Monday, January 25, 2021

सिराज ने रणनीति का किया खुलासा, बोले- दबाव नहीं झेल पाए कंगारू बल्लेबाज January 24, 2021 at 11:25PM

नई दिल्ली ब्रिसबेन टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी आक्रमण में मिशेल स्टार्क (Mitchell Starc), पैट कमिंस (Pat Cummins), कैमरन ग्रीन और नाथन लायन शामिल थे। इनमें से ग्रीन तो अपना चौथा टेस्ट मैच खेल रहे थे। इन चारों का कुल टेस्ट अनुभव 254 मैचों का था। वहीं भारत के (), (), () और डेब्यू कर रहे वॉशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) और टी. नटराजन (T Natarajan) के लिए यह नंबर सिर्फ नौ था। भारतीय टीम का अनुभव भले ही कम था लेकिन हौसले बुलंद थे। साथ ही टीम ने इसके लिए रणनीति भी बना रखी थी। मोहम्मद सिराज ने बताया कि भारतीय पेस तिकड़ी की कोशिश दोनों छोर से दबाव बनाए रखने की थी। भारतीय टीम के पास उसके पहली पसंद गेंदबाज नहीं थे। इशांत शर्मा (Ishant Sharma) और भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) दोरै पर आए ही नहीं थे और मोहम्मद शमी, उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह चोटिल होकर आखिरी मैच से बाहर हो चुके थे। सिराज ने मेलबर्न टेस्ट में डेब्यू किया था और शार्दुल ने सिर्फ एक मैच खेला था जिसमें उन्होंने 10 गेंद फेंकी थी। नवदीप सैनी को भी एक ही मैच का अनुभव था। वहीं नटराजन तो अपना डेब्यू ही कर रहे थे। सिराज एक कम अनुभवी गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ थे। उन्होंने शार्दुल के साथ अपना प्लान बनाया। 'निश्चिततौर पर टीम दबाव में थी क्योंकि कई बड़े खिलाड़ी चोटिल थे' सिराज ने हमारे सहयोगी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया डॉट कॉम से हैदराबाद से बातचीत में कहा, ' शार्दुल और मैंने ब्रिसबेन में बैठकर प्लान बनाया कि हम कैसे इनपर दबाव बना सकते हैं। निश्चिततौर पर टीम दबाव में थी क्योंकि कई बड़े खिलाड़ी चोटिल थे। चोट के कारण हमारे कई बड़े खिलाड़ी नहीं खेल रहे थे। लेकिन जिस तरह से सपोर्ट स्टाफ ने हमारा सपोर्ट किया उससे कुछ भी संभव था।' भारत की ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज में सिराज का अहम रोल रहा। 26 साल के सिराज ने ब्रिसबेन टेस्ट की दूसरी पारी में 5 विकेट निकाले। 'यदि आप दबाव बनाते हैं तो बैट्समैन निश्चिततौर पर गलती करते हैं' बकौल सिराज, ' बॉलिंग में हमारा प्लान दोनों ओर से दबाव बनाना था। यदि आप दबाव बनाते हैं तो बैट्समैन निश्चिततौर पर गलती करते हैं। यही हुआ भी। हमने दबाव बनाया और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज अपना विकेट गंवाते गए। हमने (शार्दुल, नटराजन, सैनी और सिराज) उन एरिया पर बॉल डाले जहां हम लगातार डालते आए थे। हमने ज्यादा रन नहीं देना चाहते थे। मैं इसका ज्यादा श्रेय सैनी को भी देना चाहूंगा चोट के बावजूद वह फील्ड पर दोबारा आए। वह बहादुर गेंदबाज हैं।' 29 वर्षीय तेज गेंदबाज पहले नेट बॉलर के तौर पर ऑस्ट्रेलिया गए थे। अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में उसी के घर में 2-1 से हराकर बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफी अपने पास रखी।

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