Wednesday, February 3, 2021

जानलेवा कैंसर को भी मात दे चुके हैं युवराज, प्रेरित करने वाली है 'मौत' से संघर्ष की कहानी February 03, 2021 at 06:53PM

नई दिल्लीभारतीय क्रिकेट के युवराज यानी ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनकी कहानी न केवल आपको मैदान पर बल्कि मैदान के बाहर निजी जिंदगी में भी प्रेरित करेगी। मैदान पर अपने धांसू शॉट, करिश्माई बोलिंग और बेजोड़ फील्डिंग से विपक्षियों के हौसले पस्त करने वाला यह खिलाड़ी निजी जिंदगी में भी हीरो है। उन्होंने जिस तरह का संघर्ष किया उसके सामने विश्व विजेता और सिक्सर किंग जैसे क्रिकेट की बड़ी उपाधियां छोटी हैं। ऐसा हो भी क्यों नहीं? इस महान ऑलराउंडर ने कैंसर से जंग जो जीती है। पर आइए जानें युवी के मौत पर जीत की कहानी के बारे में... युवराज सिंह देश के लिए वर्ल्ड कप खेल रहे थे और एक के बाद एक धांसू प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें देखकर कोई सोच भी नहीं सकता था कि वह कैंसर से जूझ रहे हैं। भारत वर्ल्ड कप-2011 में श्रीलंका को हराकर विश्व विजेता बना तो कुछ ही दिनों में युवराज की सेहत से जुड़ी जो खबर सामने आई थी, जिसने उनके फैन्स और भारतीय टीम को झकझोर दिया। युवराज सिंह के फेफड़े में कैंसर ट्यूमर डिटेक्ट हुआ था। देश-दुनिया के क्रिकेट फैंस अपने हीरो के लिए दुआएं कर रहे थे। कैंसर से संघर्ष लंबा था इसलिए युवी को लंबे समय तक क्रिकेट से दूर भी रहना पड़ा था। युवराज इस ट्यूमर की पीड़ा के साथ ही वर्ल्ड कप में खेले थे और उन्होंने तब यह बात किसी को जाहिर नहीं की थी। तब वह भारत के लिए हर मैच में खुद को लगातार साबित कर रहे थे। उन्होंने क्रिकेट से ब्रेक लिया और फिर इस जानलेवा बीमारी को हराकर वापसी की। संघर्ष करते हुए बनाया भारत को विश्व विजेतायुवी जब वर्ल्ड कप खेल रहे थे तभी वह कैंसर की चपेट में आ चुके थे। वह दर्द से जूझ रहे थे, लेकिन देश को विश्व विजेता बनाने के लिए दृढ़ संकल्प ले चुके थे। उनके टीम के साथियों ने बाद में बताया भी था कि टूर्नमेंट के दौरान वह जूझ रहे थे, लेकिन हार नहीं मिली। टीम इंडिया की वर्ल्ड कप 2011 जीत में वह सबसे बड़े हीरो साबित हुए थे और इस टूर्नमेंट में उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से खुद को बार-बार साबित किया था। उस विश्व कप में उनके शानदार खेल के लिए उन्हें मैन ऑफ द टूर्नमेंट चुना गया था। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने 362 रन और 15 विकेट अपने नाम किए थे। क्रिकेट में वापसी के लिए सचिन ने किया प्रेरितयुवराज ने एक इंटरव्यू में बताया था कि मैं इलाज के बाद भी मुश्किलों से जूझ रहा था। इस दौरान मैं सचिन पाजी (तेंडुलकर) से बात किया करता था। उन्होंने मुझे क्रिकेट में फिर से वापसी के लिए प्रेरित किया। वह मुझे कहते थे, 'हम क्रिकेट क्यों खेलते हैं? हां हम इंटरनैशनल क्रिकेट खेलना चाहते हैं लेकिन हम इस खेल को प्यार करते हैं इसलिए इसे खेलते हैं। अगर तुम्हें इस खेल से प्यार है, तुम भी इसे खेलना चाहते हो।' कैंसर से वापसी के बाद युवराज ने खेला टी20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रोफीकैंसर से वापसी के बाद युवराज ने अगले 5 साल तक इंटरनैशनल क्रिकेट खेला। इस दौरान उन्होंने 2014 में आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप और 2017 में चैपियंस ट्रोफी टूर्नमेंट में हिस्सा लिया। इन दोनों टूर्नमेंट्स में भारत फाइनल तक पहुंचा और दोनों बार वह उपविजेता रहा।

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