Monday, August 30, 2021

टोक्यो पैरालिंपिक LIVE:10 मीटर महिला एयर पिस्टल फाइनल में सातवें स्थान पर रही रुबीना फ्रांसीसी, तीरंदाजी में राकेश कुमार को भी क्वार्टर फाइनल में मिली हार August 30, 2021 at 05:32PM

योगेश कथूरिया ने पैरालिंपिक में जीती चांदी, मां ने कहा- डॉक्टरों ने कहा था वह कभी चल नहीं पाएगा, मुझे मेरे बेटे पर गर्व है August 30, 2021 at 04:53PM

नई दिल्ली योगेश कथूरिया ने जब में सिल्वर मेडल जीता तो, उनसे पूछा गया कि क्या आप गोल्ड मेडल से चूकने पर निराश हैं, तो उनका जवाब था 'नहीं, मै यहां मेडल जीतने आया था और मेडल के साथ वापस जा रहा हूं।' इस 24 वर्षीय इस खिलाड़ी के लिए मेडल का रंग बहुत ज्यादा मायने नहीं रखता है। न ही उनके परिवार के लिए। परिवार जो उनकी पीड़ा और संघर्ष के समय में उनका साथी रहा है। उनके लिए कोई भी मेडल सोने से कम नहीं है। जब योगेश 8 साल के थे तो उन्हें लकवे का अटैक आया। उनकी टांगे इससे खराब हो गईं। उनके परिवार ने उन्हें ठीक करवाने की हरसंभव कोशिश की। जिन डॉक्टरों से संपर्क किया था उनमें से कुछ का कहना था कि यह लड़का जिंदगी भर चल नहीं पाएगा। इसकी पूरी जिंदगी व्हीलचेयर पर ही गुजरेगी। किसी ने नहीं सोचा था हरियाणा के बहादुरगढ़ का यह लड़का एक मशहूर पैराएथलीट बनेगा और एक दिन पैरालिंपिक के पोडियम तक पहुंचेगा। उन्होंने सोमवार को साबित किया कि अगर आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति है तो असंभव को हासिल किया जा सकता है। अपने इवेंट में चांदी का तमगा हासिल करने के बाद जब वह तिरंगे के साथ थे तो बहुत भावुक थे। उनकी मां नीना देवी ने कहा, 'साल 2006 में जब मुझे पैरालाइज हुआ, तो हम इलाज के लिए दुनिया के हर कोने में गए। वह तीन साल तक व्हीलचेयर पर रहे। डॉक्टरों ने कहा कि मैं कभी चल नहीं सकता।'

पहली बार अवनि के संघर्ष की कहानी, इन PHOTO में:11 साल की उम्र में एक्सीडेंट, उधार राइफल से पहला मेडल जीत बनाया रिकॉर्ड; कमजोरी को ताकत बना बढ़ाया देश का गौरव August 30, 2021 at 04:25PM

ओलिंपिक के ट्रिपल मेडलिस्ट देवेंद्र झाझरिया का इंटरव्यू:जेवलिन ने बहुत कुछ दिया है, अब लौटाने का समय; देश में स्पोर्ट्स कल्चर बन चुका है, तैयार होगी युवा थ्रोअर्स की फौज August 30, 2021 at 03:46PM

सामने आया रणजी ट्रॉफी का शेड्यूल, एक ही ग्रुप में मजबूत मुंबई-कर्नाटक और दिल्ली August 30, 2021 at 08:07AM

नई दिल्ली भारतीय क्रिकेट की रीढ़ की हड्डी मानी जाने वाली रणजी ट्रॉफी के नए सीजन का ऐलान हो चुका है। 5 जनवरी 2022 से शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट का आयोजन छह शहरों में किया जाएगा। पहले के शेड्यूल के मुताबिक, यह टूर्नामेंट 16 नवंबर 2021 से 19 फरवरी 2022 तक खेला जाने वाला था। हर टीम को अपने हर मैच से पहले जरूरी पांच दिन के क्वारंटीन में रहना ही होगा। ग्रुप ऑफ डेथ में सितारों से सजी मुंबई, कर्नाटक और दिल्ली है, कई बार की चैंपियन हैदराबाद, महाराष्ट्र और उत्तराखंड भी ग्रुप सी में है। पिछले साल की उपविजेता बंगाल को आसान पूल मिला है। ग्रुप बी में बंगाल के साथ विदर्भ, हरियाणा, केरल, त्रिपुरा और राजस्थान है। गतविजेता सौराष्ट्र, तमिलनाडु, रेलवे, जम्मू-कश्मीर और गोवा ग्रुप डी में है। ग्रुप ए भी उतना ही मजेदार है, जहां गुजरात, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, सर्विसेज और असम जैसी टीम हैं। ग्रुप ई में आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बड़ौदा, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ और पुद्दुचेरी है। प्लेट ग्रुप की शोभा चंडीगढ़, मेघालय, बिहार, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश जैसी टीम बढ़ाएंगी। ग्रुप ए के मैच मुंबई, बी और सी के बेंगलुरु, डी के अहमदाबाद, ई के त्रिवेंद्रम और प्लेट ग्रुप के चेन्नई में होंगे।

Vasu Paranjape Passes Away: नहीं रहे मुंबई क्रिकेट के द्रोणाचार्य वासु परांजपे, सचिन-गावसकर को तोप बल्लेबाज बनने में की थी मदद August 30, 2021 at 07:28AM

मुंबईमुंबई क्रिकेट के द्रोणाचार्य माने जाने वाले अनुभवी कोच वासु परांजपे का 82 वर्ष की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी ललिता , दो बेटियां और बेटा जतिन है जो भारत का पूर्व क्रिकेटर और राष्ट्रीय चयनकर्ता रह चुके हैं। वासू को लिटिल मास्टर सुनील गावसकर और मास्टर ब्लास्टर तेंडुलकर के खेल को निखारने का श्रेय भी दिया जाता है। मुंबई क्रिकेट संघ के सचिव संजय नाईक और संयुक्त सचिव शाहआलम शेख ने एक बयान में कहा, ‘मुंबई क्रिकेट संघ श्री वासु परांजपे के दुखद निधन पर शोक व्यक्त करता है जिन्होंने 30 अगस्त 2021 को आखिरी सांस ली। एमसीए की शीर्ष परिषद के सदस्यों, सदस्य क्लबों और क्रिकेट जगत की ओर से हम उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हैं।’ भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावसकर और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे ने भी परांजपे के निधन पर शोक जताया। भारतीय क्रिकेट खासकर मुंबई क्रिकेट के साथ छह दशक तक परांजपे विभिन्न भूमिकाओं में जुड़े रहे। वह कोच, चयनकर्ता, मेंटर और सलाहकार रहे। मुंबई क्रिकेट की नब्ज को उनके जैसा कोई नहीं पढ़ पाता था। सुनील गावसकर को ‘सनी’ उपनाम उन्होंने ही दिया था। उन्होंने 29 प्रथम श्रेणी मैचों में 785 रन बनाए लेकिन इन आंकड़ों से उनकी महानता बयां नहीं होती। खेल का उनका ज्ञान और खिलाड़ियों की मानसिकता पर काम करने की खूबी उन्हें खास बनाती थी। वह हिन्दी, अंग्रेजी, मराठी और गुजराती धाराप्रवाह बोलते थे। वह दादर यूनियन टीम के कप्तान रहे जहां से सुनील गावसकर और दिलीप वेंगसरकर जैसे धुरंधर निकले। 1987 विश्व कप से पहले मुंबई में भारतीय टीम की तैयारी के लिए लगाए गए शिविर की देखरेख की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी। उनके बेटे जतिन ने हाल ही में पत्रकार आनंद वासु के साथ किताब ‘क्रिकेट द्रोण’ लिखी जिसमें भारत के कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों ने अपने कैरियर में वासु सर की भूमिका का जिक्र किया। (भाषा के इनपुट के साथ)

सीरीज के बाद संन्यास ले सकते हैं जेम्स एंडरसन, पूर्व साथी खिलाड़ी का दावा August 30, 2021 at 06:55AM

नई दिल्ली इंग्लैंड के महान पेसर जेम्स एंडरसन भारत के खिलाफ जारी सीरीज के बाद संन्यास ले सकते हैं। अरे चौंकिए मत! ऐसा हम नहीं बल्कि उन्हीं के एक पूर्व साथी गेंदबाज कह रहे हैं। साल 2009 में आखिरी मैच खेलने वाले स्टीव हार्मिसन का मानना है ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले जाने वाला पांचवां टेस्ट एंडरसन का आखिरी मैच हो सकता है। हार्मिसन ने ऐसा क्यो कहा? 226 टेस्ट विकेट लेने वाले स्टीव हार्मिसन के दिमाग में आया यह ख्याल भले ही किसी मजाक से प्रेरित हो, लेकिन इसके पीछे वह सटीक तर्क भी देते हैं। ऐसे कारण जिन्हें नजरअंदाज करना मुश्किल है। 6 फीट चार इंच लंबे इस 43 वर्षीय पेसर ने कहा कि एशेज पूरी तरह से स्थगित या रद्द ही किया जाएगा। क्योंकि इंग्लैंड के कुछ सीनियर प्लेयर्स ने धमकी दी है कि अगर ऑस्ट्रेलियाई सरकार उनके परिवार को साथ में यात्रा करने की अनुमति नहीं देगी तो वह दौरे के बारे में शायद ही सोचे। एंडरसन ने क्या कहा? ऐसे में खतरनाक गेंदबाजी कर रहे 39 वर्षीय जेम्स एंडरसन इस शानदार करियर को अपने घर पर खत्म करने का विचार कर सकते हैं। तीन टेस्ट के बाद फिलहाल पांच मैच की सीरीज 1-1 की बराबरी पर खड़ी है। अगले दो टेस्ट ओवल और ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले जाने हैं। चौथा टेस्ट 2 सितंबर से होना है। हालांकि जेम्स एंडरसन ने पूरी बातों को सिरे से नकार भी दिया। चौथे टेस्ट से हो सकते हैं बाहर दूसरी ओर भारतीय कप्तान विराट कोहली और एंडरसन के बीच चौथे टेस्ट में भिड़ंत देखने को मिलेगी इसकी कोई गारंटी नहीं है, क्योंकि मेजबान टीम एंडरसन को अगले मैच के लिए आराम दे सकती है। तीन सप्ताह के दौरान तीन टेस्ट मैच होने से दोनों टीमों को गेंदबाजों को रोटेट करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। भारत ने इस बारे में स्पष्ट रूख अपनाया है जबकि इंग्लैंड भी उसी रास्ते चल सकती है। एंडरसन ने हालांकि स्पष्ट किया था कि वह टेस्ट सीरीज के हर मैच खेलना चाहते हैं। लेकिन वर्कलोड मैनजमेंट को देखते हुए इंग्लैंड एंडरसन को आराम दे सकता है।

सुमित अंतिल और कथूनिया पर पैसों की बारिश, इतने करोड़ देगी हरियाणा सरकार August 30, 2021 at 06:07AM

चंडीगढ़हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को तोक्यो पैरालिंपिकमें विश्व रेकॉर्ड के साथ भालाफेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले सुमित अंतिल को छह करोड़ रुपये और रजत पदक जीतने वाले चक्काफेंक खिलाड़ी योगेश कथूनिया को चार करोड़ रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की। जारी बयान के अनुसार हरियाणा सरकार दोनों को सरकारी नौकरी भी देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतिल ने स्वर्ण पदक जीतकर हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश का दिल जीता है। उन्होंने कहा कि कथूनिया ने भी प्रदेश के साथ देश का नाम रोशन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वर्ण जीतने के बाद अंतिल से फोन पर बात करके कहा था कि उनके प्रदर्शन से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी।

एशियाई युवा मुक्केबाजी में भारत का शानदार प्रदर्शन, खिलाड़ियों ने जीते तीन गोल्ड, छह रजत August 30, 2021 at 05:52AM

नई दिल्लीविश्व युवा कांस्य पदक विजेता विश्वमित्र चोंगथाम (51 किलो), विशाल (80 किलो) और नेहा (54 किलो) ने दुबई में में सोमवार को स्वर्ण पदक जीतकर भारत का दबदबा कायम रखा जबकि छह अन्य भारतीय मुक्केबाजों ने रजत पदक जीते। चोंगथाम ने उजबेकिस्तान के कुजिबोएव अहमदजोन को 4-1 से हराया। दूसरी ओर विशाल ने किर्गीस्तान के अकमातोव संजार को 5-0 से मात दी। महिलाओं में नेहा ने कजाखस्तान की ऐशागुल येलेयुबायेवा को 3-2 से हराया। वहीं विश्वनाथ सुरेश (48 किलो) को रजत पदक से संतोष करना पड़ा जो मौजूदा युवा विश्व चैंपियन कजाखस्तान के संजार ताशकेनबे से 0-5 से हार गए। वंशज (63.5 किलो) को कजाखस्तान के येरनुर सुयुनबे ने 5-0 से हराया। जयदीप रावत (71 किलो) उजबेकिस्तान के अब्दुल्लाएव अलोखोन के खिलाफ अपना मुकाबला पूरा नहीं कर पाए। महिला वर्ग में निवेदिता (48 किलो) फाइनल में उजबेकिस्तान की फरजोना फाजिलोवा से हार गई। वहीं तमन्ना (50 किलो) को उजबेकिस्तान की सबीना बोबोकुलावा ने 4-1 से हराया। सिमरन को उजबेक मुक्केबाज काजाकोवा फेरूजा ने ही 5-0 से शिकस्त दी। एक महिला समेत पांच मुक्केबाजों ने सेमीफाइनल में हार के बाद कांस्य पदक जीता था। इससे पहले एशियाई जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत ने आठ स्वर्ण पदक जीतकर अपने अभियान का अंत किया। इनमें से छह स्वर्ण पदक लड़कियों ने जीते। इसके अलावा भारत ने पांच रजत और छह कांस्य पदक भी हासिल किये। भारत की छह लड़कियां फाइनल में पहुंची थी जिनमें से छह ने स्वर्ण पदक जीते जबकि चार अन्य को रजत पदक मिला। लड़कों के वर्ग में तीन भारतीय फाइनल में पहुंचे थे जिनमें से दो स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे। भारत ने कजाखस्तान के बराबर स्वर्ण पदक जीते। उज्बेकिस्तान नौ स्वर्ण पदक के साथ शीर्ष पर रहा। राष्ट्रीय चैम्पियन रोहित चमोली (48 किग्रा) और भरत जून (81 किग्रा से अधिक) ने लड़कों के वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर शुरुआत की। इसके बाद लड़कियों के वर्ग में वीशू राठी (48 किग्रा), तनु (52 किग्रा), निकिता चंद (60 किग्रा), माही राघव (63 किग्रा), प्रांजल यादव (75 किग्रा) और कीर्ति (81 किग्रा से अधिक) ने सोने के तमगे हासिल किये। कीर्ति ने कजाखस्तान की शुगल्या रीसबेक को 4-1 से जबकि माही राघव ने कजाखस्तान की अलगेरिम काबदोल्दा को 3-2 से हराया। निकिता ने कजाखस्तान की असेम तनातर को जबकि प्रांजल ने कजाखस्तान की अखजान को 4-1 से हराया। रूद्रिका (70 किग्रा) उज्बेकिस्तान की ओइशा तेरोवा से 1-4 से और संजना (81 किग्रा) कजाखस्तान की उमित अहिलकाइर से 0-5 से हार गयी। आंचल सैनी (57 किग्रा) को भी कजाखस्तान की उलझान सारसेनबे से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत की तरफ से देविका घोरपड़े (50 किग्रा), आरज़ू (54 किग्रा) और सुप्रिया रावत (66 किग्रा) ने लड़कियों के वर्ग में जबकि आशीष (54 किग्रा), अंशुल (57 किग्रा) और अंकुश (66 किग्रा)) ने लड़कों के वर्ग में कांस्य पदक जीते। पिछली एशियाई जूनियर चैंपियनशिप 2019 में भारत 21 पदक (छह स्वर्ण, नौ रजत और छह कांस्य) के साथ तीसरे स्थान पर रहा था। जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक विजेताओं को 4,000 डॉलर जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 2,000 डॉलर और 1,000 डॉलर दिए जाएंगे। युवा प्रतियोगिता के फाइनल में अब प्रीति (57 किग्रा), प्रीति दहिया (60 किग्रा), खुशी (63 किग्रा), स्नेहा (66 किग्रा), खुशी (75 किग्रा), तनिशबीर (81 किग्रा) महिला वर्ग में फाइनल खेलेंगी।

कोहली को बड़ी राहत? चौथे टेस्ट से बाहर हो सकता है यह खतरनाक गेंदबाज August 30, 2021 at 06:21AM

लंदनभारतीय कप्तान विराट कोहली और इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के बीच चौथे टेस्ट में भिड़ंत देखने को मिलेगी इसकी कोई गारंटी नहीं है, क्योंकि मेजबान टीम एंडरसन को अगले मैच के लिए आराम दे सकती है। तीन सप्ताह के दौरान तीन टेस्ट मैच होने से दोनों टीमों को गेंदबाजों को रोटेट करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। भारत ने इस बारे में स्पष्ट रूख अपनाया है जबकि इंग्लैंड भी उसी रास्ते चल सकती है। इंग्लैंड के मुख्य कोच क्रिस सिल्वरवुड ने एंडरसन और ओली रॉबिंसन के वर्कलोड पर कहा, ‘मैं इन्हें ब्रेक नहीं देना चाहता। हमारे सामने काफी क्रिकेट पड़ा है। टेस्ट अब तेज हो रहे हैं और लगातार होने से मुश्किल हो रही है।’ उन्होंने कहा, ‘ये खिलाड़ी अपना सबकुछ दे रहे हैं। हर दिन जब हम मैदान से बाहर आते हैं तो हम सोचते हैं कि इनके लिए कुछ करें। लेकिन मैं फिलहाल कोई फैसला नहीं ले पा रहा हूं।’ एंडरसन ने हालांकि स्पष्ट किया था कि वह टेस्ट सीरीज के हर मैच खेलना चाहते हैं। लेकिन वर्कलोड मैनजमेंट को देखते हुए इंग्लैंड एंडरसन को आराम दे सकता है। सिल्वरवुड ने इस बात को स्वीकार किया कि एंडरसन को चौथे टेस्ट से बाहर रखने के लिए मनाना कठिन होगा। इंग्लैंड के लिए दिक्कत की बात यह भी है कि उसका एक अन्य गेंदबाज सैम करन अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।

गोल्ड जीतने वाले सुमित ने एक ही दिन में 5 बार तोड़ा वर्ल्ड रेकॉर्ड, जानें फिर भी संतुष्ट क्यों नहीं August 30, 2021 at 03:12AM

तोक्योपांच बार विश्व रेकॉर्ड तोड़कर तोक्यो पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बावजूद भारतीय पैरा भालाफेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने कहा कि यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं था और वह इससे बेहतर करके दिखाएंगे। कुश्ती से भालाफेंक में आए सुमित ने पुरुषों की एफ64 स्पर्धा में स्वर्ण जीतकर भारत की झोली में दूसरा पीला तमगा डाला। उन्होंने कहा, ‘यह मेरा पहला पैरालिंपिक था और प्रतिस्पर्धा कड़ी होने के कारण मैं थोड़ा नर्वस था।’ उन्होंने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि 70 मीटर से अधिक का थ्रो जाएगा। शाायद मैं 75 मीटर भी कर सकता था। यह मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं था लेकिन विश्व रेकॉर्ड तोड़कर मैं खुश हूं।’ मोटरसाइकिल दुर्घटना में बायां पैर गंवाने से पहले सुमित एक पहलवान थे। उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत अच्छा पहलवान नहीं था। मेरे इलाके में परिवार आपको पहलवानी में उतरने के लिए मजबूर करता है। मैंने सात आठ साल की उम्र में ही कुश्ती खेलना शुरू का दिया था और चार पांच साल तक खेलता रहा। मैं इतना अच्छा पहलवान नहीं था।’ उन्होंने कहा, ‘हादसे के बाद मेरी जिंदगी बदल गई। मैं 2015 में लोगों से मिलने स्टेडियम गया तो मैंने पैरा ऐथलीटों को देखा। उन्होंने कहा कि तुम्हारी कद काठी अच्छी है तो अगला पैरालिंपिक खेल सकते हो। कौन जानता है कि चैम्पियन बन जाओ।’ और ऐसा ही हुआ। उन्होंने कहा, ‘यह सपना सच होने जैसा है। मैं अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर पा रहा हूं।’

पहलवान बनना चाहते थे सुमित अंतिल, सड़क हादसे में काटना पड़ा पैर और पलट गई जिंदगी August 30, 2021 at 05:19AM

तोक्यो हरियाणा की मिट्टी ऐसे लाल बड़ा करती है जो खेलों में देश का नाम रोशन करते हैं। सुमित अंतिल भी उन्हीं मे से एक हैं। किसी वक्त कुश्ती में देश को मेडल दिलाने का सपना देखने वाले सोनीपत के इस लाल ने पैरालिंपिक में गोल्डन भाला फेंका है। भारत का यह दूसरा स्वर्ण है। इससे पहले महिला निशानेबाज अवनि लेखरा ने आज सुबह 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 में स्वर्ण जीता था। एक हादसे ने बदली जिंदगी7 जून 1998 को पैदा होने वाले सुमित का यह सफर कठिनाइयों भरा रहा। छह साल पहले हुए सड़क हादसे में एक पैर गंवा दिया। बावजूद इसके उन्होंने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी। हर परिस्थिति का डटकर सामना किया। सुमित जब सात साल के थे, तब एयरफोर्स में तैनात पिता की मौत हो गई। तीन बेटियों और इकलौते बेटे को पालना मां के लिए आसान नहीं था। 2015 की एक शाम 17 साल के सुमित की बाइक को किसी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने टक्कर मार दी। दुर्घटना हमेशा-हमेशा के लिए एक पैर गंवाना पड़ा। नकली पैर से नापा आसमांकई महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद साल 2016 में सुमित को नकली पैर लगाया गया। खेलों के प्रति तो शुरू से ही रुझान था। साई कोच वीरेंद्र धनखड़ ने उनका मार्गदर्शन किया। दिल्ली में कोच नवल सिंह ने उन्हें जैवलिन थ्रो के गुर सिखाए। साल 2018 में एशियन चैंपियनशिप में 5वीं रैंक मिली। अगले साल 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता फिर इसी साल हुए नेशनल गेम्स में गोल्ड जीतकर अपनी परेशानियों को उपबल्धियों के आगे बौना साबित कर दिया। चंद मिनटों के भीतर बनाए तीन वर्ल्ड रेकॉर्ड68.55 मीटर दूर भाला फेंकते हुए सुमित ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। यह नया विश्व रेकॉर्ड है। सुमित ने पहले प्रयास में 66.95 मीटर के साथ फाइनल की शुरूआत की और वर्ल्ड रेकॉर्ड तोड़ दिया। दूसरे प्रयास में चंद मिनट पहले बनाया अपना ही वर्ल्ड रेकॉर्ड फिर ध्वस्त कर दिया। इस बात उनका स्कोर 68.08 मीटर था। पांचवें में फिर नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया और पहले स्थान पर रहे। इस तरह फाइनल में तीन वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया। उनका छठा और अंतिम थ्रो फाउल रहा। यह भारत का बेस्ट पैरालिंपिक सुमित के गोल्ड जीतते ही भारत के पदकों की कुल संख्या सात पहुंच गई। सोमवार को यह पांचवां पदक भी था। सुमित अंतिल से पहले अवनि, देवेंद्र झाझरिया, सुंदर सिंह गुर्जर और योगेश काथुनिया ने भी आज देश के लिए पदक जीते थे। देवेंद्र और सुंदर ने भाला फेंक एफ46 में पदक जीते जबकि योगेश ने डिस्कस थ्रो टी56 में पदक अपने नाम किया। इस बीच, भारत के संदीप चौधरी एफ44 वर्ग में 62.20 मीटर के थ्रो के साथ चौथे स्थान पर रहे और पदक लाने से चूक गए। संदीप का बेस्ट थ्रो 66.18 मीटर का है और अगर वह यह प्रदर्शन दोहराने में सफल होते तो पदक ला सकते थे। भारत अबतक इस पैरालंपिक में दो स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य पदक अपने नाम कर चुका है। पिछला बेस्ट चार पदकों के साथ रियो 2016 में आया था।

सुमित, आपने देश का नाम रोशन किया....गोल्ड मेडल जीतने पर पीएम मोदी ने किया फोन August 30, 2021 at 04:30AM

नई दिल्लीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्वर्ण पदक विजेता सुमित अंतिल को फोन किया और उनके पैरालिंपिक में उनके लचीलेपन की भावना के लिए बधाई दी। भारत के सुमित अंतिल ने तोक्यो के नैशनल स्टेडियम में पुरुषों की भाला फेंक (स्पोर्ट क्लास F64) में स्वर्ण पदक जीता। सुमित ने फाइनल में तीन बार विश्व रेकॉर्ड में सुधार किया। उन्होंने पोडियम के शीर्ष पर चढ़ने के अपने पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर का एक ऐतिहासिक थ्रो फेंका। प्रधानमंत्री ने सुमित से यह भी कहा कि उन्होंने पूरे देश को गौरवान्वित किया है और युवा उनके प्रदर्शन को देखकर प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा, ‘यह मेरा पहला पैरालम्पिक था और प्रतिस्पर्धा कड़ी होने के कारण मैं थोड़ा नर्वस था।’ उन्होंने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि 70 मीटर से अधिक का थ्रो जाएगा। शाायद मैं 75 मीटर भी कर सकता था। यह मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं था लेकिन विश्व रिकॉर्ड तोड़कर मैं खुश हूं।’ मोटरसाइकिल दुर्घटना में बायां पैर गंवाने से पहले सुमित एक पहलवान थे। उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत अच्छा पहलवान नहीं था। मेरे इलाके में परिवार आपको पहलवानी में उतरने के लिए मजबूर करता है। मैने सात आठ साल की उम्र में ही कुश्ती खेलना शुरू का दिया था और चार पांच साल तक खेलता रहा। मैं इतना अच्छा पहलवान नहीं था।’ उन्होंने कहा, ‘हादसे के बाद मेरी जिंदगी बदल गई। मैं 2015 में लोगों से मिलने स्टेडियम गया तो मैंने पैरा ऐथलीटों को देखा। उन्होंने कहा कि तुम्हारी कद काठी अच्छी है तो अगला पैरालम्पिक खेल सकते हो। कौन जानता है कि चैम्पियन बन जाओ।’ और ऐसा ही हुआ। उन्होंने कहा, ‘यह सपना सच होने जैसा है। मैं अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर पा रहा हूं।'

विराट कोहली ने दिए थे बदलाव के संकेत:आखिरी दो मैचों से इशांत शर्मा का बाहर होना लगभग तय, आर अश्विन कर सकते हैं चौथे टेस्ट से प्लेइंग इलेवन में वापसी August 30, 2021 at 04:53AM

नाराज लड़की का दिल बहलाने के लिए जाते थे रेंज और अब गोल्ड जीत रचा इतिहास August 30, 2021 at 01:10AM

जयपुरअवनि लेखरा के पिता प्रवीण जब 2015 में पहली बार उन्हें निशानेबाजी रेंज ले गए तो उनका मकसद कार दुर्घटना के अपाहिज हुई उनकी बेटी की जिंदगी से नाराजगी कम करके उसका दिल बहलाना था। उन्हें क्या पता था कि उनका यह प्रयास उनकी बेटी की जिंदगी हमेशा के लिए बदल देगा। नाराजगी कम करने के लिए की गई पहल की परिणित आज तोक्यो पैरालिंपिक में अवनि के ऐतिहासिक स्वर्ण पदक के रूप में हुई। प्रवीण लेखरा कहा, ‘उस दुर्घटना के पहले वह काफी सक्रिय थी और हर गतिविधि में भाग लेती थी लेकिन उस हादसे ने उसकी जिंदगी बदल दी।’ उन्होंने कहा, ‘वह हालात से काफी खफा थी और किसी से बात नहीं करना चाहती थी। माहौल बदलने के लिए मैं उसे जगतपुरा में जेडीए निशानेबाजी रेंज ले जाता था जहां से उसे निशानेबाजी का शौक पैदा हुआ।’ उन्होंने इसके बाद अपनी बेटी को ओलिंपिक चैम्पियन निशानेबाज अभिनव बिंद्रा की आत्मकथा ‘ अ शॉट एट हिस्ट्री : माय आब्सेसिव जर्नी टू ओलिंपिक गोल्ड’ खरीदकर दी। अवनि ने किताब पढ़ना शुरू किया और ओलिंपिक में भारत के पहले व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा से प्रेरित होने लगी। शुरुआत में उसे दिक्कतें आई लेकिन उनके पिता ने कहा, ‘उसके कोच ने उसका पूरा साथ दिया और वह अच्छा प्रदर्शन करने लगी। उसने राज्य स्तर पर स्वर्ण और 2015 में राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक जीता। आज उसने पैरालिंपिक में स्वर्ण जीता है जिसकी उससे अपेक्षा की जा रही थी।’ अवनि के पदक जीतने के बाद से उनके पिता का फोन लगातार बज रहा है। दूसरी ओर करौली जिले के छोटे से गांव देवलेन में भी जश्न का माहौल है जहां के रहने वाले सुंदर सिंह गुर्जर ने भालाफेंक में कांस्य पदक जीता। उनके भाई हरिओम गुर्जर ने कहा, ‘पूरा गांव खुश है। उसे स्वर्ण की उम्मीद थी हालांकि वह चूक गया।’ उन्होंने बताया कि गांव भर के लोग या तो उनके घर पर टीवी देखने जमा थे या मंदिर में विशेष पूजा करके उसकी सफलता की कामना कर रहे थे। कांस्य जीतने के बाद मिठाइयां बांटी गई। हरिओम ने कहा, ‘सुंदर के दो बच्चे हैं और एक का जन्म पिछले साल जन्माष्टमी पर हुआ। वहीं इस जन्माष्टमी पर सुंदर ने देश के लिए पदक जीता।’ सुंदर की मां ग्राम पंचायत में सरपंच हैं। भालाफेंक में रजत जीतने वाले देंवद्र झाझरिया भी राजस्थान से हैं। मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए स्वर्ण पदक पर तीन करोड़, रजत जीतने वाले को दो करोड़ और कांस्य जीतने वाले को एक करोड़ रुपये नकद पुरस्कार देने का ऐलान किया।

पैरालिंपिक में गोल्ड जीतने वाले सुमित की कहानी:6 साल पहले सड़क हादसे में गंवाना पड़ा था एक पैर, सात साल की उम्र में सिर से उठा था पिता का साया, अब जैवलिन थ्रो में जीता गोल्ड August 30, 2021 at 03:21AM

तू भी है राणा का वंशज.. सुमित के गोल्ड जीतने पर ट्विटर पर बल्ले-बल्ले, पीएम मोदी समेत दिग्गजों ने दी बधाई August 30, 2021 at 01:37AM

भारत के स्टार ऐथलीट सुमित अंतिल ने तोक्यो पैरालिंपिक 2020 में भारत के लिये पुरुषों की भालाफेंक एफ64 स्पर्धा में विश्व रेकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 68.55 मीटर का थ्रो करते हुए इतिहास रचा। भारत का यह दूसरा स्वर्ण है। इससे पहले महिला निशानेबाज अवनि लेखरा ने आज सुबह स्वर्ण जीता था। भारत का इस पैरालंपिक में यह दूसरा स्वर्ण पदक है जबकि उसने कुल सात पदक अपने नाम किए हैं। उनके गोल्ड जीतते ही सोशल मीडिया बधाइयों का ताता लग गया। पीएम मोदी सहित तमाम दिग्गजों ने उन्हें बधाइयां दी हैं।

भारत के सुमित अंतिल ने चल रहे तोक्यो पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए भाला फेंक क्लास एफ64 वर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है। सुमित ने फाइनल में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए 68.55 मीटर का थ्रो किया और स्वर्ण पदक जीता।


Sumit Antil Won Gold medal: तू भी है राणा का वंशज.. सुमित ने जीता पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल, पीएम मोदी समेत इन दिग्गजों ने दी बधाई

भारत के स्टार ऐथलीट सुमित अंतिल ने तोक्यो पैरालिंपिक 2020 में भारत के लिये पुरुषों की भालाफेंक एफ64 स्पर्धा में विश्व रेकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 68.55 मीटर का थ्रो करते हुए इतिहास रचा। भारत का यह दूसरा स्वर्ण है। इससे पहले महिला निशानेबाज अवनि लेखरा ने आज सुबह स्वर्ण जीता था। भारत का इस पैरालंपिक में यह दूसरा स्वर्ण पदक है जबकि उसने कुल सात पदक अपने नाम किए हैं। उनके गोल्ड जीतते ही सोशल मीडिया बधाइयों का ताता लग गया। पीएम मोदी सहित तमाम दिग्गजों ने उन्हें बधाइयां दी हैं।



हरियाणा के लाल का कमाल... सुमित आंतिल ने फेंका गोल्डन भाला, पैरालिंपिक में भारत को दिलाया सातवां मेडल August 30, 2021 at 01:06AM

तोक्यो पैरालिंपिंक खेलों में भारत का स्वपनिल सफर जारी है। जैवलिन थ्रो में सुमित आंतिल ने सोमवार को गोल्डन भाला फेंका। एफ64 क्लास के इस खिलाड़ी ने अपने पहले ही ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर हरियाणा में सोनीपत के गांव खेवड़ा का नाम रोशन किया। सड़क हादसे में अपना एक पैर गंवाने वाले सुमित फाइनल में बेहतरीन फॉर्म में थे। एक के बाद एक उन्होंने दो वर्ल्ड रेकॉर्ड तोड़े। इस तरह भारतीय खेमे के पास मेडल्स की कुल संख्या सात हो गई है, जो इन खेलों के इतिहास में अबतक का बेस्ट प्रदर्शन भी है। इससे पहले सुबह स्टार खिलाड़ी और दो बार के स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया ने सिल्वर जीता था। पुरुषों के इसी भाला फेंक के एफ46 स्पर्धा में सुंदर सिंह गुर्जर को कांस्य पदक मिला, वह झाझरिया के बाद तीसरे स्थान पर रहे। चक्का फेंक में योगेश कथूनिया ने दूसरा स्थान हासिल किया था। साल 2015 में सड़क दुर्घटना में अपना एक पैर गंवाने वाले सुमित ने कई माह अस्पताल में गुजारे। 2016 में पुणे में उन्हें नकली पैर लगाया गया। कोच वीरेंद्र धनखड़ ने किया मार्गदर्शन।

भारत को तोक्यो पैरालिंपिक में बड़ा झटका, विनोद कुमार को नहीं मिलेगा जीता हुआ ब्रॉन्ज August 30, 2021 at 12:10AM

तोक्योभारत के चक्का फेंक ऐथलीट ने सोमवार को टूर्नामेंट के पैनल द्वारा विकार के क्लासिफिकेशन निरीक्षण में ‘अयोग्य’ पाए जाने के बाद पैरालिंपिक की पुरुषों की एफ52 स्पर्धा का कांस्य पदक गंवा दिया। बीएसएफ के 41 साल के जवान विनोद कुमार ने रविवार को 19.91 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से एशियाई रेकॉर्ड बनाते हुए पोलैंड के पियोट्र कोसेविज (20.02 मीटर) और क्रोएशिया के वेलिमीर सैंडोर (19.98 मीटर) के पीछे तीसरा स्थान हासिल किया था। किसी प्रतिस्पर्धी ने हालांकि इस नतीजे को चुनौती दी। आयोजकों ने एक बयान में कहा, ‘पैनल ने पाया कि एनपीसी (राष्ट्रीय पैरालिंपिक समिति) भारत के ऐथलीट विनोद कुमार को ‘स्पोर्ट क्लास’ आवंटित नहीं कर पाया और खिलाड़ी को ‘क्लासिफिकेशन पूरा नहीं किया’ (सीएनसी) चिन्हित किया गया।’ इसके अनुसार, ‘ऐथलीट इसलिए पुरुषों की एफ52 चक्का फेंक स्पर्धा के लिए अयोग्य है और स्पर्धा में उसका नतीजा अमान्य है।’ एफ52 स्पर्धा में वो ऐथलीट हिस्सा लेते हैं जिनकी मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होती है और उनके मूवमेंट सीमित होते हैं, हाथों में विकार होता है या पैर की लंबाई में अंतर होता है जिससे खिलाड़ी बैठकर प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेते हैं। पैरा खिलाड़ियों को उनके विकार के आधार पर वर्गों में रखा जाता है। क्लासिफिकेशन प्रणाली में उन खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति मिलती है जिनका विकार एक सा होता है। आयोजकों ने 22 अगस्त को विनोद का क्लासिफिकेशन किया था। विनोद कुमार के पिता 1971 भारत-पाक युद्ध में लड़े थे। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में जुड़ने के बाद ट्रेनिंग करते हुए वह लेह में एक चोटी से गिर गए थे जिससे उनके पैर में चोट लगी थी। इसके कारण वह करीब एक दशक तक बिस्तर पर रहे थे और इसी दौरान उनके माता-पिता दोनों का देहांत हो गया था।

रोते हुए ड्रेसिंग रूम पहुंचे थे श्रेयस अय्यर:भारतीय बल्लेबाज ने कहा- कंधे की चोट के बाद थोड़ा मायूस हो गया था, लेकिन अब जोरदार वापसी के लिए तैयार हूं August 30, 2021 at 12:29AM

पहली गोल्ड मेडल विजेता महिला अवनि की कहानी:एक्सीडेंट में दोनों पैर गंवाए, डिप्रेशन में चली गईं, फिर शूटिंग रेंज गईं तो दिलचस्पी जागी, पर पहली बार गन उठा तक नहीं पाईं थीं August 29, 2021 at 06:22PM

विराट कोहली के लिए सीरीज में आसान नहीं होगी राह, नासिर हुसैन की भारतीय कप्तान को 'चेतावनी' August 29, 2021 at 11:58PM

नई दिल्ली इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने भारतीय कप्तान विराट कोहली के बारे में एक 'चेतावनी' जारी की है। हुसैन ने कहा है कि स्विंग और सीम होती गेंद के सामने विराट कोहली सहज नजर नहीं आ रहे हैं और ऐसे में जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ेगी उनके लिए मुश्किलें बढ़ती जाएंगी। उन्होंने कहा कि विराट कोहली लगातार 'अनिश्चितता के कॉरिडोर' में गेंदें खेल रहे हैं और बॉल उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेट के पीछे जा रही है। विराट कोहली इस सीरीज की सभी पांच पारियों में विकेट के पीछे कैच आउट हुए हैं। इसमें जेम्स एंडरसन और ओली रॉबिनसन ने उन्हें दो-दो बार और सैम करन ने उन्हें एक बार आउट किया है। नासिर हुसैन ने विराट कोहली की बल्लेबाजी की तकनीकी समस्या की ओर ध्यान दिलाया। इस वजह से उन्हें गेंद की लाइन का सही अंदाजा लगाने में परेशानी हो रही है। डेली मेल के अपने कॉलम में नासिर हुसैन ने लिखा, 'कोहली ने ऐसी गेंदों को खेल रहे हैं जो उन्हें छोड़नी चाहिए। ऐसा लगता है कि उनके पास तकनीकी समस्या है। मैंने इसके बारे में पहले भी ध्यान दिलाया था। यह बैकफुट की उनकी पोजिशन को लेकर भी है। और साथ ही वह एंडरसन और रॉबिनसन की गेंदों की सही लाइन पिक नहीं कर पा रहे हैं। कोहली यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें गेंद को छोड़ना चाहिए या खेलना चाहिए। या उन्हें खुद को इनस्विंगर के लिए तैयार करना चाहिए या नहीं। उन्हें नहीं पता कि उन्हें क्या करना है। यह हाई क्लास बोलिंग है और कोहली के आगे भी कोई आसानी नहीं आने वाली।' इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने कहा कि विराट कोहली ने हेडिंग्ले टेस्ट के तीसरे दिन अच्छी बल्लेबाजी की। और हाफ सेंचुरी भी बनाई। उन्होंने हालांकि कहा कि कोहली ऐसा इस वजह से कर पाए क्योंकि पुरानी गेंद ने उनकी बल्लेबाजी आसान बना दी थी। उन्होंने कहा, 'तीसरे दिन उन्होंने अच्छा खेल दिकाया। ज्यादातर पुरानी गेंद के खिलाफ। यहां वह गेंद को छोड़ रहे थे। लेकिन बाद में नई गेंद के सामने उनके लिए गेंद को छोड़ना आसान नहीं था। और शनिवार को वह फिर उसी तरीके से आउट हुए।' हुसैन ने इंग्लैंड को हालांकि चेतावनी दी कि वह हेडिंग्ले टेस्ट में ऐतिहासिक जीत के बाद भारत को फिलहाल चुका हुआ न माने। हुसैन ने हालिया वक्त में भारतीय टीम के प्रदर्शन की तारीफ की। उन्होंने इंग्लैंड को याद दिलाया कि भारत ने ऐडिलेड में करारी हार के बाद किस तरह शानदार वापसी की थी। हुसैन ने कहा, 'इंग्लैंड को यह नहीं सोचना चाहिए कि उन्होंने सारी मेहनत कर ली और अब वह गुरुवार से शुरू हो रहे सीरीज के चौथे और ओल्ड ट्रैफर्ड में होने वाले आखिरी टेस्ट मैच में भारतीय टीम को आसानी से हरा सकती है। याद रखिए, भारत पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐडिलेड में 36 रन के स्कोर पर ऑल आउट हो गया था। लेकिन इसके बाद उसने सीरीज में दमदार जीत हासिल की। और वह भी तब जब कोहली घर लौट गए थे। भारत के पास काफी मजबूती और लड़ने का जज्बा है। और इन सबके बीच में उनका कप्तान है।' भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का चौथा टेस्ट मैच 2 सितंबर गुरुवार से द ओवल में खेला जाएगा।

टोक्यो पैरालिंपिक मेडल विनर निषाद के लिए बड़ी घोषणा:हिमाचल सरकार देगी एक करोड़ रुपए; PM मोदी ने ट्वीट करके दी बधाई, चारा काटने वाली मशीन में खोया था हाथ August 29, 2021 at 07:09PM