Friday, January 1, 2021

जब 1981 में सुनील गावसकर ने छोड़ दिया था मैदान, अब बताई उस फैसले की असली वजह January 01, 2021 at 02:49AM

मेलबर्न ने 1981 के मेलबर्न टेस्ट के दौरान विवादास्पद वॉकआउट पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि वह अपने खिलाफ पगबाधा के फैसले के कारण नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों की ‘दफा हो जाओ’ की टिप्पणी से आपा खो बैठे थे। इसी वजह से वह अपने साथी बल्लेबाज के साथ मैदान से बाहर चले गए थे। यह सीरीज अंपायरों के कुछ असंगत फैसलों के कारण विवादों में रही थी। डेनिस लिली की लेग कटर पर गावसकर को अंपायर रेक्स वाइटहेड ने पगबाधा आउट दे दिया था। वाइटहेड का यह अंपायर के रूप में केवल तीसरा टेस्ट मैच था। गावसकर को लगा था कि गेंद ने उनके बल्ले को स्पर्श किया तथा उन्होंने फैसले का विरोध किया और क्रीज पर डटे रहे। गावसकर ने अब 7क्रिकेट से कहा, ‘यह गलतफहमी है कि मैं पगबाधा के फैसले से नाराज था।’ उन्होंने कहा, ‘हां फैसला निराशाजनक था लेकिन मैंने वॉकआउट केवल इसलिए किया क्योंकि जब मैं पविलियन लौटते हुए चेतन (चौहान) के पास से गुजर रहा था तो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने मुझ पर छींटाकशी की। उन्होंने मुझे कहा दफा हो जाओ और तभी मैं वापस लौटा और मैंने चेतन को अपने साथ चलने को कहा।’ गावसकर ने अपना बल्ला पैड पर भी मारा था ताकि अंपायर उनकी नाराजगी को समझ सकें। गावसकर जब बेमन से क्रीज छोड़कर जा रहे थे तो रिपोर्टों के अनुसार लिली ने कोई टिप्पणी की थी और इस भारतीय बल्लेबाज ने वापस लौटकर साथी सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान को भी वापस चलने का निर्देश दे दिया। चौहान ने उनकी बात मान ली लेकिन सीमा रेखा पर टीम मैनेजर शाहिद दुर्रानी और सहायक मैनेजर बापू नाडकर्णी बल्लेबाजों से मिले और उनके कहने पर चौहान वापस क्रीज पर लौटे। गावसकर ने कहा, ‘गेंद ने मेरे बल्ले का किनारा लिया था। आप फॉरवर्ड शॉर्ट लेग के क्षेत्ररक्षक को देख सकते थे। उसने कोई अपील नहीं की थी। वह अपनी जगह से हिला भी नहीं था।’ उन्होंने कहा, ‘डेनिस (लिली) ने मुझसे कहा कि मैंने तुम्हारे पैड पर गेंद मारी है और मैं यह कहने की कोशिश कर रहा था, नहीं मैंने गेंद को हिट किया था।’ इससे पूर्व के साक्षात्कारों में गावसकर ने कहा था कि उन्हें इस तरह के विवादास्पद तरीके से मैदान छोड़ने के अपने फैसले पर खेद है।

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