Tuesday, September 1, 2020

टीम इंडिया के किट स्पॉन्सर के लिए नहीं लगी बोली September 01, 2020 at 07:56PM

गौरव लघाते, मुंबई भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के टीम किट स्पॉन्सर और ऑफिशल मर्चनडाइजिंग पार्टनर अधिकार के लिए अभी तक कोई बोली नहीं लगाई गई है। बोर्ड 'तकनीकी कारणों' के चलते नई डेडलाइन तय करने वाला है। एक सूत्र ने हमारे सहयोगी अखबार इकॉनमिक टाइम्स को बताया, 'कुछ अंतरराष्ट्रीय कंपनियां जो अधिकार खरीदने की इच्छुक थीं, को शायद तय समय में हेडक्वॉर्टर से अनुमति नहीं मिल पाई होगी। तो बोर्ड डेडलाइन आगे बढ़ाने पर विचार कर रहा है।' एडिडास और प्यूमा ही दो अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्सवियर कंपनियां थीं जिन्होंने अधिकार खरीदने में दिलचस्पी दिखाई थी। ड्रीम स्पोर्ट्स (ड्रीम11 और फैन कोड की पैरंट कंपनी), यूनिवर्सल स्पोर्ट्सबिज (Wrogn की मालिकाना कंपनी) और वॉल्ट डिज्नी कंपनी ने भी टेंडर के डॉक्यूमेंट उठाए हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने 3 अगस्त को बताया था कि नीलामी 1 सितंबर को सुबह 10 से 11 बजे के बीच होगी। इस बारे में हमारे सहयोगी अखबार ईटी ने बीसीसीआई के अंतरिम सीईओ हेमंग अमीन को ईमेल भेजा था जिस पर कोई जवाब नहीं आया। वहीं बोर्ड के अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने ईटी के सवालों और मेसेज का जवाब नहीं दिया। नाईकी ने 14 साल बाद भारतीय टीम का साथ छोड़ा है और उसके बाद बोर्ड ने नई टेंडर प्रक्रिया शुरू की। ईटी ने 26 जून को ही खबर दी थी कि अनुबंध को रीन्यू करने को लेकर चल रही रस्साकशी में टीम इंडिया और नाईकी का साथ छूट सकता है। नाईकी ने इस बार टेंडर डॉक्यूमेंट नहीं लिए हैं। स्पोर्ट्सवियर बनाने वाली कंपनी का बीसीसीआई के साथ मौजूदा चार साल का करार सितंबर में समाप्त हो रहा है। इसके लिए उसने 370 करोड़ रुपये की डील की थी जिसमें मर्चनडाइजिंग राइट्स के लिए 30 करोड़ रुपये की रॉयल्टी फीस भी शामिल थी। तीन साल के नए अनुबंध के लिए बीसीसीआई ने मर्चनडाइज पार्टनर के लिए 8 करोड़ रुपये बेस प्राइस तय किया है और किट स्पॉन्सरशिप के लिए हर मैच के लिए 65 लाख रुपये की रकम तय की गई है। अगले तीन साल के लिए भारतीय क्रिकेट टीम अगले तीन साल में लगभग 142 मैच खेलेगी। बेस प्राइस की ही बात करें तो नीलामीकर्ता को116.3 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा और इसके अलावा वह बीसीसीआई को हर साल 30000 किट भी मुहैया करवाएगा। बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा कि बोर्ड को उम्मीद है कि एडिडास और प्यूमा दोनों इन अधिकारों के लिए बढ़-चढ़कर बोली लगाएंगी।

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