Wednesday, April 8, 2020

स्टोक्स की 2 पारियां, जिन्होंने विराट से छीना ताज April 08, 2020 at 07:24PM

नई दिल्ली इंग्लैंड के ऑलराउंडर खिलाड़ी को विजडन ने साल 2019 के लिए विश्व का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर चुना है। साल 2019 सचमुच स्टोक्स का ही साल था। इस साल उन्होंने दो ऐसी खास पारियां खेलीं, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। स्टोक्स के ही दम पर इंग्लैंड पहली बार वनडे क्रिकेट का विश्व चैंपियन बना था। इसके बाद ऐशेज सीरीज के हेडिंग्ले टेस्ट में भी वह स्टोक्स की ही जुझारू पारी थी, जिसके दम पर इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया से वह सीरीज 2-2 से ड्रॉ कराई। इससे पहले लगातार तीन सालों तक विजडन का यह सम्मान भारतीय कप्तान को हासिल हो रहा था लेकिन स्टोक्स की ये दो जुझारू पारियां ही थीं, जो सचमुच इस बार विराट कोहली के खेल पर भारी पड़ीं। एक बार फिर नजर डालते हैं स्टोक्स की उन दो यादगार पारियों पर, जो क्रिकेट इतिहास में हमेशा की जाएंगी याद। 14 जुलाई 2019: वर्ल्ड कप फाइनल- इंग्लैंड बनाम न्यूजीलैंड, लॉर्ड्स क्रिकेट मैदानन्यूजीलैंड के खिलाफ खिताबी मुकाबला खेलने उतरी इंग्लैंड की टीम यहां 242 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी। इंग्लिश टीम इस लक्ष्य का पीछा करते हुए फंस गई थी लेकिन स्टोक्स के जुझारूपन ने यह मैच टाई करा दिया। इस मैच में जब बेन स्टोक्स मैदान पर उतरे थे तो 242 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लिश टीम 71 रन पर 3 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी। स्टोक्स ने संभलकर खेलना शुरू किया और जोस बटलर के साथ मिलकर 5वें विकेट के लिए 110 रनों की शानदार शतकीय साझेदारी कर इंग्लैंड को वापस मैच में ला दिया। लेकिन बटलर (60) के आउट होते ही इंग्लैंड ने फिर जल्दी-जल्दी अपने विकेट गंवाने शुरू कर दिए। लेकिन स्टोक्स ने हार नहीं मानी और आखिरी गेंद पर इस मैच को बराबरी पर ला दिया। उन्होंने 98 गेंदों में 5 चौके और दो छक्के की मदद से नाबाद 84 रन की पारी खेली। इस मैच दो बार करनी पड़ी बैटिंग स्टोक्स का काम यहीं खत्म नहीं हुआ। टाई हुए इस मैच में उन्हें सुपर ओवर के लिए दोबारा बैटिंग पर भेजा गया। उन्होंने यहां भी 8 रन बनाए। दोनों टीमों ने इस निर्णायक ओवर में 15-15 रन बनाए और यह भी टाई हो गया था। इसके बाद बाउंड्रीज के दम पर इंग्लैंड को इस खिताब का विजेता घोषित किया गया। एशेज सीरीज- तीसरा टेस्ट (22 से 26 अगस्त), हेडिंग्ले एशेज सीरीज का यह तीसरा टेस्ट मैच था, जिसमें इंग्लैंड की टीम 0-1 से पीछे थी। इस टेस्ट में वह भी हार की कगार पर पहुंच गई थी, जब मैच की चौथी पारी में 359 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए उसने 286 रन पर अपने 9 विकेट गंवा दिए थे। इंग्लैंड को जीत के लिए 73 और रन चाहिए थे और उसके पास जैक लीच और स्टोक्स की जोड़ी के रूप में एकमात्र विकेट बचा था। 9वां विकेट गिरने के बाद स्टोक्स ने अपना रुख आक्रामक बना लिया। वह जान चुके थे कि यहां से अगर जीतना है तो अपने अंदाज में ही खेलना होगा। इसके बाद उन्होंने जैक लीच को भरोसे में लिया कि वह अपना विकेट बचा कर रखें और दूसरे छोर से स्टोक्स ने खुलकर स्ट्रोक्स भी खेले और सम्मान देने वाली गेंदों को भरपूर सम्मान भी दिया। इस मैच में उन्होंने 10वें विकेट की साझेदारी के दौरान ही अपना शतक भी पूरा किया हारी हुई इस बाजी में रोमांच ला दिया। आखिरकार 135 रन की पारी खेलकर स्टोक्स ने इंग्लैंड को जीत दिला थी। पांच टेस्ट मैच की यह सीरीज 1-1 से बराबर हो चुकी थी। इसके बाद इंग्लैंड दोनों टीमों ने बाकी के 2 टेस्ट में एक-एक बार जीत हासिल की और सीरीज को 2-2 से ड्रॉ करा दिया।

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