Saturday, March 6, 2021

दुनिया के खौफनाक गेंदबाजों के सामने भी क्यों कभी नहीं पहना हेलमेट, गावसकर ने खोला राज March 06, 2021 at 12:37AM

मुंबई भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज सुनील गावसकर ने आज ही के दिन यानी छह मार्च 1971 को अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। आज उन्हें 50 साल पूरे हो गए। तब न केबल टीवी का दौर था और न ही सोशल मीडिया का बूम। रेडियो और ट्रांजिस्टर ही भारतीय फैंस के सबसे बड़े दोस्त थे। जब वेस्टइंडीज में दुनिया के सर्वकालिक महान तेज गेंदबाज हुआ करते थे। ऑस्ट्रेलिया के पास डेनिस लिलि और जैफ थॉमसन होते थे। पाकिस्तान के पास इमरान खान और सरफराज नवाज थे। भारत के पास उस रफ्तार के पेस बोलर नहीं थे लेकिन एक ऐसा बल्लेबाज था जो उन सबका सामना कर सकता था और वह था सुनील गावसकर। गावसकर ने उन तेज गेंदबाजों के सामने भी कभी हेलमेट नहीं पहना। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ खास बातचीत में गावसकर ने इसके पीछे की वजह भी बताई। गावसकर से जब पूछा गया, कि उन्होंने कभी भी हेलमेट क्यों नहीं पहना? क्या उन्होंने कभी नेट्स और काउंटी में भी हेलमेट नहीं पहना? इस पर उन्होंने कहा कि उन दिनों कोई भी हेलमेट नहीं पहनता था। हमारे पास लेग-गार्ड्स और दस्ताने भी कम ही हुआ करते थे। गावसकर ने आगे कहा, 'हमारे थाई गार्ड्स भी होटल रूम में मिलने वाले छोटे तौलिए होते थे जो हमारी अगली जेब में हुआ करते थे।' गावसकर ने 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू किया था। उन्होंने कहा, 'इस दौरे (71 के वेस्टइंडीज दौरे) के बाद ही स्पॉन्ज के थाई गार्ड मिले थे लेकिन उनसे कोई फायदा नहीं होता था।' गावसकर को तकनीक का बादशाह कहा जाता है। उन्होंने कहा, 'मुझे कभी हेलमेट की जरूरत महसूस नहीं हुई क्योंकि मुझे अपनी तकनीक पर भरोसा था। जब मैलकम मार्शल की गेंद मेरे सिर पर लगी थी उसके बाद ही मैंने स्कल कैप पहनना शुरू किया था। स्कल कैप मैंने अपने करियर के आखिरी तीन साल में पहनी। वह भी सिर्फ तब जब गेंद नई हुआ करती थी। उसके बाद मैं अपनी पनामा टोपी पहन लिया करता था।'

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