Friday, September 3, 2021

भारत के लिए जो काम शार्दुल ने किया, इंग्लैंड के लिए वही कमाल कर गए क्रिस वोक्स September 03, 2021 at 07:50AM

ओवल किसी भी खिलाड़ी के लिए चोट के बाद वापसी करना आसान नहीं होता। कोई निखर जाता है तो कोई बिखर जाता है। लेकिन इंग्लैंड के ने क्या कमाल का कमबैक किया है। एक साल बाद टेस्ट खेलने उतरे इस ऑलराउंडर ने अपने हरफनमौला प्रदर्शन से यह जता दिया कि क्रिकेट के लंबे प्रारूप में उनकी क्या अहमियत है। वोक्स ने ओवल टेस्ट के दूसरे दिन वही काम किया जो काम पहले दिन भारत के शार्दुल ठाकुर ने टीम इंडिया के लिए पहली पारी में किया था। दाएं हाथ के वोक्स ने 9वें नंबर पर उतरकर 60 गेंदों पर 50 रन ठोक डाले। वोक्स के टेस्ट करियर की इस छठी अर्धशतकीय पारी पारी के दम पर इंग्लैंड ने पहली पारी में 290 रन बनाए और 99 रन की अहम बढ़त हासिल की। इंग्लैंड की टीम एक समय 255 रन पर 9 विकेट गंवा चुकी थी। वोक्स ने ओली पोप के साथ 28 जबकि जेम्स एंडरसन के साथ मिलकर 35 रन की साझेदारी की। वोक्स (Chris Woakes) ने खुलकर बैटिंग की। उन्होंने जिधर चाहा उधर शॉट लगाए। वोक्स के सामने भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) असहाय नजर आ रहे थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वोक्स को कैसे आउट किया जाए। कोहली इस दौरान अपने गेंदबाजों को रोटेट करते रहे लेकिन किसी भी गेंदबाज को सफलता नहीं मिली। वोक्स की शानदार पारी में 11 चौके शामिल थे। उन्होंने 83 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। वोक्स भारतीय पेसर जसप्रीत बुमराह के एक ओवर में लगातार 3 चौके लगाए। क्रिकेट के दिग्गजों ने भी वोक्स की इस पारी को खूब सराहा। एक साल बाद की वापसी वोक्स ने अपना आखिरी टेस्ट पिछले साल (2020) अगस्त में साउथैम्प्टन में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था। इसके बाद से चोट की वजह से वह टीम से बाहर थे लेकिन जिस तरह से उन्होंने कमबैक किया है वह काबिलेतारीफ है। रोहित और पंत जैसे बल्लेबाजों को बनाया था शिकार पहली पारी में वोक्स ने भारतीय बल्लेबाजी को तहस नहस करने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने पहले ओपनर रोहित शर्मा को आउट किया था। इसके बाद विकेटकीपर ऋषभ पंत, ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा और शार्दुल ठाकुर को पवेलियन की राह दिखाई थी। वोक्स की शानदार गेंदबाजी के सामने भारतीय गेंदबाज एक के बाद एक विकेट गंवाते चले गए थे। शार्दुल ने कुछ यूं चलाया था बल्ला टीम इंडिया की पहली पारी में स्थिति पतली थी, 117 रन पर छह विकेट गिर चुके थे, लेकिन आठवें नंबर पर आकर शार्दुल ठाकुर ने ऐसे बल्ला चलाया कि मैदान पर खलबली मच गई। जिसने भी इस पारी को देखा यही कहा, किसी जय- वीरू की जरूरत नहीं, अगर ये ठाकुर क्रीज पर है। शार्दुल (Shardul Thakur) टीम में जगह ही इसलिए पाते हैं क्योंकि वह तेज गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी भी जानते हैं, लेकिन 31 गेंद में अर्धशतक पूरा करना कोई तुक्का नहीं था। यह आंख बंद करके बल्ला घुमाने वाली पारी नहीं थी। वो गेंदबाज जिनके आगे सारे सूरमा ढेर हो गए, उन्हें मैदान के हर कोने में बाउंड्री लगाना अचानक बच्चों का खेल लगने लगा था। उमेश यादव के साथ मिलकर आठवें विकेट के लिए महज 48 गेंद में 63 रन की साझेदारी की। अगर पालघर का यह जांबाज नहीं होता तो नि:संदेह भारत 191 रन नहीं बना पाता। अपने करियर का दूसरा अर्धशतक बनाते हुए शार्दुल ने जबरदस्त बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। सारे शॉट्स किसी मंझे हुए बल्लेबाज की तरह लगाए। स्ट्रेट ड्राइव, कवर ड्राइव, बैकफुट पंच से लेकर पुल भी जमाते रहे।

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