Tuesday, April 21, 2020

ओलिंपिक में बरसाए मुक्के, अब कोरोना से जंग April 20, 2020 at 08:22PM

सिद्धार्थ सक्सेना, नई दिल्लीपूर्व ओलिंपियन बॉक्सर हरियाणा के कई हाईप्रोफाइल खिलाड़ियों में से एक हैं, जो लॉकडाउन के दौरान सड़कों पर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। गुरुग्राम में एसीपी ट्रैफिक, ईस्टर्न हाइवे, अखिल कुमार ने 2006 कॉमनवेल्थ गेम्स में बैंटमवेट (53 kg) वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था। अखिल महसूस कर रहे हैं कि उन्हीं की तरह ज्यादातर खिलाड़ी कोरोना वायरस के कारण इस मुश्किल दौर में मुकाबला करने के लिए नए सबक सीख रहे हैं। अखिल ने कहा, 'यह अलग तरह की लड़ाई है। जब मैं मुक्केबाजी कर रहा था, तो करीब-करीब खुद ही अपना कोच था। मैंने अपना काम खुद किया। मेरा आक्रामक तरीका, मेरी शैली ही मेरी पहचान थी। यहां तक कि कोच साहब भी जानते थे, और उन्होंने मुझे ऐसे ही खेलने दिया।' पढ़ें, खाली पड़े गुरुग्राम-दिल्ली टोल प्लाजा पर अपनी तस्वीर पोस्ट करते हुए अखिल ने लिखा था कि बुरा समय बताकर नहीं लेकिन सिखाकर और समझाकर बहुत कुछ जाता है।' उन्होंने बताया कि वह साथी पुलिसकर्मियों का अपने हल्के-फुल्के अंदाज और मजाक से मनोबल ऊंचा रखने की कोशिश करते हैं। अखिल भारत के सबसे पसंदीदा कोच में भी गिने जाते हैं और आज वह अपने मुक्केबाजी के दिनों के 'कम्फर्ट जोन' से बाहर निकलने को ठीक मानते हैं। उन्होंने कहा कि वह बैठते हैं और सलाह लेते हैं, उसका पालन करते हैं। उन्होंने कहा, 'यदि आप ऊपर बैठे 'कप्तान' का अनुसरण करते हैं, तो संकट के बारे में जानते हैं, तो जल्द ही सभी चीजें फिर से सामान्य हो जाती हैं।' अखिल ने कहा, 'इस मुश्किल समय में मैं अब उस मुक्केबाज की तरह नहीं हूं जो अपने मन का करके खुश होगा। यहां कर्तव्य सर्वोपरि है, प्रक्रिया है, आपके वरिष्ठ अधिकारी का आदेश, निर्देश और जिम्मेदारी से निभाना, आदेश और निर्देश। यह खुद को परिवपक्व करने जैसा है। आप अपने बारे में कम, दूसरों के बारे में ज्यादा सोच रहे हैं।' लॉकडाउन के दौरान पुलिसबल से अतिरिक्त समय तक ड्यूटी की मांग की गई और ऐसे में अखिल को भी अहसास हो रहा है कि वह इससे जुड़ी प्रक्रिया को फिर से याद करते हैं। उन्होंने कहा, 'जब मैं 2013 के आसपास पुलिसफोर्स में शामिल हुआ, तो मैंने कुछ स्पोर्ट्स से जुड़े काम किए। मैं राष्ट्रीय शिविर में प्रशिक्षण ले रहा था और अपने मन की बात कह देता था। अब मैं मानता हूं कि अधिक धैर्यवान बन गया हूं और इसमें शामिल सभी पक्षों को सुनना मेरा काम है।'

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