Thursday, October 22, 2020

बजरंग पूनिया बोले- वर्ल्ड चैम्पियनशिप से पहले पोलैंड और रूस में होने वाली चैम्पियनशिप में भाग नहीं लेंगे October 22, 2020 at 03:18PM

वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप से पहले प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं हो पाना आदर्श स्थिति नहीं है, लेकिन भारत के शीर्ष पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि वे किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की तैयारी नहीं कर रहे है और वे इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में सीधा खेलना पसंद करेंगे। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग में जूनियर विश्व चैंपियनशिप को रद्द कर दिया है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि यूरोप में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बावजूद सर्बिया के बेलग्राद में सीनियर चैंपियनशिप का आयोजन 12 से 20 दिसंबर तक जरूर होगा।

घरों में ट्रेनिंग और कैंप की ट्रेनिंग में अंतर

बजरंग ने कहा कि कि ये अच्छा है कि हमने ट्रेनिंग शुरू कर दी है। ऐसा नहीं था कि हम लय में नहीं थे क्योंकि लॉकडाउन के दौरान हम अपने घरों में ट्रेनिंग कर रहे थे, लेकिन इसकी तुलना कैंप में मैट पर होने वाली ट्रेनिंग से नहीं की जा सकती। पुरुष टीम का कैंप एक सितंबर को शुरू हुआ था। बजरंग ने ये बात स्वीकार की कि हमें अपना स्तर पता है और ये भी पता है कि प्रतिस्पर्धा पेश करते हुए हम यहां पर हैं।

पोलैंड और रूस में अगले महीने चैम्पियनशिप

एक खिलाड़ी को खेलने की जरूरत है क्योंकि तभी उसे पता चलेगा कि उसकी स्थिती क्या है। दो पुरुष फ्रीस्टाइल चैंपियनशिप का आयोजन पोलैंड(4 और 8 नवंबर) और रूस(7 और 8 नवंबर) में होना है, लेकिन बजरंग पूनिया ने बताया कि वे वहां पर मुकाबला करने के लिए उत्सुक नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि इन प्रतियोगिता में जितने मर्जी पहलवान हिस्सा ले सकते हैं लेकिन विश्व चैम्पियनशिप में प्रत्येक वर्ग में सिर्फ एक पहलवान हिस्सा ले सकता है। मुझे नहीं लगता कि पोलैंड और रूस में इस चैंपियनशिप के लिए जाना अच्छा होगा। टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके भारतीय पहलवान ने कहा कि हमें ये सुनिश्चित नहीं है कि विश्व चैम्पियनशिप का आयोजन होगा या नहीं, हमने सुना है कि यूरोप में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

अब सभी का टारगेट टोक्यो ओलिंपिक ही है

वर्ल्ड चैम्पियनशिप अगर आयोजित होती है तो ये साफ है कि पहलवान बिना किसी अन्य प्रतियोगिता में हिस्सा लिए वहां पर खेलेंगे। इस पर बात करते हुए बजरंग ने कहा कि इससे क्या फर्क पड़ता है, हमें कहीं से तो शुरूआत करनी ही है। सभी का टारगेट ओलंपिक ही है और ये सब ठीक है। बजरंग देश के शीर्ष फ्रीस्टाइल पहलवान हैं। वहीं, नेशनल कोच जगमंदर सिंह कह चुके हैं कि प्रतियोगिताएं जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि जब से ट्रेनिंग शुरू हुई है तब से पहलवानों में काफी सुधार हुआ है। पहलवानों की असली परीक्षा तभी होती है जब वे प्रतियोगिता में मुकाबले के लिए उतरते हैं।



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बजरंग पूनिया अगले साल टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं। अभी वह सोनीपत में नेशनल कैंप में ट्रेनिंग कर रहे हैं।

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