Friday, October 16, 2020

दिनेश कार्तिक ने आखिर क्यों छोड़ी KKR की कप्तानी? जानिए कैसा रहा उनका और टीम का प्रदर्शन October 16, 2020 at 12:49AM

नई दिल्लीकोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के फैन्स को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब कप्तान () ने मुंबई इंडियंस (MI) के खिलाफ मैच से ठीक पहले कप्तानी छोड़ने का फैसला किया। मुंबई के खिलाफ टीम की कप्तानी वर्ल्ड कप विनर इयान मोर्गन करेंगे। केकेआर की ओर से कहा गया कि कार्तिक अपनी बैटिंग पर फोकस करना चाहते हैं, लेकिन ओवरऑल देखा जाए तो टीम का प्रदर्शन बहुत खास नहीं रह रहा था। मौजूदा सत्र में चौथे नंबर पर है टीममौजूदा सत्र पर निगाह डाली जाए तो कोलकाता पॉइंट टेबल में फिलहाल चौथे स्थान पर है। उसने 7 मैच खेलते हुए 4 में जीत दर्ज की है, जबकि 3 मैच में उसे हार मिली है। अब बात करते हैं कप्तान कार्तिक की। उन्होंने इस दौरान 15.42 की औसत से 108 रन बनाए हैं, जिसमें एक अर्धशतक शामिल है। यह अलग बात है कि उनके अलावा शुभमन गिल को छोड़ दिया जाए तो टीम के अन्य बल्लेबाजों का प्रदर्शन भी औसत ही रहा है। ऐसे में कार्तिक को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। पढ़ें- ऐसा रहा पिछले दो सत्र में टीम और कार्तिक का प्रदर्शनदिनेश कार्तिक 2018 में इस फ्रैंचाइजी से पहली बार जुड़े थे। उनपर केकेआर ने 7.4 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। टीम मैनेजमेंट ने उन्हें दो बार चैंपियन गौतम गंभीर की जगह कप्तानी सौंपी। 2018 में टीम तीसरे स्थान पर ही, जबकि 2019 में टीम का सफर 5वें स्थान पर खत्म हुआ। पिछले तीन सत्र के दौरान कार्तिक ने इस टीम के लिए 146 के शानदार स्ट्राइकरेट से 859 रन बनाए। इसमें 5 अर्धशतक शामिल रहे। पढ़ें- रसल कई बार दिखे कप्तानी से असहमतअब बात करते हैं टीम की। दुनिया के टॉप ऑलराउंडरों में शामिल आंद्रे रसल कई बार दिनेश कार्तिक की कप्तानी से अलग विचार रखते नजर आए। चौके-छक्के की बौछार करने का दम रखने वाले रसल टॉप ऑर्डर में बैटिंग करना चाहते हैं और उन्होंने इस बात का जिक्र भी खुलकर किया। इशारे ही इशारे में कार्तिक की कप्तानी पर सवाल भी खड़े किए। हालांकि, किसी ने कभी खुलकर बात नहीं की। टीम मैनमेंट का दबाव भी रहा होगा!!अब बात करते हैं टीम मैनेजमेंट के दबाव की। गौतम गंभीर की जगह जब कार्तिक को कप्तानी सौंपी गई तो उम्मीद की जा रही थी कि कुछ बेहतर होगा और को खिताब तक ले जाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। टीम मैनेजेंट की अपेक्षाओं की बात करें तो गौतम गंभीर पहले ही कह चुके हैं कि उन्होंने टीम को दो बार चैंपियन जरूर बनाया, लेकिन दबाव इतना था कि कभी चैन से नहीं सो सके।

No comments:

Post a Comment