Friday, September 3, 2021

एक गोल्ड, एक सिल्वर जीतकर भी संतुष्ट नहीं अवनि, बताया क्यों नहीं मना रही जश्न September 03, 2021 at 12:25AM

तोक्योनिशानेबाज अवनि लेखरा पैरालिंपिक के एक ही चरण में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनने के बावजूद संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि वह मौजूदा खेलों में इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकती थीं, लेकिन वह दबाव में आ गईं। खेलों में पदार्पण करने वाली 19 साल की लेखरा 10 मीटर एयर राइफल स्टैडिंग एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। यह भारत का निशानेबाजी में भी पहला ही पदक था। उन्होंने शुक्रवार को यहां तोक्यो खेलों की 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशन एसएच1 स्पर्धा का कांस्य पदक हासिल किया। इसलिए नहीं मना रही जश्न दो पैरालिंपिक पदक जीतने वाली पहली महिला और खेलों के एक ही चरण में कई पदक जीतने वाली देश की दूसरी खिलाड़ी बनीं अवनि ने यूरोस्पोर्ट और भारतीय पैरालिंपिक समिति द्वारा कराई गई वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘जब मैंने स्वर्ण पदक जीता तो मैं सिर्फ स्वर्ण पदक से ही संतुष्ट नहीं थी (हंसती हैं), मैं उस अंतिम शॉट को बेहतर करना चाहती थी इसलिए यह कांस्य पदक निश्चित रूप से संतोषजनक नहीं है। रविवार को होने वाली मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं जश्न नहीं मना रही क्योंकि मेरा ध्यान अगले मैच पर लगा है। मेरा लक्ष्य अपनी अगली स्पर्धा में भी शत प्रतिशत देने का है।’ अभिनव बिंद्रा हैं रोल मॉडल लेखरा ने ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा की प्रशंसा दोहराते हुए कहा कि वह हमेशा उनकी तरह बनना चाहती थीं। शुक्रवार को बल्कि उन्होंने अपना दूसरा पदक जीतकर उनसे बेहतर प्रदर्शन किया। लेखरा ने कहा, ‘जब मैंने अभिनव बिंद्रा सर की आत्मकथा पढ़ी थी तो मुझे इससे प्रेरणा मिली थी क्योंकि उन्होंने अपना शत प्रतिशत देकर भारत के लिये पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता था।’ इन लोगों का किया शुक्रिया लेखरा ने कहा, ‘मैंने कभी भी बैठकर पदक नहीं जीता था, यह मेरा पहला अंतरराष्ट्रीय पदक है इसलिए मैं ज्यादा नर्वस थी, लेकिन मुझे अपने शॉट पर ध्यान लगाना था। इसलिए पिछले मैच में मैं एक बार में एक शॉट पर ध्यान लगा रही थी और यह हो गया। हमारी बहुत ही अच्छी टीम है, मेरे कोच, जेपी नौटियाल सर, सुभाष राणा सर, सुमा (शिरूर) मैम, मेरा सहयोगी स्टाफ और टीम के सभी सदस्य और सभी अन्य एथलीट का शुक्रिया।'

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