Tuesday, September 15, 2020

अश्वेतों पर जुल्म: ऑस्ट्रेलियाई कोच जस्टिन लैंगर ने इस 'गलती' पर जताया खेद September 15, 2020 at 01:30AM

मैनचेस्टरदुनियाभर में जहां ब्लैक लाइव्स मैटर () पर खुलकर विरोध जता रहा है तो ऑस्ट्रेलिया के जारी इंग्लैंड दौरे पर सांकेतिक विरोध नहीं जताया। इसके बाद इन दोनों ही टीमों को अलोचनाओं का सामना करना पड़ है। अब इस बारे में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कोच जस्टिन लैंगर को खेद जताया है। उनका कहना है कि ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ मुहिम के तहत इंग्लैंड दौरे पर मैच से पहले घुटने के बल बैठकर विरोध जताने को लेकर टीम में ज्यादा बात नहीं हुई। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के क्रिकेटरों ने जुलाई में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के हर मैच से पहले ऐसा किया था लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम के दौरे पर यह नहीं देखने को मिला। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच ने पहले कहा था कि इंग्लैंड के कप्तान इयान मोर्गन से बात करने के बाद उन्होंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया, क्योंकि उन्हें लगता है कि विरोध करने से अहम जागरूकता पैदा करना है। इस बारे में पूछने पर लैंगर ने स्वीकार किया कि खिलाड़ियों को इस मसले पर ज्यादा बात करनी चाहिए थी। पढ़ें- उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें इस पर ज्यादा बात करनी चाहिए थी। इतना कुछ हो रहा था और हमें इस पर जरूर और बात करने की जरूरत थी।’ बता दें कि वेस्टइंडीज के खिलाफ सभी तीन टेस्ट और आयरलैंड के खिलाफ वनडे में दोनों टीमों के खिलाड़ियों, अधिकारियों और सहयोगी स्टाफ ने मैच शुरू होने से पहले एक घुटने के बल बैठने की मुद्रा बनाई थी, लेकिन पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैचों से पहले ऐसा नहीं किया। टीमों पर भड़के थे होल्डिंग वेस्टइंडीज के महान तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग को यह बात पसंद नहीं आई। हाल में उन्होंने खेल में नस्लवाद के अपने अनुभव के बारे में बताया था जिसकी काफी चर्चा हुई थी। होल्डिंग ने कहा था, ‘अब वेस्टइंडीज टीम स्वदेश लौट गई है तो इसका यह मतलब यह नहीं है कि आपको इस संदेश का और इसका मतलब क्या है, उसका सम्मान नहीं करना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हां, अमेरिका में यह (नस्लवाद) अन्य स्थानों की तुलना में काफी ज्यादा है लेकिन पूरी दुनिया के लोगों ने इस अभियान को फैलाने और इस संदेश को देने की जिम्मेदारी उठायी कि अब बराबरी का समय है और यह समान न्याय का समय है।’ (एपी के इनपुट के साथ)

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