Tuesday, August 4, 2020

चीनी मोबाइल कंपनी इस साल नहीं होगी आईपीएल की स्पॉन्सर August 04, 2020 at 01:44AM

नई दिल्लीचीनी मोबाइल कंपनी इंडियन प्रीमियर लीग () के अगले एडिशन में लीग स्पॉन्सर नहीं होगी। देश में भारी विरोध के बाद कंपनी की तरफ से यह फैसला मंगलवार को लिया गया। जून में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई भिड़ंत के बाद से ही कई लोगों ने चीनी सामानों का बहिष्कार करने की बात कही थी। इसके अलावा आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने जब स्पॉन्सर रिटेन करने की बात कही थी, तो भी सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर विरोध जताया था। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी अगले साल यानी 2021 में स्पॉन्सर रहेगी जो डील 2023 तक चलेगी। इस साल के लिए नए स्पॉन्सर का ऐलान जल्द किया जाएगा। 19 सितंबर से शुरू होना है IPLआईपीएल का 13वां एडिशन यूएई में अगले महीने 19 सितंबर से शुरू होगा। इसका फाइनल मैच 10 नवंबर को खेला जाएगा। पहले यह लीग मार्च में भारत में ही खेली जानी थी, लेकिन घातक कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इसे तब स्थगित कर दिया गया था। पढ़ें, RSS ने भी जताया था विरोधराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी चीनी मोबाइल कंपनी के स्पॉन्सर बने रहने पर सोमवार को विरोध जताया। इसके एक दिन बाद ही वीवो के स्पॉन्सरशिप से हटने की खबर सामने आई। आरएसएस-संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने सोमवार को कहा था कि लोगों को टी-20 क्रिकेट लीग का बहिष्कार करने पर विचार करना चाहिए। BCCI ने किया था समीक्षा का वादाइससे पहले आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने आगामी एडिशन में भी चीनी मोबाइल कंपनी से स्पॉन्सरशिप करार बरकरार रखने का फैसला किया था जिसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने विरोध जताया। जून में लद्दाख में हुई झड़प के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने चीनी सामान का बहिष्कार करने की बात भी कही थी। बीसीसीआई ने तब करार की समीक्षा का वादा किया था लेकिन आईपीएल में भी इस कंपनी को बरकरार रखने का फैसला किया गया। 'सैनिकों का अपमान है ये'स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि टी-20 क्रिकेट मैचों का आयोजन करने वाली संस्था इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) द्वारा एक चीनी मोबाइल कंपनी को प्रायोजक बनाने का फैसला चकित करने वाला है। अपने इस निर्णय से आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने चीन के जघन्य कृत्य से शहीद हुए सैनिकों के प्रति अपना अपमान प्रकट किया है। पढ़ें, 'वित्तीय परिस्थितियों में नया स्पॉन्सर मुश्किल'आईपीएल की संचालन परिषद ने रविवार को सभी प्रायोजकों को बरकरार रखने का फैसला किया था। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने ‘वर्चुअल’ बैठक में फैसला किया कि टूर्नमेंट 19 सितंबर से 10 नवंबर तक खेला जाएगा। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा था, 'मौजूदा वित्तीय कठिन परिस्थितियों को देखते हुए इतने कम समय में बोर्ड के लिए नया प्रायोजक ढूंढना मुश्किल होगा।' लोगों का सोशल मीडिया पर फूटा था गुस्सा लोगों ने चीनी कंपनी को स्पॉन्सरशिप बरकरार रहने के कारण सोशल मीडिया पर विरोध जताया था। एक यूजर ने लिखा था कि इसके कारण IPL फ्लॉप हो जाएगा। वहीं, विदेश मामलों के जानकार विष्णु प्रकाश ने लिखा, 'आईपीएल को करोड़ों भारतीय फैंस देखते हैं। हम चीन की ओर से हिंसा भी देख चुके हैं। ऐसे में वीवो को आईपीएल का स्पॉन्सर देखने की अनुमति देंगे?' उन्होंने आगे लिखा, 'पेइचिंग हम सब पर हंसेगा। कौन हमें दुनिया में गंभीरता से लेगा? क्यों भारत का अपमान?' 2199 करोड़ रुपये में हासिल किए थे अधिकारवीवो इंडिया ने 2017 में आईपीएल टाइटल प्रायोजन अधिकार 2199 करोड़ रुपये में हासिल किए थे। इससे लीग को हर सीजन में उसे करीब 440 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। इस चीनी मोबाइल कंपनी ने सॉफ्ट ड्रिंक वाली दिग्गज कंपनी पेप्सिको को हटाया था, जिसकी 2016 में 396 करोड़ रुपये की डील थी।

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