Thursday, October 28, 2021

डिकॉक ने कहा, नस्लवादी नहीं हूं, घुटने के बल बैठने में दिक्कत नहीं October 27, 2021 at 10:56PM

शारजाहसाउथ अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक ने टी20 विश्व कप के बाकी बचे मैचों के लिए स्वयं को उपलब्ध रखते हुए कहा कि यदि उनके घुटने के बल बैठने से दूसरों शिक्षित करने में मदद मिलती है तो उन्हें इसमें दिक्कत नहीं है। डिकॉक ने कहा कि इससे पहले इस तरह बैठने से इंकार करने पर उन्हें नस्लवादी कहा गया जिससे उन्हें काफी पीड़ा पहुंची। यह विकेटकीपर बल्लेबाज साउथ अफ्रीका के वेस्टइंडीज के खिलाफ दुबई में खेले गए सुपर 12 के ग्रुप एक मैच से हट गया था। क्रिकेट साउथ अफ्रीका (सीएसए) ने खिलाड़ियों को नस्लवाद के विरोध में हर मैच से पहले घुटने के बल बैठने का निर्देश दिया था जिसके बाद डिकॉक ने यह निर्णय किया था। डिकॉक ने सीएसए द्वारा जारी बयान में कहा, ‘मैं जिस पीड़ा, भ्रम और गुस्से का कारण बना, उसके लिए मुझे गहरा खेद है। मैं अब तक इस महत्वपूर्ण मसले पर चुप था। लेकिन मुझे लगता है कि अब मुझे अपनी बात को थोड़ा स्पष्ट करना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘जब भी हम विश्व कप में खेलने के लिए जाते हैं तो ऐसा कुछ होता है। यह उचित नहीं है। मैं अपने साथियों विशेषकर कप्तान तेम्बा (बावुमा) का सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता हूं।’ डिकॉक ने कहा, ‘लोग शायद पहचान न पाएं, लेकिन वह एक शानदार कप्तान है। अगर वह और टीम और दक्षिण अफ्रीका मेरे साथ होंगे, तो मैं अपने देश के लिए फिर से क्रिकेट खेलने के अलावा और कुछ नहीं चाहूंगा।’ डिकॉक ने अपने बयान में कहा कि उनके लिए अश्वेतों की जिंदगी अंतरराष्ट्रीय अभियान के कारण नहीं बल्कि उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण उनके लिए मायने रखती है। डिकॉक ने साफ किया कि जिस तरह से मैच से कुछ घंटे पहले खिलाड़ियों के लिए आदेश जारी किया गया उस रवैये के कारण उन्होंने मैच से पहले घुटने के बल बैठने से इनकार किया था। उन्होंने कहा, ‘जो नहीं जानते हैं, उन्हें मैं यह बताना चाहता हूं कि मैं एक मिश्रित जाति परिवार से आता हूं। मेरी सौतेली बहनें अश्वेत हैं और मेरी सौतेली मां अश्वेत है। अश्वेत जीवन मेरे जन्म से ही मेरे लिए मायने रखता है। सिर्फ इसलिए नहीं कि एक अंतरराष्ट्रीय अभियान है।’ इस 28 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि उन्हें लगा कि सीएसए ने उनकी स्वतंत्रता का अतिक्रमण किया है, लेकिन बोर्ड के अधिकारियों से विस्तार से बात करने के बाद उनका दृष्टिकोण अब बदल गया है। डिकॉक ने कहा, ‘जिस तरह से हमें बताया गया उससे मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे अधिकार छीन लिए गए हैं। कल रात बोर्ड के साथ हमारी बातचीत बहुत भावनात्मक थी। मुझे लगता है कि हम सभी को उनके इरादों की बेहतर समझ है। काश यह जल्दी होता क्योंकि मैच के दिन जो कुछ हुआ उसे टाला जा सकता था।’

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