Friday, December 4, 2020

प्लेइंग-XI में नहीं थे चहल, फिर कैसे की जडेजा की जगह बोलिंग? समझें नियम December 04, 2020 at 01:19AM

नई दिल्ली भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 सीरीज के पहले मुकाबले में कनकशन नियम का इस्तेमाल किया गया। कुछ फैंस के बीच उस समय असमंजस की स्थिति भी हो गई जब प्लेइंग-XI में शामिल ना होने के बावजूद गेंदबाजी करने लगे। उन्हें की जगह कनकशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर उतारा गया। भारतीय ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने कैनबरा में 23 गेंदों पर 44 रन बनाए और नाबाद लौटे। जडेजा ने अपनी नाबाद पारी में 5 चौके और 1 छक्का लगाया। ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में टॉस जीता और पहले फील्डिंग का फैसला किया। भारतीय टीम ने 20 ओवर में 7 विकेट पर 161 रन बनाए। पढ़ें, जडेजा को पेसर मिशेल स्टार्क पारी के अंतिम ओवर की दूसरी गेंद पर हेलमेट पर गेंद लगी। हालांकि वह बल्लेबाजी करते रहे और पारी खत्म होने के बाद नाबाद लौटे लेकिन कनकशन नियम के तहत उनकी जगह युजवेंद्र चहल को बोलिंग के लिए टीम इंडिया में शामिल किया गया। हालांकि इस फैसले से ऑस्ट्रेलिया के कोच जस्टिन लैंगर आईसीसी रेफरी डेविड बून से बहस करते भी नजर आए। क्या होता है कनकशनअस्थायी अचेतना अथवा कन्फ्यूजन और सिर पर चोट लगने से होने वाले अन्य संकेत आईसीसी का ऐसा है नियमइसी साल 1 अगस्त से आईसीसी ने क्रिकेट में कुछ नए नियमों को मान्यता दी। तब से टेस्ट चैंपियनशिप की भी शुरुआत हुई। अब क्रिकेट में नया नियम है यह है कि अगर किसी खिलाड़ी के सिर या गर्दन में चोट लगती है तो उसके स्थान पर किसी दूसरे खिलाड़ी को मौका दिया जा सकता है। यानी आपके 12 या उससे ज्यादा खिलाड़ी भी बल्लेबाजी/गेंदबाजी कर सकते हैं। खिलाड़ी की चेतना का होता है टेस्टआमतौर पर फिजियो (यूं तो विशेषज्ञ डॉक्टर होना चाहिए) कुछ बुनियादी बातों को ख्याल में रखकर खिलाड़ी की जांच करता है। वह खिलाड़ी का संतुलन जांचता है, और उससे पूछता है कि क्या उसे चक्कर आ रहे हैं? या उल्टी आ रही है? इसके साथ ही वह खिलाड़ी की याददाश्त की भी जांच करता है, इसके लिए कुछ सवाल पूछे जाते हैं- जैसे कि शहर का नाम और कुछ अन्य सवाल। साथ ही खिलाड़ी को कुछ पढ़ने के लिए भी दिया जाता है। देखा जाता है कि क्या वह इन सब प्रक्रियाओं के दौरान सामान्य था। इसके बाद ही आगे का फैसला किया जाता है। कुल मिलाकर खिलाड़ी के सिर पर चोट लगने के बाद उसकी चेतना का सही तौर पर टेस्ट किया जाता है। गेंदबाज की जगह आता है गेंदबाज कनकशन नियमों के तहत, यदि कोई गेंदबाज चोटिल होता है तो उसकी जगह वैसा ही खिलाड़ी आ सकता है। इसी तरह किसी बल्लेबाजी की जगह कनकशन सब्स्टीट्यूट कोई बल्लेबाज ही आ सकता है। यदि कोई ऑलराउंडर आता है तो वह केवल बल्लेबाजी ही कर सकता है।

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