Monday, June 15, 2020

धोनी ने सिखाया लेकिन सिर्फ उन पर निर्भर नहीं: कुलदीप यादव June 15, 2020 at 05:29PM

अरानी बसु, नई दिल्ली टीम इंडिया के युवा चाइनामैन स्पिनर () दुनिया भर के बल्लेबाजों के लिए आज भी एक अबूझ पहली हैं। कलाई की मदद से गेंद को स्पिन कराने वाला यह बोलर गेंद को कब कहां से नया घुमाव दे दे बल्लेबाज इसी सोच में परेशान रहते हैं। तीन साल पहले अपने इंटरनैशनल करियर की शुरुआत करने वाले कुलदीप सफेद बॉल फॉर्मेट में पिछले साल हुए वर्ल्ड कप तक टीम इंडिया के लिए ट्रंप कार्ड साबित हुए हैं। हालांकि उसके बाद प्लेइंग XI में उनकी जगह पक्की नहीं रही। वह दूसरे स्पिनर्स के लिए टीम से अंदर-बाहर होते रहे। कुलदीप ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने अपने करियर में धोनी () की भूमिका, गेंद पर स्लाइवा बैन और लॉकडाउन जैसे मुद्दों पर बात की। पेश हैं इस चर्चा के अंश... बीते तीन महीने कैसे बिताए आपने? मैंने खूब सारा समय परिवार के साथ बिताया, जो हमेशा ही एक बेहतर चीज होती है। इसके अलावा मैंने पेंटिंग्स और पतंगबाजी भी खूब की। अब आप काफी समय से घर पर ही हैं, अब आप खेल को और इसके लिए लगातार होने वालीं यात्राओं को कितना मिस करते हैं?यह ठीक है कि हमें ब्रेक चाहिए होता है, लेकिन यह तो कुछ ज्यादा ही लंबा हो गया। सुरक्षा सबसे पहले आती है। आप जब अपने काम में सक्रिय नहीं रहते, तो जाहिरतौर पर आप इसे मिस तो करते ही हैं। इस दौरान मैंने अपने बोलिंग के खूब सारे वीडियो भी देखे। इन वीडियो में मैंने कुछ अच्छी चीजों की पहचान की है, और मुझे जहां-जहां छोटे-छोटे सुधार की जरूरत महसूस हो रही है मैं उन चीजों पर काम करूंगा। आप हमेशा की बात करते हैं कि विकेट के पीछे से वह आपको गाइड करते हैं। अब वह वर्ल्ड कप के बाद से नहीं खेल रहे हैं, क्या कुछ बदलाव लगता है? बिलकुल। माही भाई ने मुझे हमेशा गाइड किया है, क्योंकि विकेटकीपर बोलर के लिए हमेशा सबसे बेहतर जज होता है। और जब कोई माही भाई जैसा अनुभवी यहां हो, जिसे इसका अंदाजा अच्छे से है कि कोई बल्लेबाज कैसा खेलता है तो बात ही अलग है। यह सब एक टीमवर्क है। सिर्फ इसलिए कि माही भाई वर्ल्ड कप के बाद से नहीं खेल रहे हैं तो मुझे किसी को कुछ और साबित करने की जरूरत नहीं है। यह कहने की जरूरत नहीं कि मैं उन पर निर्भर था। मैं बस अपनी कला में और बेहतरी के लिए काम कर सकता हूं और जैसा मैंने कहा कि यह बस एक टीमवर्क है। दो साल पहले आप और चहल कलाइ की स्पिन के लिए फेमस जोड़ी बन गए थे। वर्ल्ड कप के बाद आप दोनों की ही प्लेइंग XI में जगह पक्की नहीं रहती क्योंकि अब दोनों एकसाथ खेलते नहीं दिखते... कलाई की स्पिन इतनी भी आसान नहीं है। चहल और मुझमें सालों से जुड़ाव है। वर्ल्ड कप के बाद से हम दोनों प्लेइंग XI में इसलिए एकसाथ नहीं खेले क्योंकि यह सब कुछ टीम कॉम्बिनेशन और सिलेक्शन पर निर्भर करता है। आपको टीम की जरूरत के हिसाब से लचीला होना पड़ता है। जब ट्रेनिंग फिर से शुरू होगी तो आप सबसे पहले किस बॉल से प्रैक्टिस शुरू करना चाहेंगे, लाल या सफेद? मैं तो लाल गेंद से ही शुरू करना चाहूंगा। जब आप किसी भी मैदान पर प्रैक्टिस के लिए जाते हैं, लाल गेंद ही हमेशा ज्यादा इस्तेमाल में दिखती है। लेकिन मैं क्रीज में प्रैक्टिस सेशन के दौरान सफेद बॉल का भी इस्तेमाल करना चाहूंगा। अपने पिछले टेस्ट आपको पांच विकेट मिले थे लेकिन इसके बाद से आपको मौका नहीं मिला... आप हमेशा बाहर निकलकर खेलना चाहते हैं। लेकिन आपको अपनी जगह की चिंता किए बिना ही अपनी कारीगरी में निखार लाना होता है। मैं हमेशा यही प्रयास करता हूं कि मुझे जब भी मौका मिले तो मैं उम्मीदों पर खरा उतरूं और बेहतर से बेहतर कर सकूं। मेरे लिए हमेशा ही मुझसे पहले टीम पहले है।

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