Friday, January 22, 2021

क्या 77 वर्ष बाद फिर नहीं होगा ओलिंपिक? जापान से आ रहीं ऐसी खबरें January 22, 2021 at 02:55AM

तोक्योअंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाक और स्थानीय आयोजकों को इन खबरों से जूझना पड़ रहा है कि स्थगित हो चुके को रद्द कर दिया जाएगा। कोरोना वायरस महामारी के फैलने पर 10 महीने पहले स्थगित किए गए तोक्यो खेलों का उद्घाटन समारोह 23 जुलाई को होना है लेकिन इन खेलों पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है। बता दें कि आखिरी बार वर्ल्ड वार-2 के दौरान (1940 and 1944) ओलिंपिक गेम्स नहीं हुआ था। उसके बाद अब 2020 में कोरोना वायरस की वजह से इसे एक साल के लिए स्थगित किया गया। द टाइम्स आफ लंदन ने सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि खेलों को रद्द किया जाएगा। इसने सत्ताधारी गठबंधन के वरिष्ठ सदस्य के हवाले से यह खबर दी है। सूत्र ने कहा, ‘कोई भी सबसे पहले इस बात को नहीं कहना चाहता लेकिन सहमति यह है कि इसका आयोजन बेहद मुश्किल है।’ उन्होंने कहा, ‘निजी तौर पर मुझे नहीं लगता कि इसका आयोजन होगा।’ ओलिंपिक की तैयारी जोरों परशुक्रवार को हालांकि स्थानीय आयोजन समिति ने प्रत्यक्ष रूप से द टाइम्स की खबर का हवाला दिए बगैर कहा कि ओलिंपिक के आयोजन की तैयारी आगे बढ़ रही है और उन्हें प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा का समर्थन हासिल है। बयान में कहा गया, ‘राष्ट्रीय सरकार, तोक्यो राज्य सरकार, तोक्यो 2020 आयोजन समिति, आईओसी और आईपीसी (अंतरराष्ट्रीय पैरालिंपिक समिति) सहित हमारे सभी साझेदारों का ध्यान इन गर्मियों में खेलों की मेजबानी पर है।’ सरकार ने किया इनकारइसके अनुसार, ‘हमें उम्मीद है कि जितना जल्दी संभव हो दैनिक जीवन सामान्य होगा और हम सुरक्षित खेलों के आयोजन के लिए प्रयास जारी रखेंगे।’ उप प्रमुख कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री के सहयोगी मनागु सकाई ने भी इस खबर को खारिज किया। उन्होंने कहा, ‘ऐसा कोई तथ्य नहीं है और हम स्पष्ट तौर पर इस खबर से इनकार करते हैं।’ तोक्यो की राज्यपाल युरिको कोइके ने शुक्रवार को अपनी नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैंने कभी इस तरह की चीज के बारे में नहीं सुना। ’ युरिको ने ब्रिटेन के समाचार पत्र के खिलाफ कार्रवाई का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा, ‘हमें विरोध दर्ज कराना चाहिए।’ ओलिंपिक्स टले, जापान सोच भी नहीं सकताअगर ऐसा नहीं होता तो कम से कम बाद की कोई तारीख तय हो जाए। क्योंकि जापान सपने में भी ओलिंपिक्स रद्द होने की बात सोच भी नहीं सकता। जापान की इकॉनमी पहले ही हिल चुकी है और एक अनुमान के मुताबिक साल के तीसरे क्वॉर्टर में इस देश की जीडीपी माइनस में जा सकती है। अरबों का होगा नुकसानइन खेलों के रद्द होने से जापान की ऑर्गेनाइजिंग कमिटी को 603 बिलियन जापानी येन का नुकसान उठाना पड़ेगा। भारतीय रुपये में यह राशि 416 अरब रुपये के करीब होगी। भारत के ताजा खेल बजट से नुकसान का यह आंकड़ा 388 अरब रुपये ज्यादा है। भारत सरकार ने इस बार 28 अरब 26 करोड़ का खेल बजट जारी किया था। ओलिंपिक्स पर जापान ने किया है ₹411 अरब का निवेशवहीं जापान की राजधानी तोक्यो और ओलिंपिक्स का मुख्य आयोजन स्थल तोक्यो को 597 बिलियन जापानी येन (करीब 411 अरब रुपये) का नुकसान होगा, जो उसने इवेंट्स के आयोजन पर इंवेस्ट किए हैं। जहां तक जापान को बिजनेस में घाटे की बात है तो यह आंकड़ा 348 बिलियन जापानी येन (करीब 240 अरब रुपये) तक पहुंच सकता है। इन आंकड़ों पर गौर करने के बाद हर कोई समझ सकता है कि जापान के लिए ओलिंपिक्स खेलों को स्थगित करने या रद्द करने के फैसले पर पहुंच पाना कितना मुश्किल है। 11 हजार ऐथलीटों पर भी असरतोक्यो के रद्द होने से पहला और सीधा असर उन 11 हजार ऐथलीटों पर भी पड़ेगा जो कई सालों से कड़ी मेहनत कर रहे है, ताकि वे अपने देश के लिए मेडल जीत सकें। इसी तरह पैरालिंपिक्स में भाग लेने जा रहे 4400 पैरा-ऐथलीट भी इससे प्रभावित होंगे। अगर ओलिंपिक्स टले तो नई विंडो मिलना मुश्किलजापान के प्रधानमंत्री को अब लगने लगा है कि ये खेल जुलाई में शुरू होना मुश्किल हैं। मगर, बड़ा सवाल है कि अगर ओलिंपिक्स टलते हैं तो इनको आगे कोई ऐसा विंडो मिल पाएगा, जिस पर दुनिया के खेल महासंघों को आपत्ति ना हो। फिलहाल तो जापान और अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक्स कमिटी (), दोनों यही चाहेंगे कि खेल समय पर हों। (न्यूज एजेंसी एपी की मदद से)

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