Friday, January 22, 2021

कैप्टन मुश्किलों में भी शांत रहता है, मैंने रहाणे में देखी है ऐसी क्वॉलिटी: वेंगसरकर January 21, 2021 at 10:15PM

मुंबई ऑस्ट्रेलिया का दौरा () किसी भी क्रिकेट टीम के लिए मुश्किलों भरा रहता है। तेज और उछाल वाली विकेट पर खेलना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होता। कंगारू टीम अपने घर में जीत के लिए सबकुछ झोंक देती है। हाल में ऑस्ट्रेलिया से लौटे भारतीय खिलाड़ियों ने टेस्ट सीरीज में जिस तरह का जज्बा दिखाया वो काबिलेतारीफ है। इस दौरे पर टेस्ट सीरीज में जब () ने टीम इंडिया () की कप्तानी संभाली उससे पहले भारत को एडिलेड में खेले गए डे नाइट टेस्ट मैच में ढाई दिन में ही हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम 36 रन पर ऑलआउट हो गई थी। इसके बाद टीम के नियमित कप्तान () पैटरनिटी लीव पर स्वदेश लौट आए थे और रहाणे को आखिरी तीन टेस्ट के लिए कप्तानी दी गई। कोहली की अनुपस्थिति में रहाणे ने जिस तरह से टीम इंडिया को संभाला उसे आसानी से नहीं भुलाया जा सकता। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान () ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ' रहाणे ने मेलबर्न में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में शतक लगाया और आगे बढ़कर टीम की अगुआई की। एक कप्तान के लिए इस तरह रन बनाना जरूरी होता है। जिस तरह से उन्होंने मुश्किल समय में टीम की अगुआई की वह अनुकरणीय था। उनकी शांतचित का टीम पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा।' भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 4 मैचों की सीरीज में 2-1 से पराजित किया और लगातार दूसरी बार बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफी अपने पास रखी। बकौल वेंगसकर, 'बतौर कप्तान उन्होंने अच्छी रणनीति अपनाई। एमसीजी टेस्ट के पहले दिन रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) से गेंदबाजी कराना प्रशंसनीय है। उन्होंने अश्विन को स्वतंत्र होकर गेंदबाजी की अनुमति दी। बैटिंग ऑर्डर में ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) से आगे भेजना मास्टर स्ट्रोक था। टीम की अगुआई करने का तरीका हर कप्तान का अलग होता है। मुश्किल समय में कप्तान का शांतचित रहना अहम होता है। जब कैच ड्रॉप हुए, फील्डर्स से गलती हुई या जब गेंदबाज या बल्लेबाज फेल हुए। बतौर कप्तान मैंने इस तरह की क्वालिटी अजिंक्य रहाणे में देखी।'

No comments:

Post a Comment