Wednesday, December 25, 2019

भारत कर सकता है राष्ट्रमंडल शूटिंग चैंपियनशिप की मेजबानी December 25, 2019 at 05:40AM

नई दिल्लीबर्मिंगम राष्ट्रमंडल खेलों (2022) से निशानेबाजी को बाहर किए जाने के बाद भारत के कड़े विरोध को देखते हुए उसकी मेजबानी में राष्ट्रमंडल निशानेबाजी चैंपियनशिप 2022 के आयोजन की संभावना बढ़ गई है, चूंकि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) से इसके लिए ‘औपचारिक’ प्रस्ताव देने को कहा है। इस प्रस्ताव को जनवरी के प्रारंभ में सीजीएफ की खेल समिति के सामने पेश करने के लिए कहा गया है जिसे मंजूरी के लिए इसकी कार्यकारी समिति के पास भेजा जाएगा। यह सकारात्मक प्रतिक्रिया 5 दिसंबर को म्यूनिख में सीजीएफ और अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) के बीच हुई बैठक के बाद आई है। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ के अध्यक्ष रणइंदर सिंह ने इस बैठक में हिस्सा लिया था। आईओए के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को लिखे पत्र में सीजीएफ ने कहा कि वह एनआरएआई के अध्यक्ष नरिंदर सिंह और व्लादिमीर लिसिन की अगुआई वाले आईएसएसएफ के प्रस्ताव से उत्साहित है जिसमें 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों से पहले इस आयोजन की मेजबानी का प्रस्ताव है। पढ़ें, सीजीएफ के पत्र में कहा गया, ‘एनआरएआई भारत सरकार और आपके साथ मिलकर प्रस्ताव तैयार करेगा। इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए जनवरी के प्रारंभ में सीजीएफ खेल समिति और फिर सीजीएफ कार्यकारी समिति के समक्ष पेश करना होगा। इस प्रस्ताव को सीजीएफ के आधिकारिक सदस्य के तौर पर औपचारिक रूप से भारतीय राष्ट्रमंडल खेल संघ के द्वारा पेश किया जाना चाहिए। हम उस प्रस्ताव को विकसित करने में आपका समर्थन करेंगे।’ एनआरएआई प्रमुख ने भी बत्रा को पत्र लिखा कर चैंपियनशिप की मेजबानी के प्रस्ताव का खाका पेश करते हुए कहा कि इसके लिए उन्हें ‘आईएसएसएफ का पूरा समर्थन प्राप्त है।' उनके प्रस्ताव में इस चैंपियनशिप में जीते गए पदकों को संबंधित देशों के 2022 राष्ट्रमंडल खेलों की तालिका में जोड़ने के जटिल मुद्दे की भी चर्चा है। पढ़ें, उन्होंने कहा, ‘इस प्रस्तावित चैंपियनशिप में जीते गए पदकों को बर्मिंगम राष्ट्रमंडल खेलों के मुख्य आयोजन में जीते गए पदकों के समान ही महत्व मिलाना चाहिए।’ उन्होंने इस चैंपियनशिप को 14 मार्च 2022 को शुरू करने का प्रस्ताव दिया जो राष्ट्रमंडल दिवस के रूप में मनाया जाता है। आईओए ने निशानेबाजी को राष्ट्रमंडल खेलों से हटाए जाने के विरोध में इन खेलों से हटने की धमकी दी थी। उन्होंने प्रस्ताव दिया था कि निशानेबाजी चैंपियनशिप का आयोजन कराके इसके पदकों को संबंधित देश के खाते में जोड़ा जाए। बत्रा ने कहा था कि अगर पदकों को देश के खाते में नहीं जोड़ा जाएगा तो भारत राष्ट्रमंडल निशानेबाजी चैंपियनशिप में भाग नहीं लेगा। सीजीएफ के पत्र में इस मसले पर सीधे कुछ नहीं कहा गया है लेकिन इसमें कहा है कि आईएसएसएफ और एनआरएआई का संयुक्त प्रस्ताव सभी संबंधित पक्षों की अपेक्षाओं के अनुरूप है। पढ़ें, रणइंदर ने बत्रा से अपील की कि वह चैंपियनशिप के आयोजन के लिए भारत सरकार से मंजूरी लेने में उनकी मदद करें। उन्होंने कहा, ‘मेरा आपसे अनुरोध है कि एनआरएआई को इस आयोजन के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने का अवसर प्रदान करें। हमारे अध्यक्ष के तौर पर क्या मैं आपसे इसके लिए एनआरएआई को को समर्थन करने के अलावा भारत सरकार से जल्द से जल्द अनुमति दिलाने में मदद करने का अनुरोध कर सकता हूं। जब यहां इसे मंजूरी मिल जाए तब आईओए / सीजीएफ से स्वीकृति के लिए सीईओ (सीजीएफ) के पास भेज सकता है।’ राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने निशानेबाजी में हमेशा से काफी पदक जीते हैं। गोल्ड कोस्ट में पिछली प्रतियोगिता में भारत ने सात स्वर्ण पदक सहित 16 पदक जीते थे। इस खेलों से निशानेबाजी को 1974 के बाद पहली बार हटाया गया है।

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