Wednesday, March 18, 2020

कोरोना से जंग कैसे? सचिन का 'टेस्ट क्रिकेट' तरीका March 18, 2020 at 07:34PM

के. श्रीनिवास राव, नई दिल्लीमास्टर ब्लास्टर कोरोना वायरस के भय में जी रहे लोगों को लगातार प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने कई विडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लोगों को इस वायरस से बचने या यूं कह लें लड़ने के लिए उपाय सुझाए थे। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए खास इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि कोविड-19 से लड़ने के लिए हमें क्रिकेट के सबसे पुराने फॉर्मेट टेस्ट से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'क्रिकेट एक अनोखा खेल है। अधिकांश खेलों को प्रशंसकों को आकर्षित करने के लिए अन्य खेलों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हैं, लेकिन क्रिकेट स्वयं के संस्करणों के साथ प्रतिस्पर्धा करता है। फटाफट क्रिकेट यानी टी-20 के उदय के बाद टेस्ट क्रिकेट की प्रासंगिकता को लेकर बहुत बहस हुई है। अब जबकि दुनिया कोविड-19 महामारी से लड़ रही है तो शायद हम सभी को क्रिकेट के पुराने प्रारूप टेस्ट से सीख लेनी चाहिए।' टेस्ट की तरह कोरोना के खिलाफ धैर्य की जरूरतटेस्ट क्रिकेट से सीखने वाली बात के बारे में बात करते हुए महान क्रिकेटर ने कहा- टेस्ट क्रिकेट आपको उस सम्मान से पुरस्कृत करता है जिसे आप समझ ही नहीं पाते। यह आपको धैर्यवान बनाता है। जब आप पिच की स्थिति या गेंदबाज को नहीं समझते हैं, तो रक्षा ही आक्रमण का सबसे अच्छा तरीका बन जाता है। अगर हमें कोरोना से अच्छी तरह से बचाव करना है तो धैर्य हमें चाहिए। एक पेशेवर क्रिकेटर और उससे आगे के जीवन में मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ऐसा कुछ देखूंगा। भारत में और विश्व स्तर पर क्रिकेट पूरी तरह से रुक-सा आ गया है।' पढ़ें- किसी चूक की गुंजाइश नहींउन्होंने वायरस के खिलाफ एक टीम की तरह मिलकर लड़ने की बात कही। उन्होंने कहा- टी-20 में कोई एक खिलाड़ी मैच पलट सकता है, लेकिन टेस्ट में ऐसा नहीं है। वहां आपको साझेदारी और टीम वर्क की जरूरत होती है। अगर एक बल्लेबाज आसानी से ओवरों का सामना करता है तो रन बना सकता है, लेकिन दूसरे छोर पर अन्य विकेट गिर जाते हैं तो पारी ढह जाएगी। यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण सबक है। कोरोना वायरस एक ऐसी बीमारी है, जिसे दुनिया अभी तक समझ नहीं पाई है। हम उन देशों में बढ़ते संक्रमण और घातक परिणाम देख रहे हैं, जिन्होंने सही समय पर आवश्यक सावधानी नहीं बरती। अगर हमें इससे सफलतापूर्ण जंग लड़ना है तो दोनों छोर (सभी ओर से) पर टिके रहना होगा। टीम की तरह रखें ख्यालउन्होंने सिर्फ अपना ही नहीं, आसपास के सभी का ध्यान रखने की बात कही है। उन्होंने कहा- हमें न सिर्फ खुद की देखभाल करने की जरूरत है, बल्कि जिम्मेदार होना चाहिए और अपने आसपास के लोगों के प्रति भी विचार करना चाहिए। हममें से कुछ में उच्च प्रतिरक्षा हो सकती है, लेकिन आवश्यक सावधानी न बरतने से हम इस वायरस के फैलाने वाहक हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो वायरस को उन वृद्ध लोगों या जिनके शरीर में वायरस का प्रतिरोध नहीं कर पाने की क्षमता है तो उन्हें अधिक नुकसान पहुंचाएगा। दूसरा मौका...इंटरनैशनल क्रिकेट में 100 शतक लगाने का रेकॉर्ड रखने वाले सचिन कहते हैं- टेस्ट क्रिकेट को कमबैक क्रिकेट के नाम से भी जाना जाता है। यदि आप पहली बार चूक गए हैं तो हमेशा दूसरी पारी होती है। विभिन्न देश कोरोनो वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई के विभिन्न चरणों में हैं। लेकिन एक सकारात्मक मानसिकता के साथ, सभी इस महामारी को अपने तरीके से दूर कर सकते हैं। सभी देशों को खुद को एक टीम का हिस्सा मानना चाहिए। उन्हें एक-दूसरे से बात करनी चाहिए, खुद को प्रेरित रखना चाहिए, दिन भर के खेल के बाद एक-दूसरे की पीठ थपथपाना और लड़ाई जारी रखने के लिए अगले दिन मुश्किल से लौट आना चाहिए। क्या करें क्या न करेंक्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले लिटिल मास्टर ने कहा- आज हवाई अड्डों में स्क्रीनिंग कर्मियों, परीक्षण प्रयोगशालाओं और अस्पतालों में तनाव बढ़ गया है। जब हम उनके बहादुर प्रयासों की सराहना करते हैं तो हमारा भी कर्तव्य है कि हम उनके काम का बोझ कम करें और उन्हें समय दें। यदि हम सभी गैर-आवश्यक यात्रा और सामाजिक समारोहों से बच सकते हैं, तो उन लोगों की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी, जिनकी स्क्रीनिंग की आवश्यकता है। यह बदले में कोरोनो वायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं की तरह मदद करेगा और साथ ही उन्हें केवल महत्वपूर्ण मामलों में भाग लेने में मदद करेगा। यह इस बीमारी की प्रकृति को पूरी तरह से समझने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के लिए समय भी खरीदेगा। आखिर हम कोरोना से तब बच सकते हैं जब पूरी दुनिया बची रहेगी न कि सिर्फ हमें बचे रहेंगे तो।

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