Monday, September 7, 2020

NIS के भोजन में मिला नाखून, हिमा दास ने की शिकायत September 07, 2020 at 05:55PM

साबी हुसैन, नई दिल्ली भारत का प्रतिष्ठित खेल संस्थान नेताजी सुभाष नैशनल इंस्टिट्यूट (NS-NIS), पटियाला एक बार फिर गलत कारणों से चर्चा में है। स्टाफ मेम्बर्स द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी के बाद ओलिंपिक जाने वाले दो बॉक्सर्स द्वारा क्वॉरनटीन के नियम तोड़ने की खबर सामने आई। अब ताजा मामला फर्राटा धावक और कुछ अन्य ऐथलीट से जुड़ा है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक कुछ ऐथलीट्स ने इंस्टिट्यूट के मेस में खराब क्वॉलिटी के भोजन पकाने और सर्व करने की शिकायत की है। यह घटना अगस्त के मध्य की है। उन्होंने ऐथलीट्स ने रसोई की साफ-सफाई को लेकर भी विरोध किया है। इस घटना के बाद के बाद स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) ऐक्शन में आ गया है। उसने 'फूड इंस्पेक्शन कमिटी' का गठन किया है। यह कमिटी इस बात की जांच करेगी कि क्या भोजन की क्वॉलिटी ऐथलीट्स की जरूरत के हिसाब है अथवा नहीं। वहीं SAI ने हालांकि इस पूरी घटना का ब्यौरा नहीं दिया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि हिमा ने अपने भोजन में नाखून मिलने की शिकायत की थी। असम की इस स्प्रिंटर ने अपने मोबाइल से भोजन की तस्वीर लेकर NIS प्रशासन को भेजी थी। सूत्रों का कहना है कि हिमा ने इस मसले को खेल मंत्री किरन रिजिजू के साथ भी उठाया है। रिजिजू ने SAI अथॉरिटी को फर्राटा धावक से बात करके मामला सुलझाने को कहा है। साई के डायरेक्टर जनरल, संदीप प्रधान, साई के सचिव रोहित भारद्वाज और अन्य अधिकारियों ने वर्चुअल रिव्यू मीटिंग की जिसमें हिमा और शिकायत करने वाले ऐथलीट्स शामिल हुए थे। सूत्रों ने यह भी कहा कि ऐथलीट्स ने अन्य शिकायतें भी की थीं जिसमें खाने में बाल मिलने की शिकायत की थी। उनकी यह भी शिकायत की थी कि किचन स्टाफ हाथों पर छींक कर न तो अपने हाथ धो रहे थे और न उन्हें सैनेटाइज कर रहे थे। NIS के एग्जिक्यूटिव निदेशक राज सिंह बिश्नोई ने क्वॉरनटीन का नियम तोड़ने पर बॉक्सर्स को फटकार भी लगाई थी। साई ने बयान जारी कर टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि घटना के बाद विस्तृत एसओपी जारी किए हैं ताकि मैटेरियल की सप्लाई की क्वॉलिटी को चेक किया जा सके। साई ने बयान जारी कर कहा, 'कुछ ऐथलीट ने अगस्त के मध्य में NS NIS, पटियाला में खाने की खराब क्वॉलिटी को लेकर सवाल उठाए हैं। जैसे ही यह बात हमारी जानकारी में लाई गई फौरन इस तरह के ऐक्शन लिए गए कि ऐथलीट्स को इस तरह के एक भी मामले का सामना न करना पड़े। अधिकारियों, स्टाफ और खिलाड़ियों के साथ उसी दिन बैठक की गई और यह निर्देश जारी किया गया कि खाने की क्वॉलिटी ऐथलीट्स की जरूरत के हिसाब से हो। ऐथलीट्स की ओर से मिले फीडबैक से पुष्टि होती है कि भोजन अब उनकी पसंद और जरूरत के हिसाब से मिल रहा है।' इसमें आगे कहा गया, 'नियम के अनुसार, SAI ने फूड इंस्पेक्शन कमिटी का गठन किया और NIS मे किचन स्टाफ को भी मजबूत किया। ऐथलीट के लिए खाने का सामान मंगवाने के लिए एक हेल्प लाइन नंबर भी बनाया गया है।' इस बयान में हिमा के हवाले से कहा गया है, 'हमारी परेशानियों को फौरन सुना गया। हमने कहा था कि यहां बन रहे खाने से हम खुश नहीं हैं। और जैसे ही हमने इस मुद्दे को उठाया, खाने की क्वॉलिटी में सुधार हो गया।'

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