Wednesday, March 18, 2020

कोरोना: सौ वर्ष पहले भी छाया था खेलों पर ऐसा संकट March 18, 2020 at 04:12PM

रुपेश सिंह, नई दिल्लीयूरोप के सबसे बड़े खेल आयोजनों में से एक यूरोपीय फुटबॉल चैंपियनशिप यानी यूरो एक साल के लिए टल गया। साल का दूसरा ग्रैंड स्लैम फ्रेंच ओपन भी टल गया। ऐसे ही कितने ही खेल आयोजन टल गए, स्थगित हो गए और कुछ रद्द भी हो गए। अब सभी की निगाहें तोक्यो ओलिंपिक्स पर टिकी हैं। एक तिहाई आबादी थी पीड़ितआज से ठीक सौ साल पहले यानी 1920 ओलिंपिक्स को लेकर भी कुछ ऐसे ही संशय के बादल छा गए थे। तब भी कारण एक ऐसा जानलेवा था, जिसने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया था। रिपोर्ट में पाया जाता है कि 1918 में शुरू हुए इस इनफ्लुएंजा ने पूरी दुनिया में करीब 50 करोड़ लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था। यानी दुनिया की एक-तिहाई आबादी गंभीर रूप से बीमार हो गई थी। इसका असर ऐसा था कि सड़कों के किनारे लोगों की लाशें पड़ी रहती थीं। यूं बिगड़े थे हालात अकेले फिलाडेल्फिया में चार हफ्तों के भीतर 12 हजार से ज्यादा लोगों की मौत दर्ज की गई। अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात कितने बिगड़ चुके थे। लेकिन खेल नहीं रुका। बेल्जियम में होने वाले ओलिंपिक्स का सफल आयोजन हुआ। बेल्जियम के एंटवर्प शहर ने ओलिंपिक्स की शानदार मेजबानी की। 29 देशों के कुल 2626 ऐथलीटों ने 22 अलग-अलग खेलों में मेडल पर अपनी दावेदारी ठोकी। जापान ने तब लिया था चैलेंजयह पहली बार नहीं है जब जापान किसी बड़े खेल आयोजन की तैयारी करके बैठा है और उस आयोजन पर संकट के बादल छाए हुए हों। इससे पहले 1998 विंटर ओलिंपिक्स के दौरान वह ऐसे हालात से गुजर चुका है। 1998 में विंटर ओलिंपिक्स के दौरान जापान के नगानो में फ्लू महामारी फैली। फ्लू का वायरस पूरे जापान में फैल गया। देश भर में स्कूल बंद कर दिए गए। जापान के पीएम की वाइफ भी आई थीं चपेट मेंउस वक्त देश के प्रधानमंत्री रहे रियूतारो हाशिमोतो की पत्नी कुमिको भी इस वायरस की चपेट में आ गईं। पूरे देश में करीब 90 हजार लोग इस वायरस की जकड़ में आ गए। इस वायरस के डर से कुछ ऐथलीट उन खेलों में भाग लेने के लिए जापान नहीं गए, इसके बावजूद 7 से 22 फरवरी के बीच इनका सफल आयोजन हुआ। 72 देशों के 2176 ऐथलीटों ने अलग-अलग इ‌वेंट्स में भाग लिया।

No comments:

Post a Comment