Monday, January 25, 2021

पंत से कॉम्पीटिशन, साहा बोले विकेटकीपिंग एक स्पेशलिस्ट जॉब है January 24, 2021 at 09:58PM

कोलकाता ऋद्धिमान अपना टेस्ट डेब्यू बतौर बल्लेबाज किया। साउथ अफ्रीका के खिलाफ नागपुर में साल 2010 में ऋद्धिमान साहा ने अपना पहला मैच खेला। तब से उन्होंने 38 मैच खेले हैं। उनके नाम तीन सेंचुरी और पांच हाफ सेंचुरी हैं। कई साल तक वह टेस्ट क्रिकेट में भारत के नंबर वन विकेटकीपर रहे। लेकिन उनकी बल्लेबाजी उस तरह नहीं निखरी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज में साहा को ऐडिलेड टेस्ट के बाद ड्रॉप कर दिया गया था। भारत को उस मैच में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद खेले गए तीन टेस्ट मैचों में से भारत ने दो में जीत हासिल की। साहा ने ऐडिलेड टेस्ट की दो पारियों में सिर्फ नौ और चार रन ही बनाए। भारतीय टीम इस टेस्ट की दूसरी पारी में 36 रन बनाकर ऑल आउट हो गई थी। अगले तीन मैचों में ऋषभ पंत को साहा पर तरजीह दी गई है। साहा से जब पूछा गया कि क्या उनके स्थान पर पंत को चुने जाने से उन्हें निराशा हुई, इस पर उन्होंने कहा, 'मैं साल 2018 से इन तुलनाओं के बारे में सुन रहा हूं। मैं अपना काम करने में विश्वास रखता हूं और मैं पंत की बल्लेबाजी को लेकर फिक्रमंद नहीं हूं।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं इस वजह से अपने खेल में तब्दीली नहीं करना चाहता। विकेट के पीछे कौन खड़ा होगा यह फैसला टीम प्रबंधन को करना है।' 36 वर्षीय साहा को हालांकि ऐडिलेड टेस्ट की पहली पारी में मिशेल स्टार्क के खिलाफ खेले गए अपने शॉट को लेकर पछतावा जरूर है। साहा ने कहा, 'यह ऑफ स्टंप से बहुत बाहर थी और मैंने गलत शॉट चुना, लेकिन दूसरी पारी में मिडविकेट पर खेला गया फ्लिक तो मैं हमेशा से खेलता चला आया हूं। यह मेरी किस्मत खराब थी कि वह सीधा फील्डर के हाथ में गया। यह हमारे लिए अच्छा दिन नहीं था।' एडम गिलक्रिस्ट और महेंद्र सिंह धोनी के दौर के बाद विकेटकीपर्स को ऑलराउंडर समझा जाने लगा है। साहा अब भी उनमें से हैं जो खुद को विशेषज्ञ 'विकेटकीपर' कहते हैं। साहा ने कहा, 'ऐसी परिस्थिति आ सकती है जब एक मौका गंवाने से मैच का नतीजा बदल सकता है। विकेटकीपिंग के स्पेशलिस्ट जॉब है। मैं यह दावा नहीं कर रहा है कि मैं हर कैच लपक लूंगा लेकिन यह स्पेशलिस्ट पोजीशन है और ऐसी ही रहनी चाहिए।'

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