Thursday, January 21, 2021

पिता की कब्र पर जाकर भावुक सिराज, बोले- मुश्किल वक्त में मिला फैमिली और मंगेतर का सपॉर्ट January 21, 2021 at 03:29AM

नई दिल्लीऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावसकर ट्रोफी में हीरो बनकर उभरे युवा तेज गेंदबाज स्वदेश लौटते ही पिता की कब्र पर पहुंचे। उनके पिता मोहम्मद गौस का 53 वर्ष की उम्र में 20 नवंबर को निधन हो गया था। उस वक्त सिराज ऑस्ट्रेलिया में देश के लिए खेल रहे थे। उन्होंने दुखद समाचार मिलने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया रुककर पिता का सपना पूरा करने का फैसला किया। पढ़ें- परिवार और मंगेतर का मिला सपॉर्टपिता की कब्र पर पहुंचने के बाद वह भावुक हो गए। उन्होंने कहा, 'मुश्किल वक्त में परिवार ने पूरा सपॉर्ट किया और मंगेतर ने हमेशा ही मुझे मोटिवेट किया। टीम का साथ भी मिला। जब मैंने घर फोन किया तो परिवार ने कहा कि पिता का सपना पूरा करो। मैं अपने सभी विकेट और सफलता उन्हें समर्पित करता हूं।' बता दें कि सिराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में 13 विकेट हासिल किए थे। इसमें एक फाइव विकेट हॉल भी था। अंपायर ने कहा था- खेल छोड़ सकते हो...सिडनी टेस्ट के दौरान नस्लभेदी टिप्पणी को लेकर हुए विवाद पर उन्होंने कहा- मैच के दौरान अंपायर ने हमसे कहा था कि आप गेम छोड़ सकते हैं, लेकिन रहाणे भाई (कप्तान अजिंक्य रहाणे) ने अंपायर से कहा कि हम खेल की इज्जत करते हैं और हम मैदान नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने आगे कहा- ऑस्ट्रेलियन दर्शकों के दुर्व्यवहार ने मुझे मानसिक रूप से और भी मजबूत किया। अच्छा प्रदर्शन करना मेरी प्राथमिकता था और मैंने कर दिखाया। राष्ट्रगान के दौरान इमोशनल हो गए थे सिराजउल्लेखनीय है कि कठिन क्वारंटीन नियमों के कारण सिराज अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए स्वदेश नहीं आ सके थे। पूरी सीरीज के दौरान सिराज ने हर अच्छे पल के साथ अपने पिता को याद किया। ब्रिस्बेन में खेले गए अंतिम टेस्ट मैच की शुरुआत से पहले जब राष्ट्रगान बजा था तब वह गमगीन हो गए थे। इसी मैच में सिराज ने जब पांच विकेट लिए तब भी उन्होंने हाथ ऊपर करते हुए अपने पिता को याद किया। पिता के रूप में अपना सबसे बड़ा सपॉर्टर खो दियासिराज के पिता मोहम्मद गौस पेशे से ऑटोरिक्शा चालक थे। अपने बेटे को एक सफल क्रिकेटर बनाने के लिए गौस ने काफी मेहनत और त्याग किया था लेकिन जब उनका बेटा देश के लिए शीर्ष स्तर पर खेला तब वह इस दुनिया में नहीं थे। अपने पिता को खुद का सबसे बड़ा सपोर्ट बताते हुए कहा, 'मेरे पिता की हमेशा से ही यही इच्छा थी कि मेरे बेटे देश का नाम रोशन करना और वो मैं जरूर करूंगा। यह मेरे लिए बहुत बड़ा झटका है। मैंने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सपोर्ट खो दिया है। यह उनका सपना था कि मैं देश के लिए खेलूं और मैं खुश हूं कि मैंने इस बात को समझा और उनको खुश होने का मौका दिया।'

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