Friday, September 3, 2021

किसान पिता ने खेत को ही बनाया ट्रेनिंग ग्राउंड, तब जाकर हरविंदर ने जीता पैरालिंपिक मेडल September 03, 2021 at 06:36AM

तोक्योहरविंदर सिंह हरियाणा के कैथल गांव के रहने वाले हैं। मध्यम वर्गीय किसान परिवार में जन्में हरविंदर जब डेढ़ साल के थे तब उन्हें डेंगू हो गया था। लोकल डॉक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया, जिसका साइड इफेक्ट ऐसा हुआ कि उनके पैरों ने ठीक से काम करना बंद कर दिया। बचपन में हुए इस हादसे का जिक्र आज इसलिए हो रहा है क्योंकि हरविंदर ने पैरालिंपिक खेलों में इतिहास रच दिया। तीरंदाजी में मेडल जीतने वाले पहले भारतीयपुरुष व्यक्तिगत रिकर्व ओपन में शुक्रवार को रोमांचक मुकाबला देखने को मिला। जब यूमेनोशिमा फाइनल फील्ड में दक्षिण कोरियाई तीरंदाज को हरविंदर ने शूटआउट में 6-5 से हराया। किन मिन सू को मात देते हुए भारत के इस पैरा तीरदाज ने कांस्य पदक अपने नाम किया। हरविंदर रैंकिंग राउंड में 21वें स्थान पर रहे थे और उन्होंने सेमीफाइनल में अमेरिका के केविन माथेर से मिली हार से पहले तीन एलिमिनेशन मुकाबले जीते। तोक्यो पैरालिंपिक में यह दिन का तीसरा और कुल 13वां पदक था। पिता ने खेत में ही तैयार करवाया रेंज 30 वर्षीय हरविंदर की इस सफलता के पीछे उनके किसान पिता का भी बड़ा योगदान है। अजीतनगर गांव से ताल्लुक रखने वाले इस तीरंदाज को लॉकडाउन में प्रैक्टिस के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। तब पिता ने अपने खेत में ही बेटे के लिए आर्चरी रेंज बना दिया ताकि ट्रेनिंग में आसानी हो। उन्होंने कहा, 'हम फसल काट चुके थे और खेत खाली थे तो मेरे पिता ने वहां तीरंदाजी रेंज तैयार करने में मदद की। इस तरह सुरक्षित रूप से मैं अभ्यास कर सका।’ भारत ने इस टोक्यो पैरालिंपिक में अबतक दो गोल्ड, छह रजत और पांच ब्रॉन्ज मेडल सहित कुल 13 पदक अपने नाम किए हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे इकॉनमिक्सदुनिया के 23वें नंबर के खिलाड़ी हरविंदर सिंह ने 2018 पैरा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। पटियाला स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में इकॉनमिक्स में पीएचडी कर रहे सिंह ने कांस्य पदक के प्लेआफ में 5-3 से बढत बना ली थी, लेकिन कोरियाई तीरंदाज ने पांचवां सेट जीतकर मुकाबले को शूटआफ में खींचा। सिंह ने परफेक्ट 10 लगाया जबकि किम 8 ही स्कोर कर सके। हरविंदर सिंह को अर्थशास्त्र की पढाई के दौरान की गई रिसर्च और विश्लेषण काफी काम आया। पांच मैचों में तीन दबाव वाले मैच के दौरान अपने विश्लेषणात्मक दिमाग का इस्तेमाल करके हर टाई ब्रेक में जीत दर्ज की। बकौल हरविंदर, 'अर्थशास्त्र में हिसाब किताब अहम होता है और मैने अपने खेल में इसका इस्तेमाल किया । अपनी सोच में उसे डाला और उससे पदक जीतने में मदद मिली ।’ ऐसे जीता ब्रॉन्ज मेडलपहले दौर में हरविंदर सिंह ने इटली के स्टेफानो ट्राविसानी की चुनौती शूटआउट में 6-5 (10-7) से समाप्त की। वह तीसरे सेट में सात का निशाना लगाकर 4-0 की बढ़त गंवा बैठे, लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए 5-5 से बराबरी की और शूट ऑफ में पहुंचे। सिंह ने टाई ब्रेकर में परफेक्ट 10 का निशाना लगाकर इसमें जीत हासिल की जबकि प्रतिद्वंद्वी केवल सात का ही निशाना लगा सका, इसके बाद उन्होंने रूसी पैरालिंपिक समिति के बाटो सिडेंडरझिएव को 6-5 से हराया। मुकाबले में 0-4 से पिछड़ने के बाद उन्होंने 5-5 से बराबरी की और शूटआफ में 8-7 से जीत दर्ज की। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने तीन बार के पैरालिंपियन जर्मनी के माइक जारजेवस्की को 6-2 से रौंदा।

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