Tuesday, September 15, 2020

अजीम के बाद अब राणा नावेद का खुलासा- स्टेडियम में लोग गालियां देते थे, इतना प्रताड़ित होने पर कई बार खुदकुशी के विचार आने लगते हैं September 15, 2020 at 07:13PM

पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज राणा नावेद उल हसन ने दावा किया कि उन्हें इंग्लैंड में क्लब क्रिकेट के दौरान नस्लभेद का सामना करना पड़ा। उन्होंने मंगलवार को कहा कि 2008 और 2009 में यॉर्कशायर की ओर से खेला था। स्टेडियम में लोग मुझे गालियां देते थे। प्रताड़ना के बाद कई बार खुदकुशी के विचार भी आए थे।

इससे पहले पाकिस्तानी मूल के पूर्व इंग्लिश अंडर-19 कप्तान अजीम रफीक ने भी नस्लभेद को लेकर प्रताड़ना की बात कही थी। उन्होंने कहा था यॉर्कशायर से खेलते हुए हर रोज प्रताड़ित होता था। कई बार खुदकुशी करने के विचार भी आते थे। अजीम ने यॉर्कशायर में संस्थागत नस्लभेद होने की बात भी कही।

अजीम की बात को राणा ने सही बताया
राणा ने क्रिकेट वेबसाइट ईएसपीएन क्रिकइंफो से कहा, ‘‘मैं अजीम को पूरी तरह सपोर्ट करता हूं। उन्होंने जो कुछ कहा, वह बिल्कुल सच है। बिल्कुल उसके जैसी ही हालत मेरी भी हुई थी। मैंने भी वही सबकुछ झेला है।’’ हालांकि, यॉर्कशायर क्लब ने अजीम के बयान के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही थी।

घरेलू फैंस सपोर्ट की बजाय गालियां देते हैं
उन्होंने कहा, ‘‘वहां तानेबाजी सिस्टेमैटिक तरीके से होती थी। एशियाई खिलाड़ी होने के नाते यदि आप वहां अच्छा प्रदर्शन नहीं कहते हैं, तो घरेलू फैंस को आपका सपोर्ट करना चाहिए, लेकिन इसके बजाय वहां आपको ताने मारे जाते हैं। भीड़ आपको गाली देने लगती है।’’

मैच में खराब प्रदर्शन करने पर भेदभाव शुरू हो जाता है
राणा ने कहा कि यदि आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो आपके साथ सबकुछ सही होता है। जब विकेट नहीं मिलता था, तो अचानक पूरा माहौल बदल जाता था। यहां से परेशानियां शुरू हो जाती हैं। मुझे छोटे होटल में ठहराया जाने लगता है। हर मामले में भेदभाव शुरू कर दिया जाता है। ऐसे में परेशान होकर मन में खुदकुशी के विचार आने लगते हैं।

परिवार का सपना पूरा करते हुए अंदर से मर रहा था: अजीम
हाल ही में रफीक ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा था, ‘‘मैं जानता हूं कि यॉर्कशायर की ओर से खेलने के दौरान मैं खुदकुशी करने के कितने करीब पहुंच गया था। मेरे परिवार का सपना था कि मैं बड़ा प्रोफेशनल क्रिकेट बनूं। इसी सपने के साथ मैं खेल रहा था, लेकिन सच कहूं तो अंदर से मैं मर रहा था। मैं काम पर जाते समय डरता था। मैं हर दिन दर्द में रहता था।’’

मृत बच्चा पैदा होने के बाद अजीम को क्लब से रिलीज किया
रफीक ने कहा था, मैं अपने नवजात बच्चे (मृत) को अस्पताल से सीधे अंतिम संस्कार के लिए लेकर गया था। यॉर्कशायर ने मुझसे कहा कि वे प्रोफेशनली और पर्सनली तौर पर मेरी सहायता करेंगे। हालांकि बाद उन्होंने मुझे एक छोटा सा मेल किया और मुझे क्लब से रिलीज (बाहर करना) कर दिया। यह सब मेरे खिलाफ जो हुआ, वह भयानक था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
राणा नावेद उल हसन ने कहा- मैं अजीम रफीक को पूरी तरह सपोर्ट करता हूं। इंग्लिश क्रिकेट क्लब यॉर्कशायर में संस्थागत नस्लभेद होता है। -फाइल फोटो

No comments:

Post a Comment