Thursday, August 20, 2020

गुजरात में सब्जी बेचने को मजबूर क्रिकेटर, जीता था ब्लाइंड WC August 20, 2020 at 04:28PM

आशीष चौहान और यग्नेश भारत मेहता, अहमदाबाद/सूरतसाल 2018 में ब्लाइंड वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे क्रिकेटर अहमदाबाद में सब्जी बेचने का काम करने को मजबूर हैं। शारजाह में पाकिस्तान की ओर से निर्धारित 308 रनों के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करने के बाद 20 मार्च, 2018 को भारतीय टीम ने वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था। इस टीम की प्लेइंग-XI में भी शामिल थे। दो साल बाद तुमड़ा की जिंदगी पर भी कोविड-19 का असर पड़ा और उन्हें अहमदाबाद की जमालपुर बाजार में सब्जियां बेचने के लिए मजबूर कर दिया। नवसारी के वंसदा में रहने वाले 29 वर्षीय तुमड़ा के परिवार में पांच और लोग हैं जिनकी पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर है। पढ़ें, तुमड़ा को उम्मीद थी कि सरकार दृष्टिबाधित क्रिकेटरों के लिए नौकरियों की पेशकश करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रोज की कमाई वाली नौकरियों और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम में मंदी के बाद काम कम होने के कारण उनके पास अपनी सब्जी बेचने के लिए अहमदाबाद आने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा, 'जब भारतीय क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप जीतती है, तो सरकार और निगम उन पर पैसों की वर्षा करते हैं। क्या हम उनसे कम खिलाड़ी हैं क्योंकि हम ब्लाइंड हैं? समाज को हमारे साथ समान व्यवहार करना चाहिए।' कोविड-19 के कारण आई मंदी की वजह से कई अन्य पेशेवर लोग भी जरूरतों को पूरा करने के लिए सब्जियां बेचने को मजबूर हैं। कोरियोग्राफर जयेश नायक, जिन्होंने दो जगहों पर डांस क्लास चलाईं, उन्हें अपना स्टूडियो छोड़ना पड़ा क्योंकि किराया देना मुश्किल हो गया था। उन्होंने कहा, 'मैंने एक सब्जी की दुकान से शुरुआत की, जहां मैं ऑर्डर लेता हूं और पालड़ी में आस-पास की जगहों पर सब्जी पहुंचाता हूं। शुरू में मुझसे सीखने वालों ने मेरी मदद की। यहां तक कि जब मैं डांस क्लास फिर से खोलने में सक्षम हूं, तब भी मैं इस व्यवसाय को आय के एक स्थिर स्रोत के लिए बरकरार रखूंगा।' पढ़ें, सूरत में हीरा से जुड़े कारोबार में नौकरी करने वाले नीरव पटेल ने सब्जियों की होम डिलीवरी शुरू की है क्योंकि उनकी नौकरी चली गई थी। नौकरी से वह हर महीने 25,000 रुपये कमा रहे थे। पटेल ने कहा, 'लोग कोरोना के डर से सब्जी की होम डिलीवरी के लिए आगे बढ़ रहे हैं, जिससे मुझे काम में मदद मिली है।' म्यूजिक सिस्टम बेचने वाले तेजस डोमाडिया, जिन्होंने जनवरी में 10 लाख रुपये का सामान खरीदा था, वह भी अपने गोदाम के बाहर सब्जियां बेच रहे हैं।

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