसान नहीं हो जो प्यारे संदेशों और तोहफों से प्रभावित हो जाए। तो चलो तुम्हारी जिंदगी के एक और साल को केक काटकर और मोमबत्तियां बुझाकर सेलिब्रेट करें। हैपी बर्थडे हज्बंड!!' कई अन्य खिलाड़ियों ने भी धोनी को बधाई दी है।

गांगुली ने कहा, 2019 की वर्ल्ड कप टीम से विराट, रोहित और बुमराह को रखते 2003 की टीम में July 06, 2020 at 09:32PM

नई दिल्ली भारतीय क्रिकेट टीम को खड़ा करने में सौरभ गांगुली की अहम भूमिका रही है। गांगुली अपनी टीम के खिलाड़ियों को बैक करते थे। यहां तक कि अपनी पसंद के खिलाड़ियों के लिए मैनेजमेंट के सामने मजबूती से अपनी बात रखते थे। पूर्व भारतीय कप्तान और बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष गांगुली की कप्तानी के सभी कायल रहे हैं। इसके साथ ही वह अपने विचार खुलकर रखने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के साथ बातचीत में सौरभ गांगुली एक सवाल के जवाब में कहा कि 2019 के वर्ल्ड कप के किन तीन खिलाड़ियों को वह 2003 वर्ल्ड कप में भी देखना चाहेंगे? तो इस पर गांगुली ने , और जसप्रीत बुमराह का नाम लिया। गांगुली ने कहा, 'जसप्रीत बुमराह बहुत शानदार गेंदबाज हैं। हम साउथ अफ्रीका में खेल रहे थे, हालांकि उस सीरीज में हमने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया... रोहित ओपनिंग में, और मैं तीसरे नंबर पर। पता नहीं सहवाग अगर यह सुन रहे हों तो वह मुझे कल फोन करके कह सकते हैं, 'तुम क्या समझते हो।' लेकिन मैं इन तीन खिलाड़ियों को रखूंगा।' गांगुली ने यह भी कहा कि वह महेंद्र सिंह धोनी को बाहर रखना एक मुश्किल फैसला था। गांगुली ने कहा, 'महेंद्र सिंह धोनी भी- लेकिन क्योंकि आपने मुझे तीन ही खिलाड़ी चुनने को कहा है तो मैं राहुल द्रविड़ से काम चला लूंगा क्योंकि मुझे लगता है कि विकेटकीपर के रूप में उन्होंने काफी अच्छा काम किया।'

सचिन को 'सूट' नहीं करता था पहली गेंद खेलना! July 06, 2020 at 08:14PM

नई दिल्ली पूर्व भारतीय कप्तान का सोमवार को दिया गया एक बयान काफी चर्चित हुआ। मयंक अग्रवाल के साथ एक शो में गांगुली ने बताया कि सचिन क्यों पहली गेंद नहीं खेलते थे। गांगुली ने बताया कि इसके लिए सचिन के पास हमेशा जवाब होता था। आंकड़ो के लिहाज से देखें तो भी सचिन के लिए पहली गेंद खेलना ज्यादा 'मुफीद' नजर नहीं आता है। सचिन का ओपनिंग में रेकॉर्ड शानदार है लेकिन जब वह पारी की पहली गेंद खेले तब-तब थोड़ा असर तो नजर आया। ओपनिंग में है कमाल का रेकॉर्ड आंकड़े बताते हैं कि सचिन ने कुल 463 मैचों में से 344 मैचों पारी की शुरुआत की है। इन मैचों में सचिन ने 15310 रन बनाए हैं। सचिन का करियर बल्लेबाजी औसत 44.83 का है जो सलामी बल्लेबाजी (1-2) करते समय 48.29 का हो जाता है। सचिन ने करियर में जो 49 वनडे शतक लगाए हैं उनमें से 45 पारी की शुरुआत करते हुए बने हैं। हालांकि अगर आप यह देखें कि पारी की पहली गेंद (1नंबर) पर बल्लेबाजी करते हुए सचिन का बल्लेबाजी औसत काफी कम हो जाता है। यानी आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि सचिन को पहली गेंद का सामना करना 'सूट' नहीं करता। पहली गेंद खेलते हैं तो यह आंकड़ा अब अगर यह देखें कि कब सचिन ने पारी की पहली गेंद खेली है तो यह आंकड़ा 49 मैच का होता है। इन 49 मैचों में सचिन ने 1625 रन बनाए हैं। उनका बल्लेबाजी औसत भी कम होकर 36.11 का हो जाता है। और तो और पारी की पहली गेंद खेलते हुए सचिन ने सिर्फ दो शतक लगाए हैं। इस पोजीशन पर उनका हाइएस्ट स्कोर 120 रन का रहा है। जो उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ बनाया था। इसके अलावा उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 114 रनों की पारी खेली थी। नॉन-स्ट्राइकर छोर पर रहे हैं तो... 295 मैच में जब सचिन ने पहली गेंद नहीं खेली यानी वह नॉन-स्ट्राइकर छोर पर रहे हैं तो तब उनका बल्लेबाजी औसत 50.31 का हो जाता है जो उनके करियर औसत 44.83 से काफी ज्यादा है। सचिन ने सलामी बल्लेबाजी करते हुए 45 शतक लगाए हैं जिसमें से 43 पहली गेंद का सामना करते हुए नहीं बने हैं। इस दौरान सचिन ने 13685 रन बनाए हैं। पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप 2003 में खेली थी पहली गेंद पाकिस्तान के खिलाफ जब सचिन ने वर्ल्ड कप 2003 में 98 रनों की यादगार पारी खेली थी तब उन्होंने पारी की पहली गेंद ही खेली थी। हालांकि उन्होंने पहली गेंद पर ही छोर बदल लिया था। क्या कहा था गांगुली ने अग्रवाल ने गांगुली से पूछा था कि सचिन पाजी हमेशा आपको पहली गेंद खेलने के लिए कहते थे। इस पर गांगुली ने कहा, 'हमेशा। उन्होंने हमेशा ऐसा किया। उसके (सचिन) पास इसका जवाब भी होता था। मैं उन्हें कहता था कि कभी-कभार तुम भी पहली गेंद खेला करो। हमेशा मुझे ही पहली गेंद खेलने को कहते हो। उनके पास इसके दो जवाब होते थे।' गांगुली ने कहा, 'पहला जवाब होता था, 'मुझे लगता है कि मैं अच्छी फॉर्म में हूं और मुझे नॉन-स्ट्राइकर पर ही रहना चाहिए।' वहीं अगर फॉर्म अच्छा न हो तो उनका दूसरा जवाब होता था, 'मुझे नॉन-स्ट्राइकर पर ही रहना चाहिए, इससे मुझ पर प्रेशर कम होता है।' अच्छे या बुरे फॉर्म के लिए उनके पास एक ही जवाब होता था।'