Thursday, January 28, 2021

चार उंगली से थामकर बल्ला डटे रहे पुजारा, बताई उस संघर्षपूर्ण पारी की कहानी January 27, 2021 at 11:19PM

नई दिल्ली ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर (Cheteshwar Puajra) ने जिस जीवटता का प्रदर्शन किया उसकी खूब तारीफ हो रही है। खास तौर पर ब्रिसबेन टेस्ट ( Brisbane Test) की चौथी पारी में उन्हें जमकर निशाना बनाया गया। ऑस्ट्रेलियाई बोलर्स की गेंदें कई बार उन्हें लगीं। कभी हेलमेट से तो कभी ग्लब्स से तो कभी पसली पर। लेकिन यह सब भी उनके आत्मविश्वास को नहीं डिगा पाया। उन्होंने शानदार हाफ सेंचुरी बनाई और भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाने में मदद की। चार उंगली से कर रहे थे ग्रिप पुजारा (Pujara) ने अब इस पारी के बारे में बात की है। उन्होंने कहा है कि चोटिल उंगली के साथ बल्लेबाजी करना आसान नहीं था। सिडनी (Sydney) और ब्रिसबेन (Brisbane Test) दोनों टेस्ट मैचों में उन्होंने उंगली में चोट के साथ बल्लेबाजी की। उन्होंने कहा कि गाबा टेस्ट में जब गेंद दोबारा उनकी उंगली पर लगी तो दर्द काफी बढ़ गया। हालात इतने मुश्किल हो गए थे कि वह सही तरह से बैट भी नहीं पकड़ पा रहे थे। पुजारा ने कहा कि वह चार उंगलियों से ही बल्ले को ग्रिप कर पा रहे थे। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पुजारा (Pujara) ने कहा, 'उंगली में चोट के कराण मेरे लिए बैटिंग करना आसान नहीं था। मुझे काफी दर्द हो रहा था। यह मेलबर्न टेस्ट में प्रैक्टिस मैच के दौरान हुआ था।' अंत में सब ठीक रहा उन्होंने कहा, 'जब मैं सिडनी और ब्रिसबेन (Brisbane Test) में बल्लेबाजी कर रहा था, तो मेरे लिए सही तरह से बल्ला पकड़ना आसान नहीं था। फिर जब ब्रिसबेन में दोबारा गेंद लगी तो दर्द काफी बढ़ गया। मैं चार उंगली से बल्ला पकड़कर खेल रहा था। यह स्वाभाविक नहीं था, लेकिन अंत में सब ठीक रहा।' आक्रामक होना विकल्प नहीं पुजारा ने कहा कि मैच की परिस्थितियों को देखते हुए वह ऑस्ट्रेलियाई टीम को अपना विकेट नहीं देना चाहते थे। इससे भारतीय मध्यक्रम पर दबाव आ सकता था। पुजारा ने माना कि वह पुल शॉट बहुत अच्छा नहीं खेलते हैं और इस वजह से वह आक्रामक शॉट खेलकर आउट नहीं होना चाहते। उन्होंने कहा, 'दूसरी पारी में जब मैं खेल रहा था, तब आक्रामक होकर खेलना अच्छा विकल्प नहीं था। मैच परिस्थिति इस बात की इजाजत नहीं देती थी। मैं अच्छा पुल शॉट नहीं खेलता हूं। ऐसा नहीं है कि मैं पुल शॉट नहीं खेलना जानता मैं बस उस वक्त पर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहता था।' पुजारा ने 244 गेंद पर 56 रन की पारी खेली थी। भारतीय टीम ने ब्रिसबेन में चौथी पारी मे 328 रनों के लक्ष्य को हासिल कर बॉर्डर गावसकर ट्रोफी पर 2-1 से कब्जा किया था।

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