भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 17 दिसंबर से 4 मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत होगी। नियमित कप्तान विराट कोहली पहला टेस्ट मैच खेलकर स्वदेश लौट जाएंगे, वहीं, रोहित शर्मा शुरुआती दो टेस्ट मैचों में नहीं खेल पाएंगे। इस बार भारतीय गेंदबाजी आक्रमण पर सभी का फोकस रहेगा।
(मनोज चतुर्वेदी)
भारत-पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज में दिखने वाली प्रतिद्वंद्विता इस सदी में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट सीरीज में देखी जाने लगी है। यही वजह है कि अभी इस टेस्ट सीरीज का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।विराट कोहली की अगुआई वाली भारतीय टीम ने 2018-19 की टेस्ट सीरीज में पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उनके घर में 2-1 से दचक कर टीम ऑस्ट्रेलिया की प्रतिशोध की ज्वाला को और धधका दिया है।
पैटरनिटी लीव पर लौटेंगे विराट कोहली
पिछली बार ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट सीरीज हारने की वजह स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की गैरमौजूदगी बताई गई थी। इस बार दोनों मौजूद रहेंगे। पर इस बार भारतीय टीम के साथ थोड़ी दिक्कत है कि कप्तान विराट कोहली पहला टेस्ट खेलकर पितृत्व अवकाश पर चले जाएंगे, जबकि रोहित शर्मा फिटनेस की वजह से पहले दो टेस्ट में नहीं हैं।
The grind never stops 💪 #TeamIndia sweat it out in the nets ahead of the 1st Test against Australia beginning Decem… https://t.co/fAZdBi6Xga
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बढ़ी आक्रमण क्षमताटीम इंडिया के लिए सीरीज जीतकर यह साबित करने का मौका है कि वह किसी खिलाड़ी विशेष पर निर्भर टीम नहीं है। एक दौर था, जब भारतीय टीम जीत के लिए स्पिनरों पर निर्भर रहती थी और विदेशी दौरों पर अनुकूल माहौल और विकेट नहीं मिलने पर जीत उसकी पहुंच से दूर बनी रहती थी। लेकिन पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया बहुत बदली है और वह दुनिया भर में दबदबे वाला क्रिकेट खेल रही है। उसके लिए इस बात का कोई मायने नहीं रह गया है कि मेजबान देश किस तरह के विकेट तैयार कर रहा है। अब वह उनके बनाए माहौल में भी अपना बेस्ट देना सीख गई है। इसकी वजह पेस अटैक का जानदार बनना है। भारत के तेज गेंदबाज यह भरोसा बनाने में कामयाब हो गए हैं कि उनमें प्रतिद्वंद्वी टीम के 20 विकेट निकालने का माद्दा है। यह भरोसा ही है कि अब भारतीय टीम मैनेजमेंट विदेशी जमीन पर खेले जाने वाले टेस्ट मैचों में एक ही स्पिनर खिलाने लगा है।
ऑस्ट्रेलिया को करारा जवाब देने की पूरी तैयारी
ऑस्ट्रेलिया की पेस तिकड़ी पैट कमिंस, मिशेल स्टार्क और हेजलवुड को हमेशा ही खतरनाक माना जाता रहा है। पर अब जसप्रीत बुमराह की अगुआई वाला पेस अटैक भी उन्हें बराबरी की टक्कर देने का दम रखता है और यह बात वह पिछले दौरे पर साबित कर चुका है। भारतीय पेस अटैक के दमदार होने का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि स्टीव स्मिथ कह रहे हैं कि हमारे खिलाफ यदि शॉर्ट पिच गेंदें डाली गईं, तो हममें उसका सामना करने की क्षमता है। आप याद करें, क्या पहले कभी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भारतीय पेसरों को इस तरह भाव देते नजर आते थे? इसका तो यही मतलब है कि वे भारतीय तेज गेंदबाजी को तवज्जो देने को मजबूर हो गए हैं। यह सही है कि जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और उमेश यादव का साथ देने के लिए इस बार अनुभवी गेंदबाज ईशांत शर्मा नहीं होंगे। पर नवदीप सैनी या सिराज में से किसी एक को खिलाकर अटैक की धार बनाए रखी जा सकती है।
कोच शास्त्री ने बताया- बेस्ट अटैक
भारतीय मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भारतीय पेस अटैक को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बताया था। इसकी वजह शायद पिछले दौरे पर उनका ऑस्ट्रेलिया के पेस गेंदबाजों से बेहतर प्रदर्शन था। इस सीरीज के एडिलेड और पर्थ में खेले गए टेस्ट में तो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज भारतीय पारी के सभी 40 विकेट निकालने में कामयाब हो गए थे। लेकिन मेलबर्न और सिडनी में वे समझ नहीं पा रहे थे कि भारतीय बल्लेबाजों को कैसे आउट करें। वहीं भारतीय गेंदबाजों ने इन दोनों टेस्ट में भी परचम फहराकर भारत को पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जिताने में अहम भूमिका निभाई। इस सीरीज में ऑफ स्पिनर अश्विन ने भी पहले टेस्ट में छह विकेट निकालकर अपना लोहा मनवाया था, पर बाकी टेस्ट वे नहीं खेल सके थे। इस बार वह पूरी तरह फिट हैं, हालांकि उनके मुकाबले नाथन लियोन घर में ज्यादा कारगर साबित होते रहे हैं, और वह एक खतरा हो सकते हैं।
कुछ अनसुलझे सवाल हैं सामने
इस सीरीज में भारत के सामने कुछ अनसुलझे सवाल जरूर हैं। पहला सवाल तो यही है कि मयंक अग्रवाल के साथ पारी की शुरुआत किससे कराई जाए। अगर रोहित शर्मा होते तो यह सवाल ही नहीं उठता। इसके लिए पृथ्वी शॉ और शुभमन गिल दो दावेदार हैं। पृथ्वी के पक्ष में यह बात जाती है कि उन्हें टेस्ट खेलने का अनुभव है और वे पूरी निडरता के साथ खेलते हैं। उन्हें इस बात की परवाह नहीं होती कि सामने कौन गेंदबाज है। पर उनकी दिक्कत उनका डिफेंस है। इस कमी की वजह से आईपीएल में अच्छी शुरुआतों को वह बड़ी पारी में नहीं बदल सके थे। क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ ओपनरों में एक गावस्कर को लगता है कि शुभमन गिल को मौका देना चाहिए। आखिरी दो टेस्ट के लिए रोहित शर्मा के आने पर उनका खेलना ओपनरों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
साहा या पंत? किसे मिलेगा मौका
टीम इंडिया मैनेजमेंट के सामने विकेट कीपर के तौर पर ऋद्धिमान साहा और ऋषभ पंत में से किसे खिलाया जाए, यह उलझन भी होगी। साहा की विकेट कीपिंग बहुत बेहतर है, पर धीमे विकेट पर स्टंप्स के करीब खड़े होते समय बेहतर कलेक्शन वाले खिलाड़ी की जरूरत पड़ती है। ऑस्ट्रेलिया में विकेट तेज होने से विकेट कीपर स्टंप्स से दूर खड़े होंगे। ऐसे में ऋषभ पंत को खिलाना बेहतर विकल्प होगा। दिन-रात के अभ्यास मैच में शतक ठोककर वह अपना दावा मजबूत कर भी चुके हैं। वैसे भी पंत 2018-19 के दौरे में अपने नाबाद शतक से भारत को सीरीज जिताने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि साहा की बल्लेबाजी भी अच्छी है, पर इस मामले में वह पंत से कोसों दूर नजर आते हैं।
रहाणे के सामने भी मुश्किल, कैसे होगी विराट की भरपाई
विराट कोहली की कप्तानी हो या बल्लेबाजी, वह सभी में अपना प्रभाव छोड़ने में हमेशा सफल रहते हैं। उनकी पहले टेस्ट के बाद अनुपस्थिति जरूर खलेगी। जहां तक उनकी गैरमौजूदगी में कप्तानी की बात है तो अजिंक्य रहाणे इस जिम्मेदारी को निभाने में पूरी तरह सक्षम हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट और अफगानिस्तान के खिलाफ खेले गए इकलौते टेस्ट में वह अपनी कप्तानी में भारत को जीत भी दिला चुके हैं। पर विराट की बल्लेबाजी की भरपाई करना थोड़ा मुश्किल होगा।
पुजारा पर होगी जिम्मेदारी
विराट कोहली की गैरमौजूदगी में चेतेश्वर पुजारा के साथ रहाणे को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। याद रहे, पिछली सीरीज जिताने में भी पुजारा ने 521 रन बनाकर अहम भूमिका निभाई थी। ये दोनों डटे रहे तो सीरीज का परिणाम भारत के पक्ष में आ सकता है।
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