Tuesday, March 17, 2020

कोलकाता में लक्ष्मण की पारी नहीं देख सके थे भज्जी March 17, 2020 at 05:35PM

नई दिल्लीजब भी हरभजन सिंह, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, स्टीव वॉ या फिर भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज की बात होगी तो ईडन गार्डंस टेस्ट की चर्चा जरूर होगी। जी, हां यह वही टेस्ट है, जहां भारत ने ऑस्ट्रेलिया के मुंह से जीत का निवाला दबोच लिया। हरभजन सिंह ने हैटट्रिक लेकर इतिहास रचा था, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने ऐतिहासिक साझेदारी की थी, जिसमें लक्ष्मण की 281 रनों की करिश्माई पारी शामिल थी। खैर, क्या आप जानते हैं कि भज्जी इस टेस्ट को खेलते हुए भी लक्ष्मण की ऐतिहासिक पारी को देख नहीं पाए थे... यह थोड़ा अजीब जरूर लग रहा है, लेकिन यह पूरी तरह से सच है। इसकी पुष्टि खुद टर्ननेटर के नाम से मशहूर इसे स्पिनर ने की है। टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए लिखे कॉलम में उन्होंने कहा कि यह सबकुछ हुआ था के एक फैसले की वजह से। पढ़ें: फॉर्म में थी ऑस्ट्रेलिया 2001 के कोलकाता के ईडन गार्डंस टेस्ट के बारे में उन्होंने लिखा- ऑस्ट्रेलिया जबरदस्त खेल रहा था उसने 1 विकेट पर 193 रन बना लिए थे। मैथ्यू हेडन (97) फॉर्म में थे तो लग रहा था कि अगर विकेट नहीं निकले जल्दी तो यह मैच भी सीरीज के पहले मैच, जो मुंबई में खेला गया था, जैसा होने वाला है। मेरी हैटट्रिक ने वापसी तो कराई, लेकिन सबसे आखिरी में आउट होने वाले स्टीव वॉ (10) ही थे, जिनकी बदौलत ऑस्ट्रेलिया 445 रन तक पहुंच गया, लेकिन द्रविड़ और लक्ष्मण की साझेदारी ने सबकुछ पलटकर रख दिया। सचिन ने लिया था यह फैसलाउन्होंने लिखा- मुझे याद है। उस साझेदारी के दौरान हम ड्रेसिंग रूम में अपनी सीट से हिले भी नहीं थे। वह इसलिए कि दूसरी पारी में भी हमारे विकेट गिर रहे थे। लेकिन राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण के बीच एक साझेदारी हुई तो सचिन ने फैसला लिया कि हम जहां हैं वहीं बैठे रहेंगे। इस तरह एक सेशन बिना विकेट निकला था। यही हमने दूसरे दिन भी किया था। हम जहां बैठे थे अगले दिन मैच शुरू होने पर भी वहीं बैठे। मैं ड्रेसिंग रूम के अंदर बैठा था तो लक्ष्मण की ऐतिहासिक पारी की एक भी गेंद देख नहीं पाया था। गांगुली को भी करना पड़ा ऐसाउन्होंने बताया- मैं उनका शतक होने के बाद सिर्फ ताली बजाने के लिए बाहर निकला था और अगली गेंद से पहले ही जाकर वापस उसी सीट पर बैठ गया। मुझे अच्छे से याद है कि दादा (सौरभ गांगुली) ने अपनी टी-शर्ट निकाली थी और टॉवेल को कंधे पर रखा था। अगले दिन वह उसी तरह टी-शर्ट में आए थे और वॉर्म-अप के बाद मैच शुरू होने पर वह पिछले दिन की ही तरह उसे निकालकर टॉवेल को कंधे पर रखकर बैठे थे। रमेश का कैच और द्रविड़ का जश्नअपनी हैटट्रिक के बारे में भज्जी ने कहा- मुझे याद या है एस. रमेश ने शॉर्ट लेग पर हैटट्रिक गेंद पर शेन वॉर्न का शानदार कैच लपका था, जबकि वह अच्छे फील्डरों में नहीं गिने जाते थे। जैसे ही रमेश ने कैच लपका राहुल द्रविड़ ने जश्न मनाते हुए उन्हें गले से लगा लिया, लगा जैसे उन्होंने ही हैटट्रिक ली हो। बता दें कि उस मैच के पहले दिन मार्च 11, 2001- हरभजन ने हैटट्रिक लेकर इतिहास रच दिया था। वह टेस्ट क्रिकेट में तिकड़ी हासिल करने वाले भारत के पहले गेंदबाज बने। यूं हुआ था टीम में सिलेक्शनसीरीज में धांसू प्रदर्शन करने वाले भज्जी ने बताया कि इस सीरीज से पहले एनसीए में हुए एक अनचाहे मामले में आने की वजह से बीसीसीआई मुझे टीम में नहीं चाहती थी। लेकिन कप्तान सौरभ गांगुली टीम में एक स्पिनर चाहते थे तो मैनेजमेंट ने घरेलू क्रिकेट में अच्छा करने वाले स्पिनरों को कैंप के लिए बुलाया, जिसमें मैं भी शामिल था। उन्होंने देखा कि सभी में मैं अच्छा कर रहा था तो मुझे मौका मिला और मैंने 4 मैचों में कुल 28 विकेट झटक डाले थे। कैसी पूरी की हैटट्रिकऑस्ट्रेलिया की पहली पारी का 72वां ओवर। स्कोर चार विकेट पर 252 रन। क्रीज पर रिकी पॉन्टिंग और स्टीव वॉ थे। हरभजन ने ओवर की दूसरी गेंद पर पॉन्टिंग को विकेटों के सामने पकड़ा। गेंद टप्पा खाकर अंदर आई और पॉन्टिंग उसे खेलने पीछे गए। पर तेजी से घूमती गेंद के सामने पॉन्टिंग गच्चा खा गए और विकेटों के सामने पकड़े गए। अगली गेंद पर क्रीज पर आए एडम गिलक्रिस्ट। पहली ही गेंद पैड से टकराई और गिलक्रिस्ट LBW। हालांकि गिलक्रिस्ट फैसले से नाखुश नजर आए लेकिन अंपायर बंसल आउट का इशारा कर चुके थे। वॉर्न ने हरभजन की गेंद को फ्लिक किया और शॉर्ट लेग पर खड़े सदगोपन रमेश ने शानदार डाइविंग कैच लपका। वॉर्न को लगा कि गेंद टप्पा खाकर फील्डर के पास गई है लेकिन तीसरे अंपायर ने ऑन फील्ड अंपायर को सही पाया। हरभजन ने पहली पारी में 7 विकेट लिए। यूं हार गया ऑस्ट्रेलियाहालांकि मैथ्यू हेडन के 97 और स्टीव वॉ की सेंचुरी (110) की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने 445 रन बनाए। भारतीय टीम पहली पारी में 171 रन पर ऑल आउट हो गई। फॉलोऑन में भारतीय टीम ने 7 विकेट पर 657 रन बनाकर पारी घोषित की। लक्ष्मण ने 281 और राहुल द्रविड़ ने 180 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को करारा जवाब दिया। ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 384 रन का लक्ष्य था लेकिन हरभजन ने दूसरी पारी में भी छह विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को 212 रन पर समेट दिया। भारत 171 रनों से रहा था विजयी।

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