Tuesday, October 5, 2021

कौन हैं 14 साल की शूटर नाम्या कपूर जिसने मनु भाकर को पछाड़कर किया गोल्ड पर कब्जा October 05, 2021 at 12:45AM

लीमा (पेरू)। भारत की 14 वर्षीय निशानेबाज नाम्या कपूर ने पेरू में आयोजित आईएसएसएफ जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में मनु भाकर को पछाड़ते हुए गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। इसके साथ नाम्या 14 साल की उम्र में शीर्ष अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय निशानेबाज बन गई हैं। मनु भाकर को कांस्य से करना पड़ा संतोष नाम्या ने फाइनल में 36 स्कोर किया। फ्रांस की कैमिली जे को रजत और 19 वर्ष की ओलिंपियन भाकर को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। भारत की रिदम सांगवान चौथे स्थान पर रहीं। कपूर क्वालीफिकेशन में छठे स्थान पर रही थीं। भारत ने अब तक टूर्नामेंट में सात स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य समेत 16 पदक जीते हैं । नाम्या ने मामा संजीव राजपूत की राह पर चलना शुरू कर दिया है इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में गोल्ड जीतकर सबको चौंकाने वाली नाम्या ने अपने मामा और तीन बार के ओलिंपियन संजीव राजपूत की राह पर चलना शुरु कर दिया है। नाम्या अपने मामा के साथ बड़ी बहन खुशी से भी प्रेरणा लेती हैं। खुशी निशानेबाजी राष्ट्रीय टीम में चयन का दरवाजा खटखटा रही हैं। परिवार में निशानेबाजों की मौजूदगी के अलावा घर से बाहर उनका ख्याल ‘समर्पित’ कोच अंकित शर्मा रखते हैं। कोच अंकित की अकादमी में ट्रेनिंग ले रही हैं नाम्या नाम्या पिछले कुछ साल से फरीदाबाद स्थित अंकित की अकादमी में प्रशिक्षण ले रही हैं। नाम्या ने सोमवार को हमवतन स्टार निशानेबाज मनु भाकर को पीछे छोड़कर महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। कपूर परिवार सबसे छोटी बिटिया की उलब्धि पर है खुश नाम्या ने फाइनल में शीर्ष स्थान हासिल किया। वह फ्रांस की कैमिली जेद्राजेवस्की (33) और 19 वर्षीय ओलंपियन भाकर (31) से आगे रहीं। कपूर परिवार अपनी सबसे छोटी बेटी के शानदार कारनामे से बहुत खुश है लेकिन हैरान नहीं हैं। उनकी मां गुंजन ने मंगलवार को कहा, 'हमें नाम्या और खुशी से उम्मीदें हैं क्योंकि दोनों निशानेबाजी में काफी मेहनत करती हैं और प्रतिभाशाली भी हैं।' मां ने सफलता का श्रेय कोच अंकित को दिया गुंजन ने अपनी दोनों बेटियों के विकास और सफलता का श्रेय अंकित को दिया। उन्होंने कहा, 'अंकित ने निशानेबाज के रूप में उनके विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिस तरह से उन्होंने काम किया है उससे वह विश्व चैंपियनशिप में नाम्या के स्वर्ण पदक के लिए हर श्रेय के हकदार हैं।' अंकित ने हालांकि श्रेय लेने से बचते हुए कहा कि नाम्या में शानदार निशानेबाज बनने की काफी संभावनाएं है। अंकित की इस बात से राजपूत भी सहमत दिखे। राजपूत ने कहा, 'नाम्या और खुशी में प्रतिभा है और वे देश के लिए बड़ी संभावनाएं हैं। सिर्फ निशानेबाजी में ही नहीं, वे पढ़ाई में भी तेज हैं।' संजीव राजपूत कुछ इस तरह से करते हैं मदद बकौल राजपूत, 'दोनों के साथ उनके कोच काम कर रहे हैं, जब भी हम पारिवारिक समारोहों के दौरान मिलते हैं तो मैं उनकी मदद करने की कोशिश करता हूं। ज्यादातर मौकों पर मैं उन्हें प्रोत्साहित करने की कोशिश करता हूं और इस खेल की सामग्री मुहैया कराकर मदद करता हूं।' अंकित ने कहा, 'संजीव भाई की सलाह से काफी मदद मिलती है। परिवार की भूमिका काफी अहम होती है।'

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