Wednesday, April 8, 2020

पैडी अपटन ने बताया कैसे महान खिलाड़ी बने कोहली April 07, 2020 at 11:14PM

अमित कुमार, नई दिल्ली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लंबा सफर तय किया है। अपने आदर्श सचिन तेंडुलकर के साथ खेलने से लेकर दुनिया की नंबर वन टेस्ट टीम के कप्तान तक कोहली अब एक मिसाल बन चुके हैं। लगातार बेहतर होने की कोशिश करते रहना, जीत की भूख और किसी भी गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ रन बनाने की लालसा कोहली को मौजूदा दौर के महान बल्लेबाजों में शामिल करती है। भारत ने साल 2011 में जब महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में आईसीसी वर्ल्ड कप ट्रोफी जीती तो कोहली 22 साल के थे। वानखेड़े स्टेडियम खचाखच भरा था और भारतीय टीम ने 28 साल बाद खिताब पर कब्जा किया था। उस दौरान कोहली, जिन्हें उनके दोस्त और फैंस 'चीकू' कहते हैं, न सिर्फ अपनी बल्लेबाजी के हुनर को धार दे रहे थे बल्कि सचिन तेंडुलकर, वीरेंदर सहवाग, युवराज सिंह, धोनी, हरभजन सिंह और जहीर खान जैसे खिलाड़ियो के साथ रहकर दबाव झेलना और उसमें निखरकर प्रदर्शन करने की कला भी सीख रहे थे। पैडी अपटन, उस समय भारतीय टीम के स्ट्रैंथ और मेंटल कंडीशनिंग कोच थे, ने कोहली के इस रूपांतरण के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कैसे थोड़े से ओवरवेट से लेकर दुनिया के सबसे फिट क्रिकेटर तक का सफर कोहली ने कैसे तय किया। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में अपटन ने कहा, 'मुझे लगता है कि एक टर्निंग पॉइंट वह रहा जब विराट को अहसास हुआ कि थोड़े से ओवरवेट और औसत दर्जे के फिट हैं और अगर उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल होना है तो उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिट खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल होना होगा। फिटनेस को लेकर उनकी इस बदली सोच ने उन्हें एक बेहद टैलंटेड खिलाड़ी जिसका करियर आराम से चल रहा था, से लेकर, एक बेहद टैलंटेड खिलाड़ी जो अपनी प्रतिभा के साथ पूरा न्याय कर रहा है, तक का सफर तय करवाया।' अपटन ने कहा, 'मैंने पहले भी कहा है कि सिर्फ उनकी फिटनेस ने सीधे तौर पर उन्हें इतना बड़ा खिलाड़ी नहीं बनाया। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह फिटनेस हासिल करने के प्रति उनकी रवैये ने उन्हें और उनके खेल को बदला। यह अच्छे से महान खिलाड़ी बनने का सफर था। कोहली ने 2014 में महेंद्र सिंह धोनी से टेस्ट टीम की कमान ली। इसके बाद 2017 में वह सीमित ओवरों की टीम के कप्तान बने।

No comments:

Post a Comment