Saturday, August 7, 2021

आज स्वर्ग से मिल्खा सिंह भी मुस्कुरा रहे होंगे, नीरज ने पूरा किया फ्लाइंग सिख का सपना August 07, 2021 at 03:56AM

तोक्यो वह ख्वाब जो मिल्खा सिंह, पीटी उषा की आंखों से आंसू की तरह बह गया, उस सपने को आज नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर जिया है। ट्रैक एंड फील्ड में शताब्दी पुराना इंतजार खत्म किया है। एथलेटिक्स में भारत को सम्मान दिलाया है। ओलिंपिक का पहला गोल्ड मेडल लाया है। 13 साल बाद खेलों के महाकुंभ में राष्ट्रगान बजवाया है। तिरंगे को सबसे ऊपर लहराया है। दुनिया छोड़ने के बाद मिल्खा सिंह का सपना पूराओलिंपिक खेलों में एथलेटिक्स का अपना अलग वजूद है। परम्परा और प्रतिष्ठा है। शूटिंग, कुश्ती, बॉक्सिंग, हॉकी से तो मेडल आते रहे हैं, लेकिन भारत कभी ट्रैक एंड फील्ड में कभी पोडियम फिनिश नहीं कर पाया। नीरज चोपड़ा ने गोल्ड जीतकर मिल्खा सिंह के सपने को साकार किया है। चंद माह पहले दुनिया छोड़ गए 'फ्लाइंग सिख' का सपना था कि कोई भारतीय ट्रैक और फील्ड में ओलिंपिक पदक जीते। ऊपर खुशी से रो रहे होंगे मिल्खा सिंह1960 रोम ओलिंपिक के 400 मीटर रेस में मिल्खा सेकेंड के दसवें हिस्से से भारत के लिए मेडल जीतने से चूक गए थे। नीरज की सफलता के बाद मिल्खा सिंह के बेटे और मशहूर गोल्फर जीव मिल्खा सिंह ने कहा कि आज डैड ऊपर खुशी के आंसू बहा रहे होंगे, उनका सपना पूरा हो गया। यह भारत के लिए गर्व का लम्हा है। नीरज के त्याग और मेहनत को सलाम। पीटी उषा ने कहा- शुक्रिया मेरे बेटे 1984 में हुए लॉस एंजेलिस ओलिंपिक में पीटी उषा महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल मुकाबले में पहुंचीं थी। उड़न परी के नाम से विख्यात पीटी उषा भी मिल्खा सिंह की ही तरह मेडल जीतने से सेकेंड के सौवें हिस्से से चूकीं थीं। नीरज के मेडल लाने पर उन्हें गर्व की अनुभूति हुई।

तोक्यो ओलिंपिक- गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा को दीजिए इतिहास रचने पर बधाई August 07, 2021 at 03:49AM

नीरज चोपड़ा ने तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रच दिया है। इस मौके पर आप भी उन्हें बधाई दीजिए...

भारत की ओलिंपिक से गोल्डन विदाई, 7 मेडल जीत रचा इतिहास, जानें किसने कहां ऊंचा किया झंडा August 07, 2021 at 03:49AM

तोक्योभारत ने 7 मेडल जीतते हुए तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रच दिया है। वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने भारत की तोक्यो ओलिंपिक में शुरुआत सिल्वर मेडल से कराई थी तो जेवलिन थ्रो ऐथलीट नीरज ने गोल्डन अंत किया। वह भारतीय ऐथलेटिक इतिहास में पहला मेडल जीतने वाले खिलाड़ी बने। यह भारत का तोक्यो में 7वां मेडल भी है। इसके साथ ही भारत ने अपने लंदन ओलिंपिक-2012 के बेस्ट प्रदर्शन 6 मेडल को पीछे छोड़ दिया। नीरज और मीराबाई के अलावा रवि कुमार दहिया ने सिल्वर मेडल जीता तो बॉक्सर लवलीना, शटलर पीवी सिंधु, पहलवान बजरंग पूनिया और हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। आइए देखें किस खेल में भारत को मिला मेडल... 1. वेटलिफ्टर मीराबाई चानू: मणिपुर की 26 वर्षीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने तोक्‍यो ओलिंपिक में भारत के लिए पहला सिल्‍वर मेडल जीता। उन्होंने महिलाओं के 49 किग्रा में 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर सिल्वर अपने नाम किया। 2. बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन: भारत की स्टार मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन को महिला वेल्टरवेट वर्ग (69 किग्रा) के सेमीफाइनल में तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ शिकस्त के साथ ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। 3. शटलर पीवी सिंधु: सिंधु ने महिला बैडमिंटन के सिंगल्स का ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। उन्होंने चीन की ही बिंग जियाओ को 2-0 से हराया था। यह उनका ओलिंपिक में रेकॉर्ड दूसरा मेडल रहा। 4. पहलवान रवि दहिया: भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया को पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में रूस ओलंपिक समिति (आरओसी) के जायूर उगयेव के हाथों 4-7 से हार का सामना कर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 5. पुरुष हॉकी टीम: भारत की पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। 1980 के बाद यह पहला मौका था जब भारत ने हॉकी में मेडल जीता है। 6. पहलवान बजरंग पूनिया: पूनिया ने पुरुषों के फ्री स्टाइल 65 किलो वर्ग कुश्ती स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल जीतते हुए इतिहास रच दिया। उन्होंने कजाखस्तान के डाउलेट नियाजबेकोव को 8-0 से एकतरफा हराया। इसके साथ ही भारत के पदकों की संख्या 6 हो गई है, जो लंदन ओलिंपिक-2012 के कराबर है। 7. जेवलिन थ्रो ऐथलीट नीरज चोपड़ा: भाला फेंक ऐथलीट नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। वह देश के लिए व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी और पहले ऐथलीट हैं।

बांग्लादेश बनाम ऑस्ट्रेलिया चौथा टी-20, यहां देखें स्कोरकार्ड August 07, 2021 at 04:23AM

बांग्लादेश बनाम ऑस्ट्रेलिया चौथा टी-20, यहां देखें लाइव स्कोर

क्या खाकर नीरज ने जीता गोल्ड:स्वर्णिम इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा का फेवरेट फूड है ब्रेड ऑमलेट; कहते हैं एथलीट्स को गोलगप्पे से नुकसान नहीं August 07, 2021 at 02:51AM

लाजवाब नीरज चोपड़ा...क्वॉलिफाइंग राउंड हो या फाइनल, पहला वार ही करता है विपक्षियों का हौसला August 07, 2021 at 03:18AM

तोक्यो भारत के ने तोक्यो ओलिंपिक में इतिहास रच दिया। भारत के इस 23 वर्षीय भाला फेंक खिलाड़ी ने ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता है। ऐथलेटिक्स में यह भारत का पहला मेडल भी है। नीरज ने शुरुआत ही शानदार की और कोई दूसरा भालाफेंक खिलाड़ी उन्हें पकड़ नहीं पाया। नीरज चोपड़ा ने फाइनल की शुरुआत 87.03 मीटर के थ्रो से की। इसी से पता चल गया कि उनके इरादे क्या हैं। नीरज ने क्वॉलिफाइंग राउंड में 86.65 मीटर भाला फेंका था। उन्होंने वहां भी एक ही बार भाला फेंककर क्वॉलिफाइ कर लिया था। कोई भी उनके इस पहले थ्रो के आसपास तक नहीं पहुंच पाया। इसके बाद उन्होंने अपने थ्रो को बेहतर किया और 87.58 मीटर का भाला फेंका। और यह उनके गोल्ड मेडल पर मुहर लगाने के लिए काफी था। कोई अन्य ऐथलीट इसे छू नहीं पाया। तीसरे प्रयास में वह 76.79 मीटर भाला ही फेंक पाए जबकि चौथे और पांचवें प्रयास में फाउल कर गए। उन्होंने छठे प्रयास में 84.24 मीटर भाला फेंका लेकिन इससे पहले उनका स्वर्ण पदक पक्का हो गया था। चेक गणराज्य के जाकुब वादलेच ने 86.67 मीटर भाला फेंककर रजत जबकि उन्हीं के देश के वितेजस्लाव वेस्ली ने 85.44 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और कांस्य पदक हासिल किया। जर्मनी ने वेटर जो इस इवेंट को जीतने के फेवरिट माने जा रहे थे वह आखिरी 8 में भी जगह नहीं बना पाए। उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 82.52 मीटर का रहा। चेक रिपब्लिक याकून वेदलेच और वितेजस्लाव वेसेले ने क्रमश: सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। नीरज के इस पदक के साथ ही भारत का ट्रैक ऐंड फील्ड में मेडल का सपना पूरा हो गया। ऐथलेटिक्स में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय हैं। इसके साथ ही अभिनव बिंद्रा के अलावा ओलिंपिक में गोल्ड जीतने वाले गोल्ड हैं।

सिल्वर से शुरू हुआ सफर गोल्ड पर खत्म... देखें ओलिंपिक पदक तालिका में भारत कहां पहुंचा August 07, 2021 at 03:14AM

सिल्वर से शुरू, गोल्ड पर खत्म... देखिए ओलिंपिक की पदक तालिका में कहां पहुंचा भारत

ऐतिहासिक गोल्ड के बाद नीरज चोपड़ा ने तिरंगा लेकर लगाया मैदान का चक्कर, ऐसा रहा माहौल August 07, 2021 at 02:19AM

तोक्योनीरज चोपड़ा ने तोक्यो ओलिंपिक में शनिवार को भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा। नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंका जो कि सोने का तमगा हासिल करने के लिए पर्याप्त था। यह ओलिंपिक ऐथलेटिक्स में भारत का पहला पदक है। इससे उन्होंने भारत का ऐथलेटिक्स में ओलिंपिक पदक जीतने का पिछले 100 साल से भी अधिक का इंतजार समाप्त कर दिया। नीरज ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद तिरंगा लेकर मैदान का चक्कर लगाया और इसका जश्न मनाया। नीरज को ओलिंपिक से पहले ही पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था और इस 23 वर्षीय ऐथलीट ने अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करते हुए क्वॉलाफिकेशन में अपने पहले प्रयास में 86.59 मीटर भाला फेंककर शीर्ष पर रहकर फाइनल में जगह बनायी थी। फाइनल में उन्होंने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका था और वह शुरू से ही पहले स्थान पर चल रहे थे। तीसरे प्रयास में वह 76.79 मीटर भाला ही फेंक पाए जबकि चौथे और 5वें प्रयास में फाउल कर गए। उन्होंने छठे प्रयास में 84.24 मीटर भाला फेंका लेकिन इससे पहले उनका स्वर्ण पदक पक्का हो गया था। चेक गणराज्य के जाकुब वादलेच ने 86.67 मीटर भाला फेंककर रजत जबकि उन्हीं के देश के वितेजस्लाव वेस्ली ने 85.44 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और कांस्य पदक हासिल किया। नीरज भारत की तरफ से व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं इससे पहले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने बीजिंग ओलिंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण पदक जीता था। भारत ने पहली बार एंटवर्प ओलिंपिक 2020 में ऐथलेटिक्स में भाग लिया था लेकिन तब से लेकर रियो 2016 तक उसका कोई ऐथलीट पदक नहीं जीत पाया था। दिग्गज मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा क्रमश 1960 और 1984 में मामूली अंतर से चूक गए थे। अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) अब भी नॉर्मन प्रिचार्ड के पेरिस ओलिंपिक 1900 में 200 मीटर और 200 मीटर बाधा दौड़ में जीते गए पदकों को भारत के नाम पर दर्ज करता है लेकिन विभिन्न शोध तथा अंतरराष्ट्रीय ऐथलेटिक्स महासंघ (अब विश्व ऐथलेटिक्स) के अनुसार उन्होंने तब ग्रेट ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व किया था।

असली बाहुबली.... नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास तो झूम उठी ट्विटर की जनता August 07, 2021 at 02:23AM

ओलिंपिक गेम्स 2020 का 16वां दिन है। इस ओलिंपिक में पहली बार भारत पर गोल्ड बरसा है। जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है। यह ट्रैक एंड फील्ड में भारत का पहला मेडल, वो भी गोल्ड मेडल है। पूरा भारत इस वक्त खुशी से झूम रहा है। नीरज चोपड़ा के शानदार परफॉर्मेंस के बाद देश में और सोशल मीडिया पर जश्न का माहौल है।

Olympic Javelin Throw: नीरज चोपड़ा ने ओलिंपिक गेम्स में भारत के लिए इतिहास रच दिया है। वह व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा में भारत के लिए गोल्ड जीतने वाले दूसरी भारतीय हैं।


Neeraj Chopra: नीरज चोपड़ा ने रचा इतिहास, ट्रैक एंड फील्ड में लाए गोल्ड मेडल, लोगों ने बताया 'असली बाहुबली'

ओलिंपिक गेम्स 2020 का 16वां दिन है। इस ओलिंपिक में पहली बार भारत पर गोल्ड बरसा है। जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है। यह ट्रैक एंड फील्ड में भारत का पहला मेडल, वो भी गोल्ड मेडल है। पूरा भारत इस वक्त खुशी से झूम रहा है। नीरज चोपड़ा के शानदार परफॉर्मेंस के बाद देश में और सोशल मीडिया पर जश्न का माहौल है।



टोक्यो में रचा गया इतिहास:नीरज चोपड़ा ने जिम छोड़कर जेवलिन शुरू किया; पहले ओलिंपिक में ही देश के लिए पहला एथलेटिक्स गोल्ड जीता August 07, 2021 at 02:08AM

जय हो! नीरज चोपड़ा ने जीता गोल्ड, ट्रैक ऐंड फील्ड में भारत का पहला मेडल, ओलिंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन August 07, 2021 at 02:12AM

तोक्यो पहलवान बजरंग पूनिया के ब्रॉन्ज मेडल जीतने के कुछ ही देर बाद स्टार जेवलिन थ्रो ऐथलीट नीरज चोपड़ा ने शनिवार को तोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीत इतिहास रच दिया। उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 87.58 मीटर का रहा। यह ओलिंपिक में ट्रैक ऐंड फील्ड से भारत के लिए पहला मेडल है। इसके साथ ही वह ओलिंपिक में इंडिविजुअल स्पोर्ट में गोल्ड जीतने वाले शूटर अभिनव बिंद्रा के बाद दूसरे भारतीय ऐथलीट भी बन गए हैं। यह भारत का तोक्यो में 7वां मेडल भी है। इसके साथ ही भारत ने अपने लंदन ओलिंपिक-2012 के बेस्ट प्रदर्शन 6 मेडल को पीछे छोड़ दिया। नीरज ने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका, जबकि दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर रहा। इसके साथ ही उनका गोल्ड मेडल लगभग पक्का हो गया था, क्योंकि वह दोनों ही राउंड में टॉप पर रहे थे। उन्होंने तीसरे प्रयास में 76.79 मीटर थ्रो किया। दूसरे नंबर पर जर्मन ऐथलीट और गोल्ड मेडल के दावेदार माने जा रहे वी. जकूब ने इस दौरान दूसरा और तीसरा प्रयास फाउल किया और आखिरी प्रयास तक 86.67 मीटर ही भाला फेंक सके। 2008 में अभिनव बिंद्रा ने रचा था इतिहास 13 वर्ष पहले अभिनव बिंद्रा ने मीटर एयर रायफल स्पर्धा में भारत को गोल्ड मेडल दिलाकर इतिहास रचा था। वह 11 अगस्त 2008 को बीजिंग ओलिंपिक खेलों की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्‍वर्ण पदक जीतकर व्‍यक्तिगत स्‍वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। क्वॉलिफिकेशन राउंड में भी रहे थे टॉपरनीरज ने क्वॉलिफिकेशन राउंड के पहले प्रयास में ही 86.65 मीटर के थ्रो के साथ फाइनल के लिए क्वॉलीफाइ कर भारत की पदक की उम्मीदें बढ़ा दी थीं। नीरज ग्रुप-ए में पहले स्थान पर रहे थे, उसके बाद उनसे सोना लाने की संभावना बढ़ गई थी। भारत के लिए तोक्यो में मेडल जीतने वाले ऐथलीट 1. वेटलिफ्टर मीराबाई चानू: मणिपुर की 26 वर्षीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने तोक्‍यो ओलिंपिक में भारत के लिए पहला सिल्‍वर मेडल जीता। उन्होंने महिलाओं के 49 किग्रा में 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर सिल्वर अपने नाम किया। 2. बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन: भारत की स्टार मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन को महिला वेल्टरवेट वर्ग (69 किग्रा) के सेमीफाइनल में तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ शिकस्त के साथ ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। 3. शटलर पीवी सिंधु: सिंधु ने महिला बैडमिंटन के सिंगल्स का ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। उन्होंने चीन की ही बिंग जियाओ को 2-0 से हराया था। यह उनका ओलिंपिक में रेकॉर्ड दूसरा मेडल रहा। 4. पहलवान रवि दहिया: भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया को पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में रूस ओलंपिक समिति (आरओसी) के जायूर उगयेव के हाथों 4-7 से हार का सामना कर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 5. पुरुष हॉकी टीम: भारत की पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। 1980 के बाद यह पहला मौका था जब भारत ने हॉकी में मेडल जीता है। 6. पहलवान बजरंग पूनिया: पूनिया ने पुरुषों के फ्री स्टाइल 65 किलो वर्ग कुश्ती स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल जीतते हुए इतिहास रच दिया। उन्होंने कजाखस्तान के डाउलेट नियाजबेकोव को 8-0 से एकतरफा हराया। इसके साथ ही भारत के पदकों की संख्या 6 हो गई है, जो लंदन ओलिंपिक-2012 के कराबर है।

नीरज चोपड़ा: कभी मोटापे का उड़ाया जाता था मजाक, अब फेंका 'गोल्डन भाला' August 07, 2021 at 02:16AM

तोक्यो 11-12 साल की उम्र में नीरज चोपड़ा का वजन 80 किलोग्राम हुआ करता था। गांव में जब वह कुर्ता पहनकर बाहर निकलते तो बच्चे सरपंच कहकर चिढ़ाते थे। बचपन का वही मोटा सरपंच आज दुनिया का सर्वश्रेष्ठ जैवलिन थ्रोअर बन गया। ओलिंपिक में गोल्ड मेडकर जीतकर इतिहास रच दिया। नीरज अब अभिनव बिंद्रा के बाद व्यक्तिगत इवेंट में स्वर्ण जीतने वाले दूसरे हिंदुस्तानी बन गए। 23 साल के नीरज से पहले एथलेटिक्स में कभी भी भारत को कोई ओलिंपिक मेडल नहीं मिला था। वजन कम करने गए और नया शौक ले आएहरियाणा की मिट्टी में पले-बढ़े नीरज दूध-घी के शौकीन थे। वजन जब बेकाबू होने लगा तो घरवालों ने जबरदस्ती उन्हें मैदान भेजा। फिटनेस पाने के लिए पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में पहुंचे नीरज कब नया शौक लेकर घर आ गए उन्हें पता भी नहीं चला। मैदान पर उम्र से बड़े लड़कों को भाला फेंकते देखा तो मन में इच्छा जागी। फिटनेस सुधरी तो जैवलीन पर भी हाथ आजमाया। सीनियर्स को उनकी ताकत और नैसर्गिक प्रतिभा पसंद आ गई। गोल्ड के प्रबल दावेदार थे नीरज नीरज ने क्वालीफिकेशन राउंड के पहले प्रयास में ही 86.65 मीटर के थ्रो के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था। क्वालीफिकेशन में जिस तरह का प्रदर्शन किया और वह ग्रुप-ए में पहले स्थान पर रहे थे, उसके बाद उनसे सोना लाने की संभावना बढ़ गई थी। नीरज ने जर्मनी के जोहानेस वेटेर को पीछे छोड़ा था जो स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। जोहानेस ने भी हालांकि, 85.64 मीटर का थ्रो कर ऑटोमेटिक क्वालीफिकेशन हासिल किया था। फाइनल में वह एक दौर के बाद ही बाहर हो गए। मेडल के लिहाज से तोक्यो बना सर्वश्रेष्ठ ओलिंपिकभारत ने अबतक तोक्यो ओलिंपिक में एक गोल्ड, दो रजत और चार कांस्य सहित कुल सात पदक जीत लिए। नीरज के गोल्ड के अलावा, पीवी सिंधु और मीराबाई चानू ने सिल्वर जीता तो बजरंग पूनिया, रवि दहिया, लवलीना बोरगेहेन और भारतीय मेंस हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता। इससे पहले 2012 लंदन ओलिंपिक में भारत ने छह मेडल अपने नाम किए थे। 60 पुरुष और 23 महिला एथलीटों के साथ कुल 83 एथलीटों के दल ने दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज अपने नाम किए थे। शूटर विजय कुमार और पहलवान सुशील कुमार ने एक-एक सिल्वर, शूटर गगन नारंग और भारतीय शटलर साइना नेहवाल, मुक्केबाज मेरी कॉम और पहलवान योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक जीता था।

बजरंग ने पहले ओलिंपिक में जीता ब्रॉन्ज:7 साल की उम्र से कुश्ती लड़ रहे हैं बजरंग पूनिया, कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडलिस्ट रहे August 07, 2021 at 01:02AM

लोगों ने बताई मान कौर के दिल की बात:बुजुर्ग एथलीट स्व. मान कौर ने कनाडा सरकार की स्पांसरशिप को न मानते हुए देश की मिट्टी से जुड़े रह कर देश के लिए मेडल जीतने की ठानी थी August 07, 2021 at 01:01AM

खाली नहीं गईं मां की दुआएं: व्रत रखकर की थी बजरंग के मेडल की कामना, लाल ने किया कमाल August 07, 2021 at 01:20AM

तोक्यो पहलवान बजरंग पूनिया को कड़ी तपस्या का फल मिल गया। बरसों से जारी साधना व्यर्थ नहीं गई। गोल्ड से चूके तो कांसे को कब्जा लिया। कजाखस्तान के पहलवान नियाजबेकोव दौलत को एकतरफा अंदाज में मात दी। इस मुकाम तक पहुंचना बजरंग के लिए इतना आसान भी नहीं था। 65 किग्रा भार में फेवरेट बनकर उतरे बजरंग के इस कांसे के साथ तोक्यो 2020 में भारत के पदकों की संख्या भी छह हो गई। मां ने रखा था उपवासबजरंग के शुक्रवार को सेमीफाइनल हारते ही देश का दिल बैठ गया था। उम्मीद जताई गई कि शनिवार को कमाल होगा। हरियाणा का यह लाल रंग में लौटेगा। बजरंग की जीत के लिए उनकी मां ने शिवरात्रि का व्रत भी रखा था। मैच से पहले पिता जरूर उनकी जीत के प्रति आश्वस्त थे। आखिर उन्हीं की त्याग और मेहनत की बदौलत ही तो वह मिट्टी से मैट तक पहुंचे। भाई हरेंद्र का समर्पण भी किसी से छिपा नहीं। भारत ने की लंदन ओलिंपिक की बराबरीभारत ने अबतक तोक्यो ओलिंपिक में दो रजत और चार कांस्य सहित कुल छह पदक जीते हैं, लेकिन उसे अबतक गोल्ड हासिल नहीं हुआ है। इससे पहले 2012 लंदन ओलिंपिक में भारत ने छह मेडल अपने नाम किए थे। 60 पुरुष और 23 महिला एथलीटों के साथ कुल 83 एथलीटों के दल ने दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज अपने नाम किए थे। शूटर विजय कुमार और पहलवान सुशील कुमार ने एक-एक सिल्वर, शूटर गगन नारंग और भारतीय शटलर साइना नेहवाल, मुक्केबाज मेरी कॉम और पहलवान योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक जीता था। कुश्ती में पदक का इतिहासकेडी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे, जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया। सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे, लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने कांस्य जीतकर बराबरी की। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलिंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था। 2020 में रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीता।

जय 'बजरंग'बली! पूनिया ने ब्रॉन्ज जीत रचा इतिहास, भारत को दिलाया छठा मेडल August 07, 2021 at 12:59AM

तोक्योभारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया () ने तोक्यो ओलिंपिक खेलों () के पुरुषों के फ्री स्टाइल 65 किलो वर्ग कुश्ती स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल जीतते हुए इतिहास रच दिया। उन्होंने कजाखस्तान के डाउलेट नियाजबेकोव को 8-0 से एकतरफा हराया। इसके साथ ही भारत के पदकों की संख्या 6 हो गई है, जो लंदन ओलिंपिक-2012 के कराबर है। पहले राउंड में दोनों ही पहलवान आक्रामक दिखे। बजरंग ने हालांकि बेहद चतुराई से दो पॉइंट लेते हुए 2-0 की बढ़त बना ली। दूसरे राउंड में जब मुकाबल शुरू हुआ तो बजरंग अलग ही अंदाज में नजर आए। उन्होंने विपक्षी पहलवान बिल्कुल भी मौका नहीं दिया। पूनिया ने लगातार 2, 2, 2 पॉइंट्स लेते हुए बढ़त 8-0 की कर ली। उन्हें पॉइंट्स के आधार पर विजयी घोषित कर दिया गया। तोक्यो ओलिंपिक में सफर इससे पहले बजरंग पूनिया को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही उनका गोल्ड और सिल्वर जीतने का सपना अधूरा रह गया था। पूनिया अजरबैजान के पहलवान हाजी अलीव से 5-12 से हार गए थे। बता दें कि बजरंग ने सफर की शुरुआत किर्गीस्तान के अर्नाजार अकमातालिएव को हराकर की थी। इसके बाद क्वॉर्टर फाइनल में ईरान के मुर्तजा चेका घियासी के खिलाफ अनुभव और कौशल का शानदार इस्तेमाल करते हुए जीत दर्ज कर सेमीफाइनल पहुंचे थे। भारत के लिए तोक्यो में मेडल जीतने वाले ऐथलीट 1. वेटलिफ्टर मीराबाई चानू: मणिपुर की 26 वर्षीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने तोक्‍यो ओलिंपिक में भारत के लिए पहला सिल्‍वर मेडल जीता। उन्होंने महिलाओं के 49 किग्रा में 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर सिल्वर अपने नाम किया। 2. बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन: भारत की स्टार मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन को महिला वेल्टरवेट वर्ग (69 किग्रा) के सेमीफाइनल में तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ शिकस्त के साथ ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। 3. शटलर पीवी सिंधु: सिंधु ने महिला बैडमिंटन के सिंगल्स का ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। उन्होंने चीन की ही बिंग जियाओ को 2-0 से हराया था। यह उनका ओलिंपिक में रेकॉर्ड दूसरा मेडल रहा। 4. पहलवान रवि दहिया: भारत के पहलवान रवि कुमार दहिया को पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में रूस ओलंपिक समिति (आरओसी) के जायूर उगयेव के हाथों 4-7 से हार का सामना कर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 5. पुरुष हॉकी टीम: भारत की पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। 1980 के बाद यह पहला मौका था जब भारत ने हॉकी में मेडल जीता है। कुश्ती में पदक का इतिहासकेडी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया। सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने कांस्य जीतकर बराबरी की। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलिंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था। 2020 में रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीता।

ओलिंपिकः गोल्ड मेडल से चूकी खिलाड़ी तो कोच ने घोड़े को मारा मुक्का, कार्रवाई के बाद निलंबित August 06, 2021 at 10:39PM

तोक्यो ओलिंपिक महिला ‘’ प्रतियोगिता के दौरान घोड़े को मारते हुए वीडियो सामने आने के बाद जर्मनी की एक कोच को खेलों से निलंबित कर दिया गया। टीवी फुटेज में दिखाया गया है कि कोच किम रेस्नर ‘सेंट बॉय’ नामक घोड़े पर प्रहार कर रही है। यह घोड़ा स्पर्धा के दौरान शो जंपिंग दौर में बाड़ (रुकावट) को नहीं कूदा था, जिससे जर्मनी की खिलाड़ी अन्निका श्लेउ स्वर्ण पदक जीतने से चूक गई। तोक्यो ओलिंपिक तक के लिए किया गया निलंबित अंतरराष्ट्रीय मॉडर्न पेंटाथलॉन संघ ने रेस्नर की वीडियो फुटेज की जांच के बाद कहा, 'ऐसा लग रहा कि वह अपने मुक्के से घोड़े पर प्रहार कर रही है और उनका यह कदम नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।' हालांकि, आपको बता दें कि रेस्नर का निलंबन केवल तोक्यो ओलंपिक के लिए लागू रहेगा, जो रविवार को समाप्त हो रहा है। प्रतिस्पर्धा के 20 मिनट पहले मिलते हैं घोड़े घुड़सवारी के मॉडर्न पेंटाथलॉन स्पर्धा में अश्वारोहियों को अनजान घोड़े पर निर्धारित समय के भीतर जंपिंग कोर्स पर करतब (खेल) करना होता है। इस प्रतिस्पर्धा के लिए सिर्फ 20 मिनट पहले प्रतियोगियों को उनके घोड़े दिए जाते हैं।

Bajrang Punia Bronze Medal Match Live: कुछ ही देर में शुरू होगा बजरंग पूनिया का ब्रॉन्ज मेडल मुकाबला August 06, 2021 at 11:45PM

नई दिल्ली स्वर्ण पदक के दावेदार के रूप में उतरे (Bajrang Punia) को तोक्यो ओलिंपिक खेलों (Tokyo Olympics 2020) के पुरुषों के फ्री स्टाइल 65 किलो वर्ग कुश्ती स्पर्धा के सेमीफाइनल में हारने से भारतीय खेमा निश्चित रूप से निराश होगा। हालांकि बजरंग के पास अब भी पोडियम फिनिश करने का मौका है। बजरंग आज अपना ब्रॉन्ज मैडल मैच खेलने के लिए मैट पर उतरेंगे। बजरंग कांस्य पदक मुकाबले में कजाखस्तान के डाउलेट नियाजबेकोव के बीच होने वाले मुकाबले के विजेता से भिड़ेंगे। बजरंग का मुकाबला भारतीय समयानुसार शाम 3 बजकर 55 मिनट पर होगा। ‘लेग-डिफेंस’ की कमजोरी बनी मुसीबत बजरंग पूनिया को ‘लेग-डिफेंस’ की कमजोरी के कारण बड़े स्तर पर एक बार फिर परेशानी का सामना करना पड़ा जिससे वह पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा सेमीफाइनल में तीन बार के विश्व चैंपियन हाजी अलीव से हार गए। रियो ओलिंपिक के कांस्य विजेता अजरबैजान के अलीव ने लगातार बजरंग के पैरों पर हमला किया और दो बार खुद को उस स्थिति में पहुंचा दिया जहां से वह आसानी से दो अंक हासिल करने में सफल रहे। पहले पीरियड के बाद 1-4 से पीछे चल रहे बजरंग ने दूसरे पीरियड मे वापसी के लिए आक्रामक रुख अपनाया लेकिन एलीव ने बड़ी चतुराई ने उनकी चाल को नाकाम करते हुए 8-1 की बढ़त हासिल कर ली। आखिरी क्षणों में बजरंग ने वापसी की लेकिन उन्हें मैच जीतने के लिए ज्यादा अंकों वाली पकड़ की जरूरत थी। मुकाबले के आखिरी 30 सेकेंड में उन्होंने अपना हमला तेज किया लेकिन अलीव ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया। हार सुनिश्चित होने के बाद बजरंग मैट पर गिर गए। क्वॉर्टर फाइनल में ईरानी पहलवान को किया था चित बजरंग ने दिन की शुरुआत किर्गीस्तान के अर्नाजार अकमातालिएव को हराकर की थी। इसके बाद क्वार्टर फाइनल में ईरान के मुर्तजा चेका घियासी के खिलाफ अनुभव और कौशल का शानदार इस्तेमाल करते हुए जीत दर्ज कर सेमीफाइनल पहुंचे थे।

बजरंग का आज ब्रॉन्ज पर दांव:पिता बोले- आज तक खाली हाथ नहीं लौटा बेटा, कांस्य पदक जरूर आएगा, घुटने की चोट ने परेशान किया है उसे August 06, 2021 at 10:52PM

भारत-इंग्लैंड टेस्ट चौथा दिन:भारतीय गेंदबाजों पर इंग्लिश टीम को जल्दी आउट करने का दारोमदार, दूसरी पारी में अब भी 70 रन पीछे है इंग्लैंड August 06, 2021 at 11:29PM

ऐसे कैसे खेलेगा इंडिया? घर चलाने के लिए चंडीगढ़ में पार्किंग की पर्चियां काट रहीं बॉक्सर रितु August 06, 2021 at 10:46PM

तोक्यो में ओलिंपिक गेम्स चल रहे हैं। भारतीय खिलाड़ी भी इसमें हिस्सा लेने पहुंचे हैं। अबतक भारत ने 5 पदक अपने नाम किए हैं, लेकिन कई पदक ऐसे रहे जिसे मामूली अंतर से हारने के बाद हम मन मसोस कर रह गए। हालांकि इस बीच कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिन्हें देखकर तो यही कहा जा सकता है कि जब हमारे खिलाड़ियों की हालत ऐसी होगी तो भला हम उनसे इतने बड़े प्लैटफॉर्म पर पदक जीतने की उम्मीद कैसे पाल सकते हैं?

Chandigarh Boxer News: एक तरफ तो हम उम्मीद लगाकर बैठे होते हैं कि हमारे खिलाड़ी बड़े-बड़े टूर्नमेंट में पदक जीतकर लाएं, दूसरी तरफ हम उनके हालात पर ध्यान तक नहीं देते, तो ऐसे कैसे खेलेगा इंडिया?


Boxer Ritu Chandigarh: ऐसे कैसे खेलेगा इंडिया? घर चलाने के लिए चंडीगढ़ में पार्किंग की पर्चियां काट रहीं बॉक्सर रितु

तोक्यो में ओलिंपिक गेम्स चल रहे हैं। भारतीय खिलाड़ी भी इसमें हिस्सा लेने पहुंचे हैं। अबतक भारत ने 5 पदक अपने नाम किए हैं, लेकिन कई पदक ऐसे रहे जिसे मामूली अंतर से हारने के बाद हम मन मसोस कर रह गए। हालांकि इस बीच कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिन्हें देखकर तो यही कहा जा सकता है कि जब हमारे खिलाड़ियों की हालत ऐसी होगी तो भला हम उनसे इतने बड़े प्लैटफॉर्म पर पदक जीतने की उम्मीद कैसे पाल सकते हैं?



पार्किंग की पर्चियां काटती हैं बॉक्सर रितु
पार्किंग की पर्चियां काटती हैं बॉक्सर रितु

न्यूज एजेंसी ANI के जरिए चंडीगढ़ से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें रितु नाम की एक युवा बॉक्सिंग प्लेयर पार्किंग की पर्चियां काट रही हैं। ऐसी स्थिति में खेल के साथ-साथ उनके मनोबल पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।



परिवार का खर्चा चलाने के लिए करना पड़ रहा यह काम
परिवार का खर्चा चलाने के लिए करना पड़ रहा यह काम

बॉक्सर रितु बताती हैं कि उनको अपने घर का खर्चा चलाने के लिए यह काम करना पड़ रहा है। उनके पिता बीमार चल रहे हैं, ऐसे में घर चलाने के लिए उन्हें अपने गेम को छोड़ना पड़ गया। वैसे रितु को तो अपना गेम छोड़ना पड़ा, लेकिन अभावों के बावजूद ओलिंपिक तक पहुंचे कई खिलाड़ियों की घरेलू हालत भी बहुत ठीक नहीं है। उनकी तस्वीरें भी सामने आई थीं।



नैशनल लेवल पर जीते हैं कई मेडल्स, सरकार से मदद की उम्मीद
नैशनल लेवल पर जीते हैं कई मेडल्स, सरकार से मदद की उम्मीद

बॉक्सर रितु का कहना है कि उन्होंने नैशनल लेवल पर कई सारे मैच खेले हैं और मेडल्स भी जीते हैं। इस खेल के लिए उन्हें परिवार से तो सपॉर्ट मिला, लेकिन इंस्टिट्यूशंस से कोई सपॉर्ट या स्कॉलरशिप नहीं मिली। हालांकि रितु को उम्मीद है कि शायद सरकार उनकी मदद करे।



मामूली अंतर से ओलिंपिक पदक चूकीं भारतीय गोल्फर अदिति अशोक August 06, 2021 at 07:24PM

तोक्यो भारत की अदिति अशोक ओलंपिक खेलों की गोल्फ स्पर्धा में पदक से मामूली अंतर से चूक गईं। खराब मौसम से प्रभावित चौथे दौर में तीन अंडर 68 का स्कोर कर अदिति चौथे स्थान पर रहीं। अदिति का कुल स्कोर 15 अंडर 269 रहा और वह दो स्ट्रोक्स से चूक गईं। ओलिंपिक में ऐतिहासिक पदक के करीब पहुंची अदिति ने सुबह दूसरे नंबर से शुरुआत की थी लेकिन वह पिछड़ गईं। रियो ओलिंपिक में 41वें स्थान पर रही अदिति ने हालांकि आशातीत प्रदर्शन किया है। आखिरी दौर में उन्होंने पांचवें, छठे, आठवें, 13वें और 14वें होल पर बर्डी लगाया और नौवें तथा 11वें होल पर बोगी किए। दुनिया की नंबर एक गोल्फर नैली कोरडा ने दो अंडर 69 के साथ 17 अंडर कुल स्कोर करके स्वर्ण पदक जीता। जापान की मोने इनामी और न्यूजीलैंड की लीडिया को के बीच रजत पदक के लिए प्लेऑफ खेला गया जिसमें इनामी ने बाजी मारी। तूफान के कारण कुछ समय खेल बाधित रहा जब 16 होल पूरे हो चुके थे। इस बीच काफी ड्रामा देखा गया कि यह दौर पूरा होगा या नहीं लेकिन मौसम ठीक होने के बाद खेल बहाल हुआ। अगर खेल नहीं होता तो अदिति को रजत पदक मिलता क्योंकि वह तीन दौर के बाद कोरडा के बाद दूसरे स्थान पर थीं। अदिति पूरे समय पदक की दौड़ में थी लेकिन दो बोगी से वह को से पीछे रह गई जिन्होंने आखिरी दौर में नौ बर्डी लगाए तीन ही ड्रॉप शॉट खेले। अदिति ने चौथे स्थान पर रहने के बाद कहा , 'किसी और टूर्नामेंट में मुझे खुशी होती लेकिन ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहकर खुश होना मुश्किल है। मैंने अच्छा खेला और अपना शत प्रतिशत दिया। आखिरी दौर में पांच बर्डी और दो बोगी करने वाली अदिति ने कहा , 'मुझे लगता है कि आखिरी दौर में इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी ।' उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके प्रदर्शन से लोगों की इस खेल में रुचि बढ़ेगी जिसे अभी तक अभिजात्य वर्ग का खेल माना जाता रहा है। भारत की दीक्षा डागर संयुक्त 50वें स्थान पर रही जिन्होंने आखिरी दौर में एक अंडर 70 और कुल छह ओवर 290 स्कोर किया। 5 साल की उम्र से गोल्फ खेलना शुरू किया अदिति का गोल्फ के लिए प्यार बहुत छोटी सी उम्र में जाग गया था। उन्होंने सिर्फ पांच साल की उम्र में गोल्फ खेलना शुरू कर दिया था। साल 2016 के रियो ओलिंपिक में खेलने पहुंचते ही उन्होंने इतिहास रच दिया था। तोक्यो में अदिति की मां बनीं कैडी अदिति के पिता ने एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र भी किया था। उन्होंने कहा था, 'मैं सिर्फ उसका बैग उठाता था बाकी काम वह खुद किया करती थीं।' तोक्यो में अदिति अपनी मां के साथ पहुंची थीं। मां न सिर्फ उनका हौसला बढ़ा रही थीं बल्कि एक भावनात्मक सहयोग भी दे रही थीं। मां और बेटी दोनों का एक ही सपना - ओलिंपिक पदक हासिल करना था।

जानें कब और कहां देखें बजरंग पूनिया के ब्रॉन्ज मेडल मैच की लाइव स्ट्रीमिंग और टेलीकास्ट August 06, 2021 at 04:39PM

नई दिल्ली भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया का तोक्यो ओलिंपिक () में गोल्ड जीतने का सपना भले टूट गया हो बावजूद इसके वह अभी भी कांस्य पदक जीत सकते हैं। बजरंग को शुक्रवार को पुरुषों के फ्री स्टाइल 65 किलो वर्ग के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। वर्ल्ड के दूसरे नंबर के पहलवान बजरंग खेलों के इस महाकुंभ में गोल्ड के प्रबल दावेदार के रूप में उतरे थे। सेमीफाइनल में बजरंग को अजरबैजान के हाजी अलीव ने 12-5 से पराजित कर दिया। बजरंग अब कांस्य पदक मुकाबले में शनिवार को मैट पर उतरेंगे। बजरंग पूनिया ब्रॉन्ज मेडल (Bajrang Punia Bronze medal Match Live) मैच के लिए कब मैट पर उतरेंगे? बजरंग पूनिया ब्रॉन्ज मेडल मैच के लिए 7 अगस्त यानी शनिवार को मैट पर उतरेंगे। बजरंग पूनिया का कांस्य पदक मुकाबला कितने बजे खेला जाएगा? बजरंग पूनिया का कांस्य पदक मुकाबला भारतीय समयानुसार शाम 3: 55 बजे से खेला जाएगा। बजरंग पूनिया का कांस्य पदक मुकाबला कहां खेला जाएगा ? बजरंग पूनिया का कांस्य पदक मुकाबला तोक्यो के माकुहारी मेसे हॉल ए के मैट बी पर खेला जाएगा। बजरंग पूनिया का ब्रॉन्ज मेडल मैच का लाइव टेलीकास्ट (Tokyo Olympics Men’s freestyle 65kg Bronze LIVE Streaming ) कहां देख सकते हैं? बजरंग पूनिया के ब्रॉन्ज मेडल मैच का लाइव टेलीकास्ट आप सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क के सोनी टेन वन और डीडी नेशनल पर देख सकते हैं। बजरंग पूनिया के कांस्य पदक मुकाबले की लाइव स्ट्रीमिंग (Tokyo Olympics Men’s freestyle 65kg Bronze LIVE Streaming) कहां देखें? बजरंग पूनिया के कांस्य पदक मुकाबले की लाइव स्ट्रीमिंग आप सोनी लिव एप पर देख सकते हैं। क्वॉर्टर फाइनल में ईरानी पहलवान को किया चित क्वॉर्टर फाइनल में बजरंग के सामने थे ईरान के मुर्तजा चेका घियासी। शुरुआत में बजरंग 0-1 से पिछड़ रहे थे लेकिन जब मुर्तजा ने उनकी टांग पकड़कर फंसाने की कोशिश की तो उल्टा वह बजरंग के ग्रिप में फंस गए। इसके बाद बजरंग ने ईरानी पहलवान को पलटते हुए उसके कंधे जमीन पर लगाकर चित कर मुकाबले को वहीं खत्म कर दिया। मुर्तजा ने बजरंग के चोटिल घुटने पर वार करने की कोशिश की लेकिन भारतीय पहलवान से वह पार नहीं पा सके। बजरंग ने ईरान के मुर्तजा घियासी चेका को 2-1 से हराया।