Wednesday, February 3, 2021

रिहाना ऐंड कंपनी को सचिन की नसीहत- भारत पर फैसला भारतीय लेंगे February 03, 2021 at 04:02AM

नई दिल्लीदुनिया के महान बल्लेबाजों में शुमार ने पॉप स्टार रिहाना () समेत उन सभी हस्तियों को दो टूक जवाब दिया है जो भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश कर रहे हैं। सचिन () ने बुधवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि भारतीय संप्रभुता से किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा और विदेशी ताकतें इससे दूर रहें। सचिन तेंडुलकर ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी ताकतों की भूमिका दर्शक तक ही सीमित है न कि हिस्सेदार की। उन्होंने देशवासियों से एक देश के तौर पर एकजुट रहने की भी अपील की। 'गॉड ऑफ क्रिकेट' से मशहूर सचिन ने ट्वीट किया, 'भारत की संप्रभुता के साथ समझौता नहीं कर सकते। विदेशी ताकतें सिर्फ देख सकती हैं लेकिन हिस्सा नहीं ले सकतीं। भारत को भारतीय जानते हैं और भारत के लिए फैसला भारतीयों को ही लेना चाहिए। आइए एक राष्ट्र के तौर पर एकजुट रहें।' पढ़ें, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन की दिशा में काम करने वाली ग्रेटा थनबर्ग, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी, पॉप स्टार रिहाना सहित अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शनों को समर्थन दिया है। कई विदेशी हस्तियों के इस मामले पर ट्वीट करने के बाद भारत ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने लोगों को बिना तथ्यों की जांच-परख जल्दबाजी में बयान देने से बचने की नसीहत दी है। पढ़ें, अंतरराष्ट्रीय पॉप गायिका रिहाना ने एक खबर शेयर की जिसमें कई इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद करके किसानों के खिलाफ केंद्र की कार्रवाई का जिक्र किया गया। वहीं, थनबर्ग ने भी ट्वीट किया, 'हम भारत में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुट हैं।’ उन्होंने इसके साथ ही सीएनएन की एक खबर टैग की जिसका शीर्षक था 'प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस में झड़प के बीच भारत ने नई दिल्ली के आसपास इंटरनेट सेवा बंद की।’ हैरिस की भांजी मीना हैरिस ने कहा,‘यह महज संयोग नहीं है कि अभी एक माह भी नहीं हुआ कि दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र पर हमला हुआ और जब हम बात कर रहे हैं उस वक्त सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला हो रहा है।’ इस बीच विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रदर्शन के बारे में जल्दबाजी में टिप्पणी से पहले तथ्यों की जांच-परख की जानी चाहिए और सोशल मीडिया पर हैशटैग तथा सनसनीखेज टिप्पणियों की ललक न तो सही है और न ही जिम्मेदाराना है। मंत्रालय ने कहा है कि कुछ निहित स्वार्थी समूह प्रदर्शनों पर अपना एजेंडा थोपने का प्रयास कर रहे हैं और संसद में पूरी चर्चा के बाद पारित कृषि सुधारों के बारे में देश के कुछ हिस्सों में किसानों के बहुत ही छोटे वर्ग को कुछ आपत्तियां हैं।

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